बिहार में नई वोटर लिस्ट एकदम सही? गड़बड़ी को लेकर 9 दिन तक नहीं आई एक भी शिकायत
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बिहार में वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) शुरू हुआ तो खूब हंगामा मचा। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। आखिरकार 30 सितंबर को बिहार में फाइनल वोटर लिस्ट प्रकाशित किया गया। फाइनल वोटर लिस्ट जारी हुए 9 दिन बीत चुके हैं। आज 10वें दिन के बाद भी किसी जिले से कोई अपील नहीं की गई। यानी बिहार के 38 जिलों में किसी ने भी वोटर लिस्ट को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई। चुनाव आयोग ने इस बात की जानकारी दी।
चुनाव आयोग ने दी जानकारी
30 सितंबर को जारी हुई इस सूची पर, शिकायत या अपील करने की समय सीमा के बाद भी, राज्य के किसी भी जिले से एक भी शिकायत दर्ज नहीं हुई है। राज्य के मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने पुष्टि की है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 24(क) के तहत जिलाधिकारियों के पास कोई अपील दर्ज नहीं की गई है। आयोग ने एक्स पर लिखा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान, 2025 के दौरान, सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में निर्वाचक निबंधन अधिकारी द्वारा मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के संबंध में जिलाधिकारियों को कोई अपील प्राप्त नहीं हुई है।
चुनाव आयोग ने बताया-ऐतिहासिक सफलता
चुनाव आयोग ने इसे एक ऐतिहासिक सफलता और मिसाल बताया है, जो यह साबित करता है कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) के दौरान नाम जोड़ने, हटाने और सुधार का काम पूरी पारदर्शिता और शुद्धता से किया गया। मतदाता सूची को सटीक बनाने के लिए चलाए गए विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं। पूरे राज्य से लगभग 65 लाख पुराने नाम (मृत या गलत) मतदाता सूची से हटाए गए। लगभग 21.53 लाख नए मतदाताओं को सूची में जोड़ा गया।
बीजेपी और जेडीयू ने विपक्ष पर निशाना साधा
वोटर लिस्ट पर शून्य शिकायतें आने के बाद, सत्ताधारी दलों बीजेपी और जेडीयू ने विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल लगातार वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के झूठे आरोप लगा रहे थे, लेकिन अगर उनके पास कोई सबूत थे, तो उन्हें चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करनी चाहिए थी। शून्य शिकायतें यह साबित करती हैं कि उनके आरोप निराधार थे।
65 लाख नाम हटे, 21.5 लाख नए मतदाता जुड़े
बता दें कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान निर्वाचन आयोग ने बड़ी कार्रवाई की। जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्यभर में करीब 65 लाख पुराने नाम सूची से हटाए गए, जबकि 21.53 लाख नए मतदाताओं को जोड़ा गया है। इससे राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या अब लगभग 7.42 करोड़ रह गई है।
9 hours ago