"पहले लेनदेन की कर लो बात" फिर मिलेगी मोटरसाइकिल
![]()
थाना अमृतपुर क्षेत्र के एक ग्रामीण को थाना परिसर में खड़ी मोटरसाइकिल को लेने के लिए देना पड़ा एक हजार रुपए का चढ़ावा
अमृतपुर फर्रुखाबाद ।जनपद के थाना अमृतपुर में इस समय कुछ अजीबोगरीब ही प्रक्रिया चल रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि यहां आने वाले प्रत्येक पीड़ित को बिना चढ़ावा चढ़ाए न्याय नहीं मिल सकता।ऐसे ही एक मामले का एक वीडियो वायरल है जिसमें थाने में चढ़ावा चढ़ाने के लिए पीड़ित बता रहा है।हालांकि न्यूजलाइन नेटवर्क वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।वायरल वीडियो के अनुसार थाना अमृतपुर क्षेत्र के झंडी मड़ैया गांव का निवासी युवक कुलदीप पुत्र प्रेमपाल थाना अमृतपुर परिसर में बीते लगभग डेढ़ वर्ष से खड़ी अपनी मोटरसाइकिल लेने के लिए आया था। पीड़ित कुलदीप के अनुसार पहले भी बह कई बार अपनी मोटरसाइकिल लेने आ चुका है परंतु उसे यहां पर खड़ी अपनी मोटरसाइकिल प्राप्त नहीं हो पाई। पीड़ित के अनुसार मोटरसाइकिल छुड़ाने के एवज में पहले भी उससे थाना परिसर में पुलिस कर्मियों द्वारा पैसे लिए जा चुके थे।पीड़ित कुलदीप के अनुसार आज 19 सितंबर दिन शुक्रवार को जब वह अपने सभी अभिलेख और प्रार्थना पत्र लेकर पुनः से मोटरसाइकिल छुड़वाने के लिए आया तो उससे थानाध्यक्ष द्वारा कहा गया कि पहले लेनदेन की बात कर लो, उसके बाद अपनी मोटरसाइकिल ले जाओ। पीड़ित का कहना है कि पहले उससे 6000 रुपए मांगे गए परंतु बाद में मोल भाव होकर उससे एक हजार रुपए ले लिए गए। पीड़ित कुलदीप के पिता प्रेमपाल का कहना है कि थाना अध्यक्ष मैडम ने उसे कहा कि पहले पैसों की बात कर लो,पैसे दे दो उसके बाद अपनी मोटरसाइकिल ले जाओ। इन सब चीजों से और वायरल वीडियो को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि थाना अमृतपुर में किसी भी पीड़ित को न्याय पाने के लिए पहले चढ़ावा चढ़ाना होगा और उसके बाद ही आगे कोई कार्रवाई हो सकेगी। थाना अध्यक्ष अमृतपुर के दिशा निर्देशन में क्षेत्रीय पीड़ितों के साथ यह समस्त कार्यवाहियां हो रही हैं जिसकी शायद जनपद स्तर के अधिकारियों को भनक तक नहीं है। विश्वस्त सूत्रों के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी कुछ ही दिन पूर्व थाने के ही कर्मचारी पैसों के लेनदेन को लेकर आपस में भिड़ गए थे जिसमें काफी बवाल हुआ था। यहां कभी जेबकतरों को ऐसे ही छोड़ दिया जा रहा है तो कभी न्याय के लिए आस लगाए आने वाले व्यक्ति पर पैसों का दबाव बनाया जाता है और उससे पैसे भी ले भी दिए जाते हैं। कभी यहां गायब हुए व्यक्ति को मुकदमा लिखाने के लिए जब थाना स्तर पर न्याय नहीं मिल पाता तो पुलिस अधीक्षक की चौखट पर गुहार लगानी पड़ती है। जनपद की तेजतर्रार और न्याय प्रिय पुलिस अधीक्षक श्रीमती आरती सिंह को शायद थाना अमृतपुर की धरातलीय कार्यशैली का संज्ञान नहीं है अन्यथा थाना क्षेत्र के लोगों को थाना परिषद में न्याय के लिए आने पर इस तरह का चढ़ना न चढ़ाना पड़ता।
Sep 20 2025, 19:28