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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून पर बवाल, नेकां और पीपुल्स कांफ्रेंस विधायक आपस में भिड़े

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन नए वक्फ कानून पर हंगामा हुआ। इस दौरान नेकां और पीपुल्स कांफ्रेंस के बीच नोकझोंक हुई। नेकां और पीडीपी विधायकों के बीच भी बहस हुई। नेकां के विधायक वक्फ कानून पर विधानसभा में बहस की मांग पर अड़ गए। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के विधायकों ने सदन में बिल पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी की।

यह लगातार दूसरा दिन था जब वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बाधित हुई। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की ओर से कानून का विरोध करते हुए एक नया प्रस्ताव मंगलवार को पेश किया गया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। पीडीपी विधायक वहीद उर रहमान पारा द्वारा मंगलवार को वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा के लिए एक नए प्रस्ताव दिया गया।

पीडीपी विधायक को सदन से बाहर निकाला

वक्फ अधिनियम पर हंगामे के बाद विधानसभा को दूसरे दिन फिर से स्थगित करना पड़ा और एक पीडीपी सदस्य वहीद पारा को मार्शलों के जरिए सदन से बाहर निकाल दिया गया। मंगलवार की सुबह जब सदन की कार्यवाही पुनः शुरू हुई तो पारा वक्फ अधिनियम के खिलाफ अपने प्रस्ताव की प्रति लेकर आसन के समीप आ गए और अध्यक्ष से बहस करने लगे तथा केंद्र सरकार को संदेश देने के लिए इसे पारित करने की मांग करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष जब पारा को अपनी सीट पर लौटने के लिए कह रहे थे, तभी नेकां विधायक अब्दुल मजीद लारमी ने उन्हें पीछे धकेलने की कोशिश की। इसी दौरान अध्यक्ष ने मार्शल को आदेश दिया कि वहीद पारा को सदन से बाहर ले जाएं। हालांकि पारा को बाहर निकाले जाने के बाद भी हंगामा जारी रहा। कई नेशनल कॉन्फ्रेंस और निर्दलीय विधायक आसान के समीप पहुंचकर वक्फ संशोधन कानून पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे। इस दौरान सज्जाद लोन और नेकां के सलमान सागर के बीच तीखी बहस भी हुई।

सीएम अब्दुल्ला के रिजिजू से मिलने

बीते दिन नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रस्ताव लाने की अपनी योजना दोहराई थी। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन सहित घाटी के प्रमुख नेताओं ने भी इस पर अपना पक्ष रखा। लोन ने अधिनियम पर खुली चर्चा की जरूरत पर जोर दिया और विधेयक पारित होने के तुरंत बाद केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मिलने के लिए सीएम अब्दुल्ला की आलोचना की। लोन का कहना था कि उनसे मिलने की कोई जरूरत नहीं थी। इससे बहुत गलत संदेश जाता है।

कल बिल की कॉपी फाड़ी गई थी

वहीं, सोमवार को वक्फ कानून पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष के विधायकों ने इसे मुस्लिम विरोधी करार दिया। भाजपा ने इसका विरोध किया। इससे मामला गरमा गया। दोनों पक्षों में तीखी नोक-झोंक हुई। इस दौरान एनसी के विधायक ने सदन में वक्फ कानून की कॉपी फाड़ दी। एक एनसी विधायक ने अपनी जैकेट फाड़कर सदन में लहराई। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्रवाई पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। एनसी समेत अन्य दलों ने वक्फ कानून के खिलाफ रेजोल्यूशन लाने की बात कही थी।

जम्मू-कश्मीर में तीन सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, टेरर लिंक मामले में एलजी मनोज सिन्हा का बड़ा एक्शन

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जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। तीनों कर्मचारियों पर टेरर लिंक मामले में गाज गिरी है। इनमें एक पुलिस कांस्टेबल, एक शिक्षक और वन विभाग का कर्मचारी शामिल हैं। उपराज्यपाल ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत इन कर्मचारियों को बर्खास्त किया। जांच में यह पाया गया कि इनकी आतंकवादी संगठनों से संबंध थे।

बर्खास्त तीनों कर्मचारी अलग-अलग आतंकवाद से जुड़े मामलों में जेल में बंद हैं। इनमें से एक पुलिस कांस्टेबल फिरदौस अहमद भट को कथित तौर पर क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों के साथ कथित संबंधों के चलते गिरफ्तार किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि फिरदौस अहमद ने आतंकवादी संगठनों को साजोसामान और दूसरी सहायता दी। मोहम्मद अशरफ भट, जो एक टीचर है उन पर छात्रों को कट्टरपंथी बनाने और प्रतिबंधित संगठनों के साथ संबंध बनाए रखने का आरोप लगाया गया था। वहीं, वन विभाग का निसार अहमद खान कथित तौर पर कश्मीर के जंगली इलाकों में आतंकवादियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में शामिल था।

यह बड़ी कार्रवाई उपराज्यपाल की अध्यक्षता में सुरक्षा समीक्षा बैठक के एक दिन बाद की गई। बैठक में उपराज्यपाल ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों और परदे के पीछे छिपे आतंकी तंत्र को बेअसर करने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करने का निर्देश दिया था। उपराज्यपाल ने यह भी कहा था कि आतंकवाद का समर्थन और वित्तपोषण करने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

पुलिस में रहकर आतंकियों की मदद

फिरदौस अहमद भट 2005 में एसपीओ के रूप में नियुक्त हुआ और 2011 में कांस्टेबल बन गया। उसे मई 2024 में गिरफ्तार किया गया। वह कोट भलवाल जेल में बंद है। फिरदौस भट को जम्मू-कश्मीर पुलिस में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी इकाई के संवेदनशील पद पर तैनात किया गया था। हालांकि, उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करना शुरू कर दिया। मई 2024 में फिरदौस भट का पर्दाफाश हुआ जब दो आतंकवादियों- वसीम शाह और अदनान बेग को अनंतनाग में पिस्तौल और हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि फिरदौस भट ने लश्कर के दो अन्य स्थानीय आतंकवादियों- ओमास और अकीब को वसीम और अदनान को गैर-स्थानीय नागरिकों और अनंतनाग आने वाले पर्यटकों पर आतंकी हमले करने के लिए हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराने का काम सौंपा था। पूछताछ के दौरान फिरदौस भट ने सच उगल दिया। फिरदौस भट साजिद जट्ट का करीबी सहयोगी था जिसने उसे पाकिस्तान से एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क को संचालित करने में मदद की।

वन विभाग का अर्दली आतंकियों की मददगार

निसार अहमद खान 1996 में वन विभाग में सहायक के तौर पर शामिल हुआ था। वह गुप्त रूप से हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया और उनके लिए जासूसी करता था। हिजबुल मुजाहिदीन के साथ उसके संबंध पहली बार वर्ष 2000 में सामने आए जब अनंतनाग जिले के चमारन में एक बारूदी सुरंग विस्फोट हुआ। इस हमले को हिजबुल मुजाहिदीन ने अंजाम दिया था जिसमें जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन बिजली मंत्री गुलाम हसन भट मारे गए थे।

नासिर खान और एक अन्य आरोपी ने तत्कालीन मंत्री और दो पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान की थी। नासिर ने विस्फोट में इस्तेमाल आरडीएक्स की तस्करी में भी मदद की और आतंकी हमले का समन्वय किया।

शिक्षक बना लश्कर का ओवरग्राउंड वर्कर

रियासी निवासी अशरफ भट को 2008 में रहबर-ए-तालीम शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। उसे 2013 में स्थायी शिक्षक बना दिया गया। एक शिक्षक के रूप में काम करते हुए अशरफ ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रति निष्ठा की शपथ ली और एक ओवरग्राउंड वर्कर बन गया। वर्ष 2022 में उसकी गतिविधियों का पता चला और उसे गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में वह रियासी की जिला जेल में बंद है।

एक शिक्षक के तौर पर अशरफ भट युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकी गतिविधियों के लिए वित्त जुटाने और हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों के परिवहन में कोऑर्डिनेट करने में लश्कर-ए-तैयबा की मदद की।

जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास आईईडी ब्लास्ट, दो जवान शहीद

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जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास मंगलवार को आईईडी ब्लास्ट की खबर आ रही है। ब्लास्ट में दो जवान बलिदान हो गए हैं जबकि एक गंभीर रूप से घायल हैं। ब्लास्ट के बाद तीनों को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, जहां दो ने दम तोड़ दिया, जबकि एक का इलाज जारी है। मरने वालों में एक सेना के अधिकारी थे। 

सेना की तरफ से सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी गयी है। भारतीय सेना ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में आतंकवादियों द्वारा किए गए संदिग्ध इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) हमले में दो सैनिक शहीद हो गए। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट के तुरंत बाद पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई। उन्होंने बताया कि घायल सैनिकों को अस्पताल ले जाया गया है तथा उनकी हालत ‘‘गंभीर'' बताई गई है।

बता दें कि एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने कायराना हरकत की थी। सोमवार को केरी सेक्टर में भारतीय सेना के गश्ती दल पर गोलीबारी के बाद अब नौशेरा सेक्टर में स्नाइपर हमला किया। इसमें गोली लगने से गश्ती दल का एक जवान घायल हुआ था। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

कश्मीर रीजन में कमर टूटने के बाद अब आतंकी संगठन और उसे पहान देने वाला पाकिस्तान लगातार जम्मू रीजन को दहलाने की साजिश रच रहे हैं। इसी महीने जम्मू रीजन के राजौरी जिले में केरी सेक्टर में एलओसी के पास घुसपैठ की आतंकियों ने कोशिश की थी। इसकी भनक लगते ही सतर्क जवानों ने मोर्चा संभाला और घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी। आतंकियों की कोशिश को नाकाम करने के साथ ही सुरक्षाबलों ने इससे पहले कश्मीर जोन के बारामूला में हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद किया था।

जम्मू कश्मीर में रहस्यमय बीमारीःअबतक 6 बच्चों समेत 17 की मौत, पूरा गांव कंटेनमेंट जोन घोषित

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जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एक रहस्यमय बीमारी ने दहशत फैला रखा है। हालात कोरोना काल जैसे हो गए हैं। इस रहस्यमय बीमारी के कारण एक गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत के बाद बुधवार को यह फैसला लिया गया। यहां अब भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है।

जम्मू कश्मीर के राजौरी के बुधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। बीमारी के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस बीच प्रशासन ने अब पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। गांव में बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही प्रभावित परिवारों को भी घरों में रहने को कहा गया है।

बीएनएस धारा 163 के तहत आदेश जारी

राजौरी के जिलाधिकारी अभिषेक शर्मा ने बीएनएस धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि जन सुरक्षा सुनिश्चित करने और संक्रमण के संभावित प्रसार को रोकने के लिए यह रोक लगाई गई है। आदेश में कहा गया है कि नामित अधिकारी कंटेनमेंट जोन के भीतर परिवारों को प्रदान किए जाने वाले सभी भोजन की निगरानी करेंगे।

गांव को 3 कंटेनमेंट जोन में बदला गया

• पहला जोन उन परिवारों को कवर कर रहा है, जिनमें मौतें हुई हैं। इन परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है और सभी लोगों के लिए यहां पर एंट्री बैन कर दी गई है। परिवार वालों को भी यहां जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्हें यहां जाने के लिए अधिकारियों की मंजूरी लेनी होगी।

• दूसरे कंटेनमेंट जोन में प्रभावित व्यक्तियों के करीबी संपर्क में आने वालों यानी परिवार वालों को रखा गया है। इन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी सेहत पर नजर रखी जा रही है। तीसरे जोन में गांव के सभी परिवारों को रखा गया है।

• तीसरे कंटेनमेंट जोन में मेडिकल स्टाफ लगातार गांववालों के खान-पान पर नजर रख रहा है। यहां अस्पताल की तरफ से तैनात किया गया अफसर ही लोगों को खाना और पानी देगा। यहां पहले से मौजूद कुछ भी खाने पर रोक लगा दी गई है। पुलिस टीम भी यहां मौजूद है।

44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत

यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत हुई है। गांव में 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में ये मौतें हुई हैं। पांच बीमार लोगों को पहले सीएचसी कंडी में भर्ती कराया गया था। बुधवार को तीन बहनों की तबीयत बिगड़ गई। इन बहनों की उम्र 16 से 22 साल के बीच है और इन्हें राजौरी के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती किया गया। इससे पहले मंगलवार को 25 साल के युवक एजाज अहमद की तबीयत बिगड़ी थी। पहले उसे जीएमसी जम्मू लाया गया था। फिर पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए एयर एम्बुलेंस से वहां ले जाया गया। तीन नाबालिग बहनों को पहले सीएचसी से जीएमसी राजौरी रेफर किया गया, फिर उन्हें सेना के हेलीकॉप्टर से जम्मू एयरलिफ्ट किया गया। जीएमसी के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. शमीम अहमद ने बताया कि पांचवें मरीज को सीएचसी कंडी से जीएमसी राजौरी स्थानांतरित किया गया।

पीएम मोदी ने किया जेड मोड़ टनल का उद्घाटन, जानें कितना होगा फायदा

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सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जेड मोड़ सोनमर्ग सुरंग सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया। 2700 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्घाटन करने के बाद, प्रधानमंत्री सुरंग का निरीक्षण करने और परियोजना अधिकारियों से बातचीत करने के लिए सुरंग के अंदर गए। उद्घाटन के समय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।

मोदी ने निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल जिले के सोनमर्ग में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करने के बाद निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस इंजीनियरिंग उपलब्धि में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए कठोर परिस्थितियों में सावधानीपूर्वक काम किया है। पिछले साल सितंबर-अक्तूबर में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पीएम मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर हैं।

हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे- उमर

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने टनल में आतंकवादी हमले में मारे गए सात लोगों का नाम लिया। उन्होंने कहा कि अगर मैं इनके नाम लिए बिना तकरीर शुरू करूं यह उनके लिए नाइंसाफी है। इन सबने इस टनल के निर्माण के लिए कुर्बानी दी, मैं ऐसी तंजीम से तालुक रखता हूं जिन्होंने 35 वर्षों में कुर्बानियां दी। पीएम साहब आपकी यहां मौजूदगी यह गवाही है जो लोग यहां शांति नहीं देखना चाहते उन्हें हम कामयाब नहीं होने देंगे। मेरी खुशकिस्मती है कि जब इसकी नींव का पत्थर रखा गया, तब भी मैं मुख्यमंत्री था और आज भी मैं हूं हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे।

लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम

श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी इस 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग पूरे साल सड़क मार्ग से लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस सुरंग को बनाने का काम मई 2015 में शुरू हुआ था और पिछले साल इसका निर्माण पूरा हुआ है। इस सुरंग को लद्दाख में देश की रक्षा जरूरतों के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सुरंग केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को देश के बाकी हिस्से से भी जोड़ती है।इस सुरंग के शुरू हो जाने के बाद गगनगीर और सोनमर्ग के बीच निर्बाध रूप से संपर्क सुनिश्चित होगा और गर्मियों में लद्दाख की यात्रा भी पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगी।

2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी सुरंग

मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच दो-लेन वाली द्वि-दिशात्मक सड़क सुरंग 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है। आपात स्थिति के लिए समानांतर 7.5 मीटर चौड़ा रास्ता भी है। समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन मार्गों को दरकिनार करते हुए लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क को बढ़ाएगी।

रोहिंग्याओं पर कश्मीर में मची रार, प्रशासन ने काटे घुसपैठियों के घरों के बिजली-पानी कनेक्शन, नेकां ने समर्थन में उठायी आवाज

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जम्मू में रोहिंग्याओं को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। प्रशासन ने 400 से अधिक रोहिंग्या परिवारों के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए हैं। जम्मू में रोहिंग्या आबादी में वृद्धि का संकेत देने वाली खुफिया रिपोर्टों के बाद रोहिंग्याओं के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्याओं को बसाने के मुद्दे पर भाजपा आक्रामक रुख अपनाए है। बीजेपी ने इस मामले में नेशनल कांन्फ्रेंस और कांग्रेस को घेरा है। साथ ही रोहिंग्याओं को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बता उन्हें जम्मू-कश्मीर से निकालने के साथ इन्हें यहां बसाने वालों के खिलाफ जांच की मांग उठा रही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि इन शरणार्थियों को भारत सरकार यहां लाई है।

एक दिन पहले भाजपा ने जम्मू में रोहिंग्या और बांग्लादेशी शरणार्थियों के बसाए जाने को ‘राजनीतिक षड्यंत्र’ बताया था। भाजपा ने कहा था कि जो लोग ऐसा होने दे रहे हैं, उनकी पहचान करने के लिए सीबीआई जांच होनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अधिवक्ता सुनील सेठी ने कहा कि भाजपा उपराज्यपाल से सीबीआई जांच शुरू करने और इस साजिश की व्यापक जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह करेगी। यह पता लगाया जाना चाहिए कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों को लाकर जम्मू में किसने बसाया, और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने और जेल सहित कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

सेठी ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों का बसना उसी समय शुरू हुआ जब 1990 के दशक में इस क्षेत्र में आतंकवाद शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी साजिश है जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। इसके पीछे सभी ताकतों को बेनकाब किया जाना चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। भाजपा उन लोगों की निंदा करती है जो धार्मिक आधार पर इन व्यक्तियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने रोहिंग्याओं को बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इन संगठनों के लिए धन के स्रोतों पर सवाल उठाया।

सेठी ने कहा कि बीजेपि लगातार सवाल उठा रही है कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी अवैध रूप से भारतीय सीमा में कैसे घुसे, हजारों किलोमीटर का सफर करके और आधा दर्जन राज्यों को पार कर जम्मू में कैसे बसे। सेठी ने दावा किया कि यह पाकिस्तान से लगे इंटरनेशनल बॉर्डर के पास जम्मू में इन शरणार्थियों को बसाने की साजिश है। देश को यह जानना चाहिए कि कौन सी ताकतें राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम कर रही हैं। सेठी ने कहा कि भारत के अन्य हिस्सों में रहने वाले भारतीय जम्मू-कश्मीर में बस नहीं सकते, लेकिन इन अवैध प्रवासियों को सिर्फ धर्म के आधार पर वहां बसने दिया गया है। यह लोग अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब बसे हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इन्हें राजनीतिक साजिश के तहत वोट बैंक बनाने के लिए बसाया गया।

बता दें कि जम्मू और आसपास के शहरों में लगातार रोहिंग्या घुसपैठ कर रहे हैं। इनकी संख्या बढ़कर 13,700 से अधिक हो गई है। रोहिंग्या जम्मू के दूर-दराज के पहाड़ी जिलों तक पहुंचने में भी कामयाब हो गए हैं। अब जम्मू में रोहिंग्याओं की जनगणना हो रही है। इसी क्रम में रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। प्रशासन ने 400 से अधिक रोहिंग्या परिवारों के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए हैं।

वहीं, नेकां रोहिंग्याओं के समर्थन में डटी दिख रही है।बढ़ते विवाद के बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें भूख और ठंड से मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि राज्य में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को पानी और बिजली जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इन शरणार्थियों को भारत सरकार यहां लाई है। हम उन्हें यहां नहीं लाए। सरकार ने उन्हें यहां बसाया है और जब तक वे यहां हैं, ये हमारी ड्यूटी है कि उन्हें पानी और बिजली मुहैया कराएं।

*Bengal outclass Nagaland by innings & 206 runs in Cooch Behar Trophy*

Sports News 

 

Khabar kolkata sports Desk: A dominant all-round performance powered Bengal Under-19 team to a stunning innings and 206-run victory over Nagaland in their Cooch Behar Trophy match in Sovima on Friday. 

After four back-to-back victories, Bengal, with 27 points, are on top of Elite Group B.

Debutant Soumyadip Manna (99), Vishal Bhati (6-2), Rohit (3-8, 2-13), Debangshu Pakhira (1-1, 2-17), debutant Shivamm Bharati (3-16) and Aditya Roy (64) were the star performers for Bengal.

After bowling out Nagaland for just 40, Bengal posted 305/7 decl. to bag a huge first innings lead.

Nagaland, in their second innings, were bundled out for 59 to hand a massive victory to the visitors in the morning of the second day. 

Bengal next face Jammu and Kashmir in their final group-stage match from December 6.

 Pic Courtesy by:CAB

*Bengal outclass J&K by 141 runs in Women’s U-15 One Day meet*

Sports News

Khabar kolkata sports Desk: Bengal displayed a brilliant all-round performance to outclass Jammu & Kashmir by 141 runs and begin their Women’s Under-15 One Day Trophy campaign on a winning note on Thursday.

Skipper Sandipta Patra (89 not out off 65), Ishita Saha (33), Nilanjana Barik (26), Snighda Bag (3-15), Ritu Gayen (2-6), Remondina Khatun (1-6), Aradhya Kumari Tiwary (1-8) and Debjani Das (1-12) were the star performers for Bengal.

Batting first, Bengal scored 212/6 in 35 overs. In reply, J&K were bundled out for just 71 in 22.5 overs.

Pic Courtesy by: CAB

370 అధికరణపై మోదీ స్ట్రాంగ్ వార్నింగ్

మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ప్రచారంలో భాగంగా ధులేలో జరిగిన ఎన్నికల ర్యాలీలో మోదీ శుక్రవారంనాడు మాట్లాడుతూ, కాంగ్రెస్ పార్టీ పాకిస్థాన్ ఎజెండాను, కశ్మీర్‌లో వేర్పాటువాద భాషను ఇక్కడ కూడా ముందుకు తీసుకెళ్లే ప్రయత్నాలను ఓటర్లు తిప్పికొట్టాలన్నారు.

జమ్మూకశ్మీర్‌ (Jammu and Kashmir)లో కేంద్రం రద్దు చేసిన 370వ అధికరణ (Article 370)ను దేశంలోని ఏ శక్తి పునరుద్ధరించ లేదని ప్రధాన మంత్రి నరేంద్ర మోదీ (Narendra Modi) తెగేసి చెప్పారు. కేంద్ర పాలిత ప్రాంతంలో (జమ్మూకశ్మీర్) కాంగ్రెస్ పార్టీ కుట్రలను మహారాష్ట్ర ఓటర్లు గుర్తించాలని హెచ్చరించారు. మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ప్రచారంలో భాగంగా ధులేలో జరిగిన ఎన్నికల ర్యాలీలో మోదీ శుక్రవారంనాడు మాట్లాడుతూ, కాంగ్రెస్ పార్టీ పాకిస్థాన్ ఎజెండాను, కశ్మీర్‌లో వేర్పాటువాద భాషను ఇక్కడ కూడా ముందుకు తీసుకెళ్లే ప్రయత్నాలను ఓటర్లు తిప్పికొట్టాలన్నారు. జమ్మూకశ్మీర్‌కు స్వయం ప్రతిపత్తిని కల్పించే 370వ అధికరణను తిరిగి పునరుద్ధరించాలంటూ రెండ్రోజుల క్రితం అక్కడి అధికార 'ఇండియా' కూటమి అసెంబ్లీలో తీర్మానం ఆమోదించిన నేపథ్యంలో మోదీ వ్యాఖ్యలు ప్రాధాన్యత సంతరించుకున్నాయి.

జమ్మూకశ్మీర్‌లో కాంగ్రెస్ కుట్రలను మహారాష్ట్ర ప్రజలు అవగాహన చేసుకోవాలని, 370వ అధికరణపై అక్కడి అసెంబ్లీ చేసిన తీర్మానాన్ని దేశం అంగీకరించిందని అన్నారు. ఏ శక్తి కూడా ఆ అధికరణను వెనక్కి తేలేదని స్పష్టం చేశారు. 370వ అధికరణకు మద్దతుగా అసెంబ్లీ వెలుపల బ్యానర్లు పెట్టారు. ఆ అధికరణను పునరుద్ధరించాలంటూ కాంగ్రెస్ కూటమి ఒక తీర్మానాన్ని ఆమోదించింది.. దీనిని దేశ ప్రజలు ఆమోదిస్తారా? ఈ ప్రయత్నాన్ని అడ్డుకునేందుకు బీజేపీ ఎమ్మెల్యేలు శక్తవంచన లేకుండా నిరసన తెలిపినప్పటికీ వారిని అసెంబ్లీ నుంచి బయటకు పంపించేశారు. కాంగ్రెస్ కూటమి నిజస్వరూపం ఏమిటో యావద్దేశం అవగాహన చేసుకోవాలి'' అని మోదీ అన్నారు.

370వ అధికరణను పునరుద్ధరించేందుకు దేశ ప్రజలు అంగీకరించరని, కశ్మీర్‌లో కాంగ్రెస్ పార్టీ ఆటలు మోదీ ఉన్నంత వరకూ సాగవని ప్రధాని అన్నారు. బీమ్‌రావ్ అంబేద్కర్ రాజ్యాంగం మాత్రమే అక్కడ నడుస్తుందని, ఏ శక్తీ 370వ అధికరణను వెనక్కి తేలేదని మరోసారి ఆయన స్పష్టం చేశారు. విపక్ష సభ్యలు తీవ్ర ప్రతిఘటన, నిరసనల మధ్య జమ్మూకశ్మీర్ అసెంబ్లీలో 370వ అధికరణను పునరుద్ధరించే తీర్మానాన్ని గత శుక్రవారంనాడు మూజువాణి ఓటుతో ఆమోదించారు.

दुनिया की कोई ताकत वापस नहीं ला सकती आर्टिकल 370”, महाराष्ट्र में बोले पीएम मोदी

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर हाल ही में उमर अब्दुल्ला की सरकार ने धारा 370 बहाल करने से जुड़ा एक प्रस्ताव पास करवा लिया है। हालांकि विपक्ष इस पर लगातार हमलावर है और नौबत यहां तक आ गई कि विधानसभा स्पीकर को मार्शल भी बुलाने पड़ गए। जम्मू-कश्मीर में 370 बहाल करने को लेकर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा बयान दिया है।पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। अब दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार की कमान संभाल ली है। शुक्रवार को उन्होंने विपक्ष को मात देने और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के लिए वोट मांगने के लिए धुले में अपनी पहली सभा की। इस दौरान पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की गठबंधन सरकार पर बड़ा हमला बोला।

कश्मीर में कांग्रेस की साजिशें शुरू-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद कांग्रेस गठबंधन ने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिश शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को जैसे ही जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाने का मौका मिला, तो उन्होंने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिशें शुरू कर दीं। कांग्रेस गठबंधन ने आर्टिकल 370 को बहाल करने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया। विधानसभा के अंदर आर्टिकल 370 के समर्थन में बैनर लहराए गए। बीजेपी के विधायकों ने इसका विरोध किया है। बैनरों को विधानसभा के बाहर फेंक दिया गया। कांग्रेस जम्मू कश्मीर में बाबासाहेब का संविधान नहीं चाहती। कांग्रेस गठबंधन संविधान की झूठी किताब लहराता है।

कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सिर्फ बाबासाहेब का संविधान चलेगा। कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे। कांग्रेस कश्मीर को लेकर अलगाववादियों की भाषा न बोले। पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे। दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा- शाह

वहीं, महाराष्ट्र के शिराला में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 370 की बहाली को लेकर बड़ा बयान दिया। शाह ने कहा कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में 370 वापस लाना चाहती है। मैं कहता हूं कि 4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून पर बवाल, नेकां और पीपुल्स कांफ्रेंस विधायक आपस में भिड़े

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन नए वक्फ कानून पर हंगामा हुआ। इस दौरान नेकां और पीपुल्स कांफ्रेंस के बीच नोकझोंक हुई। नेकां और पीडीपी विधायकों के बीच भी बहस हुई। नेकां के विधायक वक्फ कानून पर विधानसभा में बहस की मांग पर अड़ गए। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के विधायकों ने सदन में बिल पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी की।

यह लगातार दूसरा दिन था जब वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बाधित हुई। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की ओर से कानून का विरोध करते हुए एक नया प्रस्ताव मंगलवार को पेश किया गया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। पीडीपी विधायक वहीद उर रहमान पारा द्वारा मंगलवार को वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा के लिए एक नए प्रस्ताव दिया गया।

पीडीपी विधायक को सदन से बाहर निकाला

वक्फ अधिनियम पर हंगामे के बाद विधानसभा को दूसरे दिन फिर से स्थगित करना पड़ा और एक पीडीपी सदस्य वहीद पारा को मार्शलों के जरिए सदन से बाहर निकाल दिया गया। मंगलवार की सुबह जब सदन की कार्यवाही पुनः शुरू हुई तो पारा वक्फ अधिनियम के खिलाफ अपने प्रस्ताव की प्रति लेकर आसन के समीप आ गए और अध्यक्ष से बहस करने लगे तथा केंद्र सरकार को संदेश देने के लिए इसे पारित करने की मांग करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष जब पारा को अपनी सीट पर लौटने के लिए कह रहे थे, तभी नेकां विधायक अब्दुल मजीद लारमी ने उन्हें पीछे धकेलने की कोशिश की। इसी दौरान अध्यक्ष ने मार्शल को आदेश दिया कि वहीद पारा को सदन से बाहर ले जाएं। हालांकि पारा को बाहर निकाले जाने के बाद भी हंगामा जारी रहा। कई नेशनल कॉन्फ्रेंस और निर्दलीय विधायक आसान के समीप पहुंचकर वक्फ संशोधन कानून पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे। इस दौरान सज्जाद लोन और नेकां के सलमान सागर के बीच तीखी बहस भी हुई।

सीएम अब्दुल्ला के रिजिजू से मिलने

बीते दिन नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रस्ताव लाने की अपनी योजना दोहराई थी। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन सहित घाटी के प्रमुख नेताओं ने भी इस पर अपना पक्ष रखा। लोन ने अधिनियम पर खुली चर्चा की जरूरत पर जोर दिया और विधेयक पारित होने के तुरंत बाद केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मिलने के लिए सीएम अब्दुल्ला की आलोचना की। लोन का कहना था कि उनसे मिलने की कोई जरूरत नहीं थी। इससे बहुत गलत संदेश जाता है।

कल बिल की कॉपी फाड़ी गई थी

वहीं, सोमवार को वक्फ कानून पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष के विधायकों ने इसे मुस्लिम विरोधी करार दिया। भाजपा ने इसका विरोध किया। इससे मामला गरमा गया। दोनों पक्षों में तीखी नोक-झोंक हुई। इस दौरान एनसी के विधायक ने सदन में वक्फ कानून की कॉपी फाड़ दी। एक एनसी विधायक ने अपनी जैकेट फाड़कर सदन में लहराई। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्रवाई पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। एनसी समेत अन्य दलों ने वक्फ कानून के खिलाफ रेजोल्यूशन लाने की बात कही थी।

जम्मू-कश्मीर में तीन सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, टेरर लिंक मामले में एलजी मनोज सिन्हा का बड़ा एक्शन

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जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। तीनों कर्मचारियों पर टेरर लिंक मामले में गाज गिरी है। इनमें एक पुलिस कांस्टेबल, एक शिक्षक और वन विभाग का कर्मचारी शामिल हैं। उपराज्यपाल ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत इन कर्मचारियों को बर्खास्त किया। जांच में यह पाया गया कि इनकी आतंकवादी संगठनों से संबंध थे।

बर्खास्त तीनों कर्मचारी अलग-अलग आतंकवाद से जुड़े मामलों में जेल में बंद हैं। इनमें से एक पुलिस कांस्टेबल फिरदौस अहमद भट को कथित तौर पर क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों के साथ कथित संबंधों के चलते गिरफ्तार किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि फिरदौस अहमद ने आतंकवादी संगठनों को साजोसामान और दूसरी सहायता दी। मोहम्मद अशरफ भट, जो एक टीचर है उन पर छात्रों को कट्टरपंथी बनाने और प्रतिबंधित संगठनों के साथ संबंध बनाए रखने का आरोप लगाया गया था। वहीं, वन विभाग का निसार अहमद खान कथित तौर पर कश्मीर के जंगली इलाकों में आतंकवादियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में शामिल था।

यह बड़ी कार्रवाई उपराज्यपाल की अध्यक्षता में सुरक्षा समीक्षा बैठक के एक दिन बाद की गई। बैठक में उपराज्यपाल ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों और परदे के पीछे छिपे आतंकी तंत्र को बेअसर करने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करने का निर्देश दिया था। उपराज्यपाल ने यह भी कहा था कि आतंकवाद का समर्थन और वित्तपोषण करने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

पुलिस में रहकर आतंकियों की मदद

फिरदौस अहमद भट 2005 में एसपीओ के रूप में नियुक्त हुआ और 2011 में कांस्टेबल बन गया। उसे मई 2024 में गिरफ्तार किया गया। वह कोट भलवाल जेल में बंद है। फिरदौस भट को जम्मू-कश्मीर पुलिस में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी इकाई के संवेदनशील पद पर तैनात किया गया था। हालांकि, उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करना शुरू कर दिया। मई 2024 में फिरदौस भट का पर्दाफाश हुआ जब दो आतंकवादियों- वसीम शाह और अदनान बेग को अनंतनाग में पिस्तौल और हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि फिरदौस भट ने लश्कर के दो अन्य स्थानीय आतंकवादियों- ओमास और अकीब को वसीम और अदनान को गैर-स्थानीय नागरिकों और अनंतनाग आने वाले पर्यटकों पर आतंकी हमले करने के लिए हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराने का काम सौंपा था। पूछताछ के दौरान फिरदौस भट ने सच उगल दिया। फिरदौस भट साजिद जट्ट का करीबी सहयोगी था जिसने उसे पाकिस्तान से एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क को संचालित करने में मदद की।

वन विभाग का अर्दली आतंकियों की मददगार

निसार अहमद खान 1996 में वन विभाग में सहायक के तौर पर शामिल हुआ था। वह गुप्त रूप से हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया और उनके लिए जासूसी करता था। हिजबुल मुजाहिदीन के साथ उसके संबंध पहली बार वर्ष 2000 में सामने आए जब अनंतनाग जिले के चमारन में एक बारूदी सुरंग विस्फोट हुआ। इस हमले को हिजबुल मुजाहिदीन ने अंजाम दिया था जिसमें जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन बिजली मंत्री गुलाम हसन भट मारे गए थे।

नासिर खान और एक अन्य आरोपी ने तत्कालीन मंत्री और दो पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान की थी। नासिर ने विस्फोट में इस्तेमाल आरडीएक्स की तस्करी में भी मदद की और आतंकी हमले का समन्वय किया।

शिक्षक बना लश्कर का ओवरग्राउंड वर्कर

रियासी निवासी अशरफ भट को 2008 में रहबर-ए-तालीम शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। उसे 2013 में स्थायी शिक्षक बना दिया गया। एक शिक्षक के रूप में काम करते हुए अशरफ ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रति निष्ठा की शपथ ली और एक ओवरग्राउंड वर्कर बन गया। वर्ष 2022 में उसकी गतिविधियों का पता चला और उसे गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में वह रियासी की जिला जेल में बंद है।

एक शिक्षक के तौर पर अशरफ भट युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकी गतिविधियों के लिए वित्त जुटाने और हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों के परिवहन में कोऑर्डिनेट करने में लश्कर-ए-तैयबा की मदद की।

जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास आईईडी ब्लास्ट, दो जवान शहीद

#jammu_kashmir_ied_blast_near_loc_two_soldiers_martyred 

जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास मंगलवार को आईईडी ब्लास्ट की खबर आ रही है। ब्लास्ट में दो जवान बलिदान हो गए हैं जबकि एक गंभीर रूप से घायल हैं। ब्लास्ट के बाद तीनों को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, जहां दो ने दम तोड़ दिया, जबकि एक का इलाज जारी है। मरने वालों में एक सेना के अधिकारी थे। 

सेना की तरफ से सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी गयी है। भारतीय सेना ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में आतंकवादियों द्वारा किए गए संदिग्ध इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) हमले में दो सैनिक शहीद हो गए। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट के तुरंत बाद पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई। उन्होंने बताया कि घायल सैनिकों को अस्पताल ले जाया गया है तथा उनकी हालत ‘‘गंभीर'' बताई गई है।

बता दें कि एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने कायराना हरकत की थी। सोमवार को केरी सेक्टर में भारतीय सेना के गश्ती दल पर गोलीबारी के बाद अब नौशेरा सेक्टर में स्नाइपर हमला किया। इसमें गोली लगने से गश्ती दल का एक जवान घायल हुआ था। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

कश्मीर रीजन में कमर टूटने के बाद अब आतंकी संगठन और उसे पहान देने वाला पाकिस्तान लगातार जम्मू रीजन को दहलाने की साजिश रच रहे हैं। इसी महीने जम्मू रीजन के राजौरी जिले में केरी सेक्टर में एलओसी के पास घुसपैठ की आतंकियों ने कोशिश की थी। इसकी भनक लगते ही सतर्क जवानों ने मोर्चा संभाला और घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी। आतंकियों की कोशिश को नाकाम करने के साथ ही सुरक्षाबलों ने इससे पहले कश्मीर जोन के बारामूला में हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद किया था।

जम्मू कश्मीर में रहस्यमय बीमारीःअबतक 6 बच्चों समेत 17 की मौत, पूरा गांव कंटेनमेंट जोन घोषित

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जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एक रहस्यमय बीमारी ने दहशत फैला रखा है। हालात कोरोना काल जैसे हो गए हैं। इस रहस्यमय बीमारी के कारण एक गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत के बाद बुधवार को यह फैसला लिया गया। यहां अब भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है।

जम्मू कश्मीर के राजौरी के बुधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। बीमारी के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस बीच प्रशासन ने अब पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। गांव में बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही प्रभावित परिवारों को भी घरों में रहने को कहा गया है।

बीएनएस धारा 163 के तहत आदेश जारी

राजौरी के जिलाधिकारी अभिषेक शर्मा ने बीएनएस धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि जन सुरक्षा सुनिश्चित करने और संक्रमण के संभावित प्रसार को रोकने के लिए यह रोक लगाई गई है। आदेश में कहा गया है कि नामित अधिकारी कंटेनमेंट जोन के भीतर परिवारों को प्रदान किए जाने वाले सभी भोजन की निगरानी करेंगे।

गांव को 3 कंटेनमेंट जोन में बदला गया

• पहला जोन उन परिवारों को कवर कर रहा है, जिनमें मौतें हुई हैं। इन परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है और सभी लोगों के लिए यहां पर एंट्री बैन कर दी गई है। परिवार वालों को भी यहां जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्हें यहां जाने के लिए अधिकारियों की मंजूरी लेनी होगी।

• दूसरे कंटेनमेंट जोन में प्रभावित व्यक्तियों के करीबी संपर्क में आने वालों यानी परिवार वालों को रखा गया है। इन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी सेहत पर नजर रखी जा रही है। तीसरे जोन में गांव के सभी परिवारों को रखा गया है।

• तीसरे कंटेनमेंट जोन में मेडिकल स्टाफ लगातार गांववालों के खान-पान पर नजर रख रहा है। यहां अस्पताल की तरफ से तैनात किया गया अफसर ही लोगों को खाना और पानी देगा। यहां पहले से मौजूद कुछ भी खाने पर रोक लगा दी गई है। पुलिस टीम भी यहां मौजूद है।

44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत

यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत हुई है। गांव में 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में ये मौतें हुई हैं। पांच बीमार लोगों को पहले सीएचसी कंडी में भर्ती कराया गया था। बुधवार को तीन बहनों की तबीयत बिगड़ गई। इन बहनों की उम्र 16 से 22 साल के बीच है और इन्हें राजौरी के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती किया गया। इससे पहले मंगलवार को 25 साल के युवक एजाज अहमद की तबीयत बिगड़ी थी। पहले उसे जीएमसी जम्मू लाया गया था। फिर पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए एयर एम्बुलेंस से वहां ले जाया गया। तीन नाबालिग बहनों को पहले सीएचसी से जीएमसी राजौरी रेफर किया गया, फिर उन्हें सेना के हेलीकॉप्टर से जम्मू एयरलिफ्ट किया गया। जीएमसी के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. शमीम अहमद ने बताया कि पांचवें मरीज को सीएचसी कंडी से जीएमसी राजौरी स्थानांतरित किया गया।

पीएम मोदी ने किया जेड मोड़ टनल का उद्घाटन, जानें कितना होगा फायदा

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सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जेड मोड़ सोनमर्ग सुरंग सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया। 2700 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्घाटन करने के बाद, प्रधानमंत्री सुरंग का निरीक्षण करने और परियोजना अधिकारियों से बातचीत करने के लिए सुरंग के अंदर गए। उद्घाटन के समय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।

मोदी ने निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल जिले के सोनमर्ग में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करने के बाद निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस इंजीनियरिंग उपलब्धि में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए कठोर परिस्थितियों में सावधानीपूर्वक काम किया है। पिछले साल सितंबर-अक्तूबर में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पीएम मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर हैं।

हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे- उमर

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने टनल में आतंकवादी हमले में मारे गए सात लोगों का नाम लिया। उन्होंने कहा कि अगर मैं इनके नाम लिए बिना तकरीर शुरू करूं यह उनके लिए नाइंसाफी है। इन सबने इस टनल के निर्माण के लिए कुर्बानी दी, मैं ऐसी तंजीम से तालुक रखता हूं जिन्होंने 35 वर्षों में कुर्बानियां दी। पीएम साहब आपकी यहां मौजूदगी यह गवाही है जो लोग यहां शांति नहीं देखना चाहते उन्हें हम कामयाब नहीं होने देंगे। मेरी खुशकिस्मती है कि जब इसकी नींव का पत्थर रखा गया, तब भी मैं मुख्यमंत्री था और आज भी मैं हूं हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे।

लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम

श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी इस 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग पूरे साल सड़क मार्ग से लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस सुरंग को बनाने का काम मई 2015 में शुरू हुआ था और पिछले साल इसका निर्माण पूरा हुआ है। इस सुरंग को लद्दाख में देश की रक्षा जरूरतों के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सुरंग केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को देश के बाकी हिस्से से भी जोड़ती है।इस सुरंग के शुरू हो जाने के बाद गगनगीर और सोनमर्ग के बीच निर्बाध रूप से संपर्क सुनिश्चित होगा और गर्मियों में लद्दाख की यात्रा भी पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगी।

2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी सुरंग

मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच दो-लेन वाली द्वि-दिशात्मक सड़क सुरंग 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है। आपात स्थिति के लिए समानांतर 7.5 मीटर चौड़ा रास्ता भी है। समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन मार्गों को दरकिनार करते हुए लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क को बढ़ाएगी।

रोहिंग्याओं पर कश्मीर में मची रार, प्रशासन ने काटे घुसपैठियों के घरों के बिजली-पानी कनेक्शन, नेकां ने समर्थन में उठायी आवाज

#big_action_against_rohingya_infiltrators_in_jammu_and_kashmir

जम्मू में रोहिंग्याओं को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। प्रशासन ने 400 से अधिक रोहिंग्या परिवारों के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए हैं। जम्मू में रोहिंग्या आबादी में वृद्धि का संकेत देने वाली खुफिया रिपोर्टों के बाद रोहिंग्याओं के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्याओं को बसाने के मुद्दे पर भाजपा आक्रामक रुख अपनाए है। बीजेपी ने इस मामले में नेशनल कांन्फ्रेंस और कांग्रेस को घेरा है। साथ ही रोहिंग्याओं को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बता उन्हें जम्मू-कश्मीर से निकालने के साथ इन्हें यहां बसाने वालों के खिलाफ जांच की मांग उठा रही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि इन शरणार्थियों को भारत सरकार यहां लाई है।

एक दिन पहले भाजपा ने जम्मू में रोहिंग्या और बांग्लादेशी शरणार्थियों के बसाए जाने को ‘राजनीतिक षड्यंत्र’ बताया था। भाजपा ने कहा था कि जो लोग ऐसा होने दे रहे हैं, उनकी पहचान करने के लिए सीबीआई जांच होनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अधिवक्ता सुनील सेठी ने कहा कि भाजपा उपराज्यपाल से सीबीआई जांच शुरू करने और इस साजिश की व्यापक जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह करेगी। यह पता लगाया जाना चाहिए कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों को लाकर जम्मू में किसने बसाया, और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने और जेल सहित कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

सेठी ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों का बसना उसी समय शुरू हुआ जब 1990 के दशक में इस क्षेत्र में आतंकवाद शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी साजिश है जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। इसके पीछे सभी ताकतों को बेनकाब किया जाना चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। भाजपा उन लोगों की निंदा करती है जो धार्मिक आधार पर इन व्यक्तियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने रोहिंग्याओं को बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इन संगठनों के लिए धन के स्रोतों पर सवाल उठाया।

सेठी ने कहा कि बीजेपि लगातार सवाल उठा रही है कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी अवैध रूप से भारतीय सीमा में कैसे घुसे, हजारों किलोमीटर का सफर करके और आधा दर्जन राज्यों को पार कर जम्मू में कैसे बसे। सेठी ने दावा किया कि यह पाकिस्तान से लगे इंटरनेशनल बॉर्डर के पास जम्मू में इन शरणार्थियों को बसाने की साजिश है। देश को यह जानना चाहिए कि कौन सी ताकतें राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम कर रही हैं। सेठी ने कहा कि भारत के अन्य हिस्सों में रहने वाले भारतीय जम्मू-कश्मीर में बस नहीं सकते, लेकिन इन अवैध प्रवासियों को सिर्फ धर्म के आधार पर वहां बसने दिया गया है। यह लोग अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब बसे हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इन्हें राजनीतिक साजिश के तहत वोट बैंक बनाने के लिए बसाया गया।

बता दें कि जम्मू और आसपास के शहरों में लगातार रोहिंग्या घुसपैठ कर रहे हैं। इनकी संख्या बढ़कर 13,700 से अधिक हो गई है। रोहिंग्या जम्मू के दूर-दराज के पहाड़ी जिलों तक पहुंचने में भी कामयाब हो गए हैं। अब जम्मू में रोहिंग्याओं की जनगणना हो रही है। इसी क्रम में रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। प्रशासन ने 400 से अधिक रोहिंग्या परिवारों के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए हैं।

वहीं, नेकां रोहिंग्याओं के समर्थन में डटी दिख रही है।बढ़ते विवाद के बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें भूख और ठंड से मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि राज्य में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को पानी और बिजली जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इन शरणार्थियों को भारत सरकार यहां लाई है। हम उन्हें यहां नहीं लाए। सरकार ने उन्हें यहां बसाया है और जब तक वे यहां हैं, ये हमारी ड्यूटी है कि उन्हें पानी और बिजली मुहैया कराएं।

*Bengal outclass Nagaland by innings & 206 runs in Cooch Behar Trophy*

Sports News 

 

Khabar kolkata sports Desk: A dominant all-round performance powered Bengal Under-19 team to a stunning innings and 206-run victory over Nagaland in their Cooch Behar Trophy match in Sovima on Friday. 

After four back-to-back victories, Bengal, with 27 points, are on top of Elite Group B.

Debutant Soumyadip Manna (99), Vishal Bhati (6-2), Rohit (3-8, 2-13), Debangshu Pakhira (1-1, 2-17), debutant Shivamm Bharati (3-16) and Aditya Roy (64) were the star performers for Bengal.

After bowling out Nagaland for just 40, Bengal posted 305/7 decl. to bag a huge first innings lead.

Nagaland, in their second innings, were bundled out for 59 to hand a massive victory to the visitors in the morning of the second day. 

Bengal next face Jammu and Kashmir in their final group-stage match from December 6.

 Pic Courtesy by:CAB

*Bengal outclass J&K by 141 runs in Women’s U-15 One Day meet*

Sports News

Khabar kolkata sports Desk: Bengal displayed a brilliant all-round performance to outclass Jammu & Kashmir by 141 runs and begin their Women’s Under-15 One Day Trophy campaign on a winning note on Thursday.

Skipper Sandipta Patra (89 not out off 65), Ishita Saha (33), Nilanjana Barik (26), Snighda Bag (3-15), Ritu Gayen (2-6), Remondina Khatun (1-6), Aradhya Kumari Tiwary (1-8) and Debjani Das (1-12) were the star performers for Bengal.

Batting first, Bengal scored 212/6 in 35 overs. In reply, J&K were bundled out for just 71 in 22.5 overs.

Pic Courtesy by: CAB

370 అధికరణపై మోదీ స్ట్రాంగ్ వార్నింగ్

మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ప్రచారంలో భాగంగా ధులేలో జరిగిన ఎన్నికల ర్యాలీలో మోదీ శుక్రవారంనాడు మాట్లాడుతూ, కాంగ్రెస్ పార్టీ పాకిస్థాన్ ఎజెండాను, కశ్మీర్‌లో వేర్పాటువాద భాషను ఇక్కడ కూడా ముందుకు తీసుకెళ్లే ప్రయత్నాలను ఓటర్లు తిప్పికొట్టాలన్నారు.

జమ్మూకశ్మీర్‌ (Jammu and Kashmir)లో కేంద్రం రద్దు చేసిన 370వ అధికరణ (Article 370)ను దేశంలోని ఏ శక్తి పునరుద్ధరించ లేదని ప్రధాన మంత్రి నరేంద్ర మోదీ (Narendra Modi) తెగేసి చెప్పారు. కేంద్ర పాలిత ప్రాంతంలో (జమ్మూకశ్మీర్) కాంగ్రెస్ పార్టీ కుట్రలను మహారాష్ట్ర ఓటర్లు గుర్తించాలని హెచ్చరించారు. మహారాష్ట్ర అసెంబ్లీ ఎన్నికల ప్రచారంలో భాగంగా ధులేలో జరిగిన ఎన్నికల ర్యాలీలో మోదీ శుక్రవారంనాడు మాట్లాడుతూ, కాంగ్రెస్ పార్టీ పాకిస్థాన్ ఎజెండాను, కశ్మీర్‌లో వేర్పాటువాద భాషను ఇక్కడ కూడా ముందుకు తీసుకెళ్లే ప్రయత్నాలను ఓటర్లు తిప్పికొట్టాలన్నారు. జమ్మూకశ్మీర్‌కు స్వయం ప్రతిపత్తిని కల్పించే 370వ అధికరణను తిరిగి పునరుద్ధరించాలంటూ రెండ్రోజుల క్రితం అక్కడి అధికార 'ఇండియా' కూటమి అసెంబ్లీలో తీర్మానం ఆమోదించిన నేపథ్యంలో మోదీ వ్యాఖ్యలు ప్రాధాన్యత సంతరించుకున్నాయి.

జమ్మూకశ్మీర్‌లో కాంగ్రెస్ కుట్రలను మహారాష్ట్ర ప్రజలు అవగాహన చేసుకోవాలని, 370వ అధికరణపై అక్కడి అసెంబ్లీ చేసిన తీర్మానాన్ని దేశం అంగీకరించిందని అన్నారు. ఏ శక్తి కూడా ఆ అధికరణను వెనక్కి తేలేదని స్పష్టం చేశారు. 370వ అధికరణకు మద్దతుగా అసెంబ్లీ వెలుపల బ్యానర్లు పెట్టారు. ఆ అధికరణను పునరుద్ధరించాలంటూ కాంగ్రెస్ కూటమి ఒక తీర్మానాన్ని ఆమోదించింది.. దీనిని దేశ ప్రజలు ఆమోదిస్తారా? ఈ ప్రయత్నాన్ని అడ్డుకునేందుకు బీజేపీ ఎమ్మెల్యేలు శక్తవంచన లేకుండా నిరసన తెలిపినప్పటికీ వారిని అసెంబ్లీ నుంచి బయటకు పంపించేశారు. కాంగ్రెస్ కూటమి నిజస్వరూపం ఏమిటో యావద్దేశం అవగాహన చేసుకోవాలి'' అని మోదీ అన్నారు.

370వ అధికరణను పునరుద్ధరించేందుకు దేశ ప్రజలు అంగీకరించరని, కశ్మీర్‌లో కాంగ్రెస్ పార్టీ ఆటలు మోదీ ఉన్నంత వరకూ సాగవని ప్రధాని అన్నారు. బీమ్‌రావ్ అంబేద్కర్ రాజ్యాంగం మాత్రమే అక్కడ నడుస్తుందని, ఏ శక్తీ 370వ అధికరణను వెనక్కి తేలేదని మరోసారి ఆయన స్పష్టం చేశారు. విపక్ష సభ్యలు తీవ్ర ప్రతిఘటన, నిరసనల మధ్య జమ్మూకశ్మీర్ అసెంబ్లీలో 370వ అధికరణను పునరుద్ధరించే తీర్మానాన్ని గత శుక్రవారంనాడు మూజువాణి ఓటుతో ఆమోదించారు.

दुनिया की कोई ताकत वापस नहीं ला सकती आर्टिकल 370”, महाराष्ट्र में बोले पीएम मोदी

#noonebringbackarticle370injammukashmirpmmodi

जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर हाल ही में उमर अब्दुल्ला की सरकार ने धारा 370 बहाल करने से जुड़ा एक प्रस्ताव पास करवा लिया है। हालांकि विपक्ष इस पर लगातार हमलावर है और नौबत यहां तक आ गई कि विधानसभा स्पीकर को मार्शल भी बुलाने पड़ गए। जम्मू-कश्मीर में 370 बहाल करने को लेकर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा बयान दिया है।पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। अब दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार की कमान संभाल ली है। शुक्रवार को उन्होंने विपक्ष को मात देने और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के लिए वोट मांगने के लिए धुले में अपनी पहली सभा की। इस दौरान पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की गठबंधन सरकार पर बड़ा हमला बोला।

कश्मीर में कांग्रेस की साजिशें शुरू-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद कांग्रेस गठबंधन ने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिश शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को जैसे ही जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाने का मौका मिला, तो उन्होंने कश्मीर के खिलाफ अपनी साजिशें शुरू कर दीं। कांग्रेस गठबंधन ने आर्टिकल 370 को बहाल करने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया। विधानसभा के अंदर आर्टिकल 370 के समर्थन में बैनर लहराए गए। बीजेपी के विधायकों ने इसका विरोध किया है। बैनरों को विधानसभा के बाहर फेंक दिया गया। कांग्रेस जम्मू कश्मीर में बाबासाहेब का संविधान नहीं चाहती। कांग्रेस गठबंधन संविधान की झूठी किताब लहराता है।

कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सिर्फ बाबासाहेब का संविधान चलेगा। कांग्रेस पाकिस्तान के एंजेडे को बढ़ावा देना बंद करे। कांग्रेस कश्मीर को लेकर अलगाववादियों की भाषा न बोले। पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना 21वीं सदी का सबसे बड़ा फैसला था। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे। दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू कश्मीर में 370 की वापसी नहीं करा सकती।

4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा- शाह

वहीं, महाराष्ट्र के शिराला में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 370 की बहाली को लेकर बड़ा बयान दिया। शाह ने कहा कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में 370 वापस लाना चाहती है। मैं कहता हूं कि 4 पुश्तें भी आ जाएंगी तो भी 370 वापस नहीं होगा।