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वैष्णो देवी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 30, आज भी भारी बारिश का अलर्ट

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जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी धाम की तरफ जाने वाले रास्ते पर भारी बारिश से भूस्खलन हो गया। हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि करीब 20 से 25 लोगों के घायल होने की खबर है। मंगलवार की दोपहर कटरा के अर्धकुंवारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भारी भूस्खलन हुआ था। कुछ ही समय में 8 लोगों की मौत की खबर आ गई थी, जबकि 20 लोग घायल बताए जा रहे थे। समय बीतने के साथ मौत का आंकड़ा बढ़कर 30 हो गया है।

मलबे में और भी लोग दबे होने की आशंका

मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। भूस्खलन वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर स्थित अर्द्धकुंवारी गुफा मंदिर में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ। त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित मंदिर मार्ग का बड़ा हिस्सा मलबे में ढेर हो गया है। आशंका है कि मलबे में और भी लोग दबे हो सकते हैं। सेना और प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं।

आज भी पूरे राज्य के लिए रेड अलर्ट

वहीं मौसम विभाग ने आज भी पूरे राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जम्मू-पुंछ-राजौरी नेशनल हाईवे तालाब में तब्दील हो गया है। रेलवे ने भी जम्मू से आने-जाने वाली 22 ट्रेनें आज रद्द कर दी गईं, जबकि 27 को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है। इस कारण वैष्णो देवी के दर्शन के लिए गए सैकड़ों लोग वहां जम्मू में फंस गए हैं।

लगातार बारिश से बाढ़ और भूस्खलन के हालात

बता दें कि बारिश ने पूरे जम्मू और कश्मीर घाटी में कहर बरपाया है। नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। रावी नदी पर बने मोधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक पार कर गया। चिनाब, तवी और उझ भी उफान पर हैं। सैकड़ों लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित निकाला गया। जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा हाईवे बंद कर दिए गए।

मोबाइल, इंटरनेट में दिक्कत और स्कूल बंद

भारी बारिश और भूस्खलन से मोबाइल नेटवर्क और दूरसंचार सेवाएं ठप हो गईं। आपात सेवाओं पर असर पड़ा। जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूल 27 अगस्त तक बंद कर दिए गए। कक्षा 10वीं और 11वीं की परीक्षाएं स्थगित हो गईं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आपात बैठक बुलाई। उन्होंने प्रभावित जिलों के उपायुक्तों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने और कमजोर वर्गों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। प्रशासन ने लोगों से भूस्खलन और नदियों के आसपास जाने से बचने की अपील की है।

जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर, डोडा में बादल फटा, 10 से अधिक घर तबाह

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जम्मू-कश्मीर के डोडा में बादल फटने से एक बार फिर तबाही मच गई है। 10 से ज्यादा घर तबाह हो गए हैं। डोडा जिले में लगातार भारी बारिश के कारण भूस्खलन, मिट्टी धंसने और पत्थर गिरने की घटनाएं हुई हैं, जिसके कारण कई संपर्क सड़कों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग के कई हिस्से बंद हो गए हैं।

जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर दिख रहा है। किश्तवाड़ और कठुआ के बाद अब डोडा में बादल फटा है। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बादल फटने की घटना से अफरातफरी मच गई। अचानक आए सैलाब से भारी तबाही होने की खबर है। थाथरी उप-मंडल में अचानक बादल फटने की इस घटना में 10 से ज्यादा मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए।

थाथरी इलाके में बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ जैसे हालात बन गए और कई घर मलबे में दब गए। इस तबाही के बाद कई परिवार प्रभावित हुए हैं और लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं। प्रशासन और राहत-बचाव टीमें तुरंत मौके पर पहुंची हैं। स्थानीय लोगों की मदद से फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है। हालात पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

इससे पहले किश्तवाड़ और थराली में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। किश्तवाड़ जिले और डोडा के कई इलाकों में बादल फटने की सूचनाएं मिल रही हैं। डिप्टी कमिश्नर हरविंदर सिंह ने कहा कि तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। खासकर चिनाब नदी के इलाकों में दो जगहों से बादल फटने की खबरें आई हैं। बादल फटने से एनएच-244 भी बह गया।

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ बादल फटने से 10 लोगों की मौत, दर्जनों लापता

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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशोती गांव में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है। किश्तवाड़ जिले के पड्डर ताशोटी क्षेत्र में आज यानी गुरुवार को अचानक बादल फटा। बादल फटने की घटना में अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत की आशंका है। बादल फटने से आई बाढ़ ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना से अचानक आई बाढ़ ने एक लंगर (सामुदायिक रसोई) शेड को बहा दिया।

केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा- अभी-अभी, जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक श्री सुनील कुमार शर्मा से हमें जानकारी मिली है पाडर के चसोती क्षेत्र में बादल फटा है। हमनें किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की।

किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि चशोती इलाके में अचानक बाढ़ आ गई है, जो मचैल माता यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है। बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। इस घटना के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई है और अधिकारी सभी संसाधन जुटाकर बड़े पैमाने पर बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए घटनास्थल की ओर रवाना हो रहे हैं।

जिस इलाके में बादल फटा है, वहां पार्किंग थी। वहां मचैल जाने वालों के लिए लंगर लगाया जाता था। माता के दर्शने के लिए कार से जाने वालों के लिए ये आखिरी पड़ाव है। यहां से आगे कार नहीं जाती। यहीं गाड़ी को पार्क करके आगे का रास्ता पैदल तय करना होता है। इसी वजह से अंदाजा लगाया जा रहा है कि बादल फटने के समय वहां काफी भीड़ रही होगी।

जम्मू-कश्मीर के शोपियां में एनकाउंटर, मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर, सुरक्षाबलों ने दो दहशतगर्दों को घेरा

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जम्मू-कश्मीर के शोपियां से बड़ी खबर आ रही है। यहां आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच सुबह-सुबह मुठभेड़ हो गई।आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया है। जबकि अभी दो आतंकियों के फंसे होने की खबर है। सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर रखा है, यहां भीषण गोलीबारी जारी है। 

जानकारी के अनुसार, दक्षिण कश्मीर के शोपियां के शुकरू केलर इलाके में मंगलवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम के बीच मुठभेड़ चल रही है। सुरक्षाबलों को पहले से ही यहां आतंकियों होने का इनपुट मिला था। यही कारण है कि सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था।सुरक्षाबलों से घिरे आतंकियों जैसे ही सेना के जवानों को देखा तुरंत ही फायरिंग शुरू कर दी।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही सेना ने घाटी से आतंकियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया है। सुरक्षाबलों लगातार ही इन आतंकियों की धरपकड़ में जुटी हुई है। इस बीच सुरक्षाबलों ने यहां कई इलाके में पहलगाम के आतंकियों के पोस्टर भी लगाए हैं। इसमें आतंकियों की सूचना देने वाले को 20 लाख का इनाम देने का ऐलान किया गया है।

किस मुंह से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांग सकता हूं? विधानसभा में बोले उमर अब्दुल्ला

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जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा के लिए विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया। इस विधानसभा सत्र में पहलगाम हमले पर बोलते है सीएम उमर अब्दुल्ला ने हमले में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि दी। उनकी आंखों में इस हमले को लेकर आंसू दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि इस हमले में पूरा देश चपेट में आया। किसी ने अपना पिता खोया, किसी ने बेटा तो किसी ने भाई। मैंने सैलानियों को यहां आने की दावत दी थी। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी सवेदना है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पेश

पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए सदन में एक प्रस्ताव पास किया गया है। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार के उन कदमों का भी समर्थन किया गया जो 23 अप्रैल को 'कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी' की बैठक के बाद उठाए गए थे। उप मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने विधानसभा में यह प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव में इस हमले को 'कश्मीरियत', संविधान और जम्मू-कश्मीर में एकता, शांति और सद्भाव की भावना पर हमला बताया गया और पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ पूरी एकजुटता व्यक्त की गई तथा प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई। प्रस्ताव में आतंकी हमले की निंदा की गई और पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त की गई।

26 साल में कश्मीरियों को ऐसे नहीं देखा-उमर

विधानसभा में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरी ये हमले नहीं चाहते हैं। कोई कश्मीरी इस हमले के साथ नहीं है। इस हमले ने हमें खोखला कर दिया है। सैलानियों को हमने बुलाया था। उनको सुरक्षित भेजने की जिम्मेदारी मेरी थी। 26 साल में कश्मीरियों को ऐसे नहीं देखा।उन्होंने कहा कि बहुत मुश्किल है इन हालात में रोशनी ढूंढना। पीड़ितों से माफी मांगने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। उन बच्चों और पत्नियों को सांत्वना नहीं दे पाया। ये समझ से परे है कि क्या कहकर माफी मांगूं। पीड़ितों से माफी मांगने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है।

जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा कैसे मांगूंगा-उमर

इस दौरान सीएम ने कहा कि भले ही मौजूदा वक्त में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी सरकार के पास नहीं है लेकिन वह इस मौके पर कोई राजनीति नहीं करेंगे। वह आज पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग नहीं करेंगे। मेरी क्या इतनी सस्ती सियासत है? हमने पहले भी राज्य के दर्जे की बात की है और भविष्य में भी करेंगे, लेकिन अगर मैं केंद्र सरकार से कहूं कि 26 लोग मर चुके हैं, अब मुझे राज्य का दर्जा दे दो, तो यह मेरे लिए शर्मनाक होगा।

बंदूकों के बल पर उग्रवाद को नियंत्रित कर सकते हैं- उमर

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, आतंकवाद और उग्रवाद तभी खत्म होगा जब लोग हमारा समर्थन करेंगे। यह इसकी शुरुआत है, हमें ऐसा कुछ नहीं कहना या दिखाना चाहिए जिससे इस आंदोलन को नुकसान पहुंचे। हम बंदूकों के बल पर उग्रवाद को नियंत्रित कर सकते हैं, यह तभी खत्म होगा जब लोग हमारा समर्थन करेंगे। और अब ऐसा लगता है कि लोग उस बिंदु पर पहुंच रहे हैं।

पहलगाम हमले के बाद एक्शन में भारतीय सेना, घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकी ढेर

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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हमले के बाद भी आतंकी शांत नहीं बैठे है। पहलगाम में 26 पर्यटकों को निशाना बनाने के बाद सुरक्षाबलों पूरे एक्शन में हैं। दो आतंकियों को सेना के जवानों ने बुधवार को मार गिराया। बारामूला में दो आतंकी मार गिराए गए हैं। ये दहशतगर्द घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे, जिसे सेना ने नाकाम किया है। वहीं, सेना ने भी सर्च ऑपरेशन को तेज कर दिया है।

भारतीय सेना के अनुसार, 23 अप्रैल को दो से तीन आतंकवादियों ने बारामूला में सरजीवन सामान्य क्षेत्र के माध्यम से घुसपैठ करने की कोशिश की, नियंत्रण रेखा पर सतर्क टीपीएस ने उन्हें चुनौती दी और रोका, जिसके बाद सेना ने गोलीबारी की।

आतंकवादियों ने भी जवाब दिया। सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसके बाद दो आतंकवादी मारे गए। मारे गए आतंकवादियों के पास से हथियारों, गोला-बारूद और युद्ध से संबंधित अन्य सामानों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया है। ऑपरेशन अभी भी जारी है।

इससे पहले जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। दावा किया जा रहा है कि इस हमले में करीब 6 आतंकवादी शामिल थे। इन सभी आतंकवादियों के पास एक-47 जैसी कई अत्याधुनिक राइफलें भी थीं। इन आतंकवादियों ने हमले से पहले घटनास्थल की रेकी भी की थी। आतंकी हमले के बाद पहलगाम के जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है। राष्ट्रीय रायफल्स, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस यहां पर जंगलों में सर्च ऑपरेशन कर रही है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून पर बवाल, नेकां और पीपुल्स कांफ्रेंस विधायक आपस में भिड़े

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन नए वक्फ कानून पर हंगामा हुआ। इस दौरान नेकां और पीपुल्स कांफ्रेंस के बीच नोकझोंक हुई। नेकां और पीडीपी विधायकों के बीच भी बहस हुई। नेकां के विधायक वक्फ कानून पर विधानसभा में बहस की मांग पर अड़ गए। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के विधायकों ने सदन में बिल पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी की।

यह लगातार दूसरा दिन था जब वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बाधित हुई। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की ओर से कानून का विरोध करते हुए एक नया प्रस्ताव मंगलवार को पेश किया गया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। पीडीपी विधायक वहीद उर रहमान पारा द्वारा मंगलवार को वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा के लिए एक नए प्रस्ताव दिया गया।

पीडीपी विधायक को सदन से बाहर निकाला

वक्फ अधिनियम पर हंगामे के बाद विधानसभा को दूसरे दिन फिर से स्थगित करना पड़ा और एक पीडीपी सदस्य वहीद पारा को मार्शलों के जरिए सदन से बाहर निकाल दिया गया। मंगलवार की सुबह जब सदन की कार्यवाही पुनः शुरू हुई तो पारा वक्फ अधिनियम के खिलाफ अपने प्रस्ताव की प्रति लेकर आसन के समीप आ गए और अध्यक्ष से बहस करने लगे तथा केंद्र सरकार को संदेश देने के लिए इसे पारित करने की मांग करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष जब पारा को अपनी सीट पर लौटने के लिए कह रहे थे, तभी नेकां विधायक अब्दुल मजीद लारमी ने उन्हें पीछे धकेलने की कोशिश की। इसी दौरान अध्यक्ष ने मार्शल को आदेश दिया कि वहीद पारा को सदन से बाहर ले जाएं। हालांकि पारा को बाहर निकाले जाने के बाद भी हंगामा जारी रहा। कई नेशनल कॉन्फ्रेंस और निर्दलीय विधायक आसान के समीप पहुंचकर वक्फ संशोधन कानून पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे। इस दौरान सज्जाद लोन और नेकां के सलमान सागर के बीच तीखी बहस भी हुई।

सीएम अब्दुल्ला के रिजिजू से मिलने

बीते दिन नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रस्ताव लाने की अपनी योजना दोहराई थी। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन सहित घाटी के प्रमुख नेताओं ने भी इस पर अपना पक्ष रखा। लोन ने अधिनियम पर खुली चर्चा की जरूरत पर जोर दिया और विधेयक पारित होने के तुरंत बाद केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मिलने के लिए सीएम अब्दुल्ला की आलोचना की। लोन का कहना था कि उनसे मिलने की कोई जरूरत नहीं थी। इससे बहुत गलत संदेश जाता है।

कल बिल की कॉपी फाड़ी गई थी

वहीं, सोमवार को वक्फ कानून पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष के विधायकों ने इसे मुस्लिम विरोधी करार दिया। भाजपा ने इसका विरोध किया। इससे मामला गरमा गया। दोनों पक्षों में तीखी नोक-झोंक हुई। इस दौरान एनसी के विधायक ने सदन में वक्फ कानून की कॉपी फाड़ दी। एक एनसी विधायक ने अपनी जैकेट फाड़कर सदन में लहराई। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्रवाई पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। एनसी समेत अन्य दलों ने वक्फ कानून के खिलाफ रेजोल्यूशन लाने की बात कही थी।

जम्मू-कश्मीर में तीन सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, टेरर लिंक मामले में एलजी मनोज सिन्हा का बड़ा एक्शन

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जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। तीनों कर्मचारियों पर टेरर लिंक मामले में गाज गिरी है। इनमें एक पुलिस कांस्टेबल, एक शिक्षक और वन विभाग का कर्मचारी शामिल हैं। उपराज्यपाल ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत इन कर्मचारियों को बर्खास्त किया। जांच में यह पाया गया कि इनकी आतंकवादी संगठनों से संबंध थे।

बर्खास्त तीनों कर्मचारी अलग-अलग आतंकवाद से जुड़े मामलों में जेल में बंद हैं। इनमें से एक पुलिस कांस्टेबल फिरदौस अहमद भट को कथित तौर पर क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों के साथ कथित संबंधों के चलते गिरफ्तार किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि फिरदौस अहमद ने आतंकवादी संगठनों को साजोसामान और दूसरी सहायता दी। मोहम्मद अशरफ भट, जो एक टीचर है उन पर छात्रों को कट्टरपंथी बनाने और प्रतिबंधित संगठनों के साथ संबंध बनाए रखने का आरोप लगाया गया था। वहीं, वन विभाग का निसार अहमद खान कथित तौर पर कश्मीर के जंगली इलाकों में आतंकवादियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में शामिल था।

यह बड़ी कार्रवाई उपराज्यपाल की अध्यक्षता में सुरक्षा समीक्षा बैठक के एक दिन बाद की गई। बैठक में उपराज्यपाल ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों और परदे के पीछे छिपे आतंकी तंत्र को बेअसर करने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करने का निर्देश दिया था। उपराज्यपाल ने यह भी कहा था कि आतंकवाद का समर्थन और वित्तपोषण करने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

पुलिस में रहकर आतंकियों की मदद

फिरदौस अहमद भट 2005 में एसपीओ के रूप में नियुक्त हुआ और 2011 में कांस्टेबल बन गया। उसे मई 2024 में गिरफ्तार किया गया। वह कोट भलवाल जेल में बंद है। फिरदौस भट को जम्मू-कश्मीर पुलिस में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी इकाई के संवेदनशील पद पर तैनात किया गया था। हालांकि, उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करना शुरू कर दिया। मई 2024 में फिरदौस भट का पर्दाफाश हुआ जब दो आतंकवादियों- वसीम शाह और अदनान बेग को अनंतनाग में पिस्तौल और हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि फिरदौस भट ने लश्कर के दो अन्य स्थानीय आतंकवादियों- ओमास और अकीब को वसीम और अदनान को गैर-स्थानीय नागरिकों और अनंतनाग आने वाले पर्यटकों पर आतंकी हमले करने के लिए हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराने का काम सौंपा था। पूछताछ के दौरान फिरदौस भट ने सच उगल दिया। फिरदौस भट साजिद जट्ट का करीबी सहयोगी था जिसने उसे पाकिस्तान से एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क को संचालित करने में मदद की।

वन विभाग का अर्दली आतंकियों की मददगार

निसार अहमद खान 1996 में वन विभाग में सहायक के तौर पर शामिल हुआ था। वह गुप्त रूप से हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया और उनके लिए जासूसी करता था। हिजबुल मुजाहिदीन के साथ उसके संबंध पहली बार वर्ष 2000 में सामने आए जब अनंतनाग जिले के चमारन में एक बारूदी सुरंग विस्फोट हुआ। इस हमले को हिजबुल मुजाहिदीन ने अंजाम दिया था जिसमें जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन बिजली मंत्री गुलाम हसन भट मारे गए थे।

नासिर खान और एक अन्य आरोपी ने तत्कालीन मंत्री और दो पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान की थी। नासिर ने विस्फोट में इस्तेमाल आरडीएक्स की तस्करी में भी मदद की और आतंकी हमले का समन्वय किया।

शिक्षक बना लश्कर का ओवरग्राउंड वर्कर

रियासी निवासी अशरफ भट को 2008 में रहबर-ए-तालीम शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। उसे 2013 में स्थायी शिक्षक बना दिया गया। एक शिक्षक के रूप में काम करते हुए अशरफ ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रति निष्ठा की शपथ ली और एक ओवरग्राउंड वर्कर बन गया। वर्ष 2022 में उसकी गतिविधियों का पता चला और उसे गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में वह रियासी की जिला जेल में बंद है।

एक शिक्षक के तौर पर अशरफ भट युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकी गतिविधियों के लिए वित्त जुटाने और हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों के परिवहन में कोऑर्डिनेट करने में लश्कर-ए-तैयबा की मदद की।

जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास आईईडी ब्लास्ट, दो जवान शहीद

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जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास मंगलवार को आईईडी ब्लास्ट की खबर आ रही है। ब्लास्ट में दो जवान बलिदान हो गए हैं जबकि एक गंभीर रूप से घायल हैं। ब्लास्ट के बाद तीनों को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, जहां दो ने दम तोड़ दिया, जबकि एक का इलाज जारी है। मरने वालों में एक सेना के अधिकारी थे। 

सेना की तरफ से सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी गयी है। भारतीय सेना ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में आतंकवादियों द्वारा किए गए संदिग्ध इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) हमले में दो सैनिक शहीद हो गए। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट के तुरंत बाद पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई। उन्होंने बताया कि घायल सैनिकों को अस्पताल ले जाया गया है तथा उनकी हालत ‘‘गंभीर'' बताई गई है।

बता दें कि एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने कायराना हरकत की थी। सोमवार को केरी सेक्टर में भारतीय सेना के गश्ती दल पर गोलीबारी के बाद अब नौशेरा सेक्टर में स्नाइपर हमला किया। इसमें गोली लगने से गश्ती दल का एक जवान घायल हुआ था। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

कश्मीर रीजन में कमर टूटने के बाद अब आतंकी संगठन और उसे पहान देने वाला पाकिस्तान लगातार जम्मू रीजन को दहलाने की साजिश रच रहे हैं। इसी महीने जम्मू रीजन के राजौरी जिले में केरी सेक्टर में एलओसी के पास घुसपैठ की आतंकियों ने कोशिश की थी। इसकी भनक लगते ही सतर्क जवानों ने मोर्चा संभाला और घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी। आतंकियों की कोशिश को नाकाम करने के साथ ही सुरक्षाबलों ने इससे पहले कश्मीर जोन के बारामूला में हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद किया था।

जम्मू कश्मीर में रहस्यमय बीमारीःअबतक 6 बच्चों समेत 17 की मौत, पूरा गांव कंटेनमेंट जोन घोषित

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जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एक रहस्यमय बीमारी ने दहशत फैला रखा है। हालात कोरोना काल जैसे हो गए हैं। इस रहस्यमय बीमारी के कारण एक गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत के बाद बुधवार को यह फैसला लिया गया। यहां अब भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है।

जम्मू कश्मीर के राजौरी के बुधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। बीमारी के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस बीच प्रशासन ने अब पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। गांव में बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही प्रभावित परिवारों को भी घरों में रहने को कहा गया है।

बीएनएस धारा 163 के तहत आदेश जारी

राजौरी के जिलाधिकारी अभिषेक शर्मा ने बीएनएस धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि जन सुरक्षा सुनिश्चित करने और संक्रमण के संभावित प्रसार को रोकने के लिए यह रोक लगाई गई है। आदेश में कहा गया है कि नामित अधिकारी कंटेनमेंट जोन के भीतर परिवारों को प्रदान किए जाने वाले सभी भोजन की निगरानी करेंगे।

गांव को 3 कंटेनमेंट जोन में बदला गया

• पहला जोन उन परिवारों को कवर कर रहा है, जिनमें मौतें हुई हैं। इन परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है और सभी लोगों के लिए यहां पर एंट्री बैन कर दी गई है। परिवार वालों को भी यहां जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्हें यहां जाने के लिए अधिकारियों की मंजूरी लेनी होगी।

• दूसरे कंटेनमेंट जोन में प्रभावित व्यक्तियों के करीबी संपर्क में आने वालों यानी परिवार वालों को रखा गया है। इन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी सेहत पर नजर रखी जा रही है। तीसरे जोन में गांव के सभी परिवारों को रखा गया है।

• तीसरे कंटेनमेंट जोन में मेडिकल स्टाफ लगातार गांववालों के खान-पान पर नजर रख रहा है। यहां अस्पताल की तरफ से तैनात किया गया अफसर ही लोगों को खाना और पानी देगा। यहां पहले से मौजूद कुछ भी खाने पर रोक लगा दी गई है। पुलिस टीम भी यहां मौजूद है।

44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत

यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत हुई है। गांव में 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में ये मौतें हुई हैं। पांच बीमार लोगों को पहले सीएचसी कंडी में भर्ती कराया गया था। बुधवार को तीन बहनों की तबीयत बिगड़ गई। इन बहनों की उम्र 16 से 22 साल के बीच है और इन्हें राजौरी के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती किया गया। इससे पहले मंगलवार को 25 साल के युवक एजाज अहमद की तबीयत बिगड़ी थी। पहले उसे जीएमसी जम्मू लाया गया था। फिर पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए एयर एम्बुलेंस से वहां ले जाया गया। तीन नाबालिग बहनों को पहले सीएचसी से जीएमसी राजौरी रेफर किया गया, फिर उन्हें सेना के हेलीकॉप्टर से जम्मू एयरलिफ्ट किया गया। जीएमसी के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. शमीम अहमद ने बताया कि पांचवें मरीज को सीएचसी कंडी से जीएमसी राजौरी स्थानांतरित किया गया।

वैष्णो देवी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 30, आज भी भारी बारिश का अलर्ट

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जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी धाम की तरफ जाने वाले रास्ते पर भारी बारिश से भूस्खलन हो गया। हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि करीब 20 से 25 लोगों के घायल होने की खबर है। मंगलवार की दोपहर कटरा के अर्धकुंवारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भारी भूस्खलन हुआ था। कुछ ही समय में 8 लोगों की मौत की खबर आ गई थी, जबकि 20 लोग घायल बताए जा रहे थे। समय बीतने के साथ मौत का आंकड़ा बढ़कर 30 हो गया है।

मलबे में और भी लोग दबे होने की आशंका

मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। भूस्खलन वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर स्थित अर्द्धकुंवारी गुफा मंदिर में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ। त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित मंदिर मार्ग का बड़ा हिस्सा मलबे में ढेर हो गया है। आशंका है कि मलबे में और भी लोग दबे हो सकते हैं। सेना और प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं।

आज भी पूरे राज्य के लिए रेड अलर्ट

वहीं मौसम विभाग ने आज भी पूरे राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जम्मू-पुंछ-राजौरी नेशनल हाईवे तालाब में तब्दील हो गया है। रेलवे ने भी जम्मू से आने-जाने वाली 22 ट्रेनें आज रद्द कर दी गईं, जबकि 27 को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है। इस कारण वैष्णो देवी के दर्शन के लिए गए सैकड़ों लोग वहां जम्मू में फंस गए हैं।

लगातार बारिश से बाढ़ और भूस्खलन के हालात

बता दें कि बारिश ने पूरे जम्मू और कश्मीर घाटी में कहर बरपाया है। नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। रावी नदी पर बने मोधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक पार कर गया। चिनाब, तवी और उझ भी उफान पर हैं। सैकड़ों लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित निकाला गया। जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा हाईवे बंद कर दिए गए।

मोबाइल, इंटरनेट में दिक्कत और स्कूल बंद

भारी बारिश और भूस्खलन से मोबाइल नेटवर्क और दूरसंचार सेवाएं ठप हो गईं। आपात सेवाओं पर असर पड़ा। जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूल 27 अगस्त तक बंद कर दिए गए। कक्षा 10वीं और 11वीं की परीक्षाएं स्थगित हो गईं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आपात बैठक बुलाई। उन्होंने प्रभावित जिलों के उपायुक्तों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने और कमजोर वर्गों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। प्रशासन ने लोगों से भूस्खलन और नदियों के आसपास जाने से बचने की अपील की है।

जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर, डोडा में बादल फटा, 10 से अधिक घर तबाह

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जम्मू-कश्मीर के डोडा में बादल फटने से एक बार फिर तबाही मच गई है। 10 से ज्यादा घर तबाह हो गए हैं। डोडा जिले में लगातार भारी बारिश के कारण भूस्खलन, मिट्टी धंसने और पत्थर गिरने की घटनाएं हुई हैं, जिसके कारण कई संपर्क सड़कों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग के कई हिस्से बंद हो गए हैं।

जम्मू-कश्मीर में कुदरत का कहर दिख रहा है। किश्तवाड़ और कठुआ के बाद अब डोडा में बादल फटा है। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बादल फटने की घटना से अफरातफरी मच गई। अचानक आए सैलाब से भारी तबाही होने की खबर है। थाथरी उप-मंडल में अचानक बादल फटने की इस घटना में 10 से ज्यादा मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए।

थाथरी इलाके में बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ जैसे हालात बन गए और कई घर मलबे में दब गए। इस तबाही के बाद कई परिवार प्रभावित हुए हैं और लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं। प्रशासन और राहत-बचाव टीमें तुरंत मौके पर पहुंची हैं। स्थानीय लोगों की मदद से फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है। हालात पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

इससे पहले किश्तवाड़ और थराली में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। किश्तवाड़ जिले और डोडा के कई इलाकों में बादल फटने की सूचनाएं मिल रही हैं। डिप्टी कमिश्नर हरविंदर सिंह ने कहा कि तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। खासकर चिनाब नदी के इलाकों में दो जगहों से बादल फटने की खबरें आई हैं। बादल फटने से एनएच-244 भी बह गया।

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ बादल फटने से 10 लोगों की मौत, दर्जनों लापता

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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशोती गांव में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है। किश्तवाड़ जिले के पड्डर ताशोटी क्षेत्र में आज यानी गुरुवार को अचानक बादल फटा। बादल फटने की घटना में अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत की आशंका है। बादल फटने से आई बाढ़ ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना से अचानक आई बाढ़ ने एक लंगर (सामुदायिक रसोई) शेड को बहा दिया।

केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा- अभी-अभी, जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक श्री सुनील कुमार शर्मा से हमें जानकारी मिली है पाडर के चसोती क्षेत्र में बादल फटा है। हमनें किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की।

किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि चशोती इलाके में अचानक बाढ़ आ गई है, जो मचैल माता यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है। बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। इस घटना के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई है और अधिकारी सभी संसाधन जुटाकर बड़े पैमाने पर बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए घटनास्थल की ओर रवाना हो रहे हैं।

जिस इलाके में बादल फटा है, वहां पार्किंग थी। वहां मचैल जाने वालों के लिए लंगर लगाया जाता था। माता के दर्शने के लिए कार से जाने वालों के लिए ये आखिरी पड़ाव है। यहां से आगे कार नहीं जाती। यहीं गाड़ी को पार्क करके आगे का रास्ता पैदल तय करना होता है। इसी वजह से अंदाजा लगाया जा रहा है कि बादल फटने के समय वहां काफी भीड़ रही होगी।

जम्मू-कश्मीर के शोपियां में एनकाउंटर, मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर, सुरक्षाबलों ने दो दहशतगर्दों को घेरा

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जम्मू-कश्मीर के शोपियां से बड़ी खबर आ रही है। यहां आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच सुबह-सुबह मुठभेड़ हो गई।आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया है। जबकि अभी दो आतंकियों के फंसे होने की खबर है। सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर रखा है, यहां भीषण गोलीबारी जारी है। 

जानकारी के अनुसार, दक्षिण कश्मीर के शोपियां के शुकरू केलर इलाके में मंगलवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम के बीच मुठभेड़ चल रही है। सुरक्षाबलों को पहले से ही यहां आतंकियों होने का इनपुट मिला था। यही कारण है कि सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था।सुरक्षाबलों से घिरे आतंकियों जैसे ही सेना के जवानों को देखा तुरंत ही फायरिंग शुरू कर दी।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही सेना ने घाटी से आतंकियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया है। सुरक्षाबलों लगातार ही इन आतंकियों की धरपकड़ में जुटी हुई है। इस बीच सुरक्षाबलों ने यहां कई इलाके में पहलगाम के आतंकियों के पोस्टर भी लगाए हैं। इसमें आतंकियों की सूचना देने वाले को 20 लाख का इनाम देने का ऐलान किया गया है।

किस मुंह से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांग सकता हूं? विधानसभा में बोले उमर अब्दुल्ला

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जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा के लिए विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया। इस विधानसभा सत्र में पहलगाम हमले पर बोलते है सीएम उमर अब्दुल्ला ने हमले में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि दी। उनकी आंखों में इस हमले को लेकर आंसू दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि इस हमले में पूरा देश चपेट में आया। किसी ने अपना पिता खोया, किसी ने बेटा तो किसी ने भाई। मैंने सैलानियों को यहां आने की दावत दी थी। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी सवेदना है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पेश

पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए सदन में एक प्रस्ताव पास किया गया है। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार के उन कदमों का भी समर्थन किया गया जो 23 अप्रैल को 'कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी' की बैठक के बाद उठाए गए थे। उप मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने विधानसभा में यह प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव में इस हमले को 'कश्मीरियत', संविधान और जम्मू-कश्मीर में एकता, शांति और सद्भाव की भावना पर हमला बताया गया और पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ पूरी एकजुटता व्यक्त की गई तथा प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई। प्रस्ताव में आतंकी हमले की निंदा की गई और पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त की गई।

26 साल में कश्मीरियों को ऐसे नहीं देखा-उमर

विधानसभा में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरी ये हमले नहीं चाहते हैं। कोई कश्मीरी इस हमले के साथ नहीं है। इस हमले ने हमें खोखला कर दिया है। सैलानियों को हमने बुलाया था। उनको सुरक्षित भेजने की जिम्मेदारी मेरी थी। 26 साल में कश्मीरियों को ऐसे नहीं देखा।उन्होंने कहा कि बहुत मुश्किल है इन हालात में रोशनी ढूंढना। पीड़ितों से माफी मांगने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। उन बच्चों और पत्नियों को सांत्वना नहीं दे पाया। ये समझ से परे है कि क्या कहकर माफी मांगूं। पीड़ितों से माफी मांगने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है।

जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा कैसे मांगूंगा-उमर

इस दौरान सीएम ने कहा कि भले ही मौजूदा वक्त में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी सरकार के पास नहीं है लेकिन वह इस मौके पर कोई राजनीति नहीं करेंगे। वह आज पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग नहीं करेंगे। मेरी क्या इतनी सस्ती सियासत है? हमने पहले भी राज्य के दर्जे की बात की है और भविष्य में भी करेंगे, लेकिन अगर मैं केंद्र सरकार से कहूं कि 26 लोग मर चुके हैं, अब मुझे राज्य का दर्जा दे दो, तो यह मेरे लिए शर्मनाक होगा।

बंदूकों के बल पर उग्रवाद को नियंत्रित कर सकते हैं- उमर

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, आतंकवाद और उग्रवाद तभी खत्म होगा जब लोग हमारा समर्थन करेंगे। यह इसकी शुरुआत है, हमें ऐसा कुछ नहीं कहना या दिखाना चाहिए जिससे इस आंदोलन को नुकसान पहुंचे। हम बंदूकों के बल पर उग्रवाद को नियंत्रित कर सकते हैं, यह तभी खत्म होगा जब लोग हमारा समर्थन करेंगे। और अब ऐसा लगता है कि लोग उस बिंदु पर पहुंच रहे हैं।

पहलगाम हमले के बाद एक्शन में भारतीय सेना, घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकी ढेर

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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हमले के बाद भी आतंकी शांत नहीं बैठे है। पहलगाम में 26 पर्यटकों को निशाना बनाने के बाद सुरक्षाबलों पूरे एक्शन में हैं। दो आतंकियों को सेना के जवानों ने बुधवार को मार गिराया। बारामूला में दो आतंकी मार गिराए गए हैं। ये दहशतगर्द घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे, जिसे सेना ने नाकाम किया है। वहीं, सेना ने भी सर्च ऑपरेशन को तेज कर दिया है।

भारतीय सेना के अनुसार, 23 अप्रैल को दो से तीन आतंकवादियों ने बारामूला में सरजीवन सामान्य क्षेत्र के माध्यम से घुसपैठ करने की कोशिश की, नियंत्रण रेखा पर सतर्क टीपीएस ने उन्हें चुनौती दी और रोका, जिसके बाद सेना ने गोलीबारी की।

आतंकवादियों ने भी जवाब दिया। सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसके बाद दो आतंकवादी मारे गए। मारे गए आतंकवादियों के पास से हथियारों, गोला-बारूद और युद्ध से संबंधित अन्य सामानों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया है। ऑपरेशन अभी भी जारी है।

इससे पहले जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। दावा किया जा रहा है कि इस हमले में करीब 6 आतंकवादी शामिल थे। इन सभी आतंकवादियों के पास एक-47 जैसी कई अत्याधुनिक राइफलें भी थीं। इन आतंकवादियों ने हमले से पहले घटनास्थल की रेकी भी की थी। आतंकी हमले के बाद पहलगाम के जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है। राष्ट्रीय रायफल्स, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस यहां पर जंगलों में सर्च ऑपरेशन कर रही है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून पर बवाल, नेकां और पीपुल्स कांफ्रेंस विधायक आपस में भिड़े

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन नए वक्फ कानून पर हंगामा हुआ। इस दौरान नेकां और पीपुल्स कांफ्रेंस के बीच नोकझोंक हुई। नेकां और पीडीपी विधायकों के बीच भी बहस हुई। नेकां के विधायक वक्फ कानून पर विधानसभा में बहस की मांग पर अड़ गए। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के विधायकों ने सदन में बिल पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी की।

यह लगातार दूसरा दिन था जब वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बाधित हुई। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की ओर से कानून का विरोध करते हुए एक नया प्रस्ताव मंगलवार को पेश किया गया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। पीडीपी विधायक वहीद उर रहमान पारा द्वारा मंगलवार को वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा के लिए एक नए प्रस्ताव दिया गया।

पीडीपी विधायक को सदन से बाहर निकाला

वक्फ अधिनियम पर हंगामे के बाद विधानसभा को दूसरे दिन फिर से स्थगित करना पड़ा और एक पीडीपी सदस्य वहीद पारा को मार्शलों के जरिए सदन से बाहर निकाल दिया गया। मंगलवार की सुबह जब सदन की कार्यवाही पुनः शुरू हुई तो पारा वक्फ अधिनियम के खिलाफ अपने प्रस्ताव की प्रति लेकर आसन के समीप आ गए और अध्यक्ष से बहस करने लगे तथा केंद्र सरकार को संदेश देने के लिए इसे पारित करने की मांग करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष जब पारा को अपनी सीट पर लौटने के लिए कह रहे थे, तभी नेकां विधायक अब्दुल मजीद लारमी ने उन्हें पीछे धकेलने की कोशिश की। इसी दौरान अध्यक्ष ने मार्शल को आदेश दिया कि वहीद पारा को सदन से बाहर ले जाएं। हालांकि पारा को बाहर निकाले जाने के बाद भी हंगामा जारी रहा। कई नेशनल कॉन्फ्रेंस और निर्दलीय विधायक आसान के समीप पहुंचकर वक्फ संशोधन कानून पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे। इस दौरान सज्जाद लोन और नेकां के सलमान सागर के बीच तीखी बहस भी हुई।

सीएम अब्दुल्ला के रिजिजू से मिलने

बीते दिन नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रस्ताव लाने की अपनी योजना दोहराई थी। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन सहित घाटी के प्रमुख नेताओं ने भी इस पर अपना पक्ष रखा। लोन ने अधिनियम पर खुली चर्चा की जरूरत पर जोर दिया और विधेयक पारित होने के तुरंत बाद केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मिलने के लिए सीएम अब्दुल्ला की आलोचना की। लोन का कहना था कि उनसे मिलने की कोई जरूरत नहीं थी। इससे बहुत गलत संदेश जाता है।

कल बिल की कॉपी फाड़ी गई थी

वहीं, सोमवार को वक्फ कानून पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष के विधायकों ने इसे मुस्लिम विरोधी करार दिया। भाजपा ने इसका विरोध किया। इससे मामला गरमा गया। दोनों पक्षों में तीखी नोक-झोंक हुई। इस दौरान एनसी के विधायक ने सदन में वक्फ कानून की कॉपी फाड़ दी। एक एनसी विधायक ने अपनी जैकेट फाड़कर सदन में लहराई। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्रवाई पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। एनसी समेत अन्य दलों ने वक्फ कानून के खिलाफ रेजोल्यूशन लाने की बात कही थी।

जम्मू-कश्मीर में तीन सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, टेरर लिंक मामले में एलजी मनोज सिन्हा का बड़ा एक्शन

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जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। तीनों कर्मचारियों पर टेरर लिंक मामले में गाज गिरी है। इनमें एक पुलिस कांस्टेबल, एक शिक्षक और वन विभाग का कर्मचारी शामिल हैं। उपराज्यपाल ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत इन कर्मचारियों को बर्खास्त किया। जांच में यह पाया गया कि इनकी आतंकवादी संगठनों से संबंध थे।

बर्खास्त तीनों कर्मचारी अलग-अलग आतंकवाद से जुड़े मामलों में जेल में बंद हैं। इनमें से एक पुलिस कांस्टेबल फिरदौस अहमद भट को कथित तौर पर क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों के साथ कथित संबंधों के चलते गिरफ्तार किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि फिरदौस अहमद ने आतंकवादी संगठनों को साजोसामान और दूसरी सहायता दी। मोहम्मद अशरफ भट, जो एक टीचर है उन पर छात्रों को कट्टरपंथी बनाने और प्रतिबंधित संगठनों के साथ संबंध बनाए रखने का आरोप लगाया गया था। वहीं, वन विभाग का निसार अहमद खान कथित तौर पर कश्मीर के जंगली इलाकों में आतंकवादियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में शामिल था।

यह बड़ी कार्रवाई उपराज्यपाल की अध्यक्षता में सुरक्षा समीक्षा बैठक के एक दिन बाद की गई। बैठक में उपराज्यपाल ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों और परदे के पीछे छिपे आतंकी तंत्र को बेअसर करने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करने का निर्देश दिया था। उपराज्यपाल ने यह भी कहा था कि आतंकवाद का समर्थन और वित्तपोषण करने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

पुलिस में रहकर आतंकियों की मदद

फिरदौस अहमद भट 2005 में एसपीओ के रूप में नियुक्त हुआ और 2011 में कांस्टेबल बन गया। उसे मई 2024 में गिरफ्तार किया गया। वह कोट भलवाल जेल में बंद है। फिरदौस भट को जम्मू-कश्मीर पुलिस में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी इकाई के संवेदनशील पद पर तैनात किया गया था। हालांकि, उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करना शुरू कर दिया। मई 2024 में फिरदौस भट का पर्दाफाश हुआ जब दो आतंकवादियों- वसीम शाह और अदनान बेग को अनंतनाग में पिस्तौल और हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि फिरदौस भट ने लश्कर के दो अन्य स्थानीय आतंकवादियों- ओमास और अकीब को वसीम और अदनान को गैर-स्थानीय नागरिकों और अनंतनाग आने वाले पर्यटकों पर आतंकी हमले करने के लिए हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराने का काम सौंपा था। पूछताछ के दौरान फिरदौस भट ने सच उगल दिया। फिरदौस भट साजिद जट्ट का करीबी सहयोगी था जिसने उसे पाकिस्तान से एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क को संचालित करने में मदद की।

वन विभाग का अर्दली आतंकियों की मददगार

निसार अहमद खान 1996 में वन विभाग में सहायक के तौर पर शामिल हुआ था। वह गुप्त रूप से हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया और उनके लिए जासूसी करता था। हिजबुल मुजाहिदीन के साथ उसके संबंध पहली बार वर्ष 2000 में सामने आए जब अनंतनाग जिले के चमारन में एक बारूदी सुरंग विस्फोट हुआ। इस हमले को हिजबुल मुजाहिदीन ने अंजाम दिया था जिसमें जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन बिजली मंत्री गुलाम हसन भट मारे गए थे।

नासिर खान और एक अन्य आरोपी ने तत्कालीन मंत्री और दो पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान की थी। नासिर ने विस्फोट में इस्तेमाल आरडीएक्स की तस्करी में भी मदद की और आतंकी हमले का समन्वय किया।

शिक्षक बना लश्कर का ओवरग्राउंड वर्कर

रियासी निवासी अशरफ भट को 2008 में रहबर-ए-तालीम शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। उसे 2013 में स्थायी शिक्षक बना दिया गया। एक शिक्षक के रूप में काम करते हुए अशरफ ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रति निष्ठा की शपथ ली और एक ओवरग्राउंड वर्कर बन गया। वर्ष 2022 में उसकी गतिविधियों का पता चला और उसे गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में वह रियासी की जिला जेल में बंद है।

एक शिक्षक के तौर पर अशरफ भट युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकी गतिविधियों के लिए वित्त जुटाने और हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों के परिवहन में कोऑर्डिनेट करने में लश्कर-ए-तैयबा की मदद की।

जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास आईईडी ब्लास्ट, दो जवान शहीद

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जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास मंगलवार को आईईडी ब्लास्ट की खबर आ रही है। ब्लास्ट में दो जवान बलिदान हो गए हैं जबकि एक गंभीर रूप से घायल हैं। ब्लास्ट के बाद तीनों को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था, जहां दो ने दम तोड़ दिया, जबकि एक का इलाज जारी है। मरने वालों में एक सेना के अधिकारी थे। 

सेना की तरफ से सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी गयी है। भारतीय सेना ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में आतंकवादियों द्वारा किए गए संदिग्ध इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) हमले में दो सैनिक शहीद हो गए। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट के तुरंत बाद पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई। उन्होंने बताया कि घायल सैनिकों को अस्पताल ले जाया गया है तथा उनकी हालत ‘‘गंभीर'' बताई गई है।

बता दें कि एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने कायराना हरकत की थी। सोमवार को केरी सेक्टर में भारतीय सेना के गश्ती दल पर गोलीबारी के बाद अब नौशेरा सेक्टर में स्नाइपर हमला किया। इसमें गोली लगने से गश्ती दल का एक जवान घायल हुआ था। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

कश्मीर रीजन में कमर टूटने के बाद अब आतंकी संगठन और उसे पहान देने वाला पाकिस्तान लगातार जम्मू रीजन को दहलाने की साजिश रच रहे हैं। इसी महीने जम्मू रीजन के राजौरी जिले में केरी सेक्टर में एलओसी के पास घुसपैठ की आतंकियों ने कोशिश की थी। इसकी भनक लगते ही सतर्क जवानों ने मोर्चा संभाला और घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी। आतंकियों की कोशिश को नाकाम करने के साथ ही सुरक्षाबलों ने इससे पहले कश्मीर जोन के बारामूला में हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद किया था।

जम्मू कश्मीर में रहस्यमय बीमारीःअबतक 6 बच्चों समेत 17 की मौत, पूरा गांव कंटेनमेंट जोन घोषित

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जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एक रहस्यमय बीमारी ने दहशत फैला रखा है। हालात कोरोना काल जैसे हो गए हैं। इस रहस्यमय बीमारी के कारण एक गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत के बाद बुधवार को यह फैसला लिया गया। यहां अब भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है।

जम्मू कश्मीर के राजौरी के बुधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। बीमारी के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस बीच प्रशासन ने अब पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। गांव में बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही प्रभावित परिवारों को भी घरों में रहने को कहा गया है।

बीएनएस धारा 163 के तहत आदेश जारी

राजौरी के जिलाधिकारी अभिषेक शर्मा ने बीएनएस धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि जन सुरक्षा सुनिश्चित करने और संक्रमण के संभावित प्रसार को रोकने के लिए यह रोक लगाई गई है। आदेश में कहा गया है कि नामित अधिकारी कंटेनमेंट जोन के भीतर परिवारों को प्रदान किए जाने वाले सभी भोजन की निगरानी करेंगे।

गांव को 3 कंटेनमेंट जोन में बदला गया

• पहला जोन उन परिवारों को कवर कर रहा है, जिनमें मौतें हुई हैं। इन परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है और सभी लोगों के लिए यहां पर एंट्री बैन कर दी गई है। परिवार वालों को भी यहां जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्हें यहां जाने के लिए अधिकारियों की मंजूरी लेनी होगी।

• दूसरे कंटेनमेंट जोन में प्रभावित व्यक्तियों के करीबी संपर्क में आने वालों यानी परिवार वालों को रखा गया है। इन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी सेहत पर नजर रखी जा रही है। तीसरे जोन में गांव के सभी परिवारों को रखा गया है।

• तीसरे कंटेनमेंट जोन में मेडिकल स्टाफ लगातार गांववालों के खान-पान पर नजर रख रहा है। यहां अस्पताल की तरफ से तैनात किया गया अफसर ही लोगों को खाना और पानी देगा। यहां पहले से मौजूद कुछ भी खाने पर रोक लगा दी गई है। पुलिस टीम भी यहां मौजूद है।

44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत

यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत हुई है। गांव में 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में ये मौतें हुई हैं। पांच बीमार लोगों को पहले सीएचसी कंडी में भर्ती कराया गया था। बुधवार को तीन बहनों की तबीयत बिगड़ गई। इन बहनों की उम्र 16 से 22 साल के बीच है और इन्हें राजौरी के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती किया गया। इससे पहले मंगलवार को 25 साल के युवक एजाज अहमद की तबीयत बिगड़ी थी। पहले उसे जीएमसी जम्मू लाया गया था। फिर पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए एयर एम्बुलेंस से वहां ले जाया गया। तीन नाबालिग बहनों को पहले सीएचसी से जीएमसी राजौरी रेफर किया गया, फिर उन्हें सेना के हेलीकॉप्टर से जम्मू एयरलिफ्ट किया गया। जीएमसी के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. शमीम अहमद ने बताया कि पांचवें मरीज को सीएचसी कंडी से जीएमसी राजौरी स्थानांतरित किया गया।