दुमका : दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से शोक की लहर, शिबू सोरेन सिर्फ राजनेता नहीं आंदोलन के प्रतीक : आयुक्त

दुमका : झारखंड की राजनीति, समाज और संस्कृति के अप्रतिम शिल्पकार, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर सोमवार को गहन शोक व्यक्त करते हुए प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सभागार में
शोक सभा का आयोजन किया गया। शोकसभा की अध्यक्षता प्रमंडलीय आयुक्त लालचन्द डाडेल ने की।
शोकसभा में शिबू सोरेन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर और दो मिनट का मौन रखा गया। उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मियों ने इस दुखद घड़ी में राष्ट्र, राज्य एवं विशेष रूप से आदिवासी समाज एवं झारखण्ड को हुई इस अपूरणीय क्षति पर शोक जताया।
प्रमंडलीय आयुक्त लालचन्द डाडेल ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक आंदोलन के प्रतीक थे। उन्होंने झारखंड के आदिवासी समाज समेत सभी वंचित समाज के लोगों को पहचान, अधिकार और स्वाभिमान दिलाने के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष किया। उनका पूरा जीवन समाज के वंचित, शोषित एवं उपेक्षित वर्गों की सेवा में समर्पित रहा। उनके विचार और सिद्धांत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेंगे।
बता दें कि शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को उत्तरी छोटानागपुर प्रमण्डल के रामगढ़ जिला क्षेत्र के नेमरा गाँव में हुआ था।
उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आवाज बुलंद की और आदिवासियों के भूमि अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वशासन के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया। झारखण्ड राज्य के निर्माण में उनके कृत योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता है।
वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने और भारत सरकार में कोयला मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। लोकसभा एवं राज्यसभा में भी उन्होंने झारखंड की बात को पूरे देश के सामने दृढ़ता से रखी। शोक सभा में उपस्थित अधिकारियों ने अपने-अपने विचार साझा किए। आयुक्त के सचिव अमित कुमार ने कहा कि दिशोम गुरु के नेतृत्व में झारखंड की आत्मा को आवाज मिली। शिबू सोरेन का जीवन आदिवासी अस्मिता का प्रतीक रहा। उन्होंने संथाली, मुंडारी, उरांव, हो और अन्य जनजातीय समाजों के साथ-साथ सभी वंचित समाजों के सांस्कृतिक गौरव को पुनर्जीवित करने का कार्य किया। उनकी भाषा, वेशभूषा और परंपराओं को मान्यता दिलाने में उनकी अग्रणी भूमिका रही। क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी विभूति मंडल ने कहा कि उनके निधन से न केवल झारखंड बल्कि संपूर्ण भारत ने एक युगद्रष्टा नेता और समाज सुधारक को खो दिया है। सभा का समापन करते हुए प्रमंडलीय आयुक्त श्री डाडेल ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए सभी से सामूहिक प्रार्थना करने का आग्रह किया। मौके पर प्रशाखा पदाधिकारी राजेश कुमार, मो० अमजद हुसैन, प्रमोद कुमार मुर्मू, सहायक प्रशाखा पदाधिकारी-सह-आयुक्त के निजी सहायक सौरभ कुमार तिवारी, नाजिर आदित्य अभिषेक, विधान चक्रवर्ती, भादू देहरी, शुभम सौरभ, राहुल हांसदा, बाबूराम हेम्ब्रम, बाबुचाँद मुर्मू, आलम हांसदा, राजकिशोर मांझी, कुंदन कुमार, पंचानंद झा, प्रकाश राम, परमानंद रजक, परीक्षित शील, जलधर महाता आदि उपस्थित थे।
इधर शिबू सोरेन के निधन पर उपायुक्त आवास परिसर में शोक सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त अभिजीत सिन्हा सहित जिले के वरीय पदाधिकारी एवं कर्मियों ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। उपस्थित सभी ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की एवं दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)
Aug 07 2025, 19:24