सीतामढ़ी में उपेक्षित पड़ा उड़िया बाबा आश्रम:जर्जर दीवारें, बिना रंग-रोगन के खस्ताहाल, पर्यटन विकास की संभावनाएं बरक़रार
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नितेश श्रीवास्तव,भदोही। सीतामढ़ी में माता सीता मंदिर के समीप स्थित उड़िया बाबा आश्रम उपेक्षा का शिकार है। गंगा तट पर स्थित यह आश्रम पांच वर्ष पूर्व दिवंगत उड़िया बाबा की विरासत है। आश्रम की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है। दीवारें जर्जर हो चुकी है। वर्षों से रंग - रोगन नहीं हुआ है। सफाई व्यवस्था दयनीय स्थिति में हैं।
उड़िया बाबा ने स्वयं अपने हाथों से मंदिरों में मूर्तियों की स्थापना की थी। ये मूर्तियां आज भी भक्तों को आकर्षित करती है। सीतामढ़ी एक पौराणिक और धार्मिक नगरी है। यहां माता सीता का भव्य मंदिर श्रद्धालुओं का आस्था केंद्र है। निकट ही 108 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा है। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु और सैलानी यहां आते हैं। महर्षि वाल्मीकि का प्राचीन आश्रम भी माता सीता की समाधि स्थली के पास स्थित है। यहां भी ऐतिहासिक महत्व का स्थल है। लेकिन यहां भी पर्याप्त सुविधाओं का अभाव है। उड़िया बाबा आश्रम को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जा सकता है। इससे क्षेत्र की पहचान बनेगी।
स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। शासन - प्रशासन से इस धरोहर के जीणोद्धार की मांग की जा रही है।
May 13 2025, 18:04