टैरिफ वॉर के बीच एस जयशंकर और मार्को रुबियो के बीच हुई बातचीत, क्या मिलेगी राहत?
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत 100 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की है। जिसके बाद से दुनियाभर के बाजारों में इसका जोरदार असर देखा जा रहा है। ट्रंप के जवाबी टैरिफ लगाए जाने को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से बात की है। एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच फोन पर बातचीत हुई।
जयशंकर ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि उन्होंने और रुबियो ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने की अहमियत पर बात की। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि इस व्यापार समझौते को जल्दी से अंतिम रूप दिया जाए। जयशंकर ने कहा, हमने द्विपक्षीय व्यापार समझौते की जल्द समाप्ति पर बात की है। मुझे उम्मीद है कि हम इस दिशा में जल्द आगे बढ़ेंगे।उन्होंने यह भी कहा कि वह रुबियो के साथ संपर्क में बने रहेंगे।
जयशंकर और रुबियो के बीच यह बातचीत उस दिन हुई जब ट्रंप की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाने और संभावित व्यापार युद्ध की आशंका के चलते वैश्विक बाजार में गिरावट दर्ज की गई। यह अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह भारत सहित कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (भारत पर 26%) लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी।
बता दें कि चीन और कुछ अन्य देशों के उलट भारत ने रेसिप्रोकल टैरिफ नहीं लगाया है और इसके बजाय ऐसा व्यापार समझौता करने का रास्ता चुना है जो दोनों देशों के हितों और संवेदनशीलताओं को साध सके। चल रही बातचीत का मुख्य फोकस बाजार तक पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने और सप्लाई चेन के एकीकरण को मजबूत करने पर है।
ट्रंप ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत उन सभी देशों और साझेदारों पर जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जो अमेरिका से आयातित सामान पर टैरिफ लगा रहे हैं। इस फैसले के पीछे ट्रंप प्रशासन का मकसद व्यापार घाटे को कम करना और निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना है। भारत पर अमेरिका ने 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो पहले से लागू शुल्क के ज्यादा होगा।






Apr 08 2025, 15:33
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