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ढीली पड़ी बांग्लादेश की ऐंठन, पीएम मोदी से मुलाकात चाहते हैं मोहम्मद यूनुस

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बांग्लादेश एक तरफ तो भारत के दुश्मनों से नजदीकियां बढ़ा रहा है, वहीं भारत के साथ बेवजह की दुश्मनी पाल रहा है। अल्पसंख्यकों पर हिंसा और भारत के साथ संबंधों में तनाव के बीच बांग्लादेश ने भारत से संपर्क किया है। बांग्लादेश की तरफ से इच्छा जाहिर की गई है कि अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के साथ पीएम नरेन्द्र मोदी की मुलाकात हो जाए। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस अगले महीने थाईलैंड में आमने-सामने होने वाले हैं, लेकिन इस दौरान दोनों के बीच औपचारिक मुलाकात की संभावना नहीं है। मुलाकात को लेकर भारत की तरफ से इस बारे में कोई उत्साह नहीं दिखाया गया है।

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश ने अप्रैल के पहले हफ्ते में बैंकॉक में मोहम्मद यूनुस और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच एक द्विपक्षीय बैठक कराने को लेकर भारत से संपर्क किया है। दरअसल, दोनों देशों के नेता 2 से 4 अप्रैल तक बैंकॉक में आयोजित 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग ले सकते हैं। इसे देखते हुए बांग्लादेश ने दोनों नेताओं के बीच बैठक आयोजित कराने के लिए संपर्क किया है।

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बांग्लादेश के अंतरिम सरकार में विदेशी मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहिद हुसैन ने कहा, हमने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक आयोजित कराने को लेकर भारत के साथ कूटनीतिक संपर्क किया है।

भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव

बता दें कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही भारत के साथ रिश्तों में तनाव देखा जा रहा है। भारत ने बांग्लादेश के हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों के साथ ही बिगड़ती कानून व्यवस्था और चरमपंथियों की जेलों से रिहाई को लेकर चिंताओं को अंतरिम सरकार के सामने रखा है। वहीं, यूनुस सरकार ने भारत में मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मौजूदगी के बारे में चिंता जाहिर की है और उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है। इसके अलावा नदियों के पानी बंटवारे और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने जैसे मुद्दों को लेकर दोनों के बीच गतिरोध है।

भारतीय छात्र बदर खान के यूएस निर्वासन पर लगी रोक, ट्रंप सरकार के फैसले के आड़े आई अदालत

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अमेरिका की एक कोर्ट से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झटका लगा है। कोर्ट ने हमास से संबंध रखने के मामले में भारतीय छात्र बदर खान सूरी के निर्वासन प्रक्रिया को रोकने के आदेश दिए हैं। कथित तौर पर हमास का समर्थन करने के लिए जिन भारतीय शोधकर्ता पर निर्वासन की तलवार लटक रही थी। उन्हें अमेरिका के एक जज ने बड़ी राहत देते हुए उनके निर्वासन पर फिलहाल रोक लगा दी है। सूरी पर अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने हमास का प्रचार करने और यहूदी विरोधी बातें फैलाने का आरोप लगाया था। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने उन्हें देश से निकालने की कोशिश की, लेकिन अब अदालत ने इस कार्रवाई पर रोक लगी दी है।

बदर खान सूरी जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में शोधकर्ता हैं। उन्हें हाल ही में अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों ने हिरासत में लिया था। डीएचएस ने दावा किया कि सूरी सोशल मीडिया पर हमास का प्रचार कर रहे थे और उनकी एक संदिग्ध आतंकवादी से करीबी दोस्ती है, जो हमास का वरिष्ठ सलाहकार है। डीएचएस की सहायक सचिव ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, बदर खान सूरी सक्रिय रूप से हमास का प्रचार कर रहे हैं और यहूदी विरोधी बातें फैला रहे हैं। उनकी एक संदिग्ध आतंकवादी से नजदीकी है।

सूरी ने अपने निर्वासन के खिलाफ अदालत में अपील की। है। अमेरिका के मानवाधिकार संगठन अमेरिकन सिविल लिबर्ट्रीज यूनियन ने भी इस मामले में एक याचिका दायर की थी। अब गुरुवार को वर्जीनिया अदालत की जज पैट्रिसिया टोलिवर जाइल्स ने अपने आदेश में बद्र खान सूरी के निर्वासन पर अदालत के अगले आदेश तक रोक लगा दी है। सूरी को लुइसियाना के एक डिटेंश सेंटर में हिरासत में रखा गया बदर खान सूरी को सोमवार को उनके अर्लिंगटन स्थित आवास से हिरासत में लिया गया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सूरी के वकील हसन अहमद ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि सूरी को उनकी फिलिस्तीनी मूल की पत्नी की विरासत के कारण दंडित किया जा रहा है। उनकी पत्नी मेफेज सालेह गाजा मूल की हैं। फिलहाल वह जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के समकालीन अरब अध्ययन केंद्र में प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। उन्होंने फिलिस्तीन स्थित गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय से पत्रकारिता और सूचना में स्नातक की डिग्री ली है। उन्होंने भारत में नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में नेल्सन मंडेला सेंटर फॉर पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट रेजोल्यूशन से संघर्ष विश्लेषण और शांति स्थापाना में मास्टर्स डिग्री भी प्राप्त की है।

बदर खान सूरी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में पोस्ट डॉक्टरल शोधकर्ता है। उन्हें सोमवार रात वर्जीनिया में उनके घर के बाहर संघीय एजेंटों ने गिरफ्तार किया था। उन्हें लुइसियाना में हिरासत केंद्र में रखा गया है। सूरी पर आरोप है कि उसके हमास के साथ संबंध हैं और सोशल मीडिया पर अमेरिका में यहूदी विरोधी भावना फैलाई।

दिशा सालियान मौत मामले में क्यों आ रहा आदित्य ठाकरे का नाम? महाराष्ट्र में नया सियासत बवाल

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दिशा सालियान मर्डर केस एक बार फिर सुर्खियों में है। 8 जून 2020 को दिशा की मौत हुई। इसके 6 दिन एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की लाश उनके कमरे में मिली। दिशा सुशांत की मैनेजर रह चुकी थी। दिशा की मौत का केस इस बार सुर्खियों में इसलिए आया, क्योंकि उसके पिता सतीश ने बेटी की मौत की नए एंगल से जांच करने की मांग की है। हालांकि 5 साल पहले सतीश ने दिशा की मौत को सुसाइड मान लिया था, लेकिन अब उनका कहना है कि उन्हें सुसाइड मानने के लिए मजबूर किया गया था।

दिशा के पिता सतीश सालियान ने अपनी बेटी की मौत की नए सिरे से जांच की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है और आदित्य ठाकरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने याचिका में दिशा सालियान के अंतिम संस्कार की तस्वीरों को भी अदालत में अपनी याचिका के साथ अटैच किया है। इस याचिका में वकील का कहना है कि जब दिशा का पार्थिव शरीर उसके परिवार को सौंपा गया, तब उसके शरीर पर किसी भी चोट या घाव के निशान नहीं थे, जबकि मालवणी पुलिस ने दावा किया था कि दिशा की मौत के समय उसका शरीर खून से लथपथ था।

दिशा की मौत मामले में आदित्य ठाकरे का नाम आ रहा है।सतीश सालियान ने कोर्ट में याचिका दायर कर आदित्य ठाकरे समेत कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आदित्य ठाकरे और पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई है। दिशा सालियान के पिता ने बेटी की हत्या का दावा करते हुए आदित्य ठाकरे, एक्टर सूरज पंचोली और डिनो मोर्या पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि मुंबई पुलिस ने हकीकत को छुपाने की कोशिश की है। सतीश सालियान ने आदित्य ठाकरे पर ये भी आरोप लगाया है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उन्होंने रिया चक्रवर्ती से 44 बार फोन पर फोन किया था।

परिवार को नजरबंद रखने का आरोप

सतीश सालियान ने याचिका में कहा है कि दिशा की मौत अचानक नहीं हुई। पहले उनके साथ गैंगरेप हुआ और फिर उनका मर्डर कर दिया गया। सतीश ने कहा-'दिशा अपने करियर को लेकर काफी सीरियस थीं, ऐसे में उनका सुसाइड करना मुमकिन नहीं है। उस समय मुझे ये विश्वास दिलाया गया कि मेरी बेटी की मौत एक हादसा थी। पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर, मालवणी पुलिस थाने के अधिकारी लगातार इस बात पर जोर दे रहे थे कि वे जो बात कह रहे हैं, वो सच है। इन्हीं लोगों ने मेरे परिवार को लगातार दबाव में रखा और नजरबंद किया था। हमारी हर एक्टिविटी पर उनकी नजर थी।

8 जून की पार्टी में आदित्य ठाकरे भी थे शामिल?

याचिका में ये भी कहा गया है कि मुंबई पुलिस ने दिशा के गैंगरेप और मर्डर को दबाने की कोशिश की। इसके लिए पुलिस ने सभी गवाह, फोरेंसिक रिपोर्ट, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जैसी सारी चीजें फर्जी तरीके से तैयार कीं। चश्मदीदों के मुताबिकर 8 जून 2020 की रात दिशा के मालवणी वाले घर पर एक पार्टी थी जिसमें उसके कुछ करीबी दोस्त शामिल हुए थे। इस दौरान आदित्य ठाकरे, एक्टर सूरज पंचोली और डिनो मोरिया भी दिशा के घर पहुंचे थे। इस घटना के बाद ही दिशा को मौत के घाट उतार दिया गया।

नितेश राणे ने लगाया बड़ा आरोप

इधर, बीजेपी विधायक नितेश राणे ने दावा किया कि दिशा सालियान मामले को लेकर उद्धव ठाकरे ने उनके पिता नारायण राणे को दो बार फोन कर मदद की गुहार लगाई थी। नितेश राणे ने कहा, उद्धव ठाकरे ने नारायण राणे से कहा था कि तुम्हारे भी दो बच्चे हैं, मेरे भी दो बच्चे हैं। अगर आदित्य ठाकरे निर्दोष हैं, तो उन्हें कैमरे के सामने आकर यह कहना चाहिए कि 8 जून 2020 को वे कहां थे।

राणे ने यह भी दावा किया कि दिशा सालियान के पिता के अनुसार इस मामले में तीन मास्टरमाइंड हैं - आदित्य ठाकरे, सूरज पंचोली और डिनो मोर्या। उन्होंने कहा, अब मैं यह आरोप नहीं लगा रहा, बल्कि दिशा सालियान के पिता खुद यह आरोप लगा रहे हैं।

ताइवान ने भारत को दिया ऑफर, चीन के साथ व्यापार घाटा कम करने में मदद का भरोसा

#taiwanindiaeconomic_partnership

ताइवान के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) सु चिन शू भारत दौरे पर हैं। सु चिन शू भारत के प्रमुख सम्मेलन, रायसीना डायलॉग में भाग लेने के लिए दिल्ली में हैं। उन्होंने इस दौरान दोनों पक्षा के बीच व्यापार पर बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि भारत और ताइवान के बीच आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने के लिए एक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने की जरूरत है। इससे न केवल भारत को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए चीन पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि उच्च तकनीक वाले क्षेत्रों में ताइवानी कंपनियों के निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।

सू चिन शू ने भारत में अपने दौरे के बीच प्रतिष्ठित रायसीना डायलॉग में भाग लिया और वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों से भी वार्ता की। इस दौरान गुरुवार को पीटीआई को दिए एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि भारत की विशाल युवा आबादी और ताइवान की तकनीकी विशेषज्ञता मिलकर एक मजबूत आर्थिक साझेदारी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत को अब चीन से आयात करने के बजाय इलेक्ट्रॉनिक और इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी उत्पादों का उत्पादन खुद करना चाहिए और इसमें ताइवान उसकी मदद कर सकता है। इससे भारत को मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती देने का मौका मिलेगा।

सू चिन शू ने कहा कि ताइवान की प्रौद्योगिकी और भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश के बीच तालमेल बिठाकर भारत में उच्च-स्तरीय प्रौद्योगिकी वाले घटकों का उत्पादन किया जा सकता है, जिससे नई दिल्ली को चीन से आयात कम करने में मदद मिलेगी।

ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने भारत-ताइवान संबंधों को बेहतर बनाने के तरीकों पर अपने भारतीय वार्ताकारों के साथ बंद कमरे में बैठक भी की।सु ने कहा, मुझे लगता है कि संबंधों के विस्तार की काफी संभावनाएं हैं, विशेषकर आर्थिक सहयोग के मामले में।

भारत-चीन व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा

भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा काफी बड़ा है। आंकड़ों के अनुसार, भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2023-24 में भारत ने चीन से लगभग 101.75 अरब अमेरिकी डॉलर के उत्पाद आयात किए, जबकि निर्यात मात्र 16.65 अरब डॉलर का ही रहा। भारत चीन से मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कंप्यूटर हार्डवेयर, दूरसंचार उपकरण, रसायन और दवा उद्योग के कच्चे माल का आयात करता है। ताइवान इस क्षेत्र में भारत की मदद कर सकता है, क्योंकि यह विश्व के कुल सेमीकंडक्टर उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत और उच्चतम तकनीक वाले चिप्स का 90 प्रतिशत से अधिक उत्पादन करता है। ये चिप्स स्मार्टफोन, ऑटोमोबाइल, डेटा सेंटर, रक्षा उपकरण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी कई अहम तकनीकों में इस्तेमाल किए जाते हैं।

व्यापार समझौता भी चाहता है ताइवान

ताइवान भारत के साथ एक व्यापार समझौता करने को उत्सुक है, जिसकी पहल लगभग 12 वर्ष पहले हुई थी। शू ने बताया कि ताइवान की कंपनियां भारत में निवेश करने की इच्छुक हैं, लेकिन उच्च आयात शुल्क एक बड़ी बाधा है। अगर एक व्यापार समझौता किया जाता है, तो यह दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होगा।

ताइवान की कई प्रमुख कंपनियां अपने उत्पादन संयंत्रों को चीन से हटाकर यूरोप, अमेरिका और भारत में ट्रांसफर करने पर विचार कर रही हैं। इसका एक कारण अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव और दूसरा ताइवान के प्रति चीन के आक्रामक रुख को लेकर चिंताएं हैं। सू चिन शू का मानना है कि ताइवान की उन्नत तकनीक और भारत की विशाल श्रमशक्ति मिलकर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका को और मजबूत कर सकती है।

दुश्मनों की नहीं लगेगी “बुरी नजर”, सेना के पास होंगी दुनिया की सबसे ज्यादा रेंज वाली तोपें

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रक्षा क्षेत्र में भारत सरकार ने एक महत्त्वपूर्ण फैसला लिया है।भारतीय सेना के लिए 155 एमएम कैलिबर की अडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) की खरीद को कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी ने मंजूरी दे दी है। ये स्वदेशी गन सिस्टम है जिसे डीआरडीओ ने डिवेलप किया है। भारतीय सेना के लिए इस गन सिस्टम की डील करीब 7000 करोड़ रुपये की है। डील 307 हावित्जर की है। सरकार की इस पहल को आर्टिलरी गन निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

यह गन पूरी तरह से स्वदेशी हैं। कुल 307 हावित्जर तोपों की खरीद स्वदेशी कंपनी से की जा रही है। इन तोपों की मारक क्षमता दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा सेना की 15 आर्टिलरी रेजिमेंटों को हथियार देने के लिए 327 गन-टोइंग व्हीकल्स की डील भी की जाएगी। टीओआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस डील पर अगले हफ्ते ही साइन होने की उम्मीद है।

जो तोपें सेना को दी जाएंगी, उन ATAGS को देश में डिजाइन और डेवलेप किया गया है। डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने इसे डेवलेप किया है, जबकि इसका उत्पादन प्राइवेट कंपनी भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स करेंगे। भारत अब डिफेंस सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों को आगे बढ़ रहा है, इसलिए इन 307 तोपों का उत्पादन दोनों प्राइवेट कंपनियों को सौंप दिया गया है। जहां भारत फोर्ज 60 फीसदी तोपों का उत्पादन करेगी, वहीं टाटा एडवांस्ड 40 फीसदी तोपें बनाएगी।

आर्टिलरी गन में इस्तेमाल 65 फीसदी से अधिक पार्ट्स को घरेलू स्तर पर तैयार किया गया है। इनमें बैरल, ब्रीच मैकेनिज्म, फायरिंग, रिकॉइल सिस्टम और गोला-बारूद हैंडलिंग मैकेनिज्म शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट से न केवल भारत के रक्षा उद्योग को मजबूत मिलेगी बल्कि विदेश पर निर्भरता भी कम होगी। ATAGS भारतीय सेना में पुरानी 105 मिमी और 130 मिमी की तोपों की जगह लेंगी। इससे सेना का तोपखाना आधुनिक होगा।

करगिल युद्ध के बाद सेना का आधुनिकीकरण करने की दिशा में कदम बढ़ाए गए। सेना की आर्टिलरी यानी तोपखाने को और मजबूत किया गया और स्वदेशी तोपों को भी सेना में शामिल किया गया। भारतीय सेना के पास अब 155 Mm अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर M-777 गन भी हैं। इसकी खास बात ये है कि ये इतनी हल्की है कि हेलिकॉप्टर के जरिए हाई ऑल्टिट्यूट इलाके में पहुंचाया जा सकता है।

एलन मस्क की कंपनी 'एक्स' ने किया भारत सरकार पर मुकदमा, जानें पूरा मामला

#elonmusksxfilecaseagainstmodi_govt

एलन मस्क की कंपनी एक्स कॉर्प ने भारत सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) की धारा 79(3)(बी) को चुनौती दी गई है। कंपनी का आरोप है कि यह नियम सरकार को अनुचित और गैरकानूनी सेंसरशिप लागू करने की शक्ति देता है, जिससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के संचालन पर गंभीर असर पड़ रहा है। एक्स का तर्क है कि यह नियम सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों का उल्लंघन करता है और ऑनलाइन स्वतंत्र अभिव्यक्ति को कमजोर करता है।

आईटी एक्ट की धारा 79(3)(बी) के तहत सरकार को यह अधिकार है कि वह कुछ खास परिस्थितियों में इंटरनेट पर मौजूद कंटेंट को हटाने या ब्लॉक करने का आदेश दे सकती है। यदि कोई प्लेटफॉर्म 36 घंटों के भीतर अनुपालन करने में विफल रहता है, तो उसे धारा 79(1) के तहत और उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) सहित विभिन्न कानूनों के तहत जवाबदेह ठहराया जा सकता है। यह नियम ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को अवैध सामग्री को हटाने के लिए जवाबदेह बनाने के लिए डिजाइन किया गया है और यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि ऑनलाइन सामग्री कानूनी और नैतिक मानकों का पालन करती है।

हालांकि, एक्स कॉर्प का दावा है कि सरकार इस प्रावधान का दुरुपयोग कर रही है। कंपनी के मुताबिक, कंटेंट हटाने के लिए सरकार को लिखित में ठोस कारण बताना चाहिए, प्रभावित पक्ष को सुनवाई का मौका देना चाहिए और इस फैसले को कानूनी रूप से चुनौती देने का अधिकार भी होना चाहिए। एक्स ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत सरकार ने इनमें से किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।

सेंसरशिप के लिए कानून के दुरुपयोग का आरोप

एक्स ने आरोप लगाया है कि सरकार उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना मनमाने ढंग से सेंसरशिप लागू करने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रही है। एक्स का मानना है कि यह प्रावधान सरकार को सामग्री को नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक शक्ति प्रदान करता है और ऑनलाइन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कमजोर करता है।

ग्रोक को लेकर गहराया विवाद

यह विवाद तब और गहरा गया, जब केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक्स कॉर्प से उसके एआई चैटबॉट ग्रोक को लेकर स्पष्टीकरण मांगा। ग्रोक, जिसे एक्स की मूल कंपनी xAI ने विकसित किया है, हाल ही में कुछ सवालों के जवाब में अभद्र भाषा और गालियों का इस्तेमाल करता पाया गया। भारत सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए कंपनी से जवाब तलब किया है।

बता दें कि एलन मस्क के एआई चैटबॉट ग्रोक ने हाल ही में उपयोगकर्ताओं की तरफ से उकसाने के बाद हिंदी में अपशब्दों से भरी प्रतिक्रिया दी।

पहेल भी हो चुका है तनाव

इससे पहले भी साल 2022 में सरकार ने धारा 69ए के तहत एक्स को कुछ कंटेंट हटाने का निर्देश दिया था, जिसे लेकर कंपनी और सरकार के बीच तनाव देखा गया था।

दिल्ली में मंदिरों पर होगा “बुलडोजर एक्शन”!, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

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दिल्ली के मयूर विहार क्षेत्र में बुधवार रात उस समय भारी हंगामा हो गया। जब बुधवार रात तीन बजे तीन मंदिरों को तोड़ने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) टीम बुलडोजर लेकर पहुंची। डीडीए के साथ भारी सुरक्षा बल भी मौके पर पहुंचा। स्‍थानीय लोगों को इस मामले की जानकारी होते ही आक्रोश फैल गया। लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। लोगों ने डीडीए टीम का जमकर विरोध किया। हंगामे और नारेबाजी की सूचना पर पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज से भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद विधायक रविंद्र सिंह नेगी सीएम रेखा गुप्ता को मामले की जानकारी दी। इसपर सीएम रेखा गुप्ता ने कार्रवाई को तत्‍काल रोकने का आदेश देकर डीडीए टीम को बैरंग लौटा दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

इस बीच डीडीए के नोटिस को लेकर लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस मामले पर कोर्ट ने कहा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते। वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि जहांगीर पुरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा हाई कोर्ट जाइए। इसी के साथ याचिका खारिज कर दी गई।

देर रात दाखिल हुई याचिका को विशेष अनुरोध पर सुबह 3 जजों की बेंच के सामने सूचीबद्ध किया गया था। बेंच के अध्यक्ष जस्टिस विक्रम नाथ ने शुरू में याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर जैन से दोपहर 2 बजे सुनवाई की बात कही। उन्होनें यह भी कहा कि वह अपनी याचिका की कॉपी दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के वकील को दें ताकि वह इस पर पक्ष रख सकें, लेकिन इसके तुरंत बाद जस्टिस विक्रम नाथ ने अपने साथी जजों जस्टिस संजय करोल और संदीप मेहता से बात की और उनका रुख बदल गया। उन्होंने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि उन्हें हाई कोर्ट जाना चाहिए।

35 साल पुराने हैं मंदिर

वकील विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि बुधवार रात 9 बजे अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक नोटिस चिपकाया गया था। उन्हें सूचित किया गया था कि 20 मार्च 2025 को सुबह चार बजे मंदिरों को ध्वस्त कर दिया जाएगा। याचिका में कहा गया है कि डीडीए के किसी भी अधिकारी या किसी भी धार्मिक समिति द्वारा मंदिरों को सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया। याचिका में कहा गया है कि मंदिर 35 साल पुराने हैं।

ग्रीन बेल्ट में बने हैं तीनों मंदिर

दरअसल, दिल्ली के मयूर विहार फेज 2 क्षेत्र स्थित संजय झील पार्क में 3 मंदिर स्‍थापित हैं। स्‍थानीय निवासियों का कहना है कि ये मंदिर 40 साल पुराने हैं। जबकि डीडीए के हॉर्टिकल्चर विभाग इन मंदिरों को अवैध बता रहा है। डीडीए टीम का कहना था कि मंदिरों को ग्रीन बेल्ट में बनाया गया है।

युजवेंद्र चहल और धनश्री का हुआ तलाक, शादी के चार साल बाद जुदा हुईं राहें

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टीम इंडिया के स्पिनर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा का तलाक हो गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर गुरुवार को बांद्रा फैमिली कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाया और शादी को बिना किसी कूलिंग पीरियड के खत्म करने की मंजूरी दे दी। चहल और यूट्यूबर/डांसर धनश्री ने दिसंबर 2020 में शादी की थी। अब शादी के करीब 4 साल दोनों आधिकारिक तौर पर अलग हो गए हैं।

चहल और धनश्री के तलाक पर चहल का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट नितिन कुमार गुप्ता ने कहा, कोर्ट ने तलाक की डिक्री मंजूर कर ली है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की संयुक्त याचिका स्वीकार कर ली है। अब दोनों पक्ष पति-पत्नी नहीं रहे। वकील ने बताया कि दोनों का मैचुअल डिवोर्स हुआ है।

चहल और धनश्री की शादी 24 दिसंबर 2020 को हुई थी। इन दोनों की पहली बातचीत सोशल मीडिया के जरिए हुई थी। चहल और धनश्री सोशल मीडिया के जरिए दोस्त बने और फिर शादी कर ली। लेकिन यह रिश्ता ज्यादा चल नहीं सका। तीन-चार महीने पहले ही दोनों के रिश्तों में दरार की खबरें आनी शुरू हुई थीं, जब उन्होंने एक-दूसरे को इंस्टाग्राम पर अनफॉलो कर दिया था। इसके बाद से ही लगातार अफवाहें उड़ती रहीं।

पिछले कुछ महीनों से दोनों अलग रह रहे थे। दोनों ने इस साल आपसी सहमति से तलाक के लिए अर्जी दायर की थी। इसके साथ ही उन्होंने छह महीने की अनिवार्य कूलिंग पीडियड माफ करने की मांग भी की थी। हालांकि, पारिवारिक अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया था, जिससे तलाक की प्रक्रिया जल्द पूरी होने का रास्ता साफ हो गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को चहल और धनश्री को तलाक के समय छह महीने की कूलिंग पीरियड से छूट देने की याचिका को मंजूरी दे दी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पारिवारिक अदालत को चहल और धनश्री की तलाक याचिका पर 20 मार्च तक फैसला करने का निर्देश दिया था।

हाल ही में हुए चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में चहल आरजे महवश के साथ दुबई में मैच देखते दिखे थे। दोनों साथ बैठे नजर आए थे। धनश्री से तलाक की अटकलों के बीच दोनों के साथ दिखने से चर्चा का माहौल गर्म हो गया था। ये दोनों पहले भी एक बार डिनर पर साथ दिख चुके हैं।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर-दंतेवाड़ा में नक्सलियों पर बड़ा प्रहार, मुठभेड़ में 20 से ज्यादा नक्सली ढेर

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर जिले में नक्सलियों पर बड़ी कार्रवाई हुई है। अलग-अलग मुठभेड़ में 22 नक्सली मारे गए। वहीं, एक जवान बलिदान हो गया है। इस दौरान भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री बरामद किए गए हैं। बीजापुर पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है।

बीजापुर पुलिस ने बताया कि बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा पर गंगालूर पुलिस थाने के अंतर्गत वन क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान 18 नक्सली मारे गए हैं। वहीं चार नक्सलियों को कांकेर में मार गिराया गया।हालांकि इसमें एक जवान भी शहीद हो गए। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने पुष्टि की है।

जिला बीजापुर और दंतेवाड़ा के सरहदी में थाना गंगालूर क्षेत्रान्तर्गत माओवादी विरोधी अभियान पर संयुक्त टीम निकली थी।अभियान के दौरान आज सुबह 7 बजे माओवादियों ने हमला कर दिया. फिर माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर के गंगालूर इलाके के एंड्री के जंगलों में ये मुठभेड़ हुई है।पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब सुरक्षाबलों का एक संयुक्त दल गंगालूर थाना क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान पर था।

एडीजी नक्सल विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद के साथ 22 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ में बीजापुर डीआरजी का एक जवान शहीद हो गया। बताया जा रहा है कि शहीद जवान का नाम राजू ओयामी है। फिलहाल, क्षेत्र में मुठभेड़ और सर्चिंग जारी है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘नक्सलमुक्त भारत अभियान’ की दिशा में आज हमारे जवानों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में हमारे सुरक्षाबलों के दो अलग-अलग ऑपरेशन्स में 22 नक्सली मारे गए। मोदी सरकार नक्सलियों के खिलाफ रुथलेस अप्रोच से आगे बढ़ रही है और समर्पण से लेकर समावेशन की तमाम सुविधाओं के बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। अगले साल 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होने वाला है।

हमने उन्हें बेनकाब कर दिया”...,टैरिफ पर ट्रंप ने भारत को लेकर दिया बड़ा बयान

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को लेकर धमकी भरे अंदाज में बात की है। ट्रंप ने दो अप्रैल से भारत पर भी टैरिफ वाला “चाबुक” चलाने की बात दोहराई है। ट्रंप ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि भारत, अमेरिकी सामान पर लगने वाले टैरिफ को कम करेगा। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अगर भारत ऐसा नहीं करता है तो 2 अप्रैल से उनकी सरकार भी भारत पर उतना ही टैरिफ लगाएगी, जितना भारत द्वारा लगाया जाता है।

अमेरिकी समाचार वेबसाइट ‘ब्रेइटबार्ट न्यूज’ के साथ साक्षात्कार में ट्रंप ने भारत के साथ अमेरिका के संबंधों पर चर्चा की। वेबसाइट ने ट्रंप के हवाले से कहा, भारत के साथ उनके बेहद अच्छे संबंध हैं। लेकिन, मेरी एकमात्र समस्या यह है कि वह दुनिया में सबसे अधिक शुल्क लगाने वाले देशों में से एक हैं।

ट्रंप ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि भारत, अमेरिकी सामान पर लगने वाले टैरिफ को कम करेगा। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अगर भारत ऐसा नहीं करता है तो 2 अप्रैल से उनकी सरकार भी भारत पर उतना ही टैरिफ लगाएगी, जितना भारत द्वारा लगाया जाता है।

बता दें कि ट्रंप पहले ही एलान कर चुके हैं कि 2 अप्रैल से वे भी व्यापार सहयोगी देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाएंगे। भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर को लेकर ट्रंप ने कहा कि यह शानदार देशों का समूह है, जो उन देशों का मुकाबला करेगा, जो हमारे व्यापार को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर पर बीते महीने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर भी अहम बातचीत हुई थी।

इससे पहले ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत अपने शुल्क में काफी कटौती करने पर सहमत हो गया है। उन्होंने अपना यह दावा भी दोहराया था कि अमेरिका पर भारत भारी शुल्क लगाता है, जिससे वहां उत्पाद बेचना मुश्किल हो जाता है।