जम्मू LOC में शहीद हुए कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी का पार्थिव शरीर पहुंचा झारखंड, रांची एयरपोर्ट पर दी गई श्रद्धांजलि
जम्मू में एलओसी के पास गश्त के दौरान आईईडी ब्लास्ट में हुए थे शहीद, 5 अप्रैल को थी शादी
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रांची : जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LOC) के पास मंगलवार 11 फरवरी को आईईडी विस्फोट हुआ। इसमें सेना के दो जवान सहित झारखंड लाल कैप्टन सरदार करमजीत सिंह बक्शी उर्फ पुनीत शहीद हो गये।
एलओसी पर हलचल देखते हुए इलाके में घुसपैठ रोकने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पिछले चार दिनों में जम्मू क्षेत्र में आतंकियों का यह तीसरा हमला है। वहीं जम्मू में शहीद हुए कैप्टन करमजीत सिंह बख्शी की पार्थिव शरीर रांची लाया गया जिसके बाद यहां से उनके आवास हजारीबाग ले जाया जाएगा। कैप्टन करमजीत सिंह की पढ़ाई गुवाहाटी में हुई थी। वे 2023 में सेना में भर्ती हुए थे। एयरपोर्ट पर उनके पार्थिव शरीर पुलिस के अधिकारी, रांची सिटी एसपी राजकुमार मेहता, रांची डीसी मंजूनाथ भजन्त्री, गृह विभाग की सचिव वंदना ददेल, समेत सेवा के कई बड़े अधिकारियों ने पुष्प गुच्छ देकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। वहीं राज्य के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर और राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने भी उनके परिजनों से मिल कर, उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प कुछ देकर श्रद्धा सुमन अर्पित की।
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करमजीत सिंह के पार्थिव शरीर को लेने आए उनके परिजन में मां पिता और बहन पहुंचे। पार्थिव शरीर के पास पहुंचकर उनकी मां ने नारा लगाया जो बोले सो निहाल सरसिया काल, वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह, इस गमगीन माहौल में भी परिजन ने अपने आप को ढाढस बंधा।
बता दे कि उनके पिता का टेंट हाउस का है व्यवसाय है। करमजीत सिंह के पिता अजेंद्र सिंह का हजारीबाग में ही क्वालिटी टेंट हाउस का व्यवसाय करते है। शाहिद करमजीत सिंह का 5 अप्रैल को शादी था। इसकी तैयारी को लेकर 16 जनवरी को ही वह अपने घर आए हुए थे। 24 जनवरी को वो ड्यूटी ज्वाइन किए थे। उनकी बहन जसमीत ने बताया कि करमजीत सिंह बचपन से ही आर्मी में जाना चाहते थे। देश के लिए शहीद हुए उनको अपने भाई पर बड़ा गर्व है।
Feb 12 2025, 21:45