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यूपी के बड़ौत में निर्वाण महोत्सव का मंच गिरा, सात की मौत, 75 घायल
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में बागपत जिले के बड़ौत में जैन समाज के निर्वाण महोत्सव के दौरान मंगलवार की सुबह बड़ा हादसा हो गया। मान स्तंभ पर लड्डू चढ़ाने के दौरान मंच गिरने से करी ब 75 लोग घायल हो गए, जबकि अब तक सात लोगों की मौत हो गई है। घायलों में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हैं। घायलों को आसपास के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घायलों में पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। सूचना एसपी और एडिशनल एसपी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे हैं। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने बैठ गई मिट्टी

जानकारी के अनुसार बड़ौत शहर कोतवाली इलाके के गांधी रोड पर यह दर्दनाक हादसा हुआ है। श्री दिगंबर जैन डिग्री कॉलेज के मैदान पर निर्वाण महोत्सव के तहत यहां धार्मिक कार्यक्रम होना था, यहां 65 फीट ऊंचा मंच बनाया गया था। इसकी सीढ़ियां टूट गईं। जिससे भगदड़ मच गई।सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 75 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों को अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि श्रद्धालु अधिक पहुंचने से मिट्टी बैठ गई। मंच पर श्रद्धालु ज्यादा चढ़ गए थे। जिससे बल्लियां भी टूट गईं। मंच भीड़ का दबाव नहीं झेल सका।

करीब 40 फीट ऊंचा मंच भरभरा कर गिरा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनहानि पर दुख प्रकट किया है। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि मौके पर पहुंचकर पीड़ितों को हर प्रकार की मदद पहुंचाई जाए। घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराएं। बताया गया है कि श्रद्धालु क्षमता से अधिक संख्या में मान स्तंभ पर लड्डू चढ़ाने पहुंच गए। इस वजह से करीब 40 फीट ऊंचा मंच भरभरा गया। स्थानीय लोगों ने घायलों को फौरन बड़ौत सीएससी और निजी आस्था अस्पताल में भर्ती कराया। 20 घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।

पूरे मामले की जांच को दिये गए निर्देश

30 से अधिक लोगों का उपचार चल रहा है। गंभीर रूप से घायल कुछ लोगों को दिल्ली रेफर किया गया है।सूचना मिलते ही जिलाधिकारी अस्मिता लाल, पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय और एडिशनल एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।बागपत जिला अस्पताल को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सभी चिकित्सीय सेवाओं के लिए डॉक्टर मौके पर मौजूद हैं। प्रशासन ने कहा है कि घटना की जांच कराने के आदेश दिए गए हैं।

इस हादसे में इनकी चली गई जान

इस हादसे में तरसपाल (66) पुत्र हुकमचंद गांधी रोड इमली वाली गली, अमित (35) पुत्र नरेश चंद, अरुण(48) पुत्र केशव राम ऊषा (24) पत्नी सुरेंद्र, शिल्पी (24),  पुत्री सुनील जैन, विनीत जैन (40) पुत्र सुरेंद्र, कमलेश जैन (65) पत्नी सुरेश चंद की मौत हो गई है। ये आयोजन करीब 25 वर्षों से हर वर्ष होता है। जहां आयोजन हो रहा था वहां तभी भराव हुआ था। मिट्टी में नमी थी। आयोजन स्थल पर बनाए गए मंच पर श्रद्धालु अधिक संख्या में चढ़ने से बल्लियों का बैलेंस बिगड़ गया और रस्सियां टूट गई।
लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर भीषण हादसा, ट्रक से भिड़ी कार; एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत

लखनऊ । आगरा के फतेहाबाद में लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर सोमवार सुबह भीषण हादसा हो गया। कुंभ स्नान कर कार से जा रहे परिवार की कार हादसे का शिकार हो गई। बताया गया है कि कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई। इसके बाद कार दूसरी लाइन में चली गई और सामने से आ रहे ट्रक से भिड़ गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार सवार पूरे परिवार की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने कार में फंसी पति-पत्नी के साथ मासूम बेटे और बेटी की लाश को बाहर निकाला। पुलिस ने शिनाख्त के  बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

ये हादसा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के 31 किमी पर हुआ। बताया गया है कि थाना फतेहाबाद क्षेत्र में कार अचानक रोड के दूसरी तरफ जाकर सामने से आ रहे मिली ट्रक से  टकरा गई। हादसे में मौके पर ही कार सवार बच्चों सहित चार की मौत हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। हादसे के बाद एक्सप्रेस-वे पर दोनों क्षतिग्रस्त वाहनों की वजह से जाम हो गया। पुलिस ने क्रेन की सहायता से वाहनों के हटवाने के बाद मार्ग सुचारू कराया। इसके साथ ही मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा भेजा है।

पुलिस ने बताया कि ये परिवार दिल्ली के उत्तम नगर का रहने वाला है, जो कुंभ स्नान कर वापस लौट रहा था। हादसे में एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हुई है। पुलिस ने बताया मृतकों में ओमप्रकाश आर्या उम्र करीब 42 वर्ष, उनकी पत्नी पूर्णिमा सिंह उम्र 34 वर्ष, 12 वर्षीय बेटी अहाना और चार वर्ष का बेटा विनायक है।
पुलिस मुख्यालय में डीजीपी प्रशांत कुमार ने फहराया तिरंगा
लखनऊ ।पुलिस महानिदेशक यूपी (डीजीपी) प्रशांत कुमार द्वारा रविवार को तिलक मार्ग, स्थित आवास व कैम्प कार्यालय, लखनऊ एवं पुलिस मुख्यालय गोमती नगर विस्तार के प्रांगण में गणतन्त्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया तथा शपथ दिलायी गयी। इस अवसर पर बेहतर कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया गया।

पुलिस के अधिकारी एवं कर्मचारियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी

डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि आज 76वें गणतंत्र दिवस के इस ऐतिहासिक अवसर पर, सबसे पहले मैं हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, संविधान के निर्माताओं, और उन सभी को नमन करता हूं जिन्होंने हमारे लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपना योगदान दिया।आज सम्पूर्ण देश राष्ट्रप्रेम की भावना से अभिभूत होकर गरिमामयी रूप से पूरे हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रीय पर्व मना रहा है।  इस गौरवपूर्ण अवसर पर मैं उत्तर प्रदेश पुलिस के सभी जवान एवं उनके परिवारीजन को हार्दिक बधाई देता हूं।

हमारा संविधान, जो 75 वर्ष पहले अपनाया गया था

डीजीपी ने कहा कि हमारा संविधान, जो 75 वर्ष पहले अपनाया गया था, केवल एक दस्तावेज नहीं है। यह हमारे लोकतंत्र की आत्मा है। यह एक पवित्र समझौता है जो राज्य और उसके नागरिकों के बीच है। यह न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों का प्रतीक है। एक पुलिस अधिकारी के रूप में, यह हमारा प्राथमिक कर्तव्य है कि हम इन संवैधानिक मूल्यों को अपने हर कार्य में, हर निर्णय में और जनता के साथ हर बातचीत में लागू करें।

पुलिसिंग केवल कानून लागू करने तक सीमित नहीं

पुलिसिंग केवल कानून लागू करने तक सीमित नहीं है; यह लोगों की सेवा करने, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनकी गरिमा बनाए रखने का कार्य है। हमारे संविधान का अनुच्छेद 21 हर नागरिक को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार देता है, और हम, कानून के रक्षक, इस अधिकार के संरक्षक हैं। जब भी हम किसी कमजोर व्यक्ति की रक्षा करते हैं, किसी विवाद का समाधान करते हैं, या किसी अपराध को रोकते हैं, हम संविधान को जीवंत बनाते हैं।

हमारा संविधान “हम भारत के लोग“ से शुरू होता है: प्रशांत कुमार

डीजीपी ने कहा कि हमें यह भी याद रखना चाहिए कि यह पवित्र कर्तव्य बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है। यह हमसे सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता और सहानुभूति की अपेक्षा करता है। हमारा संविधान “हम भारत के लोग“ से शुरू होता है, और यह हमें याद दिलाता है कि हमारी सर्वोच्च निष्ठा उन लोगों के प्रति है जिनकी हम सेवा करते हैं। वे केवल आंकड़े या मामले नहीं हैं-वे अधिकारों, सपनों और आकांक्षाओं वाले व्यक्ति हैं।

हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है : डीजीपी

हमारे दिन-प्रतिदिन के कार्य में हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है कभी तनाव, संसाधनों की कमी, और कभी-कभी आलोचना भी। लेकिन ये चुनौतियां हमें कमजोर नहीं करेंगी। बल्कि, इन्हें हमें और अधिक समर्पित और प्रतिबद्ध बनाना चाहिए। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा हर निर्णय लोगों के जीवन पर प्रभाव डालता है, और हर दया का कार्य पुलिस और जनता के बीच के बंधन को मजबूत करता है।

हम न्याय को बिना किसी भेदभाव के लागू करें

संविधान के रक्षक के रूप में हमारी भूमिका यह भी है कि हम न्याय को बिना किसी भेदभाव के लागू करें। संविधान कानून के समक्ष समानता की गारंटी देता है, और यह हमारे कार्यों में परिलक्षित होना चाहिए। उत्तर प्रदेश पुलिस जैसे गौरवशाली पुलिस बल का प्रमुख होना मेरे जीवन का एक स्वर्णिम अध्याय है। प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है, चाहे वह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की सुरक्षा हो, आपदा प्रबंधन में सहयोग हो, आतंकवाद का मुकाबला हो, या साइबर अपराध जैसी आधुनिक चुनौतियों का सामना हो।

उत्तर प्रदेश पुलिस दृढ़ता का प्रतीक बनकर उभरी

अपनी अटूट निष्ठा, साहस और जनसेवा के माध्यम से, उत्तर प्रदेश पुलिस दृढ़ता का प्रतीक बनकर उभरी है, जिसने करोड़ों लोगों का विश्वास और सम्मान अर्जित करते हुए एक सुरक्षित और प्रगतिशील समाज की मजबूत नींव रखी है।विराट मानवता के महोत्सव महाकुंभ 2025 में व्याप्त सुरक्षा और प्रबंधन की कुशलता किसी चमत्कार से कम नहीं है। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी के ओजस्वी नेतृत्व में यह अविस्मरणीय उपलब्धि उत्तर प्रदेश पुलिस की असाधारण कार्यक्षमता और अटूट प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है।

33 कार्मिकों को वीरता पदक, 5 को राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा पदक

गणतन्त्र दिवस-2025 के अवसर पर भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस के 33 कार्मिकों को वीरता पदक, 05 को राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा पदक व 78 को सराहनीय सेवा के लिये पदक प्रदान कर गौरवान्वित किया है। सभी प्रदेशों में उत्तर प्रदेश पुलिस को सबसे ज्यादा वीरता पदक, राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा पदक एवं सराहनीय सेवा के लिये पदक प्रदान किये गये हैं।

46 पुलिस कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह

इस अवसर पर 46 पुलिस कार्मिकों को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह, 201 पुलिस कार्मिकों को सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह, 473 पुलिस कार्मिकों को पुलिस महानिदेशक का प्रशंसा चिन्ह प्रदान किया गया है। इसके अतिरिक्त  मुख्यमंत्री, उ0प्र0 द्वारा 10 पुलिस कर्मियों को मा0 मुख्यमंत्री का वीरता पदक एवं 06 पुलिस कर्मियों को  मुख्यमंत्री का प्रशस्ति-पत्र स्वीकृत किया गया। आप सभी पुलिस कार्मिकों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई।

हम खतरों के सामने साहसी बनें, दुख के सामने करुणामय बनें

इस गणतंत्र दिवस पर, मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि संविधान के मूल्यों को अपने जीवन और कार्य में उतारने का संकल्प लें। आइए, हम खतरों के सामने साहसी बनें, दुख के सामने करुणामय बनें, और न्याय की खोज में अडिग रहें। हम संविधान को अपना मार्गदर्शक बनाकर आगे बढ़ें। साथ मिलकर, हम ऐसा समाज बनाएं जहां न्याय प्रबल हो, स्वतंत्रता फले-फूले, और हर नागरिक सुरक्षित और संरक्षित महसूस करे।पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा गणतन्त्र दिवस के अवसर पर मुख्यालय में नियुक्त निम्न पुलिस कर्मियों को पदक से अलंकृत किया गया।

‘उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह’

1. रूप कृष्ण त्रिपाठी, निरीक्षक ना0पु0, अपराध शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।

‘सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह’

1. राम बिलास, मुख्य आरक्षी चालक, परिवहन शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।
2.  आशीष कुमार, मुख्य आरक्षी, कानून व्यवस्था शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।

‘पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 का प्रशंसा चिन्ह (प्लेटिनम)’

1.  सतीश चन्द्र सचान, प्रतिसार निरीक्षक, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।
‘पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 का प्रशंसा चिन्ह (गोल्ड)’

1. मोहित कुमार, सहायक उ0नि0(लिपिक), कानून व्यवस्था शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।
‘पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 का प्रशंसा चिन्ह (सिल्वर)’

1. गंगाराम, निरीक्षक (लिपिक), कार्मिक शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।
2.  मनोज कुमार गौड़, आरक्षी चालक, परिवहन शाखा, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 लखनऊ।

पुलिस मुख्यालय के अलावा रिजर्व पुलिस लाइन, पीएसी, सीओ कार्यालय, थाना और तमाम सरकारी कार्यालयों में तिरंगा फहराया। इस दौरान मिष्ठान का वितरण कराया गया।

राज्यपाल आनंदीबेन ने फहराया तिरंगा, राष्ट्रगान के दौरान हेलीकाॅप्टर से होती रही पुष्प वर्षा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 76वें गणतंत्र दिवस पररविवार को उत्तर प्रदेश विधान भवन पर तिरंगा झंडा फहराया। झंडा फहराने के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक उपस्थित रहे। गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण के बाद वहां उपस्थित सभी लोगों ने एक साथ राष्ट्रगान किया।

राष्ट्रगान के दौरान विधान भवन के बाहर पूरी तरह से रूक गया यातायात

राज्यपाल आनंदीबेन के तिरंगा फहराने के साथ ही वहां हवा में उड़ते हुए आये हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गयी। राष्ट्रगान के दौरान पुष्प वर्षा होती रही। वहीं राष्ट्रगान को लखनऊ शहर के प्रमुख चौराहों, तिराहों पर सुनाने की विशेष व्यवस्था की गयी थी। राष्ट्रगान के दौरान 52 सेकंड तक विधान भवन के बाहर शहर में यातायात पूरी तरह से रूक गया।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पहले टैंकों से सलामी लिया

विधान भवन के गेट नम्बर एक पर आयोजित गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पहले टैंकों से सलामी लिया और तदोपरांत सैन्य और अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियों ने भी राज्यपाल को सलामी दी। राज्यपाल और मुख्यमंत्री के सामने परेड करते हुए जवानों के कदम एक साथ उठते—गिरते रहे तो कदमताल एवं मार्च पास्ट देखकर वहां उपस्थित लोगों में उत्साह एवं प्रसन्नता का माहौल सा बन गया।

मुख्यमंत्री योगी  ने भी ताली बजाकर जवानों का हौसला बढ़ाया

परेड के दौरान ही ब्रास बैंड बजाने वाले सैन्य जवानों ने अपनी प्रस्तुति दी तो राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुछ मिनटों तक ताली बजायी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ताली बजाकर जवानों का हौसला बढ़ाया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्यों की प्रस्तुति देखकर लोगों की भी तालियां नहीं थमी। गणतंत्र दिवस के अवसर पर लोगों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हुए आयोजन को आनंदपूर्ण बताया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी ने अपने सरकारी आवास पर ध्वज फहराया।
सहकारिता का उत्कृष्ट उदाहरण है महाकुम्भ-2025 : मुख्यमंत्री


लखनऊ,। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुम्भ 2025 को सहकारिता का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण बताया है। उन्होंने कहा कि प्रयाग में 26 जनवरी को करीब ढाई से तीन करोड़ लोग पवित्र संगम में डुबकी लगाने पहुंचे हैं। यह पूरा कार्य ऑटो मोड और आपसी सहभागिता के आधार पर चल रहा है। ये सहकारिता का सबसे बड़ा उदाहरण है। भारत के जीन्स में ही सहकारिता की भावना रची-बसी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने सरकारी आवास से अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ किया। उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ करने वाला देश का पहला राज्य है।

इस अवसर पर उन्होंने सुलतानपुर में 5 हजार और कोशाम्बी में 15 हजार मीट्रिक टन के गोदामों का उद्घाटन किया, साथ ही तिरंगे गुब्बारे छोड़कर अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री योगी ने 'रन फॉर कॉर्पोरेशन' मैराथन का भी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने प्रतिभाग किया।

सहकारिता आंदोलन देश में नई ऊंचाई प्राप्त कर रहा

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई दी और स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल मां भारती के सभी ज्ञात-अज्ञात महान सपूतों को नमन किया। उन्होंने कहा कि सहकार का ही एक परिवर्तित रूप सहकारिता है। उन्होंने कहा कि एक स्वावलंबी भारत का निर्माण करना है तो सहकारिता को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से सहकारिता आंदोलन देश में नई ऊंचाई प्राप्त कर रहा है। पहली बार देश में सहकारिता मंत्रालय का गठन हुआ और उसका नेतृत्व गृहमंत्री अमित शाह को सौंपा गया। सहकारिता आंदोलन पूरे देश में हर किसान, महिला और युवा वर्ग को इस अभियान का हिस्सा बना रहा है।

डिजिटल पेमेंट की ओर बढ़ें सहकारी बैंक

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ साल में यूपी में सहकारिता आंदोलन एक नई दिशा की ओर अग्रसर हुआ है। सीएम ने कहा कि सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करते हुए उन्हें गांव के विकास और किसान के स्वावलंबन के साथ जोड़ने का कार्य हो, या जिला स्तर पर सहकारी बैंकों को पुनर्जीवित करते हुए उन्हें विकास के महत्वपूर्ण आयाम के साथ जोड़ने की कार्रवाई हो, हर दिशा में तेजी से कदम आगे बढ़ रहे हैं। सहकारी बैंकों में 10 लाख की लीमिट को बढ़ाने की बात मुख्यमंत्री ने कही। उन्होंने सहकारिता बैंकों को डिजिटल पेमेंट की ओर बढ़ने के लिए भी प्रेरित किया। जिससे किसान और नौजवानों को फायदा होगा।

प्रदेश का हर गांव आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में हर ग्राम पंचायत आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि एक मॉडल शॉप हर गांव में बनाने का कार्य हो रहा है। जो दुकानें पहले केवल फेयर प्राइज शॉप यानी कोटे की दुकान के रूप तक ही सीमित थीं, अब उन्हें मॉडल शॉप का रूप दिया जा रहा है। सीएम ने बताया कि इन 'मॉडल शॉप' पर नशीले पदार्थों को छोड़कर दैनिक इस्तेमाल की वस्तुएं बेची जाएंगी। इनके साथ ही वेयरहाउसों का भी निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज कोशाम्बी में 15 हजार और सुलतानपुर में 5 हजार मीट्रिक टन क्षमता के वेयरहाउस का उद्घाटन किया गया है। केवल जनपद नहीं बल्कि हर ब्लॉक और ग्राम पंचायत में इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग के कार्यों की सराहना की।

इस अवसर पर सहकारिता विभाग के मंत्री जेपीएस राठौर, पूर्व मंत्री और एमएलसी डॉ महेन्द्र सिंह, एमएलसी अवनीश सिंह पटेल, पवन सिंह चौहान, मुकेश शर्मा, उमेश द्विवेदी, रामचंद्र प्रधान, महापौर सुषमा खर्कवाल, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग सहित सहकारिता विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारीगण और बड़ी संख्या में 'रन फॉर कॉर्पोरेशन' मैराथन में शामिल होने पहुंचे युवा उपस्थित रहे।
गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री योगी ने अपने सरकारी आवास पर फहराया ध्वज

लखनऊ। गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को यहां अपने सरकारी आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा किमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज ही के दिन 1950 में भारत में अपना संविधान लागू करते हुए एक संप्रभु संपन्न लोकतांत्रिक गणतंत्र भारत के रूप में अपनी एक नई यात्रा को प्रारंभ करने का निर्णय लिया था। एक लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को आदेश आजाद हुआ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, डॉ राजेंद्र प्रसाद जैसे स्वाधीनता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए पूरी मजबूती से नेतृत्व प्रदान करते हुए अंग्रेज हुकूमत को भारत को स्वाधीन करने के लिए बाध्य करने के लिए मजबूर कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को देश आजाद होता है और उससे ठीक पूर्व भारत ने डॉ राजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में एक संविधान सभा का गठन किया। संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद को एक माला के रूप में फिर होने का गुरुओत्तर दायित्व बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर को दिया गया। अंबेडकर ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करते हुए संविधान सभा को सौपा और अंततः 26 जनवरी 1950 को आदेश अपना स्वयं का संविधान लागू करने में सफल हो पाया।

भारत का संविधान हमें न्याय क्षमता और बंधुता के साथ जुड़ने की एक नई प्रेरणा प्रदान करता है। सम और विषम परिस्थितियों में यह उत्तर से दक्षिण तक, पूर्व से पश्चिम तक, पूरे भारत को एकता के सूत्र में बांधने में सफल रहा है। आज से इस अवसर पर जब हम भारत के संविधान के लागू होने के 75 वर्ष पूर्ण कर रहे हैं, इस अवसर पर भारत माता के महान सपूतों को जिन्होंने आजादी के आंदोलन को नेतृत्व दिया था, उन महान क्रांतिकारियों को बलिदानियों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

75 वर्षों की हमारी यह शानदार यात्रा हम सबको संविधान के लागू होने के अमृत महोत्सव के साथ जोड़ रही है। यह हम सबके लिए इसे आगे बढ़ाने के लिए एक अवसर भी है कि भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को न्याय देने के लिए, समता मूलक समाज की स्थापना के लिए, आपस में बंधुता के सूत्र में जोड़ने का हमारा सबसे बड़ा मार्गदर्शक है। प्रत्येक नागरिक को न्याय मिले, बिना भेदभाव के न्याय मिले, उन्हें शासन की सुविधाओं का लाभ बिना भेदभाव के प्राप्त हो, समाज में समता का माहौल पैदा हो, पूरा भारत एकता के सूत्र में जुड़कर अपने देश की समृद्धि और सुरक्षा के बारे में सोचे, यह प्रेरणा हमारा संविधान हम सब भारतवासियों को प्रदान करता है। आज जब हमारा देश संविधान के लागू करने के 75 वर्ष पूरा करके 76 में वर्ष में प्रवेश कर रहा है, तो स्वाभाविक रूप से हम सबके सामने जो एक लक्ष्य है विकसित भारत का निर्माण करना, विकसित भारत का मार्ग भी भारत के संविधान का अनुसरण करके ही हम कर सकते हैं। हमारा संविधान भारत की उन हजारों वर्षों की सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतिनिधित्व करता है जिन पर हर भारतवासी गौरव की अनुभूति करता है। यह हम सबके लिए अत्यंत गौरवशालीक्षण है कि संविधान की मूल प्रति में उन सबको चित्रों के माध्यम से भी अंकित करके अनेक भारतवासी को उसके साथ जुड़ने की प्रणय प्रदान करता है।

आज के किस अवसर पर जब भारत की मूल प्रति का अवलोकन करते हैं तो भारत की संस्कृति की गहराई और उसकी ऊंचाई का हम अंदाजा लगा सकते हैं। इस अवसर पर अगर इस संविधान में भारत के प्रत्येक नागरिक के अधिकार हैं तो उसमें प्रत्येक नागरिक के कर्तव्य भी हैं। हम हर व्यक्ति संवैधानिक दायरे में रहकर के अगर अपने अधिकारों की रक्षा की बात करते हैं तो हमें अपने कर्तव्यों के बारे में भी एहसास होना चाहिए।

यही कारण है कि 2015 में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के स्मारक के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे समय कहा था कि 26 नवंबर की तिथि को प्रत्येक भारतवासी को संविधान दिवस के रूप में आयोजित करना चाहिए।

यह मूल कर्तव्य भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए मार्गदर्शन का काम करता है। अपने देश के प्रति, समाज के प्रति, उनके उत्तरदायित्व को निर्वहन करने की एक नई प्रेरणा प्रदान करता है। स्वाभाविक रूप से हम सबको भारत का संविधान सम और विषम परिस्थितियों में प्रत्येक नागरिक को अधिकार प्रदान करता है। हमें अपने संविधान पर गौरव की अनुभूति इस बात के लिए भी करनी चाहिए कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का सौभाग्य हमारे देश को है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर बिना भेदभाव के प्रत्येक जाति, मत, मजहब और संप्रदाय को पहले आम चुनाव से ही हर वयस्क मतदाता को मताधिकार की ताकत प्राप्त हुई।

दुनिया के अंदर आज के आधुनिक लोकतंत्र में श्रेय लेने वाले ऐसे तमाम देश हैं जिम वहां के लोगों में रंगभेद के आधार पर बड़े तबके को मताधिकार की ताकत नहीं प्राप्त हुई थी। यहां तक की आधी आबादी महिलाओं को भी उन देशों में यह ताकत तब मिली जब भारत अपने यहां पहले दिन से ही इसे लागू कर चुका था। यह सब कुछ हुआ भारत माता के महान सपूत राष्ट्र नायक बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रयासों से। आज के इस अवसर पर भारत माता के महान सपूतों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर भारत को विकसित बनाने के लिए पूरे प्राण प्रण से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्ष में भारत को विकसित बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प दिया है। इसे हमें पूरा करना है।
गणतंत्र दिवस पर हर जगह हो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम : डीजीपी प्रशांत कुमार

लखनऊ । पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशान्त कुमार  द्वारा समस्त जोनल अपर पुलिस महानिदेशक,पुलिस आयुक्त, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक,पुलिस उपमहानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,पुलिस अधीक्षक प्रभारी जनपद, पुलिस अधीक्षक रेलवे यूपी एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण को गणतंत्र दिवस एवं महाकुम्भ-2025 के दृष्टिगत उच्च स्तर की सतर्कता व सुरक्षा व्यवस्था के सम्बन्ध में मुख्यतः निम्न बिन्दुओं पर प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिये गये है।

सीसीटीवी कैमरों को रखा जाए सक्रिय

डीजीपी का निर्देश है कि गणतंत्र दिवस एवं महाकुम्भ-2025 के दृष्टिगत प्रदेश एवं जनपदों के समस्त प्रवेश द्वारों पर निरन्तर प्रभावी चेकिंग सुनिश्चित की जाये। अन्तर जनपदीय व अन्तः जनपदीय चेक पोस्ट एवं बैरियर डियूटी को सतर्क व समुचित ब्रीफ किया जाए। समस्त सीसीटीवी कैमरों को क्रियाशील कर लिया जाये।गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समस्त महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, आयोजनों यथा तिरंगा यात्रा, प्रभात फेरी, झॉकी आदि के आयोजकों से पूर्व से ही वार्ता कर भीड़ का आंकलन कर तदनुसार उन्हें सूचीबद्ध कर पर्याप्त सुरक्षा/यातायात व्यवस्था की जाय।

होटलों और धार्मिक स्थलों की कराई जाए चेकिंग

तिरंगा यात्रा, प्रभात फेरी, झॉकी आदि कार्यक्रम स्थलों पर विशेष सुरक्षा प्रबन्ध किये जायें। मार्ग में पड़ने वाली इमारतों पर आवश्यकतानुसार रूफ-टाप ड्यिटी लगायी जाये तथा सुरक्षा कर्मियों को ड्यिटी लगाने से पूर्व विधिवत ब्रीफ कर दिया जाये।रेलवे स्टेशन/मेट्रो स्टेशन/बस स्टेशन/एयरपोर्ट, सिनेमाहाल, मल्टीप्लेक्स, मनोरंजन के स्थल शॉपिंग मॉल, होटल, धर्मशाला, गेस्ट हाउस/भीड़-भाड़ वाले स्थानों एवं धार्मिक स्थलों पर विशेष रूप से सुरक्षा प्रबन्ध किये जाये तथा एण्टी सेबोटॉज चेकिंग करायी जाये।

सड़क एवं हवाई आवागमन पर विशेष सतर्कता

प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों के मार्गों पर सुरक्षा के दृष्टिगत रेल, सड़क एवं हवाई आवागमन पर विशेष सतर्कता बरती जाए। अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं पर गतिविधियों की निरन्तर निगरानी की जाये तथा बार्डर पर तैनात सुरक्षा बलो के साथ समन्वय बनाये रखा जाये।माइक्रोलाइट एयर काफ्ट, पैराग्लाइडर, हैंगग्लाइडर, ड्रोन्स एवं अन्य मानव रहित विमानों की उड़ानों पर सतर्क दृष्टि रखी जाए। नियमों एवं मानको के विपरीत इनकी उड़ान प्रतिबन्धित की जाये।

भ्रामक पोस्ट का तत्काल संज्ञान लेकर वैधानिक कार्रवाई की जाए

जनपदीय अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय रखा जाय तथा छोटी सी छोटी लाभप्रद सूचनाओं पर त्वरित कार्यवाही की जाये। प्रतिबन्धित संगठनों तथा आतंकवादी संगठनों से सम्बन्धित प्रत्येक गतिविधियों पर गहन निगरानी रखते हुये प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। कमिश्नरेट/जनपदों की सोशल मीडिया टीम चौबीस घंटे सक्रिय रहकर मीडिया के प्रत्येक प्लेटफार्मो पर निगरानी रखते हुये मुख्यालय की सोशल मीडया टीम से समन्वय रखकर आपत्ति जनक एवं भ्रामक पोस्ट का तत्काल संज्ञान लेकर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

संदिग्ध व्यक्तियों एवं वाहनों की आकस्मिक चेकिंग हो

अवैध शस्त्रों व कारतूसों एवं विस्फोटक पदार्थों आदि की तस्करी रोकने एवं संदिग्ध व्यक्तियों के आवागमन पर सतर्क दृष्टि रखने हेतु स्थायी चेक पोस्ट के अतिरिक्त अस्थायी चेक पोस्ट लगाकर संदिग्ध व्यक्तियों एवं वाहनों की आकस्मिक चेकिंग करायी जाए।समस्त जनपद/कमिश्नरेट में नियमित रूप से प्रातःकालीन पोस्टर पार्टी का गठन कर चेकिंग सुनिश्चित की जाये।

पुलिस बल को समुचित ब्रीफ करते हुए उच्च सतर्कता रखी जाए

गणतंत्र दिवस के आयोजनो की अचूक सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत समस्त राजपत्रित अधिकारियों एवं पुलिस बल को समुचित ब्रीफ करते हुए उच्च सतर्कता रखी जाए। इस सम्बन्ध में नियमित चेकिंग, प्रभावी फुट पेट्रोलिंग एवं अधिक से अधिक बल के साथ फ्लैग मार्च किया जाये।महाकुम्भ-2025 के अन्य अमृत स्नानों के दृष्टिगत पूर्व में दिये गये निर्देशों के क्रम में श्रद्धालुओं के आवागमन के मार्गों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
नेताजी का जीवन साहस, निष्ठा और निस्वार्थ सेवा की मिसाल : सीएम योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर परिवर्तन चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नेता जी के देश के प्रति योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि भारत माता के महान सपूत और स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन साहस, निष्ठा और निस्वार्थ सेवा की मिसाल है।

उन्होंने भारतवासियों के दिलों में देशभक्ति की अलख जगाई

मुख्यमंत्री ने नेताजी के जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। उन्होंने भारतवासियों के दिलों में देशभक्ति की ऐसी अलख जगाई, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। उनका नारा ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ आज भी हर भारतवासी के लिए प्रेरणा स्रोत है।

नेताजी ने अपने व्यक्तित्व आंदोलन को नई दिशा दी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज हम नेताजी की पावन जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मना रहे हैं। भारत माता के इस महान सपूत ने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से आजादी के आंदोलन को नई दिशा दी। नेताजी का नाम हर भारतवासी के लिए गर्व और प्रेरणा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी के योगदान को सम्मानित करते हुए 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यह निर्णय नेताजी के प्रति देश की कृतज्ञता का प्रतीक है।

नेताजी का जीवन निष्ठा और साहस की मिसाल

सीएम योगी ने कहा कि नेताजी ने अपने जीवन के सबसे प्रतिष्ठित समय में सिविल सेवा की नौकरी को त्याग दिया, क्योंकि वह विदेशी हुकूमत के अधीन कार्य करना नहीं चाहते थे। यह कदम न केवल उनके देशप्रेम का परिचायक था, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना। उन्होंने कहा कि नेताजी ने अपने जीवन में कभी भी साधनों की कमी को बाधा नहीं बनने दिया। नेताजी के नारे और विचारों ने युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उनके नारे ने युवाओं के भीतर देशभक्ति का ऐसा जादू फैलाया कि ब्रिटिश हुकूमत को उन्हें नजरबंद करना पड़ा, लेकिन उनकी नजरबंदी भी आजादी के प्रति उनके जुनून को नहीं रोक सकी। नेताजी ने जर्मनी, जापान और अन्य देशों में जाकर भारत की आजादी के लिए समर्थन जुटाया।

सीएम ने नेताजी के आदर्शों को अपनाने की अपील

योगी ने युवाओं को राष्ट्रधर्म का महत्व समझाते हुए कहा कि हर नागरिक को जाति, मजहब, भाषा और क्षेत्रीय सीमाओं से ऊपर उठकर राष्ट्रधर्म को सर्वोपरि मानना चाहिए। नेताजी का जीवन हमें सिखाता है कि राष्ट्र के प्रति निष्ठा और समर्पण सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपने करियर से आगे बढ़कर देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें। नेताजी के साहस और निष्ठा को याद करते हुए सीएम योगी ने कहा कि उनका व्यक्तित्व युवाओं को न केवल प्रेरित करता है, बल्कि यह सिखाता है कि चुनौतियों से कैसे निपटा जाए। नेताजी का हर कदम युवाओं के लिए एक संदेश था।

देश को सामाजिक समस्याओं से लड़ने का भी मार्ग दिखाया

उन्होंने अपने समय के युवाओं के साथ मिलकर न केवल स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया, बल्कि देश को सामाजिक समस्याओं से लड़ने का भी मार्ग दिखाया।मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना स्वतंत्रता संग्राम के समय था। उन्होंने युवाओं से नेताजी के आदर्शों को अपनाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि नेताजी का जीवन हमें सिखाता है कि देश के प्रति निष्ठा और सेवा भाव से बड़ी कोई चीज नहीं है। इस अवसर पर महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, अमरेश कुमार, विधान परिषद सदस्य इंजी. अवनीश सिंह, रामचंद्र प्रधान, अंगद सिंह, लालजी प्रसाद निर्मल आदि उपस्थित रहे।
महाकुम्भ में बड़ा फैसला, काशी तक आएगी गंगा एक्सप्रेस-वे

महाकुम्भनगर। तीर्थराज प्रयाग में 144 वर्ष के बाद महाकुम्भ के शुभ संयोग पर लोककल्याण का संकल्प लेकर बैठी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बड़े फैसले लिए हैं। पावन त्रिवेणी तट पर हुई कैबिनेट की ऐतिहासिक बैठक में 320 किलोमीटर लम्बाई वाले 'विंध्य एक्सप्रेस-वे और 100 किमी लम्बाई वाले विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण को सैद्धांतिक सहमति दी गई।

औद्योगिक परियोजनाओं का हो रहा है विकास हो

विशेष कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित और प्रकरण एक्सप्रेसवे के माध्यम से कनेक्टिविटी नेटवर्क विकास और क्षेत्र में औद्योगिक परियोजनाओं का विकास हो रहा है। वर्तमान में प्रदेश के पश्चिमांचल, मध्यांचल, पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र एक्सप्रेसवे से आच्छादित हैं और अब दूरवर्ती दक्षिणी-पूर्वी विंध्य क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना आवश्यक है। इस दृष्टि से प्रयागराज मीरजापुर, वाराणसी, चंदौली एवं सोनभद्र को जोड़ते हुए 320 किलोमीटर लम्बाई वाले नए नए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना चाहिए।

इसकी लम्बाई लगभग 100 किमी होगी

इस नए एक्सप्रेस का प्रारम्भ बिंदु प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेसवे होगा, जबकि सोनभद्र में एनएच 39 पर इसका समापन होगा। इस तरह गंगा एक्सप्रेसवे और विंध्य एक्सप्रेसवे की सीधी कनेक्टिविटी होगी, साथ ही, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में झारखंड से भी अच्छा सम्पर्क स्थापित हो सकेगा।इसी प्रकार, विंध्य एक्सप्रेसवे पर चंदौली से प्रारम्भ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अंतिम बिंदु गाजीपुर तक विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाना उचित होगा। इसकी लम्बाई लगभग 100 किमी होगी। प्रयागराज को बड़ा उपहार देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में सलोरी से हेतापट्टी तक नए ब्रिज के निर्माण की भी आवश्यकता जताई।

तीनों ब्रिज स्मार्ट प्रयागराज की परिकल्पना को आकार देने वाले होंगे

उक्त के साथ ही बैठक में साथ ही शास्त्री ब्रिज और यमुना सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर नया ब्रिज को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तीनों ब्रिज स्मार्ट प्रयागराज की परिकल्पना को आकार देने वाले होंगे।त्रिवेणी तट पर हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरी सरकार ने 'सुरक्षित और समृद्ध उत्तर प्रदेश' के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। त्रिविधि ताप-पाप नाशिनी गंगा, कूर्मवाहिनी यमुना और अंत:सलिला सरस्वती के पावन संगम तट पर एकजुट पूरी योगी सरकार ने राज्य के गरीब युवाओं, किसान और महिलाओं के हित में कई निर्णय लिए। गंगा तीरे बने त्रिवेणी संकुल में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वय के साथ सभी कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री गणों की उपस्थिति रही।
महाकुम्भ में तैनात पुलिसकर्मियों को दी गई है सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग: डीजीपी


लखनऊ/महाकुम्भ नगर। मौनी अमावस्या एवं अमृत स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने को लेकर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है। मेले में तैनात पुलिसकर्मियों को सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग दी गई है। यह बात बुधवार देर रात समीक्षा बैठक के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक प्रशान्त कुमार ने दी।

डीजीपी ने महाकुम्भ की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की

पुलिस महानिदेशक दो दिवसीय भ्रमण के दौरान संगम स्नान करने के बाद महाकुम्भ की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। आगामी मौनी अमावस्या के महत्त्वपूर्ण स्नान के दृष्टिगत वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देर रात्रि में समीक्षा बैठक करके आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए ।पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश ने जल पुलिस के एफ आर पी बोट से संगम घाट सहित सभी घाटों का निरीक्षण एवं स्वयं बोट को चलाकर रिवर पेट्रोलिंग की ।

महाकुम्भ की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद

तत्पश्चात ऐरावत घाट पर मीडिया के साथ प्रेस से वार्ता किया।पुलिस महानिदेशक ने आगामी अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या की सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में अवगत कराया गया कि श्रद्धालुओ एवं स्नानार्थियों के सुगम आवागमन एवं सुरक्षित स्नान हेतु सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं तथा महाकुम्भ की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद है। उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए यह एक अच्छा अवसर है कि इस महाकुम्भ को ग्लोबल प्लेटफार्म पर लाया गया है, जिससे अधिक से अधिक श्रद्धालु एवं स्नानार्थी संगम स्नान के लिए आ रहे है।

सभी पुलिसकर्मियों को दी गई है सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग

पुलिस महानिदेशक ने यह भी बताया कि महाकुम्भ ड्यूटी हेतु आए हुये सभी पुलिस कर्मियों को सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग दी गई है जिसमें पुलिस कर्मियों को यह बताया गया है कि महाकुम्भ मेला क्षेत्र में आने वाले सभी श्रद्धालुओं एवं स्नानार्थियों से विनम्रता के साथ बात करनी है और उनकी हर समस्या का निदान करना है। भ्रमण के दौरान पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के साथ महाकुम्भ मेला क्षेत्र के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे ।