झारखंड में आपदा प्रबंधन के 1300 करोड़ पर सियासत हुई गर्म, पक्ष और विपक्ष में हुई तकरार
भाजपा ने कहा आपदा प्रबंधन के 1300 करोड़ कहां गए?, तो JMM ने PM Care Fund पर उठाए सवाल
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड में इन दोनों आपदा प्रबंधन विभाग सुर्खियों में छाया हुआ है। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के 1300 करोड़ का हिसाब नहीं मिलने पर सियासत शुरू हो गई है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि आखिर यह पैसा कहां गया इसकी जांच होनी चाहिए। पूर्व विधायक और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित मंडल ने कहा कि 2019 से अब तक राज्य आपदा मोचक निधि से खर्च हुए 1300 करोड़ का हिसाब झारखंड सरकार नहीं दे पा रही है।
उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल समाप्त होने वाला है और 16वें वित्त आयोग के गठन से पहले सभी राज्यों को मिलने वाले पैसे का हिसाब भारत सरकार को देना था। लेकिन झारखंड सरकार के द्वारा डाटा नहीं देने के कारण एक बार फिर यह संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है कि आखिर 1300 करोड़ कहां गए।
भारतीय जनता पार्टी के इस आप पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पलटवार करते हुए पीएम केयर फंड पर सवाल उठाए और इसका भाजपा के नेताओं को हिसाब मांगने को कहा।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राशि के मिलान में विभाग को खर्च में अनियमितता पता चला, जिसकी जांच हो रही है। 2019 में कोरोना के उस वक्त की परिस्थिति को पैसे से नहीं आंका जा सकता, ये आम जनों का पैसा है और उसका प्रोपर एकाउंटेंशी होना चाहिए। सरकार ने विभागों से हिसाब लेने का निर्णय लिया।
वही सुप्रियो ने बीजेपी के नेताओं से अनुरोध भी किया है कि थोड़ा पीएम केयर फंड का भी हिसाब लेले। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पीएम आपदा राहत के रहते अचानक एक पीएम केयर फंड ट्रस्ट तैयार हो जाता, जिसका CAG ऑडिट नहीं कर सकता। पीएम केयर फंड में पूरे देश, विदेश से कितने पैसे आए। जिसका कोई हिसाब नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के समय वैक्सिंग का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार हुआ। उसका पैसा इलेक्ट्रॉल बॉड में भी लगाया गया। इस वैक्सीनेशन सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक आज देश छोड़ कर भागा।जिसकी जानकारी नहीं आई की कहां गया? ऐसे में भाजपा को पीएम केयर फंड का ब्यौरा भी जारी करना चाहिए।
Jan 23 2025, 16:33