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तमिलनाडु: त्रिची एयरपोर्ट पर बड़ी तस्करी का खुलासा, कस्टम विभाग ने बरामद किए 2447 जिंदा कछुए

तमिलनाडु के त्रिची एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने कछुओं की तस्करी का खुलासा किया है. कस्टम टीम ने कुआलालंपुर से आए एक पार्सल में से 2447 जिंदा कछुए बरामद किए हैं. ये कछुए तस्करी कर कुआलालंपुर से भारत लाए गए थे. घटना रविवार दोपहर की है. इस संबंध में कस्टम विभाग अज्ञात के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है. अब कस्टम टीम और पुलिस यह पता करने की कोशिश कर रही है कि इन कछुओं को कौन लेकर आया था और त्रिची एयरपोर्ट से इन्हें कहां ले जाया जाना था

कस्टम अधिकारियों के मुताबिक रविवार की सुबह सूचना मिली थी कि कुआलालंपुर से त्रिची एयरपोर्ट पहुंच रही फ्लाइट में कछुओं की तस्करी हो रही है. इस फ्लाइट कछुओं की बड़ी खेप रखी गई है. इस सूचना पर अलर्ट हुई कस्टम की टीम ने फ्लाइट के लैंड होते ही जांच पड़ताल शुरू कर दी. इस दौरान चॉकलेट के कुछ संदिग्ध डिब्बे नजर आने पर टीम ने इन्हें खुलवाकर देखा. इन सभी डिब्बों में कछुए भरे हुए थे. इनकी संख्या 2447 बताई जा रही है.

पहले भी सामने आ चुके हैं मामले

जानकारी के मुताबिक चॉकलेट के डिब्बों में तस्करी की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले कई बार चॉकलेट के डिब्बों में नशीले पदाथों की तस्करी का खुलासा हो चुका है. खुद त्रिची एयरपोर्ट पर ही इस तरह के तीन चार मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि पहली बार चॉकलेट के डिब्बे में कछुओं की तस्करी का मामला सामने आया है. फिलहाल कस्टम विभाग ने वन विभाग के अधिकारियों को बुलाकर सभी कछुए उनकी संरक्षण में दे दिए हैं.

बिहार में बीपीएससी पेपर लीक मामले को लेकर छात्रों का आंदोलन जारी, प्रशांत किशोर ने किया समर्थन।

बिहार विधानसभा उपचुनाव में पराजय के बाद अब फिर से राजनीतिक सलाहाकार से नेता बने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर मैदान में हैं. इस बार उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के प्रश्नपत्र लीक मामले को लेकर छात्रों के समर्थन में आंदोलन शुरू किया है. प्रशांत किशोर के नेतृत्व में शनिवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने पटना जिला प्रशासन की आयोग की बातचीत के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने की डिमांड रखी और फिर सोमवार को गांधी मैदान में छात्र संसद बुलाने का आह्वान किया है.

वहीं, पटना के जिला प्रशासन ने साफ कह दिया कि प्रशांत किशोर को छात्र संसद’ की अनुमति नहीं देंगे. इससे बिहार की राजधानी पटना में फिर से इस मुद्दे पर घमासान मचने के आसार हैं.

बता दें कि एक साल तक पूरे बिहार की खाक छानने के बावजूद राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर को बिहार में हाल में हुए उपचुनाव सफलता नहीं मिली. बिहार राजनीति में एंट्री मारने वाले प्रशांत किशोर ने उपचुनाव के मौके पर पार्टी जनसुराज को मैदान में उतारा था, लेकिन जनता ने उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया था.

बीपीएससी के छात्र आंदोलन में कूदे प्रशांत किशोर

अब बीपीएससी में पेपर लीक सहित अन्य मुद्दों पर छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं, तो प्रशांत किशोर भी छात्रों के साथ मिलकर आंदोलन में शामिल हो गए हैं.

इस आंदोलन ने बिहार लोकसेवा आयोग की जगह सीएम नीतीश कुमार को सामने खड़ा कर दिया. पिछले एक पखवारे से छात्र धरना, प्रदर्शन और अनशन कर रहे थे.

छात्र लगातार यह कहते रहे हैं कि हमारी लड़ाई आयोग से है ना कि सरकार से. लेकिन पीके ने अब छात्रों की इस लड़ाई का रूख मोड़ दिया है. पहले छात्र आयोग का घेराव, आयोग कार्यालय मार्च निकाल रहे थे. अब पीके ने इसे मुख्यमंत्री आवास मार्च बना दिया है.

छात्र आंदोलन में हुई पीके की एंट्री, किया ये ऐलान

इस तरह से पीके ने छात्रों के इस आंदोलन को सहारा बनाया है और फिर से राजनीति में एंट्री मारी है. प्रशांत किशोर शनिवार को गर्दनी बाग गए. वहां कई दिनों से धरना दे रहे बीपीएससी के अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां आने से पहले उन्होंने शिक्षा क्षेत्र के लोगों के साथ बातचीत की.

उन्होंने कहा कि बीपीएससी परीक्षाओं में पेपर लीक होना और अनियमितताएं होना अब आम बात हो गई है. यह लंबे समय तक नहीं चल सकता है. इसका अब हम लोगों को समाधान निकालना होगा. उन्होंने सोमवार को गांधी मैदान में छात्र संसद बुलाने का ऐलान किया है.

चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे यूपी के छात्र की मौत, परिवार को नहीं मिली शव लाने की इजाजत।

उत्तर प्रदेश के कासगंज में एमबीबीसी की पढ़ाई कर रहे 25 वर्षीय छात्र प्रियेश राजपूत की हार्ट अटैक से मौत हो गई. यह हादसा 24 दिसंबर हुआ था. भारत में रह रहे उनके परिजन मृत छात्र का शव भारत वापस लाने की मांग करते रहे, लेकिन शव भारत नहीं लाया गया और वहीं उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. अंतिम संस्कार को परिजनों को वीडियो कॉल के जरिए दिखाया गया. लेकिन शव को भारत नहीं आने पर परिजन उसका अंतिम दर्शन पाने से वंचित रह गये.

बता दें कि रामपुर गांव के निवासी पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्रीरामनिवास का बेटा प्रियेश साल 2018 में चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया था. उसकी पढ़ाई पूरी हो गयी थी और वह फिलहाल मेडिकल का इंटर्नशिप कर रहा था.

प्राप्त जानकारी के अनुसार 25 दिसंबर की सुबह अचानक उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद हॉस्टल से उसे हुबेई यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन हॉस्पिटल में ले जाया गया. 25 दिसंबर की रात करीब 1:30 बजे उसका निधन हो गया. उसकी मौत की सूचना के बाद रामपुर में रह रहे परिवार के लोगों में कोहराम मच गया.

शव भारत लाने की नहीं मिली इजाजत

इस बीच, मृत छात्र के परिजनों ने भारतीय छात्र चीन से उसका शव भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय से फरियाद की, लेकिन मृत छात्र का शव लाने की इजाजत नहीं मिली. विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि चीन से मृत छात्र का शव भारत लाने में 40 दिन से 45 दिन का समय लगेगा और इस वजह से उन्होंने अनमुति देने से इनकार कर दिया.

बता दें कि प्रियेश राजपूत ने साल 2018 में शियान की हुबेई यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन में एमबीबीएस के कोर्स में एडमिशन लिया था. साल 2020 में कोविड के दौरान प्रियेश चीन से गांव वापस आ गया था और यही से ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी थी, लेकिन कोरोना के बाद वह साल 2021 में दिल्ली गया और वहां से ऑनलाइन पढ़ाई की. साल 2023 में वह फिर पढ़ाई पूरी करने के लिए चीन चला गया था.

कासगंज में खुशियां मातम में बदली

इस बीच, प्रियेश राजपूत ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर ली और अब वह चीन के हुबेई यूनिवर्सिटी में मेडिकल का इंटर्नशिप कर रह था, लेकिन इसी दौरान यह हादसा हो गया. उसके परिवार के लोगों का कहना है कि वह जनवरी में पढ़ाई पूरी कर वापस आने वाला था, लेकिन इंटर्नशिप पूरी होने से पहले ही खुशियां मातम में बदल गई.

पश्चिम बंगाल पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड मनोज गुप्ता को किया गिरफ्तार।

पश्चिम बंगाल पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड में से एक मनोज गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है. शनिवार रात को उत्तर 24 परगना जिले के गायघाटा थाना क्षेत्र के चांदपाड़ा से पुलिस ने उसे अरेस्ट किया. वह करीब दस वर्षों से अधिक समय से, टूर-ट्रैवल व्यवसाय की आड़ में पासपोर्ट धोखाधड़ी का धंधा चला रहा था और करीब 100 बांग्लादेशी नागरिकों को भारत का फर्जी पासपोर्ट बनाकर विदेश भेज चुका था. पासपोर्ट धोखाधड़ी मामले में यह सातवीं गिरफ्तारी है.

बता दें कि मनोज गुप्ता फर्जी दस्तावेज बनाकर उनका इस्तेमाल पासपोर्ट बनाने में करता था. इसके बदले में उसने लाखों रुपये लिये. इस गिरोह में समरेश व अन्य लोग मनोज के लिए काम करते थे. शनिवार को गिरफ्तारी के बाद मनोज गुप्ता को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे 10 जनवरी तक पुलिस हिरासत का निर्देश दिया है.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मोतीलाल गुप्ता रोड स्थित कार्यालय में बैठकर योजना बनाई जाती थी. समरेश और अन्य लोग प्लानिंग करते थे. फिर मनोज गुप्ता बांग्लादेशियों का पासपोर्ट बनवाकर उन्हें अपनी टूर एंड ट्रैवल एजेंसी के जरिए विदेश भी भेजता था.

100 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को भेज चुका है विदेश

पुलिस का कहना है कि वह अपनी एजेंसी के जरिए 100 से ज्यादा बांग्लादेशी नागरिकों को विदेश भेज चुका है. इनमें बांग्लादेशी महिलाएं भी शामिल हैं. कहा जाता है कि जो लोग सीमा पार कर बांग्लादेश से बंगाल लाए जाते थे, उन्हें फर्जी दस्तावेजों और पासपोर्ट के जरिए विदेश भेज दिया जाता था.

बता दें कि फर्जी पासपोर्ट मामले में कोलकाता पुलिस ने इससे पहले दीपांकर दास नाम के शख्स को दक्षिण 24 परगना जिले से अरेस्ट किया था.

टूर एवं ट्रैवल का करता था कारोबार

उससे पूछताछ के बाद पुलिस को यह जानकारी मिली कि वह गिरफ्तार व्यक्ति मनोज गुप्ता नाम के व्यक्ति के अधीन काम कर रहा था. मनोज गुप्ता का बेहाला के साखेरबाजार में टूर एवं ट्रैवल का कारोबार है. उस दुकान के पीछे वह मोटी रकम के बदले बांग्लादेशियों के फर्जी पासपोर्ट बनाता था.

इसके बाद पुलिस मनोज गुप्ता की तलाश में जुट गई. उन्होंने उसे देश से भागने से रोकने के लिए कदम उठाए. पुलिस ने शनिवार रात उत्तर 24 परगना के चांदपारा में एक विशेष अभियान में मनोज गुप्ता को गिरफ्तार किया.

पांच लाख लेकर बनाता था फर्जी पासपोर्ट

जांच में पता चला है कि आरोपी मनोज बांग्लादेशियों से 5 से 10 हजार रुपये लेता था और पहले उनका आधार और पैन कार्ड बनाता था. इसके बाद उनका नाम मतदाता सूची में शामिल करवाया जाता था. इसके बाद आरोपी फर्जी पते का इस्तेमाल कर बांग्लादेशियों के पासपोर्ट के लिए आवेदन करते थे. फर्जी दस्तावेज भी अपलोड किए जाता था.

जब पासपोर्ट डाक घर से पहुंचता था तो उन्होंने डाकघर के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत थी और वहां से पासपोर्ट ले लिया जाता था. इसके बाद उन पासपोर्टों को बांग्लादेशियों को लाखों रुपये में बेच दिया जाता था. फर्जी पासपोर्ट के लिए 5 लाख रुपये तक की मांग करते थे.

पुलिस ने जब्त किए थे कई फर्जी पासपोर्ट

इस महीने की शुरुआत में फर्जी पासपोर्ट के मामले का सामने आया था. कोलकाता पुलिस ने दक्षिण 24 परगना के बेहाला के पर्णश्री इलाके से डाक विभाग के एक संविदा कर्मचारी अरेस्ट किया था. उससे पहले पुलिस ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले से दो लोगों को अरेस्ट किया था.

उनके पास से हार्ड डिस्क ड्राइव, एक कंप्यूटर, कई नकली दस्तावेज और एक लैपटॉप जब्त किए थे. इनका इस्तेमाल नकली पासपोर्ट बनाने में होता था. उसके बाद पुलिस ने कोलकाता के दक्षिणी इलाके में स्थित हरिदेवपुर इलाके में एक घर पर छापेमारी की. इस दौरान कई फर्जी दस्तावेज बरामद किये थे. उसके बाद पुलिस इस मामले में चौंकाना हो गई थी और जांच शुरू की थी.

बिहार: पटना में BPSC छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास जाने से रोका

बिहार में BPSC की परीक्षा को फिर से कराने की मांग को लेकर छात्र अब मुख्यमंत्री आवास के लिए निकल पड़े हैं. आक्रोश मार्च की अगुवाई जन सुराज के मुखिया प्रशांत किशोर कर रहे हैं. मुख्यमंत्री आवास के लिए निकलने पहले ये छात्र गांधी मैदान में इकट्ठा हुए. जहां, छात्र संसद बुलाई गई थी. छात्र संसद में मुख्यमंत्री आवास जाने का फैसला किया गया.

बीपीएससी छात्र ऐसे समय में मुख्यमंत्री आवास जा रहे हैं जब राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में हैं. वो दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के परिवार से मिलने के लिए आये हैं. अब देखना है कि छात्र मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच पाते हैं या नहीं. क्योंकि सीएम हाउस पर सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है.

खबर आ रही है कि पुलिस ने आक्रोश मार्च निकाल रहे छात्रों को बीच में ही रोक दिया है. पुलिस का कहना है कि मुख्यमंत्री दिल्ली गए हैं. ऐसी स्थिति में छात्रों को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई है.

एक दिन पहले यानी शनिवार को प्रशांत किशोर बीपीएससी छात्रों से मिलने के लिए पटना पहुंचे थे. प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद छात्रों ने राजभवन तक मार्च को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया. इसके बाद फैसला लिया गया कि गांधी मैदान में छात्रों की धर्म संसद बैठेगी. अब इसमें फैसला लिया गया कि है कि छात्र मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करेंगे.

वैष्णो देवी मंदिर के लिए प्रस्तावित रोपवे परियोजना को लेकर धरना प्रदर्शन, बीजेपी विधायक ने दी भूख हड़ताल की चेतावनी।

वैष्णो देवी मंदिर के लिए प्रस्तावित रोपवे को लेकर शुरू हुए विवाद का अब तक हल नहीं निकल पाया है. दूसरी ओर, इस प्रोजेक्ट के विरोध में दुकानदारों और पिट्ठू वालों का धरना प्रदर्शन रविवार को लगातार पांचवें दिन जारी रहा. इस बीच बीजेपी विधायक बलदेव राज शर्मा की ओर से भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी के बाद मामला और गरम हो गया है. इस प्रोजेक्ट में त्रिकूट की पहाड़ियों के बीच रोपवे बनाया जाना है. श्री माता वैष्णों देवी संघर्ष समिति के बैनरतले स्थानीय दुकानदारों के अलावा घोड़ी बग्धी और पिट्ठू वाले इस प्रोजेक्ट की वजह से रोजगार खत्म होने का खतरा जता रहे हैं.

इसी मुद्दे पर पांच दिन पहले श्री माता वैष्णों देवी संघर्ष समिति ने यहां बंद का आह्वान किया था, जब अब तक बदस्तूर जारी है. इसी क्रम में पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया था. रविवार को 24 घंटे बाद भी उन्हें रिहा नहीं किए जाने पर समिति से जुड़े पांच लोगों ने भूख हड़ताल शुरू की है. वहीं अब बीजेपी विधायक बलदेव राज शर्मा ने भी भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है. उधर, श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने फिर दोहराया कि समस्या के समाधान निकलने तक बंद जारी रहेगा और कटरा में सभी गतिविधियां ठप रहेंगी.

सोमवार को भूख हड़ताल पर बैठेंगे

इस बंद में सभी दुकानदारों के अलावा रेस्टोरेंट और कारोबारी प्रतिष्ठान भी बंद हैं. बुधवार को शुरू हुए कटरा बंद का असर यहां के जनजीवन पर भी पड़ रहा है. सड़कों पर ना तो ट्रैफिक नजर आ रहा है और ना ही मुख्य बाजार से लेकर गली मुहल्ले की दुकानें ही खुली हैं. इससे मां वैष्णो देवी गुफा मंदिर के दर्शन करने आने वाले हजारों तीर्थयात्री भी प्रभावित हो रहे हैं. बीजेपी विधायक बलदेव राज शर्मा रविवार को प्रदर्शन में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने 24 घंटे के अंदर हिरासत में लिए गए समिति के पदाधिकारी को रिहा नहीं करने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी है.

ताराकोटे से सांझी छत तक रोपवे

बता दें कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने 13 किमी लंबे इस रोपवे प्रोजेक्ट यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से श्रद्धालुओं को गुफा दर्शन में होने वाली परेशानी से मुक्ति तो मिलने की उम्मीद है ही, उनका समय और पैसा भी बचेगा. लगभग 250 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के तहत ताराकोटे मार्ग को रियासी जिले में गुफा मंदिर तक जाने वाले सांझी छत से जोड़ा जाएगा.

संविधान की वजह से ही आज मैं बात कर पा रहा… मन की बात कार्यक्रम में बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 117वें एपिसोड का प्रसारण किया गया. इस कार्यक्रम में उन्होंने संविधान, किसान, कैंसर और AI जैसे मुद्दों पर चर्चा की है. पीएम मोदी ने कहा कि संविधान हमारे लिए गाइडिंग लाइट की तरह है. उन्होंने कहा कि अगर आज में आपसे बात कर पा रहा हूं तो ये संविधान की बदौलत है.

हाल ही में संसद सत्र के दौरान संविधान को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने थी. कांग्रेस आरोप लगा रही थी कि बीजेपी ने संविधान का अपमान किया है. तो वहीं बीजेपी कांग्रेस को भी घेरने की कोशिश में लगी हुई थी. मामला इतना बढ़ गया कि संसद सत्र में धक्का-मुक्की तक देखने को मिली. जिसमें 2 सांसद भी घायल हो गए. ऐसे में पीएम मोदी के संविधान पर चर्चा करने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

पीएम मोदी ने अपनी बात की शुरुआत तो वैसे नए साल की शुभकामनाओं से की लेकिन उन्होंने कहा कि नए साल के साथ ही हमारे संविधान को लागू हुए पूरे 75 साल हो जाएंगे, ये हमारे लिए बहुत गर्व की बात है.

हर तरीके से कसौटी पर खरा उतरा संविधान- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 2025 बस अब तो आ ही गया है. 2025 में 26 जनवरी को संविधान लागू हुए 75 साल पूरे हो रहे हैं. ये हमारे लिए गर्व की बात हैं. पीएम मोदी ने कहा कि संविधान हमारे लिए गाइडिंग लाइट है. हमारा मार्गदर्शक है. संविधान की वजह से ही आज में आपसे बात कर पा रहा हूं.संविधान निर्माताओं ने हमें जो सौंपा है वो हर तरीके से कसौटी पर खरा उतरा है.

संविधान से जोड़ने के लिए बनाई गई एक वेबसाइट

उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए constitution75.com नाम से एक खास वेबसाइट भी बनाई गई है. इसमें आप संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपना वीडियो अपलोड कर सकते हैं, अलग-अलग भाषाओं में संविधान पढ़ सकते हैं.

उन्होंने कहा कि इससे आप संविधान के बारे में सवाल भी पूछ सकते हैं. मन की बात के श्रोताओं से, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से, कॉलेज में जाने वाले युवाओं से, मेरा आग्रह है, इस वेबसाइट पर जरूर जाकर देखें, इसका हिस्सा बनें.

किसान आंदोलन को खाप नेताओं का समर्थन, हिसार में बुलाई महापंचायत

शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. इस आंदोलन को हरियाणा की खाप पंचायतों ने खुला समर्थन दिया है. इसी के तहत हिसार में रविवार 29 दिसंबर को एक खाप महापंचायत का आयोजन किया गया. बास अनाज मंडी में आयोजित इस महापंचायत का एजेंडा सभी किसान संगठनों को एकजुट कर आंदोलन को आगे बढ़ाना था. इस महापंचायत में आंदोलन कर रहे किसान मजदूर मोर्चा के प्रतिनिधि शामिल हुए हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा से कोई प्रतिनिधि महापंचायत में नहीं पहुंचा.

वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और बजरंग पुनिया भी खाप महापंचायत में पहुंचे थे. महापंचायत में खाप प्रतिनिधियों ने सभी किसान संगठनों से एकजुट होकर आंदोलन करने की अपील की है. इस दौरान सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी किसान संगठन एक साथ आएं और आंदोलन में शामिल हों. उन्होंने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जी 34 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है.

30 दिसंबर को पंजाब बंद का आह्वान

पंढेर ने कहा कि 30 दिसंबर (सोमवार) को हमने पंजाब बंद का आह्वान किया है, उसका सभी लोगों को समर्थन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है, कोर्ट को सरकार को ये निर्देश देना चाहिए कि वो किसानों की वाजिब मांगों को माने. नेता ने कहा कि किसान आंदोलन में हरियाणा की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है और ऐसे में जब खापों ने महापंचायत का फैसला किया तो वो इसमें शामिल होने आए हैं.

बजरंग पूनिया ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना

वहीं रेसलर बजरंग पूनिया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार का काम फूट डालना है, वो आंदोलन को दबाना चाहता है. लेकिन हम सभी किसान संगठनों से अपील करते हैं कि इस लड़ाई में इकट्ठे हो जाएं और एकजुटता के साथ इस लड़ाई को लड़ें. पूनिया ने कहा कि उनकी भी कई किसान नेताओं से बातचीत होती रहती है. सब एक होकर लड़ेंगे तभी किसानों की बात मानी जाएगी. उन्होंने कहा वो किसानों के साथ हमेशा साथ खड़े हैं

डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक जरूर बनेगा: हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस के आरोपों का दिया जवाब

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद से ही लोग उन्हें याद कर रहे हैं. इस बीच उनको लेकर कई तरह के बयान भी सामने आ रहे हैं. इसके अलावा स्मारक को लेकर भी कांग्रेस बीजेपी पर हमला बोल रही है. कांग्रेस ने कहा कि निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार मनमोहन सिंह का अपमान किया है. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कोई अपमान नहीं किया. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में स्मारक जरूर बनेगा, उन्होंने कहा कि जो विवाद पैदा कर रहे हैं उन्हें खुली छूट नहीं देनी चाहिए.

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सिख समुदाय ने आकर उनके (पूर्व पीएम मनमोहन सिंह) लिए प्रार्थना की. हमने हमेशा उनके काम की प्रशंसा की है और उनसे प्रेरणा ली है. आज भी, जब उनकी अस्थियां विसर्जित की गईं, तो विसर्जन स्थल पर सिख समाज के ही लोग थे, कांग्रेस के लोग नहीं,

कांग्रेस निधन पर कर रही राजनीति

बीजेपी ने कहा कि . सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित कर दी गई. इसके बारे में उनके परिवार को भी जानकारी दे दी गई है. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेता मनमोहन सिंह के निधन पर भी राजनीति कर रहे हैं. कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को जीवित रहते हुए कभी सम्मान नहीं दिया, और अब उनके सम्मान के नाम पर राजनीति कर रही है.

क्या है विवाद जिस पर बोले हरदीप सिंह?

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए स्थान नहीं ढूंढ पाना भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर किया गया अपमान है. कांग्रेस का कहना है कि पूर्व पीएम और पूर्व डिप्टी पीएम की तर्ज पर राजघाट के पास राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार करने की अनुमति क्यों नहीं? इस पर पुरी ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है.

मनमोहन सिंह को हमेशा किया जाएगा याद

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जब अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही थी. तब वह अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में सक्षम थे. उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम का निधन एक बड़ी क्षति है. वह एक महान राजनेता, दिग्गज व्यक्ति थे. मुझे लगभग 50 वर्षों तक उन्हें जानने का सौभाग्य मिला. उन्हें कई चीजों के लिए याद किया जाएगा.

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में PCS अधिकारी ने बिना दहेज के शादी कर पेश की मिसाल, दहेज में लिया सिर्फ एक रुपया और एक नारियल।

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक PCS अधिकारी ने बिना दहेज के शादी कर एक बड़ी मिसाल पेश की है. भानु प्रताप नाम के युवा अधिकारी ने उत्तराखंड के एक साधारण परिवार की एक लड़की से बिना दहेज लिए शादी की, जिसके बाद उनकी शादी चर्चा में आ गई है. PCS अधिरकारी ने दहेज में सिर्फ एक रुपया और शगुन में सिर्फ एक नारियल लेकर शादी की. हर कोई भानु प्रताप और उनके परिजनों की तारीफ कर रहा है.

सहारनपुर की नकुड़ तहसील के अंबेहटा कस्बे में आने वाले छोटे से गांव शंभूगढ़ से ये मामला सामने आया है. वहां के रहने वाले दलबीर सिंह पहले पीडब्ल्यूडी विभाग में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उनके बेटे भानु प्रताप सिंह एक PCS अधिकारी हैं, जो वर्तमान में मुरादाबाद में एस जीएसटी अधिकारी के पद पर तैनात हैं. भानू प्रताप सिंह ने बिना दहेज के शादी कर समाज में एक मैसेज दिया है.

एक रुपया, एक नारियल

जहां आजकल दहेज में लाखों करोड़ों रुपये दिए जा रहे हैं. पिता अपनी बेटी की शादी पर अपनी जिंदगी भर की पूंजी लगा देते हैं. वहीं भानु प्रताप ने दहेज के रूप में ससुराल पक्ष से महज एक रुपया और शगुन में एक नारियल लिया और शिवांशी को अपनी दुल्हन बनाया. बिना दहेज के शादी करने वाले दूल्हे PCS अधिकारी भानु प्रताप के इस फैसले की चारों तरफ तारीफ हो रही है.

समाज के लिए अच्छी पहल

भानु प्रताप सिंह की शादी उत्तराखंड बहादराबाद के गांव बेगमपुर की रहने वाली शिवांशी संग हुई है, जो एक साधारण परिवार की लड़की है. PCS अधिकारी भानु प्रताप सिंह ने महिला सशक्तिकरण को बल दिया. वहीं पिता दलबीर सिंह, मां निर्मला और भानु प्रताप के भाई सुरेंद्र कुमार के साथ गांव के लोग भी भानू प्रताप पर गर्व कर रहे हैं. लोग इस शादी को समाज के लिए एक अच्छी पहल बता रहे हैं