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भोजपुरी की शान सिंगर देवी: जिन्होंने BJP की सभा में 'ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम' गाया और मच गया बवाल

बिहार की राजधानी पटना में बीजेपी के एक कार्यक्रम में ‘ईश्वर अल्लाह तेरो नाम’ भजन गाकर सुर्खियों में आई भोजपुरी सिंगर देवी का विवादों से कोई पुराना नाता नहीं रहा है. वह अपनी शालीनता और सभ्यता भरे गीतों के गाने के लिए भोजपुरी इंडस्ट्री में जानी जाती हैं. देवी उन गिने-चुने सिंगर्स में से हैं जिन्होंने भोजपुरी गानों में अश्लीलता का प्रमुखता से विरोध किया था. भोजपुरी इंडस्ट्री में महेंद्र मिश्र और भिखारी ठाकुर के गीतों से पहचान बनाने वाली देवी के अब तक 50 से ज्यादा एल्बम रिलीज हो चुके है.

भोजपुरी सिंगर देवी का जन्म बिहार के छपरा जिले में हुआ है. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा और संगीत की शुरुआती शिक्षा भी छपरा में ही हासिल की थी. उनके पिता भी साहित्यिक व्यक्ति थे और वह ही देवी के बचपन में उनके गानों में शब्दों के चुनाव किया करते थे. इसी वजह से देवी शुरुआत से ही अश्लीलता से दूर रहीं और उनकी छवि एक साफ-स्वच्छ सॉन्ग्स को गाने के रूप में बन गई. वह कई बार खुलकर भोजपुरी गानों में अश्लीलता का विरोध कर चुकी हैं.

हर समारोह की जान होते हैं देवी के गाने

बिहार में आज भी किसी भी कार्यक्रम में देवी के गाए हुए गाने प्रमुखता से बजाए जाते हैं. किसी भी कार्यक्रम में उनके गाने मानों जान ही डाल देते हैं. 50 से ज्यादा एल्बम रिलीज कर चुकी देवी लगातार भोजपुरी इंडस्ट्री में अपना योगदान दे रही हैं. देवी ने न सिर्फ भोजपुरी बल्कि हिंदी, मैथिली और मगही भोषा में भी अपनी गायिकी का लोहा मनवाया है.

कहां से शुरु हुआ करियर

देवी के करियर ने भोजपुरी इंडस्ट्री में उस वक्त रफ्तार पकड़ी जब उनका एल्बम ‘बावरिया’ रिलीज हुआ था. यह एल्बम चंदा कैसेट्स की ओर से रिलीज किया गया था जिसमें 8 गानों को शामिल किया गया था. जिस वक्त यूपी-बिहार में बावरिया एल्बम रिलीज हुआ था उस वक्त धमाका मचा गया था. दर्शकों ने दिल खोलकर उनकी तारीफें की और देवी की आवाज के लोग कायल हो गए.

अब क्यों मांगी देवी ने माफी

पटना में बीजेपी की ओर से एक गांधी मैदान में बापू सभागार में अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म तिथि और पंडित मदन मोहन मालवीय की स्मृति में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में भोजपुरी गायिका देवी को भी बुलाया गया था. इस कार्यक्रम में जब वह माइक पर आईं तो उन्होंने ‘ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम’ भजन गाया.

भजन शुरू करने के बाद दर्शक दीर्घा में बैठे लोग नाराज हो गए और उठकर जय श्री राम के नारे लगाने लगे. इस पर देवी ने कहा कि वह वासुधैव कुटुंबकम में विश्वास करती हैं. हालांकि उन्होंने माहौल शांत करने के लिए माफी मांगी और दूसरे गीत गुनगुनाया. इसके बाद वह कार्यक्रम में चली गईं.

भागलपुर में पेड़ों की 'हत्या': असामाजिक तत्वों ने 500 से अधिक पेड़-पौधों को नष्ट किया, ग्रामीणों ने किया अंतिम संस्कार

भागलपुर से एक अनोखी घटना सामने आई है. यहां लोगों को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा है कि आखिरकार ऐसा भी हो सकता है क्या..? असामाजिक तत्वों ने बगिया को उजाड़ा, 500 से अधिक पेड़-पौधों को नष्ट कर दिया, बासा में भी आग लगा दी, विरोध में किसानों ने पेड़-पौधों की अर्थी सजाई और शव यात्रा निकली, फिर हिंदू रीति रिवाज के साथ गंगा घाट पर पेड़ों का अंतिम संस्कार भी किया. सुनकर अजीब जरूर लग रहा होगा, लेकिन यह भागलपुर के पीरपैंती के बड़ी मोहनपुर से सामने आई सच्ची घटना है.

21वीं सदी में बढ़ते प्रदूषण के बीच पेड़-पौधों की महत्वता भी बढ़ती जा रही है. मनुष्यों में पेड़-पौधों के प्रति लगाव बढ़ रहा है. लोग उसे अपने परिवार का हिस्सा मानने लगे हैं, लेकिन कुछ जगहों पर असमाजिक तत्वों के द्वारा इसे नुकसान पहुंचाया जाता है. मानो इससे ही उन्हें खुशी मिलती हो. दरअसल, भागलपुर मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर पीरपैंती के बड़ी मोहनपुर में असमाजिक तत्वों ने शर्मनाक घटना को अंजाम दिया है. उनके द्वारा 500 छोटे-छोटे पौधे और 150 से अधिक बड़े पेड़ों को काट दिया गया. यूं कहें तो पेड़ों की हत्या कर दी गई

पेड़ों का किया गया अंतिम संस्कार

शोक जताते हुए बगान के मालिक और लोगों ने पेड़-पौधों का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया, फिर लोगों ने पेड़-पौधों को फकडोल पर लादकर शवयात्रा निकाली, चचरी पर मृत पौधों को लाद बाकायदा उसकी पूजा की गई, चौराहों पर परिक्रमा की गई, उसके बाद यात्रा करते हुए गंगा घाट पहुंचे और वहां मंत्रोच्चारण के साथ पौधों को गंगा में प्रवाहित किया. इस अनोखी शव यात्रा में गांव के सैकड़ों लोग शामिल हुए.

पेड़-पौधे लगाने में ढाई लाख रुपए किए खर्च

घटना को लेकर बताया जा रहा कि वर्चस्व कायम करने के लिए असामाजिक तत्वों ने इस घटना को अंजाम दिया. मोहनपुर के रहने वाले ओमप्रकाश जयसवाल के बगान में लगे पेड़-पौधों को नष्ट कर दिया गया. यहां मनरेगा के तहत भी ढाई लाख खर्च कर 400 से अधिक पौधे लगाए गए थे, जिसे असामाजिक तत्वों ने नष्ट कर दिया. किसानों को द्वारा अपने पैसे से लगाए गए भी 300 से अधिक पेड़-पौधों को काट दिया गया. तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से सामाजिक तत्वों ने बगीचे में तांडव मचाया है.

बगान मालिक ने दर्ज कराई FIR

इतना ही नहीं पेड़-पौधों की देखभाल करने वाले गोपी मंडल के बनाए बासा में आग भी लगा दी, जहां वह दिन और रात के वक्त रहा करते थे. तीन दिन पहले बासा में आग लगाई थी. बगान मालिक के बेटे अरुण जयसवाल ने चार असामाजिक तत्वों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. पुलिस मामले की जांच कर कार्रवाई में जुटी है. अरुण और उनकी पत्नी ने कटे पौधों की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की. अरुण ने बताया कि पेड़-पौधों को हम बच्चों की तरह, परिवार की तरह सेवा करते हैं. जब इस तरह की घटना हुई काफी आहत हुए हैं.

ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए

बागान के मालिक अरुण की पत्नी शालिनी कुमारी ने कहा कि जिसने ऐसी घटना की उन लोगों को सजा मिलनी चाहिए. पौधों को देख बहुत तकलीफ हुई. हमने अपना धर्म निभाया, पुरुषों ने अपना धर्म निभाया और पौधों का अंतिम संस्कार किया. बता दें कि सरकार के द्वारा वातावरण और पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने के लिए मनरेगा के तहत पेड़-पौधे लगाए जाते हैं. इसी वजह से ग्रामीणों ने भी प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव: आम आदमी पार्टी में शामिल हुए 70-80 पहलवान और बॉडी बिल्डर, केजरीवाल ने किया स्वागत

दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी अपना कुनबा और बढ़ाने पर ध्यान दे रही है. इसी क्रम में गुरुवार को आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में पहलवानों और बॉडी बिल्डरों समेत कई खिलाड़ी पार्टी में शामिल हुए. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि करीब 70-80 बॉडी बिल्डर और पहलवान पार्टी में शामिल हुए हैं. उन्होंने आम आदमी पार्टी के कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी का पार्टी में स्वागत किया

पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने खेल और फिटनेस से जुड़े तिलकराज, रोहित दलाल और अक्षय दिलावरी का आम आदमी पार्टी के कार्यालय में स्वागत किया और उन्हें पटका और टोपी सौंपी. उन्होंने कहा कि इनके साथ करीब 70-80 बॉडी बिल्डर और जिम के मालिक पार्टी में शामिल हुए हैं. इससे न केवल पार्टी मजबूत होगी बल्कि स्वास्थ्य और फिटनेस से जुड़े मुद्दों पर भी काम करेगी.

‘AAP खिलाड़ियों की समस्याओं को हल करेगी’

आम आदमी पार्टी के संयोजक ने कहा कि पहलवानों और बॉडी बिल्डरों के जुड़ने से न केवल पार्टी मजबूत होगी बल्कि स्वास्थ्य और फिटनेस से जुड़े मुद्दों पर भी काम करेगी. उन्होंने वादा किया कि राजधानी में सत्ता बरकरार रखने के बाद आप खिलाड़ियों की समस्याओं को हल करने की दिशा में काम करेगी.

हम सब लोगों को स्वास्थ्य रहना बहुत जरूरी’

केजरीवाल ने कहा कि आने वाले दिनों में कई और जिम मालिक और खिलाड़ी पार्टी में शामिल होंगे. इससे चुनाव में भी मदद मिलेगी और इनके जुड़ने से सरकार अच्छी तरह से उनकी समस्या को हल कर सकेगी. उन्होंने कहा कि हम सब लोगों को स्वास्थ्य रहना बहुत जरूरी है. शरीर है तो जहान है. इन लोगों ने लोगों को स्वस्थ रहने के लोगों को अलग-अलग तरह के ट्रेनिंग देते हैं. आने वाले दिनों में और जिम मालिक पार्टी के साथ जुड़ने वाले हैं.

स्वदेशी फाइटर जेट इंजन बनाने का भारत का सपना अब होगा साकार, इनफ्लाइट परीक्षण की मिली मंजूरी

भारत का स्वदेशी फाइटर जेट इंजन बनाने का सपना वास्तविकता के करीब पहुंच रहा है. कावेरी इंजन को इनफ्लाइट परीक्षण के लिए मंजूरी दे दी गई है. भारत की गैस टर्बाइन अनुसंधान डीआरडीओ (DRDO) का ही हिस्सा है. यह भारत के स्वदेशी एयरो-इंजन विकास कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है.

नॉन-आफ्टरबर्निंग कावेरी इंजन, जिसे भारत के पहले स्टेल्थ, मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहन (UCAV) “घातक” के लिए विकसित किया गया था. उसी इंजन को इनफ्लाइट परीक्षण के लिए मंजूरी दी गई है.

यह इंजन अब वास्तविक परिस्थितियों में अपने तमाम तरह के टेस्ट और मूल्यांकन के लिए तैयार है, जिसे एक विशेष फ्लाइंग टेस्ट बेड (FTB) पर किया जाएगा. ये परीक्षण कई चरणों में किए जाएंगे.

इस परीक्षण चरण में ड्राई-कावेरी इंजन को FTB पर लगाया जाएगा, ताकि इसे कई तरह की फ्लाई कंडीशन और एयरक्राफ्ट सिस्टम के साथ इंटीग्रेटेड किया जायेगा और इसकी क्षमता का हर तरह की परिस्थितियों, मौसम, लोकेशन और टेंपरेचर में आंकलन किया जायेगा. इसके साथ ही इंजन की लंबी उड़ान के दौरान सहनशीलता और दक्षता भी जांची जाएगी.

रूस के ग्रोमोव फ्लाइट रिसर्च इंस्टीट्यूट में होगा परीक्षण

इसका परीक्षण ग्रोमोव फ्लाइट रिसर्च इंस्टीट्यूट में होगा. यह रूस के मास्को के पास स्थित है. यह पूरी तरह से संशोधित IL-76 पर आधारित है. इनफ्लाइट परीक्षण को मंजूरी व्यापक परीक्षणों के बाद दी गई है, जिसमें रूस में हाई एल्टीट्यूड सिमुलेशन और भारत में गहन ग्राउंड ट्रायल शामिल हैं.

रूस में पिछले साल केंद्रीय विमानन मोटर संस्थान (CIAM) में किए गए हाई एल्टीट्यूड परीक्षणों में 13,000 मीटर (42,651 फीट) की ऊंचाई का सिमुलेशन किया था. GTRE और DRDO का लक्ष्य 2024-25 तक सभी परीक्षणों को पूरा करना और 2025-26 तक सीमित उत्पादन शुरू किया जाएगा.

इन देशों के पास है एडवांस इंजन बनाने की तकनीक

दुनिया के केवल पांच देश ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका, रूस और चीन आदि तरह के एडवांस इंजन बना सकते हैं. ये वे देश हैं, जिनके पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वीटो पावर का भी अधिकार है.

भारत भी इस एलीट क्लब में शामिल होने की कोशिश कर रहा है. भारत की योजना इस इंजन का इस्तेमाल भविष्य के मानव रहित हवाई वाहनों (UAV) में करने की है, हालांकि, भारत का स्वदेशी सैन्य जेट इंजन बनाने का मिशन खत्म नहीं हुआ है..कावेरी इंजन से मिले अनुभव से सीखे गए सबक अब नई संभावनाओं का रास्ता साफ करेंगे.

इन तीन कंपनियों में मची है होड़

तीन प्रमुख कंपनियां इस महत्वपूर्ण कॉन्ट्रैक्ट के लिए भारत के साथ साझेदारी करने की दौड़ में शामिल हैं.. ये कंपनियां अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक, ब्रिटेन की रोल्स-रॉयस और फ्रांस की सफ्रान हैं..भारत के साथ यह सहयोग न केवल रक्षा उद्योग बल्कि नागरिक उद्योगों में भी एक लंबी साझेदारी का आधार बन सकता है..

भारत का फाइटर जेट इंजन बनाने का सफर

कावेरी इंजन परियोजना की शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी.. लेकिन इसमें कई कठिनाइयां और असफलताएं आईं. केवल कुछ देश — अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन — ही लड़ाकू विमान इंजनों के निर्माण में महारत रखते हैं..हालांकि, DRDO ने 2016 में इसे पुनर्जीवित किया और इसे मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहनों के लिए एक ड्राई संस्करण के विकास की दिशा में मोड़ दिया.. अब, इस संस्करण को इनफ्लाइट परीक्षण के लिए मंजूरी मिल गई है..

इनफ्लाइट परीक्षणों की सफलता भारत को आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक की दिशा में एक बड़ा कदम आगे बढ़ाएगी. कावेरी इंजन का सफल परीक्षण भारत की विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता को कम करेगा.

दिल्ली चुनाव: AAP ने BJP पर लगाया वोट के बदले नोट बांटने का आरोप, संजय सिंह ने ED में दर्ज कराई शिकायत

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच सियासी बयानबाजी जारी है. दोनों ही एक दूसरे पर हमलावर हैं. आप ने आरोप लगाया कि बीजेपी दिल्ली में वोट के बदले नोट बांट रही है. आप नेताओं का आरोप है कि बीजेपी रंगेहाथ नोट बांटते हुए पकड़ी गई थी. इस मामले मेें आप किसी भी हालत में बीजेपी को छोड़ना नहीं चाहती है. यही कारण है किइस मामले में आप नेता संजय सिंह गुरुवार शाम 4 बजे ED दफ्तर जाएंगे. जहां वे प्रवेश वर्मा और मनजिंदर सिरसा की शिकायत करेंगे.

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में चुनाव आयोग की नाक के नीचे अरविंद केजरीवाल के क्षेत्र में खुलेआम हजार-हजार रुपये बांटे जा रहे हैं, और वहां से बीजेपी के संभावित प्रत्याशी प्रवेश वर्मा हैं. वह पैसे बांट रहे हैं. ईडी-सीबीआई क्या कर रही है? क्यों नहीं छापे मार रही है?

उन्होंने कहा कि हम लोग के पास तो जब मन करता है, तब ईडी, सीबीआई और तमाम जांच एजेंसियां पहुंच जाती हैं. इस समय दिल्ली में कांग्रेस-बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच सियासी जंग देखने को मिल रही है.

आप ने की घर सीज करने की मांग

संजय सिंह ने सवाल किया कि प्रवेश वर्मा पर छापा क्यों नहीं मारा जा रहा है. सारी जांच एजेंसियां ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सब यहीं बैठे हुए हैं. हम मांग करते हैं कि प्रवेश वर्मा का पूरा घर सीज किया जाए. जितना रुपया है, वह यहां से बाहर न निकलने पाए. ईडी-सीबीआई इस मामले की तह तक जाएं. प्रवेश वर्मा के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

आरोप लगने के बाद क्या बोले थे प्रवेश

आरोपों के जवाब में प्रवेश वर्मा ने कहा था कि मुझे जितनी भी गाली दे, मगर नई दिल्ली विधानसभा की लाडली माताओं-बहनों के चेहरे पर खुशी दिखाती है कि जो कर रहा हूं अच्छा कर रहा हूं. चाहे कोई कितना भी रोकने की कोशिश करें, जरूरतमंदों का मदद करता था और करता रहूंगा.

एक साल में 16 बाघों की हो गई मौत, रणथंभौर नेशनल पार्क के इस आंकड़े ने खड़े किए कई सवाल

रणथंभौर नेशनल पार्क, जो बाघों के लिए दुनिया भर में मशहूर है, पिछले दो सालों में बाघों की मौत के कारण सुर्खियों में है. 2023 से लेकर 2024 तक इस पार्क में 16 बाघों, बाघिनों और शावकों की मौत हो चुकी है. इन मौतों के मुख्य कारण टेरेटोरियल फाइट (क्षेत्रीय संघर्ष) रहे हैं, जो बाघों के बीच टेरेटरी और मादा के लिए होते हैं.

रणथंभौर में बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन इस वृद्धि के साथ बाघों के बीच संघर्ष भी बढ़ गया है. जैसे ही कोई नया शावक अपनी मां से अलग होकर अपनी नई टेरेटरी बनाता है, वह पहले से मौजूद बाघों के साथ टकराता है. ऐसे संघर्षों में कमजोर बाघ की जान चली जाती है.

मौतों के कारण और आंकड़े

2023 और 2024 में हुई बाघों की मौतों में ज्यादातर मौतें टेरेटोरियल फाइट के कारण हुई हैं. 2023 में जनवरी से लेकर दिसंबर तक 8 बाघ, बाघिन और शावक मारे गए थे, जबकि 2024 में जनवरी से लेकर दिसंबर तक कुल 8 बाघ और बाघिनों की मौत हुई. इनमें से कुछ बाघों की मौत ओवरडोज़ से, कुछ की मादा के लिए संघर्ष के दौरान और कुछ की टेरेटोरियल फाइट में हुई.

विशेषज्ञों की राय और क्षेत्रीय संघर्ष

वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि रणथंभौर के क्षेत्र में बाघों के लिए आवश्यक संसाधन पर्याप्त हैं, लेकिन बाघों के बीच टेरेटोरियल फाइट बढ़ रही है, जिससे इनकी मौत हो रही है. बाघों के बीच यह संघर्ष मादा और क्षेत्र को लेकर होता है. रणथंभौर में नर बाघों और मादा बाघिनों का अनुपात भी ठीक नहीं है, जो इन संघर्षों को बढ़ा देता है.

समाधान नया ग्रासलैंड विकसित करना

इस समस्या को हल करने के लिए विशेषज्ञों का सुझाव है कि राज्य सरकार और वन विभाग को रणथंभौर में नया ग्रासलैंड विकसित करना चाहिए, जिससे बाघों को ज्यादा क्षेत्र मिल सके और संघर्ष कम हो सके. इसके अलावा, कुछ नर बाघों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जा सकता है, ताकि उनकी टेरेटरी को लेकर संघर्ष कम हो.

रणथंभौर में लगातार हो रही बाघों की मौत न केवल वन्यजीव प्रेमियों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह सरकार और वन विभाग के लिए भी एक गंभीर मुद्दा है. यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया, तो बाघों की संख्या और भी कम हो सकती है. सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि रणथंभौर में बाघों का आनंद लेने आने वाले पर्यटकों को भी निराशा का सामना न करना पड़े.

बेंगलुरु के अतुल सुभाष केस में नया मोड़: निकिता ने अतुल पर लगाया गर्लफ्रेंड को पैसे भेजने का आरोप

बेंगलुरु के अतुल सुभाष केस (Atul Subhash Suicide Case) का अब एक और पन्ना खुल गया है. यूपी की जौनपुर फैमिली कोर्ट से मिले दस्तावेजों को मुताबिक, निकिता सिंघानिया (Nikita Singhania Statement) ने अतुल पर इल्जाम लगाया था कि वो अपनी गर्लफ्रेंड को पैसा भेजता था. इससे पहले भी निकिता ने अतुल पर तीन लड़कियों संग अतुल का अफेयर होने की बात कही थी. अतुल ने कोर्ट के सामने इन आरोपों को गलत बताया था

जौनपुर फैमिली कोर्ट के दस्तावेजों की मानें तो- निकिता ने जज के सामने कहा था कि अतुल बेंगलुरु में रहने वाली अपनी गर्लफ्रेंड हीना छाबड़िया को पैसे भेजता है. एक बार तो मैंने खुद अतुल को हीना के HDFC बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करते देखा था. मेरी आंखें इस बात का सबूत हैं. इसे लेकर हमारे बीच में लड़ाई भी हुई थी.

कोर्ट में अतुल ने इन सभी आरोपों को खारिज किया. कहा कि निकिता झूठ कह रही है. हीना को उसने कभी पैसे नहीं भेजे. वो तो उसके दोस्त की पत्नी है. दोनों से उसने खुद ही निकिता को मिलवाया था. अतुल ने फिर निकिता पर इल्जाम लगाया कि मेरी बीवी का खुद रोहित निगम नामक लड़के से अफेयर है. रोहित के कारण हमारे बीच में कई बार लड़ाई भी हुई. फिर भी निकिता उससे बात करती है.

अतुल के आरोपों पर निकिता ने कहा- रोहित मेरे पापा के दोस्त का बेटा है. 2021 में रोहित मेरे घर आता था. उस वक्त मेरी मां भी साथ होती थी. वो हमारा फैमिली फ्रेंड है. न कि मेरा बॉयफ्रेंड. अगर बॉयफ्रेंड होता तो मैं उसे अतुल के सामने क्यों घर पर बुलाती.

जेल में बंद है निकिता सिंघानिया

निकिता सिंघानिया पर अतुल को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है. फिलहाल वो बेंगलुरु की जेल में बंद है. 9 दिसंबर को अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली थी. पत्नी निकिता, सास, साला और चाचा ससुर के खिलाफ सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप लगाया. फिर अतुल के भाई विकास की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया.

31 दिसंबर को कोर्ट में सुनवाई

इसी सिलसिले में निकिता, निशा और अनुराग की गिरफ्तारी हुई. फिर उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत पर भेज दिया गया. 31 दिसंबर को तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा. वहीं, चौथे आरोपी यानि निकिता के चाचा को पुलिस गिरफ्तार कर पाती, उससे पहले ही उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई.

छत्तीसगढ़: राजनांदगांव पुलिस कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया रद्द, एसआईटी जांच के आदेश

छत्तीसगढ़ सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोपों के बीच राजनांदगांव पुलिस कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी है. वहीं मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के करीब एक माह बाद इसे रद्द किया गया.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि राजनांदगांव की 8वीं बटालियन में चल रही भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं सामने आई और इस संबंध में 17 दिसंबर को लालबाग थाने में मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने बताया कि 16 नवंबर से राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, कबीरधाम (कवर्धा) और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिलों के अभ्यर्थी यहां भर्ती प्रक्रिया में भाग ले रहे थे.

7 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

अधिकारी ने बताया कि पुलिस भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के मामले में अब तक कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें चार पुलिस कांस्टेबल, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के दो कर्मचारी और एक महिला अभ्यर्थी शामिल है. मामले की जांच के दौरान पुलिस कांस्टेबल अनिल रत्नाकर ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. उन्होंने बताया कि रत्नाकर की बाईं हथेली पर कलम से लिखा एक नोट मिला है, जिसमें कहा गया है कि भर्ती में कथित अनियमितताओं में कर्मचारियों को निशाना बनाया जा रहा है और अधिकारियों को बचाया जा रहा है.

कांस्टेबल आत्महत्या की जांच करेगी SIT

राजनांदगांव (रेंज) के पुलिस महानिरीक्षक दीपक झा ने रत्नाकर की आत्महत्या की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की है और 10 दिनों में रिपोर्ट मांगी है. इस बीच पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की जांच राजनांदगांव शहर के पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र नायक को सौंप दी है. गर्ग ने यह भी कहा कि जिला पुलिस बल कांस्टेबल संवर्ग चयन परीक्षा 2023-24 की भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का आदेश अभी तक राज्य सरकार से प्राप्त नहीं हुआ है.

नंबरों से की गई छेड़छाड़

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई अभ्यर्थियों द्वारा शारीरिक दक्षता प्रक्रिया में प्राप्त अंकों के साथ छेड़छाड़ की गई थी. राजनांदगांव पुलिस की आंतरिक टीम की जांच में यह अनियमितता उजागर हुई थी, जिसके बाद शहर के लाल बाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद भर्ती प्रक्रिया में मार्शल ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल अनिल रत्नाकर का शव 21 दिसंबर को रामपुर गांव में फंदे से लटका मिला था.

कितने पदों पर होनी थी भर्तियां?

राजनांदगांव जिले में 16 नवंबर 2024 से 528 पदों पर पुलिस भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसमें फिजिकल टेस्ट के दौरान नंबरों में गड़बड़ी का मामले सामने आया. लालबाग थाने में भर्ती प्रक्रिया के 1 महीने बाद 16 दिसंबर 2024 को अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी, अब राज्य सरकार ने इस भर्ती को रद्द कर दिया है.

कानपुर में डेढ़ साल के मासूम की टब में डूबकर मौत, परिवार में मचा कोहराम

घर में अगर छोटे बच्चे हो तो उन्हें अपनी नजरों में रखें नहीं तो आपकी एक बड़ी लापरवाही बच्चों की जान पर आ बनेगी. मासूम बच्चों को क्या पता की टब वह बाल्टी में खेलते खेलते हुए कब मौत की आगोश में आ जाएंगे इसलिए घर में अगर छोटा बच्चा चलने फिरने लगा है तो उसके आसपास बेहद स्वतंत्रता रखने के साथ साथ उसपर नजर में बनाए रखें. ऐसा ही एक मामला कानपुर से आया, जहां डेढ़ साल के मासूम की टब में डूबकर मौत हुई है. मासूम की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया है.

घटना घाटमपुर के प्रतापपुर की है. प्रतापपुर में एक मां अपने बच्चों को लेकर मायके आई थी यहां पर खेलते खेलते डेढ़ साल का मासूम टब मैं गिर और उसे कोई देख नहीं पाया. ऐसे में जब कुछ देर मासूम को मां देखने के लिए बाहर आई तो वो टब मैं बेसुध पड़ा दिखा. इसके बाद घर वाले उसे लेकर स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

मां कर रही थी काम

घटना को लेकर मंगलपुर से पदमपुर के रहने वाले मासूम मृतक सूर्यांश के पिता गोविंद ने बताया कि उसकी पत्नी दो बच्चों को लेकर अपने मायके गई हुई थी,जहां पर यह घटना हुई. घटना के बाद घाटमपुर अपनी ससुराल पहुंचे गोविंद ने बताया कि घर के लोग सुबह-सुबह काम में जुटे थे, तभी बेटा सूर्यांश आंगन में रखे भर पानी के टब के पास खेलते खेलते पहुंच गया और उसी में गिर गया.

पुलिस को नहीं दी गई है जानकारी

इसके बाद कुछ देर सूर्यांश नहीं दिख तो घर वाले आवाज लगाते हुए उसे घर में ही ढूंढने लगे टब जाकर परिवार के लोगों की नजर टब के अंदर पड़ी. ऐसे में उन्होंने देखा कि सूर्यांश उसमें औंधे मुंह पड़ा हुआ है यह देखते ही घर में रोना पीटना मच गया. घटना के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बच्चों को ले जाया गया लेकिन टब तक उसकी मौत हो चुकी थी. पूरे मामले में परिवार की ओर से कोई प्राथमिक सूचना पुलिस को नहीं दी गई है.

निकिता सिंघानिया ने किया बड़ा खुलासा, बताया रोहित निगम से क्या था रिश्ता?

बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस (Atul Subhash Update) को पूरे 17 दिन बीत चुके हैं. केस में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं. अब जौनपुर फैमिली कोर्ट में दर्ज अतुल बनाम निकिता सिंघानिया केस (Nikita Singhania Revelation) का एक और डॉक्यूमेंट सामने आया है. अतुल सुभाष ने पत्नी निकिता पर रोहित निगम नामक लड़के से अवैध संबंध होने का आरोप लगाया था. निकिता ने इसे लेकर कोर्ट को जवाब दिया था. निकिता ने बताया था कि रोहित निगम उसके पिता के दोस्त का बेटा है.

अतुल ने ये भी आरोप लगाया था कि साल 2021 के दरम्यान जब निकिता संग उसके रिश्ते बिगड़ने शुरू हुए थे तो रोहित अक्सर उनके घर आता था. निकिता फोन पर भी घंटों तक रोहित से बातें करती थी. हालांकि, उसने दोनों को कभी संबंध बनाते नहीं देखा. लेकिन शक जरूर था कि दोनों के बीच कुछ तो अटपटा है. यानि उनके बीच अफेयर है. अतुल ने कहा था- निकिता अक्सर रोहित से बातें करती रहती थी. इसे लेकर हमारे बीच में हमेशा लड़ाई झगड़े होते थे. लेकिन निकिता कभी भी मेरी बात नहीं सुनती थी.

निकिता पर आरोप लगाते हुए अतुल ने कहा- हमारे बीच में रोहित रोड़ा बना हुआ था. मेरी बीवी इस बात को समझती ही नहीं थी. वो फिर भी रोहित से बातें करती रहती थी. कोई ऐसा दिन नहीं होता था जब हम दोनों के बीच रोहित को लेकर लड़ाई न होती हो. वो रोहित से घर में अक्सर नॉनवेज भी मंगवाया करती थी. जबकि, मैं शुद्ध शाकाहारी हूं. मैंने कई दफा निकिता को मना भी किया कि अगर तुम्हें ये सब चीजें खानी हों तो बाहर जाकर खाओ. लेकिन वो फिर भी घर में ही मेरे सामने नॉनवेज खाती थी और हड्डियां कमरे में ही फेंक देती थी.

निकिता ने आरोपों को बताया गलत

अतुल के इन आरोपों को निकिता ने सिरे से खारिज कर दिया था. उसने जौनपुर कोर्ट को बताया- रोहित निगम मेरे पापा के दोस्त का बेटा है. मेरा उससे कोई गलत रिश्ता नहीं हैं. वो मेरे यहां आता जरूर था. लेकिन सिर्फ दोस्त के नाते. जब मेरी मां निशा जुलाई 2021 में बेंगलुरु आई थीं. तब रोहित हमसे मिलने आता था. लेकिन अतुल फिर भी मुझसे बिना किसी बात के लड़ाई झगड़े करते थे. उन्होंने मेरी ही मां के सामने मुझे मुक्के मारे. मेरे साथ मारपीट की. मैंने अपना स्त्रीधर्म अच्छे से निभाया. लेकिन फिर भी अतुल का टॉर्चर देना खत्म नहीं हुआ. इसलिए मैं घर छोड़कर चली गई. मैं अतुल को छोड़ना नहीं चाहती थी. लेकिन उन्हीं के कारण मैं घर छोड़कर गई.

अतुल सुभाष सुसाइड केस

9 दिसंबर को अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली थी. पत्नी निकिता, सास, साला और चाचा ससुर के खिलाफ सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप लगाया. फिर अतुल के भाई विकास की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया. इसी सिलसिले में निकिता, निशा और अनुराग की गिरफ्तारी हुई. फिर उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत पर भेज दिया गया. 31 दिसंबर को तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा. वहीं, चौथे आरोपी यानि निकिता के चाचा को पुलिस गिरफ्तार कर पाती, उससे पहले ही उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई.