रांची के मोरहाबादी मैदान में राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव में झारखंड की लोकगायिका रंजना रॉय ने अपनी आवाज से बांधा समा
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची: राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव-2024 का आगाज हो गया है।इस महोत्सव में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत स्थानीय उद्यमियों के 485 स्टॉल लगाये गये हैं, जिसमें जेएसएलपीएस के 120 स्टॉल हैं। इन स्टॉलों पर खादी उत्पाद, लाह, डोकरा, मिट्टी, चमड़े से बने हस्तशिल्प की बिक्री हो रही है। 17 दिवसीय यह खादी एवं सरस महोत्सव छह जनवरी, 2025 तक चलेगा।
राजधानी रांची में चल रहे इससे महोत्सव में प्रत्येक दिन संध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव 2024-25 के दूसरे दिन शनिवार को लोकगीत गायिका रंजना रॉय ने अपनी मधुर गीतों से लोगों को खूब झुमाया। बता दे कि रांची में आयोजित खादी मेला में वो चौथीबार शामिल हो हुई और अपने गीतों से मेला में समा बांधा।
लोकगायिका रंजना रॉय ने इसके अलावा अयोध्या में राम मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा मैं भी अपनी आवाजों का जलवा बिखरा था। उन्होंने बताया कि देशभर में कई दूरदर्शन में अपनी प्रस्तुतियां देती रहती है। वो अपनी गायकी का शिक्षा दीक्षा बनारस से ली है। रंजना रॉय मैथिली भोजपुरी एवं नागपुरी भाषाओं में लोकगीतों को गाया है। खादी सरस महोत्सव मेले में आए रंजना राय ने मशहूर गायिका शारदा सिन्हा के गाए गीत सैया मिले लड़कईया मैं क्या करूं... कोयल बिन बगिया ना शोभे राजा... जैसे गीतों को गया। वहीं उन्होंने नागपुरी में भी मोर सुंदर झारखंड जैसे गीत गाए।
उन्होंने कहा कि झारखंड में भोजपुरी और खोरठा दोनों लोकगीत के बराबर चाहने वाले है। उन्होंने अयोध्या में रामलल्ला मंदिर के उद्धघाटन समारोह शामिल होना एक सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि झारखंड में लोकगीत के क्षेत्र में आजीविका बनाने वालों के लिए सुनहरा भविष्य है।
Dec 22 2024, 16:28