गवान ने विभिन्न अवतार लेकर किया उद्धार - देवेन्द्र प्रसन्नाचार्य
![]()
अयोध्या धाम lसात दिवसीय संगीतमई श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन सहदतागंज में प्रसिद्ध कथा वाचक श्री देवेन्द्र प्रसन्नाचार्य जी महाराज के मुखारविंदु आज के प्रसंग अजामिल कथा, वामन अवतार में देवेंद्र प्रसन्नाचार्य जी महाराज ने कहा कि अजामिल, कान्यकुब्ज(आधुनिक कन्नौज) में रहने वाला एक ब्राह्मण था. वह शास्त्रज्ञ था और अपने सौम्य चरित्र के लिए जाना जाता था l एक दिन, अजामिल जंगल से फल, फूल, हवन की लकड़ियां और कुशा घास इकट्ठा करने के लिए गया था l लौटते समय, उसे एक नशे में धुत्त वेश्या मिली वह उसे अपने घर ले आया और अपने नौ बच्चों के साथ रहने लगे l एक दिन, पच्चीस संतों का काफ़िला अजामिल के गांव से गुज़र रहा था. शाम हो जाने पर, संतों ने अजामिल के घर के सामने डेरा जमा दिया रात में जब अजामिल आया, तो उसने साधुओं को अपने घर के सामने देखा और उनसे भला-बुरा कहने लगा अगले दिन, साधुओं ने अजामिल से दक्षिणा मांगी. अजामिल बौखला गया और साधुओं को मारने के लिए दौड़ पड़ा. तब उसकी पत्नी ने उसे रोक दिया l साधुओं ने कहा कि उन्हें पैसे नहीं चाहिए अजामिल ने हां कह दी साधुओं ने कहा कि वह अपने होने वाले बच्चे का नाम नारायण रख ले l
इसी कथा के क्रम में वामन अवतार का जिक्र किया गया जिसमें राजा बलि ने अपने पराक्रम और बल से स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था जिस कारण से सभी देवी-देवताओं में हडकंप मच गया था। तब राजा बलि से रक्षा के लिए सभी देवता भगवान विष्णु की शरण में गए। भगवान विष्णु ने सभी देवी-देवताओं की रक्षा का वचन देते हुए कहा कि मैं देवमाता अदिति के यहां वामन देव के रूप में जन्म लूंगा। मुख्य यजमान पप्पू मोदनवाल और उनके परिवार के सत्यम सहित सम्पूर्ण परिवार के लोग कथा श्रवण कर धन्य हो रहे है l कथा में सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे l





Dec 19 2024, 21:00
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0.2k