/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz कहर बरपा रहा तूफान ‘दाना’, 120 किमी को रफ्तार से गुजरा, कई इलाकों में तेज आंधी-बारिश, सड़कें उखड़ी, पेड़ भी गिरे, 400 ट्रेनें रद्द, अगले 24 घंटे India
कहर बरपा रहा तूफान ‘दाना’, 120 किमी को रफ्तार से गुजरा, कई इलाकों में तेज आंधी-बारिश, सड़कें उखड़ी, पेड़ भी गिरे, 400 ट्रेनें रद्द, अगले 24 घंटे
Image 2Image 3Image 4Image 5

चक्रवाती तूफान दाना ओडिशा का तट से टकरा गया है और अभी भी इसका लैंडफॉल जारी है. तूफान ओडिशा के धामरा और भितरकनिका के पास तूफान 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरा. दीघा में तूफानी हवाओं के चलते बड़े बड़े पेड़ गिर गए. मौसम विभाग के मुताबिक दाना तूफान का लैंडफॉल अभी भी जारी है. तूफान के चलते ओडिशा और बंगाल के कई इलाकों में तेज आंधी के साथ बारिश हो रही है. तेज हवाओं से कई जगहों पर पेड़ गिरने की खबर है. तूफान को लेकर ओडिशा और बंगाल में NDRF की कई टीमें अलर्ट पर हैं. भुवनेश्वर और कोलकाता एयरपोर्ट को सुबह 9 बजे तक बंद कर दिया गया है. IMD की निदेशक, मनोरमा मोहंती ने बताया, तूफान अब धामरा से लगभग 15 किमी उत्तर और भितरकनिका से 30 किमी उत्तर-पश्चिम में है. अब वर्तमान तीव्रता एक गंभीर चक्रवाती तूफान है और हवा की गति 100-110 किमी/घंटा है. लैंडफॉल की प्रक्रिया जारी है, यह अगले 1-2 घंटों तक जारी रहेगी. इसके उत्तरी ओडिशा में पश्चिम उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है. 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा ‘दाना’ मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान ‘दाना’ 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ रहा है. आज यानि शुक्रवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे यह ओडिशा के उत्तरी तटीय क्षेत्र में लैंडफॉल हुआ. भद्रक जिले के धामरा से लगभग 20 किलोमीटर उत्तर-उत्तरपश्चिम और हबालीखाटी नेचर कैंप (भितरकनिका) से 40 किलोमीटर उत्तर-उत्तरपश्चिम में केंद्रित था. अगले 24 घंटे बेहद अहम मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात ‘दाना’ से भूस्खलन की प्रक्रिया जारी है. चक्रवात का पिछला हिस्सा जमीन में प्रवेश कर रहा है. अगले 1-2 घंटों तक भूस्खलन की प्रक्रिया जारी रहेगी. यह उत्तर ओडिशा में पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है. आज पूर्वाह्न तक धीरे-धीरे कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा. वहीं इस समय ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं. इसी के चलते तटीय इलाकों में दो-तीन किलोमीटर अंदर तक पानी आ सकता है. अगले 24 घंटे अतिरिक्त सुरक्षा बरतने की सलाह दी गई है. रात भर कंट्रोल रूम में रहीं CM ममता बनर्जी चक्रवात ‘दाना’ के कारण पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भारी बारिश हो रही है. तटीय इलाकों में भी स्थित खराब हो गई हैं. तेज हवाओं के चलने से कई जगहों पर पेड़ उखड़ सड़कों पर गिर गए हैं. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार देर रात चक्रवात ‘दाना’ के संभावित खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हावड़ा में राज्य सरकार के नियंत्रण कक्ष का दौरा किया. वह पूरी रात नियंत्रण कक्ष में ही रहीं और हालत की जानकारी लेती रहीं. बंगाल में अब तक 2 लाख 11 हजार 234 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. 400 से अधिक ट्रेनें रद्द भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि चक्रवाती तूफान ‘दाना’ ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकराया है. इसरो के ईओएस-06 और इनसेट-3डीआर उपग्रह 20 अक्टूबर से तूफान पर नजर रख रहे हैं. आपदा प्रबंधन प्रयासों में सहायता के लिए तात्कालिक रूप से आंकड़े प्रदान कर रहे हैं. तूफान के दस्तक देने की आशंका के चलते ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अधिकारियों ने लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. स्कूलों को बंद कर दिया गया है. 400 से अधिक ट्रेनों को रद्द और उड़ानों को निलंबित कर दिया गया है.
इजरायल की एयर स्ट्राइक फेल रही? ईरान का दावा-बावर-373 और एस-300 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने हमले को किया नाकाम

#iran_claimed_israel_air_strike_failed

इजरायल ने शनिवार तड़के ईरान की राजधानी तेहरान और पास के शहरों में बमबारी की है। इजरायल की सेना की ओर से इस हमले की पुष्टि भी की गई है। आईडीएफ का कहना है कि यह हवाई हमला ईरान को जवाब देने के लिए किया गया है। हालांकि ईरान के मुताबिक इजरायल की यह एयर स्ट्राइक फेल रही है। आपको बता दें कि हिजबुल्लाह चीफ की मौत के बाद ईरान ने इजरायल पर सैकड़ों मिसाइलें दागी थी। उसके बाद से इस बात की चर्चा थी कि इजरायल कब जवाब देगा। अब 25 दिन के बाद इजराइल ने अना बदला पूरा किया।

Image 2Image 3Image 4Image 5

इजरायली सेना आईडीएफ ने इन हमलों की पुष्टि की है और कहा है कि ईरान लगातार कई महीनों से इजरायल को निशाना बना रहा है। जिसके जवाब में हमने यह हमला किया है। आईडीएफ ने बताया कि ईरान में शासन और क्षेत्र में उसके प्रतिनिधि 7 अक्टूबर से लगातार सातो मोर्चों पर हमला कर रहे हैं। जिसमें ईरानी धरती से सीधे हमले भी शामिल हैं। दुनिया के हर दूसरे संप्रभु देश की तरह, इजराइल राज्य को भी जवाब देने का अधिकार और कर्तव्य है। हमारी रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताएं पूरी तरह से सक्रिय हैं। हम इजराइल राज्य और इजराइल के लोगों की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक होगा उसे करेंगे।

वहीं, ईरान का कहना है कि इजरायल की यह एयर स्ट्राइक फेल रही है। ईरान के मुताबिक उसके बावर-373 और एस-300 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने हमले को नाकाम कर दिया। ईरान की IRNA न्यूज एजेंसी ने एक वीडियो पोस्ट किया है। कथित तौर पर हवा में ही टार्गेट तबाह हो रहे हैं।

ईरान के सरकारी टेलीविजन की रिपोर्ट के मुताबिक एयर डिफेंस फोर्स ने तेहरान, खुजेस्तान और इलम में कई ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हमले की पुष्टि की है। उसने कहा है कि हमले से सीमित नुकसान हुआ है। एयर डिफेंस फोर्स ने कहा, 'इस्लामिक गणराज्य की ओर से दी गई चेतावनियों के बावजूद जायोनी शासन ने तनाव पैदा करने वाली कार्रवाई में आज सुबह तेहरान, खुजेस्तान और इलम में सैन्य केंद्रों के कुछ हिस्सों पर हमला किया।'

बयान में आगे कहा गया कि देश के एयर डिफेंस सिस्टम ने आक्रामकता की कार्रवाई को सफलतापूर्वक रोका और उसका मुकाबला किया। बयान में कहा गया कि हमलों से कुछ स्थानों पर सीमित क्षति हुई है।

इजराइल ने ईरान से लिया बदला, 10 सैन्य ठिकानों पर हमला, जानें कितना हुआ नुकसान*
Image 2Image 3Image 4Image 5
#israel_attack_on_iran
इजरायल ने शनिवार को ईरान पर हमले के साथ ही एक अक्टूबर को हुए 200 बैलेस्टिक मिसाइलों के हमलों का बदला ले लिया है। ईरान के हमले के 25 दिन बाद इजराइल ने ईरान में 10 सैन्य ठिकानों पर शनिवार तड़के हवाई हमले किए।इसके अलावा इजरायल ने मध्य सीरिया को भी निशाना बनाया है। आईडीएफ ने इस हमले की पुष्टि की है। ईरान में इजरायल सेना की कार्रवाई के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि इजरायल ने बदले की कार्रवाई के तहत ईरान में सैन्य ठिकानों पर शनिवार तड़के हवाई हमले किए। फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल ने ईरान पर हवाई हमले करने से कुछ समय पहले ही व्हाइट हाउस को इसकी सूचना दे दी थी। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता सीन सेवेट ने कहा कि सैन्य ठिकानों पर हमला इजराइल के खिलाफ ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले का जवाब है। हालांकि अभी भी इस बारे में जानकारी नहीं है कि ईरान में किन जगहों पर हमला किया गया है। अब तक, इजराइल ने केवल इतना कहा है कि वह सैन्य ठिकानों पर हमला कर रहा है। एक वीडियो में, आईडीएफ प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि इजराइल के खिलाफ ईरान के हमलों के जवाब में आईडीएफ सैन्य ठिकाने पर सटीक हमले कर रहे हैं। आईडीएफ प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हैगरी ने कहा कि ईरान पर रात भर किए गए हमले के लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किए गए। इजरायल की सेना ने कहा कि हमारा बदला पूरा हो गया है। ईरान पर रातभर हमलों में हमने अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है। ईरान ने इजरायल पर दो बार हमला किया। उसे इसकी ही कीमत चुकानी पड़ी है। *न्यूक्लियर ठिकाने पर नहीं किया हमला* मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायली सेना से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि वह ईरान की न्यूक्लियर या तेल फैसिलिटी पर हमला नहीं कर रहा है। उसका फोकस ईरान के मिलिट्री टार्गेट हैं। अमेरिका लगातार इजरायल से कहता रहा है कि वह ईरान की तेल या न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमला न करे। एक्सपर्ट्स चेतावनी देते रहे हैं कि इससे बड़े पैमाने पर खाड़ी में युद्ध फैल सकता है। इतना ही नहीं पूरी दुनिया में तेल के दाम में उछाल देखा जा सकता है। *सीरिया पर भी हुआ हमला* वहीं सीरिया की सरकारी SANA न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल ने लगभग 2 बजे दक्षिणी और मध्य सीरिया में कई सैन्य ठिकानों पर हमला किया। ये हमले उसी समय हुए जब इजरायल ने ईरान के खिलाफ जवाबी हमला शुरू किया था। SANA का दावा है कि एयर डिफेंस सिस्टम ने कुछ इजरायली मिसाइलों को तबाह कर दिया। अधिकारी अभी भी नुकसान का आकलन कर रहे हैं।
UN में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान पर भड़का भारत, जानें किया कहा

#indiaslamspakistanatunforjammu_kashmir

Image 2Image 3Image 4Image 5

पाकिस्तान हर बार मुंह की खाने के बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आता। कश्मीर के मुद्दे पर भारत कई बार संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को लताड़ लगा चुका है, लेकिन वह अपनी आदत से बाज नहीं आ रहा है। भारत ने अब एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर मुद्दे को उठाने पर पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई।भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि उसकी यह हरकत गलत सूचना फैलाने और शरारतपूर्ण उकसावे वाली है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वार्षिक बहस के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया। भारत ने पाकिस्तान के इस प्रयास की निंदा करते हुए दो टूक जवाब दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, उस देश का यह प्रयास निंदनीय है, लेकिन इसका पूरी तरह से अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी आजमाई हुई रणनीति के आधार पर शरारती उकसावे में शामिल होने का विकल्प चुना है।

महिलाओं का हालत पर पाकिस्तान को लताड़ा

हरीश ने कहा कि हम अच्छी तरह से जानते हैं कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों से संबंधित महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है। यह टिप्पणी यूएनएससी बहस के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा जम्मू और कश्मीर का संदर्भ दिए जाने के बाद आई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इन अल्पसंख्यक समुदायों की अनुमानित एक हजार महिलाएं हर साल अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह का शिकार होती हैं। खैर, मैं और भी बातें कर सकता हूं, लेकिन मैं यहीं खत्म करता हूं।

भारत में महिलाओं की भूमिका का जिक्र

पाकिस्तान को आइना दिखाने के अलावा, राजदूत हरीश ने भारत में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि भारत ने महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण प्रगति की है, विशेष रूप से शांति स्थापना और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि भारत ने महिला, शांति और सुरक्षा (डब्ल्यूपीएस) एजेंडे को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में पांचवें सबसे बड़े सैन्य योगदानकर्ता के रूप में, भारत ने पहली बार सभी महिला सैनिकों को तैनात किया है।

शांति सेना दलों में महिलाओं की भागीदारी

शांति सेना में भारतीय महिलाओं की भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए हरीश ने कहा कि भारत ने डब्ल्यूपीएस एजेंडे को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पांचवें सबसे बड़े सैन्य योगदानकर्ता के रूप में, भारत ने 2007 में लाइबेरिया में पहली बार सभी महिलाओं वाली पुलिस यूनिट तैनात की, जिसने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में एक मिसाल कायम की। उनके काम को लाइबेरिया और संयुक्त राष्ट्र में जबरदस्त सराहना मिली। उन्होंने कहा कि हमने अपने शांति सेना दलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। वर्तमान में दुनिया भर में 100 से अधिक भारतीय महिला शांति सैनिक सेवा दे रही हैं, जिनमें तीन महिला महिला संलग्नता दल भी शामिल हैं।

हरीश ने कहा कि 2023 में, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में सेवा देने वाली मेजर राधिका सेन को यूएन मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया। वह अपनी शानदार पूर्ववर्ती मेजर सुमन गवानी के पदचिन्हों पर चलती हैं, जिन्हें दक्षिण सूडान में यूएन मिशन के साथ उनकी सेवा के लिए मान्यता दी गई थी। उन्हें 2019 में यूएन द्वारा सम्मानित किया गया था। उन्होंने याद दिलाया कि भारत ने 2023 में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया है, जिस पर उन्होंने जोर दिया कि इसने राजनीतिक निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं को सशक्त बनाया है।

UN में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान पर भड़का भारत, जानें किया कहा*
Image 2Image 3Image 4Image 5
#india_slams_pakistan_at_un_for_jammu_kashmir
पाकिस्तान हर बार मुंह की खाने के बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आता। कश्मीर के मुद्दे पर भारत कई बार संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को लताड़ लगा चुका है, लेकिन वह अपनी आदत से बाज नहीं आ रहा है। भारत ने अब एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर मुद्दे को उठाने पर पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई।भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि उसकी यह हरकत गलत सूचना फैलाने और शरारतपूर्ण उकसावे वाली है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वार्षिक बहस के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया। भारत ने पाकिस्तान के इस प्रयास की निंदा करते हुए दो टूक जवाब दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, उस देश का यह प्रयास निंदनीय है, लेकिन इसका पूरी तरह से अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी आजमाई हुई रणनीति के आधार पर शरारती उकसावे में शामिल होने का विकल्प चुना है। *महिलाओं का हालत पर पाकिस्तान को लताड़ा* हरीश ने कहा कि हम अच्छी तरह से जानते हैं कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों से संबंधित महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है। यह टिप्पणी यूएनएससी बहस के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा जम्मू और कश्मीर का संदर्भ दिए जाने के बाद आई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इन अल्पसंख्यक समुदायों की अनुमानित एक हजार महिलाएं हर साल अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह का शिकार होती हैं। खैर, मैं और भी बातें कर सकता हूं, लेकिन मैं यहीं खत्म करता हूं। *भारत में महिलाओं की भूमिका का जिक्र* पाकिस्तान को आइना दिखाने के अलावा, राजदूत हरीश ने भारत में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि भारत ने महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण प्रगति की है, विशेष रूप से शांति स्थापना और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि भारत ने महिला, शांति और सुरक्षा (डब्ल्यूपीएस) एजेंडे को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में पांचवें सबसे बड़े सैन्य योगदानकर्ता के रूप में, भारत ने पहली बार सभी महिला सैनिकों को तैनात किया है। *शांति सेना दलों में महिलाओं की भागीदारी* शांति सेना में भारतीय महिलाओं की भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए हरीश ने कहा कि भारत ने डब्ल्यूपीएस एजेंडे को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पांचवें सबसे बड़े सैन्य योगदानकर्ता के रूप में, भारत ने 2007 में लाइबेरिया में पहली बार सभी महिलाओं वाली पुलिस यूनिट तैनात की, जिसने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में एक मिसाल कायम की। उनके काम को लाइबेरिया और संयुक्त राष्ट्र में जबरदस्त सराहना मिली। उन्होंने कहा कि हमने अपने शांति सेना दलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। वर्तमान में दुनिया भर में 100 से अधिक भारतीय महिला शांति सैनिक सेवा दे रही हैं, जिनमें तीन महिला महिला संलग्नता दल भी शामिल हैं। हरीश ने कहा कि 2023 में, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में सेवा देने वाली मेजर राधिका सेन को यूएन मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया। वह अपनी शानदार पूर्ववर्ती मेजर सुमन गवानी के पदचिन्हों पर चलती हैं, जिन्हें दक्षिण सूडान में यूएन मिशन के साथ उनकी सेवा के लिए मान्यता दी गई थी। उन्हें 2019 में यूएन द्वारा सम्मानित किया गया था। उन्होंने याद दिलाया कि भारत ने 2023 में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया है, जिस पर उन्होंने जोर दिया कि इसने राजनीतिक निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं को सशक्त बनाया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: वोटिंग से 10 दिन पहले हैरिस के लिए बुरी खबर, डोनाल्ड ट्रंप ने सर्वे में बनाई बढ़त

#uspresidentialelectionpollsdonaldtrumpaheadofkamala_harris

Image 2Image 3Image 4Image 5

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। राष्ट्रपति चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। इस बीच राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर जारी एक सर्वेक्षण में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के लिए अच्छी खबर आई है। नए सर्वे में डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस पर राष्ट्रीय स्तर पर मामूली ही सही लेकिन बढ़त हासिल की है। ये दावा वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक नए सर्वेक्षण में किया गया है। हालांकि ट्रंप को प्रतिद्वन्द्वी हैरिस पर मिली ये बढ़त बहुत बड़ी नहीं है लेकिन काफी महत्वपूर्ण है। इसकी वजह ये है कि बीते कुछ सर्वेक्षणों में हैरिस को ट्रंप पर बढ़त मिल रही थी। ट्रंप ने इस फासले को पाटते हुए बढ़त हासिल की है।

अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल के नेशनल सर्वे के मुताबिक, देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कमला हैरिस पर दो अंक की बढ़त है। ट्रंप प्रतिद्वन्द्वी हैरिस से दो अंक यानी 47 प्रतिशत से 45 प्रतिशत आगे हैं। सीएनबीसी ऑल-अमेरिका इकोनॉमिक सर्वे के सर्वे में डोनाल्ड ट्रंप की कमला हैरिस पर 48 प्रतिशत से 46 प्रतिशत की बढ़त हैं। अमेरिका के अहम सात राज्यों में ट्रंप हैरिस से 48 प्रतिशत से 47 प्रतिशत आगे हैं।

इन अहम सात राज्यों में ट्रंप आगे

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर कांटे की टक्कर है। हालांकि स्विंग राज्यों में जो उम्मीदवार बढ़त हासिल करेगा वही जीत भी हासिल करेगा। देश के अहम सात राज्यों में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप 0.9 प्रतिशत अंकों से आगे हैं। ये अहम सात राज्य एरिजोना, नेवादा, विस्कॉन्सिन, मिशिगन, पेंसिल्वेनिया, उत्तरी कैरोलाइना और जॉर्जिया हैं। इन राज्यों के बारे में माना जाता है कि यहां के मतदाताओं का रुझान बदलता रहता है।

पहले भी सर्वे में ट्रंप ने बढ़त हासिल की

इससे पहले हाल ही में आए डिसिजन डेस्क हिल के ताजा सर्वेक्षण में भी ट्रंप ने बढ़त हासिल की थी। इस सर्वे में जीत के मामले में डोनाल्ड ट्रंप अब कमला हैरिस से 4 प्रतिशत आगे निकल गए थे। डोनाल्ड ट्रंप के जीत का अनुमान अब 52 प्रतिशत था, वहीं कमला हैरिस के जीतने की संभावना अब केवल 48 फीसदी ही थी।

कमला ने किया जीत का दावा

इस बीच, कमला हैरिस ने एक बार फिर अपनी जीत का दावा किया है। जॉर्जिया में चुनाव प्रचार के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि वह सभी अमेरिकियों की नेता बनने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वे लोकतंत्र के भविष्य के प्रति सबकी चिंताओं को देख रही हैं। कमला हैरिस ने कहा कि अमेरिकी ऐसा राष्ट्रपति चाहते हैं जो आशावाद के साथ देश का नेतृत्व करे और उनके सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करे। इस दौरान उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप पर लोगों की मौलिक स्वतंत्रता छीनने का आरोप लगाया।

अप्रवासियों की संख्या में कटौती करने जा रहा है कनाडा, ट्रूडो के फैसले से कैसे प्रभावित होंगे भारतीय?

#canadajustintrudeaugovtcuttingimmigrationby_20-percent

पिछले कुछ समय से भारत और कनाडा के बीच के संबंधों में खटास आई है। इस बीच कनाडाई प्रधानमंत्री का जस्टिन ट्रूडो ने एक नई घोषणा कर दी है। जो कनाडा में रह रहे अप्रवासी भारतीय लोगों की खासी परेशानी का सबब बन गया है। दरअसल, कनाडा ने अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी में अहम बदलाव का ऐलान किया है। कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार के फैसले से अगले तीन वर्षों में (2027 तक) स्थायी और अस्थायी निवासियों की संख्या कम हो जाएगी। इसका भारतीयों पर खासतौर से असर होने जा रहा है, जो कनाडा की अप्रवासी और छात्र आबादी का बड़ा हिस्सा हैं।

Image 2Image 3Image 4Image 5

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक्स पर पोस्ट करके कहा कि हम कनाडा में विदेशी कामगारों की संख्या में कमी करने वाले हैं। जिसने भारतीय अप्रवासियों के सामने एक बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। ट्रूडो ने पोस्ट में आगे लिखा कि, “हम कंपनियों के लिए सख्त नियम लेकर आ रहे हैं, जिससे कि वो यह साबित कर सकें कि वे पहले क्यों पहले कनाडा के कर्मचारियों को नियुक्त नहीं कर सकते।”

कई वर्षों में पहली बार अप्रवासियों में की जा रही भारी कमी

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल सरकार ने कई वर्षों के बाद पहली बार देश में आने वाले अप्रवासियों की संख्या में भारी घटाव करने जा रही है। सीबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिन ट्रूडो ने 2025 में नए स्थायी निवासियों को घटाकर 3,95,000 करने का फैसला लिया है। वहीं, 2025 में अस्थायी प्रवासियों की संख्या 30,000 घटकर करीब तीन लाख रह जाएगी।

हालांकि, कनाडा के आव्रजन मंत्रालय ने पहले 2025 और 2026 में 500,000 नए स्थायी निवासियों को देश में बसने देने की योजना बनाई थी, लेकिन बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए इसमें संशोधन किया गया है। अब अगले साल के लिए ये संख्या 395,000 और 2026 के लिए 380,000 कर दिया गया है। वहीं, 2027 के लिए यह संख्या 365,000 निर्धारित की गई है।

पहले ही लिया स्टडी परमिट सीमित करने का फैसला

कनाडा के सीएम का यह एलान ऐसे समय में हुआ है जब वहां पहले से ही स्टडी वीजा पर आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या को सीमित कर दिया गया है। सरकार इस साल 35 फीसदी कम इंटरनेशनल स्टूडेंट परमिट देगी और उन्होंने आव्रजन प्रणाली का गलत उपयोग करने वाले लोगों पर नकेल कसने की भी बात कही है। ट्रूडो ने यह भी कहा कि 2025 में इंटरनेशनल स्टडी परमिट की तादाद में अतिरिक्त 10 फीसदी की कमी की जाएगी।सरकार के मुताबिक, कनाडा 2025 में 437,000 स्टजी परमिट जारी करने का प्लान बना रहा है, जो 2024 में जारी किए गए 485,000 परमिट से 10 फीसदी कम है।

इस फैसले के पीछे वजह क्या है?

आप्रवासन में कटौती करने का कनाडा का निर्णय बुनियादी ढांचे के दबाव के चलते लिया गया है। कनाडाई जनता की राय उच्च आप्रवासन स्तर के खिलाफ बदल रही है क्योंकि घरों की कमी बड़ा मुद्दा बन गया है। सरकार के अनुसार, आप्रवासन में कटौती से 2027 तक कनाडा के आवास आपूर्ति अंतर को 6,70,000 यूनिट तक कम किया जा सकता है।बैंक ऑफ मॉन्ट्रियल में अर्थशास्त्र के निदेशक रॉबर्ट कैवसिक ने एक रिपोर्ट में कहा है कि नई आप्रवासन योजना अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे से तनाव कम करेगी जो हाल के वर्षों में कमजोर हो गई है। उन्होंने कहा कि आप्रवासन श्रम अंतराल को भरने के लिए जरूरी है लेकिन इसकी मौजूदा रफ्तार कनाडा के बुनियादी ढांचे से आगे निकल सकती है।

भारतीयों पर क्या होगा असर?

भारत के लोग कनाडा की आप्रवासी और अंतरराष्ट्रीय छात्र आबादी का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ऐसे में इमिग्रेशन में कटौती के नतीजे के तौर पर भारतीयों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस बदलाव का कनाडा में पढ़ाई और नौकरी के इच्छुक भारतीय छात्रों पर सबसे ज्यादा होगा। कनाडा के अस्थायी विदेशी कामगार कार्यक्रम (टीएफडब्ल्यूपी) के तहत वर्क परमिट में भारी कटौती और स्टडी परमिट पर सीमा तय होने से नौकरी और नागरिकता की उम्मीद कर रहे भारतीयों के लिए अवसर सीमित हो जाएंगे। ये कटौती आईटी और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में भी भारतीयों को प्रभावित करेगी।

जर्मनी ने भारत के लिए खोल दिया पिटारा, रोजगार और तकनीकी के क्षेत्र में किए समझौते*
Image 2Image 3Image 4Image 5
#german_chancellor_olaf_scholz_narendra_modi_bilateral_relation
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज भारत दौरे पर हैं, वह 7वें 'इंटरगवर्नमेंटल कंसल्टेशंस' में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार की शाम नई दिल्ली पहुंचे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ से दिल्ली में मुलाकात की।इस दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने समझौता ज्ञापनों (एमओयू) का आदान प्रदान किया। इनमें नवाचार व प्रौद्योगिकी पर रोडमैड, रोजगार और श्रम क्षेत्र के एमओयू शामिल हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मन चांसलर से कहा, 'मैं जर्मनी और भारत के सातवें अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) में आपका और आपके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करता हूं। यह आपका तीसरा भारत दौरा है। सौभाग्य से यह मेरे तीसरे कार्यकाल की पहली आईजीसी है। एक तरह से यह हमारी दोस्ती का ट्रिपल सेलिब्रेशन है। हमने 2022 में बर्लिन में आखिरी आईजीसी में अपने द्विपक्षीय सहयोग पर महत्वपूर्ण फैसले लिए। दो वर्षों में हमारे रणनीतिक संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों में उत्साहजनक प्रगति हुई है। रक्षा, प्रौद्योगिकी, उर्जा, हरित और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में बढ़ता सहयोगी आप आपसी भरोसा सहयोग का प्रतीक बन गया है।' प्रधानमंत्री ने कहा, दुनिया तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कानून के शासन और नौवहन की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। ऐसे समय में भारत और जर्मनी की रणनीतिक साझेदारी एक मजबूत आधार बनकर उभरी है। यह लेन-देन के संबंध नहीं हैं, बल्कि यह दो सक्षम और सशक्त लोकतंत्रों की परिवर्तनकारी साझेदारी है। इस संबंध में, हम आपकी ओर से जारी 'फोकस ऑन इंडिया' रणनीति का स्वागत करते हैं। मुझे खुशी है कि अपनी साझेदारी को विस्तार देने और उसे आगे बढ़ाने के लिए हम कई नई और महत्वपूर्ण पहलें कर रहे हैं। इसके अलावा पीएम मोदी ने जर्मनी के निवेशकों को भारत में निवेश करने का न्योता दिया। उन्होंने कहा, 'निवेश के लिए भारत से बेहतर कोई जगह नहीं है और देश की विकास गाथा का हिस्सा बनने का यह सही समय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेशी निवेशकों के लिए भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनना, ‘मेक इन इंडिया’ तथा ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ पहल में शामिल होने का यह ‘सही’ समय है। यह दौरा जर्मनी के लिए एक नाजुक समय पर हो रहा है। जर्मनी की अर्थव्यवस्था निर्यात पर बहुत अधिक निर्भर है। वह लगातार दूसरे साल गिरावट का सामना कर रही है। यूरोपीय संघ (ईयू) और चीन के बीच व्यापार विवाद जर्मन कंपनियों के लिए एक और चिंता का विषय है।2022 में यूक्रेन युद्ध से पहले सस्ती रूसी गैस पर अपनी निर्भरता के कारण जर्मनी को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इसके बाद से जर्मनी चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की रणनीति पर काम कर रहा है।
सुशांत सिंह राजपूत मामले में रिया चक्रवर्ती को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और सरकार को फटकारा

#actress_rhea_chakraborty_gets_relief_from_supreme_court

Image 2Image 3Image 4Image 5

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सीबीआई की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। दरअसल, हाई कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती, उनके पिता और भाई के खिलाफ जारी किए गए लुक-आउट सर्कुलर को रद्द कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट बेंच ने सीबीआई और महाराष्ट्र राज्य पर बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को सिर्फ इसलिए चुनौती देने का आरोप लगाया क्योंकि वो हाई-प्रोफाइल बैकग्राउंड से हैं।इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई पर बड़ी टिप्पणी की है। जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हम चेतावनी दे रहे हैं। आप सिर्फ इसलिए इतनी ये तुच्छ याचिका दायर कर रहे हैं क्योंकि आरोपियों में से एक हाई-प्रोफाइल व्यक्ति है। इस पर यकीनन बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। इनकी समाज में गहरी जड़ें है। सीबीआई अगर जुर्माना और कुछ कड़ी टिप्पणियां लेना चाहती है तो मामले में बहस करें।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में साल 2020 में सीबीआई ने रिया चक्रवर्ती उनके भाई और पिता पर लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। इसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि इसे जारी करने के पीछे कोई खास वजह नहीं है। साथ ही यह भी कहा गया था कि एक्ट्रेस और उनके परिवार ने जांच एजेंसियों के साथ पूरा-पूरा सहयोग किया है।

बता दें, एक्टर सुशांत सिंह राजपूत 14 जून 2020 को बांद्रा के फ्लैट में मृत पाए गए थे। इस मामले में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा, जिसकी जांच मुंबई पुलिस कर रही थी। हालांकि, बाद में यह केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद 2020 में ही सीबीआई ने रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के खिलाफ लुक-आउट सर्कुलर जारी किया था।बॉम्बे हाई कोर्ट ने फरवरी में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के खिलाफ जारी सीबीआई का लुक-आउट सर्कुलर को रद्द कर दिया था। इसके बाद सीबीआई ने सर्कुलर लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

कनाडा से लौटे भारत के राजदूत ने खोला ट्रूडो के करतूतों का पिटारा, बताया भारतीय छात्रों को कैसे बरगलाते हैं खालिस्तानी आतंकी?

#indianhighcommissionersanjayvermarevealshowkhalistaniaffect_students

Image 2Image 3Image 4Image 5

कनाडा और भारत में बढ़ते तनाव के बीच वहां से लौटे हाई कमिश्नर संजय वर्मा ने जस्टिन ट्रूडो का कच्चा चिट्ठा खोला है। संजय वर्मा ने जस्टिन ट्रूडो सरकार पर खालिस्तानियों को पनाह देने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी भारतीय छात्रों को कैसे बरगलाते हैं। वर्मा ने छात्रों और उनके परिवारों को आगाह करते हुए कहा कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी और उग्रवादी तत्व भारतीय छात्रों को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।

भारत-कनाडा के कूटनीतिक संबंध बहुत ही खराब हो चले हैं। हाल ही में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय हाई कमिश्नर और कुछ दूसरे डिप्लोमैट्स को कनाडाई नागरिक की हत्या में संदिग्ध बताया था। कनाडा के पीएम के इस आरोप के बाद भारत सरकार ने संजय वर्मा को वापस बुला लिया है। कनाडा से वापस लौटे संजय वर्मा ने एक मीडिया संस्थान को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने खुलकर बात की कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी कैसे काम करते हैं और भारतीय छात्रों को भर्ती करते हैं।

कनाडा में भारतीय छात्रों को खतरा

संजय वर्मा ने कहा कि इस समय कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादियों और उग्रवादियों से भारतीय समुदाय के 319,000 छात्रों को खतरा है। उन्होंने बताया कि खालिस्तानी आतंकवादी और उग्रवादी भारतीय छात्रों को नौकरी का झांसा देकर अपने नापाक इरादों को पूरा करवाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ छात्रों को भारतीय कूटनीतिक इमारतों के बाहर विरोध करने, भारत विरोधी नारे लगाने या ध्वज का अपमान करने वाली तस्वीरें और वीडियो बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है, फिर उन्हें शरण लेने के लिए कहा जाता है क्योंकि उनका कहना होगा, अगर वे भारत वापस गए, तो उन्हें दंडित किया जाएगा। ऐसे कई छात्रों को शरण दिए जाने के मामले सामने आए हैं। आगे उन्होंने बताया कि कनाडा में भारतीय छात्रों पर कई प्रकार के नकारात्मक प्रभाव डाले जा रहे हैं, जो उन्हें गलत दिशा की ओर धकेल रहे हैं।

छात्रों के माता-पिता को दी ये सलाह

संजय वर्मा ने आगे कहा कि कनाडा में भारतीय छात्रों को अपने आसपास के बारे में जागरूक होना चाहिए। साथ ही खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों द्वारा कट्टरपंथ के प्रयासों का विरोध करना चाहिए। उन्होंने कनाडा में रहने वाले छात्रों के माता-पिता को सलाह देते हुए अपील कि वे अपने बच्चों से नियमित रूप से बात करें और उनको समझने का प्रयास करें।

मुट्ठीभर खालिस्तानी अच्छे समाज को कर रहे खत्म

वर्मा ने आगे कहा, हमें ये समझने की जरूरत है कि खालिस्तानियों ने वहां गए भारतीयों के लिए ऐसी परिस्थिति पैदा कर दी है, जो दुखदायी है। जिसकी हमें चिंता होनी चाहिए। कुछ मुट्ठीभर खालिस्तानी वहां के एक अच्छे समाज को खत्म कर रहे ।