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करवा चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियों के जीवन में विशेष महत्व रखता है, आईए जानते हैं व्रत के सही नियम और विधि


डेस्क :–हिन्दू धर्म में हर साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सुहागिन महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। यह परंपरा युगों से चली आ रही है। साल में बहुत से ऐसे व्रत हैं, जो सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिए रखती हैं, जिसमें से करवा चौथ सबसे महत्वपूर्ण व्रत है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने परिवार की सलामती, सुख, समृद्धि और पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद को देखकर पूजा करने के उपरांत व्रत को पूरा करती हैं। करवा चौथ इस साल 20 अक्टूबर 2024, रविवार को मनाया जाएगा। लेकिन इस व्रत को रखते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।

करवा चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियों के जीवन में विशेष महत्व रखता है। यह दिन पति-पत्नी के रिश्ते का प्रतीक होता है। शादी के बाद नई बहू को करवा चौथ की पूजा के बारे में अधिक जानकारी न होना स्वाभाविक है। अगर शादी के बाद का आपका भी ये पहला करवा चौथ है तो ससुराल वालों को खासकर सांस, ननद या जेठानी को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि बहू के लिए करवा चौथ का पर्व यादगार और आसान बन जाए।

आजकल नए जमाने की लड़कियों को रीति रिवाजों की अधिक जानकारी नहीं होती है। उनके लिए अपनी परंपराओं को मान्यताओं को जानना जरूरी है। बहू को करवा चौथ व्रत की मान्यता के बारे में बताएं। उन्हें इस व्रत से जुड़ी कथा सुनाएं और इस दिन का महत्व बताएं। उन्हें बताएं कि चांद देखकर पूजा कैसे और क्यों होती है। पूजा की सही विधि, यह उपवास करने की मान्यता क्या है।

*मेहंदी और श्रृंगार*

करवा चौथ के व्रत के साथ ही कई अन्य बातों को ध्यान में रखना होता है। करवा चौथ की पूजा में सोलह श्रृंगार करने का भी महत्व है। इस दिन शादीशुदा महिलाओं को मेहंदी लगवाना चाहिए और पूजा के दौरान पूरा श्रृंगार करना चाहिए। इसके लिए आलता, सिंदूर, काजल, बिंदी, गहनें समेत पूरा श्रृंगार का सामान पहले से तैयार कर लें। अगर आपकी बहू का पहला करवाचौथ हैं तो उसे श्रृंगार का सामान दें और तैयार होने में मदद करें। इस दिन लाल जोड़ा पहनना और सोलह श्रृंगार करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

*सरगी का महत्व*

करवा चौथ में कुछ जगहों पर सरगी खाने की परंपरा है।इस दिन सास अपनी बहू को सरगी देती है और बहू सास की दी हुए ही सरगी खाकर व्रत शुरू करती है। इस बात का ध्यान देना चाहिए की सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खा ली जाए। इसके बाद निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। बहू को सरगी का समय बताएं और वह पूरा दिन उपवास के दौरान ऊर्जावान रह सके, इसलिए सरगी में पौष्टिक व्यंजन खाने के लिए दें।

*व्रत खोलने की विधि*

करवा चौथ व्रत के दिन शाम के समय जब आसमान में चांद दिखने लगता है तो चंद्रमा की पूरे विधि-विधान से पूजा करने के बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए। चंद्रमा की पूजा करने के बाद पहले अपने पति के हाथों से पानी पीना चाहिए फिर प्रसाद खाना चाहिए और उसके बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है,इस दिन क्या करें और क्या नहीं आईए जानते हैं सही नियम

डेस्क :– हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा का पर्व हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा की रात बहुत खास मानी जाती है, क्योंकि इस रात चांद पूरी तरह से चमकता है यानी कि चांद 16 कलाओं से पूर्ण रहता है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है।

*शरद पूर्णिमा तिथि*

पंचांग के मुताबिक, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर दिन बुधवार को रात 08 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी। अगले दिन 17 अक्टूबर दिन गुरुवार को शाम 04 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में शरद पूर्णिमा का पर्व 16 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।इस दिन चन्द्रोदय शाम को 05 बजकर 04 मिनट पर होगा।

*शरद पूर्णिमा के दिन क्या करें*

चंद्रमा को अर्घ्य दें: चंद्रमा को जल अर्पित करें और मंत्रों का जाप करें।

मां लक्ष्मी की पूजा करें: मां लक्ष्मी की पूजा करें और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।

दीपक जलाएं: घर में दीपक जलाएं इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

मंत्रों का जाप करें: मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।

धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें: धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें.
दान करें: जरूरतमंदों को दान करें।

*शरद पूर्णिमा के दिन क्या न करें*

नकारात्मक विचार: मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए।

झगड़ा: किसी से झगड़ा नहीं करना चाहिए।

गुस्सा करना: गुस्सा नहीं करना चाहिए।

असत्य बोलना: झूठ नहीं बोलना चाहिए।


शरद पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन न करें। इस दिन लहसुन, प्याज का सेवन भी निषेध माना गया है। उपवास रखें तो ज्यादा बेहतर होगा। शरीर के शुद्ध और खाली रहने से आप ज्यादा बेहतर तरीके से अमृत की प्राप्ति कर पाएंगे। इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें। और न ही काले रंग के कपड़े पहनें। चमकदार सफेद रंग के वस्त्र धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा।

शरद पूर्णिमा पर चांद की रोशनी में रखी खीर खाने का विशेष महत्व बताया गया है। शरद पूर्णिमा की रात चांदनी में खीर रखने की परंपरा है। माना जाता है कि चांद की किरणों से खीर में अमृत का रस घुल जाता है। खीर को कांच, मिट्टी या चांदी के पात्र में ही रखें। अन्य धातुओं का प्रयोग न ही करें। शरद पूर्णिमा के दिन घर में किसी तरह का झगड़ा और आपसी कलह नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से घर में दरिद्रता का वास होने लगता है।

ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और चांदनी रात में रखी गई खीर खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है। इस दिन पूजा करने से मन शांत होता है। शरद पूर्णिमा आध्यात्मिक विकास के लिए एक अच्छा अवसर है। शरद पूर्णिमा के दिन घर की साफ-सफाई करके दीपक जलाएं। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास बढ़ता है और जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
अमस ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले मामले में नया मोड़, जांच के लिए केंद्र ने एक अधिसूचना की जारी 
डेस्क :–असम ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले में अब एक नया मोड़ आया है। केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर सीबीआई को करोड़ो रुपये के ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले से जुड़े 41 मामलों की जांच जिम्मेदारी सौंप दी है। असम के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी की। इसके साथ ही असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने इस बात का आश्वासन दिया है कि वे इस मामले की त्वरित जांच के लिए सीबीआई को पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे।


*केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना*

जारी अधिसूचना में कहा गया है कि दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सदस्यों की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र को आईपीसी/बीएनएस और अन्य अधिनियमों की संबंधित धाराओं के तहत अपराधों की जांच के लिए पूरे असम राज्य में विस्तारित किया गया है। वहीं इस मामले में दर्ज 41 अपराधिक मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। इसके साथ ही सीएमओ ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने इन मामलों की त्वरित जांच के लिए सीबीआई को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।

जानकारी के अनुसार घोटाला अगस्त के अंतिम सप्ताह में तब सामने आया जब दीपांकर बर्मन नामक एक व्यक्ति की कंपनी में बड़ी रकम निवेश करने वाले लोगों ने शिकायत की कि वह उन्हें वादा किए गए रिटर्न का भुगतान करने में विफल रहा है और उसका कार्यालय 21 अगस्त से बंद है। सितंबर में, असम मंत्रिमंडल ने मामलों को सीबीआई को हस्तांतरित करने का फैसला किया।

*मुख्य सचिव रवि कोटा ने दिया अश्वासन*

वहीं इस मामले में आगे मुख्य सचिव रवि कोटा ने भी सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद के साथ इस मामले पर चर्चा करते हुए आश्वासन दिया कि मामलों को अपने हाथ में लेने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। ज़्यादातर 20 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों द्वारा प्रवर्तित फ़र्मों ने कथित तौर पर शेयर बाज़ार में निवेश से महत्वपूर्ण रिटर्न का वादा करके जनता से सैकड़ों करोड़ रुपये जुटाए। बता दें कि ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले में अभी तक 65 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है और अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम, 2019 के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज मामलों की जाँच के लिए 14 विशेष जांच दल (SIT) स्थापित किए गए हैं।


मुख्य सचिव रवि कोटा ने दिया अश्वासन
वहीं इस मामले में आगे मुख्य सचिव रवि कोटा ने भी सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद के साथ इस मामले पर चर्चा करते हुए आश्वासन दिया कि मामलों को अपने हाथ में लेने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। ज़्यादातर 20 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों द्वारा प्रवर्तित फ़र्मों ने कथित तौर पर शेयर बाज़ार में निवेश से महत्वपूर्ण रिटर्न का वादा करके जनता से सैकड़ों करोड़ रुपये जुटाए। बता दें कि ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले में अभी तक 65 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है और अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम, 2019 के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज मामलों की जाँच के लिए 14 विशेष जांच दल (SIT) स्थापित किए गए हैं।
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मध्यप्रदेश: पूर्व सीएम के भतीजे ने पुलिस को धमकाया, टीआई के मुंह पर उड़ाया सिगरेट का धुआं

डेस्क:– मध्य प्रदेश के गुना में बड़ा कांड हो गया। राघौगढ़ में शुक्रवार (11 अक्टूबर) को पूर्व CM दिग्जिवय सिंह के भतीजे और पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह के बेटे आदित्य विक्रम सिंह ने पुलिस को धमकाया। आदित्य पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस के 'मैं हूं अभिमन्यु' जागरूकता अभियान के तहत हो रहे एक नुक्कड़ नाटक के कार्यक्रम को रोकने की कोशिश की है। आदित्य ने थाना प्रभारी से धक्का-मुक्की की और महिला पुलिस अफसर के सामने  सिगरेट पीते हुए धुआं भी उड़ाया। घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा। पुलिस ने आदित्य विक्रम सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

*जानें पूरा मामला*

राघौगढ़ में पुलिस ने शुक्रवार को महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए 'मैं हूं अभिमन्यु' अभियान के अंतर्गत जेपी कॉलेज के 25 छात्रों ने नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। कार्यक्रम में पुलिस अधिकारी, कर्मचारी और कॉलेज स्टाफ भी शामिल थे। अचानक, पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह के बेटे आदित्य विक्रम सिंह अपने चालक ऊधम सिंह राजपूत के साथ पहुंचे और कार्यक्रम का विरोध करने लगे। आदित्य सिंह ने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद एसआई रवि भिलाला से बहस की और नाटक को रोकने की मांग की।

*पुलिस समझाने पहुंची तो किया हंगामा*

राघौगढ़ थाना प्रभारी टीआई जुबेर खान ने आदित्य विक्रम सिंह को समझाने की कोशिश की तो आदित्य हंगामा करने लगे। आदित्य ने कहा कि यहां कोई कार्यक्रम नहीं होगा, सभी को हटाओ। इसके अलावा, आदित्य के ड्राइवर ऊधम सिंह ने भी टिप्पणी की कि 'पूरा राघौगढ़ इन्हीं का है। इसके बाद पुलिसकर्मी वहां से चले गए। बाद में राघौगढ़ थाना प्रभारी की शिकायत पर आदित्य विक्रम सिंह और उनके ड्राइवर ऊधम सिंह राजपूत के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

*वर्दी की धौंस मत दिखाओ*

वीडियो में आदित्य विक्रम ने छात्रों को वहां से जाने के लिए कहा। जिस पर दीपा डोडवे ने कहा, "इस तरह से आप बात न करें, आप यहां पर कुछ लगते हैं तो मैं भी कुछ हूं। पूरे वीडियो में आदित्य विक्रम सिगरेट पीते हुए दिखाई देते हैं और कह रहे हैं कि "देखो पुलिस की दादागिरी, वर्दी की धौंस मत दिखाओ।" इसके बाद टीआई जुबेर खान हाथ जोड़कर आदित्य विक्रम से निवेदन करते हैं, "हुकुम, आपसे निवेदन है कृपया आप यहां से चले जाओ।

*मुंह पर सिगरेट का धुआं भी छोड़ा*

एक अन्य वीडियो में वे टीआई जुबेर खान के मुंह पर सिगरेट का धुआं छोड़ते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। एफआईआर के अनुसार, आदित्य ने टीआई पर सिगरेट का ऐश भी फेंका। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आदित्य नहीं माने। पुलिस ने आदित्य विक्रम सिंह और उनके ड्राइवर के खिलाफ धारा 132, 121(1), 3(5) BNS के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

*भाजपा नेताओं ने बोला सियासी हमला*

लक्ष्मण सिंह के बेटे आदित्य विक्रम सिंह का वीडियो सामने आने के बाद भाजपा ने सियासी हमला बोला दिया है। भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि कांग्रेस का चाल, चरित्र और चेहरा जनता जानती है, दिग्विजय सिंह और लक्ष्मण सिंह माफी मांगे। आलोक शर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं का आचरण और कार्यप्रणाली जनता के सामने है। डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा कि कांग्रेस की प्रवृत्ति ही ऐसी है। कांग्रेस विधानसभा, लोकसभा का रिजल्ट देखकर विचलित हो रही है। 

MP के रावण गांव में दशानन को प्रथम पूज्य मानते हैं ग्रामीण, दशहरे पर विशेष पूजा

डेस्क:– विजयादशमी पर्व पर समूचे देश में रावण के पुतले का दहन किया जाता है। दशहरा के पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता है। लेकिन, विदिशा जिले की नटेरन तहसील के रावन गांव में दशानन रावण को प्रथम पूज्य ग्राम देवता के रूप में पूजा जाता है।

*चौपाइयां सुनाने की परंपरा*

विदिशा के रावन गांव में दशानन रावण की पूजा सदियों से परंपरानुसार की जाती है। इतना ही नहीं गांव में रावण का मंदिर है। जहां रावण को श्रीरामचरित्र मानस की चौपाइयां सुनाई जाती हैं।

*शुभकार्य से पहले रावण की पूजा*

गांव वालों की रावण के प्रति गहरी आस्था है। वह कोई भी शुभकार्य के पहले ग्राम देवता रावण को याद करते हैं। यहां भंडारा हो या फिर विवाह जैसे मांगलिक कार्य, इसकी शुरुआत रावण बाबा की पूजा के साथ की जाती है। ग्रामीणों का मानना है कि यदि रावण बाबा की पूजा नहीं की जाती है तो शुभकार्य सफल नहीं होते।

*गुफा में रहता था दावन*

मंदिर के पुजारी नरेश तिवारी ने बताया कि सामने स्थित पहाड़ी में मय दानव रहता था। अपने पराक्रम के दम पर उसने सबको पराजित कर दिया था। अंत में मय दानव रावण से युद्ध करने लंका पहुंचा। लेकिन वहां उसका क्रोध शांत हो गया। बाद में रावण ने गुफा में पहुंचकर मय दानव को बंद कर दिया, लेकिन रावण भी मूर्छित हो गया। तभी से रावण बाबा की लेटी प्रतिमा यहां स्थापित है। गांव का नाम भी रावन पड़ गया।
रात में ठंड हल्की-हल्की पड़नी शुरू हो गई है, सर्दी को लेकर मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया

डेस्क:– प्रदेश से मानसून की विदाई पूरी तरह से हो गई है। इसकी घोषणा मौसम विभाग ने शुक्रवार को कर दी। मानसून के जाने के साथ ही आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ ने प्रदेश में सर्दियों को लेकर आकलन शुरू कर दिया है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुुमार सिंह का कहना है कि एक सप्ताह तक मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि बादल छाए रहेंगे, धूप भी खिलेगी। भोर की शुरुआत हल्की सी सिहरन के साथ होगी।

उन्होंने बताया कि पहाड़ों पर बर्फबारी का अभी असर नहीं दिखेगा। अभी हवा पछुआ चल रही है और इसमें तेजी भी नहीं है। इस कारण से मौसम सामान्य है। दिन और रात का पारा अभी सामान्य से अधिक बना हुआ है, यह स्थिति अक्तूबर तक रहेगी। शुक्रवार को प्रदेश में दिन का अधिकतम तापमान वाराणसी में 35.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं राजधानी के मौसम में इस वक्त मिला-जुला असर दिख रहा है। सुबह की शुरुआत बादल-बदली के साथ हुई। दिन चढ़ने के साथ धूप खिली तो, लोगों ने तल्खी महसूस की।

मौसम वैज्ञानिक कहते हैं कि पहाड़ों पर बर्फबारी को लेकर लोग अक्सर सोचते हैं कि अब मैदान में ठंड बढ़ जाएगी। हमेशा ऐसा नहीं होता है। अभी हवा पछुआ चल रही है और इसमें तेजी भी नहीं है। इस कारण से मौसम सामान्य है। दूसरे दिन और रात का पारा अभी सामान्य से अधिक बना हुआ है, यह स्थिति अक्तूबर तक रहेगी। शुक्रवार को प्रदेश में दिन का अधिकतम तापमान वाराणसी में 35.9 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि मुजफ्फरनगर व बरेली में दिन का पारा 20 डिग्री से कम रहा। सबसे अधिक न्यूनतम पारा लखीमपुर खीरी में 26 डिग्री रहा।

राजधानी के मौसम में इस वक्त मिला-जुला असर दिख रहा है। सुबह की शुरुआत बादल-बदली के साथ हुई। दिन चढ़ने के साथ धूप खिली तो, लोगों ने तल्खी महसूस की। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, बादल छाए रहेंगे पर बारिश नहीं होगी। यह एक सामान्य जलवायविक स्थिति है, जिसके कारण मौसम में उतार-चढ़ाव दिख रहा है।

बच्चेदानी में कैंसर की शुरुआत होने पर शरीर में कई तरह के लक्षण देखने को मिलता है,99 फीसदी महिलाएं करती हैं इग्नोर
डेस्क ::–गर्भाशय का कैंसर, गर्भाशय में विकसित होता है। गर्भाशय कैंसर के लक्षण उसके प्रकार पर निर्भर होते हैं, एंडोमेट्रियल कैंसर या गर्भाशय सार्कोमा। गर्भाशय कैंसर से पीड़ित अधिकांश महिलाओं में लगभग 92 प्रतिशत महिलाओं को एंडोमेट्रियल कैंसर होता है। यह गर्भाशय की परत के ऊतकों में विकसित होता है, जिसे एंडोमेट्रियम कहा जाता है। दूसरा प्राथमिक प्रकार गर्भाशय सार्कोमा यह दुर्लभ है और गर्भाशय की मांसपेशियों या अन्य ऊतकों में विकसित होता है।

*असामान्य रूप से वजाइनल डिस्चार्ज होना*

बच्चेदानी में कैंसर की स्थिति में मरीजों को असामान्य रूप से वजाइनल डिस्चार्ज हो सकता है। इस दौरान महिलाओं को पानी और ब्लड के धब्बे वाले डिस्चार्ज से लेकर योनि स्राव में अधिक ब्लड शामिल हो सकता है।


*पेशाब करने के दौरान काफी दर्द होना*

बच्चेदानी में कैंसर के शुरुआती दिनों में मरीजों को काफी ज्यादा परेशानी का अनुभव हो सकता है। कुछ लोगों को पेशाब के दौरान काफी दर्द का अनुभव हो सकता है। अगर आपको पेशाब के दौरान काफी दर्द हो रहा है, तो तुरंत जांच कराएं।

*असामान्य रूप से ब्लीडिंग होना*

गर्भाशय या बच्चेदानी में कैंसर की स्थिति में मरीजों को असामान्य रूप से ब्लीडिंग की शिकायत हो सकती है। अगर आपको बिना कारण ब्लीडिंग की शिकायत हो रही है, तो ऐसी स्थिति में एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लें। ताकि स्थिति की जांच समय पर हो सके।

*बिना वजह तेजी से वजन कम होना*

बिना प्रयास किए अगर आपका वजन तेजी से कम हो रहा है, तो यह गर्भाशय का कैंसर हो सकता है। अगर बिना किसी कारण के वजन कम हो रहा है, तो यह गंभीर हो सकता है। इस स्थिति में आपको तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत होती है, ताकि स्थिति की जांच हो सके।

*बच्चेदानी में हो सकता है पेल्विक में दर्द*

बच्चेदानी में कैंसर की स्थिति में मरीजों को पेल्विक एरिया में काफी ज्यादा दर्द हो सकता है। आमतौर पर दर्द यौन संबंध के दौरान कम होता है। कुछ लोगों को पेशाब करते समय दर्द या यूरिन ब्लैडर को खाली करने में कठिनाई महसूस होती है। जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, पेल्विक क्षेत्र में द्रव्यमान या भारीपन की भावना हो सकती है।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
चीन में मिले एक और वायरस के संकेत, परीक्षण करने में जुटे रिसर्चर

डेस्क :– कोविड 19 के कहर के बाद जब भी चीन में कोई नया वायरस फैलना शुरू होता है, तो उसके बाद दुनियाभर के लोगों की नजर इसपर टिक जाती है। हाल ही में चीन में हुई एक स्टडी की डिटेल्स को पब्लिश किया गया। रिसर्चर ने वेटलैंड नामक वायरस के बारे में कुछ खास जानकारियां प्रदान की। एक अंग्रेजी वेबसाइट पर पब्लिश की गई रिसर्च के बाद वेटलैंड वायरस की पहचान सबसे पहले 2019 में की गई थी, जब एक व्यक्ति को वेटलैंड पार्क में घूमते हुए एक कीट द्वारा लिया गया था और वह इस वायरस से संक्रमित हो गया था। इसी पार्क के नाम पर इस वायरस का नाम वेटलैंड वायरस रखा गया। बता दें कि वेटलैंड पार्क मंगोलिया देश में है। इस कीट के काटने के बाद व्यक्ति को बुखार, बदन दर्द जैसे लक्षण होने लगे और उसे अस्पताल में एडमिट किया गया। जिसके बाद धीरे-धीरे उस मरीज के शरीर के अंदर कई अंग भी काम करना बंद कर गए थे।


*कई बीमारियां फैलाते हैं कीट*

कीटों के काटने से सिर्फ वेटलैंड वायरस ही नहीं बल्कि कई प्रकार के वायरल व बैक्टीरियल इन्फेक्शन फैलते हैं, जिसमें लाइम डिजीज जैसी बीमारियां भी शामिल हैं। इसके अलावा भी कीटों से फैलने वाली बीमारियां भी ऐसी बहुत प्रकार की मिल जाती हैं, जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं।

*चीन में मिला मामला*

चीन में वेटलैंड वायरस के कुछ संकेत देखने को मिले हैं, जिसके बाद रिसर्चर काफी सावधान है। हालांकि, मरीज से लिए सैंपल पर अभी तक परीक्षण किए जा रहे हैं और वायरस में होने वाले जेनेटिक बदलाव का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। वेटलैंड वायरस नैरोवायरस परिवार में ऑर्थोनैरोवायरस जीनस का एक मेंबर है।
बांग्लादेश के जेशोरेश्वरी मंदिर से पीएम मोदी द्वारा भेंट किया गया मुकुट मंदिर से चोरी

डेस्क:– बांग्लादेश के सतखीरा में स्थित मां काली के जेशोरेश्वरी मंदिर की बहुत मान्यता है। जब पीएम मोदी ने साल 2021 में बांग्लादेश का दौरा किया था तो उन्होंने उस मंदिर में मां काली का मुकुट भेंट किया था। अब खबर आई है कि पीएम मोदी द्वारा भेंट किया गया मुकुट मंदिर से चोरी हो गया है। सोने की परत चढ़ा चांदी का मुकुट गुरुवार दोपहर में मंदिर से चोरी हुआ।

मामले पर स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि, 'हम चोर की पहचान करने के लिए मंदिर के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं'। पीएम मोदी ने अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान 27 मार्च, 2021 को जेशोरेश्वरी मंदिर का दौरा किया था। उस दिन उन्होंने प्रतीकात्मक संकेत के रूप में देवी के सिर की मूर्ति पर मुकुट रखा था। 'जेशोरेश्वरी' नाम का अर्थ है 'जेशोर की देवी'।

*51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है जेशोरेश्वरी मंदिर*

पीढ़ियों से मंदिर की देखभाल करने वाले परिवार के सदस्य ज्योति चट्टोपाध्याय ने बांग्लादेशी मीडिया को बताया कि यह मुकुट चांदी से बना था और इस पर सोने की परत चढ़ी हुई थी। चोरी हुआ मुकुट भक्तों के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, जेशोरेश्वरी मंदिर को भारत और पड़ोसी देशों में फैली 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।

*ऐसा है मंदिर का इतिहास*

माना जाता है कि सतखीरा के ईश्वरीपुर में स्थित इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में अनारी नामक ब्राह्मण ने करवाया था। उन्होंने जशोरेश्वरी पीठ के लिए 100 दरवाजों वाला मंदिर बनवाया था। बाद में 13वीं शताब्दी में लक्ष्मण सेन ने इसका जीर्णोद्धार करवाया और अंततः राजा प्रतापादित्य ने 16वीं शताब्दी में मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया। अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने कहा था कि भारत मंदिर में एक बहुउद्देशीय सामुदायिक हॉल का निर्माण कराएगा। उन्होंने कहा कि यह स्थानीय लोगों के लिए सामाजिक, धार्मिक और शैक्षिक आयोजनों के लिए उपयोगी होगा और साथ ही, यह चक्रवात जैसी आपदाओं के समय सभी के लिए आश्रय का काम भी करेगा।
अगर फ्लाइट से सफर के दौरान आपके बैग को नुकसान पहुंचता है तो आपको कैसे मुआवजा मिल सकता है? आईए जानते हैं

डेस्क:–हमें जब भी किसी जगह की यात्रा करनी होती है तो हम अपनी सुविधा अनुसार वाहन चुनते हैं। जैसे- कोई अपनी कार से जाना पसंद करता है, तो कोई ट्रेन से और कई लोग फ्लाइट से भी यात्रा करते हैं। बात अगर हवाई यात्रा की करें तो इससे सफर करने में सबसे पहला फायदा है समय का बचना। जहां आपको बस, ट्रेन आदि से सफर करने में ज्यादा समय लगता है तो वहीं फ्लाइट से आप बेहद कम समय में अपना सफर पूरा कर सकते हैं, लेकिन क्या इन सबके बीच आप ये जानते हैं कि अगर फ्लाइट से सफर के दौरान आपके बैग को नुकसान पहुंचता है तो आपको कैसे मुआवजा मिल सकता है? शायद नहीं, तो आप इस बारे में यहां जान सकते हैं।

*बैग से जुड़े नियम जान लें*

आप अगर देखेंगे तो पाएंगे कि फ्लाइट में बैग को लेकर एक नियम है। इस नियम के तहत आपको बड़े बैग को लगेज सेक्शन में रखवाना होता है। फिर आपको ये बैग फ्लाइट लैंड होने के बाद वापस मिलता है। जबकि, छोटे बैग को आप अपने साथ कैबिन में ले जा सकते हैं। इन दोनों ही बैग के लिए वजन तय हैं।

कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें ये देखने को मिलता है कि जो बैग लगेज सेक्शन में रखवाए हैं, उनका रखरखाव ठीक से नहीं होता जिसके कारण बैग क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। ऐसे में यात्रियों के बैगों को नुकसान पहुंचता है जिससे उनके बैग के अलावा अंदर रखा सामान भी टूट जाता है। ऐसा ही एक ताजा मामला हाल ही में भारतीय हॉकी टीम की सदस्य रानी रामपान के हाथ हुआ जिसमें उनका बैग डैमेज हो गया।

हॉकी टीम की सदस्य रानी ने अपनी बात सोशल मीडिया पर बताई और इसे एयरलाइंस कंपनी तक पहुंचाया। ऐसे में आपके लिए भी ये जानना जरूरी हो जाता है कि अगर कभी फ्लाइट में यात्रा के दौरान आपके बैग के साथ ऐसा होता है, तो आपको क्या करना चाहिए। सबसे पहले तो ये जान लें कि इसके लिए आप मुआवजा ले सकते हैं।

*कितना मुआवजा ले सकते हैं आप?*

दरअसल, नागर विमानन मंत्रालय के नियमों के मुताबिक, अगर किसी यात्री का बैग क्षतिग्रस्त होता है तो एयरलाइन कंपनी को यात्री को 20 हजार रुपये तक का मुआवजा देना होता है। बस इसके लिए ध्यान रखें कि घरेलू उड़ानों की फ्लाइट लैंड होने के 24 घंटे के अंदर आपको शिकायत करनी होती है।

अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट से यात्रा करने वाले यात्रियों को लैंड करने के 8 दिनों के भीतर अपनी शिकायत दर्ज करवानी होती है। एयरलाइन कंपनी अगर आपके बैग के नुकसान की जिम्मेदारी लेने से मना करती है या मुआवजा नहीं देती है आदि। फिर आप नागरिक उड्डयन प्राधिकरण यानी सीएए से संपर्क करके अपनी बात रख सकते हैं।