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POK स्वयं लौट कर कहेगा कि मैं भारत ही हूं' राजनाथ सिंह का पाकिस्तान को सीधा संदेश

#rajnathsinghsaidpokhimselfwillcome_back

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर से पाकिस्तान पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके को लेकर सीधा संदेश दिया है। राजनाथ सिंह ने साफ-साफ कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर एक दिन हमारा होकर ही रहेगा। पाकिस्तान से सिर्फ आतंकवाद और पीओके के मुद्दे पर ही होगी। पीओके के लोग हमारे अपने ही है। पीओके एक दिन खुद कहेगा कि हम भारत का हिस्सा है।

आतंकवाद का कारोबार करने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी-राजनाथ सिंह

दिल्ली में गुरुवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की एक बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद का कारोबार चलाना 'कॉस्ट इफेक्टिव' नहीं है, बल्कि इसकी एक भारी कीमत अदा करनी पड़ सकती है। इसका अंदाजा आज पाकिस्तान को हो चुका है। ऑपरेशन सिंदूर में पूरे देश ने मेक इन इंडिया अभियान की सफलता को देखा, समझा और महसूस किया है। आज यह साबित हो गया है कि मेक इन इंडिया भारत की सुरक्षा और समृद्धि दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अनिवार्य घटक है। अगर हमारे पास यह क्षमता नहीं होती, तो भारत की सेनाएं निचले पाकिस्तान से लेकर पीओके तक आतंकवाद के खिलाफ इतनी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पातीं।

पीओके के लोग हमारे अपने-राजनाथ

राजनाथ ने कहा कि मैं मानता हूं कि पाक पीओके के लोग हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं। हम एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें यकीन है कि हमारे वो भाई जो आज हमसे भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग हैं, वे भी अपने स्वाभिमान, आत्मा की आवाज और स्वेच्छा से भारत की मुख्य धारा में कभी न कभी जरूर लौटेंगे। वहां के लोग भारत के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं। कुछ गिने-चुने लोग ही हैं, जिन्हें भटकाया गया।

पीओके स्वयं लौट कर कहेगा कि मैं भारत ही हूं-राजनाथ

राजनाथ सिंह ने आगे कहा, भारत हमेशा ही दिलों को जोड़ने की बात करता है। वो दिन दूर नहीं है जब हमारा ही अंग पीओके स्वयं लौट कर कहेगा कि मैं भारत ही हूं, मैं वापस आया हूं। पीओके का भारत के साथ एकीकरण इस देश की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक समृद्धि पर निर्भर करता है।

वक्त पर दिखाएंगे पूरी पिक्चर...” भुज से राजनाथ ने पड़ोसी देश को दिया सख्त संदेश

#defenseministerrajnathsinghbhuj

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सुरक्षा बलों के जवानों से मुलाकात के एक दिन बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज गुजरात के भुज एयरबेस पहुंचे। राजनाथ सिंह ने अपने दौरे के दौरान सेना के हौसले को सलाम किया। राजनाथ सिंह गुजरात के भुज एयरबेस से पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तो सिर्फ ट्रेलर दिखाया है, सीजफायर तोड़ा तो पूरी पिक्चर दिखाएंगे। बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के बाद सरकार सेना का उत्साह बढ़ाने में जुटी है। पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचकर जवानों से मुलाकात कर उनका उत्साह बढ़ाया। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरूवार को श्रीनगर एयरबेस पहुंचे। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को गुजरात के भुज वायु सेना स्टेशन का दौरा किया।

भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट काफी थे-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने भुज में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के जवानों की कुशलता की भी तारीफ की। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट काफी थे, पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रहे आतंक के अजगर को कुचलने के लिए। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह कहना गलत नहीं होगा कि नाश्ता करने में लोगों को जितना समय लगता है, आपने उस अवधि का उपयोग दुश्मनों से निपटने के लिए किया। आप दुश्मनों की धरती पर जाकर मिसाइलें गिराईं। इसकी गूंज सिर्फ भारत की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रही, पूरी दुनिया ने इसे सुना। वह गूंज सिर्फ मिसाइलों की नहीं थी, बल्कि आपके पराक्रम और भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों की बहादुरी की भी थी।

पाक के हर कोने तक हमारी एयरफोर्स की पहुंच- राजनाथ सिंह

रक्षामंत्री ने कहा, हमारी एयरफोर्स की पहुंच पाकिस्तान के हर कोने तक है और यह बात पूरी तरह से साबित हो चुकी है। आज स्थिति यह है कि भारत के फाइटर प्लेन बिना सरहद पार किए ही, यहीं से उनके हर कोने तक सीधा प्रहार करने में पूरी तरह से सक्षम है। पूरी दुनिया ने देख लिया है कि कैसे आपने पाकिस्तान की धरती पर मौजूद 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। बाद में की गई कार्रवाई में उनके अनेक एयरबेस भी तबाह कर दिए… आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत का संदेश पूरी दुनिया तक इस बार पहुंचा दिया है।

इंडियन एयरफोर्स ने भारत की युद्ध नीति और तकनीकी का प्रमाण दिया-राजनाथ सिंह

राजनाथ ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने जो प्रभावी भूमिका निभाई है, उसकी सराहना इस देश में ही नहीं दूसरे देशों में भी हो रही है। आपने इस ऑपरेशन में न केवल दुश्मन को परास्त किया है, बल्कि उन्हें तबाह करने में भी कामयाबी हासिल की है। आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए इस अभियान को हमारी वायु सेना ने आगे बढ़ाया। हमारी एयरफोर्स एक ऐसी ‘स्काइफोर्स’ है, जिसने अपने शौर्य, पराक्रम और प्रताप से आसमान की नई और बुलंद ऊंचाइयों को छू लिया है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान इंडियन एयरफोर्स ने केवल पराक्रम ही नहीं दिखाया है, बल्कि पूरी दुनिया के सामने प्रमाण भी दिया है। प्रमाण इस बात का कि अब भारत की युद्ध नीति और तकनीकी दोनों बदल चुकी है।

पाकिस्तान ने भुज पर किया था ड्रोन अटैक

बता दें कि आज राजनाथ सिंह जिस जगह पर जवानों से मुलाकात के लिए पहुंचे हैं, पाकिस्तान ने चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल करके उसे निशाना बनाया था। भुज पाकिस्तान की सीमा से बेहद करीब है। भुज पर कथित तौर पर पाकिस्तान द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल करके हमला किया गया था। भुज और नलिया के पास तैनात भारतीय सेना की एयर डिफेंस यूनिट ने पिछले कुछ दिनों में कई पाकिस्तानी ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया है। पाकिस्तानी ड्रोन मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें नाकाम किया गया।

गुरुवार को श्रीनगर गए थे राजनाथ

इससे पहले राजनाथ गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर गए थे। श्रीनगर में सेना से बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में छिपे आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं को एक कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, हमारी सेनाओं ने दुनिया को दिखा दिया है कि उनका निशाना सटीक है तथा गिनती का काम दुश्मनों पर छोड़ दिया गया है।

तनाव के बीच भी राजनाथ सिंह और तीनों सेना प्रमुखों के चेहरे पर मुस्कान, ये तस्वीर नहीं पाकिस्तान के लिए संदेश है

#rajnath_singh_three_armed_forces_chief_photo 

पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज एक अहम बैठक की। बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल, सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल और नौसेना प्रमुख शामिल हुए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई इस बैठक की एक तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में सभी लोग मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। ये तस्वीर पाकिस्तान को ये संदेश है कि सीमा पर उसकी हर नापाक हरकत का तोड़ भारत के पास है। साथ ही देशवासियों को भरोसा दिला रही है कि चिंता की कोई बात नहीं है।

सोशल मीडिया पर ये तस्वीर तेजी से वायरल हो रही। तस्वीर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारत के सशस्त्र बलों के प्रमुख नई दिल्ली में बंद कमरे में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान शांत और मुस्कुराते हुए दिखाई दिए। तस्वीर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी मुसकुराते दिख रहे हैं। 

देशवासियों के लिए सकारात्मक संदेश

यह बैठक पाकिस्तान द्वारा भारत की पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और मिसाइल हमलों के शुरू करने के 24 घंटे से भी कम समय के अंदर हुई। इसके बाद भी भारत के रक्षा से जुड़े अधिकारी शांत, आत्मविश्वासी और कि खुश दि रहे हैं। यह तस्वीर राष्ट्र को एक सकारात्मक संदेश है। यह दिखाती है देश सुरक्षित है, चिंता की कोई वजह ही नहीं है।

पाकिस्तान को सबक सिखाने के बाद की खुशी

इस तस्वीर में पाकिस्तान को सबक सिखाने के बाद की खुशी भी शामिल है।भारत ने बीती रात जम्मू, पठानकोट, उधमपुर और कुछ अन्य जगहों पर मिसाइलों और ड्रोन से सैन्य ठिकानों पर हमला करने की पाकिस्तानी सेना की कोशिश को नाकाम कर दिया था।भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है। यही कारण है कि उसकी तरफ से लगातार हमले की कोशिश की जा रही है। भारतीय पाकिस्तान और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है।

पाकिस्तान में हनुमान जी जैसे घुसे हमारे जवान’, ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान

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भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बुधवार रात की गई एयर स्ट्राइक में कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। सेना की इस कार्रवाई को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने केवल उसे ही मारा, जिन्होंने हमारे मासूम नागरिकों को मारा है। भारत ने अपनी सरजमीं पर हुए हमले का जवाब देने के लिए राइट टू रिस्पॉस का इस्तेमाल किया है। आतंकियों के हौसले को पस्त करने के उद्देश्य से केवल उनके कैंप और उनके मूलभूत सुविधाओं तक ही हमला सीमित रखा गया है।

ऑपरेशन में सेना ने दिखाई संवेदनशीलता

6 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 50 बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के उद्घाटन के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जैसा कि आप सबको जानकारी है कि कल रात भारतीय सेनाओं ने अपने शौर्य एवं पराक्रम का परिचय देते हुए एक नया इतिहास लिख दिया है। भारत की सेना ने सटीकता, सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ करवाई की है। हमने जो लक्ष्य तय किये थे, उन्हें ठीक तय योजना के अनुसार सटीकता से ध्वस्त किया है। किसी भी नागरिक ठिकाने नागरिक जनसंख्या को जरा भी प्रभावित न होने की संवेदनशीलता दिखाई है। यानि एक तरीके की सटीकता, सतर्कता और मानवता सेना ने दिखाई है। जिसके लिए मैं हमारे सेना के जवानों और अधिकारियों को पूरे देश की ओर से साधुवाद देता हूं।

ऑपरेशन सिंदूर की तुलना हनुमान जी के अशोक वाटिका अभियान से

रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की तुलना हनुमान जी के अशोक वाटिका में किए गए अभियान से की। उन्होंने कहा कि जैसे हनुमान जी ने सिर्फ राक्षसी ढांचे को नष्ट किया, वैसे ही भारत ने आतंक का ढांचा नष्ट किया। सिंह ने कहा, हमने हनुमान जी के उस आदर्श का पालन किया है जो उन्होंने अशोक वाटिका उजाड़ते हुए किया था।'जिन्ह मोहि मारा तिन मोहि मारे'। हमने केवल उन्हीं को मारा, जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा। हमारी सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पहले की तरह इस बार भी आतंकियों को ट्रेनिंग देने वाले ठिकानों को तबाह करके करारा जवाब दिया है।

अब पाकिस्तान के खिलाफ होगा कौन सा फैसला? पीएम मोदी से फिर मिलने पहुंचे राजनाथ, डोभाल भी है साथ

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 मासूमों के नंरसंहार के बाद भी पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है। पाक आर्मी की तरफ से एलओसी पर एक बार फिर से गोलीबारी की गई है। कुपवाड़ा और पुंछ के इलाकों में यह फायरिंग छोटे हथियारों से की गई, जिसका भारतीय सेना ने भी माकूल जवाब दिया है। इस बीच आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पीएम मोदी से मिलने पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा फैसला हो सकता है।

पीएम के साथ बैठक में डोभाल भी शामिल

पहलगाम आतंकी हमले में हिन्दुओं के नरसंहार हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है। पाकिस्तान के खिलाफ जंग की अटकलों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पीएम मोदी के साथ मुलाकात चल रही है। पीएम आवास पर हो रही इस बैठक में तीनों सेना के प्रमुख सीडीएस अनिल चौहाण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल हैं।

तनाव के बीच कितनी अहम है बैठक?

बता दें कि पाकिस्तानी फौज ने पहलगाम हमले के बाद लगातार चौथे दिन सीजफायर वॉयलेशन किया। रविवार देर रात और सोमवार तड़के पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर फायरिंग की। भारतीय सेना ने भी इसका जवाब दिया। ऐसे समय में रक्षामंक्षी राजनाथ सिंह की पीएम मोदी के साथ बैठक काफी अहम मानी जा रहा है। बताया जा रहा है कि राजनाथ मौजूदा हालात और रणनीति को लेकर प्रधानमंत्री के पास पहुंचे हैं।

पहलगाम आतंकी हमला: राजनाथ सिंह ने सैन्य अधिकारियों के साथ की बैठक

#defence_minister_rajnath_singh_high_level_meeting 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार अलर्ट मोड पर है। एक तरफ प्रधानमंत्री मौदी अपना सउदी दौरा रद्द कर देर रात लौट आए। वहीं, पीएम के निर्देश पर गृहमंत्री अमित शाह हालात का जायजा लेने हमले के कुछ घेटों के बाद ही श्रीनगर पहुंच गए। इधर, आतंकी हमले के बाद बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय में अहम बैठक की अध्यक्षता की। 

इस हाई लेवल मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की गई। मीटिंग में तीनों सेनाओं के प्रमुख ने अपनी-अपनी तैयारियों को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनकी तीनों सेनाएं हर परिस्थिति के लिए तैयार है। यह बैठक करीब 2.5 घंटे तक चली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों को अपनी युद्ध तत्परता बढ़ाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों की में तेजी लाने का निर्देश दिया।

इस बैठक में सीडीएस अनिल चौहान और एनएसए अजित डोभाल भी शामिल हुए। इनके अलावा बैठक में थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद रहे। अब छह बजे सुरक्षा मामलों की केंद्रीय समिति की बैठक होनी है। सीसीएस की मीटिंग को दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पीएम मोदी को जानकारी देंगे।

पाकिस्तान को हथियार, टेक्नोलॉजी ना दें” नीदरलैंड्स के रक्षा मंत्री से बोले राजनाथ

#rajnath_singh_says_not_give_military_equipment_technology_to_pak

भारत ने पाकिस्तान के झूठ के खिलाफ अब आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया है। अब तक कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की ओर से लगाए जा रहे झूठे आरोपों को भारत खारिज ही किया जाता रहा है, लेकिन अब एक कदम आगे बढ़ाया है। भारत ने अब वैश्विक मंच पर उसे बेनकाब करने के लिए कूटनीतिक मोर्चे पर नया कदम बढ़ाया है। दरअसल, राजनाथ सिंह ने नीदरलैंड के रक्षा मंत्री से बात करते हुए पाकिस्तान को आतंक का प्रायोजक करार दिया। साथ ही पाकिस्तान को कोई भी सैन्य सहायता या तकनीक ना देने की अपील की है। राजनाथ सिंह ने नीदरलैंड्स से कहा कि वे पाकिस्तान को सैन्य उपकरण और तकनीक ना दें क्योंकि ये रीजनल सिक्योरिटी के लिए खतरा है।

नीदरलैंड्स के रक्षा मंत्री रुबेन बर्कलमैन्स भारत दौरे पर आए हैं। मंगलवार उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।इस दौरान दोनों नेताओं ने आने वाले दिनों में भारत और नीदरलैंड के बीच द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की।सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को सपोर्ट कर रहा है और आतंकवाद का प्रायोजक है। इसलिए हम अपने सभी मित्र देशों से उम्मीद करते हैं कि वे पाकिस्तान को सैन्य उपकरण ना दें। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को हथियार देने से क्षेत्र (रीजन)में अस्थिरता बढ़ती है।

राजनाथ सिंह ने नीदरलैंड्स के रक्षा मंत्री से कहा कि पिछले कुछ वक्त में हमारी नजर में इस तरह के कुछ केस आए भी हैं। सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह ने उन्हें कुछ केस की डिटेल भी दी। राजनाथ सिंह ने इसका भी जिक्र किया कि भारत दशकों से पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है। सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अपने मित्र देशों से उम्मीद करते हैं कि वे रीजन की सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हु़ए पाकिस्तान को तकनीकी में मदद से परहेज करें।

वहीं, दोनों नेताओं ने आज मंगलवार को नई दिल्ली में इंडो-पैसिफिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती तकनीकों समेत कई विषयों पर चर्चा की। मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने पोस्ट किया। राजनाथ सिंह ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, “नई दिल्ली में नीदरलैंड के युवा और गतिशील रक्षा मंत्री रूबेन बर्केलमैन्स से मिलकर खुशी हुई। हमने भारत-नीदरलैंड रक्षा सहयोग की पूरी श्रृंखला का रिव्यू किया। हम अपनी रक्षा साझेदारी को और गहरा और उन्नत करने के लिए तत्पर हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हमारी चर्चा के क्षेत्रों में रक्षा, साइबर सुरक्षा, इंडो-पैसिफिक और एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी शामिल थीं।”

इससे पहले राजनाथ सिंह ने अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, मुलाकात के दौरान राजनाथ सिंह ने खालिस्तानी अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की अमेरिकी धरती पर गतिविधियों को लेकर भारत की चिंताओं से अवगत कराया और उनसे इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने का अनुरोध किया। सूत्रों ने यह भी बताया कि रायसीना हिल्स स्थित अपने ऑफिस में 30 मिनट से अधिक समय तक की बैठक में राजनाथ सिंह ने तुलसी गबार्ड को एसएफजे के पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के साथ कथित संबंधों और तालमेल के बारे में भी अवगत कराया। रक्षा मंत्री इसके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात भी कही।

तुलसी गबार्ड ने राजनाथ सिंह से की मुलाकात, खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस का मुद्दा पर हुई बात

#tulsi_gabbard_meeting_with_rajnath_singh

अमेरिका की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस (डीएनआई) तुलसी गबार्ड की भारत यात्रा पर हैं। भारत दौरे पर आई तुलसी गबार्ड ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने खालिस्तानी समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) की गतिविधियों पर चिंता जताई। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने इस गैरकानूनी संगठन पर अमेरिका से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने अमेरिकी प्रशासन से इस समूह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया। रक्षा मंत्री और गबार्ड की बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना था। इसमें रक्षा और खुफिया साझेदारी पर जोर दिया गया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने जोर दिया कि रणनीतिक सुरक्षा दोनों देशों के व्यापक वैश्विक रणनीतिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड ने सैन्य अभ्यास, रणनीतिक सहयोग, रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण और विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में सूचना-साझाकरण सहयोग के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने अत्याधुनिक रक्षा नवाचार और विशिष्ट प्रौद्योगिकियों में सहयोग के अवसरों का पता लगाया, जो उनके साझा रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा उन्होंने अंतर-संचालन को बढ़ाने और रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण को बढ़ावा देने के प्रमुख क्षेत्रों पर भी चर्चा की।

तुलसी गबार्ड ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के दौरान बांग्लादेश को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर गंभीर चिंता जताई और वहां की युनूस सरकार को सुना दिया। गबार्ड ने कहा कि बांग्लादेश के साथ वार्ता के दौरान ये मुद्दा केंद्र में रहने वाला है। धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न, उनके साथ अत्याचार हमेशा से एक चिंता की बात रही है। इस्लामिक आतंकवाद दुनिया के लिए चिंता की बड़ी वजह है। रूस-यूक्रेन जंग के पर उन्होंने कहा कि प्रेसीडेंट ट्रंप खुद इस मुद्दे को देख रहे हैं। शांति के लिए हरसंभव प्रयास जारी है।

इससे एक दिन पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और गबार्ड ने रविवार को द्विपक्षीय चर्चा की थी और दुनियाभर के शीर्ष खुफिया अधिकारियों के एक सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। ऐसा माना जा रहा है कि डोभाल और गबार्ड ने आमने-सामने की बैठक में भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के अनुरूप मुख्य रूप से खुफिया जानकारी साझा करने के तंत्र को मजबूत करने और सुरक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करने के तरीकों पर चर्चा की।

हिंद महासागर में मजबूत नौसेना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता”, राजनाथ सिंह ने कहा- चीन की बढ़ती मौजूदगी चिंताजनक

#rajnath_singh_says_china_growing_presence_in_indian_ocean_concerns_india

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी को भारत के लिए चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक समृद्धि हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा से जुड़ी हुई है। साथ ही कहा कि नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। रक्षमंत्री ने कहा, हम दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष और युद्ध देख रहे हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए, हमें अपनी सुरक्षा के लिए योजना, संसाधन और बजट की आवश्यकता है।

हिंद महासागर महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी पर चिंता जताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की आर्थिक समृद्धि सीधे तौर पर हिंद महासागर क्षेत्र की समुद्री सुरक्षा से जुड़ी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह बहुत जरूरी है कि हम अपने समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखें और अपने समुद्र तटों की रक्षा करें।

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रमुख नौसैनिक शक्तियों ने हाल के सालों में हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति कम कर दी है, जबकि भारतीय नौसेना ने इसे बढ़ाया है। उन्होंने कहा, अदन की खाड़ी, लाल सागर और पूर्वी अफ्रीकी देशों से लगे समुद्री क्षेत्रों में खतरे बढ़ने की संभावना है। इसे देखते हुए भारतीय नौसेना अपनी उपस्थिति को और बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 2024 को नौसेना नागरिक वर्ष के रूप में मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान सिंह ने आगे कहा कि दुनियाभर में हो रही उथल-पुथल और संघर्षों के मद्देनजर भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आक्रामक और रक्षा संबंधी प्रक्रियाओं पर बल देने की आवश्यकता है। उन्होंने सशस्त्र बलों के सामने बढ़ती जटिलताओं का जिक्र करते हुए देश की रक्षा क्षमता को जल्द बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तनावपूर्ण भू-राजनीतिक सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर सशस्त्र बलों के लिए बढ़ती जटिलताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, अगर हम रक्षा और सुरक्षा के नजरिए से पूरे दशक का आकलन करें तो हम कह सकते हैं कि यह एक उतार-चढ़ाव भरा दशक रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में हिंद महासागर में जल की रक्षा करना, नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना और समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखना आवश्यक है।

भारत बहुत भाग्यशाली नहीं, दुश्मन अंदर भी हैं, बाहर भी", ऐसा क्यों बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह*

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत सुरक्षा के मोर्चे पर बहुत भाग्यशाली नहीं रहा है। देश को बाहरी और आंतरिक दोनों तरफ से खतरों का सामना करना पड़ता है। हमें लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।राजनाथ सिंह ने रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले स्थित महू छावनी में सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए सीमा पर सुरक्षा को लेकर ये बातें कहीं। साथ ही रक्षा मंत्री ने सेना के जवानों से आह्वान किया कि वे बाहरी और आंतरिक दुश्मनों पर कड़ी नजर रखें।

आंतरिक या बाहरी दुश्मन हमेशा सक्रिय-राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने रविवार को इंदौर से 25 किलोमीटर दूर महू छावनी में मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और इन्फैंट्री स्कूल, प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान आर्मी वॉर कॉलेज (एडब्ल्यूएस) के साथ-साथ इन्फैंट्री म्यूजियम और आर्मी मार्कस्मैनशिप यूनिट का दौरा किया। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, सुरक्षा के नजरिए से भारत बहुत भाग्यशाली देश नहीं है, क्योंकि हमारी उत्तरी सीमा और पश्चिमी सीमा लगातार चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने सैन्यकर्मियों से कहा, हमें आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी असुरक्षा के साथ हम बेफिक्र नहीं हो सकते। हमारे दुश्मन, चाहे आंतरिक हों या बाहरी, हमेशा सक्रिय रहते हैं। इन परिस्थितियों में हमें उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और उनके खिलाफ उचित और समय पर प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने जवानों से कहा कि शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी है। अनुशासन के इस स्तर को बनाए रखने के लिए समर्पण और दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है। जवानों का प्रशिक्षण युद्ध से कम नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित और आत्मनिर्भर देश बनाने के लिए सेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

सैन्यकर्मियों के मेहनत और प्रतिबद्धता की सराहना

रक्षामंत्री ने सैन्यकर्मियों से आगे कहा कि उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित और मजबूत होती जा रही हैं। रक्षा मंत्री ने कर्मियों को सैन्य रणनीतियों और युद्ध कौशल में निपुण बनाने में भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों के बहुमूल्य योगदान की भी सराहना की।

POK स्वयं लौट कर कहेगा कि मैं भारत ही हूं' राजनाथ सिंह का पाकिस्तान को सीधा संदेश

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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर से पाकिस्तान पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके को लेकर सीधा संदेश दिया है। राजनाथ सिंह ने साफ-साफ कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर एक दिन हमारा होकर ही रहेगा। पाकिस्तान से सिर्फ आतंकवाद और पीओके के मुद्दे पर ही होगी। पीओके के लोग हमारे अपने ही है। पीओके एक दिन खुद कहेगा कि हम भारत का हिस्सा है।

आतंकवाद का कारोबार करने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी-राजनाथ सिंह

दिल्ली में गुरुवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की एक बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद का कारोबार चलाना 'कॉस्ट इफेक्टिव' नहीं है, बल्कि इसकी एक भारी कीमत अदा करनी पड़ सकती है। इसका अंदाजा आज पाकिस्तान को हो चुका है। ऑपरेशन सिंदूर में पूरे देश ने मेक इन इंडिया अभियान की सफलता को देखा, समझा और महसूस किया है। आज यह साबित हो गया है कि मेक इन इंडिया भारत की सुरक्षा और समृद्धि दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अनिवार्य घटक है। अगर हमारे पास यह क्षमता नहीं होती, तो भारत की सेनाएं निचले पाकिस्तान से लेकर पीओके तक आतंकवाद के खिलाफ इतनी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पातीं।

पीओके के लोग हमारे अपने-राजनाथ

राजनाथ ने कहा कि मैं मानता हूं कि पाक पीओके के लोग हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं। हम एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें यकीन है कि हमारे वो भाई जो आज हमसे भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग हैं, वे भी अपने स्वाभिमान, आत्मा की आवाज और स्वेच्छा से भारत की मुख्य धारा में कभी न कभी जरूर लौटेंगे। वहां के लोग भारत के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं। कुछ गिने-चुने लोग ही हैं, जिन्हें भटकाया गया।

पीओके स्वयं लौट कर कहेगा कि मैं भारत ही हूं-राजनाथ

राजनाथ सिंह ने आगे कहा, भारत हमेशा ही दिलों को जोड़ने की बात करता है। वो दिन दूर नहीं है जब हमारा ही अंग पीओके स्वयं लौट कर कहेगा कि मैं भारत ही हूं, मैं वापस आया हूं। पीओके का भारत के साथ एकीकरण इस देश की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक समृद्धि पर निर्भर करता है।

वक्त पर दिखाएंगे पूरी पिक्चर...” भुज से राजनाथ ने पड़ोसी देश को दिया सख्त संदेश

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जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सुरक्षा बलों के जवानों से मुलाकात के एक दिन बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज गुजरात के भुज एयरबेस पहुंचे। राजनाथ सिंह ने अपने दौरे के दौरान सेना के हौसले को सलाम किया। राजनाथ सिंह गुजरात के भुज एयरबेस से पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तो सिर्फ ट्रेलर दिखाया है, सीजफायर तोड़ा तो पूरी पिक्चर दिखाएंगे। बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के बाद सरकार सेना का उत्साह बढ़ाने में जुटी है। पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचकर जवानों से मुलाकात कर उनका उत्साह बढ़ाया। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरूवार को श्रीनगर एयरबेस पहुंचे। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को गुजरात के भुज वायु सेना स्टेशन का दौरा किया।

भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट काफी थे-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने भुज में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के जवानों की कुशलता की भी तारीफ की। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट काफी थे, पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रहे आतंक के अजगर को कुचलने के लिए। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह कहना गलत नहीं होगा कि नाश्ता करने में लोगों को जितना समय लगता है, आपने उस अवधि का उपयोग दुश्मनों से निपटने के लिए किया। आप दुश्मनों की धरती पर जाकर मिसाइलें गिराईं। इसकी गूंज सिर्फ भारत की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रही, पूरी दुनिया ने इसे सुना। वह गूंज सिर्फ मिसाइलों की नहीं थी, बल्कि आपके पराक्रम और भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों की बहादुरी की भी थी।

पाक के हर कोने तक हमारी एयरफोर्स की पहुंच- राजनाथ सिंह

रक्षामंत्री ने कहा, हमारी एयरफोर्स की पहुंच पाकिस्तान के हर कोने तक है और यह बात पूरी तरह से साबित हो चुकी है। आज स्थिति यह है कि भारत के फाइटर प्लेन बिना सरहद पार किए ही, यहीं से उनके हर कोने तक सीधा प्रहार करने में पूरी तरह से सक्षम है। पूरी दुनिया ने देख लिया है कि कैसे आपने पाकिस्तान की धरती पर मौजूद 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। बाद में की गई कार्रवाई में उनके अनेक एयरबेस भी तबाह कर दिए… आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत का संदेश पूरी दुनिया तक इस बार पहुंचा दिया है।

इंडियन एयरफोर्स ने भारत की युद्ध नीति और तकनीकी का प्रमाण दिया-राजनाथ सिंह

राजनाथ ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने जो प्रभावी भूमिका निभाई है, उसकी सराहना इस देश में ही नहीं दूसरे देशों में भी हो रही है। आपने इस ऑपरेशन में न केवल दुश्मन को परास्त किया है, बल्कि उन्हें तबाह करने में भी कामयाबी हासिल की है। आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए इस अभियान को हमारी वायु सेना ने आगे बढ़ाया। हमारी एयरफोर्स एक ऐसी ‘स्काइफोर्स’ है, जिसने अपने शौर्य, पराक्रम और प्रताप से आसमान की नई और बुलंद ऊंचाइयों को छू लिया है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान इंडियन एयरफोर्स ने केवल पराक्रम ही नहीं दिखाया है, बल्कि पूरी दुनिया के सामने प्रमाण भी दिया है। प्रमाण इस बात का कि अब भारत की युद्ध नीति और तकनीकी दोनों बदल चुकी है।

पाकिस्तान ने भुज पर किया था ड्रोन अटैक

बता दें कि आज राजनाथ सिंह जिस जगह पर जवानों से मुलाकात के लिए पहुंचे हैं, पाकिस्तान ने चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल करके उसे निशाना बनाया था। भुज पाकिस्तान की सीमा से बेहद करीब है। भुज पर कथित तौर पर पाकिस्तान द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल करके हमला किया गया था। भुज और नलिया के पास तैनात भारतीय सेना की एयर डिफेंस यूनिट ने पिछले कुछ दिनों में कई पाकिस्तानी ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया है। पाकिस्तानी ड्रोन मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें नाकाम किया गया।

गुरुवार को श्रीनगर गए थे राजनाथ

इससे पहले राजनाथ गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर गए थे। श्रीनगर में सेना से बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में छिपे आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं को एक कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, हमारी सेनाओं ने दुनिया को दिखा दिया है कि उनका निशाना सटीक है तथा गिनती का काम दुश्मनों पर छोड़ दिया गया है।

तनाव के बीच भी राजनाथ सिंह और तीनों सेना प्रमुखों के चेहरे पर मुस्कान, ये तस्वीर नहीं पाकिस्तान के लिए संदेश है

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पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज एक अहम बैठक की। बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल, सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल और नौसेना प्रमुख शामिल हुए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई इस बैठक की एक तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में सभी लोग मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। ये तस्वीर पाकिस्तान को ये संदेश है कि सीमा पर उसकी हर नापाक हरकत का तोड़ भारत के पास है। साथ ही देशवासियों को भरोसा दिला रही है कि चिंता की कोई बात नहीं है।

सोशल मीडिया पर ये तस्वीर तेजी से वायरल हो रही। तस्वीर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारत के सशस्त्र बलों के प्रमुख नई दिल्ली में बंद कमरे में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान शांत और मुस्कुराते हुए दिखाई दिए। तस्वीर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी मुसकुराते दिख रहे हैं। 

देशवासियों के लिए सकारात्मक संदेश

यह बैठक पाकिस्तान द्वारा भारत की पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और मिसाइल हमलों के शुरू करने के 24 घंटे से भी कम समय के अंदर हुई। इसके बाद भी भारत के रक्षा से जुड़े अधिकारी शांत, आत्मविश्वासी और कि खुश दि रहे हैं। यह तस्वीर राष्ट्र को एक सकारात्मक संदेश है। यह दिखाती है देश सुरक्षित है, चिंता की कोई वजह ही नहीं है।

पाकिस्तान को सबक सिखाने के बाद की खुशी

इस तस्वीर में पाकिस्तान को सबक सिखाने के बाद की खुशी भी शामिल है।भारत ने बीती रात जम्मू, पठानकोट, उधमपुर और कुछ अन्य जगहों पर मिसाइलों और ड्रोन से सैन्य ठिकानों पर हमला करने की पाकिस्तानी सेना की कोशिश को नाकाम कर दिया था।भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है। यही कारण है कि उसकी तरफ से लगातार हमले की कोशिश की जा रही है। भारतीय पाकिस्तान और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है।

पाकिस्तान में हनुमान जी जैसे घुसे हमारे जवान’, ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान

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भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बुधवार रात की गई एयर स्ट्राइक में कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। सेना की इस कार्रवाई को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने केवल उसे ही मारा, जिन्होंने हमारे मासूम नागरिकों को मारा है। भारत ने अपनी सरजमीं पर हुए हमले का जवाब देने के लिए राइट टू रिस्पॉस का इस्तेमाल किया है। आतंकियों के हौसले को पस्त करने के उद्देश्य से केवल उनके कैंप और उनके मूलभूत सुविधाओं तक ही हमला सीमित रखा गया है।

ऑपरेशन में सेना ने दिखाई संवेदनशीलता

6 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 50 बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के उद्घाटन के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जैसा कि आप सबको जानकारी है कि कल रात भारतीय सेनाओं ने अपने शौर्य एवं पराक्रम का परिचय देते हुए एक नया इतिहास लिख दिया है। भारत की सेना ने सटीकता, सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ करवाई की है। हमने जो लक्ष्य तय किये थे, उन्हें ठीक तय योजना के अनुसार सटीकता से ध्वस्त किया है। किसी भी नागरिक ठिकाने नागरिक जनसंख्या को जरा भी प्रभावित न होने की संवेदनशीलता दिखाई है। यानि एक तरीके की सटीकता, सतर्कता और मानवता सेना ने दिखाई है। जिसके लिए मैं हमारे सेना के जवानों और अधिकारियों को पूरे देश की ओर से साधुवाद देता हूं।

ऑपरेशन सिंदूर की तुलना हनुमान जी के अशोक वाटिका अभियान से

रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की तुलना हनुमान जी के अशोक वाटिका में किए गए अभियान से की। उन्होंने कहा कि जैसे हनुमान जी ने सिर्फ राक्षसी ढांचे को नष्ट किया, वैसे ही भारत ने आतंक का ढांचा नष्ट किया। सिंह ने कहा, हमने हनुमान जी के उस आदर्श का पालन किया है जो उन्होंने अशोक वाटिका उजाड़ते हुए किया था।'जिन्ह मोहि मारा तिन मोहि मारे'। हमने केवल उन्हीं को मारा, जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा। हमारी सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पहले की तरह इस बार भी आतंकियों को ट्रेनिंग देने वाले ठिकानों को तबाह करके करारा जवाब दिया है।

अब पाकिस्तान के खिलाफ होगा कौन सा फैसला? पीएम मोदी से फिर मिलने पहुंचे राजनाथ, डोभाल भी है साथ

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 मासूमों के नंरसंहार के बाद भी पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है। पाक आर्मी की तरफ से एलओसी पर एक बार फिर से गोलीबारी की गई है। कुपवाड़ा और पुंछ के इलाकों में यह फायरिंग छोटे हथियारों से की गई, जिसका भारतीय सेना ने भी माकूल जवाब दिया है। इस बीच आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पीएम मोदी से मिलने पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा फैसला हो सकता है।

पीएम के साथ बैठक में डोभाल भी शामिल

पहलगाम आतंकी हमले में हिन्दुओं के नरसंहार हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है। पाकिस्तान के खिलाफ जंग की अटकलों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पीएम मोदी के साथ मुलाकात चल रही है। पीएम आवास पर हो रही इस बैठक में तीनों सेना के प्रमुख सीडीएस अनिल चौहाण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल हैं।

तनाव के बीच कितनी अहम है बैठक?

बता दें कि पाकिस्तानी फौज ने पहलगाम हमले के बाद लगातार चौथे दिन सीजफायर वॉयलेशन किया। रविवार देर रात और सोमवार तड़के पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर फायरिंग की। भारतीय सेना ने भी इसका जवाब दिया। ऐसे समय में रक्षामंक्षी राजनाथ सिंह की पीएम मोदी के साथ बैठक काफी अहम मानी जा रहा है। बताया जा रहा है कि राजनाथ मौजूदा हालात और रणनीति को लेकर प्रधानमंत्री के पास पहुंचे हैं।

पहलगाम आतंकी हमला: राजनाथ सिंह ने सैन्य अधिकारियों के साथ की बैठक

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार अलर्ट मोड पर है। एक तरफ प्रधानमंत्री मौदी अपना सउदी दौरा रद्द कर देर रात लौट आए। वहीं, पीएम के निर्देश पर गृहमंत्री अमित शाह हालात का जायजा लेने हमले के कुछ घेटों के बाद ही श्रीनगर पहुंच गए। इधर, आतंकी हमले के बाद बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय में अहम बैठक की अध्यक्षता की। 

इस हाई लेवल मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की गई। मीटिंग में तीनों सेनाओं के प्रमुख ने अपनी-अपनी तैयारियों को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनकी तीनों सेनाएं हर परिस्थिति के लिए तैयार है। यह बैठक करीब 2.5 घंटे तक चली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों को अपनी युद्ध तत्परता बढ़ाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों की में तेजी लाने का निर्देश दिया।

इस बैठक में सीडीएस अनिल चौहान और एनएसए अजित डोभाल भी शामिल हुए। इनके अलावा बैठक में थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद रहे। अब छह बजे सुरक्षा मामलों की केंद्रीय समिति की बैठक होनी है। सीसीएस की मीटिंग को दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पीएम मोदी को जानकारी देंगे।

पाकिस्तान को हथियार, टेक्नोलॉजी ना दें” नीदरलैंड्स के रक्षा मंत्री से बोले राजनाथ

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भारत ने पाकिस्तान के झूठ के खिलाफ अब आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया है। अब तक कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की ओर से लगाए जा रहे झूठे आरोपों को भारत खारिज ही किया जाता रहा है, लेकिन अब एक कदम आगे बढ़ाया है। भारत ने अब वैश्विक मंच पर उसे बेनकाब करने के लिए कूटनीतिक मोर्चे पर नया कदम बढ़ाया है। दरअसल, राजनाथ सिंह ने नीदरलैंड के रक्षा मंत्री से बात करते हुए पाकिस्तान को आतंक का प्रायोजक करार दिया। साथ ही पाकिस्तान को कोई भी सैन्य सहायता या तकनीक ना देने की अपील की है। राजनाथ सिंह ने नीदरलैंड्स से कहा कि वे पाकिस्तान को सैन्य उपकरण और तकनीक ना दें क्योंकि ये रीजनल सिक्योरिटी के लिए खतरा है।

नीदरलैंड्स के रक्षा मंत्री रुबेन बर्कलमैन्स भारत दौरे पर आए हैं। मंगलवार उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।इस दौरान दोनों नेताओं ने आने वाले दिनों में भारत और नीदरलैंड के बीच द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की।सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को सपोर्ट कर रहा है और आतंकवाद का प्रायोजक है। इसलिए हम अपने सभी मित्र देशों से उम्मीद करते हैं कि वे पाकिस्तान को सैन्य उपकरण ना दें। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को हथियार देने से क्षेत्र (रीजन)में अस्थिरता बढ़ती है।

राजनाथ सिंह ने नीदरलैंड्स के रक्षा मंत्री से कहा कि पिछले कुछ वक्त में हमारी नजर में इस तरह के कुछ केस आए भी हैं। सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह ने उन्हें कुछ केस की डिटेल भी दी। राजनाथ सिंह ने इसका भी जिक्र किया कि भारत दशकों से पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है। सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अपने मित्र देशों से उम्मीद करते हैं कि वे रीजन की सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हु़ए पाकिस्तान को तकनीकी में मदद से परहेज करें।

वहीं, दोनों नेताओं ने आज मंगलवार को नई दिल्ली में इंडो-पैसिफिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती तकनीकों समेत कई विषयों पर चर्चा की। मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने पोस्ट किया। राजनाथ सिंह ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, “नई दिल्ली में नीदरलैंड के युवा और गतिशील रक्षा मंत्री रूबेन बर्केलमैन्स से मिलकर खुशी हुई। हमने भारत-नीदरलैंड रक्षा सहयोग की पूरी श्रृंखला का रिव्यू किया। हम अपनी रक्षा साझेदारी को और गहरा और उन्नत करने के लिए तत्पर हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हमारी चर्चा के क्षेत्रों में रक्षा, साइबर सुरक्षा, इंडो-पैसिफिक और एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी शामिल थीं।”

इससे पहले राजनाथ सिंह ने अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, मुलाकात के दौरान राजनाथ सिंह ने खालिस्तानी अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की अमेरिकी धरती पर गतिविधियों को लेकर भारत की चिंताओं से अवगत कराया और उनसे इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने का अनुरोध किया। सूत्रों ने यह भी बताया कि रायसीना हिल्स स्थित अपने ऑफिस में 30 मिनट से अधिक समय तक की बैठक में राजनाथ सिंह ने तुलसी गबार्ड को एसएफजे के पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के साथ कथित संबंधों और तालमेल के बारे में भी अवगत कराया। रक्षा मंत्री इसके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात भी कही।

तुलसी गबार्ड ने राजनाथ सिंह से की मुलाकात, खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस का मुद्दा पर हुई बात

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अमेरिका की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस (डीएनआई) तुलसी गबार्ड की भारत यात्रा पर हैं। भारत दौरे पर आई तुलसी गबार्ड ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने खालिस्तानी समूह ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) की गतिविधियों पर चिंता जताई। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने इस गैरकानूनी संगठन पर अमेरिका से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने अमेरिकी प्रशासन से इस समूह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया। रक्षा मंत्री और गबार्ड की बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना था। इसमें रक्षा और खुफिया साझेदारी पर जोर दिया गया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने जोर दिया कि रणनीतिक सुरक्षा दोनों देशों के व्यापक वैश्विक रणनीतिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।

आधिकारिक बयान में कहा गया, राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड ने सैन्य अभ्यास, रणनीतिक सहयोग, रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण और विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में सूचना-साझाकरण सहयोग के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने अत्याधुनिक रक्षा नवाचार और विशिष्ट प्रौद्योगिकियों में सहयोग के अवसरों का पता लगाया, जो उनके साझा रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा उन्होंने अंतर-संचालन को बढ़ाने और रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण को बढ़ावा देने के प्रमुख क्षेत्रों पर भी चर्चा की।

तुलसी गबार्ड ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के दौरान बांग्लादेश को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर गंभीर चिंता जताई और वहां की युनूस सरकार को सुना दिया। गबार्ड ने कहा कि बांग्लादेश के साथ वार्ता के दौरान ये मुद्दा केंद्र में रहने वाला है। धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न, उनके साथ अत्याचार हमेशा से एक चिंता की बात रही है। इस्लामिक आतंकवाद दुनिया के लिए चिंता की बड़ी वजह है। रूस-यूक्रेन जंग के पर उन्होंने कहा कि प्रेसीडेंट ट्रंप खुद इस मुद्दे को देख रहे हैं। शांति के लिए हरसंभव प्रयास जारी है।

इससे एक दिन पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और गबार्ड ने रविवार को द्विपक्षीय चर्चा की थी और दुनियाभर के शीर्ष खुफिया अधिकारियों के एक सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। ऐसा माना जा रहा है कि डोभाल और गबार्ड ने आमने-सामने की बैठक में भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के अनुरूप मुख्य रूप से खुफिया जानकारी साझा करने के तंत्र को मजबूत करने और सुरक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करने के तरीकों पर चर्चा की।

हिंद महासागर में मजबूत नौसेना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता”, राजनाथ सिंह ने कहा- चीन की बढ़ती मौजूदगी चिंताजनक

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी को भारत के लिए चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक समृद्धि हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा से जुड़ी हुई है। साथ ही कहा कि नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। रक्षमंत्री ने कहा, हम दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष और युद्ध देख रहे हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए, हमें अपनी सुरक्षा के लिए योजना, संसाधन और बजट की आवश्यकता है।

हिंद महासागर महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी पर चिंता जताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की आर्थिक समृद्धि सीधे तौर पर हिंद महासागर क्षेत्र की समुद्री सुरक्षा से जुड़ी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह बहुत जरूरी है कि हम अपने समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखें और अपने समुद्र तटों की रक्षा करें।

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रमुख नौसैनिक शक्तियों ने हाल के सालों में हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति कम कर दी है, जबकि भारतीय नौसेना ने इसे बढ़ाया है। उन्होंने कहा, अदन की खाड़ी, लाल सागर और पूर्वी अफ्रीकी देशों से लगे समुद्री क्षेत्रों में खतरे बढ़ने की संभावना है। इसे देखते हुए भारतीय नौसेना अपनी उपस्थिति को और बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 2024 को नौसेना नागरिक वर्ष के रूप में मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान सिंह ने आगे कहा कि दुनियाभर में हो रही उथल-पुथल और संघर्षों के मद्देनजर भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आक्रामक और रक्षा संबंधी प्रक्रियाओं पर बल देने की आवश्यकता है। उन्होंने सशस्त्र बलों के सामने बढ़ती जटिलताओं का जिक्र करते हुए देश की रक्षा क्षमता को जल्द बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तनावपूर्ण भू-राजनीतिक सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर सशस्त्र बलों के लिए बढ़ती जटिलताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, अगर हम रक्षा और सुरक्षा के नजरिए से पूरे दशक का आकलन करें तो हम कह सकते हैं कि यह एक उतार-चढ़ाव भरा दशक रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में हिंद महासागर में जल की रक्षा करना, नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना और समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखना आवश्यक है।

भारत बहुत भाग्यशाली नहीं, दुश्मन अंदर भी हैं, बाहर भी", ऐसा क्यों बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह*

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केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत सुरक्षा के मोर्चे पर बहुत भाग्यशाली नहीं रहा है। देश को बाहरी और आंतरिक दोनों तरफ से खतरों का सामना करना पड़ता है। हमें लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।राजनाथ सिंह ने रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले स्थित महू छावनी में सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए सीमा पर सुरक्षा को लेकर ये बातें कहीं। साथ ही रक्षा मंत्री ने सेना के जवानों से आह्वान किया कि वे बाहरी और आंतरिक दुश्मनों पर कड़ी नजर रखें।

आंतरिक या बाहरी दुश्मन हमेशा सक्रिय-राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने रविवार को इंदौर से 25 किलोमीटर दूर महू छावनी में मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और इन्फैंट्री स्कूल, प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान आर्मी वॉर कॉलेज (एडब्ल्यूएस) के साथ-साथ इन्फैंट्री म्यूजियम और आर्मी मार्कस्मैनशिप यूनिट का दौरा किया। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, सुरक्षा के नजरिए से भारत बहुत भाग्यशाली देश नहीं है, क्योंकि हमारी उत्तरी सीमा और पश्चिमी सीमा लगातार चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने सैन्यकर्मियों से कहा, हमें आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी असुरक्षा के साथ हम बेफिक्र नहीं हो सकते। हमारे दुश्मन, चाहे आंतरिक हों या बाहरी, हमेशा सक्रिय रहते हैं। इन परिस्थितियों में हमें उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और उनके खिलाफ उचित और समय पर प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी-राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने जवानों से कहा कि शांति के समय में भी अनुशासन और समर्पण बहुत जरूरी है। अनुशासन के इस स्तर को बनाए रखने के लिए समर्पण और दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है। जवानों का प्रशिक्षण युद्ध से कम नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित और आत्मनिर्भर देश बनाने के लिए सेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

सैन्यकर्मियों के मेहनत और प्रतिबद्धता की सराहना

रक्षामंत्री ने सैन्यकर्मियों से आगे कहा कि उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित और मजबूत होती जा रही हैं। रक्षा मंत्री ने कर्मियों को सैन्य रणनीतियों और युद्ध कौशल में निपुण बनाने में भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों के बहुमूल्य योगदान की भी सराहना की।