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ममता सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम, मांगे नहीं माने जानें पर आमरण अनशन करेंगे डॉक्टर्स*
#west_bengal_doctors_continue_sit_in_protest_gave_govt_24_hours_ultimatum
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर- रेप मर्डर मामले को लेकर पश्चिम बंगाल में एक बार फिर विरोध तेज हो रहा है। विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने ममता सरकार को अपनी मांग पूरी करने का 24 घंटे का समय दिया है, जिसके बाद उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी 'पूरी तरह से काम रोकों' हड़ताल को वापस लेने का फैसला किया है।डॉक्टर्स ने इससे पहले पूरी तरह से काम रोकने का एलान किया था, लेकिन शुक्रवार को रात करीब साढ़े आठ बजे उन्होंने पूरी तरह से काम रोकने की हड़ताल वापस लेने का फैसला किया।डॉक्टर्स ने बंगाल सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और मांग की है कि या तो सरकार उनकी मांगे मान ले या फिर वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे। कोलकाता में शुक्रवार को हाथों में घड़ियां थामे डॉक्टरों ने अपनी मांगों को एक बार फिर से दोहराया। विरोध कर रहे ट्रेनी चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल के सभी मेडिकल कॉलेजों में धमकी संस्कृति में शामिल कथित अपराधियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक केंद्रीय जांच समिति गठित करने की मांग शामिल है।विरोध में शामिल कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आंदोलनकारी डॉक्टर देबाशीष हलदर ने दोहराया की वे अपना विरोध जारी रखेंगे। डब्ल्यूबीजेडीएफ के प्रतिनिधि देबाशीष हलदर ने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाली उनकी मांगों को 24 घंटे के अंदर पूरा नहीं किया तो जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन शुरू कर देंगे। डब्ल्यूबीजेडीएफ ने मंगलवार को अपनी हड़ताल वापस लेने से पहले शर्तें तय कर दीं। उनके अनुसार, उनकी 10 मांगों में से पहली मांग पीड़िता के बलात्कार और हत्या के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए लंबी न्यायिक प्रक्रिया से संबंधित है, जिसकी पूर्ति केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर करती है। डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने कहा कि शेष नौ मांगें राज्य सरकार पर निर्भर है। हमें अब ये देखना है कि राज्य सरकार उन्हें पूरा करने के लिए कितनी गंभीर है। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि राज्य सरकार अगले 24 घंटे के अंदर इन शेष नौ मांगों को पूरा करे, ऐसा न करने पर हम आमरण अनशन करेंगे। *जूनियर डॉक्टरों की 10 मांगें* 1. अभया के न्याय के सवाल का जवाब बिना किसी देरी के तुरंत दिया जाना चाहिए। 2. स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और स्वास्थ्य सचिव को तुरंत उनके पद से हटाना चाहिए। 3. राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में तुरंत एक केंद्रीकृत रेफरल सिस्टम लागू किया जाना चाहिए। 4. प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डिजिटल बेड वैकेंसी मॉनिटर की व्यवस्था होनी चाहिए। 5. प्रत्येक कॉलेज के आधार पर जूनियर डॉक्टरों के निर्वाचित प्रतिनिधित्व के साथ टास्क फोर्स का गठन सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में किया जाना चाहिए ताकि सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और बाथरूम की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। 6. अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए, साथ ही स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की जानी चाहिए। 7. अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के सभी खाली पदों को तुरंत भरा जाना चाहिए। 8. धमकी देने वाले लोगों की जांच करने और उन्हें सजा देने के लिए हर मेडिकल कॉलेज में जांच समितियां स्थापित की जानी चाहिए। राज्य स्तर पर भी एक जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए। 9. हर मेडिकल कॉलेज में छात्र परिषदों के चुनाव तुरंत कराए जाने चाहिए। सभी कॉलेजों को आरडीए को मान्यता देनी चाहिए। कॉलेजों और अस्पतालों का प्रबंधन करने वाली सभी समितियों में छात्रों और जूनियर डॉक्टरों का निर्वाचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए। 10. पश्चिम बंगाल नगर निगम और पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार और अराजकता की तुरंत जांच की जानी चाहिए।
ममता सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम, मांगे नहीं माने जानें पर आमरण अनशन करेंगे डॉक्टर्स

#westbengaldoctorscontinuesitinprotestgavegovt24hours_ultimatum

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर- रेप मर्डर मामले को लेकर पश्चिम बंगाल में एक बार फिर विरोध तेज हो रहा है। विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने ममता सरकार को अपनी मांग पूरी करने का 24 घंटे का समय दिया है, जिसके बाद उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी 'पूरी तरह से काम रोकों' हड़ताल को वापस लेने का फैसला किया है।डॉक्टर्स ने इससे पहले पूरी तरह से काम रोकने का एलान किया था, लेकिन शुक्रवार को रात करीब साढ़े आठ बजे उन्होंने पूरी तरह से काम रोकने की हड़ताल वापस लेने का फैसला किया।डॉक्टर्स ने बंगाल सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और मांग की है कि या तो सरकार उनकी मांगे मान ले या फिर वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे।

कोलकाता में शुक्रवार को हाथों में घड़ियां थामे डॉक्टरों ने अपनी मांगों को एक बार फिर से दोहराया। विरोध कर रहे ट्रेनी चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल के सभी मेडिकल कॉलेजों में धमकी संस्कृति में शामिल कथित अपराधियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक केंद्रीय जांच समिति गठित करने की मांग शामिल है।विरोध में शामिल कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आंदोलनकारी डॉक्टर देबाशीष हलदर ने दोहराया की वे अपना विरोध जारी रखेंगे।

डब्ल्यूबीजेडीएफ के प्रतिनिधि देबाशीष हलदर ने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाली उनकी मांगों को 24 घंटे के अंदर पूरा नहीं किया तो जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन शुरू कर देंगे। डब्ल्यूबीजेडीएफ ने मंगलवार को अपनी हड़ताल वापस लेने से पहले शर्तें तय कर दीं। उनके अनुसार, उनकी 10 मांगों में से पहली मांग पीड़िता के बलात्कार और हत्या के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए लंबी न्यायिक प्रक्रिया से संबंधित है, जिसकी पूर्ति केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर करती है। डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने कहा कि शेष नौ मांगें राज्य सरकार पर निर्भर है। हमें अब ये देखना है कि राज्य सरकार उन्हें पूरा करने के लिए कितनी गंभीर है। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि राज्य सरकार अगले 24 घंटे के अंदर इन शेष नौ मांगों को पूरा करे, ऐसा न करने पर हम आमरण अनशन करेंगे।

जूनियर डॉक्टरों की 10 मांगें

1. अभया के न्याय के सवाल का जवाब बिना किसी देरी के तुरंत दिया जाना चाहिए।

2. स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और स्वास्थ्य सचिव को तुरंत उनके पद से हटाना चाहिए।

3. राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में तुरंत एक केंद्रीकृत रेफरल सिस्टम लागू किया जाना चाहिए।

4. प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डिजिटल बेड वैकेंसी मॉनिटर की व्यवस्था होनी चाहिए।

5. प्रत्येक कॉलेज के आधार पर जूनियर डॉक्टरों के निर्वाचित प्रतिनिधित्व के साथ टास्क फोर्स का गठन सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में किया जाना चाहिए ताकि सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और बाथरूम की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

6. अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए, साथ ही स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की जानी चाहिए।

7. अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के सभी खाली पदों को तुरंत भरा जाना चाहिए।

8. धमकी देने वाले लोगों की जांच करने और उन्हें सजा देने के लिए हर मेडिकल कॉलेज में जांच समितियां स्थापित की जानी चाहिए। राज्य स्तर पर भी एक जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए।

9. हर मेडिकल कॉलेज में छात्र परिषदों के चुनाव तुरंत कराए जाने चाहिए। सभी कॉलेजों को आरडीए को मान्यता देनी चाहिए। कॉलेजों और अस्पतालों का प्रबंधन करने वाली सभी समितियों में छात्रों और जूनियर डॉक्टरों का निर्वाचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

10. पश्चिम बंगाल नगर निगम और पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार और अराजकता की तुरंत जांच की जानी चाहिए।

समंदर का सिकंदर बनना चाहता है चीन, नई नवेली "परमाणु पनडुब्बी" समुद्र में डूबी

#china_newest_nuclear_powered_submarine_sank

चीन समुद्री क्षेत्रों में भी लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है। हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक वो अपनी शक्तियां बढ़ाने में जुटा हुआ है। हालांकि, इस बीच चीन को बड़ा झटका लगा है। चीन ने जो नई परमाणु-संचालित हमलावर पनडुब्बी बनाई थी, वह इस साल की शुरुआत में डूब गई। हालांकि, चीनी अधिकारियों ने इस दुर्घटना को छिपाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन इसका खुलासा हो ही गया। दो अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के अनुसार, चीन की लेटेस्ट परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी डूब गई और चीनी नौसेना ने नुकसान को छिपाने की कोशिश की, इस कारण दुर्घटना का खुलासा कई महीने बाद हुआ है।

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि चीनी परमाणु पनडुब्बी मई के अंत या जून की शुरुआत में वुहान के पास एक शिपयार्ड में डूब गई थी।एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि चीन की नवीनतम परमाणु-संचालित हमलावर पनडुब्बी इस साल की शुरुआत में समुद्र में डूब गई थी। अधिकारी ने कहा कि हमलावर पनडुब्बी वुहान शहर के पास एक शिपयार्ड में निर्माणाधीन झोउ-श्रेणी के जहाजों की नई लाइन की पहली पनडुब्बी थी। यह उसके लिए शर्मिंदगी की बात है, क्योंकि वह अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार करना चाहता है। वह अपनी सेना को सबसे ताकतवर बनाना चाहता है। मगर जो अपनी एक पनडुब्बी नहीं बचा सका, वह क्या खाक किसी से लड़ पाएगा?

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब चीन अपनी नौसेना का विस्तार करने पर जोर दे रहा है।हाल ही में चीन ने अपना अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का प्रशांत महासागर में परीक्षण किया। यह टेस्ट चीन ने 44 साल बाद किया था।

समुद्र में अमेरिका दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश है, लेकिन चीन इस अंतर को कम करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।चीन के पास पहले से ही 370 से अधिक जहाजों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है। इसके साथ ही उसने परमाणु-सशस्त्र पनडुब्बियों की एक नई पीढ़ी का उत्पादन शुरू कर दिया है। चीन परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों के उत्पादन में विविधता लाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। चीनी परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण हुलुदाओ के शिपयार्ड में सबसे अधिक हुआ है, लेकिन अब वुहान के पास वुचांग शिपयार्ड में परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है।

चीन की सैन्य शक्ति पर पिछले साल जारी पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 के अंत तक बीजिंग के पास 48 डीजल-इलेक्ट्रिक हमलावर पनडुब्बियां और छह परमाणु पनडुब्बियां थीं। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि नई हमलावर पनडुब्बियां, सतही युद्धपोत और नौसैनिक विमान विकसित करने का चीन का उद्देश्य संघर्ष के दौरान ताइवान की सहायता के लिए अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों का मुकाबला करना और "समुद्री श्रेष्ठता" हासिल करना है।

कोलकाता के डॉक्टरों के विरोध स्थल पर ममता बनर्जी का अचानक दौरा: 'काम पर लौटें, मैं कोई कार्रवाई नहीं करूंगी'

West Bengal CM Mamta Banerjee

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को स्वास्थ्य भवन के बाहर अचानक दौरा किया, जहां जूनियर डॉक्टर आरजी कर मेडिकल कॉलेज की प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उनसे काम पर लौटने का आग्रह किया। ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से कहा, "मैंने रातों की नींद हराम कर दी है, क्योंकि आप बारिश के बीच सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मैं आपको आश्वासन देती हूं कि मैं आपकी मांगों का अध्ययन करूंगी और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो कार्रवाई करूंगी।"

 

बनर्जी ने यह भी कहा कि उन्हें उनसे मिलने के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि उनकी 'दीदी' के तौर पर आना पड़ा है। बनर्जी ने कहा, "मैं आपके विरोध का उद्देश्य समझती हूं। मैं भी एक छात्र नेता थी। मैं आपको न्याय दिलाऊंगी। वरिष्ठ (डॉक्टर) आपकी सहायता के बिना काम नहीं कर पाएंगे, मैं आपसे काम पर लौटने का आग्रह करती हूं। मैं आपको आश्वासन देती हूं कि आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।"

हालांकि, आंदोलनकारी डॉक्टरों ने कहा कि वे बातचीत होने तक अपनी मांगों पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं। कोलकाता के डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन शनिवार को साल्ट लेक में राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के बाहर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन पांचवें दिन भी जारी रहा। वे आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं, जबकि शहर में लगातार बारिश हो रही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदर्शनकारियों को 10 सितंबर को शाम 5 बजे तक काम पर लौटने के लिए निर्धारित समय सीमा का भी उल्लंघन किया है। 9 अगस्त की शाम से विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर आरजी कर घटना के संदर्भ में अपने कर्तव्यों में "विफल" रहने के लिए कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने राज्य में सभी महिला स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा और सुरक्षा उपायों की भी मांग की है। पिछले सप्ताह जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सचिवालय नबान्न के द्वार पर पहुंचने के बाद भी राज्य सरकार के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि आरजी कर अस्पताल गतिरोध को हल करने के लिए बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग की उनकी मांग पूरी नहीं हुई थी।

*Have Not Come Here as CM But As Your Didi: Mamata Banerjee Visits Swasthya Bhavan Agitation Site To Appeal To Doctors In A Surprise Visit*

SB News Bureau: In an unprecedented move showing what pro-people leaders look like, West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee set an example on Saturday and made a surprise visit at the Swasthya Bhavan agitation site to talk to protesting junior doctors and assured them of government action. Issuing an appeal to agitating doctors to withdraw their strike as their 'Didi' and "elder sister", she said she supports their demands for justice.

The development comes 2 days after doctors had refused to hold dialogue with her at Nabanna, where the CM waited for 2 hours due to an impasse over livestreaming the discussion. While the government offered an option to record the meeting as legal limitations did not allow for livestreaming a discussion on a sub-judice matter, the doctors rejected the offer and continued the deadlock.

"I am not here as the Chief Minister but as your Didi as your elder sister. I urge you to return to work. I support your movement for justice," she told the agitating doctors on Saturday, reiterating her demands for justice for the RG Kar victim and capital punishment for the perpetrators.

"Despite safety concerns, I have come here because I support your movement. You couldn't sleep amid rain and storm last night. Even I couldn't sleep. I feel your pain. Even I couldn't sleep for 34 days because your safety matters to us." she added.

Pledging her support to the cause, Mamata Banerjee assured protesting doctors that she would look into all their demands. "We have already initiated the renovation work of the state-run hospitals and will revamp the health infrastructure...We will form new Rogi Kalyan Samitis...No culprit is my friend and will not be spared if found guilty," she added.

The Chief Minister also said no action would be taken against the protesting doctors. "It is my earnest request to you. Discuss among yourselves and make a decision. Please return to work. You are like my brother and sisters and I have sympathy for you. I will not take any action against you. This is not UP. They had implemented ESMA and stopped all sorts of strikes and rallies. But be rest assured, I will not do anything of this sort. I am against taking any action against the doctors. I know that you do noble work. The seniors [doctors] need you. Think about my proposal,"If I can come to this protest site to stand by you, I can also ensure justice and listen to your demands."

*বাংলা পথ দেখাল: মহারাষ্ট্রে পশ্চিমবঙ্গের মতো কঠোর ধর্ষণ-বিরোধী বিল দাবি করলেন শরদ পওয়ার*


এসবি নিউজ ব্যুরো:পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভায় ঐতিহাসিক অপরাজিতা নারী ও শিশু বিল, যেখানে ধর্ষণের জন্য মৃত্যুদণ্ড-সহ কঠোরতম শাস্তির প্রস্তাব করা হয়েছে, পাস হওয়ার একদিন পরেই এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পাওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস শরদ পাওয়ারের এই সিদ্ধান্তকে স্বাগত জানিয়ে বলেছে যে, ধর্ষণের বিরুদ্ধে আন্দোলনকে আরও শক্তিশালী করতে এই পদক্ষেপ গুরুত্বপূর্ণ।

এই পদক্ষেপটি এই সত্যেরও প্রমাণ যে, সংস্কারের ক্ষেত্রে বাংলা সর্বদা অগ্রণী ভূমিকা পালন করেছে। এটি বাংলা-বিরোধী শক্তিগুলোর জন্যও উপযুক্ত জবাব, যারা দীর্ঘদিন ধরে দিল্লির জমিদারদের নির্দেশে বাংলার ভাবমূর্তি নষ্ট করার সর্বাত্মক চেষ্টা করে আসছে।

অপরাজিতা মহিলা ও শিশু (পশ্চিমবঙ্গ অপরাধ আইন সংশোধনী) বিল, ২০২৪ - যা সর্বসম্মতিক্রমে পাস হয়েছে - তাতে তিনটি গুরুত্বপূর্ণ উপাদান রয়েছে:

অপরাধীর জন্য কঠোর শাস্তি,

দ্রুত তদন্ত, এবং

* দ্রুত ন্যায়বিচারের ব্যবস্থা।

বিএনএসের অধীনে যৌন হেনস্তার মামলাগুলি ছাড়াও, বিলটি পকসো আইনের অধীনে দায়ের করা মামলাগুলোকেও লক্ষ্য করেছে।

এছাড়াও, ধর্ষণ-বিরোধী বিলটি রাজ্যের প্রতিটি জেলায় ‘অপরাজিতা টাস্ক ফোর্স’ গঠনেরও ব্যবস্থা করেছে।

সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস নিজেদের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছে , "What Bengal thinks today, India thinks tomorrow! Under the leadership of Smt. GoWB is taking decisive action to ensure that women can live without fear. The Aparajita Anti-Rape Bill has prompted a leader of stature to call for a similar legislation in Maharashtra!"

"গতকাল, রাজ্যের বিধানসভায় যে ঐতিহাসিক বিলটি পাশ করা হয়েছে তাতে ধর্ষণের দোষীদের কঠোরতম শাস্তির কথা বলা হয়েছে। এটিকে উদাহরণ হিসাবে গ্রহণ করে, অন্যান্য রাজ্যগুলিও এই ঐতিহাসিক পদক্ষেপটি বাস্তবায়নের পরিকল্পনা করছে। উদাহরণস্বরূপ, এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। বাংলার এই উল্লেখযোগ্য পদক্ষেপটি মহিলাদের সুরক্ষা নিশ্চিত করার জন্য একটি নতুন পথ দেখিয়েছে, " রাজ্যের অর্থমন্ত্রী চন্দ্রিমা ভট্টাচার্য বলেছেন৷

এনসিপি (এসপি) প্রধানের অপরাজিতা বিল অনুকরণের সিদ্ধান্তের বিষয়ে সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের জাতীয় মুখপাত্র এবং রাজ্যের মহিলা ও শিশু উন্নয়ন মন্ত্রী ড. শশী পাঁজা নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন,

"BENGAL SHOWS THE WAY. Now, Shri Sharad Pawar has pitched for West Bengal-like anti-rape bill in Maharashtra."

"মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় অপরাজিতা বিলের মাধ্যমে ইতিহাস তৈরি করেছেন। এটি শুধুমাত্র মৃত্যুদণ্ড নিশ্চিত করে না, বরং ধর্ষণের দোষীদের জন্য কঠোর শাস্তিরও আহ্বান জানায়। এটি মহিলাদের নিরাপত্তা ও সুরক্ষা জোরদার করবে। এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার এই বিলটিকে শুধু স্বাগত জানাননি, বরং এই বিলটিকে তিনি একটি 'মডেল' হিসাবেও অভিহিত করে বলেছেন যে এটা সারা দেশে বাস্তবায়ন করা উচিত। উনি বলেছেন যে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় এই বিলের দ্বারা একটি নজির স্থাপন করেছেন। বাংলা আজ যা ভাবে, ভারতবর্ষ আগামীকাল তাই ভাবে এবং ভাবতে হবে" তৃণমূল মুখপাত্র কুণাল ঘোষ বলেছেন।

বুধবার রাজ্য বিধানসভায় ভাষণ দেওয়ার সময় পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বলেন, "ধর্ষণ এখন জাতীয় লজ্জার বিষয় হয়ে দাঁড়িয়েছে। আসুন আমরা সবাই একত্রে এই সমস্যার মোকাবিলা করি। এই সমস্যার সমাধানে সমাজ সংস্কার ও মানুষের জাগরণের প্রয়োজন। অতীতেও পশ্চিমবঙ্গ এমন সংস্কার নেতৃত্ব দিয়েছে। রোগ থাকলে, তার চিকিৎসা হওয়া উচিত।"

মুখ্যমন্ত্রী আরও বলেন, "দেশে ধর্ষণের জন্য বর্তমান শাস্তি যথেষ্ট নয় – কেন ধর্ষকরা এমন কাজ করার সাহস পাচ্ছে? আমাদের এ বিষয়ে ভাবতে হবে। ২০২২ সালের ক্রাইম ইন ইন্ডিয়া-তে প্রকাশিত ডেটা অনুযায়ী, দেশে ধর্ষণ সংক্রান্ত মামলায় ৭৬% ক্ষেত্রে তদন্ত শেষ করে পুলিশ চার্জশিট জমা দিতে পেরেছে, কিন্তু মাত্র ২.৫৬% ক্ষেত্রে অভিযুক্তকে দোষী প্রমাণ করা হয়েছে। এই সমস্যাটি মোকাবিলা করতে হবে।"

এর আগে, সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের সাধারণ সম্পাদক এবং ডায়মন্ড হারবারের সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায় ধর্ষণের বিরুদ্ধে একটি সর্বাঙ্গীণ আইন প্রণয়নের দাবি জানিয়েছেন, যা সময়সীমার মধ্যে অপরাধীদের জন্য কঠোর শাস্তি নিশ্চিত করবে।

"Given the harrowing statistic of a RAPE EVERY 15 MINUTES, the demand for a COMPREHENSIVE TIME-BOUND ANTI-RAPE LAW is more pressing than ever. BENGAL is leading the charge with its ANTI-RAPE BILL. The Union must now take decisive action - whether by ordinance or BNSS amendment in the upcoming parliament session to ensure that justice is both swift and severe, with TRIALS AND CONVICTIONS concluded in 50 DAYS," উনি নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন।

बंगाल विधानसभा में दुष्कर्म-विरोधी विधेयक पेश, ममता बनर्जी ने अपराजिता विधेयक को बताया एतिहासिक

#west_bengal_govt_introduce_aparajita_woman_and_child_bill_2024 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में महिला सुरक्षा पर एक बिल पेश किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर एंटी रेप बिल (अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024) पेश किया। जिसके बाद सभा में इस बिल पर चर्चा शुरू हुई। सीएम ममता ने इस बिल को ऐतिहासिक बताया।इसके जरिए दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है।साथ ही इसमें दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म के दोषी को बिना जमानत के आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान भी किया गया है। 

क्या बोलीं ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा, "43 साल पहले इसी दिन 1981 में, संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए 'महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर सम्मेलन' के लिए एक समिति बनाई थी। मैं नागरिक समाजों से लेकर छात्रों तक सभी का अभिनंदन करती हूं, जो महिला सुरक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं।" सीएम ममता बनर्जी ने आगे कहा, "डॉक्टर की मौत 9 अगस्त को हुई। मैंने मृतक डॉक्टर के माता-पिता से उसी दिन बात की जिस दिन घटना हुई। उनके घर जाने से पहले उन्हें सारा ऑडियो, वीडियो, CCTV फुटेज सब कुछ दिया गया ताकि उन्हें सब पता चल सके। मैंने उनसे साफ कहा कि मुझे रविवार तक का समय दें, अगर हम तब तक सभी को गिरफ्तार नहीं कर पाए तो मैं खुद सोमवार को इसे CBI को सौंप दूंगी। पुलिस ने 12 घंटे में मुख्य आरोपी को पकड़ लिया, मैंने पुलिस से कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में जाएं और फांसी की सजा के लिए आवेदन करें, लेकिन मामला CBI को दे दिया गया। अब हम CBI से न्याय की मांग कर रहे हैं। हम शुरू से ही फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं।"

कोलकाता की घटना के बाद कानून को मजबूत करने की उठी है मांग

बंगाल सरकार के इस विधेयक 'अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024' का उद्देश्य दुष्कर्म और यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों को संशोधित करके महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा को मजबूत करना है। बीते महीने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना को लेकर जारी हंगामा अभी तक थमा नहीं है। राज्य में महिला सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग हो रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने सोमवार से विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का एलान किया था। इस विशेष सत्र में राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक द्वारा मंगलवार को दुष्कर्म-विरोधी विधेयक पेश किया। 

बीजेपी ने किया बिल का समर्थन

ममता सरकार के इस बिल का विपक्षी पार्टी बीजेपी ने समर्थन कर दिया है. विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा में कहा, बीजेपी पूरी तरह से अपराजिता बिल का समर्थन करती है। हम चाहते हैं यह कानून जल्द ही लागू हो. यह आपकी(राज्य सरकार) जिम्मेदारी है। बीजेपी ने कहा, हम इस कानून के लागू होने के बाद राज्य में इसका नतीजा चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। हम आपका पूरा समर्थन करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा, आपको यह गारंटी देनी होगी कि यह विधेयक तुरंत लागू होगा।

अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक क्या है खास?

पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश हुए अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक बिल की तीन प्रमुख बाते हैं, जो दुष्कर्म के दोषियों को कड़ी सजा देने का प्रावधान कर रही हैं।

• किसी महिला का दुष्कर्म करने के बाद अगर उसकी हत्या कर दी जाती है तो ऐसा करने वाले दोषी को मृत्युदंड दिया जाएगा।

• किसी महिला के साथ दुष्कर्म किया गया तो इस अपराध को अंजाम देने वाले दोषी को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। 

• किसी नाबालिग के साथ दुष्कर्म होता है तो उसके आपराधिक दोषी को 20 साल की कैद और मौत की सजा दोनों का प्रावधान है। 

इस बिल की ये तीन बड़ी बातें हैं, जिसे केंद्र सरकार के कानून में संशोधन के बाद पेश किया गया है। केंद्र सरकार का दुष्कर्म को लेकर जो कानून है, उसमें पूरी तरह से बदलाव नहीं किया जाएगा। मगर इस नए कानून के जरिए 21 दिनों में न्याय सुनिश्चित होगा। अगर 21 दिनों में फैसला नहीं आ पाता है तो पुलिस अधीक्षक की इजाजत से 15 दिन और मिल जाएंगे। यह समवर्ती सूची में है और हर राज्य को संशोधन करने का अधिकार है।

अब राज्यपाल के पास भेजा जाएगा बिल

विधानसभा से बिल पास होने के बाद राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, जिनके हस्ताक्षर के बाद ये कानून का रूप लेगा। राज्य का कानून राज्यपाल की मंजूरी से ही बनता है। अगर राज्यपाल की राय इस बिल को कानून में तब्दील करने को लेकर नहीं बन पाती है तो वह इसे राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं। हालांकि, राज्यपाल से मंजूरी लेना ही इसे राज्य में कानून बनाने के लिए पर्याप्त है।

पश्चिम बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर पर बवाल, क्या लगेगा राष्ट्रपति शासन?

#will_president_rule_in_west_bengal_doctor_rape_murder_case

कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म व हत्या के मामले में पूरे देश में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। ट्रेनी डॉक्टर का रेप और हत्या का मामला सामने आने पर भी पश्चिम बंगाल पुलिस के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर आरोपियों का बचाव करने के आरोप लगा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के छात्र इस मुद्दे का विरोध कर रहे हैं। जनता ने इस मुद्दे को पकड़ रखा और राज्य सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरी है। बीजेपी पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग कर रही है। 

तनावपूर्ण हालात के बीच बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने दिल्ली आकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद चर्चा तेज हो गई कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।

इस बीच बुधवार को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी कोलकाता की घटना को लेकर बयान दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर आक्रोश जाहिर करने के साथ ही इस पर अंकुश लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि ‘‘बस! बहुत हो चुका। अब वो समय आ गया है कि भारत ऐसी ‘विकृतियों’ के प्रति जागरूक हो और उस मानसिकता का मुकाबला करे जो महिलाओं को ‘कम शक्तिशाली’, ‘कम सक्षम’ और ‘कम बुद्धिमान’ के रूप में देखती है।

पश्चिम बंगाल में हिंसा कोई नई बात नहीं। यहां, पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव तक में हिंसा की खबरें आती हैं। कभी महिला को सरे आम सड़क पर पीटा जाता हैं तो कहीं पंचायत में कुछ नेता 'कंगारू कचहरी' लगातर इंसाफ करते है। हालांकि, कभी बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग ने ऐसे जोर नहीं पकड़ा है। 

ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन कब और किन परिस्थितियों में लगता है। राष्ट्रपति शासन लगने के बाद राज्य की व्यवस्था में क्या-क्या बदल जाता है?

कब लगता है राष्ट्रपति शासन

दरअसल राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने की व्यवस्था संविधान के अनुच्छेद 355 और अनुच्छेद 356 में दी हुई है। अनुच्छेद 355 कहता है कि केंद्र सरकार को राज्यों को बाहरी आक्रमण और आंतरिक अशांति से बचाना चाहिए। केंद्र सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य सरकारें संविधान के अनुसार काम करें। अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति को शक्ति प्राप्त है कि वो राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल होने पर राज्य सरकार की शक्तियों को अपने अधीन ले सकता है।

राष्ट्रपति शासन की सिफारिश में राज्यपाल की भूमिका

किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा करने के लिए अक्सर इन दो अनुच्छेदों का एक साथ इस्तेमाल होता है। अगर राज्य सरकार संविधान के अनुसार काम करने में विफल रहती है तो राज्यपाल इस संबंध में एक रिपोर्ट भेज सकता है। राज्यपाल की सिफारिश को जब कैबिनेट की सहमति मिल जाती है तो किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।

जरूरी नहीं कि राष्ट्रपति शासन हमेशा कानून व्यवस्था बिगड़ने पर ही लागू हो, जब किसी राज्य में किसी दल के पास बहुमत ना होने और गठबंधन की सरकार भी ना बन पाने की स्थिति में राज्यपाल राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकता है।

राष्ट्रपति शासन में सबसे खास बात ये है कि इस अवधि के दौरान राज्य के निवासियों के मौलिक अधिकारों को खारिज नहीं किया जा सकता। इस व्यवस्था में राष्ट्रपति मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्री परिषद को भंग कर देता है। राज्य सरकार के कामकाज और शक्तियां राष्ट्रपति के पास आ जाती हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति चाहे तो यह भी घोषणा कर सकता है कि राज्य विधायिका की शक्तियों का इस्तेमाल संसद करेगी।

बांग्लादेशी से घुसपैठ की कोशिश, बंगाल-त्रिपुरा-मेघालय की सीमा से घुसने का प्रयास, बीएसएफ ने 11 को दबोचा
#bangladeshi_citizens_infiltration_indian_border_west_bengal_tripura_meghalaya

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण हो चुका है। हालांकि, हालात अभी बदले नहीं है। वहां हिंसा का दौर चल रहा है। तमाम कोशिशों के बाद भी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। जाहिर सी बात है ऐसे हालात से लोग भादने की कोशिश कर रहे हैं और किसी सुरक्षित ठिकाने की तलाश में हैं। बांग्लादेश की सीमा से लगते भारत से मुफीद कोई जगह इनके लिए हो ही नहीं सकती। यही वजह है कि भारतीय सीमाओं पर बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ बढ़ गई है। बांग्लादेशी पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय की सीमाओं से भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। जिसके देखते हुए भारत ने बांग्लादेश से लगी सभी सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी है। इसी क्रम में घुसपैठ की लगातार कोशिशों को नाकाम किया जा रहा है।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ओर से रविवार को बताया गया कि पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मेघालय में अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे 11 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। इसके बाद आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए उन्हें राज्य पुलिस को सौंप दिया जाएगा। बयान में कहा गया कि भारत में घुसपैठ करते हुए 11 बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पर पकड़ा गया है। पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा सीमा से दो-दो और मेघालय सीमा से सात को पकड़ा गया है।

इससे पहले पूर्वी कमान प्रमुख, अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रवि गांधी ने शनिवार को 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा की समीक्षा के लिए एक ऑपरेशनल कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता की थी। इस कॉन्फ्रेंस में बांग्लादेश में मौजूदा अशांति और 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा की समीक्षा की गई।
उत्पाद विभाग ने छपामारी कर भरोई मात्रा में शराब जब्त किया


सरायकेला : अधीक्षक उत्पाद, सरायकेला खरसवां के निदेशानुसार आज चौका थानांतर्गत चुटियाखाल गाँव मे घर के पीछे संचालित शराब अड्डा पर छापेमारी किया गया l 

छापेमारी के क्रम में 200.0 kg जावा महुआ विनष्ट किया गया तथा 20.00 लीटर महुआ चुलाई शराब ज़ब्त किया गया जबकि चांडिल थानांतर्गत रावतारा और करनीडीह मे दुकान की तलाशी लेने पर for sale in west bengal, mc dowell whisky 375 ml 6pc, for sale in अरुणाचल प्रदेश का किंग्स गोल्ड व्हिस्की 750ml 18 pc, godfather beer 650ml 15pc, देसी शराब 180ml का 28 पीस ज़ब्त किया गयाl 

अड्डा संचालकों/दुकान मालिकों के विरुद्ध उत्पाद अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया जा रहा है l

ममता सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम, मांगे नहीं माने जानें पर आमरण अनशन करेंगे डॉक्टर्स*
#west_bengal_doctors_continue_sit_in_protest_gave_govt_24_hours_ultimatum
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर- रेप मर्डर मामले को लेकर पश्चिम बंगाल में एक बार फिर विरोध तेज हो रहा है। विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने ममता सरकार को अपनी मांग पूरी करने का 24 घंटे का समय दिया है, जिसके बाद उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी 'पूरी तरह से काम रोकों' हड़ताल को वापस लेने का फैसला किया है।डॉक्टर्स ने इससे पहले पूरी तरह से काम रोकने का एलान किया था, लेकिन शुक्रवार को रात करीब साढ़े आठ बजे उन्होंने पूरी तरह से काम रोकने की हड़ताल वापस लेने का फैसला किया।डॉक्टर्स ने बंगाल सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और मांग की है कि या तो सरकार उनकी मांगे मान ले या फिर वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे। कोलकाता में शुक्रवार को हाथों में घड़ियां थामे डॉक्टरों ने अपनी मांगों को एक बार फिर से दोहराया। विरोध कर रहे ट्रेनी चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल के सभी मेडिकल कॉलेजों में धमकी संस्कृति में शामिल कथित अपराधियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक केंद्रीय जांच समिति गठित करने की मांग शामिल है।विरोध में शामिल कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आंदोलनकारी डॉक्टर देबाशीष हलदर ने दोहराया की वे अपना विरोध जारी रखेंगे। डब्ल्यूबीजेडीएफ के प्रतिनिधि देबाशीष हलदर ने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाली उनकी मांगों को 24 घंटे के अंदर पूरा नहीं किया तो जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन शुरू कर देंगे। डब्ल्यूबीजेडीएफ ने मंगलवार को अपनी हड़ताल वापस लेने से पहले शर्तें तय कर दीं। उनके अनुसार, उनकी 10 मांगों में से पहली मांग पीड़िता के बलात्कार और हत्या के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए लंबी न्यायिक प्रक्रिया से संबंधित है, जिसकी पूर्ति केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर करती है। डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने कहा कि शेष नौ मांगें राज्य सरकार पर निर्भर है। हमें अब ये देखना है कि राज्य सरकार उन्हें पूरा करने के लिए कितनी गंभीर है। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि राज्य सरकार अगले 24 घंटे के अंदर इन शेष नौ मांगों को पूरा करे, ऐसा न करने पर हम आमरण अनशन करेंगे। *जूनियर डॉक्टरों की 10 मांगें* 1. अभया के न्याय के सवाल का जवाब बिना किसी देरी के तुरंत दिया जाना चाहिए। 2. स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और स्वास्थ्य सचिव को तुरंत उनके पद से हटाना चाहिए। 3. राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में तुरंत एक केंद्रीकृत रेफरल सिस्टम लागू किया जाना चाहिए। 4. प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डिजिटल बेड वैकेंसी मॉनिटर की व्यवस्था होनी चाहिए। 5. प्रत्येक कॉलेज के आधार पर जूनियर डॉक्टरों के निर्वाचित प्रतिनिधित्व के साथ टास्क फोर्स का गठन सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में किया जाना चाहिए ताकि सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और बाथरूम की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। 6. अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए, साथ ही स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की जानी चाहिए। 7. अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के सभी खाली पदों को तुरंत भरा जाना चाहिए। 8. धमकी देने वाले लोगों की जांच करने और उन्हें सजा देने के लिए हर मेडिकल कॉलेज में जांच समितियां स्थापित की जानी चाहिए। राज्य स्तर पर भी एक जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए। 9. हर मेडिकल कॉलेज में छात्र परिषदों के चुनाव तुरंत कराए जाने चाहिए। सभी कॉलेजों को आरडीए को मान्यता देनी चाहिए। कॉलेजों और अस्पतालों का प्रबंधन करने वाली सभी समितियों में छात्रों और जूनियर डॉक्टरों का निर्वाचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए। 10. पश्चिम बंगाल नगर निगम और पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार और अराजकता की तुरंत जांच की जानी चाहिए।
ममता सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम, मांगे नहीं माने जानें पर आमरण अनशन करेंगे डॉक्टर्स

#westbengaldoctorscontinuesitinprotestgavegovt24hours_ultimatum

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर- रेप मर्डर मामले को लेकर पश्चिम बंगाल में एक बार फिर विरोध तेज हो रहा है। विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने ममता सरकार को अपनी मांग पूरी करने का 24 घंटे का समय दिया है, जिसके बाद उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी 'पूरी तरह से काम रोकों' हड़ताल को वापस लेने का फैसला किया है।डॉक्टर्स ने इससे पहले पूरी तरह से काम रोकने का एलान किया था, लेकिन शुक्रवार को रात करीब साढ़े आठ बजे उन्होंने पूरी तरह से काम रोकने की हड़ताल वापस लेने का फैसला किया।डॉक्टर्स ने बंगाल सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और मांग की है कि या तो सरकार उनकी मांगे मान ले या फिर वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे।

कोलकाता में शुक्रवार को हाथों में घड़ियां थामे डॉक्टरों ने अपनी मांगों को एक बार फिर से दोहराया। विरोध कर रहे ट्रेनी चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल के सभी मेडिकल कॉलेजों में धमकी संस्कृति में शामिल कथित अपराधियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक केंद्रीय जांच समिति गठित करने की मांग शामिल है।विरोध में शामिल कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आंदोलनकारी डॉक्टर देबाशीष हलदर ने दोहराया की वे अपना विरोध जारी रखेंगे।

डब्ल्यूबीजेडीएफ के प्रतिनिधि देबाशीष हलदर ने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाली उनकी मांगों को 24 घंटे के अंदर पूरा नहीं किया तो जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन शुरू कर देंगे। डब्ल्यूबीजेडीएफ ने मंगलवार को अपनी हड़ताल वापस लेने से पहले शर्तें तय कर दीं। उनके अनुसार, उनकी 10 मांगों में से पहली मांग पीड़िता के बलात्कार और हत्या के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए लंबी न्यायिक प्रक्रिया से संबंधित है, जिसकी पूर्ति केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर करती है। डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने कहा कि शेष नौ मांगें राज्य सरकार पर निर्भर है। हमें अब ये देखना है कि राज्य सरकार उन्हें पूरा करने के लिए कितनी गंभीर है। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि राज्य सरकार अगले 24 घंटे के अंदर इन शेष नौ मांगों को पूरा करे, ऐसा न करने पर हम आमरण अनशन करेंगे।

जूनियर डॉक्टरों की 10 मांगें

1. अभया के न्याय के सवाल का जवाब बिना किसी देरी के तुरंत दिया जाना चाहिए।

2. स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और स्वास्थ्य सचिव को तुरंत उनके पद से हटाना चाहिए।

3. राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में तुरंत एक केंद्रीकृत रेफरल सिस्टम लागू किया जाना चाहिए।

4. प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डिजिटल बेड वैकेंसी मॉनिटर की व्यवस्था होनी चाहिए।

5. प्रत्येक कॉलेज के आधार पर जूनियर डॉक्टरों के निर्वाचित प्रतिनिधित्व के साथ टास्क फोर्स का गठन सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में किया जाना चाहिए ताकि सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और बाथरूम की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

6. अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए, साथ ही स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की जानी चाहिए।

7. अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के सभी खाली पदों को तुरंत भरा जाना चाहिए।

8. धमकी देने वाले लोगों की जांच करने और उन्हें सजा देने के लिए हर मेडिकल कॉलेज में जांच समितियां स्थापित की जानी चाहिए। राज्य स्तर पर भी एक जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए।

9. हर मेडिकल कॉलेज में छात्र परिषदों के चुनाव तुरंत कराए जाने चाहिए। सभी कॉलेजों को आरडीए को मान्यता देनी चाहिए। कॉलेजों और अस्पतालों का प्रबंधन करने वाली सभी समितियों में छात्रों और जूनियर डॉक्टरों का निर्वाचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

10. पश्चिम बंगाल नगर निगम और पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार और अराजकता की तुरंत जांच की जानी चाहिए।

समंदर का सिकंदर बनना चाहता है चीन, नई नवेली "परमाणु पनडुब्बी" समुद्र में डूबी

#china_newest_nuclear_powered_submarine_sank

चीन समुद्री क्षेत्रों में भी लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है। हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक वो अपनी शक्तियां बढ़ाने में जुटा हुआ है। हालांकि, इस बीच चीन को बड़ा झटका लगा है। चीन ने जो नई परमाणु-संचालित हमलावर पनडुब्बी बनाई थी, वह इस साल की शुरुआत में डूब गई। हालांकि, चीनी अधिकारियों ने इस दुर्घटना को छिपाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन इसका खुलासा हो ही गया। दो अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के अनुसार, चीन की लेटेस्ट परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी डूब गई और चीनी नौसेना ने नुकसान को छिपाने की कोशिश की, इस कारण दुर्घटना का खुलासा कई महीने बाद हुआ है।

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि चीनी परमाणु पनडुब्बी मई के अंत या जून की शुरुआत में वुहान के पास एक शिपयार्ड में डूब गई थी।एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि चीन की नवीनतम परमाणु-संचालित हमलावर पनडुब्बी इस साल की शुरुआत में समुद्र में डूब गई थी। अधिकारी ने कहा कि हमलावर पनडुब्बी वुहान शहर के पास एक शिपयार्ड में निर्माणाधीन झोउ-श्रेणी के जहाजों की नई लाइन की पहली पनडुब्बी थी। यह उसके लिए शर्मिंदगी की बात है, क्योंकि वह अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार करना चाहता है। वह अपनी सेना को सबसे ताकतवर बनाना चाहता है। मगर जो अपनी एक पनडुब्बी नहीं बचा सका, वह क्या खाक किसी से लड़ पाएगा?

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब चीन अपनी नौसेना का विस्तार करने पर जोर दे रहा है।हाल ही में चीन ने अपना अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का प्रशांत महासागर में परीक्षण किया। यह टेस्ट चीन ने 44 साल बाद किया था।

समुद्र में अमेरिका दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश है, लेकिन चीन इस अंतर को कम करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।चीन के पास पहले से ही 370 से अधिक जहाजों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है। इसके साथ ही उसने परमाणु-सशस्त्र पनडुब्बियों की एक नई पीढ़ी का उत्पादन शुरू कर दिया है। चीन परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों के उत्पादन में विविधता लाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। चीनी परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण हुलुदाओ के शिपयार्ड में सबसे अधिक हुआ है, लेकिन अब वुहान के पास वुचांग शिपयार्ड में परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है।

चीन की सैन्य शक्ति पर पिछले साल जारी पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 के अंत तक बीजिंग के पास 48 डीजल-इलेक्ट्रिक हमलावर पनडुब्बियां और छह परमाणु पनडुब्बियां थीं। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि नई हमलावर पनडुब्बियां, सतही युद्धपोत और नौसैनिक विमान विकसित करने का चीन का उद्देश्य संघर्ष के दौरान ताइवान की सहायता के लिए अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों का मुकाबला करना और "समुद्री श्रेष्ठता" हासिल करना है।

कोलकाता के डॉक्टरों के विरोध स्थल पर ममता बनर्जी का अचानक दौरा: 'काम पर लौटें, मैं कोई कार्रवाई नहीं करूंगी'

West Bengal CM Mamta Banerjee

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को स्वास्थ्य भवन के बाहर अचानक दौरा किया, जहां जूनियर डॉक्टर आरजी कर मेडिकल कॉलेज की प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उनसे काम पर लौटने का आग्रह किया। ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से कहा, "मैंने रातों की नींद हराम कर दी है, क्योंकि आप बारिश के बीच सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मैं आपको आश्वासन देती हूं कि मैं आपकी मांगों का अध्ययन करूंगी और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो कार्रवाई करूंगी।"

 

बनर्जी ने यह भी कहा कि उन्हें उनसे मिलने के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि उनकी 'दीदी' के तौर पर आना पड़ा है। बनर्जी ने कहा, "मैं आपके विरोध का उद्देश्य समझती हूं। मैं भी एक छात्र नेता थी। मैं आपको न्याय दिलाऊंगी। वरिष्ठ (डॉक्टर) आपकी सहायता के बिना काम नहीं कर पाएंगे, मैं आपसे काम पर लौटने का आग्रह करती हूं। मैं आपको आश्वासन देती हूं कि आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।"

हालांकि, आंदोलनकारी डॉक्टरों ने कहा कि वे बातचीत होने तक अपनी मांगों पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं। कोलकाता के डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन शनिवार को साल्ट लेक में राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के बाहर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन पांचवें दिन भी जारी रहा। वे आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं, जबकि शहर में लगातार बारिश हो रही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदर्शनकारियों को 10 सितंबर को शाम 5 बजे तक काम पर लौटने के लिए निर्धारित समय सीमा का भी उल्लंघन किया है। 9 अगस्त की शाम से विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर आरजी कर घटना के संदर्भ में अपने कर्तव्यों में "विफल" रहने के लिए कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने राज्य में सभी महिला स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा और सुरक्षा उपायों की भी मांग की है। पिछले सप्ताह जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सचिवालय नबान्न के द्वार पर पहुंचने के बाद भी राज्य सरकार के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि आरजी कर अस्पताल गतिरोध को हल करने के लिए बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग की उनकी मांग पूरी नहीं हुई थी।

*Have Not Come Here as CM But As Your Didi: Mamata Banerjee Visits Swasthya Bhavan Agitation Site To Appeal To Doctors In A Surprise Visit*

SB News Bureau: In an unprecedented move showing what pro-people leaders look like, West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee set an example on Saturday and made a surprise visit at the Swasthya Bhavan agitation site to talk to protesting junior doctors and assured them of government action. Issuing an appeal to agitating doctors to withdraw their strike as their 'Didi' and "elder sister", she said she supports their demands for justice.

The development comes 2 days after doctors had refused to hold dialogue with her at Nabanna, where the CM waited for 2 hours due to an impasse over livestreaming the discussion. While the government offered an option to record the meeting as legal limitations did not allow for livestreaming a discussion on a sub-judice matter, the doctors rejected the offer and continued the deadlock.

"I am not here as the Chief Minister but as your Didi as your elder sister. I urge you to return to work. I support your movement for justice," she told the agitating doctors on Saturday, reiterating her demands for justice for the RG Kar victim and capital punishment for the perpetrators.

"Despite safety concerns, I have come here because I support your movement. You couldn't sleep amid rain and storm last night. Even I couldn't sleep. I feel your pain. Even I couldn't sleep for 34 days because your safety matters to us." she added.

Pledging her support to the cause, Mamata Banerjee assured protesting doctors that she would look into all their demands. "We have already initiated the renovation work of the state-run hospitals and will revamp the health infrastructure...We will form new Rogi Kalyan Samitis...No culprit is my friend and will not be spared if found guilty," she added.

The Chief Minister also said no action would be taken against the protesting doctors. "It is my earnest request to you. Discuss among yourselves and make a decision. Please return to work. You are like my brother and sisters and I have sympathy for you. I will not take any action against you. This is not UP. They had implemented ESMA and stopped all sorts of strikes and rallies. But be rest assured, I will not do anything of this sort. I am against taking any action against the doctors. I know that you do noble work. The seniors [doctors] need you. Think about my proposal,"If I can come to this protest site to stand by you, I can also ensure justice and listen to your demands."

*বাংলা পথ দেখাল: মহারাষ্ট্রে পশ্চিমবঙ্গের মতো কঠোর ধর্ষণ-বিরোধী বিল দাবি করলেন শরদ পওয়ার*


এসবি নিউজ ব্যুরো:পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভায় ঐতিহাসিক অপরাজিতা নারী ও শিশু বিল, যেখানে ধর্ষণের জন্য মৃত্যুদণ্ড-সহ কঠোরতম শাস্তির প্রস্তাব করা হয়েছে, পাস হওয়ার একদিন পরেই এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পাওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস শরদ পাওয়ারের এই সিদ্ধান্তকে স্বাগত জানিয়ে বলেছে যে, ধর্ষণের বিরুদ্ধে আন্দোলনকে আরও শক্তিশালী করতে এই পদক্ষেপ গুরুত্বপূর্ণ।

এই পদক্ষেপটি এই সত্যেরও প্রমাণ যে, সংস্কারের ক্ষেত্রে বাংলা সর্বদা অগ্রণী ভূমিকা পালন করেছে। এটি বাংলা-বিরোধী শক্তিগুলোর জন্যও উপযুক্ত জবাব, যারা দীর্ঘদিন ধরে দিল্লির জমিদারদের নির্দেশে বাংলার ভাবমূর্তি নষ্ট করার সর্বাত্মক চেষ্টা করে আসছে।

অপরাজিতা মহিলা ও শিশু (পশ্চিমবঙ্গ অপরাধ আইন সংশোধনী) বিল, ২০২৪ - যা সর্বসম্মতিক্রমে পাস হয়েছে - তাতে তিনটি গুরুত্বপূর্ণ উপাদান রয়েছে:

অপরাধীর জন্য কঠোর শাস্তি,

দ্রুত তদন্ত, এবং

* দ্রুত ন্যায়বিচারের ব্যবস্থা।

বিএনএসের অধীনে যৌন হেনস্তার মামলাগুলি ছাড়াও, বিলটি পকসো আইনের অধীনে দায়ের করা মামলাগুলোকেও লক্ষ্য করেছে।

এছাড়াও, ধর্ষণ-বিরোধী বিলটি রাজ্যের প্রতিটি জেলায় ‘অপরাজিতা টাস্ক ফোর্স’ গঠনেরও ব্যবস্থা করেছে।

সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস নিজেদের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছে , "What Bengal thinks today, India thinks tomorrow! Under the leadership of Smt. GoWB is taking decisive action to ensure that women can live without fear. The Aparajita Anti-Rape Bill has prompted a leader of stature to call for a similar legislation in Maharashtra!"

"গতকাল, রাজ্যের বিধানসভায় যে ঐতিহাসিক বিলটি পাশ করা হয়েছে তাতে ধর্ষণের দোষীদের কঠোরতম শাস্তির কথা বলা হয়েছে। এটিকে উদাহরণ হিসাবে গ্রহণ করে, অন্যান্য রাজ্যগুলিও এই ঐতিহাসিক পদক্ষেপটি বাস্তবায়নের পরিকল্পনা করছে। উদাহরণস্বরূপ, এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। বাংলার এই উল্লেখযোগ্য পদক্ষেপটি মহিলাদের সুরক্ষা নিশ্চিত করার জন্য একটি নতুন পথ দেখিয়েছে, " রাজ্যের অর্থমন্ত্রী চন্দ্রিমা ভট্টাচার্য বলেছেন৷

এনসিপি (এসপি) প্রধানের অপরাজিতা বিল অনুকরণের সিদ্ধান্তের বিষয়ে সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের জাতীয় মুখপাত্র এবং রাজ্যের মহিলা ও শিশু উন্নয়ন মন্ত্রী ড. শশী পাঁজা নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন,

"BENGAL SHOWS THE WAY. Now, Shri Sharad Pawar has pitched for West Bengal-like anti-rape bill in Maharashtra."

"মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় অপরাজিতা বিলের মাধ্যমে ইতিহাস তৈরি করেছেন। এটি শুধুমাত্র মৃত্যুদণ্ড নিশ্চিত করে না, বরং ধর্ষণের দোষীদের জন্য কঠোর শাস্তিরও আহ্বান জানায়। এটি মহিলাদের নিরাপত্তা ও সুরক্ষা জোরদার করবে। এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার এই বিলটিকে শুধু স্বাগত জানাননি, বরং এই বিলটিকে তিনি একটি 'মডেল' হিসাবেও অভিহিত করে বলেছেন যে এটা সারা দেশে বাস্তবায়ন করা উচিত। উনি বলেছেন যে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় এই বিলের দ্বারা একটি নজির স্থাপন করেছেন। বাংলা আজ যা ভাবে, ভারতবর্ষ আগামীকাল তাই ভাবে এবং ভাবতে হবে" তৃণমূল মুখপাত্র কুণাল ঘোষ বলেছেন।

বুধবার রাজ্য বিধানসভায় ভাষণ দেওয়ার সময় পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বলেন, "ধর্ষণ এখন জাতীয় লজ্জার বিষয় হয়ে দাঁড়িয়েছে। আসুন আমরা সবাই একত্রে এই সমস্যার মোকাবিলা করি। এই সমস্যার সমাধানে সমাজ সংস্কার ও মানুষের জাগরণের প্রয়োজন। অতীতেও পশ্চিমবঙ্গ এমন সংস্কার নেতৃত্ব দিয়েছে। রোগ থাকলে, তার চিকিৎসা হওয়া উচিত।"

মুখ্যমন্ত্রী আরও বলেন, "দেশে ধর্ষণের জন্য বর্তমান শাস্তি যথেষ্ট নয় – কেন ধর্ষকরা এমন কাজ করার সাহস পাচ্ছে? আমাদের এ বিষয়ে ভাবতে হবে। ২০২২ সালের ক্রাইম ইন ইন্ডিয়া-তে প্রকাশিত ডেটা অনুযায়ী, দেশে ধর্ষণ সংক্রান্ত মামলায় ৭৬% ক্ষেত্রে তদন্ত শেষ করে পুলিশ চার্জশিট জমা দিতে পেরেছে, কিন্তু মাত্র ২.৫৬% ক্ষেত্রে অভিযুক্তকে দোষী প্রমাণ করা হয়েছে। এই সমস্যাটি মোকাবিলা করতে হবে।"

এর আগে, সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের সাধারণ সম্পাদক এবং ডায়মন্ড হারবারের সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায় ধর্ষণের বিরুদ্ধে একটি সর্বাঙ্গীণ আইন প্রণয়নের দাবি জানিয়েছেন, যা সময়সীমার মধ্যে অপরাধীদের জন্য কঠোর শাস্তি নিশ্চিত করবে।

"Given the harrowing statistic of a RAPE EVERY 15 MINUTES, the demand for a COMPREHENSIVE TIME-BOUND ANTI-RAPE LAW is more pressing than ever. BENGAL is leading the charge with its ANTI-RAPE BILL. The Union must now take decisive action - whether by ordinance or BNSS amendment in the upcoming parliament session to ensure that justice is both swift and severe, with TRIALS AND CONVICTIONS concluded in 50 DAYS," উনি নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন।

बंगाल विधानसभा में दुष्कर्म-विरोधी विधेयक पेश, ममता बनर्जी ने अपराजिता विधेयक को बताया एतिहासिक

#west_bengal_govt_introduce_aparajita_woman_and_child_bill_2024 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में महिला सुरक्षा पर एक बिल पेश किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर एंटी रेप बिल (अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024) पेश किया। जिसके बाद सभा में इस बिल पर चर्चा शुरू हुई। सीएम ममता ने इस बिल को ऐतिहासिक बताया।इसके जरिए दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है।साथ ही इसमें दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म के दोषी को बिना जमानत के आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान भी किया गया है। 

क्या बोलीं ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा, "43 साल पहले इसी दिन 1981 में, संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए 'महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर सम्मेलन' के लिए एक समिति बनाई थी। मैं नागरिक समाजों से लेकर छात्रों तक सभी का अभिनंदन करती हूं, जो महिला सुरक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं।" सीएम ममता बनर्जी ने आगे कहा, "डॉक्टर की मौत 9 अगस्त को हुई। मैंने मृतक डॉक्टर के माता-पिता से उसी दिन बात की जिस दिन घटना हुई। उनके घर जाने से पहले उन्हें सारा ऑडियो, वीडियो, CCTV फुटेज सब कुछ दिया गया ताकि उन्हें सब पता चल सके। मैंने उनसे साफ कहा कि मुझे रविवार तक का समय दें, अगर हम तब तक सभी को गिरफ्तार नहीं कर पाए तो मैं खुद सोमवार को इसे CBI को सौंप दूंगी। पुलिस ने 12 घंटे में मुख्य आरोपी को पकड़ लिया, मैंने पुलिस से कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में जाएं और फांसी की सजा के लिए आवेदन करें, लेकिन मामला CBI को दे दिया गया। अब हम CBI से न्याय की मांग कर रहे हैं। हम शुरू से ही फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं।"

कोलकाता की घटना के बाद कानून को मजबूत करने की उठी है मांग

बंगाल सरकार के इस विधेयक 'अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024' का उद्देश्य दुष्कर्म और यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों को संशोधित करके महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा को मजबूत करना है। बीते महीने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना को लेकर जारी हंगामा अभी तक थमा नहीं है। राज्य में महिला सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग हो रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने सोमवार से विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का एलान किया था। इस विशेष सत्र में राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक द्वारा मंगलवार को दुष्कर्म-विरोधी विधेयक पेश किया। 

बीजेपी ने किया बिल का समर्थन

ममता सरकार के इस बिल का विपक्षी पार्टी बीजेपी ने समर्थन कर दिया है. विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा में कहा, बीजेपी पूरी तरह से अपराजिता बिल का समर्थन करती है। हम चाहते हैं यह कानून जल्द ही लागू हो. यह आपकी(राज्य सरकार) जिम्मेदारी है। बीजेपी ने कहा, हम इस कानून के लागू होने के बाद राज्य में इसका नतीजा चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। हम आपका पूरा समर्थन करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा, आपको यह गारंटी देनी होगी कि यह विधेयक तुरंत लागू होगा।

अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक क्या है खास?

पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश हुए अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक बिल की तीन प्रमुख बाते हैं, जो दुष्कर्म के दोषियों को कड़ी सजा देने का प्रावधान कर रही हैं।

• किसी महिला का दुष्कर्म करने के बाद अगर उसकी हत्या कर दी जाती है तो ऐसा करने वाले दोषी को मृत्युदंड दिया जाएगा।

• किसी महिला के साथ दुष्कर्म किया गया तो इस अपराध को अंजाम देने वाले दोषी को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। 

• किसी नाबालिग के साथ दुष्कर्म होता है तो उसके आपराधिक दोषी को 20 साल की कैद और मौत की सजा दोनों का प्रावधान है। 

इस बिल की ये तीन बड़ी बातें हैं, जिसे केंद्र सरकार के कानून में संशोधन के बाद पेश किया गया है। केंद्र सरकार का दुष्कर्म को लेकर जो कानून है, उसमें पूरी तरह से बदलाव नहीं किया जाएगा। मगर इस नए कानून के जरिए 21 दिनों में न्याय सुनिश्चित होगा। अगर 21 दिनों में फैसला नहीं आ पाता है तो पुलिस अधीक्षक की इजाजत से 15 दिन और मिल जाएंगे। यह समवर्ती सूची में है और हर राज्य को संशोधन करने का अधिकार है।

अब राज्यपाल के पास भेजा जाएगा बिल

विधानसभा से बिल पास होने के बाद राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, जिनके हस्ताक्षर के बाद ये कानून का रूप लेगा। राज्य का कानून राज्यपाल की मंजूरी से ही बनता है। अगर राज्यपाल की राय इस बिल को कानून में तब्दील करने को लेकर नहीं बन पाती है तो वह इसे राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं। हालांकि, राज्यपाल से मंजूरी लेना ही इसे राज्य में कानून बनाने के लिए पर्याप्त है।

पश्चिम बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर पर बवाल, क्या लगेगा राष्ट्रपति शासन?

#will_president_rule_in_west_bengal_doctor_rape_murder_case

कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म व हत्या के मामले में पूरे देश में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। ट्रेनी डॉक्टर का रेप और हत्या का मामला सामने आने पर भी पश्चिम बंगाल पुलिस के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर आरोपियों का बचाव करने के आरोप लगा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के छात्र इस मुद्दे का विरोध कर रहे हैं। जनता ने इस मुद्दे को पकड़ रखा और राज्य सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरी है। बीजेपी पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग कर रही है। 

तनावपूर्ण हालात के बीच बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने दिल्ली आकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद चर्चा तेज हो गई कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।

इस बीच बुधवार को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी कोलकाता की घटना को लेकर बयान दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर आक्रोश जाहिर करने के साथ ही इस पर अंकुश लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि ‘‘बस! बहुत हो चुका। अब वो समय आ गया है कि भारत ऐसी ‘विकृतियों’ के प्रति जागरूक हो और उस मानसिकता का मुकाबला करे जो महिलाओं को ‘कम शक्तिशाली’, ‘कम सक्षम’ और ‘कम बुद्धिमान’ के रूप में देखती है।

पश्चिम बंगाल में हिंसा कोई नई बात नहीं। यहां, पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव तक में हिंसा की खबरें आती हैं। कभी महिला को सरे आम सड़क पर पीटा जाता हैं तो कहीं पंचायत में कुछ नेता 'कंगारू कचहरी' लगातर इंसाफ करते है। हालांकि, कभी बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग ने ऐसे जोर नहीं पकड़ा है। 

ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन कब और किन परिस्थितियों में लगता है। राष्ट्रपति शासन लगने के बाद राज्य की व्यवस्था में क्या-क्या बदल जाता है?

कब लगता है राष्ट्रपति शासन

दरअसल राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने की व्यवस्था संविधान के अनुच्छेद 355 और अनुच्छेद 356 में दी हुई है। अनुच्छेद 355 कहता है कि केंद्र सरकार को राज्यों को बाहरी आक्रमण और आंतरिक अशांति से बचाना चाहिए। केंद्र सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य सरकारें संविधान के अनुसार काम करें। अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति को शक्ति प्राप्त है कि वो राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल होने पर राज्य सरकार की शक्तियों को अपने अधीन ले सकता है।

राष्ट्रपति शासन की सिफारिश में राज्यपाल की भूमिका

किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा करने के लिए अक्सर इन दो अनुच्छेदों का एक साथ इस्तेमाल होता है। अगर राज्य सरकार संविधान के अनुसार काम करने में विफल रहती है तो राज्यपाल इस संबंध में एक रिपोर्ट भेज सकता है। राज्यपाल की सिफारिश को जब कैबिनेट की सहमति मिल जाती है तो किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।

जरूरी नहीं कि राष्ट्रपति शासन हमेशा कानून व्यवस्था बिगड़ने पर ही लागू हो, जब किसी राज्य में किसी दल के पास बहुमत ना होने और गठबंधन की सरकार भी ना बन पाने की स्थिति में राज्यपाल राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकता है।

राष्ट्रपति शासन में सबसे खास बात ये है कि इस अवधि के दौरान राज्य के निवासियों के मौलिक अधिकारों को खारिज नहीं किया जा सकता। इस व्यवस्था में राष्ट्रपति मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्री परिषद को भंग कर देता है। राज्य सरकार के कामकाज और शक्तियां राष्ट्रपति के पास आ जाती हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति चाहे तो यह भी घोषणा कर सकता है कि राज्य विधायिका की शक्तियों का इस्तेमाल संसद करेगी।

बांग्लादेशी से घुसपैठ की कोशिश, बंगाल-त्रिपुरा-मेघालय की सीमा से घुसने का प्रयास, बीएसएफ ने 11 को दबोचा
#bangladeshi_citizens_infiltration_indian_border_west_bengal_tripura_meghalaya

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण हो चुका है। हालांकि, हालात अभी बदले नहीं है। वहां हिंसा का दौर चल रहा है। तमाम कोशिशों के बाद भी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। जाहिर सी बात है ऐसे हालात से लोग भादने की कोशिश कर रहे हैं और किसी सुरक्षित ठिकाने की तलाश में हैं। बांग्लादेश की सीमा से लगते भारत से मुफीद कोई जगह इनके लिए हो ही नहीं सकती। यही वजह है कि भारतीय सीमाओं पर बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ बढ़ गई है। बांग्लादेशी पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय की सीमाओं से भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। जिसके देखते हुए भारत ने बांग्लादेश से लगी सभी सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी है। इसी क्रम में घुसपैठ की लगातार कोशिशों को नाकाम किया जा रहा है।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ओर से रविवार को बताया गया कि पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मेघालय में अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे 11 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। इसके बाद आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए उन्हें राज्य पुलिस को सौंप दिया जाएगा। बयान में कहा गया कि भारत में घुसपैठ करते हुए 11 बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पर पकड़ा गया है। पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा सीमा से दो-दो और मेघालय सीमा से सात को पकड़ा गया है।

इससे पहले पूर्वी कमान प्रमुख, अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रवि गांधी ने शनिवार को 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा की समीक्षा के लिए एक ऑपरेशनल कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता की थी। इस कॉन्फ्रेंस में बांग्लादेश में मौजूदा अशांति और 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा की समीक्षा की गई।
उत्पाद विभाग ने छपामारी कर भरोई मात्रा में शराब जब्त किया


सरायकेला : अधीक्षक उत्पाद, सरायकेला खरसवां के निदेशानुसार आज चौका थानांतर्गत चुटियाखाल गाँव मे घर के पीछे संचालित शराब अड्डा पर छापेमारी किया गया l 

छापेमारी के क्रम में 200.0 kg जावा महुआ विनष्ट किया गया तथा 20.00 लीटर महुआ चुलाई शराब ज़ब्त किया गया जबकि चांडिल थानांतर्गत रावतारा और करनीडीह मे दुकान की तलाशी लेने पर for sale in west bengal, mc dowell whisky 375 ml 6pc, for sale in अरुणाचल प्रदेश का किंग्स गोल्ड व्हिस्की 750ml 18 pc, godfather beer 650ml 15pc, देसी शराब 180ml का 28 पीस ज़ब्त किया गयाl 

अड्डा संचालकों/दुकान मालिकों के विरुद्ध उत्पाद अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया जा रहा है l