हरियाणा हार के बाद कांग्रेस ने बदली रणनीति, चुनाव आयोग पर हमले के लिए ईवीएम नहीं होगा ‘हथियार”
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हरियाणा में बीजेपी तीसरी बार स्पष्ट बहुमत हासिल कर सरकार बनाने जा रही है।पार्टी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है, वहीं कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई है। इन नतीजों को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाए।कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया था कि हिसार, महेंद्रगढ़ और पानीपत से शिकायतें मिली हैं कि 99 प्रतिशत बैटरी वाली ईवीएम पर भाजपा जीती, जबकि 60-70 प्रतिशत बैटरी वाली ईवीएम पर कांग्रेस जीती। वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे साजिश करार दिया था। हालांकि, हरियाणा में करारी हार के लिए ईवीएम पर आरोप लगाने वाली कांग्रेस ने अब रणनीति बदलने का फैसला किया है।
दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को हरियाणा में हार पर एक समीक्षा बैठक बुलाई थी। जिसमें ये फैसला लिया गया कि पार्टी अब अंदरूनी गुटबाजी और दूसरी कमजोरियों को दूर करने पर अपना फोकस करेगी जिसके कारण सफलता नहीं मिल सकी।
कांग्रेस के अंदर से ही आवाज उठने लगी कि हरियाणा में लीडरशिप की कुव्यवस्था साफ दिखी जिस वजह से पार्टी को वहां हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव परिणाम पर इसी अंदरूनी खींचतान पर कांग्रेस नेतृत्व को फिलहाल चुनाव आयोग पर सवाल उठाने से बचने को मजबूर होना पड़ा। इसकी जगह यह तय हुआ कि प्रत्याशियों की शिकायतों और खामियों की जांच की जिम्मेदारी के लिए पार्टी एक टेक्निकल टीम का गठन करेगी।
इसके तहत फिलहाल वे कुछ भी गलत होने से संबंधित 'ठोस सबूत' जुटाने के बाद ही चुनावी हार के लिए ईवीएम पर दोष मढ़ेंगे। बाद में खरगे ऑफिस से जारी बयान में बताया गया कि पार्टी ने उम्मीदवारों की शिकायतों और विसंगतियों की जांच करने के लिए एक टीम बनाने का फैसला किया है। इसमें कहा गया है, कांग्रेस मतगणना प्रक्रिया और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के कामकाज पर फैक्ट-फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट के आधार पर विस्तृत प्रतिक्रिया देगी।
कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणामों की चर्चा के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर बैठक की थी। इसमें खरगे के अलावा राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, अजय माकन, दीपक बावरिया और अशोक गहलोत शामिल थे। हरियाणा के किसी भी नेता को इसमें आने का बुलावा नहीं भेजा गया था। हरियाणा में हुआ क्या, इसकी जानकारी जुटाने के लिए वहां राष्ट्रीय नेतृत्व की तरफ से नियुक्त अधिकारियों को ही बुलाया गया था। हरियाणा के नेताओं भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला जैसे नेताओं को अगली बैठक में बुलाया जा सकता है।
Oct 11 2024, 17:58