जयराम रमेश और पवन खेड़ा के बयान से चुनाव आयोग नाराज, खड़गे को लिखा खत, जानें क्या कहा
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हरियाणा विधान सभा चुनाव के परिणामों को कांग्रेस पचा नहीं पा रही है। कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव परिणाम को अप्रत्याशित परिणाम बताया है। हरियाणा चुनाव परिणाम को कांग्रेस की तरफ से अस्वीकार्य और अप्रत्याशित बताए जाने पर चुनाव आयोग ने अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का पत्र लिखा है। कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से हरियाणा चुनाव नतीजों पर सवाल उठाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने खरगे को खत लिखा है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा के लिए बुलाया है।
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चुनाव आयोग ने 9 अक्टूबर यानी आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र भेजा। इस पत्र में आयोग ने 8 अक्टूबर को जयराम रमेश और पवन खेड़ा की ओर से दिए गए बयानों पर चिंता जताई है। इन नेताओं ने हरियाणा चुनाव नतीजों को 'अस्वीकार्य' बताया था। चुनाव आयोग ने मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे अपने पत्र में कहा है कि ऐसे बयान देश की लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ हैं। यह जनता की राय को नकारने जैसा है। आयोग ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा समेत पूरे देश में चुनाव एक ही नियम-कानून से होते हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि उसने मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के बयानों पर भी गौर किया है, जिसमें हरियाणा के नतीजों को अप्रत्याशित बताया गया है और पार्टी इसका विश्लेषण करने और अपनी शिकायतों के साथ चुनाव आयोग से संपर्क करने का प्रस्ताव रखती है। चुनाव आयोग ने कहा कि उसे कांग्रेस के 12 सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के लिए बैठक का समय मांगने का अनुरोध मिला है, जिसमें हरियाणा के चुनावी नतीजे अस्वीकार्य वाला बयान देने वाले लोग भी शामिल हैं।
बता दें कि कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि कई सीटों पर नतीजे ईवीएम की मदद से बदल दिए गए। कांग्रेस के अनुसार कई सीटों पर जहां ईवीएम 90 फीसदी बैटरी चार्ज था वहां नतीजे भाजपा के पक्ष में आए और जहां ईवीएम की बैटरी 70-80 फीसदी चार्ज थी वहां कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की है।






हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की। उसने 48 सीटों पर जीत हासिल की है। हरियाणा में हैट्रिक लगाने के बाद सभी की निगाहें अगली सरकार के गठन पर टिकी हैं। सवाल है कि पार्टी की तरफ से राज्य में मुख्यमंत्री कौन होगा, क्या नायब सिंह सैनी को राज्य की कमान सौंपी जाएगी या किसी नए चेहरे को सीएम बनाया जाएगा? मीडिया रिपोर्ट की मानें तो हरियाणा में अगली सरकार का नेतृत्व वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ एक या दो उपमुख्यमंत्री कर सकते हैं। बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि सरकार का गठन अगले कुछ दिनों में हो जाएगा। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व हरियाणा में विधायकों के साथ बैठक करने के लिए पर्यवेक्षकों को भेजेगा, ताकि औपचारिक रूप से पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार का चयन किया जा सके। हालांकि, बीजेपी ने नायब सिंह सैनी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा था और नतीजों के बाद सैनी का सीएम बनना तय माना जा रहा है।लेकिन नतीजों के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल विज और दो केंद्रीय मंत्रियों के बयान ट्विस्ट दे रहे हैं। दरअसल, अनिल विज भी सीएम पद चाह रहे हैं। चुनाव नतीजों के बाद उन्होंने कहा कि आलाकमान ने मुझे सीएम बनाया तो मैं उसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं। नायब सैनी का कोई विरोध नहीं, लेकिन मैं सीनियर मोस्ट हूं। ये आलाकमान तय करे कि मुझे सीएम बनाना है या नहीं। उधर, मोदी सरकार में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने इशारों-इशारों में दक्षिण हरियाणा से मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है। हरियाणा के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा, हमने दक्षिण हरियाणा में 13-14 सीटें जीती हैं। पार्टी ने फैसला कर रखा है कि नायब सिंह को मुख्यमंत्री बनाएंगे। लेकिन यहां से हमारे लोगों को महत्व देने के लिए पार्टी को कुछ न कुछ सोचना चाहिए। दस साल से दक्षिणी हरियाणा पार्टी की मदद कर रहा है तो पार्टी को भी दक्षिणी हरियाणा की मदद करनी चाहिए। वहीं, हरियाणा के पूर्व सीएम और केंद्रीय मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला संसदीय बोर्ड तय करेगा। मनोहर लाल खट्टर ने सीएम के सवाल पर कहा कि ये पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा। पीएम मोदी के नेतृत्व में सभी काम कर रहे हैं। नीतियां काम कर रही हैं। हरियाणा में बीजेपी की शानदार जीत के बाद नायब सिंह सैनी ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
Oct 09 2024, 18:26
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