पश्चिम एशिया में भारत कम कर सकता है तनाव? ईरानी राजदूत के बयान में कितना दम
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मिडिल ईस्ट में लगातार संघर्ष बढ़ता जा रहा है। इजरायल हमास के साथ अब लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ बमों की बारिश कर रहा है। इजराइल और हिजबुल्ला के बीच शुरू हुए संघर्ष में ईरान भी शामिल हो गया है। इससे पश्चिम एशिया में तनाव चरम सीमा पर पहुंच गया है और इसके व्यापक युद्ध में बदलने का खतरा पैदा हो गया है। इस बीच ईरान के राजदूत इराज इलाही भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। इराज इलाही का कहना है कि एक बड़ी ताकत और ग्लोबल साउथ की आवाज होने के नाते भारत तनाव को कम करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है।
भारत से हस्तक्षेप की मांग
ईरान की ओर से हाल ही में इजरायल पर मिसाइलों से हमला किया गया। शुक्रवार को ईरानी सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने इजरायल के खात्मे की बात कहीं। इस बीच भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने क्षेत्र में स्थिरता लाने में मदद के लिए भारत से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारत को इस मौके का इस्तेमाल इजरायल को मनाने के लिए करना चाहिए, ताकि वह अपनी आक्रामकता को रोके और क्षेत्र में शांति आ सके।
एक शक्तिशाली देश के बजाय एक शक्तिशाली क्षेत्र की चाह
ईरान के राजदूत ने कहा कि हमारा मानना है कि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता की आवश्यकता है। हम (ईरान) एक शक्तिशाली देश के बजाय एक शक्तिशाली क्षेत्र चाहते हैं। किसी देश के विकास के लिए शांति और स्थिरता सबसे पहली शर्त है। उन्होंने कहा, लेकिन फिलिस्तीन में जो हो रहा है उसके प्रति हम बेरुखी नहीं दिखा सकते, हम फिलिस्तीन में लोगों के मारे जाने की घटनाओं को नजरअंदाज या उपेक्षा नहीं कर सकते।
भारत से उम्मीद
राजदूत ने भारत के साथ संबंधों पर कहा कि भारत ईरान और इजराइल दोनों का घनिष्ठ मित्र है। इलाही ने कहा, लेकिन हमारे रिश्ते 2,000 साल पुराने हैं जबकि भारत और इजराइल के रिश्ते इतने पुराने नहीं हैं। एक बड़ी शक्ति और ग्लोबल साउथ की आवाज होने के नाते भारत इस क्षेत्र में तनाव कम करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि ईरान को उम्मीद है कि भारत तनाव कम करने के लिए अपने प्रभाव और क्षमताओं का इस्तेमाल करेगा।
Oct 05 2024, 10:38