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*अब ऑनलाइन आवेदन से ही पा सकेंगे पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। आगामी एक अक्तूबर से पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र के लिए ऑफलाइन आवेदन नहीं लिए जाएंगे। पुलिस रिपोर्ट में बरती जा रही लापरवाही और प्रमाण पत्र जारी करने में आ रही शिकायतों को देखते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी कात्यायन ने यह व्यवस्था सुनिश्चित की है। अब तक जो भी ऑफलाइन आवेदन हुए हैं। उन्हें 30 सितंबर तक जारी कर दिया जाएगा। एक अक्तूबर से चरित्र प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे और वहीं से जांच कर जारी कर दिया जाएगा।जिले में पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र जारी किए जाने को लेकर लंबे समय से शिकायतें आ रही थीं। इसमें कई बार पुलिसकर्मियों की लापरवाही की शिकायतें भी मिलती थीं। विभिन्न नौकरियों में आवेदन करने और नियुक्ति को लेकर लगाए गए पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र को लेकर बार-बार आवेदकों को पुलिस कार्यालय में चक्कर भी लगाना होता था। इसे देखते हुए एसपी ने अब इस व्यवस्था को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है।अब तक जिले में ऑफलाइन चरित्र प्रमाण पत्र बनाए जाते थे। जिनकी पहुंच और पकड़ होती वे सुविधानुसार 15 से 20 दिनों में ही चरित्र प्रमाण पत्र बनवा लेते थे, लेकिन अन्य को बार-बार चक्कर लगाना होता था। अब एक अक्तूबर से ऑनलाइन आवेदन के बाद इसे जारी होने में कम समय लगेगा। पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी कात्यायन के अनुसार सिटीजन सर्विसेज, यूपी कॉप, सीसीटीएनएस के माध्यम से आवेदकों का ऑनलाइन ओवदन ही चरित्र प्रमाण पत्र के रूप में मान्य होगा।बताया कि विभाग के पोर्टल पर जिस दिन आवेदन दिखेंगे। उसी दिन रिपोर्ट लगाकर आगे की प्रक्रिया होगी। जिससे महीनों चक्कर लगाने के बजाय चार से पांच दिनों में प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऑनलाइन आवेदन के बाद भी अगर किसी तरह की लापरवाही मिली तो शिकायत के आधार पर दोषी पाए जाने पर संबंधित पर कार्रवाई भी की जाएगी।
*ई-केवाईसी नहीं कराई तो नहीं मिलेगा सिलिंडर*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के एलपीजी उपभोक्ताओं को अब ई-केवाईसी करानी होगी। 31 दिसंबर तक एलपीजी उपभोक्ताओं ने ई-केवाईसी नहीं कराई तो उनका गैस कनेक्शन काट दिया जाएगा। वहीं उनकी सब्सिडी भी बंद कर दी जाएगी।घरेलू गैस कनेक्शन को लेकर अब वितरक एजेंसियों की ओर से सख्त रुख अपनाया जा रहा है। अब हर एलपीजी उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी की प्रक्रिया जरूरी होगी। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि घरेलू और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को चिह्नित किया जा सके। इसके अलावा जो लोग जिला छोड़ गए हैं, उनके कनेक्शन भी काटे जाएंगे। उपभोक्ता अगर एलपीजी कनेक्शन का ई-केवाईसी नहीं कराएंगे तो उनकी सिलिंडर की आपूर्ति रोकी जा सकती है। जिले में इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस के करीब छह लाख उपभोक्ता हैं। इस समय घरेलू सिलिंडर 956 रुपये में मिल रहा है। इसमें उज्ज्वला के लाभार्थियों को 300 रुपये और आम कनेक्शन धारकों को 50 रुपये की सब्सिडी मिल रही है। सर्वे न होने के कारण सब्सिडी में भी समस्या आ रही है। इसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है। नजदीकी वितरक के पास जाकर करा सकते हैं ईकेवाईसी एलपीजी उपभोक्ता अपने नजदीकी वितरक के यहां जाकर ई-केवाईसी अपडेट करा सकते हैं। एलपीजी वितरक संघ के जिलाध्यक्ष अरूण मिश्रा ने बताया कि एलपीजी कनेक्शन धारकों की ई-केवाईसी शुरू हो चुकी है। 31 दिसंबर तक हर हाल में ई-केवाईसी करानी है। ऐसा कनेक्शन काट दिया जाएगा। वहीं सब्सिडी भी बंद कर दी जाएगी। उपभोक्ताओं सिलिंडर और चूल्हे की भी कराएं जांच एलपीजी वितरक संघ के जिलाध्यक्ष अरूण मिश्रा ने बताया कि लोगों की सुरक्षा की दृष्टी से जांच कराना भी अनिवार्य कर दिया गया है। उपभोक्ता अपने नजदीकी वितरक को सूचना देकर घर पर ही गैस चूल्हे और उसकी पाइप की जांच अनिवार्य रूप से कराएं। जिससे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
*बढ़े त्वचा रोगी, ओपीडी में रोज पहुंच रहे 35 से 40 पीड़ित* बारिश में भीगने के कारण भी बढ़ रही त्वचा संबंधी समस्या*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही । मौसम में बदलाव से त्वचा रोगियों की संख्या की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल में की ओपीडी में रोज त्वचा रोग से पीड़ित 35 से 40 लोग पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि बारिश में भीगना से भी त्वचा संबंधी समस्या बढ़ जाती है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि बारिश में लोग भीगकर आफिस या कार्यस्थल पर पहुंचते हैं। वे भीगे कपड़े पहने ही काम करते हैं। इस बीच बदन पर ही कपड़े सूख जाते हैं। इससे लोगों के शरीर पर खुजली, दाना, दाद, जैसी समस्या होने लगती है। जिला चिकित्सालय में रोजाना 700 से 800 के करीब ओपीडी होती है। इसमें 35 से 40 मरीज त्वचा रोग के आ रहे हैं। शरीर के अलग-अलग हिस्सों में लाल चकत्ते वाले दाने और अन्य एलर्जी वाले मरीज भी पहुंच रहे हैं।


अस्पताल में मौसम में बदलाव के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है। बीमारी से बचाव के लिए भीगने से बचें और नियमित साफ कपड़ा पहनें, भींगने के बाद तत्काल कपड़ा बदले लें।
*कोर्ट से बरी होने पर बोले रंगनाथ मिश्र कहा - कोर्ट ने दिलाया न्याय,सपा सरकार ने किया था पडयंत्र,आय से अधिक संपत्ति का था मामला*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र ने शनिवार को ज्ञानपुर में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में कोर्ट से मुझे न्याय मिला है। इसमें किसी भी पार्टी या सरकार की कोई भूमिका नहीं है। मेरे खिलाफ 2012 में षड्यंत्र के तहत सपा सरकार में आय से अधिक संपत्ति के मामले मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिस मामले में ईडी ने हाई कोर्ट को क्लोज करने के लिए एप्लीकेशन दिया ,यह इतिहास में पहली बार हुआ है ।पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा ने कहा कि जिले में सपा के सरकार में माफियाओं का राज हुआ करता था। इसके खिलाफ हमने लड़ाई लड़ा। 2012 में सपा सरकार के कुछ माफियाओं द्वारा आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा औराई थाने में दर्ज कराया गया। उन्होंने कहा कि सपा की सरकार में माफियाओं द्वारा हमारे साथ काफी गलत व्यवहार किया गया। किंतु हमने माफियाओं के आगे झुका नहीं और लड़ाई लड़ा। जिसका परिणाम रहा की इतिहास में पहली बार ईडी ने हाईकोर्ट को मामले को बंद करने के लिए एप्लीकेशन दिया। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान मुझे विभिन्न तरह से परेशान किया गया। पूर्व मंत्री ने कहा कि आज जो माफिया सपा सरकार में अपने गलत कार्यों से लोगों को परेशान करते थे आज वे माफिया जेल के अंदर है और जनता की सेवा करने वाला रंगनाथ मिश्र बाई इज्जत बरी होकर जनता के बीच में है। उन्होंने कहा कि राजनीति के दौरान हमारे खिलाफ एक भी मुकदमा नहीं था। कई चुनाव लड़ा कई बार मंत्री और विधायक रहा आचार्य संहिता का भी मुकदमा नहीं था। किंतु सपा सरकार में फर्जी तरीके से मुझे फसाया गया । हम न्यायालय पर भरोसा किया और हमारे हर एक मामले में न्यायालय से जीत मिली है।
*हवा संग हुई हल्की बारिश से मौसम बना सुहाना*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही।मौसम में आ रहा उतार - चढ़ाव लोगों को बीमार कर दे रहा है। शुक्रवार को सुबह हल्की बारिश शुरू हुई तो बाइक सवार सिहरन का एहसास करने लगे। दस बजे धूप इतना तेज हुआ कि लोग गर्मी से व्याकुल होने लगे। वहीं शाम तीन बजे के बाद हवा संग हल्की बारिश शुरू हुई तो गर्मी से व्याकूल हुए साइकिल सवार छात्र मौज - मस्ती करने लगे। कालीन नगरी में हर पल मौसम का रुख बदल रहा है। ऐसे में सेहत के प्रति थोड़ी सी लापरवाही लोगों को बीमार कर सकती हैं। शाम चार बजे के बाद मौसम सुहाना हुआ तो लोग बच्चों संग के बाहर निकल पड़े। विभूति नारायण राजकीय इंटर कालेज मैदान में भी गर्मी से व्याकूल हुए लोग मौसम का आनंद उठाने पहुंच गए। दिन में धूप से उमस भरी गर्मी तो रात और भोर में हवा चलते ही सिहरन का एहसास हो रहा है। ऐसे में लोग उल्टी, दस्त, पेट दर्द, बुखार, टाइफाइड की चपेट में आ जा रहे हैं।
*एक मात्र पर्यटन स्थल पर समस्याओं की भरमार*








रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही।कालीनों के कारण गूगल से लेकर पूरी दुनिया में भदोही का नाम जाना जाता है। एक मात्र पर्यटन स्थल सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी में समस्याओं का अंबार है। इसके अलावा बाबा बड़े शिव गोपीगंज एवं ज्ञानपुर स्थित बाबा हरिहरनाथ मंदिर को पर्यटक स्थल बनाने की कवायद अभी भी ठंडे बस्ते में है। लाखों खर्च करने के बाद योजना अधर में है। सरकारों, जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा इस दिशा में ठोस पहल नहीं की जा रही है। बता दें कि जिले डीघ ब्लाॅक क्षेत्र के सीतामढ़ी में रामायण काल में महर्षि वाल्मीकि का आश्रम था। वहां पर प्रभु श्रीराम के पुत्रों लव व कुश की परवरिश हुई थी। इतना ही नहीं माता सीता यहीं पर धरती में समाहित हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय पंडित शंकर दयाल शर्मा ने अपने कार्यकाल में यहां पत्नी संग आकर दर्शन व पूजन किया था। पुरातत्व विभाग की टीमों ने जांच में रामायण काल के दौरान आश्रम होने के सबूत पाए गए थे। उसके बाद से उस स्थान को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया गया था। लेकिन वर्षों बीतने के बाद भी आधुनिक सुविधाएं नहीं हैं।

एक करोड़ खर्च, नतीजा सिफर

गोपीगंज नगर स्थित बाबा बड़े शिव व ज्ञानपुर बाबा हरिहरनाथ मंदिर को गत वर्षों में पर्यटन स्थल बनाने की कवायद शुरू की गई थी। करीब डेढ़ करोड़ खर्च करने के बाद भी योजनाएं अधर में है। पूर्ण सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के प्रयास से उक्त मंदिरों के सुंदरीकरण, प्रकाश बैठने की व्यवस्था,टिनशेड आदि बनवाने की योजना शुरू की गई थी।


बड़े शिव धाम में एक करोड़ 10 लाख खर्च किए गए। दूर हो समस्याएं तो रोजगार के होंगे पैदा पर्यटन स्थलों के होने से आसपास के लोगों के साथ ही बड़ी तादाद में लोगों को रोजगार मिलता है। सीतामढ़ी,बाबा बड़े शिव धाम तथा हरिहरनाथ मंदिर का सुंदरीकरण तथा पर्यटन स्थल की तरह सुविधाएं सरकार की ओर से प्रदान की जाए तो जिले का न सिर्फ विकास होगा बल्कि हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इस दिशा में जिला प्रशासन द्वारा कदम भी उठाया गया था।
*भदोही में 3 हजार लोगों का राशनकार्ड निरस्त राइस मिल वालों के झांसे में आए ,लालच में आकर खाते में मगाया पैसा*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। धान खरीद के सीजन में दो से पांच हजार रूपये की लालच में आकर राइस मिलरों को आधार कार्ड देने वाले तीन हजार किसानों की परेशानी बढ़ गई है। दो से तीन बिस्वा जमीन वाले इन किसानों के पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड को पूर्ति विभाग ने निरस्त कर दिया है। पुलिस- प्रशासन ने पिछले तीन साल ऐसे संदिग्ध खातों की जांच के बाद रिपोर्ट सौंपा। तहसील प्रशासन भी इनकी भूमि जांच की, इनके पास जमीन कम मिली, कमाई का कोई बढ़िया साधन भी नहीं है। धान खरीद के सीजन में औराई तहसील में कागजों पर धान खरीद का खेल खूब चलता है। राइस मिलर गांव-गांव जाकर गरीबों को पांच-छह हजार रुपये का लालच देकर उनसे आधारकार्ड ले लेते थे। उनके नाम की फर्जी खतौनी तैयार कर आधार लिंक खातों में खरीदे गए दो सौ, तीन सौ क्विंटल धान का पैसा भेजकर बाद में उनसे ले लेते थे। पिछले दो साल में पुलिस सक्रिय हुई तो मामले में दस लोगों पर मुकदमा भी दर्ज हुआ था। पुलिस विभाग ने इसकी विस्तृत जांच की तो बड़ी संख्या में ऐसे लाेग पाए गए जो भूमिहीन थे। ऐसे में पुलिस जांच रिपोर्ट और तहसील जांच के आधार पर डीएसओ ने ऐसे तीन हजार राशन कार्ड निरस्त कर दिए। जांच में यह पाया गया कि राइस मिलरों के झांसे में आकर यह किसान खाते से लेनदेन करने देते। जिसके एवज में मिलर इन्हें दो से पांच हजार रूपये देते। जिला पूर्ति अधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि पात्र गृहस्थी के राशनकार्डधारक का आशय यह कि वह गरीब हों, उनकी अधिक आय न हो। पर जिस ढंग से उनके खातों से धान खरीद के सीजन में लेनदेन होता है, उसके आधार पर उनके पास पांच एकड़ से ज्यादा जमीन है। इससे वह मुफ्त राशन लेने की श्रेणी में नहीं आते। इससे कार्ड निरस्त कर दिए गए। अब वह कार्ड बनवाने के लिए तहसील और पूर्ति विभाग का चक्कर लगा रहे हैं। चार हजार आयकरदाताओं के कार्ड भी हुए निरस्त जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन उठा रहे चार हजार आयकरदाताओं का पात्र गृहस्थी कार्ड निरस्त हो चुका है।


शासन से आई सूची के आधार पर पूर्ति विभाग ने कार्रवाई की है। बताते चलें कि जिले के 546 ग्राम पंचायतों और सात नगर निकायों में कुल 724 कोटे की दुकान हैं। जहां दो लाख 97 हजार कार्डधारक हैं। इसमें 38 हजार अंत्योदय और दो लाख 59 हजार के करीब पात्र गृहस्थी के कार्डधारक हैं।
*भदोही में भाजपा नेता पति - पत्नी में विवाद पत्नी ने लगाया प्रताड़ित करने का आरोपी,बोली मुझे गालियां देते थे*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही भदोही के गोपीगंज थाने में एक अनोखा मामला सामने आया है जहां भाजपा के पूर्व चेयरमैन का चुनाव लड़ चुके नेता की पत्नी सरिता गुप्ता उसी घर में किराये पर रहने वाले एक सिपाही के साथ करोड़ों के जेवर नगदी और एक 6 साल के बच्चे के साथ भागने का मामला गोपीगंज थाने में लिखा गया है यह मुकदमा भाजपा नेत्री के पति ने खुद लिखाया है ये खबर जैसे ही आग की तरह फैली तो महिला ने अपना पक्ष रखने के लिए मीडिया से संपर्क किया महिला का आरोप है कि मैं भागी नहीं मैं अपने पति से प्रताड़ित हूं जिसके खिलाफ़ मैंने भदोही एसपी, गोपीगंज थानाध्यक्ष, एडीजी वाराणसी व पुलिस कमिश्नर वाराणसी पहले से शिकायत की है


भाजपा महिला नेत्री सरिता गुप्ता का आरोप है कि उनकी शादी 28-अप्रैल-1998 को कुमार कार्पेट सोनखरी गोपीगंज भदोही निवासी गगन कुमार गुप्ता के साथ महमूरगंज स्तिथ शुभम लान में हुई थी शादी के बाद वादिनी को तीन संताने हुई जिसमें दो पुत्रियाँ व एक पुत्र है आरोप है कि पति द्वारा लगभग 5 वर्षों से बराबर भद्दी - भद्दी गालियां देता रहा वादिनी को ऐसा लगा जैसे वह नौकर की तरह है महिला का आरोप है कि उसके मैके में बहुत अधिक सम्पत्ति है जो उनको मिली है पति चाहता है उसको मारकर सारी सम्पत्ति पर कब्जा कर लू जिससे वह 28-अगस्त 2024-को गोपीगंज थाने में पति पर प्रताड़ित करने की तहरीर देकर अपने मायके घसियारी टोला, चौखम्भा, कोतवाली वाराणसी में आ गयी महिला का आरोप है कि गोपीगंज से आने के बाद पति द्वारा बराबर धमकी दी जा रही है। अब मै उसके साथ नही रहना चाहिए मैने न्यायालय में घरेलु हिंसा, दहेज़ प्रताड़ना व तलाक की अर्जी भी दाखिल की है।
*आयुर्वेदिक अस्पतालों में बढ़ने लगी मरीजों की संख्या* *मरीजों को दवाओं के साथ कराया जा रहा योगाभ्यास*
भदोही। जिले में संचालित 26 आयुर्वेदिक अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इन दिनों जिले के सभी अस्पतालों पर औसतन 50 मरीजों की ओपीडी हर दिन हो रही है। इसके पहले 10 से 15 मरीज ही आयुर्वेदिक अस्पतालों में पहुंचते थे। बदलती जीवनशैली और खानपान के दुष्प्रभाव के कारण लोगों को कई बीमारियां हो रही हैं। इस बीच अंग्रेजी दवाओं के साइड इफेक्ट लोगों को परेशान कर रहे हैं। वहीं आयुर्वेदिक दवाओं के अचूक उपायों से एक बार फिर लोगों का रुझान आयुर्वेद की ओर बढ़ रहा है। जिले में कुल 26 आयुर्वेद अस्पताल संचालित हैं। हालांकि इसमें अधिकतर आर्युवेदिक अस्पतालों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं हैं, लेकिन बढ़ती सुविधाओं और इसके प्रभाव को देखते हुए लोग आयुर्वेद में उपचार कराना बेहतर समझ रहे हैं।पाली आयुर्वेदिक अस्पताल पर तैनात फार्मासिस्ट जितेंद्र पटेल ने बताया कि बीते कुछ महीनों से चिकित्सालय पर मरीजों की संख्या बढ़ी है। मरीजों को दवाओं के साथ-साथ योगाभ्यास और व्यायाम भी कराए जाते हैं। इससे उनको बेहतर फायदा मिलता है। बताया कि आयुर्वेदिक दवा का साइड इंफेक्ट नहीं होने से भी लोग इसके प्रति आकर्षित हो रहे हैं। अस्पताल में हर दिन औसतन 50 मरीज पहुंच रहे हैं। यहीं हाल मोढ़, पाली, चौरी, कोईरौना, कटरा, घोसिया सहित कुल 26 आयुर्वेदिक अस्पतालों का है। आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी वाराणसी डॉ. सरोज शंकर राम ने बताया कि पहले के अपेक्षा अभी मरीजों की संख्या बढ़ी है। नौ अस्पतालों को हेल्थ वेलनेस सेंटर बनाया गया है।
*आयुर्वेदिक अस्पतालों में बढ़ने लगी मरीजों की संख्या* *मरीजों को दवाओं के साथ कराया जा रहा योगाभ्यास*
भदोही। जिले में संचालित 26 आयुर्वेदिक अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इन दिनों जिले के सभी अस्पतालों पर औसतन 50 मरीजों की ओपीडी हर दिन हो रही है। इसके पहले 10 से 15 मरीज ही आयुर्वेदिक अस्पतालों में पहुंचते थे। बदलती जीवनशैली और खानपान के दुष्प्रभाव के कारण लोगों को कई बीमारियां हो रही हैं। इस बीच अंग्रेजी दवाओं के साइड इफेक्ट लोगों को परेशान कर रहे हैं। वहीं आयुर्वेदिक दवाओं के अचूक उपायों से एक बार फिर लोगों का रुझान आयुर्वेद की ओर बढ़ रहा है। जिले में कुल 26 आयुर्वेद अस्पताल संचालित हैं। हालांकि इसमें अधिकतर आर्युवेदिक अस्पतालों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं हैं, लेकिन बढ़ती सुविधाओं और इसके प्रभाव को देखते हुए लोग आयुर्वेद में उपचार कराना बेहतर समझ रहे हैं।पाली आयुर्वेदिक अस्पताल पर तैनात फार्मासिस्ट जितेंद्र पटेल ने बताया कि बीते कुछ महीनों से चिकित्सालय पर मरीजों की संख्या बढ़ी है। मरीजों को दवाओं के साथ-साथ योगाभ्यास और व्यायाम भी कराए जाते हैं। इससे उनको बेहतर फायदा मिलता है। बताया कि आयुर्वेदिक दवा का साइड इंफेक्ट नहीं होने से भी लोग इसके प्रति आकर्षित हो रहे हैं। अस्पताल में हर दिन औसतन 50 मरीज पहुंच रहे हैं। यहीं हाल मोढ़, पाली, चौरी, कोईरौना, कटरा, घोसिया सहित कुल 26 आयुर्वेदिक अस्पतालों का है। आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी वाराणसी डॉ. सरोज शंकर राम ने बताया कि पहले के अपेक्षा अभी मरीजों की संख्या बढ़ी है। नौ अस्पतालों को हेल्थ वेलनेस सेंटर बनाया गया है।