भागलपुर में गंगा के जलस्तर में निरंतर हो रही कमी, अब कटाव के साथ इन समस्याओं से बाढ़ पीड़ितों को पड़ेगा जूझना
डेस्क : बिहार के 12 जिले इनदिनों बाढ़ के चपेट में है। जिससे 12 लाख से अधिक लोग प्रभावित है। हालांकि प्रदेश के भागलपुर जिले में गंगा के जलस्तर में निरंतर कमी आ रही है। जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली। लेकिन रुक-रुककर हो रही बारिश ने बाढ़ पीड़ितों की परेशानी फिर से बढ़ा दी है। बाढ़ राहत शिविरों में पॉलीथिन टांग कर रह रहे लोगों की परेशानी यह है कि हवा के तेज झोंके से उनका सारा सामान भीग रहा है।
बारिश के कारण हवाई अड्डा मैदान, कॉलेजियट मैदान, चर्च मैदान आदि जगहों पर ठहरे बाढ़ पीड़ितों के साथ आये मवेशी दिनभर भीगते रहे। इन्हें बरसात से बचाने के लिए कोई दूसरा विकल्प भी बाढ़ पीड़ितों के पास नहीं है। टीएनबी कॉलेजिएट स्कूल मैदान स्थित बाढ़ राहत शिविर में बारिश में जमीन गीला हो गया। जिससे लोगों को भोजन करने में भी दिक्कत होने लगी।
वहीं गंगा के जलस्तर में कमी के बाद अब सबसे बड़ी समस्या यह है कि जहां से पानी निकल गया है वहां के मैदानी हिस्से में तीन दिनों तक जलजमाव से घास-पत्ते सड़ने लगा है। जिससे बदबू आने लगी है। धूप खिलने के बाद यहां सड़ांध से लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी। लोगों ने चूना व ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव की मांग की है।
वहीं बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही कई जगहों पर कटाव का डर बना हुआ है। सबौर के मसाढू में कटाव से कई घर गंगा में गिर चुका है। अभी भी करीब आधा दर्जन गांव में भी कटाव बढ़ने का डर है। इसको लेकर जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने दैनिक ऑनलाइन बैठक में पदाधिकारियों को मसाढ़ू समेत सभी कटाव स्थलों पर निरोधात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। डीएम ने बताया कि बुधवार को सुल्तानगंज, शाहकुंड, नाथनगर, गोपालपुर, इस्माईलपुर, रंगरा चौक, नारायणपुर, सबौर, नवगछिया, जगदीशपुर, पीरपैंती एवं कहलगांव के सीओ से बारी-बारी से चलाए जा रहे सामुदायिक किचन एवं बाढ़ राहत कार्य के संबंध में फीडबैक लिया गया। साथ ही तीनों एसडीओ से उनके इलाके के जलस्तर के संबंध में जानकारी ली गई। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के मुख्य अभियंता ने भी बताया है कि जलस्तर में लगातार कमी हो रही है।
वही भागलुपर जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल को तटबंधों की सुरक्षा करने और कटाव स्थलों पर त्वरित निरोधात्मक कार्रवाई करने के लिए अभियंताओं को प्रतिनियुक्ति करने कहा गया है। आरसीडी व एनएच के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया है कि जलजमाव वाले स्थलों की सड़क से पानी हटते ही त्वरित मरम्मत करवाने के लिए सामग्री तैयार रखें।
Sep 27 2024, 09:29