*हिन्दी पाठ्य पुस्तक लेखक सर्वेश कान्त वर्मा सरल ने जनपद को किया गौरवान्वित*
सुल्तानपुर,गोसाईगंज थाना क्षेत्र बनमई गॉंव के रहने वाले हैं सर्वेश। हिन्दी में वर्तनी शुद्धि की मुहिम चला रहे सर्वेश कान्त वर्मा गोसाईगंज,संवाददाता सुलतानपुर जनपद के बनमई गाँव निवासी साहित्यकार एवं शिक्षक सर्वेश कान्त वर्मा 'सरल' का नाम पाठ्य पुस्तकों के लेखन में जनपद में सबसे पहले लिया जाता है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् के सुविख्यात हिन्दी पाठ्य पुस्तक लेखक सर्वेश कान्त वर्मा रामरती इण्टरमीडिएट कॉलेज द्वारिकागंज में हिन्दी शिक्षक के पद पर सेवारत हैं। इनकी लिखी छह पाठ्य पुस्तकें व छह सहायक पुस्तकें यूपी बोर्ड के विद्यालयों में हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की कक्षाओं में पढ़ाई जा रही हैं। यह पुस्तकें माध्यमिक शिक्षा परिषद् उत्तर प्रदेश द्वारा प्रतिपादित है। यह नगीन प्रकाशन की ओर से प्रकाशित की गई है। आईसीएसई बोर्ड की पाठ्य पुस्तक सरल हिन्दी व्याकरण कक्षा 9 एवं 10 में इनकी लिखी 11 कहानियाँ और कई पद्य सम्मिलित हैं। सर्वेश की कई किताबें प्रकाशन को तैयार- वर्तमान में इनकी लिखी सीबीएसई बोर्ड और आईसीएसई बोर्ड की कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक व्याकरण की आठ पुस्तकें और हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की हिन्दी पाठ्य पुस्तक नगीन प्रकाशन में प्रकाशाधीन है। साहित्यांजलि प्रकाशन प्रयागराज के लिए कक्षा 1 से 5 तक की हिन्दी की पाठ्य-पुस्तकें लिखी जा रही है। आगामी सत्र में यह पुस्तकें पुस्तक विक्रेताओं के पास उपलब्ध हो जाएगी। पुस्तकें ऑनलाइन बाजार में मौजूद- सर्वेश की पुस्तकें अमेजान, फिलिफ्कार्ड, कापी किताब डाट काम आदि बेबसाइटों पर उपलब्ध हैं। यहाँ से इनकी किताबों को आसानी से खरीदा जा सकता है। विदेशों में प्रकाशित हो चुकी है रचनाएँ- साहित्य के क्षेत्र में अमेरिका,आस्ट्रेलिया, नेपाल और बाग्लादेश आदि के समाचार पत्रों में रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। हिन्दी में शुद्ध और अशुद्ध पर आधारित लेख साहित्यांजलि प्रभा मासिक पत्रिका के प्रत्येक अंक में हिन्दी -विमर्श ब्लॉग प्रकाशित होता रहता है। देश के प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में इनके लिखे कहानी लेख एवं कविताएं प्रकाशित हो चुके हैं। भाव वाटिका साझा काव्य संग्रह का संपादन एवं भाषा निर्झर काव्य पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं। *दूरदर्शन पर भी काव्य पाठ*- योग दिवस के अवसर पर दूरदर्शन उत्तर प्रदेश में काव्य पाठ भी कर चुके हैं जिसका प्रसारण दूरदर्शन पर दो बार हो चुका है। गूगल पर सर्च करने पर इनके बारे में दिखता है- गूगल पर सर्वेश कांत वर्मा सरल हिन्दी या अंग्रेजी में लिखकर सर्च करने पर गूगल इनकी उपलब्धियों के बारे में बताता है। राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर पर मिला है पुरस्कार- सर्वेश कान्त कई बार राष्ट्रीय काव्य प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं। कवि गोष्ठी एवं विभिन्न काव्य मंचों पर कविता पाठ भी करते हैं। देश के बाहर नेपाल,कतर फिलिपींस,श्रीलंका एवं देश के विभिन्न प्रांतों एवं प्रदेश के विभिन्न जनपदों से साहित्यिक,सामाजिक, सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा अब तक लगभग 70 पुरस्कार और सम्मान पत्र प्राप्त हो चुके हैं। वर्तनी शुद्धि की मुहिम चला रहें सर्वेश- विद्यालय की छुट्टी के उपरान्त छात्रों को हिन्दी में उनकी अशुद्ध वर्तनी को शुद्ध कर उन्हें भाषा में दक्ष करने का मुहिम चला रहे हैं। सर्वेशकांत वर्मा सबसे पहले इण्टर तक की कक्षाओं में हिन्दी विषयाध्यापकों की सहायता से छात्रों को श्रुतलेख लिखवाते हैं। इसी के माध्यम से छात्रों के वर्तनी ज्ञान की परख कर लेते हैं। नशा उन्मूलन को लेकर कर रहे है जागरूक- सर्वेशकान्त वर्मा बीड़ी,सिगरेट,तंबाकू,गुटखा छोड़ने को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे है। यह अपने प्रयास से लगभग साठ लोगो को इन आदतों से छुटकारा दिला चुके है। यह अपने जेब में मुलेहटी लेकर चलते है।बीड़ी,सिगरेट,तंबाकू,गुटखा खाने वालों को नशे की तलब होने पर मुलेहठी खाने के लिए कहते है।
Sep 14 2024, 06:46