रूस-यूक्रेन जंग रूकवाने के लिए भारत प्रयासरत, रूस पहुंचे डोभाल तो जयशंकर ने जर्मनी से दिया संदेश
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यूक्रेन और रूस के बीच विध्वंसक युद्ध जारी है। वहीं, दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन जंग खत्म करवाने के लिए भारत का प्रयास भी जारी है। भारत युद्ध के शांतिपूर्ण हल के पक्ष में है। भारत ने इस दिशा में कोशिश भी शुरू कर दी है। पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मॉस्को पहुंचे हैं।कहा जा रहा है कि अजीत डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्तावित शांति प्लान लेकर मॉस्को पहुंचे हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सेंट पीटर्सबर्ग में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु से मुलाकात की। दोनों शीर्ष अधिकारियों की बैठक में यूक्रेन संघर्ष का समाधान खोजने में भारत की संभावित भूमिका और 'पारस्परिक हितों' के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 23 अगस्त को कीव में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत को लेकर भी दोनों एनएसए के बीच बातचीत हुई।
वहीं, भारतीय विदेश मंत्री इस वक्त जर्मनी में हैं, जहां उन्होंने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से मुलाकात की है। इसके अलावा वार्षिक राजदूत सम्मेलन में वह अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव समेत अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से मिले थे। इस दौरान भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति के लिए सभी को प्रेरित किया।विदेश मंत्री ने कहा है कि, भारत इसके लिए तैयार है। इस बाबत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एनएसए की एक महत्वपूर्ण बैठक करने के लिए मॉस्को में हैं। जयशंकर ने कहा है कि रूस और यूक्रेन को युद्ध के मैदान से बाहर बातचीत करके अपने संघर्ष को हल करना होगा और भारत उन्हें सलाह देने को तैयार है।
भारत ने रूस के सामने रखा है 4 पॉइंट फॉर्मूला
बर्लिन में मौजूद विदेश मंत्री बुधवार को रूस-यूक्रेन जंग को रुकवाने में भारत की भूमिका स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि भारत ने जंग रुकवाने के लिए रूस के सामने 4 पॉइंट फॉर्मूला रखा है. युद्ध को लेकर पूछे गए सवाल पर एस जयशंकर ने कहा, ‘भारत चार सिद्धांतों में विश्वास करता है। 1. यह शांति का समय होना चाहिए; 2. युद्ध के मैदान पर कोई समाधान नहीं होगा; 3. किसी भी सफल शांति प्रक्रिया के लिए रूस को बातचीत की मेज पर होना चाहिए; और 4; भारत संघर्ष को हल करने का तरीका खोजने की कोशिश में “चिंतित और संलग्न” है।
रूस और यूक्रेन रूस और यूक्रेन क्या स्वीकार करेंगे प्रस्ताव
भारत द्वारा तैयार प्रस्ताव को क्या रूस और यूक्रेन स्वीकार करेंगे, इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। मगर सूत्र कहते हैं कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति को लेकर पहला प्रस्ताव तैयार कर दिया है। जिसे पुतिन और जेलेंस्की के सामने पेश किया जाएगा। भारत ने संघर्ष को समाप्त करने में दोनों देशों को मदद की पेशकश की है। अपनी यूक्रेन यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति वज़ेलेंस्की से कहा था कि भारत शांति बहाल करने के हर प्रयास में "सक्रिय भूमिका" निभाने के लिए हमेशा तैयार है और वह संघर्ष को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देना चाहेंगे। बता दें कि पीएम मोदी एक मात्र ऐसे बड़े नेता हैं, जिनके पुतिन और ज़ेलेंस्की दोनों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। यही वजह है कि दोनों देशों की उनकी हालिया यात्राओं के दौरान दोनों नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था।
क्या स्वीकार करेंगे प्रस्ताव
अब सवाल ये है कि क्या भारत द्वारा तैयार प्रस्ताव को क्या रूस और यूक्रेन स्वीकार करेंगे? इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। मगर सूत्र कहते हैं कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति को लेकर पहला प्रस्ताव तैयार कर दिया है। जिसे पुतिन और जेलेंस्की के सामने पेश किया जाएगा। भारत ने संघर्ष को समाप्त करने में दोनों देशों को मदद की पेशकश की है।
रूस-यूक्रेन दोनों भारत की मध्यस्थता के लिए तैयार
बता दें कि अजीत डोभाल की रूस यात्रा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा के ढाई सप्ताह बाद हो रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ अपनी मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस यूक्रेन युद्ध तुरंत समाप्त करने की अपील की थी और कहा था कि भारत क्षेत्र में शांति बहाली के लिए सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। वहीं पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी अपने बयान में कहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए वह भारत, चीन और ब्राजील की मध्यस्थता को स्वीकार कर सकते हैं।
Sep 12 2024, 18:12