बिहार का कुख्यात 2 लाख का इनामी रंजीत गिरफ्तार, एसटीएफ की टीम ने उत्तराखंड से दबोचा
डेस्क : बिहार एसटीएफ को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ की टीम ने बालू घाटों पर वर्चस्व कायम कर इसके ठेकेदारों से उगाही करने वाले और कई हत्या के मामले में फरार कुख्यात अपराधी रंजीत चौधरी को उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार कर लिया है।
दो लाख रुपये के इस इनामी बालू माफिया को बिहार और उत्तराखंड एसटीएफ ने बड़ी मशक्कत के बाद दबोचने में कामयाबी हासिल की। इसके खिलाफ पटना, भोजपुर के अलावा झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के विभिन्न थानों में संगीन अपराध से जुड़े 27 मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या, लूट, रंगदारी, आर्म्स एक्ट, पुलिस पर हमला करने समेत अन्य जघन्य आपराधिक मामले शामिल हैं। करीब दो दर्जन गंभीर आपराधिक मामलों में उसकी सीधे तौर पर संलिप्तता पाई गई है। इस पर बिहार और झारखंड में सिर्फ हत्या के 11 मामले दर्ज हैं। पटना और भोजपुर के बालू ठेकेदारों से रंगदारी वसूलने में इसका नाम प्रमुखता से सामने आता रहा है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार कुख्यात रंजीत चौधरी ने रानीतालाब में साथियों के साथ मिलकर 6 नवंबर 2023 को बालू ठेकेदार देवराज की हत्या कर दी थी। यह हत्या उसने रंगदारी नहीं देने के कारण की थी। ताकि, अन्य बालू कारोबारियों में उसका खौफ पनप सके। बालू ठेकेदार देवराज बिक्रम के रानीतालाब थाना क्षेत्र के निसरपुरा गांव का रहने वाला था।
पटना के आसपास के इलाकों में बालू घाटों पर वर्चस्व को लेकर उसकी कई दूसरे अपराधियों और पुलिस से भी मुठभेड़ हो चुकी है। बालू घाट वाले इलाकों में दहशत बरकरार रखने के लिए वह अक्सर गोलीबारी की घटनाओं को अंजाम देता रहता था। जिला पुलिस को काफी समय से उसकी तलाश थी, लेकिन वह फरार चल रहा था। रंजीत चौधरी मूल रूप से भोजपुर के उदवंतनगर थाने के बेलाउर का रहने वाला है।
इसके अलावा 21 अक्टूबर 2023 को भोजपुर जिले में बालू घाट के वर्चस्व को लेकर बक्सर जिला औद्योगिक थाना के अर्जुनपुर गांव के रहने वाले राकेश कुमार की हत्या गोली मारकर कर दी थी। ऐसे अन्य हत्याकांडों को भी वह अंजाम देता रहा, ताकि वह दहशत बनाकर बालू ठेकेदारों से वसूली कर सके। 29 फरवरी 2024 को आरा कोर्ट के गेट पर अपने गांव के गोपाल चौधरी को गोली मारकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था। एक मामले में गोपाल चौधरी गवाह था।
कुख्यात रंजीत चौधरी पर झारखंड के जमशेदपुर में वर्ष 2015 में बिल्डर रामसकल यादव की हत्या का आरोप है। रंजीत ने एक अगस्त 2015 को जुबिली पार्क में मॉर्निंग वॉकिंग पर गए रामसकल यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में झामुमो नेता उपेंद्र सिंह का नाम भी आया था और वे जेल गए थे। पुलिस के अनुसार रंजीत रामसकल यादव की हत्या के बाद फरार हो गया था। इस हत्याकांड में औरंगाबाद के मनोज सिंह और उसके बेटे बंटी सिंह ने भी रंजीत साथ दिया था।
Sep 08 2024, 10:04