पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से लगातार 11वीं बार फहराया तिरंगा, बोले- अनगिनत वीरों को हम नमन कर रहे
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देशभर में आज जश्न-ए-आजादी की धूम है। भारत आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से लगातार 11वीं बार स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा कि यह दिन उन अनगिनत लोगों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया और संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि देश आजादी के दीवानों का कर्जदार है। पीएम मोदी ने लाल किले से कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों ये हमारा स्वर्णिम काल खंड है, ये मौका हमें जाने नहीं देना है।
हमें गर्व है कि हमारे पास 40 करोड़ लोगों का खून: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों से, प्राकृतिक आपदा के कारण, हमारी चिंताएं बढ़ रही हैं। कई लोगों ने प्राकृतिक आपदा में अपने परिवार के सदस्यों, संपत्ति को खो दिया है. देश को भी नुकसान हुआ है। आज, मैं उन सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि संकट की इस घड़ी में यह देश उनके साथ खड़ा है। लाल किले पर पीएम मोदी ने कहा, हमें गर्व है कि हमारे पास उन 40 करोड़ लोगों का खून है, जिन्होंने भारत से औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंका…आज, हम 140 करोड़ लोग हैं, अगर हम संकल्प करें और एक दिशा में एक साथ आगे बढ़ें, तभी हम रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को पार करके 2047 तक ‘विकसित भारत’ बन सकते हैं।
युवा, किसान, महिला गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं। अभावों के बीच स्वतंत्रता के प्रति इनकी निष्ठा, लोकतंत्र के प्रति इनकी श्रद्धा पूरे विश्व के लिए प्रेरक घटना है। जरा आजादी से पहले के वो दिन याद करें। सैकड़ों साल की गुलामी और उसका हर कालखंड संघर्ष का रहा. युवा हो, किसान हो, महिला हो या आदिवासी हों… वो गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। इतिहास गवाह है, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व भी हमारे देश के कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जा रही थी।
आज देश आकांक्षाओं से भरा हुआ: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश आकांक्षाओं से भरा हुआ है। हमारी कोशिश है कि हर सेक्टर में कार्य को गति दें। तेज गति दें। पहले हम सेक्टर में नए अवसर पैदा करें। दूसरा ढांचे में बदलाव करें और नागरिकों की सुविधाओं पर ध्यान दें। आज समाज खुद विश्वास से भरा हुआ है। हम एक ललक लेकर आगे बढ़ रहे हैं। प्रति व्यक्ति आय हम दोगुनी करने में सफल हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि विदेश मुद्रा भंडार में इजाफा हुआ है।





भारत आज यानि कि 15 अगस्त 2023 को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।इस आजादी को पाने के लिए न जाने कितने वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी।कई सालों के संघर्ष के बाद ब्रिटिश संसद ने आखिरकार भारत को आज़ाद करने का फ़ैसला किया। भारत के अंतिम ब्रिटिश गवर्नर जनरल लुइस माउंटबेटन को 30 जून, 1948 तक भारत को सत्ता हस्तांतरित करने का आदेश दिया। हालांकि, माउंटबेटन ने तारीख को आगे बढ़ाने का फैसला किया और भारत सरकार को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए 15 अगस्त, 1947 को चुना। ब्रिटिश हुकूमत से भारत 30 जून 1948 को ही आजाद हो गया था। यानि कि 30 जून को भारत को अंग्रेजों ने सत्ता सौंप दी थी। लेकिन उसी समय नेहरू और जिन्ना के बीच भारत व पाकिस्तान के बंटवारे का मुद्दा शुरू हो गया। इस दौरान मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान की मांग कर दी। जिसके बाद सांप्रदायिक दंगे की संभावना बढ़ गई। जिसके बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को ही आजादी करने का फैसला लिया गया। भारत की आजादी को लेकर 4 जुलाई 1947 को माउण्टबेटन द्वारा ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स में इंडियन इंडिपेंडेंस बिल पेश किया गया था। इस बिल को ब्रिटिश संसद द्वारा तुरंत मंजूरी दे दी गई और 15 अगस्त 1947 के दिन भारत को आजादी देने की घोषणा कर दी गई। यह दिन भारत के आखिरी वायसराय लोर्ड माउण्टबेटन के लिए बेहद खास था। उन्होंने इस कदम को दो कारणों से उचित ठहराया। सबसे पहले, उन्होंने कहा कि वे रक्तपात या दंगे नहीं चाहते थे, और दूसरा माउंटबेटन ने 15 अगस्त को इसलिए चुना क्योंकि यह तारीख द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी वर्षगांठ थी। 15 अगस्त 1945 को द्वितीय विश्र्व युद्ध के दौरान जापानी आर्मी ने ब्रिटिश सरकार के सामने घुटने टेक दिए थे। जापान के आत्मसमर्पण के कारण 15 अगस्त उनके लिए एक खास दिन था।
Aug 15 2024, 10:22
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