अफ्रीका से लौटने के बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन का नारा दिया
संभल क्रांति दिवस के अवसर पर जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं ने तरीन केंपस चौधरी सराय में एक गोष्ठी का आयोजन किया।
जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में 9 अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर गोष्ठी में बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि जब भारत अंग्रेजों की गुलामी में था उस समय अंग्रेजों के द्वारा भारतीयों पर किए जा रहे अत्याचार के विरुद्ध आवाज बुलंद करने के लिए ए औ हयूम नामक एक अंग्रेज ने 1885 मै कांग्रेस की स्थापना की बाद में कांग्रेस पार्टी ने आजादी के आंदोलन का नेतृत्व किया अफ्रीका से लौटने के बाद महात्मा गांधी जी ने असहयोग आंदोलन का नारा दिया ।
जिसमें अंग्रेज शासन के कानून का सहयोग न करने का प्रस्ताव पारित हुआ और जब भारतीयों में राष्ट्रीयता की भावना जागने लगी तब सविनय अवज्ञा आंदोलन का नारा दिया जिसके तहत अंग्रेजी कानून को तोड़ना था और नमक आंदोलन कर इसकी शुरुआत की गई इसके उपरांत भारतीयों में आजादी की लहर तेजी से दौड़ने लगी तभी अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा दिया गया जिसमें एक सभा में बोलने के दौरान महात्मा गांधी ने कहा कि मैं तुम्हें एक मंत्र देता हूं करो या मरो अर्थात आजादी के लिए कुछ करो अन्यथा देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दो जिससे अंग्रेज बोखला गए और 9 अगस्त की सुबह को सभी नेताओं को अलग-अलग जेल में डाल दिया गया ।
जिसमें मुख्य महात्मा गांधी जी पंडित जवाहरलाल नेहरू जी मौलाना अब्दुल कलाम जी सरदार वल्लभभाई पटेल जी आदि स्वतंत्रता सेनानी शामिल थे इसके बाद पूरे देश में जैसे आग लग गई लोग अहिंसा का मार्ग छोड़कर हिंसात्मक हो गए और अंग्रेजों को लगा कि अब हम भारत में अधिक दिनों तक राज नहीं कर सकते इसके उपरांत परिणाम यह हुआ कि 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा इतना सब कांग्रेस के नेतृत्व में संभव हो सका ।
इस अवसर पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय शर्मा संभल शहर अध्यक्ष तौकीर अहमद मुशीर खान तरीन आरिफ तुर्की आरिफ खान तनवीर सुभानी दिलशाद सैफी मौअजजम हुसैन कलीम खान इफ्तिखार कुरैशी जीशान बब्बू खान फिरासत हुसैन इरफान खान पप्पू कश्यप आदि उपस्थित रहे
Aug 09 2024, 19:53