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सरकार का शिक्षा और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण की बड़ी बातें

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संसद के बजट सत्र आगाज हो गया है। आज सत्र का पहला दिन है। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र से पहले अपने अभिभाषण में प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा, देश में महाकुंभ का सांस्कृतिक पर्व भी चल रहा है। देश और दुनिया से आए करोड़ों श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। मौनी अमावस्या के दिन हुई हादसे पर दुख व्यक्त करती हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। वहीं, राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए सरकार कई उपलब्धियों का जिक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को आज मेरी सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि मुद्रा लोन सीमा बढ़ाई गई है। वंदे भारत और नमो ट्रेनें चल रही हैं। मेरी सरकार ने तीसरी कार्यकाल ने सभी के आवास की पूर्ति के लिए ठोस कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री आवास का विस्तार करते हुए 3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को घर देने का फैसला किया गया है।

सरकार ने सवा दो लाख स्वामित्व कार्ड जारी किए- राष्ट्रपति मुर्मू

अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, मेरी सरकार गांव में गरीबों और उनकी आवासीय भूमि का हक देने के लिए प्रतिबद्ध है। अब तक 2 करोड़ 25 लाख स्वामित्व कार्ड जारी किए गए हैं। इनमें से 70 लाख स्वामित्व कार्ड पिछले 6 महीने जारी किए गए हैं।

भारत को ग्लोबल पावर हाउस बनाने का लक्ष्य- राष्ट्रपति मुर्मू

संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, विकसित भारत के निर्माण में किसान, जवान और विज्ञान के साथ ही अनुसंधान का बहुत अहम रोल होता है। हमारा लक्ष्य भारत को ग्लोबल पावर हाउस बनाना है। देश के शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार करोड़ की लागत से अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन स्थापित किया गया है।

भारत टेक्नॉलजी के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज करा रहा- राष्ट्रपति मुर्मू

बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, आज भारत टेक्नॉलजी के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज करा रहा है। भारत की यूपीआई तकनीक की सफलता से दुनिया के कई देश देख रहे हैं। मेरी सरकार ने डिजिटल तकनीक को सामाजिक न्याय और सफलता के एक टूल के रूप में इस्तेमाल कर रही है। भारत में छोटे से छोटा दुकानदार भी इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।

सरकार ने व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा दिया- राष्ट्रपति मुर्मू

संसद में अपने संयुक्त संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत में एआई के लिए सरकार की योजना पर चर्चा की। उन्होंने कहा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत के योगदान को आगे बढ़ाते हुए, “भारत एआई मिशन” शुरू किया गया है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के साथ, भारत इस अग्रणी प्रौद्योगिकी में दुनिया के अग्रणी देशों में अपना स्थान बना सकेगा। कोविड और उसके बाद की स्थिति और युद्ध जैसी वैश्विक चिंताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने जो स्थिरता और लचीलापन दिखाया है, वह इसकी मजबूती का प्रमाण है। मेरी सरकार ने व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

मेट्रो नेटवर्क के मामले में भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना पूरी हो गई है और अब देश कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे लाइन से जुड़ जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत चिनाब ब्रिज का निर्माण किया गया है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है। भारत का मेट्रो नेटवर्क अब एक हजार किलोमीटर के मील के पत्थर को पार कर गया है। भारत अब मेट्रो नेटवर्क के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।

एशिया रैंकिंग में हमारे 163 विश्वविद्यालय शामिल- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति ने कहा कि 'एशिया रैंकिंग में हमारे 163 विश्वविद्यालय शामिल हुए हैं। नालंदा विश्वविद्यालय के जरिए भारत का पुराना गौरव वापस लाया गया है। वो दिन दूर नहीं, जब भारत में निर्मित गगनयान में एक भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा। कुछ दिन पहले इसरो ने स्पेस डॉकिंग की उपलब्धि हासिल की और हाल ही में इसरो ने सैटेलाइट लॉन्च में भी बड़ी उपलब्धि हासिल की। दिव्यांगों के लिए ग्वालियर में विशेष केंद्र खोला गया है। हाल ही में चेस में भी भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

हमारा लक्ष्य भारत को इनोवेशन ग्लोबल पावरहाउस बनाना- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को इनोवेशन ग्लोबल पावरहाउस बनाना है। अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रपति ने कहा मेरी सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से छात्रों के लिए एक आधुनिक शिक्षा प्रणाली तैयार कर रही है। कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे, इसीलिए मातृभाषा में शिक्षा के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेरह भारतीय भाषाओं में विभिन्न भर्ती परीक्षाएं आयोजित करके भाषा की बाधाओं को भी दूर किया गया है। ओलंपिक हो या पैरालिंपिक, भारतीय टीमों ने हर जगह अच्छा प्रदर्शन किया है। फिट इंडिया मूवमेंट चलाकर हम मजबूत युवा शक्ति तैयार कर रहे हैं।

बजट सत्र से पहले पीएम मोदी ने मां लक्ष्मी को किया प्रणाम, बोले-गरीबों-मध्यम वर्ग पर बनी रहे उनकी कृपा

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आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। 18वीं लोकसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज बजट सत्र के प्रारंभ में मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रणाम करता हूं। ऐसे अवसर पर सदियों से हमारे यहां मां लक्ष्मी का पुण्य स्मरण किया जाता है। मां लक्ष्मी हमें सिद्धि और विवेक देती हैं। समृद्धि और कल्याण भी देती हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्गीय समुदाय पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे।

मिशन मोड पर काम कर रहे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि देश की जनता ने मुझे तीसरी बार ये दायित्व दिया है, इस कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है और मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे। विकसित भारत का संकल्प जो भारत ने लिए है ये बजट नया विश्वास और नई ऊर्जा देगा की देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा तो देश विकसित होकर रहेगा। हम हर तरह से जनता के कल्याण के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं।

इस सत्र में कई ऐतिहासिक बिल पेश किए जाएंगे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि इस सत्र में कई ऐतिहासिक बिल पेश किए जाएंगे। व्यापक मंथन के साथ वो राष्ट्र की ताकत बढ़ाने का काम करने वाला कानून बनेंगे। विशेषकर नारी शक्ति को गौरव को फिर से स्थापित करना, पंथ संप्रदाय के भेद से मुक्त होकर हर नारी को सम्मानपूर्ण जीवन मिले उसको भी समान अधिकार मिले उस दिशा में इस सत्र में कई अहम निर्णय लिए जाएंगे।

बता दें किसरकार की तैयारी बजट सत्र के पहले ही चरण में वक्फ संशोधन बिल के साथ कुछ अन्य विधेयकों को पेश करने की है। वक्फ (संशोधन) बिल के साथ मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक भी पेश किया जाएगा। इसके अलावा विमान वस्तुओं में हितों का संरक्षण विधेयक, त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक और आव्रजन और विदेशी विधेयक भी शामिल हैं। साथ ही वित्त विधेयक, 2025 व संबंधित अनुदान मांगों तथा विनियोग विधेयकों को भी पेश किया जाएगा। ऐसे 10 अन्य विधेयक भी हैं, जो पिछले सत्र से दोनों सदनों में लंबित हैं।

सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी

दिल्ली विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच संसद का बजट सत्र शुक्रवार को आरंभ होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। सर्वेक्षण देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का लेखा-जोखा पेश करेगा। साथ ही इसमें कृषि, इंडस्ट्री और सर्विस क्षेत्र के प्रमुख रुझानों के साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और चुनौतियों से निपटने के लिए नीतिगत सुझाव भी होंगे। वित्त मंत्री सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट और अपना लगातार आठवां बजट शनिवार को पेश करेंगी।

संसद का बजट सत्र आज से, राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद पेश होगा इकोनॉमिक सर्वे

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संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है।बजट सत्र की शुरुआत आज राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू सुबह 11 बजे लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। इसके बाद, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा और राज्यसभा दोनों में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश करेंगी। आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगी।

बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। सत्र का पहला भाग 13 फरवरी को समाप्त होगा और दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होगा। उम्मीद है कि बजट 2025 देश की कर प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में देश की समग्र वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

भारत का राजकोषीय घाटा

सरकार ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 4.9% राजकोषीय घाटा लक्ष्य निर्धारित किया है। अपनी राजकोषीय समेकन योजना के हिस्से के रूप में, इसका उद्देश्य वित्त वर्ष 26 में इस घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5% तक कम करना है। नतीजतन, वित्त वर्ष 26 के बजट के लिए घाटे के लक्ष्य पर बाज़ारों की कड़ी नज़र रहेगी।

बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक

बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में कुंभ का मुद्दा छाया। विपक्ष ने राजनीतिक पर्यटन और वीवीआईपी व्यवस्था का आरोप लगाया। विपक्ष ने कुंभ हादसे को लेकर संसद में चर्चा की मांग की और मरनेवालों की संख्या नहीं बताने का आरोप लगाया। इसके अलावा विपक्षी सांसदों ने वक्फ पर बनी JPC के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए। इसके साथ ही विपक्षी दलों ने संविधान, आर्थिक स्थिति, रोजगार, मणिपुर, रुपए में गिरावट जैसे मुद्दे पर संसद सत्र में चर्चा की मांग की। विपक्ष के कुंभ समेत कई मुद्दों पर चर्चा की मांग पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बीएसी में चर्चा करके तय करेंगे। सर्वदलीय बैठक में 36 दलों के 52 नेताओं ने हिस्सा लिया।

वक्फ बोर्ड को मिली जेपीसी की हरी झंडी, विपक्ष ने जताई असहमति, शुरू हुआ वार-पलटवार

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वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर बुधवार को संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की बैठक हुई है। इस दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट 14 से 11 वोटों से पारित हो गई है। जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बुधवार को कहा समिति ने मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को बहुमत से स्वीकार कर लिया। सांसदों को अपनी असहमति दर्ज कराने के लिए शाम चार बजे तक का समय दिया गया है। विपक्षी सांसदों ने इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया और दावा किया कि उन्हें अंतिम रिपोर्ट का अध्ययन करने और अपने असहमति नोट तैयार करने के लिए बहुत कम समय दिया गया।

जेपीसी की बैठक पर कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने कहा, कई आपत्तियां और सुझाव आए थे जिन्हें इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। सरकार ने अपने अनुसार रिपोर्ट बनाई है. असंवैधानिक संशोधन लाए गए हैं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाया गया है। अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए संशोधन लाए गए हैं।

वहीं, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर हुई जेपीसी की बैठक पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, हमें कल रात 655 पन्नों की रिपोर्ट मिली। रात भर 655 पन्नों की रिपोर्ट पढ़ना असंभव है। मैंने उन संशोधनों के खिलाफ असहमति रिपोर्ट दी है जो वक्फ बोर्ड के पक्ष में नहीं है। मैं संसद में भी इस विधेयक का विरोध करूंगा।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, मैंने अपना असहमति नोट दे दिया है। हमें कल रात 7:55 बजे 656 पन्नों का मसौदा रिपोर्ट मिला। पीड़ितों के बयान पर गौर नहीं किया गया है। हमने विचार-विमर्श के दौरान जो कहा उस पर ध्यान नहीं दिया गया। सवाल यह उठता है कि हितधारकों की जो राय हमने व्यक्त की, वह चेयरमैन को पसंद क्यों नहीं आई? मेरे हिसाब से जेपीसी की कार्यवाही मखौल बनकर रह गई है।

बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था। विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है। इस बीच समिति के सदस्यों के बीच तनातनी देखने मिली। जहां एक तरफ सरकार ने इसे सफलता बताया तो वहीं विपक्ष ने कहा कि उनकी बातें नहीं सुनी गई।

विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जेपीसी की बैठक खत्म हो चुकी है। जेपीसी ने 11 के मुकाबले 14 वोट से स्वीकार कर लिया। इससे पहले जेपीसी ने सोमवार को भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सदस्यों ने प्रस्तावित 14 संशोधनों के साथ वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दी थी। विपक्षी सांसदों ने 44 बदलाव पेश किए थे जिन्हें खारिज कर दिया गया था।

वक्फ पर जेपीसी की बैठक में बवाल, बुलाना पड़ा मार्शल, ओवैसी-कल्याण समेत 10 विपक्षी सांसद सस्पेंड

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वक्फ संशोधन विधेयक की समीक्षा के गठित संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। शुक्रवार को दिल्ली में हुई बैठक में तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे में तीखी नोकझोंक हुई। देखते ही देखते बैठक में हंगामा शुरू हो गया। हालात काबू में न आते देख मार्शल बुलाए गए। जिसके बाद 10 सांसदों को समिति की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया और बैठक को 27 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया। यह पहली बार नहीं है जब जेपीसी की बैठक में हंगामा हुआ हो। इससे पहले भी इस बैठक में विवाद हो चुके हैं।

बैठक में बिल पर क्लॉज-दर-क्लॉज चर्चा होगी और रिपोर्ट के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा। मगर बैठक के पहले दिन ही इस पर जमकर हंगामा हो गया। वक्फ पर बनी जेपीसी में विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा हंगामे के पीछे का मुख्य कारण समिति के सदस्यों की ये मांग थी कि रिपोर्ट एडॉप्ट की तारीख को 31 जनवरी किया जाए। समिति की रिपोर्ट तैयार करने से पहले क्लॉज दर क्लॉज अमेंडमेंट पर चर्चा के लिए पहले 24 और 25 जनवरी की तारीख तय की गई थी। लेकिन कल गुरुवार की देर रात वो तिथि चेंज करके 27 जनवरी कर दी गई थी।

बताया जा रहा है कि कल्याण बनर्जी ने पूछा कि बैठक को इतनी जल्दबाजी में क्यों बुलाया जा रहा है। इस पर निशिकांत दुबे ने आपत्ति दर्ज कराई. इसके बाद दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई।बैठक में हुए हंगामे के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक से सभी 10 विपक्षी सांसदों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित विपक्षी सांसदों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, नासिर हुसैन, मोहिबुल्लाह, एम अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीमुल हक, इमरान मसूद शामिल हैं।

समिति में विपक्षी दलों के सांसदों की ये मांग थी कि क्लॉज बाय क्लॉज के लिए बैठक 27 जनवरी की जगह 31 जनवरी कर दिया जाए। अरविंद सावंत ने कहा कि समय नहीं दिया, जल्दबाजी कर रहे हैं। 10 सदस्यों को आज भर के लिए सस्पेंड कर दिया है। हम 31 को क्लॉज-दर-क्लॉज चर्चा चाहते थे पर ये 27 जनवरी पर अड़े हैं।

2024 के चुनाव पर मार्क जकरबर्ग ने ऐसा क्या कहा नाराज हो गया भारत? संसदीय समिति भेजेगी समन
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* फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग के बयानों ने उनकी कंपनी मेटा को मुश्किल में डाल दिया है। मामला 2024 के लोकसभा चुनाव पर जकरबर्ग की टिप्पणी से जुड़ा है। मार्क जकरबर्ग ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के नतीजों से जुड़ी गलत जानकारी शेयर की। एक 'द जो रोगन एक्सपीरियंस' नामक पॉडकास्ट के दौरान मार्क जुकरबर्ग ने गलत दावा किया कि साल 2024 दुनिया के लिए उथल-पुथल का समय रहा। वहीं, भारत सहित कई देशों में सत्ता पलट गई। मार्क जुकरबर्ग की चुनावों पर की गई टिप्पणी के चलते भारत की संसदीय पैनल ने कंपनी के खिलाफ समन जारी करने का मन बना लिया है। भाजपा सांसद और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर सदन पैनल के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने कहा कि गलत सूचना फैलाने के आधार पर मेटा को समन भेजा जाएगा। निशिकांत दुबे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, एक लोकतांत्रिक देश के बारे में गलत सूचना उसकी छवि को खराब करती है। संगठन को इस गलती के लिए संसद और यहां के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।मेरी समिति इस गलत सूचना के लिए मेटा को बुलाएगी। जवाब के लिए मेटा को कितना समय दिया जाएगा, इस पर दुबे ने कहा, हमारी समिति कल से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दौरे पर जाएगी। हमारी समिति 20 जनवरी को यात्रा समाप्त करेगी। हम वहां समिति के सदस्यों से बात करेंगे। हम उन्हें 20 से 24 जनवरी के बीच उपस्थित रहने के लिए कहेंगे। *अश्विनी वैष्णव ने जकबर्ग को दिखाया आईना* इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जकरबर्ग की टिप्पणी का फैक्ट चेक किया और कहा कि भारत के लोगों ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए में अपना विश्वास फिर से जताया है। मोदी 3.0 सरकार में रेलवे, सूचना और प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों को संभालने वाले वैष्णव ने अपनी एक एक्स पोस्ट में कहा, 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत ने 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं के साथ 2024 के चुनाव संपन्न कराए। भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए में अपना विश्वास फिर से जताया। जकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश सत्ताधारी सरकारें कोविड के बाद हार गईं, तथ्यात्मक रूप से गलत है।' *जुकरबर्ग ने जो रोगन के इंटरव्यू में ये बयान दिया* मार्क जुकरबर्ग जो रोगन के साथ एक पॉडकास्ट में कोविड-19 महामारी के बाद सरकारों में विश्वास की कमी पर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2024 एक बड़ा चुनावी साल था। भारत समेत इन सभी देशों में चुनाव थे। लगभग सभी सत्ताधारी चुनाव हार गए। पूरे साल में किसी न किसी तरह की वैश्विक घटना हुई। चाहे वो मुद्रास्फीति के कारण हो। कोविड से निपटने के लिए आर्थिक नीतियों के कारण या सरकारों द्वारा कोविड से निपटने के तरीके के कारण। ऐसा लगता है कि इसका प्रभाव वैश्विक था। लोगों की नाराजगी और गुस्से ने दुनिया भर में चुनाव परिणामों को प्रभावित किया। सभी सत्तासीन लोग हार गए। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भी हार गई। *तीसरी बार सत्ता में लौटी बीजेपी* बता दें कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल करने वाली बीजेपी को 2024 के आम चुनाव में कुछ झटके लगे और वह बहुमत के निशान से नीचे रही। हालांकि, गठबंधन दल के साथियों के साथ बीजेपी ने सत्ता कायम रखी। मोदी 3.0 के साथ, प्रधानमंत्री मोदी जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार तीन बार शीर्ष पद पाने वाले दूसरे भारतीय प्रधानमंत्री बन गए।
अडाणी-अंबेडकर मुद्दे की भेंट चढ़ा संसद का शीतकालीन सत्र, जानें 20 दिनों में कितना काम-कितना नुकसान

#parliamentwintersessionlossof84crores

18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार (20 दिसंबर) को समाप्त हो गया। यह सत्र 25 नवंबर से शुरू हुआ था जो 20 दिसंबर तक चला। इस दौरान अलग-अलग मुद्दों को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। धक्का-मुक्की तक हो गई। बीजेपी के दो सांसद घायल हो गए। राहुल गांधी पर केस भी दर्ज हुआ। संसद के शीतकालीन सत्र में 20 दिन का कामकाज हुआ। इस दौरान पूरे सत्र में कुल 20 बैठकें हुईं। दोनों सदन (लोकसभा और राज्यसभा) में लगभग 105 घंटे कार्यवाही चली।

सत्र के दौरान लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 57.87%, राज्यसभा में 41% रही। सदन में कुल चार बिल पेश किए गए। हालांकि, कोई पारित नहीं हो सका। सबसे चर्चित एक देश, एक चुनाव के लिए पेश हुआ 129 वें संविधान (संशोधन) बिल रहा। बिल को 39 सदस्यीय जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) को भेज दिया गया है।

20 में से 12 दिन लोकसभा में प्रश्न काल 10 मिनट से ज्यादा नहीं चला

संविधान पर चर्चा के दौरान लोकसभा में 16 घंटे जबकि राज्यसभा में 17 घंटे बहस हुई। चर्चा के लिए लोकसभा ने शनिवार की छुट्टी के दिन भी काम हुआ। वहीं, लेजिस्लेटिव थिंक टैंक पीआरएस इंडिया के अनुसार 20 दिनों की कार्यवाही में से लोकसभा में 12 दिन प्रश्न काल 10 मिनट से ज्यादा नहीं चल सका।

राज्यसभा में 43 प्रतिशत ही कामकाज हो सका

सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले बताया कि राज्यसभा के 266वें सत्र में 43 प्रतिशत ही कामकाज हो सका। उन्होंने कहा कि सदन में कुल 43.27 घंटे ही प्रभावी कार्यवाही हुई, जिसमें दो विधेयक पारित किए गए और भारत-चीन संबंधों पर विदेश मंत्री का बयान हुआ।

शीतकालीन सत्र में 84 करोड़ का नुकसान

20 दिन संसद के शीतकालीन सत्र में कामकाज ना होने का अनुमानित नुकसान 84 करोड़ है। ये पैसे आपकी और हमारे टैक्स से जुटाए जाते हैं। संसद की कार्यवाही पर प्रति मिनट करीब 2.50 लाख रुपये खर्च होते हैं। लोकसभा और राज्यसभा में कामकाज के घंटे गिने जाए तो लोकसभा में 61 घंटे 55 मिनट काम हुआ तो राज्यसभा में 43 घंटे 39 मिनट कामकाज हुआ। लोकसभा में 20 बैठकें और राज्यसभा में 19 बैठकें हुई। यह तो हुई नुकसान के आंकड़ों की बात, लेकिन इस बार सत्र में एक और रिकॉर्ड बना है। हालांकि इस रिकॉर्ड का परिणाम सुखद नहीं है। 1999 से 2004 के बीच 13वीं लोकसभा में दो सत्रों के दौरान 38 बिल पेश किए गए, जिनमें से 21 पास हुए 2004 से 2009 के दौरान 14वीं लोकसभा में 30 बिल पेश हुए 10 पास हो गए।

संसद में प्रदर्शन के दौरान धक्का-मुक्की, बीजेपी के 2 सांसद घायल, राहुल ने मारा धक्का?

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संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामा हो रहा है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान दोनों दलों के सांसदों के बीच मकर द्वार पर धक्कामुक्की की खबर आई। भाजपा सांसद प्रताप सारंगी के सिर में चोट देखी गई। इस दौरान भाजपा सांसद मुकेश राजपूत भी घायल हो गए। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें आरएमएल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। सारंगी का इलाज भी इसी अस्पताल में चल रहा है।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा, आज संसद के मुख्य द्वार में भाजपा-एनडीए सांसदों का प्रदर्शन चल रहा था, राहुल गांधी और उनके सांसदों ने जबरदस्ती घुसकर अपना जो शारीरिक प्रदर्शन किया है, वो बहुत गलत है। संसद कोई शारीरिक ताकत दिखाने का प्लैटफ़ॉर्म नहीं है। राहुल गांधी ने भाजपा के 2 सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को जोर से धक्का दिया। राहुल गांधी ने जो धक्का-मुक्की की है, मैं उसका खंडन करता हूं। मैं राहुल गांधी से सवाल करना चाहता हूं कि अगर सब लोग अपनी ताकत दिखाकर मारपीट करने लग जाएंगे, तो संसद कैसे चलेगा? यह लोकतंत्र का मंदिर है, हमारे दोनों सांसद गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उनका इलाज चल रहा है।

इन आरोपों पर अब राहुल गांधी की भी प्रतिक्रिया आ गई है।लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं संसद के प्रवेश द्वार से अंदर जाने की कोशिश कर रहा था तो भाजपा सासंद मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे। मुझे धमका रहे थे, तो यह हुआ है। यह संसद का प्रवेश द्वार है और हमारा अंदर जाने का अधिकार है। मुख्य मुद्दा यह है कि वे संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं।

दरअसल, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर कांग्रेस ने संसद भवन परिसर में मार्च निकाला। जवाब में भाजपा ने कांग्रेस पर झूठ की राजनीति का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान संसद भवन के मकर द्वार पर दोनों दलों के सांसद आमने-सामने आ गए। दोनों के बीच धक्का-मुक्की की भी नौबत आई

लोकसभा में आज शाम पीएम मोदी का संबोधन, संविधान पर चर्चा का देंगे जवाब

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देश में संविधान के 75 साल पूरे होने पर संसद में चर्चा हो रही है। संविधान पर चर्चा के दौरान आज पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देंगे। पीएम मोदी से पहले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी लोकसभा में बोलेंगे। प्रधानमंत्री का भाषण शाम चार बजे के करीब होगा, जबकि राहुल गांधी का संबोधन करीब दो बजे के आसपास होगा।

लोकसभा में संविधान पर चर्चा का आज दूसरा दिन है। लोकसभा में 13 दिसंबर से दो दिवसीय संविधान पर चर्चा का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को इस चर्चा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने अपने-अपने भाषण दिए। राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में संविधान के एतिहासिक महत्व और देश के शासन को आकार देने में इसकी भूमिका पर जोर दिया। वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि ये देश भय से नहीं चल सकता।

राजनाथ सिंह करीब एक घंटे से ज्यादा वक्त तक भाषण दिया था। संविधान पर चर्चा करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान सिर्फ कानूनी दस्तावेज नहीं है बल्कि यह देश की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। संविधान से हमें सरकार चुनने का अधिकार मिला। संविधान ने हमें प्रजा से नागरिक का दर्जा दिया। संविधान ने हमें मौलिक अधिकार दिए। हमारा संविधान सर्व सक्षम है। संविधान निर्माण से जुड़े महापुरुषों को नमन करता हूं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।

राजनाथ सिंह का कांग्रेस पर वार

अपने भाषण में रक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत के संविधान का निर्माण केवल एक विशेष राजनीतिक दल ने नहीं किया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज लोग संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं। लेकिन ये समझने की जरूरत है कि किसने संविधान का सम्मान किया है और किसने अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन किया गया।कांग्रेस ने न केवल संविधान संशोधन किया है बल्कि दुर्भावना के साथ-साथ धीरे-धीरे संविधान को बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जब देश के पीएम थे,तो उस समय लगभग 17 बार संविधान में बदलाव किया गया। इंदिरा गांधी के समय लगभग 28 बार संविधान में बदलाव किए गए। राजीव गांधी के समय लगभग 10 बार और मनमोहन सिंह के वक्त 7 बार संविधान में बदलाव किया गया।

प्रियंका गांधी ने सत्ता पक्ष पर किया पलटवार

वहीं, लोकसभा में अपने पहले भाषण के दौरान प्रियंका गांधी 32 मिनट तक बोलीं। इस दौरान उन्होंने जातीय जनगणना, अदाणी मुद्दे, देश की एकता जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री पंडित नेहरू का जिक्र करके भी सत्ता पक्ष को घेरा।लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान हमारे देशवासियों के लिए एक सुरक्षा कवच है। यह न्याय, एकता, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण करता है। लेकिन सत्ताधारी दल ने पिछले 10 वर्षों में इस सुरक्षा कवच को तोड़ने का प्रयास किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश हो रही है। अगर चुनाव के नतीजे कुछ अलग होते, तो शायद संविधान बदलने का काम भी शुरू हो जाता। लेकिन जनता ने इसे रोक दिया।

राज्यसभा में भारी हंगामा, सभापति धनखड़ और खरगे के बीच तीखी बहस

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संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ।राज्यसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। राज्यसभा सभापति और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी बहस हुई।

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने और पक्षपातपूर्ण रवैये पर आज सदन में कहा, “मैं आपसे सोचने के लिए कहता हूं। अपने हाव-भाव देखें और आप क्या कह रहे हैं, इस पर भी गौर करें। मैंने इसे बहुत सहन कर लिया। आज का किसान सिर्फ खेती तक ही सीमित नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “पहले आप लोग नियमों को पढ़ें, अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो यह 14 दिनों में आएगा।” उन्होंने कहा, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप समय निकालें और मुझसे मिलें। अगर नहीं तो मैं आकर आपसे मिलूंगा।”

सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के व्यवहार पर कहा, “मैं किसान का बेटा हूं और मैं कमजोर नहीं पड़ूंगा। मैं इस देश के लिए मर जाऊंगा। आप सोचेंगे नहीं और सिर्फ आश्चर्य करेंगे कि एक किसान का बेटा इस पद पर क्यों बैठा है।

बहस के दौरान खरगे ने कहा कि हम यहां देश के लिए हैं आपकी तारीफ सुनने के लिए नहीं हैं। इस पर धनखड़ ने कहा कि देश जानता है कि आपको किसकी तारीफ पसंद है। खरगे ने कहा कि आप सदन को परंपरा से चलाइए। इस दौरान धनखड़ ने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं, झुकुंगा नहीं। जिसके बाद खरगे ने कहा कि आप किसान के बेटे हैं तो मैं भी मजदूर का बेटा हूं।

सरकार का शिक्षा और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण की बड़ी बातें

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संसद के बजट सत्र आगाज हो गया है। आज सत्र का पहला दिन है। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र से पहले अपने अभिभाषण में प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा, देश में महाकुंभ का सांस्कृतिक पर्व भी चल रहा है। देश और दुनिया से आए करोड़ों श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। मौनी अमावस्या के दिन हुई हादसे पर दुख व्यक्त करती हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। वहीं, राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए सरकार कई उपलब्धियों का जिक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को आज मेरी सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि मुद्रा लोन सीमा बढ़ाई गई है। वंदे भारत और नमो ट्रेनें चल रही हैं। मेरी सरकार ने तीसरी कार्यकाल ने सभी के आवास की पूर्ति के लिए ठोस कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री आवास का विस्तार करते हुए 3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को घर देने का फैसला किया गया है।

सरकार ने सवा दो लाख स्वामित्व कार्ड जारी किए- राष्ट्रपति मुर्मू

अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, मेरी सरकार गांव में गरीबों और उनकी आवासीय भूमि का हक देने के लिए प्रतिबद्ध है। अब तक 2 करोड़ 25 लाख स्वामित्व कार्ड जारी किए गए हैं। इनमें से 70 लाख स्वामित्व कार्ड पिछले 6 महीने जारी किए गए हैं।

भारत को ग्लोबल पावर हाउस बनाने का लक्ष्य- राष्ट्रपति मुर्मू

संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, विकसित भारत के निर्माण में किसान, जवान और विज्ञान के साथ ही अनुसंधान का बहुत अहम रोल होता है। हमारा लक्ष्य भारत को ग्लोबल पावर हाउस बनाना है। देश के शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार करोड़ की लागत से अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन स्थापित किया गया है।

भारत टेक्नॉलजी के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज करा रहा- राष्ट्रपति मुर्मू

बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, आज भारत टेक्नॉलजी के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज करा रहा है। भारत की यूपीआई तकनीक की सफलता से दुनिया के कई देश देख रहे हैं। मेरी सरकार ने डिजिटल तकनीक को सामाजिक न्याय और सफलता के एक टूल के रूप में इस्तेमाल कर रही है। भारत में छोटे से छोटा दुकानदार भी इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।

सरकार ने व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा दिया- राष्ट्रपति मुर्मू

संसद में अपने संयुक्त संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत में एआई के लिए सरकार की योजना पर चर्चा की। उन्होंने कहा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत के योगदान को आगे बढ़ाते हुए, “भारत एआई मिशन” शुरू किया गया है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के साथ, भारत इस अग्रणी प्रौद्योगिकी में दुनिया के अग्रणी देशों में अपना स्थान बना सकेगा। कोविड और उसके बाद की स्थिति और युद्ध जैसी वैश्विक चिंताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने जो स्थिरता और लचीलापन दिखाया है, वह इसकी मजबूती का प्रमाण है। मेरी सरकार ने व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

मेट्रो नेटवर्क के मामले में भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना पूरी हो गई है और अब देश कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे लाइन से जुड़ जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत चिनाब ब्रिज का निर्माण किया गया है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है। भारत का मेट्रो नेटवर्क अब एक हजार किलोमीटर के मील के पत्थर को पार कर गया है। भारत अब मेट्रो नेटवर्क के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।

एशिया रैंकिंग में हमारे 163 विश्वविद्यालय शामिल- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति ने कहा कि 'एशिया रैंकिंग में हमारे 163 विश्वविद्यालय शामिल हुए हैं। नालंदा विश्वविद्यालय के जरिए भारत का पुराना गौरव वापस लाया गया है। वो दिन दूर नहीं, जब भारत में निर्मित गगनयान में एक भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा। कुछ दिन पहले इसरो ने स्पेस डॉकिंग की उपलब्धि हासिल की और हाल ही में इसरो ने सैटेलाइट लॉन्च में भी बड़ी उपलब्धि हासिल की। दिव्यांगों के लिए ग्वालियर में विशेष केंद्र खोला गया है। हाल ही में चेस में भी भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

हमारा लक्ष्य भारत को इनोवेशन ग्लोबल पावरहाउस बनाना- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को इनोवेशन ग्लोबल पावरहाउस बनाना है। अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रपति ने कहा मेरी सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से छात्रों के लिए एक आधुनिक शिक्षा प्रणाली तैयार कर रही है। कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे, इसीलिए मातृभाषा में शिक्षा के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेरह भारतीय भाषाओं में विभिन्न भर्ती परीक्षाएं आयोजित करके भाषा की बाधाओं को भी दूर किया गया है। ओलंपिक हो या पैरालिंपिक, भारतीय टीमों ने हर जगह अच्छा प्रदर्शन किया है। फिट इंडिया मूवमेंट चलाकर हम मजबूत युवा शक्ति तैयार कर रहे हैं।

बजट सत्र से पहले पीएम मोदी ने मां लक्ष्मी को किया प्रणाम, बोले-गरीबों-मध्यम वर्ग पर बनी रहे उनकी कृपा

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आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। 18वीं लोकसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज बजट सत्र के प्रारंभ में मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रणाम करता हूं। ऐसे अवसर पर सदियों से हमारे यहां मां लक्ष्मी का पुण्य स्मरण किया जाता है। मां लक्ष्मी हमें सिद्धि और विवेक देती हैं। समृद्धि और कल्याण भी देती हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्गीय समुदाय पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे।

मिशन मोड पर काम कर रहे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि देश की जनता ने मुझे तीसरी बार ये दायित्व दिया है, इस कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है और मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे। विकसित भारत का संकल्प जो भारत ने लिए है ये बजट नया विश्वास और नई ऊर्जा देगा की देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा तो देश विकसित होकर रहेगा। हम हर तरह से जनता के कल्याण के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं।

इस सत्र में कई ऐतिहासिक बिल पेश किए जाएंगे-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि इस सत्र में कई ऐतिहासिक बिल पेश किए जाएंगे। व्यापक मंथन के साथ वो राष्ट्र की ताकत बढ़ाने का काम करने वाला कानून बनेंगे। विशेषकर नारी शक्ति को गौरव को फिर से स्थापित करना, पंथ संप्रदाय के भेद से मुक्त होकर हर नारी को सम्मानपूर्ण जीवन मिले उसको भी समान अधिकार मिले उस दिशा में इस सत्र में कई अहम निर्णय लिए जाएंगे।

बता दें किसरकार की तैयारी बजट सत्र के पहले ही चरण में वक्फ संशोधन बिल के साथ कुछ अन्य विधेयकों को पेश करने की है। वक्फ (संशोधन) बिल के साथ मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक भी पेश किया जाएगा। इसके अलावा विमान वस्तुओं में हितों का संरक्षण विधेयक, त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक और आव्रजन और विदेशी विधेयक भी शामिल हैं। साथ ही वित्त विधेयक, 2025 व संबंधित अनुदान मांगों तथा विनियोग विधेयकों को भी पेश किया जाएगा। ऐसे 10 अन्य विधेयक भी हैं, जो पिछले सत्र से दोनों सदनों में लंबित हैं।

सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी

दिल्ली विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच संसद का बजट सत्र शुक्रवार को आरंभ होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। सर्वेक्षण देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का लेखा-जोखा पेश करेगा। साथ ही इसमें कृषि, इंडस्ट्री और सर्विस क्षेत्र के प्रमुख रुझानों के साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और चुनौतियों से निपटने के लिए नीतिगत सुझाव भी होंगे। वित्त मंत्री सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट और अपना लगातार आठवां बजट शनिवार को पेश करेंगी।

संसद का बजट सत्र आज से, राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद पेश होगा इकोनॉमिक सर्वे

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संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है।बजट सत्र की शुरुआत आज राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू सुबह 11 बजे लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। इसके बाद, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा और राज्यसभा दोनों में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश करेंगी। आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगी।

बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। सत्र का पहला भाग 13 फरवरी को समाप्त होगा और दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होगा। उम्मीद है कि बजट 2025 देश की कर प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में देश की समग्र वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

भारत का राजकोषीय घाटा

सरकार ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 4.9% राजकोषीय घाटा लक्ष्य निर्धारित किया है। अपनी राजकोषीय समेकन योजना के हिस्से के रूप में, इसका उद्देश्य वित्त वर्ष 26 में इस घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5% तक कम करना है। नतीजतन, वित्त वर्ष 26 के बजट के लिए घाटे के लक्ष्य पर बाज़ारों की कड़ी नज़र रहेगी।

बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक

बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में कुंभ का मुद्दा छाया। विपक्ष ने राजनीतिक पर्यटन और वीवीआईपी व्यवस्था का आरोप लगाया। विपक्ष ने कुंभ हादसे को लेकर संसद में चर्चा की मांग की और मरनेवालों की संख्या नहीं बताने का आरोप लगाया। इसके अलावा विपक्षी सांसदों ने वक्फ पर बनी JPC के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए। इसके साथ ही विपक्षी दलों ने संविधान, आर्थिक स्थिति, रोजगार, मणिपुर, रुपए में गिरावट जैसे मुद्दे पर संसद सत्र में चर्चा की मांग की। विपक्ष के कुंभ समेत कई मुद्दों पर चर्चा की मांग पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बीएसी में चर्चा करके तय करेंगे। सर्वदलीय बैठक में 36 दलों के 52 नेताओं ने हिस्सा लिया।

वक्फ बोर्ड को मिली जेपीसी की हरी झंडी, विपक्ष ने जताई असहमति, शुरू हुआ वार-पलटवार

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वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर बुधवार को संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की बैठक हुई है। इस दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट 14 से 11 वोटों से पारित हो गई है। जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बुधवार को कहा समिति ने मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को बहुमत से स्वीकार कर लिया। सांसदों को अपनी असहमति दर्ज कराने के लिए शाम चार बजे तक का समय दिया गया है। विपक्षी सांसदों ने इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया और दावा किया कि उन्हें अंतिम रिपोर्ट का अध्ययन करने और अपने असहमति नोट तैयार करने के लिए बहुत कम समय दिया गया।

जेपीसी की बैठक पर कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने कहा, कई आपत्तियां और सुझाव आए थे जिन्हें इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। सरकार ने अपने अनुसार रिपोर्ट बनाई है. असंवैधानिक संशोधन लाए गए हैं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाया गया है। अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए संशोधन लाए गए हैं।

वहीं, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर हुई जेपीसी की बैठक पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, हमें कल रात 655 पन्नों की रिपोर्ट मिली। रात भर 655 पन्नों की रिपोर्ट पढ़ना असंभव है। मैंने उन संशोधनों के खिलाफ असहमति रिपोर्ट दी है जो वक्फ बोर्ड के पक्ष में नहीं है। मैं संसद में भी इस विधेयक का विरोध करूंगा।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, मैंने अपना असहमति नोट दे दिया है। हमें कल रात 7:55 बजे 656 पन्नों का मसौदा रिपोर्ट मिला। पीड़ितों के बयान पर गौर नहीं किया गया है। हमने विचार-विमर्श के दौरान जो कहा उस पर ध्यान नहीं दिया गया। सवाल यह उठता है कि हितधारकों की जो राय हमने व्यक्त की, वह चेयरमैन को पसंद क्यों नहीं आई? मेरे हिसाब से जेपीसी की कार्यवाही मखौल बनकर रह गई है।

बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था। विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है। इस बीच समिति के सदस्यों के बीच तनातनी देखने मिली। जहां एक तरफ सरकार ने इसे सफलता बताया तो वहीं विपक्ष ने कहा कि उनकी बातें नहीं सुनी गई।

विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जेपीसी की बैठक खत्म हो चुकी है। जेपीसी ने 11 के मुकाबले 14 वोट से स्वीकार कर लिया। इससे पहले जेपीसी ने सोमवार को भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सदस्यों ने प्रस्तावित 14 संशोधनों के साथ वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दी थी। विपक्षी सांसदों ने 44 बदलाव पेश किए थे जिन्हें खारिज कर दिया गया था।

वक्फ पर जेपीसी की बैठक में बवाल, बुलाना पड़ा मार्शल, ओवैसी-कल्याण समेत 10 विपक्षी सांसद सस्पेंड

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वक्फ संशोधन विधेयक की समीक्षा के गठित संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। शुक्रवार को दिल्ली में हुई बैठक में तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे में तीखी नोकझोंक हुई। देखते ही देखते बैठक में हंगामा शुरू हो गया। हालात काबू में न आते देख मार्शल बुलाए गए। जिसके बाद 10 सांसदों को समिति की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया और बैठक को 27 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया। यह पहली बार नहीं है जब जेपीसी की बैठक में हंगामा हुआ हो। इससे पहले भी इस बैठक में विवाद हो चुके हैं।

बैठक में बिल पर क्लॉज-दर-क्लॉज चर्चा होगी और रिपोर्ट के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा। मगर बैठक के पहले दिन ही इस पर जमकर हंगामा हो गया। वक्फ पर बनी जेपीसी में विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा हंगामे के पीछे का मुख्य कारण समिति के सदस्यों की ये मांग थी कि रिपोर्ट एडॉप्ट की तारीख को 31 जनवरी किया जाए। समिति की रिपोर्ट तैयार करने से पहले क्लॉज दर क्लॉज अमेंडमेंट पर चर्चा के लिए पहले 24 और 25 जनवरी की तारीख तय की गई थी। लेकिन कल गुरुवार की देर रात वो तिथि चेंज करके 27 जनवरी कर दी गई थी।

बताया जा रहा है कि कल्याण बनर्जी ने पूछा कि बैठक को इतनी जल्दबाजी में क्यों बुलाया जा रहा है। इस पर निशिकांत दुबे ने आपत्ति दर्ज कराई. इसके बाद दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई।बैठक में हुए हंगामे के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक से सभी 10 विपक्षी सांसदों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित विपक्षी सांसदों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, नासिर हुसैन, मोहिबुल्लाह, एम अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीमुल हक, इमरान मसूद शामिल हैं।

समिति में विपक्षी दलों के सांसदों की ये मांग थी कि क्लॉज बाय क्लॉज के लिए बैठक 27 जनवरी की जगह 31 जनवरी कर दिया जाए। अरविंद सावंत ने कहा कि समय नहीं दिया, जल्दबाजी कर रहे हैं। 10 सदस्यों को आज भर के लिए सस्पेंड कर दिया है। हम 31 को क्लॉज-दर-क्लॉज चर्चा चाहते थे पर ये 27 जनवरी पर अड़े हैं।

2024 के चुनाव पर मार्क जकरबर्ग ने ऐसा क्या कहा नाराज हो गया भारत? संसदीय समिति भेजेगी समन
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* फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग के बयानों ने उनकी कंपनी मेटा को मुश्किल में डाल दिया है। मामला 2024 के लोकसभा चुनाव पर जकरबर्ग की टिप्पणी से जुड़ा है। मार्क जकरबर्ग ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के नतीजों से जुड़ी गलत जानकारी शेयर की। एक 'द जो रोगन एक्सपीरियंस' नामक पॉडकास्ट के दौरान मार्क जुकरबर्ग ने गलत दावा किया कि साल 2024 दुनिया के लिए उथल-पुथल का समय रहा। वहीं, भारत सहित कई देशों में सत्ता पलट गई। मार्क जुकरबर्ग की चुनावों पर की गई टिप्पणी के चलते भारत की संसदीय पैनल ने कंपनी के खिलाफ समन जारी करने का मन बना लिया है। भाजपा सांसद और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर सदन पैनल के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने कहा कि गलत सूचना फैलाने के आधार पर मेटा को समन भेजा जाएगा। निशिकांत दुबे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, एक लोकतांत्रिक देश के बारे में गलत सूचना उसकी छवि को खराब करती है। संगठन को इस गलती के लिए संसद और यहां के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।मेरी समिति इस गलत सूचना के लिए मेटा को बुलाएगी। जवाब के लिए मेटा को कितना समय दिया जाएगा, इस पर दुबे ने कहा, हमारी समिति कल से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दौरे पर जाएगी। हमारी समिति 20 जनवरी को यात्रा समाप्त करेगी। हम वहां समिति के सदस्यों से बात करेंगे। हम उन्हें 20 से 24 जनवरी के बीच उपस्थित रहने के लिए कहेंगे। *अश्विनी वैष्णव ने जकबर्ग को दिखाया आईना* इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जकरबर्ग की टिप्पणी का फैक्ट चेक किया और कहा कि भारत के लोगों ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए में अपना विश्वास फिर से जताया है। मोदी 3.0 सरकार में रेलवे, सूचना और प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों को संभालने वाले वैष्णव ने अपनी एक एक्स पोस्ट में कहा, 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत ने 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं के साथ 2024 के चुनाव संपन्न कराए। भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए में अपना विश्वास फिर से जताया। जकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश सत्ताधारी सरकारें कोविड के बाद हार गईं, तथ्यात्मक रूप से गलत है।' *जुकरबर्ग ने जो रोगन के इंटरव्यू में ये बयान दिया* मार्क जुकरबर्ग जो रोगन के साथ एक पॉडकास्ट में कोविड-19 महामारी के बाद सरकारों में विश्वास की कमी पर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2024 एक बड़ा चुनावी साल था। भारत समेत इन सभी देशों में चुनाव थे। लगभग सभी सत्ताधारी चुनाव हार गए। पूरे साल में किसी न किसी तरह की वैश्विक घटना हुई। चाहे वो मुद्रास्फीति के कारण हो। कोविड से निपटने के लिए आर्थिक नीतियों के कारण या सरकारों द्वारा कोविड से निपटने के तरीके के कारण। ऐसा लगता है कि इसका प्रभाव वैश्विक था। लोगों की नाराजगी और गुस्से ने दुनिया भर में चुनाव परिणामों को प्रभावित किया। सभी सत्तासीन लोग हार गए। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भी हार गई। *तीसरी बार सत्ता में लौटी बीजेपी* बता दें कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल करने वाली बीजेपी को 2024 के आम चुनाव में कुछ झटके लगे और वह बहुमत के निशान से नीचे रही। हालांकि, गठबंधन दल के साथियों के साथ बीजेपी ने सत्ता कायम रखी। मोदी 3.0 के साथ, प्रधानमंत्री मोदी जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार तीन बार शीर्ष पद पाने वाले दूसरे भारतीय प्रधानमंत्री बन गए।
अडाणी-अंबेडकर मुद्दे की भेंट चढ़ा संसद का शीतकालीन सत्र, जानें 20 दिनों में कितना काम-कितना नुकसान

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18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार (20 दिसंबर) को समाप्त हो गया। यह सत्र 25 नवंबर से शुरू हुआ था जो 20 दिसंबर तक चला। इस दौरान अलग-अलग मुद्दों को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। धक्का-मुक्की तक हो गई। बीजेपी के दो सांसद घायल हो गए। राहुल गांधी पर केस भी दर्ज हुआ। संसद के शीतकालीन सत्र में 20 दिन का कामकाज हुआ। इस दौरान पूरे सत्र में कुल 20 बैठकें हुईं। दोनों सदन (लोकसभा और राज्यसभा) में लगभग 105 घंटे कार्यवाही चली।

सत्र के दौरान लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 57.87%, राज्यसभा में 41% रही। सदन में कुल चार बिल पेश किए गए। हालांकि, कोई पारित नहीं हो सका। सबसे चर्चित एक देश, एक चुनाव के लिए पेश हुआ 129 वें संविधान (संशोधन) बिल रहा। बिल को 39 सदस्यीय जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) को भेज दिया गया है।

20 में से 12 दिन लोकसभा में प्रश्न काल 10 मिनट से ज्यादा नहीं चला

संविधान पर चर्चा के दौरान लोकसभा में 16 घंटे जबकि राज्यसभा में 17 घंटे बहस हुई। चर्चा के लिए लोकसभा ने शनिवार की छुट्टी के दिन भी काम हुआ। वहीं, लेजिस्लेटिव थिंक टैंक पीआरएस इंडिया के अनुसार 20 दिनों की कार्यवाही में से लोकसभा में 12 दिन प्रश्न काल 10 मिनट से ज्यादा नहीं चल सका।

राज्यसभा में 43 प्रतिशत ही कामकाज हो सका

सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले बताया कि राज्यसभा के 266वें सत्र में 43 प्रतिशत ही कामकाज हो सका। उन्होंने कहा कि सदन में कुल 43.27 घंटे ही प्रभावी कार्यवाही हुई, जिसमें दो विधेयक पारित किए गए और भारत-चीन संबंधों पर विदेश मंत्री का बयान हुआ।

शीतकालीन सत्र में 84 करोड़ का नुकसान

20 दिन संसद के शीतकालीन सत्र में कामकाज ना होने का अनुमानित नुकसान 84 करोड़ है। ये पैसे आपकी और हमारे टैक्स से जुटाए जाते हैं। संसद की कार्यवाही पर प्रति मिनट करीब 2.50 लाख रुपये खर्च होते हैं। लोकसभा और राज्यसभा में कामकाज के घंटे गिने जाए तो लोकसभा में 61 घंटे 55 मिनट काम हुआ तो राज्यसभा में 43 घंटे 39 मिनट कामकाज हुआ। लोकसभा में 20 बैठकें और राज्यसभा में 19 बैठकें हुई। यह तो हुई नुकसान के आंकड़ों की बात, लेकिन इस बार सत्र में एक और रिकॉर्ड बना है। हालांकि इस रिकॉर्ड का परिणाम सुखद नहीं है। 1999 से 2004 के बीच 13वीं लोकसभा में दो सत्रों के दौरान 38 बिल पेश किए गए, जिनमें से 21 पास हुए 2004 से 2009 के दौरान 14वीं लोकसभा में 30 बिल पेश हुए 10 पास हो गए।

संसद में प्रदर्शन के दौरान धक्का-मुक्की, बीजेपी के 2 सांसद घायल, राहुल ने मारा धक्का?

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संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामा हो रहा है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान दोनों दलों के सांसदों के बीच मकर द्वार पर धक्कामुक्की की खबर आई। भाजपा सांसद प्रताप सारंगी के सिर में चोट देखी गई। इस दौरान भाजपा सांसद मुकेश राजपूत भी घायल हो गए। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें आरएमएल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। सारंगी का इलाज भी इसी अस्पताल में चल रहा है।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा, आज संसद के मुख्य द्वार में भाजपा-एनडीए सांसदों का प्रदर्शन चल रहा था, राहुल गांधी और उनके सांसदों ने जबरदस्ती घुसकर अपना जो शारीरिक प्रदर्शन किया है, वो बहुत गलत है। संसद कोई शारीरिक ताकत दिखाने का प्लैटफ़ॉर्म नहीं है। राहुल गांधी ने भाजपा के 2 सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को जोर से धक्का दिया। राहुल गांधी ने जो धक्का-मुक्की की है, मैं उसका खंडन करता हूं। मैं राहुल गांधी से सवाल करना चाहता हूं कि अगर सब लोग अपनी ताकत दिखाकर मारपीट करने लग जाएंगे, तो संसद कैसे चलेगा? यह लोकतंत्र का मंदिर है, हमारे दोनों सांसद गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उनका इलाज चल रहा है।

इन आरोपों पर अब राहुल गांधी की भी प्रतिक्रिया आ गई है।लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं संसद के प्रवेश द्वार से अंदर जाने की कोशिश कर रहा था तो भाजपा सासंद मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे। मुझे धमका रहे थे, तो यह हुआ है। यह संसद का प्रवेश द्वार है और हमारा अंदर जाने का अधिकार है। मुख्य मुद्दा यह है कि वे संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं।

दरअसल, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर कांग्रेस ने संसद भवन परिसर में मार्च निकाला। जवाब में भाजपा ने कांग्रेस पर झूठ की राजनीति का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान संसद भवन के मकर द्वार पर दोनों दलों के सांसद आमने-सामने आ गए। दोनों के बीच धक्का-मुक्की की भी नौबत आई

लोकसभा में आज शाम पीएम मोदी का संबोधन, संविधान पर चर्चा का देंगे जवाब

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देश में संविधान के 75 साल पूरे होने पर संसद में चर्चा हो रही है। संविधान पर चर्चा के दौरान आज पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देंगे। पीएम मोदी से पहले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी लोकसभा में बोलेंगे। प्रधानमंत्री का भाषण शाम चार बजे के करीब होगा, जबकि राहुल गांधी का संबोधन करीब दो बजे के आसपास होगा।

लोकसभा में संविधान पर चर्चा का आज दूसरा दिन है। लोकसभा में 13 दिसंबर से दो दिवसीय संविधान पर चर्चा का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को इस चर्चा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने अपने-अपने भाषण दिए। राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में संविधान के एतिहासिक महत्व और देश के शासन को आकार देने में इसकी भूमिका पर जोर दिया। वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि ये देश भय से नहीं चल सकता।

राजनाथ सिंह करीब एक घंटे से ज्यादा वक्त तक भाषण दिया था। संविधान पर चर्चा करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान सिर्फ कानूनी दस्तावेज नहीं है बल्कि यह देश की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। संविधान से हमें सरकार चुनने का अधिकार मिला। संविधान ने हमें प्रजा से नागरिक का दर्जा दिया। संविधान ने हमें मौलिक अधिकार दिए। हमारा संविधान सर्व सक्षम है। संविधान निर्माण से जुड़े महापुरुषों को नमन करता हूं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।

राजनाथ सिंह का कांग्रेस पर वार

अपने भाषण में रक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत के संविधान का निर्माण केवल एक विशेष राजनीतिक दल ने नहीं किया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज लोग संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं। लेकिन ये समझने की जरूरत है कि किसने संविधान का सम्मान किया है और किसने अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन किया गया।कांग्रेस ने न केवल संविधान संशोधन किया है बल्कि दुर्भावना के साथ-साथ धीरे-धीरे संविधान को बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जब देश के पीएम थे,तो उस समय लगभग 17 बार संविधान में बदलाव किया गया। इंदिरा गांधी के समय लगभग 28 बार संविधान में बदलाव किए गए। राजीव गांधी के समय लगभग 10 बार और मनमोहन सिंह के वक्त 7 बार संविधान में बदलाव किया गया।

प्रियंका गांधी ने सत्ता पक्ष पर किया पलटवार

वहीं, लोकसभा में अपने पहले भाषण के दौरान प्रियंका गांधी 32 मिनट तक बोलीं। इस दौरान उन्होंने जातीय जनगणना, अदाणी मुद्दे, देश की एकता जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री पंडित नेहरू का जिक्र करके भी सत्ता पक्ष को घेरा।लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान हमारे देशवासियों के लिए एक सुरक्षा कवच है। यह न्याय, एकता, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण करता है। लेकिन सत्ताधारी दल ने पिछले 10 वर्षों में इस सुरक्षा कवच को तोड़ने का प्रयास किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश हो रही है। अगर चुनाव के नतीजे कुछ अलग होते, तो शायद संविधान बदलने का काम भी शुरू हो जाता। लेकिन जनता ने इसे रोक दिया।

राज्यसभा में भारी हंगामा, सभापति धनखड़ और खरगे के बीच तीखी बहस

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संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ।राज्यसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। राज्यसभा सभापति और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी बहस हुई।

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने और पक्षपातपूर्ण रवैये पर आज सदन में कहा, “मैं आपसे सोचने के लिए कहता हूं। अपने हाव-भाव देखें और आप क्या कह रहे हैं, इस पर भी गौर करें। मैंने इसे बहुत सहन कर लिया। आज का किसान सिर्फ खेती तक ही सीमित नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “पहले आप लोग नियमों को पढ़ें, अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो यह 14 दिनों में आएगा।” उन्होंने कहा, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप समय निकालें और मुझसे मिलें। अगर नहीं तो मैं आकर आपसे मिलूंगा।”

सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के व्यवहार पर कहा, “मैं किसान का बेटा हूं और मैं कमजोर नहीं पड़ूंगा। मैं इस देश के लिए मर जाऊंगा। आप सोचेंगे नहीं और सिर्फ आश्चर्य करेंगे कि एक किसान का बेटा इस पद पर क्यों बैठा है।

बहस के दौरान खरगे ने कहा कि हम यहां देश के लिए हैं आपकी तारीफ सुनने के लिए नहीं हैं। इस पर धनखड़ ने कहा कि देश जानता है कि आपको किसकी तारीफ पसंद है। खरगे ने कहा कि आप सदन को परंपरा से चलाइए। इस दौरान धनखड़ ने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं, झुकुंगा नहीं। जिसके बाद खरगे ने कहा कि आप किसान के बेटे हैं तो मैं भी मजदूर का बेटा हूं।