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आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के पास है कई बड़ी चुनौतियां , क्या भाजपा के लिए आसान है सत्ता में पुनर्वापसी..?

 - विनोद आनंद 

झारखण्ड विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर सभी राजनितिक दलों ने कमर कस ली है,इस बार सिर्फ इंडिया गठबंधन बनाम एनडीए के बीच का टक्कर नहीं रहा बल्कि एक तीसरा राजनितिक शक्ति का भी उदय हुआ जो इंडिया और एनडीए दोनों के लिए चुनौती बनने जा रहा है.

 वह तीसरा शक्ति होगा जयराम महतो, जिसके साथ इस बर लॉबीन हेमब्रम, सूर्य सिंह बेसरा सहित कोई छोटे दल संघटित होकर सामने आएंगे.

वैसे इस बार भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी है कि झारखण्ड कि सत्ता पुनः उनके हाथ में आ जाये लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव मे ख़राब प्रदर्शन ने भाजपा कि चिंता बढ़ा दी है. इस बार भाजपा के सामने कई चुनौतियां है इन सभी चुनौतियों से भाजपा को गुजरना होगा,लेकिन भाजपा ने कोशिश पूरी शुरू कर दी है.

 झारखण्ड में भाजपा के नैया को पार लगाने के लिए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा को दी गयी है. शिवराज सिंह चौहान ओबीसी के बड़ा चेहरा हैं, मध्य्प्रदेश में उनकी अच्छी पकड़ रही, सर्वाधिक वोटों से उनका जितना बताता है कि उनकी लोकप्रियता में कहीं कोई कमी नहीं आयी.

इस लिए उनकी रणनीति झारखण्ड में कितना कारगर सावित होगा यह तो समय बताएगा. वैसे दूसरे सेनानायक असम सीएम हेमंत विश्व सरमा बनाये गए, उनके किस प्रभाव का उपयोग झारखण्ड में किया जायेगा यह भाजपा के रणनीतिकार को पता है लेकिन इस चुनाव में भाजपा के सामने जो चुनौतीयाँ है उसके अनुसार भाजपा का डगर बहुत आसान नहीं है.

वर्तमान में झारखण्ड कि स्थितियां

झारखण्ड में पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा कि जो स्थिति रही उसके अनुसार भाजपा के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता. 

राज्य में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 11 सीट मिली थी और आजसू को 1 सीट. यानी झारखण्ड के 14 लोकसभा सीट में से 12 सीट हासिल करने में भाजपा सफल रही पिछले चुनाव में भाजपा 1 और झामुमो को एक सीट मिली थी.

लेकिन इसबार भाजपा को 8 सीट, कांग्रेस को 2 सीट झामुमो को 3 सीट मिली.इंडिया गठबंधन ने 5 सीटें झटका ली.

 इस बार भाजपा कि वोट प्रतिशत भी गिरा है 2019 में भाजपा का वोट प्रतिशत 50.96फीसद थी जो 2024 के चुनाव में घट कर 44.60 पर आ गयी. वहीं कांग्रेस का 2019 में 15.63 प्रतिशत थी जो j2024 में बढ़कर 19.19 और झामुमो का 11.51%से बढ़कर 14.60 हो गयी.

आदिवासियों की सहानुभूति हेमंत के साथ,

बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती आदिवासी सीटों पर अपने प्रदर्शन को सुधारने की है. क्योंकि ईडी द्वारा कि गयी करबाई का दाव भाजपा पर उल्टा पड़ गया. आदिवासियों को लग रहा है कि हेमंत सोरेन के राजनितिक अस्तित्व को समाप्त करने के लिए हीं भाजपा ने जेल में डाला. इस लिए आदिवासियों कि सहानुभूति झामुमो के साथ है. 

इसी सहानुभूति के कारण भाजपा के बड़े आदिवासी चेहरा भी धाराशायी हो गए.

झारखंड में अनुसूचित जनजाति के लिए लोकसभा की पांच सीटें आरक्षित हैं और इन सभी सीटों पर बीजेपी को इस बार चुनाव में हार मिली है. इन पांच लोकसभा सीटों में से चार सीटों पर बीजेपी की हार का अंतर 1.2 लाख वोटों से ज्यादा का रहा है.

 पांच लोकसभा सीटों के अंदर विधानसभा की 29 सीटें आती हैं और निश्चित रूप से लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन बीजेपी के लिए चिंता का विषय है.

झारखंड में बीजेपी के बड़े आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को भी लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा.

झारखंड में विधानसभा की 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं और अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं का आंकड़ा 26 प्रतिशत है. बीजेपी को झारखंड में सरकार बनाने के लिए इन विधानसभा सीटों पर नए सिरे से रणनीति बनानी होगी.

बीजेपी के सहयोगी दलों का झारखण्ड में चुनाव लड़ने का एलान

केंद्र में बीजेपी कमजोर होने से हर सहयोगी छोटे दल भी उन पर हावी होना चाहता है. भाजपा के सामने यह दूसरी बड़ी चुनौती है कि अपने सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे कैसे करें.

इसके पूर्व भाजपा अकेले चुनाव लड़ती थी, सीट कि बटवारें से भाजपा झारखण्ड में कमज़ोर हो जाएगी साथ हीं टिकट नहीं मिल पाने से भाजपा कार्यकर्त्ता भी नाराज होंगे.

इस बीच एनडीए में बीजेपी के सहयोगी दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने कहा है कि वह राज्य में 5-6 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है और इसके लिए एनडीए से बात की जाएगी. 

पार्टी ने कहा है कि अगर बात नहीं बनी तो अकेले चुनाव लड़ने पर भी विचार किया जाएगा.

पड़ोसी राज्य बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने कहा है कि वह झारखंड में 11 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

सरयू राय का जदयू में शामिल होने से जदयू के सीट के लिए बढेगा दवाब

जेडीयू ने विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा दाव खेला, झारखण्ड में अपनी स्थिति को मज़बूत करने और चुनाव लड़ने के लिए सरयू राय को पार्टी में शामिल कर लिया है. सरयू राय जमशेदपुर के इलाके में लोकप्रिय हैं और 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हरा दिया था।. सरयू राय बीजेपी में ही थे लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था तो उन्होंने अपने रास्ते अलग कर लिए थे.

सरयू राय के आने से निश्चित रूप से जेडीयू को मजबूती मिलेगी और जेडीयू सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी पर दबाव बना सकता है.ऐसे हालत मे भाजपा को सरयू राय के आगे हथियार डालना होगा.

भाजपा के पास नही है हेमंत को टककर देने वाला कोई नेता

बीजेपी के सामने एक बड़ी मुश्किल उसके पास राज्य में किसी ऐसे नेता का ना होना भी है जिसकी लोकप्रियता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टक्कर देती हो. हेमंत सोरेन झारखंड में प्रभावशाली आदिवासी समुदाय से आते हैं और इस समुदाय में उनकी पकड़ है। उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को दिशोम गुरु के नाम से जाना जाता है. दिशोम गुरु का मतलब होता है देश का गुरु.

5 महीने तक जेल में रहने के बाद हेमंत सोरेन ने बीजेपी के खिलाफ जबरदस्त किलेबंदी शुरू कर दी है. उन्होंने आदिवासी कार्ड को भुनाने की कोशिश की है और कहा है कि वह आदिवासी के बेटे हैं और बीजेपी के सामने कतई नहीं झुकेंगे.

हेमंत को जेल भेज कर कल्पना सोरेन को भी भाजपा ने बना दिया बड़ा नेता

हेमंत सोरेन को गैर जेल भेज कर कल्पना सोरेन के रूप में झारखण्ड को एक ऐसा मज़बूत नेता डे दिया जिसकी लोकप्रियता कि डंका आज झारखण्ड में बोल रही है.

कल्पना सोरेन ने जिस तरह दिल्ली से लेकर मुंबई तक दहाड़ी भाजपा के लिए मुसीबत बन गयी. आज झारखंड में कल्पना एक बड़ा चुनावी चेहरा बनकर उभरी हैं और उन्होंने लोकसभा के चुनाव में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए जमकर प्रचार किया था. कल्पना ने विधानसभा का उपचुनाव 26000 वोटों से जीता था.

हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी आदिवासी समुदाय से आते हैं और बीजेपी के पास अर्जुन मुंडा जैसे बड़े आदिवासी चेहरे भी हैं. लेकिन लोकप्रियता के मामले में बीजेपी को किसी ऐसे नेता की तलाश जरूर करनी होगी जो हेमंत सोरेन का मुकाबला कर सके.

इसके साथ ही विपक्ष के द्वारा संविधान और आरक्षण को बचाने की बात को जिस तरह मुद्दा बनाया जा रहा है, यह भी एक एक चुनौती बीजेपी के सामने है. विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी यह कहा था कि बीजेपी सत्ता में आएगी तो संविधान को बदल देगी और आरक्षण को खत्म कर देगी. इसका असर भी चुनाव नतीजों में देखने को मिला था.

देखना होगा कि बीजेपी इतनी सारी चुनौतियों का मुकाबला किस तरह करेगी.

पंचायत की समस्याओं को लेकर बाघमारा मुखिया प्रतिनिधि मंडल रेल मंत्री एवं कृषि मंत्री से मिला*

बाघमारा :प्रखंड अंतर्गत 61 पंचायत के मुखिया प्रतिनिधिमंडल केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं अश्वनी वैष्णव से पंचायत के विकास के लिए अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संसद भवन स्थित उनके कार्यालय में मिला। मुखिया प्रतिनिधि मंडल में मुखिया संघ के अध्यक्ष सह भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष धनेश्वर महतो, मुखिया संघ के महासचिव समीर कुमार लाला,फुलारीटांड़ पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि दिलीप विश्वकर्मा, बॉबी महतो कैलाश रवानी शिबू महतो, गिरिडीह सांसद प्रतिनिधि मटुक मिश्रा ,पार्षद सह भाजपा के जिला मंत्री महेश पासवान ने सोमवार 5 अगस्त 2024 को अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन भारत सरकार के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से मुलाकात कर पंचायत के विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। प्रधानमंत्री आवास योजना को अविलंब पूर्ण रूप से पंचायत स्तर पर मुहैया करवाने का मांग किया। उन्होने बताया कि मनरेगा योजना के तहत चल रहे 261 योजनाओं मे से केवल पांच, छः योजनाएं ही धरातल पर उतरी है बाकी के दो सौ पच्चपन योजनाएं जिनका अभी तक किसी भी पंचायत में श्री गणेश भी नही हुआ है को क्रियान्वित करने तथा डीएमएफटी फंड का 50% शीघ्र पंचायत के विकास के लिए देने संबंधित मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंप। वही दूसरी ओर महुदा तथा फुलारीटांड़ स्टेशन पर दूरगामी ट्रेनों का ठहराव हो इससे भी संबंधित एक ज्ञापन रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को भी दिया। दोनों मंत्रियों ने ज्ञापन के संबंध में ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
पाकुड़ जिले के तारानगर गांव में 18 जुलाई को हुई हिंसा के बाद नौ परिवार आज भी अपने घरों में नहीं लौटे, स्थिति अब सामान्य है


झारखंड के पाकुड़ जिले के तारानगर गांव में 18 जुलाई को हुई हिंसा के बाद नौ परिवार आज भी अपने घरों में नहीं लौटे हैं. वहीं कई परिवार अब अपने घरों को लौट चुके हैं. हिंदू दुकानदार अपनी दुकान भी चला रहे हैं. भाजपा के गंधाईपुर मंडल के अध्यक्ष मनोरंजन सरकार बताते हैं कि 18 जुलाई को हुई हिंसा के बाद कई परिवार अपने घरों को छोड़कर दूसरे जगह चले गये थे.

तारानगर गांव में 300 की आबादी में 35 घर हिंदुओं के

उनमें से कई परिवार अब अपने घर में रहने लगे हैं. 10 परिवार आज भी अपने घरों में नहीं रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि तारानगर गांव में कुल 35 घर हिंदुओं का हैं. बच्चे-बूढ़ों को मिलाकर करीब 300 की आबादी है. इनमें से कर्मकार के 4-5 घर और मछुवारों के 3-4 घरों के लोग बाहर रह रहे हैं.

हिंसा के समय तोड़ दी गई थी कुछ दुकानें

उन्होंने बताया कि पाकुड़ के इन गांवों में हुई हिंसा के दौरान कुछ दुकानों को तोड़ दिया था. पक्के के मकान में स्थित किराना दुकानदार दुकान खोल रहे हैं. वहीं, गुमटी और नाश्ता दुकानों को तोड़ देने के कारण दुकान नहीं खुल रहा है. वहीं, इलामी गांव के महादेव दास ने बताया कि ईलामी गांव में करीब 60-65 हिंदू परिवार रहते हैं. गांव में शांति है. सभी परिवार गांव में ही है.

उन्होंने बताया कि गांव में शांति स्थापित करने के लिए गांव में शांति समिति की बैठक भी आयोजित की गयी है, जिसमें सभी लोगों को मिलजुल कर रहने की बात हुई है. यदि कोई गलत काम करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही गयी है.

मुखिया कर रहे हैं सभी लोगों से गांव लौटने की अपील

वहीं, तारानगर गांव के मुखिया अजमल शेख ने बताया कि गांव में अधिकांश हिंदू परिवार रह रहे हैं. चार-पांच परिवार ही बाहर रह रहे हैं. सभी परिवारों को गांव आने के लिए कहा जा रहा है. हिंदू परिवारों में डर नहीं रहे इसके लिए गांव के लोगों के बीच शांति समिति की बैठक की गयी.

दिक्कत हो तो करें लिखित शिकायत, होगी कार्रवाई

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गांव के किसी भी परिवार या आदमी को कोई व्यक्ति परेशान करता है, तो उसके खिलाफ पुलिस-प्रशासन में लिखित शिकायत दर्ज करायी जायेगी. इसीलिए जो परिवार गांव नहीं आ रहे हैं, उनसे भी निवेदन है कि वे गांव आएं और रहें, उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी.

शिफ्ट में लगाई जा रही पुलिसकर्मियों की ड्यूटी

मुफ्फसिल थाना प्रभारी संजीव झा ने बताया कि तारानगर, इलामी और नवादा गांव के साथ गोपीनाथपुर गांव में 24 घंटे पुलिस तैनात रहती है. सभी गांवों में शिफ्ट में पुलिसकर्मियों को लगाया जाता है ताकि सभी समय गांव में पुलिस की मौजूदगी रहे. गांव में हिंदू परिवार रह रहे हैं. कुछ परिवार यदि नहीं रह रहे हैं तो वे आकर रहें, उन्हें सुरक्षा संबंधी कोई परेशानी नहीं होगी.

प्राथमिकी के कारण कुछ लोग गांव से बाहर हैं : एसपी

एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि हिंसा के बाद तारानगर से कई परिवार गांव छोड़कर गये थे. पुलिस और प्रशासन के प्रयास के बाद गांव में शांति बहाल की गयी, जिसके बाद कई परिवार गांव लौट गये. कुछ परिवार के लोगों का नाम प्राथमिकी में दर्ज है, जिसके कारण वे गांव से बाहर हैं. वहीं, कुछ परिवार के लोग अपने रोजगार को लेकर भी बाहर रह रहे हैं. तारानगर, इलामी और नवादा गांव में पुलिस 24 घंटे मौजूद हैं. पूरे जिलेवासियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकुड़ पुलिस की है, किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है.

लोगों को सुरक्षा देने पर हो ठोस पहल : ओझा

पाकुड़ दौरे पर आये राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने ही राज्य के अपने ही जिले के अपने ही प्रखंड के अपने गांव को छोड़कर लोगों को पलायन करना पड़ रहा है. मैंने विधानसभा में यह मामला उठाया था, मैंने मुख्यमंत्री से मांग की थी अपने लोगों को सुरक्षा दी जायेगी. ऐसा वातावरण तैयार किया जाये कि वे निर्भिक हो कर रह सके. उन्हें सुरक्षा देना राज्य प्रशासन और जिला प्रशासन का है, इस दिशा में ठोस कदम उठाया जाना चाहिए.

तारानगर गांव में हुई हिंसा के कारण कई परिवारों के लोगों के अब तक बाहर रहने की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन मामले की जांच करवा रही है. डीसी के निर्देश पर बीडीओ ने पंचायत सचिव को तारानगर गांव भेजा है. तारानगर गांव में रह रहे हिंदू परिवारों की गिनती की जा रही है कि कितने हिंदू परिवार गांव में रह रहे हैं और कितने परिवार गांव से बाहर है. ये भी जांच की जा रही है कि वे किस कारण गांव से बाहर हैं. डीसी मृत्युंजय कुमार बरनवाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो जायेगी.

मंईयां सम्मान योजना को लेकर आ रही तकनीकी समस्याओं के त्वरित समाधान का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया निर्देश


अब 10 नहीं, 15 अगस्त तक किया जाएगा विशेष कैंप का आयोजन विशेष कैम्प के बाद भी इस योजना का कभी भी लाभ ले सकेंगी महिलाएं

रिपोर्टर जयंत कुमार 

 रांची : झारखण्ड में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना शुरू होते ही इसका लाभ लेने के लिए झारखंड की महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसे देखते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) को लेकर कहा कि योजना का लाभ लेने में बहनों को आ रही शुरुआती परेशानी हो रही है जिसकी जानकारी मिली है। 

योजना को लेकर आ रही तकनीकी समस्याओं के त्वरित निवारण के लिए उन्होंने निर्देश दिया है तथा इस मामले को लेकर वरीय पदाधिकारियों की भी बैठक हुई है।

 योजना को लेकर दिख रहे उत्साह को लेकर मुख्यमंत्री ने पूरे राज्य में प्रज्ञा केंद्रों की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया है।

उन्होंने कहा है कि सभी बहनों को यह बताना चाहता हूं कि यह हमेशा चलने वाली योजना है। योजना का लाभ लेने हेतु कोई समय सीमा नहीं है। विशेष कैम्प के आयोजन के बाद भी जरूरतमंद बहनें कभी भी अपने नजदीकी प्रज्ञा केंद्र में जाकर इस योजना का लाभ ले सकेंगी। योजना से लोगों को आसानी से लाभ मिले, इसलिए 10 अगस्त तक विशेष कैम्प का आयोजन किया जा रहा था जिसे और 5 दिन बढ़ाने का निर्देश दिया है। विशेष कैम्प के आयोजन के बाद भी आप जब भी चाहें, अपनी सुविधानुसार योजना का लाभ ले सकती हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें यह भी जानकारी मिली है कि योजना में बहनों को मिल रहे लाभ को देखते हुए कहीं-कहीं कुछ बिचौलिए भी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वह सभी को बताना चाहते हैं कि इस योजना की पूरी प्रक्रिया निःशुल्क है, इसलिए बिचौलियों से सावधान रहें। सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि कहीं भी बिचौलियों की सूचना मिले, तो उनपर कड़ी कार्रवाई करें।

उन्होंने कहा कि यह बहनों की योजना है। राज्य की लाखों बहनों को हर साल 12 हजार रुपए मिलेगा। यही झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) का लक्ष्य है, यही उनका भी लक्ष्य है।

पश्चिमी सिंहभूम जिले में डायरिया के प्रकोप से एक की मौत, कई बीमार, गांव में फैला दहशत


झारखंड डेस्क 

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में डायरिया के प्रकोप से एक व्यक्ति की मौत हो गई है.जबकि दर्जनों लोग पीड़ित हैं. ग्रामीणों की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में जांच के लिए पहुंची. ऐसा माना जा रहा है कि कुआं का दूषित पानी पीने की वजह से डायरिया का प्रकोप फैला है.

एक महिला कि मौत 34 लोग बीमार 

पश्चिमी सिंहभूम जिले के आनंदपुर प्रखंड के बांडी गांव में डायरिया से एक महिला की मौत हो गयी. 34 लोग बीमार हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पीड़ितों की जांच कर रही है और उन्हें दवा दे रही है. बांडी गांव के नीचे टोला में डायरिया का प्रकोप देखा जा रहा है.

45 वर्षीय महिला की मौत से फैला दहशत

दस्त के कारण रविवार सुबह विश्वासी कंडुलना (45) की मौत हो गयी, जबकि 34 अन्य ग्रामीण दस्त से पीड़ित हैं. ग्रामीणों के अनुसार, मृतका को पिछले कुछ दिनों से दस्त की शिकायत थी. धीरे-धीरे अन्य ग्रामीण भी दस्त की चपेट में आने लगे. रविवार सुबह विश्वासी कंडुलना की मौत होने के बाद गांव में दहशत फैल गयी.

इलाज के लिए बेड़ाकेंदुदा पहुंचे 10 ग्रामीण

इसके बाद दस्त से पीड़ित पतरस तोपनो, बेरथा तोपनो, सुशीला कंडुलना, आश्रिता कंडुलना समेत 10 ग्रामीण बेड़ाकेंदुदा में इलाज कराने पहुंचे. रविवार को दोपहर में मेडिकल टीम ने आंशिक रूप से पीड़ित लोगों को दवा दी. ग्रामीणों ने बताया कि पेयजल के लिए ग्रामीण कुआं के पानी का इस्तेमाल करते हैं. बारिश के कारण कुआं का पानी दूषित हो गया है.

पीने में कुआं के का उपयोग करते हैं ग्रामीण

ग्रामीणों का यह भी कहना है कि कुआं के आसपास काफी गंदगी फैल गयी है. स्वास्थ्यकर्मियों ने कुआं और आसपास में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया. रोबकेरा पंचायत के मुखिया स्नेह तोपनो ने बताया कि बांडी नीचे टोला में नल जल योजना के तहत जलमीनार का निर्माण अधूरा है. जलमीनार में टंकी नहीं लगायी गयी है. ठेकेदार काफी सुस्त गति से काम कर रहा है. पेयजल के लिए ग्रामीण सिर्फ कुआं के पानी पर आश्रित हैं.

मोबाइल का बढ़ता जहर :13 साल का बच्चा ने किया मोबाइल के लिए जिद, नहीं देने पर खा लिया कीट नाशक, फिर क्या हुआ पूरी खबर...


झारखंड : गढ़वा जिले के बिशुनपुरा थानांतर्गत जतपुरा गांव निवासी अरुण यादव के 13 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार ने रविवार को कीटनाशक खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। बच्चे की हालत बिगड़ता देख परिजनों ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया।

घटना के संबंध में परिजनों ने बताया कि वह अपने घर में मोबाइल फोन मांग रहा था। उसी बात को लेकर उसके परिजनों ने डांट फटकार लगाई थी। इसके बाद बच्चे ने गुस्से में आकर कीटनाशक खा लिया। घटना के बाद परिजनों ने उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया है। हालांकि अभी बच्चा खतरे से बाहर है।

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मिला मंत्री बन्ना गुप्ता से , सौंपा ज्ञापन,

कहा- उन्हें जो आश्वासन सीएम द्वारा 2022 मे दिया गया था उस मांग को आज तक नहीं किया गया पूरा, फिर आंदोलन के लिए हैं बाध्य


झा. डेस्क 

जमशेदपुर। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री बन्ना गुप्ता से उनके जमशेदपुर स्थित आवासीय कार्यालय में मिला। मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा एवं वार्ता किया। इसका नेतृत्‍व संगठन के राज्यस्तरीय वरीय शिक्षक प्रतिनिधि एवं प्रदेश सलाहकार समिति सदस्य सुनील कुमार ने किया।

सुनील कुमार ने मंत्री का ध्‍यान पिछले 22 नवंबर, 2022 को उनकी उपस्थिति एवं पहल पर मुख्यमंत्री के साथ संघ से हुई वार्ता और मिले आश्वासन के बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं होने की ओर आकृष्ट कराया। ससमय मांगों का निराकरण नहीं होने के कारण बाध्य होकर 5 अगस्त से मुख्यमंत्री के समक्ष रांची में आमरण अनशन पर बैठने की जानकारी दी। 

इसके बाद मंत्री ने शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह से फोन पर एमएसीपी, वेतन विसंगति आदि मामलों पर बिन्दुवार बात की।

सचिव से मंत्री ने कहा कि 2022 में उनकी उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने उक्त समस्याओं के समाधान का आश्वासन शिक्षक संघ को दिया था। उस आश्वासन पर शिक्षकों ने अपना आंदोलन समाप्त किया था।

 इसके बावजूद अभी तक शिक्षकों को एमएसीपी क्यों नहीं मिला। शिक्षकों को एमएसीपी देने में क्या परेशानी है।

इस पर शिक्षा सचिव ने कहा कि एमएसीपी के संबंध में फाइल बढ़ाई गई थी, परंतु अत्यधिक वित्तीय बोझ का हवाला देते हुए फाईल वित्त विभाग से लौटा दी गई थी। शिक्षा सचिव ने यह भी कहा कि इसके लिए पुनः एक बार वित्त सचिव और सभी स्टेकहोल्डर की एक साथ एक मीटिंग आयोजित कर सहमति बनाने की आवश्यकता है। मंत्री ने इस दिशा में विभाग को शीघ्र पहल करने का निर्देश दिया।

सरायकेला :सिंगल ट्रास्कर हाथी ने दर्जनों घरों को तोड़ा ।खाए अनाज रातभर रहे ग्रामीण दहशत में


सरायकेला : जिला के चांडिल वन क्षेत्र के अधीन सिंगल ट्रास्कर हाथी ने रातभर मचाया उपद्रव दर्जनों घरों को बनाया निशाना रखे अनाज को खाया । बीते रात रविवार की रात्रि रसूनिया जंगल से उतरकर 8 बजे के आसपास रावताड़ा गांव में प्रवेश किया और आतंक मचाने लगा जिसे जन जीवन अस्त व्यस्त रहने लगा । 

वन विभाग द्वारा लगाया गए एलिफेंट ड्राइव टीम ने हाथी को ड्राइव करने लगा ।जिसे ड्राइव के दौरान उग्र हाथी ने कोई घरों को तोड़ते हुए लेंगडीह गांव पहुंच ओर इस गांव में दो घरों गरीब नवकीशोर महतो की घर में रखे खड़ी गाड़ी को क्षति ग्रस्त किया साथ किसान का खेतों में रोपे 

गए धान का चारा को खाया और पैर तले रौंद डाला । चांडिल बाजार स्थित बनिया बस्ती मुस्लिम पाड़ा में उपद्रव मचाया,

 दलमा की तराई में बसे सिकली गांव में 12 बजे आसपास पहुंचे और घरों ओर राशन दुकान , आग्नबाड़ी पर ट्राग्रेट किया रखे अनाज को निवाला बनाया गया। एक अनुभव के तहत गजों की सुघने की क्षमता के कारण घरों के अंदर रखे अनाज की खुशबू से उसी स्थान को तोड़ता है रखे अनाज को निवाला बनाता है।यह ट्रास्कर कुकडू प्रखण्ड क्षेत्र आतंक मचा कर रखा था । 

चांडिल वन क्षेत्र पदाधिकारी मैनेजर मिर्धा ने बताया दो माह से कुकड़ू प्रखण्ड के दर्जनों गांव विशाल सिंगल ट्रास्कर हाथी ने प्रत्येक दिन दो से चार घरों पर हमला करके रखे अनाज को निवाला बना रहा था । सूचना मिलते ही रात्रि को एलिफेंट ड्राइव टीम लगाया गया था। चांडिल रेंज में गांव रावताड़ा में दो घरों ओर लेंगडीह गांव दो घरों को तोड़ा साथ ही टेंपू को क्षत्रि ग्रस्त किया ।ड्राइव करने के दौरान यह विशाला हाथी द्वारा क्षति किया । जल्द से जल्द सभी का क्षति पूर्ति का की राशि देने की प्रयास किया जा रहा सभी लोग फर्म भरे क्षत्रि पूर्ति का विभाग जांच करके उचीत राशि वितरण होगा ।

सरयू राय को जदयू की सदस्यता लेने से झारखंड की राजनीति में जदयू को कितना मिलेगा लाभ पढ़िये पूरी खबर.... ?


झारखण्ड डेस्क 

झारखंड के जमशेदपुर से निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ज्वाइन कर ली है । सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी सीट से निर्दलीय विधायक है। 2019 के चुनाव में उन्होने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराया था। 

इस बार भी सरयू राय जमशेदपुर ihसीट से चुनाव लड़ना चाहते हैl इसलिए उन्होने जेडीयू की सदस्यता ली है l और जेडीयू उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगे। सरयू राय को जेडीयू की सदस्यता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने दिलाई। 

इस दौरान झारखंड जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो मौजूद थे। नीतीश सरकार में मंत्री श्रवण कुमार और अशोक चौधरी भी मौजूद।

सरयू राय से सियासी समर में क्या पड़ेगा असर

झारखंड में चुनाव लड़ने को लेकर जदयू की तैयारी के लिए एक ऐसा चेहरा की जरूरत थी जिसकी झारखंड में पकड़ मजबूत हो। इस मामले में पूर्व सीएम रघुवर दास को पराजित करने के बाद सरयू राय का कद झारखंड के राजनीति में बढ़ गया था , हालांकि यह कितना प्रभावी रहेगा आने वाला समय बताएगा।लेकिन सियासी हलकों में इसे जदयू के लिए शुभ माना जा रहा है।

 इस बार भी सरयू राय जमशेदपुर सीट से चुनाव लड़ना चाहते है।

 सरयू राय इस बार भी जमशेदपुर से चुनाव लड़ेंगे इसलिए उन्होंने जेडीयू की सदस्यता ली है ।इस बार वे जेडीयू उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगे। सरयू राय को जेडीयू की सदस्यता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने दिलाई।सरयू राय नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते है.इस लिए झारखंड में उन्हें जदयू उन्हें महत्वपूर्ण ओहदा दे सकते हैं।

क्या जदयू के पूर्व नेता सरयू राय को स्वीकार करेंगे

 वैसे राजनीति में सब कुछ सम्भव है ।वैसे यह सवाल इस लिए उठ रहा है कि स्थानीय जदयू नेता ने सरयू राय को बताया था सबसे बड़ा ब्लैक मेलर, अब आगे इन नेताओं की सोच बदल जाएगी।

 गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही एक जदयू नेता ने एक मामले को लेकर सरयू राय को सबसे बड़ा ब्लैकमेलर कहा था। ऐसे में सरयू राय के जदयू में शामिल होने पर अब जदयू नेता की क्या राय होगी यह देखने वाली बात होगी। यही नहीं एक प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि "झारखंड में जदयू का NDA से कोई गठबंधन नही है" ऐसा बोलकर सरयू राय भ्रम की स्थिति फैलाना चाहते हैं. इसमें कितनी सच्चाई है यह तो सरयू राय और जदयू के नेता ही जाने। बहरहाल सरयू राय के जदयू में शामिल हो जाने से आगामी विधानसभा में उम्मीदवारी को लेकर भ्रम की स्थिति जरूर बन गई है. अब जदयू के टिकट पर कौन कहाँ से चुनाव लड़ेगा और किसका टिकट कटेगा यह तो वक़्त ही बतायेगा. परंतु इतना तो तय है सरयू के जदयू में शामिल होने के बाद झारखंड में सिक्का उन्ही का चलेगा । यह अलग बात है कि उम्मीदवार अभी से अपनी जमीन तलाशने में जुट चुके हैं. बावजूद उसके किसकी बनी बनाई जमीन खिसक जायेगी और किसका बोया फसल कौन काट लेगा यह बताना मुश्किल है. अब आगे नेताजी पार्टी में बने रहेंगे या किस ओर करवट लेंगे सबकी निगाहें इस पर टिकी हुई है.

क्या सरयू राय से नितीश का NDA के साथ गठबंधन में पड़ेगा असर

 यह दूसरी बार है जब सरयू राय ने भाजपा को चोट पहुंचाने की कोशिश की थी। पहली बार 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी व तत्कालीन मुख्य मंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर कर उसे हीं मात दे दिया।

 यह भाजपा को बहुत गहरी चोट सरयू राय ने दिया था। ऐसे में यह सवाल बनता है कि सरयू राय जदयू को झारखंड में कितना मजबूत बना सकेंगे? एक ओर केंद्र में जदयू भाजपा का साथ देकर सता में बनी हुई है तो दूसरी ओर जदयू में शामिल हुए सरयू राय भाजपा के विधायक व सांसद के खिलाफ जमकर बयान बाजी करते हैं। 

क्या ऐसे में झारखंड में जदयू व भाजपा का गठबंधन चल पाएगा या फिर सरयू राय को खामोशी अख्तियार करनी होगी?

सूत्रों से जो जानकारी मिली है उनके मुताबिक अभी सिर्फ सरयू राय ने जदयू की सदस्यता ली है। बहुत जल्द वे अपनी पार्टी का विलय जेडीयू में करेंगे। 

झारखंड जदयू के अध्यक्ष खीरू महतो ने बताया कि दिल्ली स्थित जदयू कार्यालय में सरयू राय को पार्टी की सदस्यता दिलाई गयी है। उन्होंने कहा कि सरयू राय अपनी पार्टी का जदयू में विलय की घोषणा बहुत जल्द करेंगे।

सर्वर डाउन: “मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” के आवेदनकर्ता घंटो से कर रहें इंतजार…

झारखण्ड सरकार की महत्वकांक्षी योजना *मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ,लाभुकों को दिलाने को लेकर लगाए गए शिविर में सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण महिलाएं पहुंची, लेकिन सर्वर डाउन होने के कारन इन महिलाओं को बैरंग लाईन में खड़े रहने के बाद अपने घरों की ओर कूच करना पड़ा रहा है। शनिवार,रविवार दोनों दिन सर्वर डाउन रहने के कारण मंदरों पंचायत में मात्र एक लाभुक का ऑनलाइन शनिवार को हुआ है।और आज एक भी लाभुक का ऑनलाइन नहीं हो पाया है। 

सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने के लिए टेक्निकल टीम को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।इस कैंप में महिलाएं पहुंचकर घंटों लाईन में खड़ी रहकर वापस घर जा रही हैं.

 मंदरों पंचायत के मुखिया श्री शुक्रा उरांव ने बताया कि पंचायत के सभी गांव से महिलाएं आ रही हैं पर सर्वर डाउन होने के कारण आवेदन ऑनलाईन नहीं हो रहा है। कल भी यही हाल था। सभी महिलाएं इस बरसात के मौसम में काफी परेशान हो रही हैं। टेक्निकल टीम द्वारा इस परेशानी को जल्द से जल्द दूर करना चाहिए।