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9.5 करोड़ लेकर कांग्रेस सरकार को कमाई के तरीके बताएगी अमेरिकी फर्म, दूध, पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने के बाद अब कर्नाटक में क्या बढ़ेगा ?

 कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के जनता से किए पांच प्रमुख वादे को गारंटी का नाम दिया गया था। इन वादों को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार अब कई तरह के टैक्स बढ़ा रही है, जिसका असर कर्नाटक की जनता पर पड़ने लगा है। सरकार बनने के कुछ ही दिनों बाद कांग्रेस ने नंदिनी दूध पर 3 रुपए बढ़ा दिए थे, फिर बिजली की डालें ढाई रुपए यूनिट (200 से अधिक यूनिट) से बढ़ा दी थीं। हाल ही में डीजल और पेट्रोल पर टैक्स में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी, और शराब और बीयर पर कर बढ़ाने की योजना है, साथ ही हाउस टैक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर भी टैक्स लगाने की तैयारी है। इसका सीधा मतलब होगा, जनता से एक हाथ से लेना और दूसरे हाथ से उसे वापस देकर अपनी चुनावी गारंटी पूरी करने का दावा करना। 

इसके अलावा, कांग्रेस सरकार ने अपनी कमाई बढ़ाने के उपाय बताने के लिए एक अमेरिकी फर्म बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) को काम पर रखा गया है, जिस पर छह महीने में राज्य को 9.5 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। कांग्रेस सरकार ने राज्य की वित्तीय स्थिति सुधारने और राजस्व बढ़ाने के लिए रणनीति बनाने के लिए BCG को काम पर रखा है। यह कदम चुनावी वादों को पूरा करने से जुड़ी उच्च लागतों के मद्देनजर उठाया गया है। BCG ने पहले ही राज्य सरकार को सुझाव देना शुरू कर दिया है। 

हालाँकि, सेवानिवृत्त IAS अधिकारी एमजी देवसहायम सहित कुछ आलोचक निजी सलाहकारों को काम पर रखने के खिलाफ तर्क देते हैं। देवसहायम का मानना ​​है कि भारत के कई अनुभवी IAS अधिकारी, जिनमें से कई की पृष्ठभूमि IIT और IIM में है, इन कार्यों को बेहतर ढंग से संभाल सकते हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि मुफ्त सुविधाएं और गारंटी प्रदान करना अस्थिर है और राज्य की वित्तीय सेहत के लिए हानिकारक है। देवसहायम का ये भी कहना है कि, विदेशी सलाहकारों के पास भारतीय संसाधनों और स्थितियों को समझने का अभाव होता है, जिसके चलते वे केवल मोटी फीस लेकर खोखली रिपोर्ट बनाकर दे सकते हैं, इसके बजाए किसी भारतीय को ये काम सौंपा जा सकता था, जो हालातों से परिचित हो और योग्य हो।  

उल्लेखनीय है कि, कर्नाटक सरकार की पांच गारंटियों में सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली (गृह ज्योति), परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को 2,000 रुपये प्रति माह (गृह लक्ष्मी), गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों को 10 किलो खाद्यान्न (अन्न भाग्य), बेरोजगार स्नातकों को दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को दो साल के लिए 1,500 रुपये प्रति माह (युवनिधि), और राज्य भर में सरकारी गैर-एसी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा (शक्ति) शामिल हैं। इन वादों से 5.10 करोड़ लोगों को लाभ मिलने का दावा किया गया है और इनको पूरा करने से 2023-24 में राज्य पर 36,000 करोड़ रुपये का खर्च का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष के लिए इन योजनाओं के लिए आवंटित बजट 52,009 करोड़ रुपये है। 

हालांकि, 2024-25 के लिए राज्य का कुल राजस्व घाटा बजट 3,71,383 करोड़ रुपये है, जिसमें पहली बार राज्य की उधारी 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। स्थिति ये है कि, राज्य का खजाना खाली हो रहा है और विकास कार्य तो दूर, चुनावी गारंटियां पूरा करने में भी सरकार को मुश्किलें हो रहीं हैं। अब अधिक कमाई उत्पन्न करने के लिए, राज्य सरकार ने ईंधन की कीमतों में वृद्धि की है, जिससे पेट्रोल 102 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गया है। उन्होंने संपत्ति मार्गदर्शन मूल्यों में भी 15-30% का इजाफा किया, भारतीय निर्मित शराब (IML) पर 20% अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (AED) लगाया, बीयर पर AED को 175% से बढ़ाकर 185% किया और नए पंजीकृत परिवहन वाहनों पर 3% अतिरिक्त उपकर लागू किया। 25 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पर आजीवन टैक्स का प्रावधान किया और गैर-पंजीकरण-आवश्यक दस्तावेजों के लिए स्टांप शुल्क 200% से बढ़ाकर 500% कर दिया गया। ये तमाम चीज़ें, संपत्ति कर, जल कर और बस किराए में भविष्य में वृद्धि का भी संकेत देती हैं।

इसके अतिरिक्त, कांग्रेस सरकार बिक्री को बढ़ावा देने के लिए 1 जुलाई से प्रीमियम शराब ब्रांडों की कीमतों को कम करने की योजना बना रही है। इस रणनीति का उद्देश्य महंगी शराब और बीयर की खरीद को बढ़ावा देना है, जिससे शराब की बिक्री से राज्य की आमदनी बढ़ेगी। भाजपा ने इन राजस्व-उत्पादक उपायों की आलोचना की है, उनका तर्क है कि ये जनता पर अनुचित बोझ डालते हैं। हालांकि, आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने ऐसी योजनाओं का बचाव करते हुए उन्हें आवश्यक चुनावी रणनीति बताया है। 

हालांकि जब एक राज्य में चुनावी गारंटियां पूरी करने में प्रदेश सरकार का राजस्व रसातल में चला गया है, तो हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भी जो कांग्रेस ने, करोड़ों महिलाओं को 'खटाखट' 1 लाख, बेरोज़गारों को भी सालाना 1 लाख, सभी फसलों पर MSP, हर बार किसानों के कर्जे माफ़ करने के जो वादे किए थे, उसे पार्टी कैसे पूरा करती ? क्या इसी तरह पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढाकर, टैक्स बढाकर, नंदिनी दूध, बिजली की दरें बढाकर, या फिर किसी विदेशी फर्म को हायर करके ये सब किया जाता ? फिर देश में शिक्षा, स्वास्थय, रक्षा, सड़क, जल और अन्य मुद्दों से जुड़े विकास कार्यों के लिए पैसा कहाँ से लाया जाता ? एक बार जब कांग्रेस विधायकों ने अपने क्षेत्रों में विकास कार्य के लिए राज्य सरकार से धन जारी करने के लिए कहा था, तो डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने ये कहते हुए मना कर दिया था कि चुनावी गारंटियों को पूरा करने में हमें फंड लगाना पड़ा है, इसलिए अभी विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं बचा है।

वैसे कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स लगाने का सुझाव दिया था, जिसमे व्यक्ति के मरने के बाद उसकी 55 फीसद संपत्ति सरकार ले लेती, या तो इसे लागू किया जाता। या फिर जो देशवासियों की संपत्ति की गिनती करके उसके पुनर्वितरण का वादा किया था, वो रास्ता अपनाया जाता। बहरहाल, कांग्रेस अभी केंद्र की सत्ता में नहीं है और जहाँ सत्ता में है, वहां खज़ाना खाली हो चुका है, राज्य सरकार ने चुनावी गारंटियां पूरा करने के लिए काफी कुछ बढ़ा दिया हैं, अभी और कुछ भी बढ़ सकता है, जिसकी सलाह अमेरिकी फर्म देगी। इसी साल जब राज्य में सूखा पड़ा था, तब भी राज्य सरकार के पास राहत कार्यों के लिए पैसे नहीं थे, उसने केंद्र से आर्थिक मदद मांगी। केंद्र ने उसे 3,454 करोड़ रुपये जारी किए।

हालाँकि, कांग्रेस के चुनावी वादों पर भी अर्थशास्त्रियों ने चिंता जताई थी कि मुफ्त की चीज़ों से सरकारी ख़ज़ाने पर बोझ बढ़ेगा और बाकी विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं बचेगा, लेकिन उस समय पार्टी ने इन बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया था। यही नहीं, सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने अपनी मुफ्त की 5 चुनावी गारंटियों को पूरा करने के लिए SC/ST वेलफेयर फंड से 11 हजार करोड़ रुपये निकाल लिए थे। बता दें कि, कर्नाटक शेड्यूल कास्ट सब-प्लान और ट्रायबल सब-प्लान एक्ट के मुताबिक, राज्य सरकार को अपने कुल बजट का 24.1% SC/ST के उत्थान के लिए खर्च करना पड़ता है। लेकिन उन 34000 करोड़ में से भी 11000 करोड़ रुपए राज्य सरकार ने निकाल लिए। इसके बाद राज्य सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए एक योजना शुरू की, जिसमे उन्हें वाहन खरीदने पर 3 लाख तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया था। उस योजना के अनुसार, यदि कोई अल्पसंख्यक 8 लाख रुपये की कार खरीदता है, तो उसे मात्र 80,000 रुपये का शुरूआती भुगतान करना होगा। 3 लाख रुपए राज्य सरकार देगी, यही नहीं बाकी पैसों के लिए भी बैंक ऋण सरकार ही दिलाएगी।

वहीं, इस साल के बजट में कांग्रेस सरकार ने वक्फ प्रॉपर्टी के लिए 100 करोड़ और ईसाई समुदाय के लिए 200 करोड़ आवंटित किए हैं, फिर मंदिरों पर 10 फीसद टैक्स लगाने का बिल लेकर आई थी, लेकिन भाजपा के विरोध के कारण वो बिल पास नहीं हो सका। जानकारों का कहना है कि, धन का सही प्रबंधन नहीं करने के कारण, राज्य सरकार का खज़ाना खाली हो गया और उसके पास विकास कार्यों और अपनी जनता को सूखे से राहत देने के लिए पैसा नहीं बचा। अब पार्टी ने एक विदेशी फर्म को कमाई बढ़ाने के लिए सलाह देने के काम पर रखा है, जो 6 महीने के 9.5 करोड़ लेगी।

T20 वर्ल्ड कप: क्या भारत-बांग्लादेश मैच में मौसम बनेगा विलन ? एंटीगुआ से सामने आई यह ताजा रिपोर्ट

 एंटीगुआ के नॉर्थ साउंड क्षेत्र में आज शनिवार को मौसम के कारण भारत और बांग्लादेश के बीच टी20 विश्व कप के 'सुपर 8' मैच में पूरा खेल होने की उम्मीद है, लेकिन 'तूफान' के कारण व्यवधान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। भारत, जिसने 'सुपर 8' चरण के अपने पहले ग्रुप 1 मैच में अफगानिस्तान को हराया था, जीत का प्रबल दावेदार है, लेकिन वह बांग्लादेश की हिम्मत वाली टीम को हल्के में नहीं ले सकता।

जहां तक ​​क्षेत्र में मौसम के पूर्वानुमान का सवाल है, accuweather.com वेबसाइट इसे अपेक्षाकृत ठीक बताती है। एंटीगुआ में शनिवार के लिए पूर्वानुमान में कहा गया है कि, "आंशिक रूप से धूप खिली रहेगी और कुछ स्थानों पर आंधी भी आएगी।" इस दौरान 41% बादल छाए रहेंगे और दिन भर कुछ घंटों तक बारिश होगी। मैच स्थानीय समयानुसार सुबह 10:30 बजे शुरू होगा, जो कि भारतीय समयानुसार रात 8 बजे है। भारत ने ग्रुप चरण में आयरलैंड, पाकिस्तान और यूएसए पर जीत के बाद 'सुपर 8' में अपराजित प्रवेश किया। फ्लोरिडा में कनाडा के खिलाफ भारत का मैच बारिश के कारण रद्द हो गया।

भारत ने 2013 में एमएस धोनी की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद से कोई ICC इवेंट नहीं जीता है और उन्हें उम्मीद है कि वे अपना दूसरा टी20 विश्व कप जीतकर 11 साल के वै इंतजार को खत्म करेंगे। बता दें कि भारत ने अंतिम बार महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 2007 में टूर्नामेंट का पहला संस्करण जीता था।

दिल्ली में आप नेता आतिशी के जल सत्याग्रह में केजरीवाल के खिलाफ हुई नारेबाजी, AAP कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा

दक्षिण दिल्ली के भोगल में दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट को लेकर अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रखी। जो शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रही। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारे लगाए, जिसके बाद आम आदमी पार्टी (AAP) कार्यकर्ताओं ने उन्हें बाहर निकाला। आतिशी शुक्रवार को अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठीं और आरोप लगाया कि हरियाणा यमुना में दिल्ली के हिस्से का उचित पानी नहीं दे रहा है।

अपने 'जल सत्याग्रह' स्थल से एक वीडियो संदेश में आतिशी ने कहा कि जब तक हरियाणा शहर के लोगों के लिए और पानी नहीं छोड़ता, तब तक वह कुछ नहीं खाएँगी। आतिशी मर्लेना ने कहा कि शुक्रवार को हरियाणा ने 110 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) कम पानी छोड़ा। उन्होंने कहा कि, "एक एमजीडी पानी 28,000 लोगों के लिए है। 100 एमजीडी पानी की कमी का मतलब है कि दिल्ली में 28 लाख लोगों को पानी नहीं मिल रहा है।" प्रदर्शन स्थल से प्राप्त वीडियो में लोगों को क्रोधित होते हुए दिखाया गया है, जबकि एक घोषणा की जा रही थी, जिसमें उनसे अराजकता न फैलाने का अनुरोध किया जा रहा था।

वहीं, भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने आतिशी के उपवास को एक 'ढोंग' करार देते हुए आरोप लगाया कि यह उनकी 'निष्क्रियता' को छिपाने के लिए एक 'राजनीतिक नाटक' है। सुषमा ने आरोप लगाया कि, "आतिशी एक असफल जल मंत्री हैं। इस साल फरवरी से ही यह स्पष्ट था कि दिल्ली को लंबी गर्मी झेलनी पड़ेगी, लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई तैयारी नहीं की।" आतिशी पर हमला करते हुए भाजपा की दिल्ली इकाई ने शनिवार को एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें प्रदर्शन स्थल पर AAP का कोई नेता नहीं दिख रहा है।

भाजपा की दिल्ली इकाई ने ट्वीट किया, "यह कैसा अनिश्चितकालीन सत्याग्रह है, जहां आतिशी दोपहर के भोजन और रात में एसी कमरे में खाना खाने और आराम करने जाती हैं! एक बड़ा घोटाला चल रहा है।" इसके तुरंत बाद AAP नेता संजय सिंह ने भाजपा पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया कि, "भाजपा के धोखेबाजों को पता होना चाहिए कि जो भी अनशन पर बैठता है, उसका डॉक्टरों द्वारा मेडिकल चेकअप किया जाता है। मेडिकल रिपोर्ट तैयार की जाती है। अपने केंद्रीय मंत्री को भेजो, नायब सिंह सैनी को भेजो - अगर आप गलत हैं, तो दिल्ली को उसके हिस्से का पानी दे दो।"

शेख हसीना के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: 'कनेक्टिविटी, वाणिज्य, सहयोग पर ध्यान केंद्रित करें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शनिवार को नई दिल्ली में अपनी द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा संबंधों, रक्षा उत्पादन, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, सीमा प्रबंधन और अन्य मुद्दों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। बांग्लादेशी समकक्ष के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पड़ोसी देश नई दिल्ली की पड़ोसी प्रथम नीति, एक्ट ईस्ट नीति, विजन सागर और इंडो-पैसिफिक विजन के संगम पर स्थित है।

अपने रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने रक्षा उत्पादन से लेकर सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण तक विस्तृत चर्चा की। हमने आतंकवाद, कट्टरवाद और सीमा के शांतिपूर्ण प्रबंधन पर अपने सहयोग को मजबूत करने का फैसला किया है। हिंद महासागर क्षेत्र के लिए हमारा दृष्टिकोण भी यही है। हम इंडो-पैसिफिक महासागर पहल में शामिल होने के बांग्लादेश के फैसले का स्वागत करते हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हम बिम्सटेक और अन्य क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपना सहयोग जारी रखेंगे।" पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने मिलकर जन कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी की हैं। "दोनों देशों के बीच भारतीय रुपये में व्यापार शुरू हो गया है। भारत और बांग्लादेश के बीच गंगा नदी पर दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। भारत और बांग्लादेश के बीच पहली क्रॉस-बॉर्डर फ्रेंडशिप पाइपलाइन पूरी हो गई है।

भारतीय ग्रिड के माध्यम से नेपाल से बांग्लादेश को बिजली का निर्यात ऊर्जा क्षेत्र में उप-क्षेत्रीय सहयोग का पहला उदाहरण बन गया है। केवल एक वर्ष में इतने सारे क्षेत्रों में इतनी बड़ी पहल को लागू करना हमारे संबंधों की गति और पैमाने को दर्शाता है।" 

पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि दोनों देश कनेक्टिविटी, वाणिज्य और सहयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल और ऊर्जा कनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित करेंगे। "दोनों पक्ष अपने आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सीईपीए पर बातचीत शुरू करने के लिए तैयार हैं...भारत और बांग्लादेश को 54 नदियाँ जोड़ती हैं - हमने बाढ़ प्रबंधन, प्रारंभिक चेतावनी और पेयजल परियोजनाओं पर सहयोग किया है। हमने 1996 की गंगा जल संधि के नवीनीकरण पर तकनीकी स्तर की वार्ता शुरू करने का फैसला किया है। बांग्लादेश में तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन के लिए एक तकनीकी टीम जल्द ही बांग्लादेश का दौरा करेगी," पीएम मोदी ने कहा।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश ने एक भविष्य की दृष्टि तैयार की है, जिसमें हरित भागीदारी, डिजिटल भागीदारी, नीली अर्थव्यवस्था और अंतरिक्ष शामिल हैं। उन्होंने कहा, "हम पिछले एक साल में 10 बार मिल चुके हैं। हालांकि, यह बैठक विशेष है क्योंकि बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना हमारी सरकार के तीसरे कार्यकाल के बाद पहली राजकीय अतिथि हैं।"

पीएम हसीना ने कहा कि भारत बांग्लादेश का प्रमुख पड़ोसी और भरोसेमंद मित्र है। उन्होंने कहा, "बांग्लादेश भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है।"उन्होंने पीएम मोदी को अपने देश आने का निमंत्रण दिया। साथ ही कहा की वे "बांग्लादेश आकर देखें कि हमने क्या-क्या किया है और क्या करने की योजना बना रहे हैं।"

रेणुकास्वामी हत्याकांड: कन्नड़ अभिनेता दर्शन ने 40 लाख उधार लेने की बात की कबूल, सबूत किये थे नष्ट

रेणुकास्वामी हत्याकांड में आरोपी दर्शन थुगुदीपा ने कथित तौर पर सबूत नष्ट करने के लिए और अन्य आरोपियों को भुगतान करने के लिए अपने एक दोस्त से ₹40 लाख उधार लिए थे। रिमांड आवेदन के अनुसार, टाइम्स नाउ ने बताया कि कन्नड़ अभिनेता - जिसे 11 जून को गिरफ्तार किया गया था - ने कबूल किया कि उसने अपराध के गवाह लोगों को देने के लिए बड़ी रकम उधार ली थी।

पुलिस ने दर्शन के घर से बैग से ₹37.4 लाख बरामद किए

रिपोर्ट के अनुसार, ₹40 लाख के ऋण का एक हिस्सा उस शेड के सुरक्षा गार्डों को दिया गया था जहाँ रेणुकास्वामी की हत्या की गई थी, बदले में उन्होंने अपनी चुप्पी बनाए रखी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने अभिनेता के घर से मिले हरे रंग के प्यूमा बैग से ₹37.4 लाख बरामद किए। इसके अलावा, पुलिस ने कथित तौर पर दर्शन के प्रशंसक संघ के प्रमुख के घर से 4.5 लाख रुपये भी बरामद किए हैं।

पवित्रा ने रेणुकास्वामी को चप्पल से मारा

पीटीआई ने हाल ही में बताया कि रेणुकास्वामी हत्याकांड में एक अन्य आरोपी अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा ने पीड़िता को चप्पल से पीटा था। पुलिस द्वारा अदालत में हाल ही में पेश किए गए रिमांड नोट से पता चलता है कि वह एक निश्चित अवधि के लिए हत्या स्थल पर थी। पुलिस ने कथित तौर पर पवित्रा के घर से दर्शन से जुड़ी चप्पल, कपड़े, सामग्री और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं।

हत्या मामले के बारे में अधिक जानकारी

कन्नड़ अभिनेता पवित्रा को हत्या मामले में आरोपी नंबर एक के रूप में नामित किया गया है, कथित तौर पर उकसाने के लिए, जबकि दर्शन को आरोपी नंबर दो बनाया गया है, जिसने कथित तौर पर हत्या को अंजाम दिया। रेणुकास्वामी हत्या मामले में दर्शन और पवित्रा के साथ-साथ 15 अन्य को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांच के तहत वे रेणुकास्वामी द्वारा इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए संदेशों से संबंधित डेटा प्राप्त करने के लिए सोशल मीडिया दिग्गज मेटा से संपर्क करने पर विचार कर रहे हैं, जिसे हटा दिया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अभिनेता के प्रशंसक रेणुकास्वामी ने पवित्रा को 'अश्लील संदेश' भेजे थे, जिससे दर्शन नाराज हो गया और कथित तौर पर उसने हत्या को अंजाम दिया। रेणुकास्वामी का शव 9 जून को एक नाले के पास मिला था। कथित तौर पर 8 जून को उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई।

आ गया मिर्जापुर 3 का ट्रेलर, बेसब्री से इंतजार कर रहे दर्शकों को ट्रेलर ने बता दिया कि यह सीरीज रच देगा इतिहास, पढ़िए इस बार क्या है खास


Mirzapur 3 का बेसब्री से दर्शक इंतजार कर रहे हैं. इसके पिछले दो सीजन ने जो सुर्खियां बटोरी उसी को दोहराने के लिए तीसरा सीजन 5 जुलाई को आ रहा है. पर उससे पहले आ गया है ट्रेलर, जिसे देखकर फैंस की ललक और बढ़ रही है ‘मिर्जापुर 3’ के मेकर्स ने भी वैसा ही किया है. इस पूरे ट्रेलर में आप कालीन भैया यानी पंकज त्रिपाठी को ढूंढते रहेंगे. एक बार को लगेगा कि कालीन भैया दिखेंगे ही नहीं. फिर एकदम आखिरी में मेकर्स दिखाते हैं, सबसे मजबूत दांव. एंट्री होती है कालीन भैया की, और माहौल धुआं-धुआं हो जाता है. कालीन भैया कहते हैं, “हम वो करवाएंगे, जो पूर्वांचल के इतिहास में आज तक कभी नहीं हुआ.” ट्रेलर देखकर भी कुछ-कुछ ऐसा ही लगता है कि शायद मेकर्स कुछ नया करने वाले हैं. ट्रेलर की शुरुआत में ही गुड्डू पंडित त्रिपाठी चौक पर लगी कालीन भैया की मूर्ति तोड़ते हुए दिखते हैं. चूंकि इस सीजन में मुन्ना भैया नहीं हैं. इसलिए इस बार सीधे कालीन भैया और गुड्डू पंडित की टक्कर होने वाली है. ट्रेलर के जरिए मेकर्स पिछली बार से ज़्यादा हिंसक शो देने का वादा करते हैं. गुड्डू पंडित एक जगह कहता भी है, “वायलेंस तो हमारी USP है ना!” खून से सना हुआ ट्रेलर बहुत सारे संकेत देता है. सबसे पहले कि इस बार श्वेता त्रिपाठी का कैरेक्टर लेडी डॉन बनकर उभरेगा. विजय वर्मा का किरदार भी और ज्यादा मजबूत होगा. साथ ही मुन्ना भैया की वाइफ का भी जलवा दिखने वाला है. वो गुड्डू पंडित को खत्म करना चाहती हैं. कालीन भैया की पत्नी ही उनके खिलाफ खड़ी नजर आएंगी. कुल मिलाकर ये पूरा सीजन बदले की आग में जलता हुआ दिखेगा. ट्रेलर को दो चीजों से दूर रखा गया है. इसमें सिर्फ एक गाली डाली गई है. बेशक तीसरे सीजन में भी गालियां होंगी. पर रिलीज से पहले आलोचना से बचने के लिए ट्रेलर में इनका इस्तेमाल न के बराबर किया गया है. पिछले दोनों सीजन्स की गालियों की वजह से काफी आलोचना की गई थी. सेक्स और अश्लीलता को लेकर भी इसे क्रिटिसाइज किया गया था. आलोचना से इतर इसे कई लोग पसंद भी इसी वजह से करते हैं. शायद इस वजह से इस बार सिर्फ एकाध जगह इंटीमेट सीन्स को सिर्फ टीज किया गया है. ताकि कोर ऑडियंस के लिए भी माहौल बना दिया जाए और लोगों की कड़वी बातों से भी बचा जा सके. गुड्डू भैया का किरदार इस सीजन का हीरो होगा. उसे अपने पुराने तेवर देने की कोशिश की गई है. गुड्डू और बीना के बीच एक तरह की सेक्शुअल टेंशन दिखाई गई है. गोलू और गुड्डू के बीच भी कुछ ऐसा ही दिखाया गया है. एक ओर गुड्डू के पिता का भी ट्रैक चलेगा. कहने का मतलब है मेकर्स ने सबकुछ टीज करके दर्शकों के लिए कौतूहल पैदा करने की कोशिश की है. लेकिन ये ट्रेलर कोई बहुत अच्छा ट्रेलर नहीं है. पर ये एक ठीक जरूर है. शो की कास्ट की बात करें तो इसमें पंकज त्रिपाठी के अलावा अली फजल, रसिका दुग्गल, शीबा चड्ढा, राजेश तैलंग, विजय वर्मा, श्वेता त्रिपाठी, ईशा तलवार और अंजुम शर्मा जैसे स्टार्स हैं. सभी एक्टर्स की अपनी स्ट्रॉन्ग रीच है. शो के पहले और दूसरे सीजन में पहले विक्रांत मैसी, श्रिया पिलगांवकर और कुलभूषण खरबंदा जैसे स्टार्स भी नजर आए. हालांकि, शो में उनके कैरेक्टर्स की मौत हो गई.
विधानसभा चुनावों में तस्वीर अलग होगी..', सीट शेयरिंग पर शरद पवार का बड़ा बयान, क्या सहयोगियों को देंगे झटका ?


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-शरद गुट) सुप्रीमो शरद पवार के हवाले से कहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने महा विकास अघाड़ी (MVA) के अपने सहयोगियों की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति जताई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में स्थिति अलग होगी। पवार ने शुक्रवार को यहां दो बैठकें कीं, एक पुणे शहर और जिले के पार्टी पदाधिकारियों के साथ, तथा दूसरी विधायकों और नवनिर्वाचित सांसदों के साथ। पहली बैठक में शामिल हुए शहर NCP (SP) प्रमुख प्रशांत जगताप ने कहा कि पवार ने उपस्थित लोगों से कहा कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में कम सीटों पर चुनाव सिर्फ इसलिए लड़ा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शिवसेना और कांग्रेस के साथ गठबंधन बरकरार रहे। जगताप ने कहा, "उन्होंने संकेत दिया कि विधानसभा चुनावों में तस्वीर अलग होगी।" उन्होंने कहा कि NCP (SP) प्रमुख ने पुणे, बारामती, मावल और शिरूर लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों की स्थिति की भी समीक्षा की। दूसरी बैठक में शामिल हुए एक पार्टी नेता ने बताया कि पवार ने सांसदों और विधायकों से विधानसभा चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा। इस बीच, राज्य NCP (SP) प्रमुख जयंत पाटिल ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह एमवीए सीट बंटवारे के दौरान कितनी सीटें मांगेगी। बारामती विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवार के बारे में, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार कर रहे हैं, पाटिल ने कहा कि वरिष्ठ पवार इस बारे में निर्णय लेंगे। बारामती सीट से अजित पवार प्रतिद्वंद्वी राकांपा के प्रमुख हैं। NCP (SP) के एक अन्य वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख ने एक सवाल के जवाब में कहा कि एमवीए में कोई "बड़ा भाई और छोटा भाई" नहीं है। उन्होंने कहा, "सभी बराबर हैं।" देशमुख ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के विधायकों में काफी घबराहट है और उनमें से कुछ पाटिल और अन्य NCP (SP) नेताओं को फोन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "देखते हैं कि उनके साथ क्या किया जाना है।" जहां NCP (SP) ने 10 सीटों पर चुनाव लड़कर आठ लोकसभा सीटें जीतीं, वहीं अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने चार सीटों पर चुनाव लड़कर केवल एक सीट जीती थी।
महंगाई, रोहिंग्या, कर्ज और आतंकवाद..! कई चुनौतियों के बीच भारत आईं बांग्लादेशी PM शेख हसीना, पीएम मोदी से की मुलाकात


बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आज शनिवार को नई दिल्ली में अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। वह भारत की राष्ट्रीय राजधानी की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। यह उनकी दो सप्ताह से भी कम समय के अंतराल में दूसरी यात्रा है। शेख हसीना की भारत यात्रा कई कारकों के कारण बेहद नाजुक समय पर हो रही है। प्रधानमंत्री के प्रेस विंग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यात्रा के मुख्य अंश दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि यात्रा के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच आमने-सामने की बैठक होगी, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। यात्रा के दौरान, बांग्लादेश और भारत मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई समझौतों और समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके अतिरिक्त, संभावित व्यापार समझौते पर चर्चा की उम्मीद है। पिछले एक दशक में, एक मजबूत क्षेत्रीय साझेदारी योजना के हिस्से के रूप में कई सीमा पार पहल शुरू की गई हैं। सबसे पहले, यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब बांग्लादेश गंभीर आर्थिक कठिनाई का सामना कर रहा है, विदेशी मुद्रा भंडार में खतरनाक गिरावट आई है और निकट भविष्य में भी इस स्थिति से उबरने की कोई व्यावहारिक उम्मीद नहीं है। हालाँकि बांग्लादेश के वित्त मंत्री ए एच महमूद अली ने संवाददाताओं से कहा कि संघर्षरत अर्थव्यवस्था और मुद्रास्फीति छह महीने के भीतर नियंत्रण में आ जाएगी, लेकिन आर्थिक विशेषज्ञ कह रहे हैं - ऐसी उम्मीद या भविष्यवाणी वास्तविकताओं पर आधारित नहीं है। इस बीच, ढाका ने चीन से 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सॉफ्ट-लोन मांगा है और यह अनुमान है कि शेख हसीना की 9-12 जुलाई की चीन की आधिकारिक यात्रा के दौरान इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है, अर्थशास्त्री चेतावनी दे रहे हैं - यह सॉफ्ट-लोन अंततः बांग्लादेश को चीन के कर्ज के जाल में डाल देगा, जहाँ बीजिंग कई तरह के लाभ और रणनीतिक लाभ उठाने का प्रयास करेगा। इस बीच, पिछले साल गाजा में इजरायल के सैन्य अभियानों के बाद से, विदेश मंत्री हसन महमूद सहित बांग्लादेश के अधिकारी इजरायल की अत्यधिक आलोचना कर रहे हैं और यहाँ तक कि यहूदियों की आलोचना भी कर रहे हैं। इस स्थिति का अनुचित लाभ उठाते हुए, इस्लामवादी और धार्मिक कट्टरपंथी - जिनमें से अधिकांश सत्तारूढ़ अवामी लीग के प्रतिद्वंद्वी गुट से संबंधित हैं, जिसमें अलकायदा से जुड़ी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) भी शामिल है, ने सरकार की यहूदी विरोधी नीति का लाभ उठाना शुरू कर दिया और धार्मिक कट्टरता को अपने राजनीतिक एजेंडे में मिलाना शुरू कर दिया, जबकि इजरायल विरोधी, यहूदी विरोधी और भारत विरोधी तत्व इजरायल, यहूदी और भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान करके इस प्रवृत्ति में शामिल हो गए। इस बीच, पाकिस्तानी ISI के एक सहयोगी पिनाकी भट्टाचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने भारत विरोधी प्रचार को तेज कर दिया है और हाल के दिनों में, वह खुले तौर पर यह कहते हुए प्रसन्नता व्यक्त कर रहे हैं - भारत को बांग्लादेश से बाहर कर दिया गया है और अब चीन इस क्षेत्र में प्रवेश करेगा। वह यहूदियों पर एडोल्फ हिटलर की क्रूरता और होलोकॉस्ट को सही ठहराते हुए वीडियो सामग्री भी प्रकाशित कर रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि यहूदी बुरे लोग हैं और इसीलिए यूरोप में उनसे नफरत की जाती है। पिनाकी भट्टाचार्य ने शेख हसीना विरोधी प्रचार को इजरायल विरोधी और भारत विरोधी एजेंडे के साथ मिलाकर भी तेज कर दिया है। जैसे कि अल जजीरा इंग्लिश भी भड़काऊ सामग्री प्रसारित करके चल रहे इजरायल विरोधी और भारत विरोधी भावना में शामिल हो गया है। सत्तारूढ़ अवामी लीग सरकार अब अमेरिकी और यूरोपीय उत्पादों को इजरायली और यहूदी कंपनियों द्वारा निर्मित बताकर उनके खिलाफ इस तरह की बदनामी और लगातार फैलते प्रचार का लाभ नहीं उठा सकती। बांग्लादेश सरकार के लिए - अब यह वास्तव में दोहरा संकट है, हालांकि वे इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। दोहरा संकट इसलिए क्योंकि अगर सत्तारूढ़ अवामी लीग इजरायली, यहूदी और भारतीय उत्पादों के खिलाफ चल रहे बहिष्कार के पागलपन को रोकने का प्रयास करेगी, तो वे अब देश में इस्लामी ताकतों का निशाना बन जाएंगे, जबकि अगर सरकार इस मामले पर चुप रहेगी, तो अंततः इसके गंभीर परिणाम होंगे, जहां बांग्लादेशी परिधान उत्पादों के यहूदी खरीदार देश को यहूदी विरोधी बताकर ऑर्डर रद्द करना शुरू कर सकते हैं। यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में रेडीमेड कपड़ों के निर्यात पर बहुत अधिक निर्भर है। इस बीच, शेख हसीना के राजनीतिक विरोधी यह कहते हुए दुष्प्रचार तेज़ कर रहे हैं कि इस साल दिसंबर तक उनकी सरकार गिर जाएगी। संदेहास्पद रूप से, राज्य मशीनरी इस तरह के दुष्प्रचार का मुकाबला करने में अनिच्छा या चुप्पी बनाए हुए है, जबकि यह धीरे-धीरे लोगों के बड़े हिस्से में नरक की आग की तरह फैल रहा है। शेख हसीना के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी कह रहे हैं कि अवामी लीग सरकार के प्रमुख सहयोगी नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा चुनावों के बाद पूरी तरह से कमजोर हो गई है क्योंकि भाजपा सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत हासिल करने में विफल रही है। उनका कहना है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मोदी की सरकार बेहद कमजोर है, जबकि यह स्पष्ट रूप से बैसाखियों पर चल रही है। शेख हसीना के लिए दो और चुनौतियाँ हैं - 1.20 मिलियन रोहिंग्याओं का अत्यधिक बोझ, खुफिया एजेंसियों ने रोहिंग्या शिविरों के अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के केंद्र में बदलने की चेतावनी दी है - और बांग्लादेश, म्यांमार और भारत के कुछ हिस्सों पर कब्ज़ा करके "पूर्वी तिमोर जैसा ईसाई राज्य" बनाने की पश्चिमी साजिश की तरफ इशारा किया है। ये शेख हसीना के लिए दो सबसे बड़ी समस्याएँ हैं जो सीधे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए ख़तरा हैं। इस बीच, बांग्लादेश में रोहिंग्याओं का एक बड़ा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के साथ-साथ बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी, जमात-ए-इस्लामी और देश में मौजूद अन्य इस्लामी ताकतों, जिनमें खलीफा समर्थक हिफ़ाज़त-ए-इस्लाम भी शामिल है, के साथ हाथ मिला रहा है। शेख हसीना की सरकार जहां मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने में संघर्ष कर रही है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और लोगों के एक वर्ग द्वारा सार्वजनिक संपत्ति की लूट के चौंकाने वाले विवरण दिए जा रहे हैं - जिनमें से अधिकांश सत्तारूढ़ अवामी लीग से जुड़े हैं, जबकि राज्य मशीनरी उन हाई-प्रोफाइल भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने में अनिच्छा दिखा रही है। विश्व बैंक के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश से हर साल करीब 3.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर अवैध रूप से ऑफशोर खातों के जरिए बाहर जाते हैं, जबकि देश पिछले एक साल से विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से जूझ रहा है। विश्लेषकों के अनुसार, चीन पर भारी निर्भरता वाली ढाका में एक कमजोर सरकार दिल्ली के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकती है क्योंकि बीजिंग बांग्लादेश को अपने भू-राजनीतिक खेल के मैदान के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश कर सकता है, जिसमें ज्यादातर भारत को निशाना बनाया जा सकता है। इसके साथ ही, वाशिंगटन, जो शेख हसीना की सरकार से स्पष्ट रूप से नाखुश है, वह रोहिंग्याओं को आतंकवादी और जिहादी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के साथ-साथ "ईसाई राज्य" बनाने की अपनी साजिशों को तेज कर सकता है। अतीत में शेख हसीना कई बार भारत आ चुकी हैं, जहाँ वे यात्राएँ ज़्यादातर सुखद रही हैं। लेकिन इस बार शेख हसीना ऐसे समय में भारत आ रही हैं जब बांग्लादेश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें एक बढ़ता हुआ आर्थिक संकट भी शामिल है। बांग्लादेश के भविष्य को लेकर वाकई पूरी तरह अनिश्चितता है, खास तौर पर इसलिए क्योंकि वाशिंगटन और उसके यूरोपीय सहयोगी बांग्लादेश को एक जहाज़ी राज्य में बदलने की बेताबी से कोशिश कर रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ़ चीन बांग्लादेश को भारत से दूरी बनाने के लिए मजबूर करके अपना प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। यह वास्तव में ढाका में सत्तारूढ़ अभिजात वर्ग के लिए एक बहुत ही जटिल स्थिति है।
6 महीने में ही 16000 करोड़ के अटल सेतु में आई दरार..! सोशल मीडिया पर हो रहे दावों की जानिए क्या है सच्चाई

 हाल ही में सोशल मीडिया वेबसाइटों पर यह दावा किया गया कि नवनिर्मित अटल सेतु पुल, जिसे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) के नाम से जाना जाता है, में दरारें आ गई हैं, जिससे यात्रियों के लिए यात्रा करना खतरनाक हो गया है। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने दरारों की जांच के लिए घटनास्थल का निरीक्षण किया और यात्रियों की सुरक्षा के संबंध में गंभीर चिंता व्यक्त की। 

कांग्रेस नेता पटोले ने कहा कि, "मैं यहां यह दिखाने आया हूं कि हमारे दावे महज आरोप नहीं हैं। सरकार खुद को लोगों के लिए काम करने वाली बताती है, लेकिन भ्रष्टाचार इसके विपरीत है। वे लोगों की सुरक्षा की कीमत पर खुद को समृद्ध बना रहे हैं। उन्हें लोगों की जान को खतरे में डालने का अधिकार किसने दिया? अब समय आ गया है कि लोग इस भ्रष्ट सरकार को हटाने के बारे में सोचें।" पटोले के दौरे के तुरंत बाद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह दावा किया जाने लगा कि नवनिर्मित अटल सेतु में दरारें आ गई हैं, इसके बाद कांग्रेस समर्थित ट्रोल अकाउंटों ने भी इसे जमकर वायरल किया। 

कांग्रेस के आधिकारिक अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा गया कि, ''नरेंद्र मोदी ने 6 महीने पहले अटल सेतु का उद्घाटन किया था। खूब प्रचार हुआ, खूब फोटो क्लिक हुई। अब खबर है कि ₹18 हजार करोड़ में बने अटल सेतु में दरार आ गई। यह साफ तौर से भ्रष्टाचार का मामला है।'' इसके साथ कांग्रेस ने अपनी पोस्ट में अटल सेतु पर खड़े पीएम मोदी की एक तस्वीर, और दो सड़कों पर दरार वाली तस्वीर भी शेयर की। एक अन्य कांग्रेस ट्रोल अकाउंट ने अटल सेतु पुल को बढ़ावा देने वाले एक वीडियो में दिखाई देने वाली अभिनेत्री रश्मिका मंदाना की तस्वीर को सड़क पर दरारों की तस्वीर के साथ साझा किया और दावा किया कि लोगों को उनकी वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालाँकि, पोस्ट को एक्स के कम्युनिटी नोट्स द्वारा फ़्लैग कर दिया गया, क्योंकि ये दावा ही झूठा था। 

वहीं, कांग्रेस के एक और IT ट्रोल अंकित मयंक ने कांग्रेस नेता नाना पटोले द्वारा सड़क का निरीक्षण करने का वीडियो शेयर किया और ट्वीट करते हुए लिखा कि, "यह पुल की मौजूदा स्थिति है, जिसमें हर जगह दरारें हैं। यह भाजपा सरकार द्वारा भ्रष्टाचार का स्तर है।दो गुज्जू खुलेआम महाराष्ट्रियों को लूट रहे हैं।'' कुछ मीडिया संस्थानों ने भी सड़क पर दरारों के वीडियो भी साझा किए, जिसमें कहा गया कि शहर में पहली बारिश से ही अटल सेतु पुल पर दरारें आ गईं, जिसे 17,500 करोड़ रुपये की भारी लागत से बनाया गया था और जिसका उद्घाटन इस जनवरी में पीएम मोदी ने किया था। 

हालाँकि, सोशल मीडिया पर ही एक्स के कम्युनिटी नोट्स ने कांग्रेस के इस दावे की पोल खोल दी और इसे झूठा बताकर टैग कर दिया। वहीं, स्ट्राबैग कंपनी के अटल सेतु पैकेज 4 के परियोजना प्रमुख कैलाश गणात्रा ने इन दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें निराधार बताया और खारिज कर दिया। सरकारी अधिकारी ने अटल सेतु पुलों पर दरारों के दावों पर, कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रहीं तस्वीरें अटल सेतु की नहीं, बल्कि अस्थायी सर्विस रोड की हैं। 

मीडिया से बात करते हुए गणात्रा ने स्पष्ट किया कि अटल सेतु पुल पर कोई दरार नहीं है और जो तस्वीरें बताई जा रही हैं, वे MTHL को उल्वे से मुंबई से जोड़ने वाली एक अस्थायी रोड की हैं। उन्होंने बताया कि सर्विस रोड का निर्माण आखिरी वक़्त में अस्थायी कनेक्शन के रूप में किया गया था, क्योंकि कोई तटीय सड़क नहीं थी। गणात्रा ने सड़क पर दरारों के मुद्दे पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वे मामूली हैं और बारिश के चलने आई हैं, और बताया कि कल शाम तक उन्हें भर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि, "हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि दरारें अटल सेतु पर नहीं हैं, बल्कि MTHL को उल्वे से मुंबई से जोड़ने वाली एप्रोच रोड पर हैं। 20 जून, 2024 को संचालन और रखरखाव टीम द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान, रैंप 5 (मुंबई की ओर जाने वाला रैंप) के किनारों के पास सड़क की सतह पर तीन स्थानों पर छोटी दरारें पाई गईं।" उन्होंने आगे कहा कि दरारें पूरी तरह से सामान्य हैं और सड़क के साथ किसी भी संरचनात्मक मुद्दों को नहीं दर्शाती हैं, गणात्रा ने कहा कि, "ये दरारें छोटी हैं और अस्थायी सड़क के किनारों पर स्थित हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये दरारें किसी भी संरचनात्मक दोष के कारण नहीं हैं। वे डामर फुटपाथ में छोटी दरारें हैं और उनकी मरम्मत की जा सकती है। पैकेज 4 के ठेकेदार, मेसर्स स्ट्राबैग ने पहले ही मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। मरम्मत 24 घंटे के भीतर पूरी हो जाएगी।"

 

उल्लेखनीय है कि, मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक ब्रिज का उद्घाटन 12 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। हालांकि, कांग्रेस के ट्रोल अकाउंट और समर्थकों द्वारा फैलाई गई फर्जी खबरें पार्टी की रणनीति के अनुरूप ही हैं, जैसा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान देखा गया था, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के वीडियो में आरक्षण खत्म करने का दावा करने जैसी दुर्भावनापूर्ण फर्जी खबरें और गलत सूचनाएं इंटरनेट पर प्रसारित हो रही थीं और कथित तौर पर इससे भाजपा को भारी नुकसान हुआ था। विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अटल सेतु पुल पर दरारें आने का दावा करके लोगों में बेबुनियाद डर पैदा करने और उन्हें सरकार के खिलाफ भड़काने की हालिया कोशिश कांग्रेस की लोकसभा चुनाव की रणनीति से बिल्कुल अलग लगती है।

भोजशाला में मिली काले पत्थर की भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति, तीन महीने से खुदाई जारी, कई प्राचीन अवशेष बरामद

इंदौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) मध्य प्रदेश के धार जिले में ऐतिहासिक स्थल भोजशाला का तीन महीने से सर्वेक्षण कर रहा है। इस सर्वेक्षण के दौरान, जिसमें उन्नत तकनीक और मैनुअल श्रम का उपयोग करके 25 फीट गहराई तक मिट्टी को हटाना शामिल है, ASI ने प्राचीन अवशेष और मूर्तियां खोजी हैं। गौरतलब है कि सर्वेक्षण के 91वें दिन 20 जून 2024 को भगवान कृष्ण की लगभग डेढ़ फीट ऊंची काले पत्थर की मूर्ति के साथ दो अन्य पुरावशेष मिले थे। भोजशाला मुक्ति यज्ञ के अधिकारियों ने कहा है कि इन अवशेषों पर सनातन धर्म के प्रतीक हैं।

भोजशाला के उत्तरी भाग में खुदाई में भगवान कृष्ण की खड़ी मूर्ति मिली है। भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति काले पत्थर की बनी हुई है और ये लगभग डेढ़ फिट की है। मिली पुरावशेषों में से एक में सनातन धर्म के प्रतीक हैं, जबकि दूसरे में दोनों तरफ यक्षों को दर्शाया गया है। इससे पहले, ASI ने सूर्य के आठ चरणों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतीकों वाले पत्थर खोजे थे, जिनका माप 1×3.5 वर्ग फीट था। होली के बाद से ही लगातार मेहनत कर रही एएसआई की टीम ने खुदाई के दौरान लगातार मूर्तियां और शिलालेख खोजे हैं। इंदौर उच्च न्यायालय 4 जुलाई को निष्कर्षों की समीक्षा करने वाला है, जिसमें ASI अपनी खोजों के फोटोग्राफिक और वीडियोग्राफिक साक्ष्य तैयार कर रहा है।

भोजशाला के धार्मिक महत्व को लेकर लंबे समय से चले आ रहे विवाद के बाद यह सर्वेक्षण किया गया है। हिंदू समुदाय का दावा है कि यह उनकी देवी वाग्देवी (माता सरस्वती) का मंदिर है, जिसे राजा भोज ने 1000-1055 के बीच बनवाया था। उनका तर्क है कि मुस्लिम आक्रमणकारियों ने मंदिर को अपवित्र किया और मौलाना कमालुद्दीन की कब्र बनवाई, जिन पर हिंदुओं को जबरन इस्लाम में परिवर्तित करने का आरोप है। नतीजतन, अब इस स्थल का उपयोग मुस्लिम प्रार्थनाओं के लिए किया जाता है। हिंदू देवताओं की दृश्यमान छवियों, स्तंभों पर संस्कृत के श्लोकों और दीवारों पर भगवान विष्णु के कूर्म अवतार के बारे में श्लोकों वाली नक्काशी की ओर इशारा करके अपना दावा जताते हैं।

11 मार्च को कोर्ट के आदेश के बाद 22 मार्च को एएसआई का सर्वेक्षण शुरू हुआ था। मुस्लिम समुदाय ने 1 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सर्वेक्षण रोकने की मांग की थी। इसके बावजूद 29 अप्रैल को सर्वेक्षण की समयसीमा बढ़ा दी गई। अंतिम रिपोर्ट 4 जुलाई को देनी है, जिसे इंदौर हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा।