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8 जुलाई को खोला जाएगा जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार, जानें राज्य के कानून मंत्री ने क्या कहा

#ratna_bhandar_of_puri_jagannath_temple

पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 8 जुलाई को खोले जाने की खबर है। आगामी रथयात्रा के समय रत्न भंडार खोला जाएगा, यह बात पहले कई बार कही जा चुकी है। रत्न भंडार में कितने आभूषण हैं, उसकी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। हालांकि, रत्न भंडार कब खोला जाएगा, उस संदर्भ में अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। ओड़िशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचन्दन ने बुधवार को इस संबंध में कहा कि रत्न भंडार कब खोला जाएगा, अब तक निर्णय नहीं हुआ है।

कानून मंत्री हरिचन्दन ने कहा कि रत्न भंडार खोलने को लेकर छत्तीस नियोग बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। 8 जुलाई के दिन रत्न भंडार खोलने को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। एक एएसआई अधिकारी ने इस संदर्भ में भ्रम उत्पन्न किया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी ने अपनी गलती छिपाने के लिए इस तरह की टिप्पणी की है। संबंधित एएसआई अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रत्न भंडार कब खुलेगा, इस पर निर्णय लिया जाएगा।

इससे पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षक डीबी गरनायक ने बुधवार को बताया कि पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 8 जुलाई को खोला जाएगा. गरनायक के अनुसार, 8 जुलाई को निरीक्षण किया जाएगा। कोर कमेटी और तकनीकी कमेटी की मौजूदगी में रत्न भंडार खोला जाएगा। गरनायक ने कहा कि 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, निरीक्षण किया गया और दरारें देखी गईं, कुछ पत्थर गिर गए थे और कुछ लोहे की छड़ें गायब थीं। स्थिति अच्छी नहीं थी। लेजर स्कैनिंग में बाहरी दीवार और जोड़ों में दरारें पाई गईं थीं। इन दरारों से बारिश का पानी अंदर आ सकता है।

बता दें कि हाल ही में संपन्न चुनावों के दौरान रत्न भंडार को पुनः खोलना राज्य में एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान रत्न भंडार का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जगन्नाथ मंदिर सुरक्षित नहीं है। मंदिर के रत्न भंडार की चाबी पिछले 6 साल से गायब है।

बता दें कि चार धामों में से एक जगन्नाथ मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। कलिंग वास्तुकला के आधार पर बने इस मंदिर में एक रत्न भंडार भी बनाया गया है। इसी रत्न भंडार में जगन्नाथ मंदिर के तीनों देवताओं जगन्नाथ, बालभद्र और सुभद्रा के गहने रखे गए हैं। कई राजाओं और भक्तों ने भगवान को जेवरात चढ़ाए थे। उन सभी को रत्न भंडार में रखा जाता है। इस रत्न भंडार में मौजूद जेवरात की कीमत अरबों-खरबों में बताई जाती है। 

जगन्नाथ मंदिर का यह रत्न भंडार दो भागों में बंटा हुआ है, भीतर भंडार और बाहर भंडार.बाहरी भंडार में भगवान को अक्सर पहनाए जाने वाले जेवरात रखे जाते हैं। वहीं जो जेवरात उपयोग में नहीं लाए जाते हैं, उन्हें भीतरी भंडार में रखा जाता है। रत्न भंडार का बाहरी हिस्सा अभी भी खुला है, लेकिन भीतरी भंडार की चाबी पिछले छह साल से गायब है। रत्न भंडार को अंतिम बार 14 जुलाई 1985 में खोला गया था और उसमें रखे जेवरात की सूची बनाई गई थी। इसके बाद रत्न भंडार कभी नहीं खुला और उसकी चाबी भी गायब है।

बीजेपी नेता समीर मोहंती ने पिछले साल जुलाई में ओडिशा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल कर रत्न भंडार खोलने के लिए अदालत से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। उन्होंने चाबी गायब होने की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी।

भारतवंशी अरबपति हिंदुजा फैमिली के 4 सदस्यों को सजा, स्विस कोर्ट के फैसले के बाद जेल में काटने होंगे 4.5 साल

#hinduja_family_get_4_5_jail_sentence_for_exploitations_of_indian_staff

एक अरबपति भारतीय बिजनेस फैमिली को अपने नौकरों का शोषण करने के लिए 4.5 साल तक जेल की सजा सुनाई गई। ब्रिटेन में रहने वाले इस परिवार के 4 सदस्यों को जेल में समय बिताना होगा। घरेलू स्टाफ के शोषण करने के मामले में स्विस कोर्ट ने शुक्रवार को हिंदुजा परिवार के 4 सदस्यों के खिलाफ सजा का फैसला सुनाया। सभी दोषियों के खिलाफ साढ़े चार जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि, अदालत ने मानव तस्करी जैसे गंभीर केस में सभी को बरी कर दिया।हिंदुजा परिवार के सदस्य प्रकाश और कमल हिंदुजा सहित उनके बेटे अजय और बहू नम्रता पर आरोप है कि वो भारत से कुछ लोगों को जेनेवा के अपने एक मैंशन में काम करने के लिए लाए थे। लेकिन उनसे ज़्यादा देर काम करवाकर केवल 8 डॉलर प्रति दिन के हिसाब से पैसे दिए। प्रशासन का ये भी आरोप है कि हिंदुजा परिवार ने इन लोगों के पासपोर्ट रख लिए थे और इनके कहीं आने-जाने पर पाबंदियां लगा दी थीं।

जेनेवा की एक अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान हिंदुजा परिवार पर घरेलू सहायकों का शोषण करने और दुर्व्यवहार करने के आरोप में दोष सिद्ध हो गए और उन्हें 4.5 साल तक जेल की सजा सुनाई गई है। इस मामले उन पर लगे मानव तस्करी के आरोपों से उन्हें बरी कर दिया गया है।47 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक हिंदुजा परिवार पर जिन तीन घरेलू सहायकों ने शोषण के आरोप लगाए थे। उनके और परिवार के बीच कोर्ट के बाहर सेटलमेंट होना लगभग तय हो गया था, फिर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने सुनवाई करना जारी रखा।

मामले की पूरी सुनवाई के दौरान प्रकाश हिंदुजा (78) और कमल हिंदुजा (75) अदालत से नदारद रहे। उन्हें 4.5 साल की सजा सुनाई गई है। जबकि उनके बेटा-बहू को 4 साल की सजा सुनाई गई है. चारों आरोपी जेनेवा की अदालत में मौजूद नहीं थे। इस मामले में एक अन्य आरोपी परिवार के व्यवसाय प्रबंधक नजीब जियाजी को बनाया गया, वह अदालत में मौजूद रहा। उसे 18 महीने की सजा सुनाई गई है जो फिलहाल निलंबित रखी गई है।

इस मामले की सुनवाई के दौरान जो जानकारियां सामने आईं हैं, उसके अनुसार हिंदुजा परिवार के मेंशन में नौकरों का काम करने वाले स्टाफ के अधिकतर लोग अशिक्षित थे। उनसे 18-18 घंटे तक काम लिया जाता था। वहीं सैलरी के नाम पर उन्हें 250 से 450 डॉलर प्रतिमाह ( 20,000 से 35,000 रुपए प्रति माह) मिलते थे। ये स्विट्जरलैंड के हिसाब से बहुत कम सैलरी है। इतना ही नहीं उन्हें स्विट्जरलैंड की फ्रैंक मुद्रा के बजाय भारतीय रुपए में भुगतान करते थे। इससे अधिक खर्च हिंदुजा परिवार हर महीने अपने कुत्तों पर कर देता था।

हिंदुजा परिवार की जड़ें भारत में हैं और इसी नाम से एक कारोबारी घराना भी चलाता है, जो कई सारी कंपनियों का एक समूह है। इसमें कंस्ट्रक्शन, कपड़े, ऑटोमोबाइल, ऑयल, बैंकिंग और फ़ाइनेंस जैसे सेक्टर भी शामिल हैं। हिंदुजा ग्रुप को संस्थापक परमानंद दीपचंद हिंदुजा अविभाजित भारत में सिंध के प्रसिद्ध शहर शिकारपुर में पैदा हुए थे। 1914 में, उन्होंने भारत की व्यापार और वित्तीय राजधानी, बॉम्बे (अब मुंबई) की यात्रा की। हिंदुजा ग्रुप को वेबसाइट के अनुसार वहां उन्होंने जल्दी ही व्यापार की बारीकियां सीख लीं। सिंध में शुरू हुई व्यापारिक यात्रा 1919 में ईरान में एक दफ़्तर के साथ अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में प्रवेश कर गई। समूह का मुख्यालय 1979 तक ईरान में रहा। इसके बाद यह यूरोप चला गया। शुरू को वर्षों में मर्चेंट बैंकिंग और ट्रेडिंग हिंदुजा ग्रुप के व्यवसाय के दो स्तंभ थे। ग्रुप के संस्थापक परमानंद दीपचंद हिंदुजा के तीन बेटों - श्रीचंद, गोपीचंद और प्रकाश ने बाद में कामकाज संभाला और कंपनी का देश-विदेश में प्रसार किया। साल 2023 में श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद उनके छोटे भाई गोपीचंद ने उनकी जगह ली और ग्रुप के प्रमुख के तौर पर कामकाज संभाला। स्विटज़रलैंड में मानव तस्करी के केसा का सामना कर रहे प्रकाश को मोनैको में जमा हुआ कारोबार मिला। युनाइटेड किंगडम में हिंदुजा परिवार ने कई सारी कीमती प्रॉपर्टीज़ खरीदी है। सितंबर 2023 में हिंदुजा ग्रुप ने लंदन के व्हाइटहॉल में स्थित ओल्ड वॉर ऑफिस जो पहले ब्रिटेन का रक्षा मंत्रालय भी था, इसी में रैफ़्फ़ल्स नाम का होटल बनाया था। इस होटल की ख़ासियत ये है कि ये ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के सरकारी आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट से कुछ ही मीटर दूर है। यही ग्रुप कार्लटन हाउस की छत का भी एक हिस्सा के मालिकाना हक रखता है, इस बिल्डिंग में कई दफ़्तर, घर और ईवेंट रूम हैं। साथ ही ये बकिंघम पैलेस से भी काफ़ी नज़दीक है। हिंदुजा ग्रुप का दावा है कि दुनियाभर में 2 लाख लोग उनकी कंपनियों में काम कर रहे हैं।

अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले को लेकर इटली ने भारत को सौंपी सीलबंद डॉक्यूमेंट, रिश्वत लेने वाले भारतीयों का नाम आया सामने!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल में जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली गए थे। यह उनके तीसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा थी। वहां भारतीय पीएम का बड़ी ही गर्मजोशी से स्वागत हुआ। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी की ये यात्रा कांग्रेस को बड़ी नागवार गुजर रही है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की नाराजगी का कारण अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला (वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला) का 'डर' हो सकता है। दरअसल, एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय दैनिक ने सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया कि इटली ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले पर अपनी अदालत के 225 पृष्ठों के विस्तृत फैसले और रिश्वत घोटाले से संबंधित कुछ दस्तावेजों को भारत के साथ साझा किया है। इस दस्तावेज में भारत के कुछ हाई प्रोफाइल राजनेताओं और बिचौलियों के नाम भी सामने आए हैं।

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी सवाल किया, ‘जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी की इटली यात्रा के बारे में कांग्रेस लगातार क्यों शिकायत कर रही थी’ और उन्होंने यह भी विवरण साझा किया कि सबसे पुरानी पार्टी को क्या ‘चिंतित और परेशान’ कर रहा है।

मीडिया सूत्रों के जारी रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि अब वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में जांच और अभियोजन गति पकड़ सकता है।इतालवी अदालत ने इस मामले में भारतीय समकक्षों को रिश्वत देने वालों को इस मामले में दोषी ठहराया है। अब बताया जा रहा है कि इटली के द्वारा भारत को सौंपे गए सीलबंद इतालवी दस्तावेजों में रक्षा घोटाले में रिश्वत पाने वालों के नाम भी हैं। इससे यूपीए-2 के दौरान सत्ता में बैठे लोगों के लिए खतरे की घंटी बजना तय है और सबसे बड़े रक्षा घोटालों में से एक, जो एक दशक तक दबा रहा, वह अब बाहर आने के लिए तैयार नजर आ रहा है।

बता दें कि 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी जब पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने, उसके लगभग 8 महीने पहले, इटली की एक अदालत ने भारत से जुड़े सबसे बड़े रिश्वत घोटालों में एक हाई प्रोफाइल कंपनी के सीईओ, एक इतालवी रक्षा कंपनी के अध्यक्ष और दो बिचौलियों सहित चार लोगों को दोषी ठहराते हुए एक फैसला सुनाया था। इस मामले में वहां की अदालत में दर्ज अभियुक्तों के पूरे बयान, अपीलों का पूरा लेखा-जोखा और अदालत के अंतिम फैसले को 2013 में भारत के दबाव में तत्कालीन इतालवी सरकार द्वारा कभी भी सार्वजनिक नहीं किया गया था, क्योंकि इससे भारत के राजनीतिक और नौकरशाही प्रतिष्ठानों में भूचाल आ सकता था।इन दस्तावेजों के जरिए जो खुलासा होता उससे भारत के प्रमुख राजनीतिक परिवार और बिचौलियों के पूरे नामों का खुलासा हो जाता, जिन्हें अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में 600 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत मिली थी।

ऑगस्टा वेस्टलैंड घोटाले को लेकर इटली ने भारत को सौंपे सीलबंद डॉक्यूमेंट, रिश्वत लेने वाले भारतीयों का नाम आया सामने!*
#agustawestland_chopper_scam_italy_give_sealed_documents_to_india
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल में जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली गए थे। यह उनके तीसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा थी। वहां भारतीय पीएम का बड़ी ही गर्मजोशी से स्वागत हुआ। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी की ये यात्रा कांग्रेस को बड़ी नागवार गुजर रही है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की नाराजगी का कारण अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला (वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला) का 'डर' हो सकता है। दरअसल, एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय दैनिक ने सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया कि इटली ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले पर अपनी अदालत के 225 पृष्ठों के विस्तृत फैसले और रिश्वत घोटाले से संबंधित कुछ दस्तावेजों को भारत के साथ साझा किया है। इस दस्तावेज में भारत के कुछ हाई प्रोफाइल राजनेताओं और बिचौलियों के नाम भी सामने आए हैं। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी सवाल किया, ‘जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी की इटली यात्रा के बारे में कांग्रेस लगातार क्यों शिकायत कर रही थी’ और उन्होंने यह भी विवरण साझा किया कि सबसे पुरानी पार्टी को क्या ‘चिंतित और परेशान’ कर रहा है। मीडिया सूत्रों के जारी रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि अब वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में जांच और अभियोजन गति पकड़ सकता है।इतालवी अदालत ने इस मामले में भारतीय समकक्षों को रिश्वत देने वालों को इस मामले में दोषी ठहराया है। अब बताया जा रहा है कि इटली के द्वारा भारत को सौंपे गए सीलबंद इतालवी दस्तावेजों में रक्षा घोटाले में रिश्वत पाने वालों के नाम भी हैं। इससे यूपीए-2 के दौरान सत्ता में बैठे लोगों के लिए खतरे की घंटी बजना तय है और सबसे बड़े रक्षा घोटालों में से एक, जो एक दशक तक दबा रहा, वह अब बाहर आने के लिए तैयार नजर आ रहा है। बता दें कि 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी जब पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने, उसके लगभग 8 महीने पहले, इटली की एक अदालत ने भारत से जुड़े सबसे बड़े रिश्वत घोटालों में एक हाई प्रोफाइल कंपनी के सीईओ, एक इतालवी रक्षा कंपनी के अध्यक्ष और दो बिचौलियों सहित चार लोगों को दोषी ठहराते हुए एक फैसला सुनाया था। इस मामले में वहां की अदालत में दर्ज अभियुक्तों के पूरे बयान, अपीलों का पूरा लेखा-जोखा और अदालत के अंतिम फैसले को 2013 में भारत के दबाव में तत्कालीन इतालवी सरकार द्वारा कभी भी सार्वजनिक नहीं किया गया था, क्योंकि इससे भारत के राजनीतिक और नौकरशाही प्रतिष्ठानों में भूचाल आ सकता था।इन दस्तावेजों के जरिए जो खुलासा होता उससे भारत के प्रमुख राजनीतिक परिवार और बिचौलियों के पूरे नामों का खुलासा हो जाता, जिन्हें अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में 600 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत मिली थी।
आज बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मिलेंगे पीएम मोदी, जानें क्यों अहम है ये मुलाकात*
#sheikh_hasina_meeting_with_pm_modi_why_is_important
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शुक्रवार को दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंचीं हैं।भारत में लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार के गठन के बाद यह किसी विदेशी नेता की पहली द्विपक्षीय राजकीय यात्रा है।बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना आज पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी। बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना का ये 15 दिनों के भीतर दूसरा भारत दौरा है।शेख हसीना के वर्तमान दौरे को ढाका चीन और भारत के बीच संतुलन बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि इसके बाद अगले महीने ही उनके चीन जाने का भी कार्यक्रम है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या चीन जाने के पहले ढाका भारत को आश्वस्त करना चाहता है कि बीजिंग से बढ़ती नजदीकी उसके हितों के लिए कोई खतरा नहीं है। पीएम मोदी और हसीना के बीच आज शनिवार को वार्ता होनी है।इस दौरान दोनों पक्षों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए कई समझौते होने की उम्मीद है। दोनों के बीच रेल, एनर्जी, कनेक्टिविटी और दूसरे अहम मुद्दों पर बात हो सकती है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि इस दौरान तीस्ता जल बंटवारे के मास्टर प्लान पर भी बात हो सकती है। दोनों देशों के बीच तीस्ता अहम मुद्दा है। हाल ही में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने देश की संसद में तीस्ता मास्टर प्लान को बनाने के लिए चीन से कर्ज देने पर बयान दिया था। ये प्रोजेक्ट काफी समय से लंबित पड़ा था, लेकिन अब चीन इसमें फिर दिलचस्पी दिखाने लगा है। मई में भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा की बांग्लादेश यात्रा के समय भारत ने तीस्ता नदी पर बांध बनाने में मदद का प्रस्ताव दिया था। ऐसे में चीन के प्रस्ताव पर कदम उठाने से पहले भारत से जरूर स्पष्टता की उम्मीद करेंगी। बांग्लादेशी पीएम के पूर्व सलाहकार और अवामी लीग नेता इकबाल सोभन चौधरी ने स्पुतनिक को बताया कि बांग्लादेश की ओर से तीस्ता जल बंटवारा समझौता, सीमा पार संपर्क, म्यांमार में सुरक्षा स्थिति के साथ-साथ आर्थिक और व्यापारिक मु्द्दे एजेंडे पर शीर्ष में रहेंगे। एक भारतीय और बांग्लादेशी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त बताया कि मोदी और हसीना इस बात पर चर्चा करेंगे कि दोनों देश 414 किलोमीटर लंबी तीस्ता नदी के पानी को कैसे साझा करेंगे। हालांकि, 2014 में भारत और बांग्लादेश तीस्ता का मसला सुलझाने के करीब पहुंच गए थे लेकिन ममता बनर्जी की वजह से बात नहीं बन पाई। बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और बांग्लादेश के बीच समग्र रणनीतिक संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं। भारत की पड़ोसी पहले नीति के तहत बांग्लादेश एक महत्वपूर्ण साझेदार है और यह सहयोग सुरक्षा, व्यापार, वाणिज्य, ऊर्जा, संपर्क, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रक्षा और समुद्री मामलों तक फैला हुआ है।बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा विकास साझेदार है तथा भारत की ऋण सहायता के तहत लगभग एक-चौथाई प्रतिबद्धता बांग्लादेश के साथ की गई है। बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, वहीं भारत एशिया में बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
पेपर लीक करने वालों की खैर नहीं! देश में लागू हुआ देश में एंटी पेपर लीक कानून, नोटिफिकेशन जारी*
#public_examination_act_2024_implemented
देश में पेपर लीक को लेकर बवाल मचा हुआ है। NET और NEET की परीक्षा में धांधली की बात सामने आने के बाद देश में जमकर बवाल मचा हुआ है।इस बीच केन्द्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। पेपर लीक को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोक परीक्षा कानून 2024 लागू कर दिया है।सरकार ने शुक्रवार देर रात को इस कानून को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इस कानून को लोक परीक्षा कानून 2024 यानि पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट 2024 नाम दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लगभग चार महीने पहले अधिनियम को मंजूरी दी थी, जिसके बाद कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार रात एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि कानून के प्रावधान लागू हो गए हैं।इस कानून के लागू होने के बाद पेपर लीक के दोषियों को तीन साल से 10 साल तक की सजा और 10 लाख से एक करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान है। इस कानून के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और एनटीए की तरफ से आयोजित सभी परीक्षाएं आएंगी। एंटी-पेपर लीक लॉ उन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों पर नकेल कसेगा, जिसे पब्लिक एग्जामिनेशन अथॉरिटी आयोजित करवाती है। या फिर वो अथॉरिटी जिसे केंद्र से मान्यता मिली हुई है। इसमें यूपीएससी, एसएससी, इंडियन रेलवेज, बैंकिंग और एनटीए द्वारा आयोजित सारे कंप्यूटर-बेस्ट एग्जाम शामिल हैं। बता दें कि मेडिकल में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा नीट पर इन दिनों जमकर विवाद हो रहा है। दरअसल 5 मई को हुए नीट के एग्जाम में सभी को चौंकाते हुए एक यो दो नहीं पूरे 67 बच्चों ने टॉप किया। वहीं यूजीसी नेट में पेपर लीक होने के बाद भी काफी विवाद हुआ। कई परीक्षाओं में लगातार पेपर लीक होने के बाद शुक्रवार को सरकार ने एंटी पेपर लीक कानून आज से लागू कर दिया है।
Heat Stroke Ka First Aid. Important video by Dr Ruchi
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A movie or documentary should be made on Nalanda" - K. K. Muhammad explains importance of Nalanda
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दिल्ली में जल संकट पर सियासत जारी, बीजेपी ने आप पर लगाया टैंकरों से पानी चोरी करने का गंभीर आरोप

#water_crisis_in_delhi_virendra_sachdeva_serious_allegation_of_aap_govt

देश की राजधानी दिल्ली में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है । राजधानी में जल सकंट पर दिल्ली और हरियाणा आमने-सामने हैं। एक तरफ केजरीवाल की जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा की नायब सैनी सरकार को घेरते हुए कहा कि पिछले कई दिनों से हरियाणा सरकार मुनक नहर में पानी कम छोड़ रही है। दूसरी तरफ दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी पर टैंकरों से पानी चोरी करने का गंभीर आरोप लगाया है। 

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार के मंत्री बार-बार झूठ बोल रहे हैं कि हरियाणा से दिल्ली को पूरा पानी नहीं मिल रहा है। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली को हरियाणा से 17.34% अधिक पानी मिला। दिल्ली में पानी पहुंचने के बाद पानी टैंकर माफिया उसे चुरा लेते हैं। यह संकट आप और उनके भ्रष्टाचार की देन है।

सचदेवा ने कहा कि नौ जून को दिल्ली और हरियाणा के अधिकारियों ने मुनक नहर उससे दिल्ली तक आने वाले पानी निरीक्षण किया था। अधिकारियों ने यह माना था कि हरियाणा से दिल्ली को अधिक पानी मिल रहा है। मुनक से काकोरी आते-आते 20 प्रतिशत पानी बर्बाद या चोरी हो रहा है। उन्होंने सड़क पर खड़े टैंकरों की तस्वीर जारी की।दावा किया कि तस्वरी काकोरी से पहले की है और अवैध रूप से खड़े टैंकर से पानी की चोरी होती है। 

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, केजरीवाल सरकार लगातार झूठी बयानबाजी करती है। हमने हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री नायैब सिंह सैनी से बात की तो तथ्यात्मक आंकड़े एवं जानकारी सामने आई है। उसे हम दिल्ली वालों के समक्ष रखेंगे।हरियाणा से पानी सप्लाई को लेकर झूठे भ्रमक प्रचार के लिए हम दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की निंदा करते हैं।

वाराणसी में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक, बुलेटप्रूफ कार पर फेंकी गई चप्पल, सामने आया वीडियो

#security_breach_at_pm_modi’s_roadshow_in_varanasi 

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। यहां पीएम मोदी की बुलेटप्रूफ कार पर चप्पल फेंकी गई। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। हालांकि, Street buzz news इसकी पुष्टि नहीं करता।

वीडियो में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी का काफिला एक भीड़भाड़ वाले इलाके से गुजर रहा है, लोग मोदी-मोदी के नारे लग रहे हैं। इसी दौरान उनके काफिले की ओर चप्पल फेंकी गई। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस हरकत के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को पकड़ा गया है या नहीं।