भारतवंशी अरबपति हिंदुजा फैमिली के 4 सदस्यों को सजा, स्विस कोर्ट के फैसले के बाद जेल में काटने होंगे 4.5 साल
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एक अरबपति भारतीय बिजनेस फैमिली को अपने नौकरों का शोषण करने के लिए 4.5 साल तक जेल की सजा सुनाई गई। ब्रिटेन में रहने वाले इस परिवार के 4 सदस्यों को जेल में समय बिताना होगा। घरेलू स्टाफ के शोषण करने के मामले में स्विस कोर्ट ने शुक्रवार को हिंदुजा परिवार के 4 सदस्यों के खिलाफ सजा का फैसला सुनाया। सभी दोषियों के खिलाफ साढ़े चार जेल की सजा सुनाई गई। हालांकि, अदालत ने मानव तस्करी जैसे गंभीर केस में सभी को बरी कर दिया।हिंदुजा परिवार के सदस्य प्रकाश और कमल हिंदुजा सहित उनके बेटे अजय और बहू नम्रता पर आरोप है कि वो भारत से कुछ लोगों को जेनेवा के अपने एक मैंशन में काम करने के लिए लाए थे। लेकिन उनसे ज़्यादा देर काम करवाकर केवल 8 डॉलर प्रति दिन के हिसाब से पैसे दिए। प्रशासन का ये भी आरोप है कि हिंदुजा परिवार ने इन लोगों के पासपोर्ट रख लिए थे और इनके कहीं आने-जाने पर पाबंदियां लगा दी थीं।
जेनेवा की एक अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान हिंदुजा परिवार पर घरेलू सहायकों का शोषण करने और दुर्व्यवहार करने के आरोप में दोष सिद्ध हो गए और उन्हें 4.5 साल तक जेल की सजा सुनाई गई है। इस मामले उन पर लगे मानव तस्करी के आरोपों से उन्हें बरी कर दिया गया है।47 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक हिंदुजा परिवार पर जिन तीन घरेलू सहायकों ने शोषण के आरोप लगाए थे। उनके और परिवार के बीच कोर्ट के बाहर सेटलमेंट होना लगभग तय हो गया था, फिर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने सुनवाई करना जारी रखा।
मामले की पूरी सुनवाई के दौरान प्रकाश हिंदुजा (78) और कमल हिंदुजा (75) अदालत से नदारद रहे। उन्हें 4.5 साल की सजा सुनाई गई है। जबकि उनके बेटा-बहू को 4 साल की सजा सुनाई गई है. चारों आरोपी जेनेवा की अदालत में मौजूद नहीं थे। इस मामले में एक अन्य आरोपी परिवार के व्यवसाय प्रबंधक नजीब जियाजी को बनाया गया, वह अदालत में मौजूद रहा। उसे 18 महीने की सजा सुनाई गई है जो फिलहाल निलंबित रखी गई है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान जो जानकारियां सामने आईं हैं, उसके अनुसार हिंदुजा परिवार के मेंशन में नौकरों का काम करने वाले स्टाफ के अधिकतर लोग अशिक्षित थे। उनसे 18-18 घंटे तक काम लिया जाता था। वहीं सैलरी के नाम पर उन्हें 250 से 450 डॉलर प्रतिमाह ( 20,000 से 35,000 रुपए प्रति माह) मिलते थे। ये स्विट्जरलैंड के हिसाब से बहुत कम सैलरी है। इतना ही नहीं उन्हें स्विट्जरलैंड की फ्रैंक मुद्रा के बजाय भारतीय रुपए में भुगतान करते थे। इससे अधिक खर्च हिंदुजा परिवार हर महीने अपने कुत्तों पर कर देता था।
हिंदुजा परिवार की जड़ें भारत में हैं और इसी नाम से एक कारोबारी घराना भी चलाता है, जो कई सारी कंपनियों का एक समूह है। इसमें कंस्ट्रक्शन, कपड़े, ऑटोमोबाइल, ऑयल, बैंकिंग और फ़ाइनेंस जैसे सेक्टर भी शामिल हैं। हिंदुजा ग्रुप को संस्थापक परमानंद दीपचंद हिंदुजा अविभाजित भारत में सिंध के प्रसिद्ध शहर शिकारपुर में पैदा हुए थे। 1914 में, उन्होंने भारत की व्यापार और वित्तीय राजधानी, बॉम्बे (अब मुंबई) की यात्रा की। हिंदुजा ग्रुप को वेबसाइट के अनुसार वहां उन्होंने जल्दी ही व्यापार की बारीकियां सीख लीं। सिंध में शुरू हुई व्यापारिक यात्रा 1919 में ईरान में एक दफ़्तर के साथ अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में प्रवेश कर गई। समूह का मुख्यालय 1979 तक ईरान में रहा। इसके बाद यह यूरोप चला गया। शुरू को वर्षों में मर्चेंट बैंकिंग और ट्रेडिंग हिंदुजा ग्रुप के व्यवसाय के दो स्तंभ थे। ग्रुप के संस्थापक परमानंद दीपचंद हिंदुजा के तीन बेटों - श्रीचंद, गोपीचंद और प्रकाश ने बाद में कामकाज संभाला और कंपनी का देश-विदेश में प्रसार किया। साल 2023 में श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद उनके छोटे भाई गोपीचंद ने उनकी जगह ली और ग्रुप के प्रमुख के तौर पर कामकाज संभाला। स्विटज़रलैंड में मानव तस्करी के केसा का सामना कर रहे प्रकाश को मोनैको में जमा हुआ कारोबार मिला। युनाइटेड किंगडम में हिंदुजा परिवार ने कई सारी कीमती प्रॉपर्टीज़ खरीदी है। सितंबर 2023 में हिंदुजा ग्रुप ने लंदन के व्हाइटहॉल में स्थित ओल्ड वॉर ऑफिस जो पहले ब्रिटेन का रक्षा मंत्रालय भी था, इसी में रैफ़्फ़ल्स नाम का होटल बनाया था। इस होटल की ख़ासियत ये है कि ये ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के सरकारी आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट से कुछ ही मीटर दूर है। यही ग्रुप कार्लटन हाउस की छत का भी एक हिस्सा के मालिकाना हक रखता है, इस बिल्डिंग में कई दफ़्तर, घर और ईवेंट रूम हैं। साथ ही ये बकिंघम पैलेस से भी काफ़ी नज़दीक है। हिंदुजा ग्रुप का दावा है कि दुनियाभर में 2 लाख लोग उनकी कंपनियों में काम कर रहे हैं।
Jun 22 2024, 13:05