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राहुल गांधी पर कॉमेंट कर बुरे फंसे अजीत भारती, नोटिस देने बेंगलुरू से नोएडा आई कर्नाटक पुलिस

#karnataka_police_reaches_home_of_journalist_ajeet_bharti_in_noida 

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और पत्रकार अजीत भारती की तलाश में कर्नाटक पुलिस गुरुवार को नोएडा के सेक्टर-55 पहुंची थी। आसपास के लोगों और अजीत के परिवार ने सादे कपड़ों में घर के आसपास घूम रहे लोगों को देखकर उन्हें संदिग्ध समझा और इसकी सूचना नोएडा पुलिस को दी। मौके पर पहुंची नोएडा पुलिस कर्नाटक पुलिस के तीन अधिकारी को अपने साथ लेकर थाने आई और वहां पर उनसे पूरे मामले को समझा। इसके बाद कर्नाटक पुलिस के तीन अधिकारी अजीत भारती को एक नोटिस थमा कर वापस लौट गए। नोटिस के तहत अजीत भारती को 7 दिन के अंदर हाजिर होने को कहा गया है।

अयोध्या में राम मंदिर के बारे में कथित तौर पर झूठी खबर फैलाने के आरोप में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अजीत भारती के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के कुछ दिनों बाद, बेंगलुरु पुलिस नोएडा पहुंची थी। अजीत भारती के मुताबिक कर्नाटक पुलिस जवानों ने स्थानीय यूपी पुलिस को बिना साथ लिए ही उनके आवास पर पहुँच गए थे। तीनों कैब से पहुँचे थे और उन्होंने वर्दी भी नहीं पहन रखी थी। अपने घर के आसपास अजीत भारती और उनके परिवार ने संदिग्ध गतिविधि देख कर स्थानीय पुलिस थाने को सूचना दी।इसके बाद स्थानीय पुलिस यहाँ पहुँची और कर्नाटक पुलिस के इन तीनों जवानों को अपने साथ ले गई। कर्नाटक पुलिस के इन जवानों ने अजीत भारती को हाल ही में उनके खिलाफ दर्ज किए गए मामले में एक नोटिस भी थमाया है। यह नोटिस बेंगलुरु के हाई ग्राउंड थाने से जारी किया गया है।

नोटिस में कहा गया है कि अजीत भारती ने समाज में घृणा और शत्रुता बढ़ाने के उद्देश्य से राहुल गाँधी को लेकर एक वीडियो बनाया है। इसी को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अजीत भारती को कर्नाटक पुलिस ने आदेश दिया है कि वह नोटिस मिलने के सात दिनों के भीतर हाई ग्राउंड थाने में पेश हों।

पत्रकार अजीत भारती ने बीते दिनों एक वीडियो बनाया था, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को लेकर कुछ टिप्पणियां की थी। जिसके बाद कर्नाटक पुलिस ने हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन, वसंत नगर, बेंगलुरु में अजीत के खिलाफ मामला दर्ज किया। एफआईआर कर्नाटक के कांक ग्रेस कमेटी के लीगल सेल सचिव और सचिव बेके बोपन्ना ने कराई थी।

दलाई लामा के बाद पीएम मोदी से मिला अमेरिकी कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, चीन को दिया ये संदेश

#pm_modi_meets_us_congress_mp_team 

अमेरिका के हाउस ऑफ़ रिप्रेजेन्टेटिव के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा से हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में मुलाक़ात की थी। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने तिब्बत की स्वायत्तता का मुद्दा उठाया और तिब्बतियों के प्रति अमेरिका के साथ को अटूट बताया। यही नही, दूसरे दिन इसी प्रतिनिधिमंडल ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भू मुलाकात की। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा आधिकारिक है या नहीं? इसे लेकर फ़िलहाल कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी से अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की तस्वीरों ने काफी कुछ कह दिया।

चीन ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को तिब्बत के अध्यात्मिक नेता दलाई लामा से नहीं मिलने की चेतावनी दी थी, हालांकि चीन की चेतावनी के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने दलाई लामा से मुलाकात की थी। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की दलाई लामा से मुलाकात और फिर पीएम मोदी से मुलाकात राजनीति रूप से काफी अहम मानी जा रही है। पीएम मोदी और अमेरिकी सांसदों के मुलाकात वाली तस्वीर देखकर साफ है कि तिब्बत पर भारत का स्टैंड अमेरिका जैसा ही है। भारत भी तिब्बत की आजादी का पक्षधर रहा है।

यही नहीं, भारत ने बिना कुछ कहे ही चीन को भविष्य के लिए चेता दिया है। भारत की तरफ से पहले भी दोनों देशों के रिश्ते को लेकर नसीहत दी जा चुकी है। अप्रैल महीने में प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूजवीक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा था, कि "भारत के लिए, चीन के साथ संबंध महत्वपूर्ण और सार्थक हैं। मेरा माननाहै, कि हमें अपनी सीमाओं पर लंबे समय से चली आ रही स्थिति को तत्काल संबोधित करने की आवश्यकता है, ताकि हमारे द्विपक्षीय संबंधों में असामान्यता को पीछे छोड़ा जा सके।" प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, कि "भारत और चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध न केवल हमारे दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं।" उन्होंने आगे कहा था, कि "मुझे उम्मीद है, और मेरा माननाहै, कि कूटनीतिक और सैन्य स्तरों पर सकारात्मक और रचनात्मक द्विपक्षीय जुड़ाव के माध्यम से, हम अपनी सीमाओं पर शांति और स्थिरता बहाल करने और बनाए रखने में सक्षम होंगे। 

वहीं, तिब्बत मामले पर अमेरिका ने अपना स्टैंड साफ कर दिया है। अमेरिका यह दिखाना चाहता है कि तिब्बत के लोगों के साथ अमेरिका मजबूती से खड़ा है। अमेरिका चाहता है कि चीन का तिब्बत में कोई दखल न हो। यही वजह है कि अमेरिका ने ‘तिब्बती नीति और समर्थन अधिनियम 2020’ पारित कर दिया है। तिब्बत पर यह अमेरिका की आधिकारिक नीति है कि दलाई लामा का उत्तराधिकार एक पूर्णतः धार्मिक मुद्दा है, जिस पर केवल दलाई लामा और उनके फॉलोअर्स ही फैसला ले सकते हैं। इस पर अब केवल जो बाइडन के सिग्नेचर का इंतजार है।

अमेरिका ने बिल पास करके चीन को यही संदेश देने की कोशिश की है कि वह भी तिब्बत की आजादी का पक्षधर है। यही वजह है कि अमेरिका का तिब्बत के प्रति स्टैंड और अमेरिकी सांसदों का तिब्बत के बाद सीधे पीएम मोदी से मिलना चीन को साफ-साफ ये संदेश है भारत भी उसके साथ है। यही नहीं, प्रतिनिधिमंडल में मौजूद माइकल मैककॉल ने साफ कहा कि हम साथ मिलकर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को एक कड़ा संदेश भेज सकते हैं। जब दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र एक साथ खड़े होते हैं तो निरंकुशता और दमन पर स्वतंत्रता की जीत होती है।

First Train crossing the world’s highest railway bridge on the Chenab River in J&K
It took 77 years to connect Jammu and Kashmir through Railways. It took just 3 years for the Modi govt to do this post-370 abrogation
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Muslims protesting in Chicago USA, not to buy groceries from Hindu stores which is run by Patels. Because they are funding to RSS.
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Most Important Video by Gurudev @SriSri Wisdom is the Life Jacket
--- Either through wisdom or through devotion one can get over from misery. ~ Gurudev Ravi Shankar
इस मुस्लिम देश ने हिजाब पर लगाया बैन, अनौपचारिक रूप से घनी दाढ़ी रखने पर भी है प्रतिबंध

#tajikistan_ban_hijab

“हिजाब” एक ऐसा विषय है जिसपर दुनियाबर के देशों में बहस होती रही है। एक तरफ हिजाब को महिला की आजादी से जोड़कर देका जाता है, तो दूसरी तरफ इसे धर्म से जोड़ा जाता है। ऐसे में जब हिजाब को अधिकांश लोग धर्म से जुड़ा मानते हैं, और जहां की 95 फीसदी से ज्यादा आबादी मुस्लिम हो, वहां हिजाब का बैन हो जाना हैरान करता है। जी हां, एक मुस्लिम देश ने हिजाब को लेकर बड़ा फैसला किया है। ताजिकिस्तान ने अपने नागरिकों को हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया है।

इस संबंध में ताजिकिस्तान की संसद के ऊपरी सदन ने 19 जून को एक विधेयक का समर्थन किया है। एशिया-प्लस की रिपोर्ट के अनुसार, यह विधेयक संसद के ऊपरी सदन मजलिसी मिल्ली के 18वें सत्र के दौरान पारित किया गया। इस बिल में 'पराये परिधानों' और दो सबसे अहम इस्लामी त्योहारों - ईद अल-फितर और ईद अल-अज़हा के दौरान बच्चों से जुड़ी एक प्रथा पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। इस प्रथा को इदगरदक के नाम से जाना जाता है जिसके तहत इन दोनों इस्लामी त्योहारों पर बच्चे अपनी गली या गांव के घरों में जाते हैं और लोगों को त्योहार की बधाई देते हैं।

यह प्रस्ताव मजलिसी नमोयंदगोन द्वारा प्रशासनिक उल्लंघन संहिता में संशोधन को मंजूरी दिए जाने के बाद हुआ है। नए संशोधनों के मुताबिक, कानून का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, प्रशासनिक उल्लंघन संहिता में पहले हिजाब या अन्य धार्मिक कपड़ों को उल्लंघन के रूप में उल्लेख नहीं किया गया था।

ताजिकिस्तान में हिजाब पर आधिकारिक रोक कई सालों के अनौपचारिक प्रतिबंध के बाद आई है। देश ने अनौपचारिक रूप से घनी दाढ़ी पर भी प्रतिबंध लगा रखा है। 2007 में शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के लिए इस्लामी परिधान और पश्चिमी शैली की मिनीस्कर्ट दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था और बाद में इस प्रतिबंध को सभी सार्वजनिक संस्थानों तक बढ़ा दिया था। पिछले कुछ सालों में ताजिक सरकार ने ताजिक राष्ट्रीय पोशाक पहनने को प्रोत्साहित करने के लिए एक अभियान शुरू किया है, और 2018 में सरकार की तरफ से पारंपरिक परिधान को लेकर गाइडलाइन भी जारी किया गया था। खासकर 2017 में महिलाओं के मोबाइल पर मैसेज भेजकर उन्हें पारंपरिक पोषाक पहनने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।

जेल से बाहर नहीं आएंगे केजरीवाल, हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होने तक जमानत पर लगी रोक

#ed_challenged_delhi_cm_arvind_kejriwal_bail_delhi_high_court

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। केजरीवाल की जमानत पर फिलहाल हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि सुनवाई पूरी होने तक जमानत पर स्टे रहेगा। दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने कल यानी गुरुवार को केजरीवाल को नियमित जमानत दी थी लेकिन आज ईडी केजरीवाल की जमानत के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंच गई।इसी दौरान हाईकोर्ट ने सुनवाई तक केजरीवाल के जमानत पर रोक लगा दी है।

दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ ईडी ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है। ईडी ने इस मामले को तत्काल सुनवाई की मांग की। ईडी की याचिका पर सुनवाई को लिए हाईकोर्ट सहमत हो गया है। हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद ही साफ होगा कि अरविंद केजरीवाल आज रिहा होंगे या नहीं। 

वहीं आप के सांसद संजय सिंह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि ‘मोदी सरकार की गुंडागर्दी देखिए, अभी ट्रायल कोर्ट का आदेश ही नहीं आया आदेश की कॉपी भी नही मिली तो मोदी की ईडी हाईकोर्ट में किस आदेश को चुनौती देने पहुँच गई? क्या हो रहा है इस देश में? न्यायव्यवस्था का मज़ाक़ क्यों बना रहे हो मोदी जी पूरा देश आपको देख रहा है?’

गुरुवार को दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत प्रदान करते हुए आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले जमानत प्रदान कर दी। इससे पहले केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनावों में प्रचार किए लिए जमानत प्रदान की थी। उसके बाद दो जून को उन्होंने समर्पण कर दिया था। 

शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने 21 मार्च को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उन्हें 9 बार समन भेजा गया था लेकिन वो जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। 22 मार्च को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। यहां से ईडी ने 11 दिन कस्टडी रिमांड ली और पूछताछ करने के बाद एक अप्रैल को तिहाड़ जेल भेज दिया था।

भीषण गर्मी से जल्द मिलने वाली है राहत, मानसून ने भी पकड़ी रफ्तार*
#weather_update
देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी का कहर जारी है। राजधानी दिल्ली समेत कई देश के कई राज्यों में तापमान लगातार नया रिकॉर्ड कायम कर रहा है। वहीं, मौसम विभाग ने खुशखबरी दी है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून अगले तीन से चार दिनों में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों, झारखंड, ओडिशा और बंगाल के अधिकांश इलाकों तक पहुंच जाएगा। असम और बिहार में अलग-अलग चक्रवात की स्थिति बन रही है जिसके कारण इनसे सटे इलाकों में तेज बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून अगले तीन से चार दिनों में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों, झारखंड, ओडिशा और बंगाल के अधिकांश इलाकों तक पहुंच जाएगा। असम और बिहार में अलग-अलग चक्रवात की स्थिति बन रही है जिसके कारण इनसे सटे इलाकों में तेज बारिश हो सकती है। बिहार के कुछ इलाकों में 20 से 24 जून तक भारी बारिश का अनुमान है। वहीं बंगाल, बिहार और झारखंड के अधिकांश इलाकों में मानसून के प्रभाव से हल्की से मध्यम और कहीं-कहीं तेज बारिश होगी। मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड में 23 और 24 जून को कई इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। आज पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अगले 24 घंटे के दौरान 25-35 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छिटपुट बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, कर्नाटक, केरल, माहे के कई हिस्सों में 21 से लेकर 23 जून तक कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने इन सभी जगहों के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है। उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में 19 जून को भीषण लू चलने की संभावना है। जम्मू संभाग, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, बिहार, झारखंड और ओडिशा के अलग-अलग हिस्सों में आम लोगों को आज भी लू से राहत नहीं मिलने वाली है।
नीट और नेट परीक्षा में हुई धांधली के विरोध में कांग्रेस का हल्लाबोल, आज पूरे देश में प्रदर्शन*
#net_neet_paper_leaks_congress_protest_across_the_country
नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट) के रिजल्ट के बाद देशभर में स्टूडेंट्स और उनके पैरंट्स प्रदर्शन कर रहे हैं कि रिजल्ट रद्द किया जाए या नीट फिर से हो। इधर, यूजीसी नेट की परीक्षा भी रद्द कर दी गई है। इसको लेकर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा है। जिसको लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस आज पूरे देश में प्रदर्शन करेगी।इसके अलावा पार्टी ने अपनी स्टेट यूनिट्स को भी शुक्रवार को धरना प्रदर्शन करने के निर्देश दिए हैं। 4 जून को नीट-यूजी रिजल्ट की घोषणा के बाद से कांग्रेस इस मुद्दे को उठा रही है। कांग्रेस ने नेट-यूजी रिजल्ट में बड़े पैमाने पर अनिमियतताओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। वहीं, सरकार ने शुरू में यह कहते हुए आरोपों को खारिज कर दिया कि एनईईटी यूजी रिजल्ट में कोई अनियमितता नहीं थी, लेकिन बाद में स्वीकार किया कि प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा के कुछ पहलुओं की जांच की जरूरत है। कांग्रेस पार्टी अब इसे विषय को बड़ा मुद्दा बताते हुए 21 जून को पार्टी के सभी राज्य इकाइयों से देश के अलग अलग राज्यों की राजधानी में वरिष्ठ नेताओं के साथ विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश दिया है। देश की सबसे पुरानी पार्टी 24 जून से शुरू होने वाले विशेष संसद सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाने के लिए इंडिया ब्लॉक पार्टियों को एकजुट कर रही है। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कल यानी गुरुवार को मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला था। राहुल ने कहा था कि हिंदुस्तान में लगातार पेपर लीक हो रहे हैं और नरेंद्र मोदी या तो उसे रोक नहीं पा रहे या रोकना ही नहीं चाहते। बीजेपी शासित राज्य पेपर लीक का एपिसेंटर और शिक्षा माफियाओं की लैबोरेटरी बन गए हैं। बीजेपी सरकार शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूस-यूक्रेन, इजराइल-गाजा युद्ध रुकवा देते हैं, लेकिन पेपर लीक को नहीं रोक पा रहे या फिर इसे रोकना नहीं चाहते हैं। राहुल ने ये भी दावा किया कि बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने शिक्षण संस्थाओं कब्जा कर लिया है। जब तक इस स्थिति को बदला नहीं जाएगा तब तक पेपर लीक होना बंद नहीं होंगे।