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विश्व मंच पर एक बार फिर चमकेगा श्रीनगर: मोदी

जम्मू कश्मीर। तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी गुरुवार को जम्मू कश्मीर दौरे पर पहुंचे। पीएम मोदी ने श्रीनगर में 'युवाओं का सशक्तिकरण, जम्मू-कश्मीर में बदलाव' कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान जम्मू कश्मीर को करीब 3300 करोड़ रुपये का तोहफा दिया। इसके साथ ही शासकीय सेवाओं के लिए 2000 से अधिक लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपें। श्रीनगर के एसकेआईसीसी में योग दिवस के मुख्य समारोह का नेतृत्व करेंगे। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शुक्रवार को श्रीनगर में योग दिवस का मुख्य समारोह होगा, जिसे देश ही नहीं दुनिया भर में देखा जाएगा। विश्व मंच पर एक बार फिर श्रीनगर चमकेगा। इससे यहां के पर्यटन कारोबार को भी लाभ होगा। शब्दों के साथ धन्यवाद करते हुए पीएम मोदी ने अपना स्वागत किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वो दिन भी जल्द आएगा जम्मू कश्मीर राज्य के रूप में अपना भविष्य और उज्वल बनाएगा। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां हो रही हैं। जल्द यहां के लोग अपनी सरकार चुनेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि सबको बांटने वाली अनुच्छेद 370 की दीवार गिर चुकी है। 

अब सही मायने में जम्मू कश्मीर में भारत का संविधान लागू हुआ है और जिन्होंने इसे अब तक लागू नहीं हुआ है, वो इसके दोषी हैं। आज लाल चौके में शाम तक रौनक रहती हैं। अब डल झील के किनारे स्पोर्ट्स कारों का शो हुआ, जिसे पूरी दुनिया ने देखा। पीएम मोदी ने कहा उनकी सरकार ने सबको अधिकार और अवसर दिए हैं। महिलाओं को लाभ मिला। समाज के कमजोर तबकों की आवाज सुनी गई। पहली बार विधानसभा में एसटी समुदाय की सीटें आरक्षित की गई। पहाड़ी समुदाय, पाडरी, गड्डा ब्रहाम्ण को एसटी का आरक्षण मिला है। ओबीसी को उनके अधिकार मिले हैं। पीएम मोदी ने कहा, ' जनता को लेटलतीफी अब पसंद नहीं है। अब वो परिणाम चाहती है। हमारी सरकार रिजल्ट लाकर दिखाती है। इस प्रदर्शन के आधार पर जनता ने तीसरी बार चुना है। साठ साल बाद इसी प्रदर्शन के चलते इसी भरोसे के चलते जनता ने हमारी सरकार को चुना है।

इजराइल ने 2023 में किया हथियारों का रिकॉर्ड निर्यात, भारत सबसे बड़ा कस्मटर

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इजरायल का रक्षा निर्यात नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। हमास के साथ युद्द के बीच 2023 में इजराइल ने हथियारों का रिकॉर्ड निर्यात किया है।इजरायल ने साल 2023 में 13.1 अरब डॉलर का हथियार निर्यात किया है। इनमें से आधा निर्यात एशिया को किया गया है और उसमें भारत शीर्ष कस्‍टमर रहा है।

इजराइल के हथियारों के निर्यात का लगभग 48 प्रतिशत हिस्सा एशिया-प्रशांत क्षेत्र को, 35 प्रतिशत यूरोप को और नौ प्रतिशत उत्तरी अमेरिका को गया। इसका एक छोटा हिस्सा लैटिन अमेरिका और अरब देशों को गया, जिनके साथ इजरायल ने हाल ही में तथाकथित अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, और अफ्रीका को, जिसका हिस्सा केवल एक प्रतिशत है।

पिछले 5 साल में इजरायली हथियारों का निर्यात दोगुना हो गया है। यही नहीं पिछले 3 साल से इजरायली हथियारों का निर्यात लगातार रेकॉर्ड बना रहा है। इजरायली रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह इजरायल का अब तक का सबसे ज्‍यादा हथियार निर्यात है। इसमें इजरायल का एरो डिफेंस सिस्‍टम भी शामिल है जिसने ईरानी मिसाइल हमले की बारिश को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि लगभग 36% निर्यात मिसाइल, रॉकेट और वायु रक्षा प्रणालियों से हुआ, इसके बाद रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, हथियार स्टेशन और लांचर प्रत्येक 11% तथा चालक दल वाले विमान और एवियोनिक्स 9% निर्यात के साथ दूसरे स्थान पर रहे।

मंत्रालय ने कहा कि विश्वभर में सुरक्षा-रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने, नए बाजारों में प्रवेश करने, नौकरशाही बाधाओं को दूर करने और विनियमन को कम करने के प्रयास के तहत रक्षा निर्यात एक केंद्रीय प्राथमिकता बन गया है।

रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा, "जबकि हमारे उद्योग मुख्य रूप से रक्षा प्रतिष्ठानों को हमारे सैनिकों का समर्थन करने और हमारे नागरिकों की रक्षा करने की क्षमता प्रदान करने पर केंद्रित हैं... वे अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ सहयोग और निर्यात के क्षेत्रों में भी काम करना जारी रखे हुए हैं।"

इससे पहले इजरायल एयरोस्‍पेस इंडस्‍ट्री ने खुलासा किया था कि भारत को उसने सबसे ज्‍यादा हथियारों का निर्यात किया है।आईएआई ने बताया कि साल 2023 में करीब 1 अरब डॉलर का हथियार भारत को बेचा गया। भारत को इजरायली कंपनी ने एयर डिफेंस सिस्‍टम की सप्‍लाई की है। भारत की कंपनी भारत इलेक्‍ट्रानिक्‍स लिमिटेड ने इजरायली कंपनी के साथ मिलकर बराक 8 सरफेस टु एयर मिसाइल सिस्‍टम का निर्माण शुरू किया है। यह पूरा सौदा 77 करोड़ डॉलर का है। भारत ने आईएआई को 95 करोड़ 30 लाख डॉलर का हथियारों का ऑर्डर दिया है। इसके अलावा ड्रोन, रेडॉर, मिसाइलें और इलेक्ट्रिक वारफेयर सिस्‍टम का सौदा इजरायली कंपनी के साथ किया गया है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है और अभी रूस से सबसे ज्‍यादा हथियार खरीदता है।

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के करीब आए खाड़ी देश, रिपोर्ट में खुलासा

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खाड़ी देशों के साथ भारत के संबंध हाल के कुछ सालों में काफी मजबूत हुए हैं। 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्तृत्व वाली सरकार अपने कार्यकाल में खाड़ी देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाई देने का प्रयास किया।कहा जाए कि अरब देशों के साथ भारत के रिश्ते अबतक के अपने सबसे ऊंचे मुकाम पर हैं तो ये भी गलत नहीं होगा। ऐसा नहीं कि सिर्फ भारत ही खाड़ी देशों के साथ मजबूत रिश्तों के लिए एक्टिव दिख रहा। गल्फ देश भी इन रिश्तों को एक नई ऊंचाई तक ले जाने को लालायित नजर आ रहे। इस बीच इटली के इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल पॉलिटिकल स्टडीज (आईएसपीआई) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भी कुछ सा ही दावा किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यभार संभालने के बाद भारत के खाड़ी के देशों के साथ रिश्ते पूरी तरह से बदल गए हैं। खाड़ी के देश अब भारत की विदेश नीति और सुरक्षा नीति में प्राथमिकता पर आ गए हैं। खाड़ी के देशों में बहरीन, कुवैत, इराक, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। 

आईआईएसएस में दक्षिण और मध्य एशियाई रक्षा, रणनीति और कूटनीति के रिसर्च फेलो विराज सोलंकी ने आईएसपीआई के लिए रिपोर्ट में लिखा है कि खाड़ी भारत के लिए एक विदेश और सुरक्षा नीति प्राथमिकता बन गई है, जिसमें नई दिल्ली की भी रुचि और प्रभाव बढ़ रहा है। इससे पहले, यह संबंध केवल ऊर्जा, व्यापार और भारतीय प्रवासियों पर केंद्रित था, लेकिन अब यह संबंध राजनीतिक संबंधों, निवेश और रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को शामिल करते हुए एक नए ढांचे में विकसित हो गया है। आज, भारत की प्राथमिकताओं में आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए निवेश आकर्षित करना, क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं (अरब सागर और खाड़ी सहित) को संबोधित करना और अपनी क्षेत्रीय उपस्थिति और प्रभाव को बढ़ाना शामिल है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अगस्त 2015 में मोदी की यूएई यात्रा 34 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूएई की पहली यात्रा थी, जबकि अगस्त 2019 में उनकी बहरीन यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। ऊर्जा, व्यापार और भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना पारंपरिक रूप से भारत-खाड़ी संबंधों के प्रमुख घटक रहे हैं। खाड़ी स्थिरता में भारत की बड़ी हिस्सेदारी है, क्योंकि इस क्षेत्र में लगभग 8.8 मिलियन भारतीय नागरिक रहते हैं। 

खाड़ी क्षेत्र में भारत के बढ़ते रणनीतिक और आर्थिक हितों के परिणामस्वरूप निवेश, राजनीतिक संबंधों और रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर आधारित भारत-खाड़ी संबंधों के लिए एक नई रूपरेखा तैयार हुई है। भारत में खाड़ी देशों के बढ़ते निवेश के कारण भारत और खाड़ी देशों के बीच आर्थिक सहयोग तेज हुआ है। खाड़ी देशों के संप्रभु-संपत्ति कोष और राज्य के स्वामित्व वाले उद्यम भारत में पूंजी निवेश करना जारी रखते हैं। सबसे विशेष रूप से, भारत के तेजी से आकर्षक आर्थिक बाजार बनने के साथ, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने भारत में क्रमशः $100 बिलियन और $75 बिलियन के निवेश लक्ष्य की घोषणा की थी। संयुक्त अरब अमीरात भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सातवां सबसे बड़ा स्रोत है, वर्तमान में $15.3 बिलियन है। मार्च 2022 तक सऊदी अरब ने 3.2 बिलियन डॉलर का निवेश किया था, जबकि कतर ने पिछले साल 1.5 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया था।

भारत, इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकॉनोमिक कॉरिडोर (IMEC) में भी शामिल है। संयुक्त अरब अमीरात के साथ मिलकर तो भारत आतंकरोधी सुरक्षा सहयोग, मेरीटाइम सिक्योरिटी और नौसैन्य सहयोग भी बढ़ा रहा है। 

आईएसपीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लिए खाड़ी के देशों में चुनौतियां भी बढ़ी हैं। खासकर इस्राइल-हमास युद्ध के बाद से अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर लगातार हमले हो रहे हैं, जिसका असर भारत के आर्थिक विकास पर भी पड़ा है। साथ ही चीन भी लगातार खाड़ी के देशों में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में अब मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी सरकार की कोशिश होगी कि खाड़ी के देशों के साथ संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाए।

आईआईटी बॉम्बे के छात्रों ने नाटक मंटन के जरिए किया राम-सीता का अपमान, आठ छात्रों पर 1.2 लाख रुपये तक का जुर्माना

#iit_bombay_fines_students_to_1.2_lakh_for_derogatory_play_on_ram_sita

आईआईटी बॉम्बे में रामायण पर आधारित एक नाटक का मंचन किया गया। हालांकि उस नाटक में राम-सीता के नाम पर उसमें फूहड़ता परोसी गई। रामायण पर आधारित इस नाटक का छात्रों के एक वर्ग ने विरोध किया था। इनका आरोप था कि यह हिंदू धर्म के प्रति अपमानजनक है। राम और सीता के प्रति अपमानजनक है।

आईआईटी-बॉम्बे के कम से कम आठ छात्रों , जिनमें से कुछ स्नातक और अन्य जूनियर हैं, को 31 मार्च को संस्थान के वार्षिक प्रदर्शन कला महोत्सव के दौरान एक नाटक, राहोवन का मंचन करने के लिए 1.2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है एक छात्र ने कहा कि स्नातक छात्रों को 1.2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है और उन्हें किसी भी जिमखाना पुरस्कार के लिए कोई मान्यता नहीं मिलेगी, जबकि जूनियर छात्रों को 40,000 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया है और उन्हें छात्रावास की सुविधाओं से भी वंचित कर दिया गया है। शिकायतों के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की सिफारिशों के आधार पर संस्थान ने कार्रवाई की है। 

आईआईटी बॉम्बे ने छात्र को चार जून को एक नोटिस देकर जुर्माने देने की बात कही। नोटिस में कहा गया है कि 1.20 लाख रुपये का जुर्माना 20 जुलाई, 2024 को छात्र मामलों के डीन के कार्यालय में जमा किया जाना है।नोटिस में कहा गया कि इस सजा का उल्लंघन करने पर आगे और प्रतिबंध लगाए जाएंगे। नोटिस को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आईआईटी बी फॉर भारत ने साझा किया, जो आईआईटी बॉम्बे कैंपस का ही एक समूह है और भारतीय सभ्यता के मूल्यों को बनाए रखने का दावा करता है।इस समूह ने ही नाटक का विरोध किया था।

इसी साल मार्च में आर्ट फेस्टिवल के दौरान इस नाटक का मंचन किया गया था।आईआईटी बॉम्बे के ओपन-एयर थिएटर में नाटक का मंचन किया गया था। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी आए, जिसे देख हिंदुओं और हिंदू संगठनों ने गहरी नाराजगी जताई थी। आरोप लगाए गए कि इस नाटक के जरिए हिंदुओं की भावनाओं का अपमान किया गया। विवाद बढ़ा तो आईआईटी-बी ने जांच शुरू की।

आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

 आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका और मेडिकल जांच के दौरान पत्नी की मौजूदगी को लेकर दायर आवेदन पर आज बृहस्पतिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने याचिका पर विस्तृत सुनवाई के बाद बृहस्पतिवार को अपना फैलला सुरक्षित रख लिया।

आज सुनवाई के दौरान ईडी ने केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध किया। ईडी की ओर से पेश एएसजी राजू ने कहा कि हर कोई जानता है आप पार्टी के मामलों के लिए सिर्फ अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार हैं।

ईडी का प्रतिनिधित्व करने वाले एएसजी एसवी राजू ने राउज एवेन्यू कोर्ट में कहा कि 7 नवंबर 2021 को अरविंद केजरीवाल होटल ग्रैंड हयात में ठहरे थे। दो किस्तों में 1 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। इसका भुगतान चनप्रीत सिंह ने अपने बैंक खाते से किया था।

चनप्रीत ने चुकाया था केजरीवाल के होटल का बिल 

एएसजी एसवी राजू ने कहा कि चनप्रीत वह व्यक्ति है जिसने अलग-अलग ‘अंगड़िया’ से 45 करोड़ रुपये लिए थे। उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। एएसजी ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि चनप्रीत ने गोवा में केजरीवाल के होटल का बिल चुकाया था। कोर्ट ने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया। पिछली सुनवाई में केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि‌‌ पूरा मामला केवल‌ गवाहों के बयान पर आधारित है।

इससे पहले बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी। न्यायिक हिरासत समाप्त होने के बाद उन्हें जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था।

21 मार्च को हुई थी गिरफ्तारी

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को अरेस्ट किया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से मई में उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 1 जून तक की अंतरिम जमानत दी गई थी। 2 जून को उन्होंने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।

दिल्ली में लू के कहर से सफदरजंग अस्पताल में 24 घंटे में 13 लोगों की मौत, इमरजेंसी में बढ़े मरीज

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बुधवार की रात हल्की वर्षा और सुबह आकाश में हल्के बादल छाए होने से लू से थोड़ी राहत है, लेकिन इस राहत से पहले इस बार भीषण गर्मी दिल्ली के लोगों पर कहर बनकर टूटी है। स्थिति यह है कि सफदरजंग अस्पताल में लू के कारण 24 घंटे में 13 लोगों की मौत गई, जो इस अस्पताल में एक दिन में सबसे अधिक है।

इस वजह से इस अस्पताल में पिछले एक माह में लू से मरने वालों की संख्या 19 हो गई है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार पिछले 24 घंटे में लू लगने से 33 मरीज भर्ती कराए गए, जिसमें ज्यादातर बुजुर्ग व बाहर काम करने वाले लोग हैं।

आरएमएल सहित अन्य अस्पतालों में भी काफी संख्या में लू से पीड़ित लोग भर्ती कराए गए हैं। केंद्रीय टीम ने अस्पतालों की इमरजेंसी में किया निरीक्षण लू के कारण अस्पतालों की इमरजेंसी में मरीजों का दबाव बढ़ गया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम किया निरीक्षण

इस बीच बृहस्पतिवार सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम एम्स, सफदरजंग, आरएमएल व लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंची। केंद्रीय टीम ने अस्पतालों की इमरजेंसी में चिकित्सा सुविधाओं का निरीक्षण किया। साथ ही लू से पीड़ित होकर पहुंचने वाले मरीजों व मृतकों की भी जानकारी ली।

कोरोना काल के बाद एक बार फिर गुलजार हुआ जिम कार्बेट, विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी हुआ इजाफा

हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक वनों और वन्यजीवों के दीदार के लिए नैनीताल जिले के रामनगर में स्थित जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पहुंचते हैं. यहां पर्यटक कॉर्बेट पार्क के जंगलों में जैव विविधता और बंगाल टाइगर के साथ ही अन्य वन्यजीवों के दीदार के साथ ही जिम कॉर्बेट के बारे में जानने आते हैं. वहीं इस सत्र की बात करें तो पिछले सल के मुताबिक इस साल 2500 के आसपास विदेशी पर्यटक ज्यादा आए है.

विदेशी पर्यटक कोरोना काल से पहले जंगल सफारी के लिए काफी संख्या में कार्बेट आते थे, लेकिन कोरोना काल के बाद से विदेशी पर्यटक न के बराबर आने लगे. विदेशी पर्यटकों के आने से जहां पार्क का राजस्व बढ़ता है, वहीं पार्क की ख्याति भी विदेशों में बढती है.

साल       पर्यटक

2020- 21-   377

2021- 22-   884

2022- 23-   6631

2023-24-   9049

बढ़ी विदेशी पर्यटकों की संख्या

कार्बेट पार्क के वार्डन अमित ग्वासीकोटी ने बताया कि इस साल पर्यटन सीजन में 9049 विदेशी पर्यटकों ने जंगल सफारी का आनंद लिया. पिछले साल की तुलना में 2418 विदेशी पर्यटक ज्यादा आए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में विदेशी पर्यटकों की संख्या काफी कम हुई थी. लेकिन अब विदेशी पर्यटक अच्छ संख्या में आ रहे हैं. इससे पार्क के राजस्व में वृद्धि हो रही है.

अब नहीं रुकेगी काउंसलिंग..! NEET मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और NTA को भेजा नोटिस


सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार (20 जून) को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा दायर एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें नीट-यूजी, 2024 परीक्षा से संबंधित याचिकाओं को उच्च न्यायालय से शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में चल रही कार्यवाहियों पर भी रोक लगा दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने दोहराया कि वह काउंसलिंग प्रक्रिया को नहीं रोकेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ छात्रों द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और NTA को नोटिस भी जारी किया है, जो मेघालय केंद्र में नीट-यूजी परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे और कथित तौर पर 45 मिनट गंवा बैठे थे। उन्होंने प्रार्थना की थी कि उन्हें उन 1563 छात्रों में शामिल किया जाना चाहिए, जिन्हें अनुग्रह अंक मिले हैं और जिन्हें 23 जून को पुनः परीक्षा में बैठने का विकल्प दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाओं पर सुनवाई 8 जुलाई के लिए निर्धारित की है। नीट-यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी और इसके परिणाम 14 जून की निर्धारित घोषणा तिथि से पहले 4 जून को घोषित किए गए थे। अनियमितताओं और पेपर लीक का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया था क्योंकि परिणामों से पता चला था कि 67 छात्रों ने 720 के पूर्ण स्कोर के साथ परीक्षा में टॉप किया था। छात्रों द्वारा दोबारा परीक्षा की मांग करते हुए अदालतों में याचिकाएँ दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 1,500 से ज़्यादा छात्रों को दोबारा परीक्षा देने की अनुमति दे दी है, जिन्हें "ग्रेस मार्क्स" दिए गए थे। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित नीट-यूजी परीक्षा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करती है। 13 जून को, एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि एनईईटी-यूजी 2024 परीक्षा में “ग्रेस मार्क्स” दिए गए 1563 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड रद्द कर दिए जाएंगे और इन उम्मीदवारों के पास 23 जून को परीक्षा के लिए फिर से उपस्थित होने का विकल्प होगा, जिसके परिणाम 30 जून से पहले घोषित किए जाएंगे, या समय की हानि के लिए दिए गए प्रतिपूरक अंकों को छोड़ देंगे। मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के आयोजन में किसी भी प्रकार की लापरवाही, चाहे वह 0.001 प्रतिशत ही क्यों न हो, को पूरी तरह से संबोधित किया जाएगा। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों से कहा कि ऐसी किसी भी लापरवाही से गंभीरता से निपटा जाना चाहिए।
देश में परीक्षाओं में कथित गड़बड़ी के आरोप पर राहुल गांधी का तंज, बोले-रूस-यूक्रेन जंग रुकवा दी लेकिन पेपर लीक नहीं रोक पाए

#rahul_gandhi_congress_attacks_central_government_for_neet_ug_alleged_paper_leak

पेपर लीक मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कर जोरदार कंज कसा है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को यूजीसी नीट यूजी परीक्षा में कथित पेपर लीक को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।छात्रों के भविष्य का हवाला देते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार को घेरने के साथ ही व्यक्तिगत तौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला है। तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि नीट पेपर और यूजीसी नेट के पेपर लीक हुए हैं। कहा जा रहा था कि नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की लड़ाई रोक दी थी।इजराइल और गाजा की लड़ाई को भी नरेंद्र मोदी ने रोक दिया था लेकिन किसी न किसी कारण देश में जो पेपर लीक हो रहे हैं, उन्हें नरेंद्र मोदी नहीं रोक पा रहे या फिर रोकना नहीं चाहते हैं।

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोलेते हे कहा, "सभी शिक्षण संस्थानों को भाजपा के लोगों ने कैप्चर कर रखा है। जब तक इन्हें मुक्त नहीं कराया जाएगा, तब तक यह चलता रहेगा। पीएम मोदी इस लीक को रोक नहीं पाए। एक परीक्षा में गड़बड़ियों के बाद आप रद्द कर चुके हैं, पता नहीं दूसरे को रद्द किया जाएगा या नहीं। लेकिन कोई न कोई तो इसके लिए जिम्मेदार है और इसके लिए किसनी न किसी को तो पकड़ा जाना चाहिए।"

राहुल ने आगे कहा, "नीट पेपर और यूजीसी-नेट के पेपर लीक हुए हैं। कहा जा रहा था कि नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की लड़ाई रोक दी थी। इजराइल और गाजा की लड़ाई को भी नरेंद्र मोदी ने रोक दी थी। लेकिन किसी न किसी कारण में हिंदुस्तान में जो पेपर लीक हो रहे हैं उन्हें नरेंद्र मोदी नहीं रोक पा रहे या फिर रोकना नहीं चाहते।"

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि वो इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे। उन्होंने बिहार का जिक्र करते हुए कहा कि जिसने भी अंडरग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम का पेपर लीक कराया है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने दावा किया कि देश के शिक्षण संस्थाओं पर भाजपा और संघ से जुड़े लोगों ने कब्जा कर लिया है। जब तक इस चीज को नहीं बदला जाएगा, पेपर लीक होना बंद नहीं होंगे। मध्य प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले को ये सरकार पूरे देश में फैलाने की कोशिश कर रही है।

राहुल गांधी ने की पेपर लीक पर कार्रवाई की मांग

राहुल गांधी ने नीट पेपर लीक का दावा किया। उन्होंने कहा कि बिहार को लेकर हमारा यही कहना है कि जांच होनी चाहिए और जिन्होंने भी पेपर लीक कराया है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों पर आरएसएस-बीजेपी का कब्जा है और जब तक इसे बदला नहीं जाएगा तब तक पेपर लीक होने बंद नहीं होंगे।

देश में परीक्षाओं में कथित गड़बड़ी के आरोप पर राहुल गांधी का तंज, बोले-रूस-यूक्रेन जंग रुकवा दी लेकिन पेपर लीक नहीं रोक पाए*
#rahul_gandhi_congress_attacks_central_government_for_neet_ug_alleged_paper_leak
पेपर लीक मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कर जोरदार कंज कसा है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को यूजीसी नीट यूजी परीक्षा में कथित पेपर लीक को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।छात्रों के भविष्य का हवाला देते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार को घेरने के साथ ही व्यक्तिगत तौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला है। तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि नीट पेपर और यूजीसी नेट के पेपर लीक हुए हैं। कहा जा रहा था कि नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की लड़ाई रोक दी थी।इजराइल और गाजा की लड़ाई को भी नरेंद्र मोदी ने रोक दिया था लेकिन किसी न किसी कारण देश में जो पेपर लीक हो रहे हैं, उन्हें नरेंद्र मोदी नहीं रोक पा रहे या फिर रोकना नहीं चाहते हैं। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोलेते हे कहा, "सभी शिक्षण संस्थानों को भाजपा के लोगों ने कैप्चर कर रखा है। जब तक इन्हें मुक्त नहीं कराया जाएगा, तब तक यह चलता रहेगा। पीएम मोदी इस लीक को रोक नहीं पाए। एक परीक्षा में गड़बड़ियों के बाद आप रद्द कर चुके हैं, पता नहीं दूसरे को रद्द किया जाएगा या नहीं। लेकिन कोई न कोई तो इसके लिए जिम्मेदार है और इसके लिए किसनी न किसी को तो पकड़ा जाना चाहिए।" राहुल ने आगे कहा, "नीट पेपर और यूजीसी-नेट के पेपर लीक हुए हैं। कहा जा रहा था कि नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की लड़ाई रोक दी थी। इजराइल और गाजा की लड़ाई को भी नरेंद्र मोदी ने रोक दी थी। लेकिन किसी न किसी कारण में हिंदुस्तान में जो पेपर लीक हो रहे हैं उन्हें नरेंद्र मोदी नहीं रोक पा रहे या फिर रोकना नहीं चाहते।" कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि वो इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे। उन्होंने बिहार का जिक्र करते हुए कहा कि जिसने भी अंडरग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम का पेपर लीक कराया है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने दावा किया कि देश के शिक्षण संस्थाओं पर भाजपा और संघ से जुड़े लोगों ने कब्जा कर लिया है। जब तक इस चीज को नहीं बदला जाएगा, पेपर लीक होना बंद नहीं होंगे। मध्य प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले को ये सरकार पूरे देश में फैलाने की कोशिश कर रही है। राहुल गांधी ने की पेपर लीक पर कार्रवाई की मांग राहुल गांधी ने नीट पेपर लीक का दावा किया। उन्होंने कहा कि बिहार को लेकर हमारा यही कहना है कि जांच होनी चाहिए और जिन्होंने भी पेपर लीक कराया है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों पर आरएसएस-बीजेपी का कब्जा है और जब तक इसे बदला नहीं जाएगा तब तक पेपर लीक होने बंद नहीं होंगे।