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NCERT की किताबों में बड़ा बदलाव, बाबरी मस्जिद का जिक्र नहीं, अयोध्या विवाद भी 2 पेज में सिमटा, निदेशक ने कही ये बात

डेस्क: एनसीईआरटी (NCERT) की नई रिवाइज्ड किताबें बाजार में आ चुकी हैं। इसमें कई तरह का बदलाव किया गया है। किताबों में अयोध्या विवाद, बाबरी मस्जिद और गुजरात दंगों के संदर्भ में बदलाव किए गए हैं। कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की संशोधित किताब में बाबरी मस्जिद का जिक्र नहीं है। बाबरी मस्जिद की जगह 'तीन गुंबद वाली संरचना' का जिक्र किया गया है। वहीं अयोध्या विवाद के टॉपिक को 4 पेज की जगह 2 पेज का कर दिया गया है। गुजरात दंगों से संबंधित संदर्भों को भी हटाया गया है और किताब में कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक विवरण हटा दिए गए हैं।

क्या-क्या बदला या हटाया गया?

बाबरी मस्जिद की जगह तीन गुंबद वाली संरचना का जिक्र किया गया है।

अयोध्या विवाद से जुड़े टापिक्स 4 पेज की जगह 2 पेज में समेट दिए गए हैं।

बीजेपी की रथ यात्रा: सोमनाथ से अयोध्या तक की यात्रा का जिक्र नहीं है।

कार सेवक: 1992 की घटनाओं में स्वयंसेवकों की भूमिका हटा दी गई है।

सांप्रदायिक हिंसा: 6 दिसंबर 1992 को विध्वंस के बाद हुई हिंसा के संदर्भ हटा दिए गए हैं।

राष्ट्रपति शासन: भाजपा शासित राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने को बाहर रखा गया है।

बीजेपी का अफसोस: अयोध्या की घटनाओं पर बीजेपी के अफसोस वाले बयानों को हटा दिया गया है।

गुजरात दंगों से संबंधित संदर्भों को हटाया गया है।

हुमायूं, शाहजहां, अकबर, जहांगीर और औरंगजेब जैसे मुगल सम्राटों की उपलब्धियों का विवरण देने वाली दो पेज की तालिका भी हटा दी गई है।

NCERT के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी क्या बोले?

NCERT के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने न्यूज एजेंसी PTI से किताबों में हुए बदलाव को लेकर बात की। सकलानी ने स्कूली सिलेबस के भगवाकरण के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद विध्वंस के संदर्भों को स्कूल की किताबों में संशोधित किया गया क्योंकि दंगों के बारे में पढ़ाना हिंसक और निराश नागरिकों को पैदा कर सकता है। पाठ्यक्रम का भगवाकरण करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है, सब कुछ तथ्यों और सबूतों पर आधारित है।

सकलानी ने कहा कि किताबों में बदलाव सालाना संशोधन का हिस्सा हैं और इसे शोर-शराबे का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए। एनसीईआरटी की किताबों में गुजरात दंगों या बाबरी मस्जिद विध्वंस के संदर्भ में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर सकलानी ने कहा, 'हमें स्कूली किताबों में दंगों के बारे में क्यों पढ़ाना चाहिए? हम सकारात्मक नागरिक बनाना चाहते हैं, न कि हिंसक और अवसादग्रस्त व्यक्ति।'

उन्होंने कहा, 'क्या हमें अपने छात्रों को इस तरह से पढ़ाना चाहिए कि वे आक्रामक हो जाएं, समाज में नफरत पैदा करें या नफरत का शिकार बनें? क्या यह शिक्षा का उद्देश्य है? क्या हमें ऐसे छोटे बच्चों को दंगों के बारे में पढ़ाना चाहिए। जब वे बड़े होंगे, तो वे इसके बारे में सीख सकेंगे यह लेकिन स्कूल की किताबों में क्यों? उन्हें बड़े होने पर यह समझने दें कि क्या हुआ और क्यों हुआ, बदलावों के बारे में हंगामा अप्रासंगिक है।'

राहुल गांधी द्वारा ईवीएम पर उठाए गए सवाल पर जदयू वरिष्ठ नेता व मंत्री विजय चौधरी ने किया पलटवार, कही यह बात

डेस्क ; लोकसभा चुनाव के बाद विपक्ष लगातार ईवीएम पर सवाल खड़ा कर रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सांसद राहुल गांधी ने भी ईवीएम पर सवाल उठाते हुए इस ब्लैक बॉक्स करार दिया हैं। 

राहुल गांधी ने अपने एक पोस्ट में कहा है कि "भारत में ईवीएम एक "ब्लैक बॉक्स" है, और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही का अभाव होता है तो लोकतंत्र दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।" 

वही इस पोस्ट में राहुल गाँधी ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से 48 वोटों से चुनाव जीते रविंद्र वायकर से जुडी उस खबर को भी साझा किया है जिसमें रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल फोन EVM से जुड़ा होने को लेकर पुलिस के बयान हैं। दरअसल, 4 जून को मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट के लिए वोटों की गिनती के दौरान नेस्को सेंटर के अंदर हुई। रविंद्र वायकर ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को महज 48 वोट से हराया था। इस सीट पर पहले कीर्तिकर को एक वोट से विजयी घोषित किया गया था, लेकिन रीकाउंटिंग करने पर वायकर 48 वोट से जीत गए। रविंद्र वायकर को 4 लाख 52 हजार 644 वोट मिले हैं। वहीं उद्धव गुट के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को 4 लाख 52 हजार 596 वोट मिले हैं।

इधर राहुल गांधी के इस पोस्ट को लेकर जदयू के वरिष्ठ नेता व बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने पलटवार किया है। विजय चौधरी ने कहा कि, यह पहली दफा थोड़े ही है राहुल गांधी तो पहले भी सवाल उठा चुके हैं और चुनाव आयोग हमेशा चुनौती देता है। इसमें क्या गड़बड़ी होती है या कोई गड़बड़ी कर करके कोई दिखाए। वह बुलाता है, निमंत्रण देता है, क्या गड़बड़ी हो सकता है बता दीजिए, तो कभी जाते नहीं है। 

विजय चौधरी ने कहा कि हार का ठीकरा किसी मशीन पर नहीं थोपना चाहिए। चुनाव में हार-जीत जनता के समर्थन और नापसंद से होती है। जब तक जनता उनको पसंद नहीं करेगी ईवीएम उनको नहीं जीता सकता है।

देश के करोड़ों किसानों के लिए खुशखबरी! इस दिन खाते में आएगी किसान सम्मान निधि की राशि, कृषि मंत्री ने किया कन्फर्म

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का पहला कार्यक्रम 18 जून को बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आयोजित हो रहा है। जहां वे सिंगल क्लिक के माध्यम से 9 करोड़ 3 लाख किसान भाई-बहनों के खाते में किसान सम्मान निधि की राशि डालेंगे। इस दौरान लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपये की राशि अंतरित की जाएगी। 

इस दौरान शिवराज ने कहा मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री तीसरी बार शपथ ग्रहण करने के बाद सबसे पहले हस्ताक्षर अगर किए तो किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त किसानों को जारी करने की फाइल पर है। आप सब जानते हैं कि किसान भाइयों की आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने के लिए 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुआत की थी। जिसमें अब तक लगभग 11 करोड़ किसानों को 3लाख करोड़ रूपये से ज्यादा की राशी किसान सम्मान निधि के रूप में दी जा चुकी है। जो सीधे उनके खाते में अंतरित की गयी है।  

कृषि मंत्री ने कहा कि देश में अलग-अलग स्थानों पर विशेष 50 कृषि विज्ञान केंद्र को चिन्हित किया गया है। जहां अलग-अलग केन्द्रीय मंत्री जायेंगे और वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़ेंगे और वहां मौजूद किसानों से संवाद करेंगे। इसके अतिरिक्त सभी मंडियों में ब्लाक स्थानों पर एवं कई राज्यों में हर ग्राम पंचायत में इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। जिसमें लगभग 2 करोड़ किसान सम्मिलित होंगे। इस कार्यक्रम के साथ साथ प्रधानमंत्री जी का संकल्प है लखपति दीदी जिसमें से अभी 1 करोड़ लखपति दीदी बन चुकी हैं। अभी हमें 2 करोड़ दीदी और बनानी है। उसी का एक आयाम कृषि सखी है।

लोकसभा चुनाव खत्म होते ही इस राज्य में 30% तक बढ़ गईं पेट्रोल-डीजल की कीमतें, बढ़ी दरें तत्काल प्रभाव से लागू

लोकसभा चुनाव खत्म होते ही दूध से लेकर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने की खबरें आनी शुरू हो गई हैं. अमूल, मदर डेयरी और पराग ने जहां दूध के दाम में 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. वहीं अब एक कांग्रेस शासित राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर दी गई है. राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले राज्य स्तरीय टैक्स में संशोधन किया है. कांग्रेस शासित कर्नाटक में राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर राज्य सरकार द्वारा लगाए जाने वाले सेल्स टैक्स में बढ़ाने का फैसला किया है. टैक्स की ये नई दरें तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं.

कर्नाटक राज्य सरकार ने पेट्रोल पर बिक्री कर की दर बढ़ाकर 29.84 प्रतिशत करने का फैसला किया है. जबकि डीजल पर बिक्री कर की दर बढ़ाकर 18.44 प्रतिशत कर दी गई है. पहले पेट्रोल पर सेल्स टैक्स की दर 25.92 प्रतिशत थी, जबकि डीजल पर राज्य सरकार 14.3 प्रतिशत टैक्स लिया करती थी. कर्नाटक सेल्स टैक्स विभाग ने शनिवार को टैक्स की दर बढ़ाने का ऐलान किया है. इस संबंध में राज्य सरकार ने एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है.

टैक्स में इस बढ़ोतरी के बाद अब राज्य में पेट्रोल 3 रुपए प्रति लीटर और डीजल 3.02 रुपए प्रति लीटर महंगा हो जाएगा. राज्य की राजधानी बेंगलुरू में अब पेट्रोल की कीमत 102.86 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 88.94 रुपए प्रति लीटर होगी. इससे पहले बेंगलुरू में पेट्रोल की कीमत 99.84 रुपए प्रति लीटर और डीजल कीमत 85.93 रुपए प्रति लीटर थी. 

पेट्रोल और डीजल पर इससे पहले टैक्स की दर को नवंबर 2021 में संशोधित किया गया था. पेट्रोल और डीजल पर टैक्स की इस दर को बढ़ाने के बाद राज्य सरकार को 2500 से 2800 करोड़ रुपए राजस्व मिलने की उम्मीद है. राज्य में करीब 5,000 पेट्रोल पंप हैं, जहां तत्काल प्रभाव से पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों को मशीनों में रीकैलिब्रेट कर दिया गया है.

राहुल गांधी ने EVM पर उठाए सवाल, कहा- 'यह ब्लैक बॉक्स है, किसी को भी इसकी जांच की इजाजत नहीं'

डेस्क : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर EVM को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है। उन्होंने दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलन मस्क की एक्स पर की गई पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए एक अखबार का हवाला दिया और ईवीएम पर सवाल खड़े किए।

चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं 

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में कहा- 'भारत में ईवीएम एक ब्लैक बॉक्स है और किसी को भी इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।'

रविंद्र वायकर से जुड़ी खबर को किया शेयर

 

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।

48 वोटों से जीते थे रविंद्र वायकर

मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था। 

EVM को लेकर एलन मस्क का पोस्ट

दरअसल, एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है। मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा कि हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। क्यों मनुष्यों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम है।मस्क ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद के दावेदार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर की पोस्ट को रिपोस्ट किया है। रॉबर्ट एफ कैनेडी ने अपनी पोस्ट में ईवीएम को लेकर गडबड़ियों का उल्लेख किया था।

राजकोट गेमिंग जोन आग मामले में दस्तावेजों से छेड़छाड़ के आरोप में दो स्थानीय कर्मचारी गिरफ्तार

डेस्क: राजकोट नगर निगम के दो कर्मचारियों को एक गेमिंग जोन में पिछले माह लगी आग की घटना के बाद उससे संबंधित दस्तावेजों में छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आग की इस घटना में 27 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि इसके साथ ही राजकोट शहर में टीआरपी गेमिंग जोन में 25 मई को हुई घटना के सिलसिले में अब तक छह सरकारी कर्मचारियों सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

सहायक नगर योजना अधिकारी गिरफ्तार

पुलिस उपायुक्त (अपराध) पार्थराजसिंह गोहिल ने बताया कि शहर की अपराध शाखा ने शनिवार को राजकोट नगर निगम के सहायक नगर योजना अधिकारी राजेश मकवाना और सहायक अभियंता जयदीप चौधरी को आग की घटना के बाद आधिकारिक रजिस्टर में छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा, ‘‘आग की घटना के बाद उन्होंने टीआरपी गेमिंग जोन से जुड़े सरकारी दस्तावेजों में कुछ छेड़छाड़ की। उन्होंने जाली दस्तावेज भी बनाए।’’ गोहिल ने कहा, ‘‘टीआरपी गेमिंग जोन में आग लगने के मामले में अब तक हम छह सरकारी कर्मचारियों और छह अन्य लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं।’’ 

अब तक इन लोगों की हुई है गिरफ्तारी

इससे पहले जिन चार सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था उनमें राजकोट के नगर योजना अधिकारी एम.डी सागथिया, सहायक नगर योजना अधिकारी मुकेश मकवाना और गौतम जोशी तथा कलावड रोड दमकल केंद्र के पूर्व अधिकारी रोहित विगोरा शामिल हैं। पिछले बृहस्पतिवार को गेमिंग जोन के सह-मालिक अशोक सिंह जडेजा ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। जडेजा ‘टीआरपी गेमिंग जोन’ के छह मालिकों में से एक है। उनमें से पांच को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है और एक की 25 मई को लगी आग में मौत हो गई थी। इस मामले में गेमिंग जोन के एक प्रबंधक को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। 

गेमिंग जोन के एक मालिक की आग में झुलसकर मौत

पुलिस के अनुसार, मामले की जांच के दौरान इस बात की पुष्टि हुई कि सह-मालिकों में से एक प्रकाश हिरेन की आग में झुलसकर मौत हो गई थी क्योंकि जब गेमिंग जोन में आग लगी तब वह अंदर ही मौजूद था। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से पता चला कि भू-तल पर वेल्डिंग के काम के दौरान थर्माकोल (पॉलीस्ट्रीन) शीट पर चिनगारी गिरने से आग लगी। वहां मौजूद कर्मचारियों ने आग बुझाने वाले उपकरणों की मदद से आग को काबू करने की कोशिश की लेकिन आग फैल गई और इसने गेमिंग जोन को अपनी चपेट में ले लिया। पुलिस के मुताबिक, राजकोट नगर निगम के अग्निशमन विभाग से अग्नि सुरक्षा संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र के बिना ही इस गेमिंग जोन का संचालन किया जा रहा था। राजकोट की घटना के बाद, राज्य भर में कई गेमिंग जोन और अन्य मनोरंजन केंद्रों को सील कर दिया गया तथा बिना किसी अनुमति के ऐसी सुविधाएं संचालित करने के लिए उनके मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई।

तेलंगाना के मेडक में झड़प, BJP MLA राजा सिंह को किया गया हॉउस अरेस्ट

डेस्क: तेलंगाना के मेडक में दो समुदायों के बीच झड़प की घटना के बाद अब तेलंगाना पुलिस ने बीजेपी के विधायक राजा सिंह को हाउस अरेस्ट कर लिया है। राजा सिंह मेडक में बीजेपी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के लिए जा रहे थे। लेकिन उन्हें पुलिस ने रोक दिया और हाउस अरेस्ट कर लिया है। राजा सिंह ने खुद सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है कि उन्हें हैदराबाद एयरपोर्ट पर रोक लिया गया है। वे बीजेपी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने जा रहे थे। 

मेडक में फिलहाल हालात नियंत्रण में

इस मामले में अब तक BJP और भारतीय जनता युवा मोर्चा के 3 स्थानीय नेताओं सहित 10 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मेडक में फिलहाल हालात काबू में है, घटना स्थल के आस पास धारा 144 लगाई गई है, सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस पहरा लगाया गया है।

शनिवार को भड़क उठी थी हिंसा

बता दें कि तेलंगाना के मेडक जिले में शनिवार को हिंसा भड़क उठी था। कथित गौ तस्करी के आरोप लगने के बाद दो गुटों के बीच झड़प हुई। इसके बाद पुलिस को संबंधित इलाकों में धारा 144 लगानी पड़ी। पुलिस के अनुसार घटना मेडक के रामदास चौरस्ता की है। धारा 144 लागू होने के बाद चार या उससे ज्यादा एक साथ नहीं आ सकते हैं। ऐसा होने पर पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। 

धरने के कारण हुई झड़प

पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने गायों को ले जा रहे लोगों को रोक दिया और शिकायत करने की बजाय धरने पर बैठ गए। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में दो लोग घायल हुए हैं। झड़प के बाद दोनों पक्षों ने सड़क पर प्रदर्शन किया। पुलिस के अनुसार जिस अस्पताल में घायलों का इलाज किया जा रहा था। वहां भी हमला किया गया। हालांकि, इस घटना में अब तक किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है।

एलन मस्क से भिड़े राजीव चंद्रशेखर, कहा- 'भारत जैसी EVM बना सकते हो, हम सिखा देंगे'

डेस्क: टेस्ला और स्पेसएक्स के प्रमुख एलन मस्क ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। उन्हें डर है कि इस मशीन के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। मस्क की यह टिप्पणी दुनिया भर में ईवीएम की सुरक्षा को लेकर बढ़ती बहस के बीच आई है। प्यूर्टो रिको के हालिया प्राथमिक चुनावों में अनियमितताओं के आरोपों के बाद इसे हवा मिली है। मस्क ने एक्स पर लिखा, "हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। मनुष्य या एआई इसे हैक कर सकते हैं। खतरा कम है, फिर भी बहुत अधिक है।"

प्यूर्टो रिको में हाल ही में हुए विवादों के कारण ईवीएम सुरक्षा पर चर्चा तेज हो गई है। वहां प्राथमिक चुनाव में ईवीएम से जुड़ी कई अनियमितताएं सामने आई थीं। हालांकि, एक पेपर ट्रेल ने चुनाव अधिकारियों को वोटों की गिनती की पहचान करने और उसे सही करने में मदद की।

रॉबर्ट एफ कैनेडी के ट्वीट से उठा मामला

मस्क की यह टिप्पणी, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के भतीजे और 2024 के अमेरिकी चुनावों के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के जवाब में थी, जिन्होंने लिखा था, "एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से संबंधित सैकड़ों मतदान अनियमितताएं देखी गईं। सौभाग्य से, वहां एक पेपर ट्रेल था इसलिए समस्या की पहचान की गई और वोटों की गिनती को सही किया गया। उन अधिकार क्षेत्रों में क्या होता है जहां कोई पेपर ट्रेल नहीं है?"

भारत में सुरक्षित हैं ईवीएम

केनेडी जूनियर ने चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप को रोकने के लिए कागजी मतपत्रों की वापसी की वकालत की, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रत्येक वोट की गिनती हो और चुनाव सुरक्षित रहें। संयुक्त राज्य अमेरिका में ईवीएम को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं, भारत में परिदृश्य एक विपरीत तस्वीर प्रस्तुत करता है। भारत तीसरी पीढ़ी के ईवीएम का उपयोग करता है, जिसे एम3 ईवीएम के रूप में जाना जाता है, जिससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। ये मशीनें 'सुरक्षा मोड' में चली जाती हैं और अगर किसी भी तरह की छेड़छाड़ का पता चलता है तो वे निष्क्रिय हो जाती हैं।

राजीव चंद्रशेखर का पोस्ट

पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मस्क के बयान का विरोध करते हुए इसे "एक बहुत बड़ा सामान्यीकरण" करार दिया, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने लिखा "यह एक बहुत बड़ा व्यापक सामान्यीकरण कथन है जिसका अर्थ है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता। यह गलत है। कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ नहीं, वाई-फाई नहीं, इंटरनेट नहीं, कोई रास्ता नहीं है। फैक्टरी-प्रोग्राम किए गए नियंत्रक जिन्हें फिर से प्रोग्राम नहीं किया जा सकता। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक से डिजाइन किया और बनाया जा सकता है, जैसा कि भारत ने किया है। हमें एक ट्यूटोरियल देने में खुशी होगी, एलन।"

पीएम मोदी को धन्यवाद बोलकर शरद पवार, उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में बजा दिया चुनावी बिगुल, कहा, एक साथ मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे

 लोकसभा चुनाव के बाद अब राज्यों के विधानसभा चुनावों पर नजर है. इसी कड़ी में महाराष्ट्र में हलचल होने लगी है और महाविकास अघाड़ी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिगुल बजा दिया है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस नेता भी शामिल थे. इस दौरान उन्होंने ऐलान किया है कि एमवीए महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव साथ लड़ेगी. वहीं शरद पवार ने यह कहा कि जो छोड़कर गए उन्हें वापस नहीं लेंगे. इस दौरान कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद महाराष्ट्र में जल्द ही सरकार बदलने के आसार हैं.

असल में महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों में सफलता से खुश महाविकास अघाड़ी ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इसमें कहा गया कि वे राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ेंगे. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) के लिए लोकसभा चुनाव की जीत अंत नहीं, बल्कि शुरुआत है.

शरद ने कसा पीएम मोदी पर तंज

वहीं राकांपा (एसपी) के नेता शरद पवार ने कहा कि हम एमवीए के पक्ष में राजनीतिक माहौल को अनुकूल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हैं. उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि जहां-जहां मोदी ने रोड शो और रैलियां की उन सभी जगहों पर महाविकास अघाड़ी की जीत हुई है. उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा चुनाव में मोदी की ज्यादा से ज्यादा सभाएं होनी चाहिए, ताकि हम बहुमत की ओर बढ़ते रहें. 

'एक रिक्शा के तीन पैर'

इस दौरान उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने खुद ही 400 का नारा दिया था. अच्छे दिनों की कहानी का क्या हुआ, मोदी की गारंटी का क्या हुआ…देवेंद्र फडणवीस ने हमें बताया कि हमारी सरकार एक रिक्शा के तीन पैरों की तरह है, केंद्र की बीजेपी सरकार का भी यही हाल है.

विधानसभा चुनाव पर है नजर

 

बता दें कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन ने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 31 सीटें जीती हैं, जबकि भाजपा गठबंधन को 17 सीटें मिली हैं. विधानसभा की 288 सीटों पर अक्टूबर में चुनाव हो सकते हैं. फिलहाल राज्य में शिवसेना शिंदे गुट, भाजपा और अजित पवार गुट की सरकार है. इसी कड़ी में एमवीए ने लोकसभा चुनाव की सफलता के बाद विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने का ऐलान किया है.

एमपी में देश के सबसे बड़े ईथेन क्रैकर प्लांट का विरोध, खुलने से पहले किसान बोले- सरकार भले हमें गोली मार दे, जमीन नहीं देंगे, अपने गले में डाल

 मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा में देश के सबसे बड़े एथेन क्रैकर प्लांट को खोलने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तरफ से कुछ दिन पहले ही स्वीकृति दी गई है. लेकिन एथेन क्रैकर प्लांट खुलने से पहले ही इसके खिलाफ विरोध भी शुरू हो गया है. किसानों ने एथेन क्रैकर प्लांट विरोध करना शुरू कर दिया है. यहीं नहीं प्लांट के विरोध में कुछ किसानों ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. इस वजह से सीमांकन के लिए पहुंचे अफसरों को बैरंग ही वापस लौटना पड़ा.

बता दें सीहोर जिले की आष्टा तहसील में लगभग 60 हजार करोड़ के निवेश से निर्मित होने वाली यह परियोजना देश की सबसे बड़ी एथेन क्रैकर परियोजना होगी. इस परियोजना में ग्रीन फील्ड पेट्रोकेमिकल परिसर भी प्रस्तावित है. इसके अंतर्गत एलएलडीपीई, एचडीपीई, एमईजी और प्रोपेलीन जैसे पेट्रोकेमिकल्स का उत्पादन होगा. 

इस परियोजना से निर्माण अवधि के दौरान 15000 व्यक्तियों तथा संचालन अवधि के दौरान लगभग 5600 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा. परियोजना में 70 हेक्टेयर की टाउनशिप भी प्रस्तावित है. परियोजना का भूमिपूजन आगामी फरवरी माह तक तथा वाणिज्यिक उत्पादन वित्त वर्ष 2030-31 में प्रारंभ होने की संभावना है. इस प्लांट को लेकर सरकार द्वारा स्वीकृति दी है, लेकिन प्लांट को लेकर आष्टा विधानसभा क्षेत्र में विरोध जताया जा रहा है. किसानों का कहना है कि मर जाएंगे, लेकिन प्लांट के लिए अपनी जमीन नहीं देंगे.

प्लांट के सीमांकन के लिए मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारियों की टीम पहुंची. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को देखकर किसान बिफर गए. किसानों ने पेड़ पर रस्सी बांधी और फांसी लगाने का प्रयास किया, इस दौरान कुछ महिलाएं भी खुदकुशी करने की कोशिश कर रही थी. इस दौरान एक किसान ने तो अपने गले में फंदा भी डाल लिया था. सीमांकन का विरोध जता रहे किसानों का कहना है कि हम जान देंगे, लेकिन प्लांट के लिए जमीन नहीं देंगे. 

किसानों का कहना है कि यह हमारे पुरखों की जमीन है. यही जमीन हमारे परिवार के लालन पालन का साधन भी है. कुछ भी हो जाएं हम जमीन नहीं देंगे. किसानों का कहना है कि प्लांट के लिए सरकार बंजर जमीन देखें, ना की उपजाऊ. किसानों के बढ़ते विरोध के बाद प्रशासनिक अमला व पुलिस भी मौके पर पहुंची. इस दौरान एसडीएम स्वाति उपाध्याय ने किसानों से चर्चा में बताया कि किसानों की बगैर अनुमति के सीमांकन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि निजी जमीन का सीमांकन नहीं करेंगे.