अमेरिका ने रूस पर चलाया प्रतिबंधों का चाबुक, 100 मिलियन डॉलर का कारोबार होगा प्रभावित
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दुनिया के दो ताकतवर देशों में शुमार अमेरिका और रूस के बीच के रिश्ते जगजाहिर है। यूक्रेन के साथ युद्ध के बाद से ही मेरिका लगातार रूस को कमजोर करने की कोशिश में लगा है।अमेरिका ने रूस पर लगे प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाते हुए 300 से अधिक नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिनका मकसद मोटे तौर पर चीन, संयुक्त अरब अमीरात और तुर्की समेत विभिन्न देशों के व्यक्तियों व कंपनियों को रूस की सहायता करने से रोकना है। अमेरिका ने यह कदम इटली में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन से पहले उठाया है।बुधवार को लगाए गए प्रतिबंधों में उन चीनी कंपनियों को निशाना बनाया गया है, जो युद्ध में रूस की मदद कर रही हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग और वित्त मंत्रालय ने बुधवार को रूस और दूसरे देशों में 300 से ज्यादा रूस से जुड़े व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया है। अमेरिका ने इन व्यक्तियों और संस्थाओं पर रूस की ‘वॉर इकोनॉमी’ में शामिल होने का आरोप लगाया हैवित्त मंत्रालय के मुताबिक नए प्रतिबंध उन व्यक्तियों और कंपनियों पर लगाए गए हैं, जिनके ऊपर पर मॉस्को को पश्चिमी प्रतिबंधों से बचाने का शक है। विदेश मंत्रालय की सेक्रेटरी जेनेट येलेन ने कहा कि नई कार्रवाई अंतर्राष्ट्रीय उत्पादों और उपकरणों के लिए रूस के बचे रास्तों पर नकेल कसने के लिए की गई है। इस कार्रवाई में अन्य देशों पर उनकी निर्भरता भी शामिल है।
अमेरिकी विदेश विभाग के आर्थिक प्रतिबंध नीति एवं कार्यान्वयन निदेशक एरन फोर्सबर्ग ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, “पुतिन एक बहुत ही सक्षम प्रतिद्वंद्वी हैं, जो सहयोगियों को खोजने के लिए तैयार हैं।” उन्होंने कहा कि रूस के खिलाफ प्रतिबंध निरंतर चलने वाली प्रक्रिया हैं। बुधवार को लगाए गए प्रतिबंधों में रूस और उसके युद्ध आपूर्तिकर्ताओं के बीच 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक के व्यापार को निशाना बनाया गया है। इन 300 से अधिक नए प्रतिबंधों का मुख्य उद्देश्य चीन, संयुक्त अरब अमीरात और तुर्की समेत विभिन्न देशों के व्यक्तियों व कंपनियों को रूस की सहायता करने से रोकना है।
अमेरिका के इस रुख के बाद क्रेमलिन ने कहा है कि चीन अमेरिका के ब्लैकमेल से डरेगा नहीं। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि अमेरिका को अपनी इन कार्रवाइयों का जवाब जरूर मिलेगा। इस बीच मॉस्को स्टॉक एक्सचेंज ने ऐलान किया कि वह नए अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से गुरुवार से अमेरिकी डॉलर और यूरो में ट्रेड नहीं करेगा।
बता दें कि अमेरिका युद्ध शुरू होने के बाद से चार हजार रूसी कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा चुका है, जिसका मकसद रूस को मिलने वाले धन और हथियारों पर रोक लगाना है।
Jun 13 2024, 17:28