टैंकर माफिया के खिलाफ एक्शन नहीं ले सकती दिल्ली की केजरीवाल सरकार, जानें सुप्रीम कोर्ट क्या वजह बताई
#kejriwal_govt_tells_supreme_court_water_tanker_mafia_entering_delhi_from_haryana
दिल्ली में पानी की बूंद-बूंद के लिए हाहाकार मचा है। लोग टैंकर देख कर पानी के लिए दौंड़ लगा रहे हैं। जिसके बाद से दिल्ली में जारी जल संकट का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। बुधवार को सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली सरकार से कई सवाल किए। कोर्ट ने टैंकर माफिया पर सवाल उठाए और दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या टैंकर माफिया के खिलाफ कोई कदम उठाया गया है या कार्रवाई की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे ये भी कहा कि अगर आप टैंकर माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे तो हम दिल्ली पुलिस से उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहेंगे।
दिल्ली सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। सरकार ने कहा कि वो टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती, क्योंकि वे यमुना के दूसरे किनारे से पानी ले रहे हैं जो हरियाणा में पड़ता है। सरकार ने कहा कि अदालत इस मामले में हरियाणा से पूछे कि कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की वकेशन बेंच ने दिल्ली सरकार से कहा कि अगर वह टैंकर माफिया से नहीं निपट सकती तो वह शहर की पुलिस से टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने को कहेगी।
टैंकर माफिया पर दिल्ली सरकार ने कहा कि टैंकर माफिया यमुना नदी के हरियाणा की ओर सक्रिय हैं। याचिकाकर्ता के पास इसके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है। यह हरियाणा को बताना है कि वह दिल्ली को पानी की पूरी आपूर्ति को जारी करने के बिंदु और प्राप्ति के बिंदु के बीच संरक्षित करने के लिए क्या कदम उठा रहा है।
बता दें कि शीर्ष अदालत दिल्ली सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर ये सुनवाई कर रही है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट को कम करने के लिए हिमाचल प्रदेश द्वारा उपलब्ध कराए गए पानी को जारी करने के लिए हरियाणा को निर्देश देने की मांग की गई थी।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार पानी की किल्लत के लिए हरियाणा सरकार को दोषी ठहरा रही है। जल मंत्री आतिशी ने कहा कि हरियाणा आवश्यक 1050 क्यूसेक पानी नहीं छोड़ रहा है। आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से भी मुलाकात की थी। विनय सक्सेना ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह हरियाणा सरकार से बात करके सुनिश्चित करेंगे कि राष्ट्रीय राजधानी के हिस्से का 1,050 क्यूसेक पानी मुनक नहर में छोड़ा जाए।
Jun 13 2024, 13:23