मणिपुर, मर्यादा, दूसरों के मत का सम्मान...बहुत कुछ बोल गए भागवत, इशारों-इशारों में किसे दिया संदेश?
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देश में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद नई सरकार का गठन भी हो गया है। चुनावी नतीजों और सरकार के शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का बड़ा बयान आया है।सोमवार नागपुर के एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने चुनाव में संघ को घसीटे जाने, चुनाव में मर्यादा, मणिपुर में अशांति, दूसरों के मत का सम्मान जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम में बोलते हुए श्री भागवत ने नई सरकार और विपक्ष को भी सलाह दी।
मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के ठीक एक दिन बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर, चुनाव,राजनीतिक दलों के रवैये पर बात की। भागवत ने सभी धर्मों को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों का सम्मान है।संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि चुनाव परिणाम आ चुके हैं। सरकार भी बन चुकी है। जो हुआ, क्यों हुआ, कैसे हुआ? ये लोकतंत्र के नियम हैं, समाज ने अपना मत दे दिया है, संघ के लोग इसमें नहीं पड़ते हैं। हम चुनाव में परिश्रम करते हैं। जो सेवा करता है वो मर्यादा से चलता है। काम करते सब लोग हैं लेकिन कुशलता का ध्यान रखना चाहिए। ऐसी मर्यादा रखकर काम करते हैं। मर्यादा ही अपना धर्म और संस्कृति है।
नागपुर में आरएसएस प्रशिक्षुओं की सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने संसद इसलिए होती है क्योंकि सहमति हो. स्पर्धा की वजह से इसमें दिक्कत आती है. इसलिए बहुमत की बात होती है। चुनाव में संघ जैसे संगठन को भी घसीटा गया। कैसी-कैसी बातें की गईं। तकनीक का सहारा लेकर ऐसा किया गया। विद्या का उपयोग प्रबोधन करने के लिए होता है लेकिन आधुनिक तकनीक का गलत इस्तेमाल किया गया।
भागवत ने आगे कहा कि सरकार बन गई है। वही सरकार (एनडीए) फिर से आ गई है। पिछले 10 साल में बहुत कुछ अच्छा हुआ है। वैश्विक स्तर पर पहचान अच्छी हुई है। प्रतिष्ठा बढ़ी है। विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में हम आगे बढ़ रहे हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम चुनौतियों से मुक्त हो गए हैं। हमें अभी अन्य समस्याओं से राहत लेनी है।
इसी दौरान मोहन बागवत ने हिंसाग्रस्त मणिपुर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले मणिपुर में शांति थी। ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है। आरएसएस प्रमुख ने कहा,मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा। चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने चुनावी बयानबाजी से बाहर आकर देश के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा,मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है।
संघ प्रमुख के बयान को बीजेपी चीफ जेपी नड्डा के बयान से भी जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि नड्डा ने कुछ दिन पहले कहा था कि अब बीजेपी अब अपने पैरो पर खड़ी है। यही नहीं, इस बार के चुनाव में बीजेपी ने संघ से कोई मदद भी नहीं मांगी थी। पिछले दो चुनावों में संघ यूपी से लेकर बिहार तक काफी एक्टिव था। लेकिन इस बार आरएसएस यूपी से भी दूर रहा। सूत्रों के मुताबिक नड्डा के बयान के बाद तो स्वयंसेवक भी एक्टिव नहीं रहे। अब भागवत के बयान को चुनाव परिणाम के बाद नड्डा के बयान से ही जोड़ा जा रहा है।
Jun 12 2024, 06:23