Soybean Variety 2024: किसानों के लिए जरूरी खबर, सोयाबीन की ये 3 किस्म देगी खूब मुनाफा, कम वक्त में होगी ज्यादा पैदावार
देश में मानसून की शुरुआत के साथ ही अब किसान सोयाबीन की खेती करने के लिए अपनी जमीन को तैयार कर रहे हैं। बारिश में होने वाली खेती के दौरान खेतों में चारे की समस्या काफी ज्यादा रहती है। इस वजह से किसान बोवनी से पहले खेतों को पूरा क्लीन कर देते हैं, ताकि पैदावार में किसी भी तरह की कमी ना हो और ज्यादा कीटनाशक दवाओं का भी उपयोग न करना पड़े। किसानों के सामने बीज चयन को लेकर भी काफी ज्यादा कन्फ्यूजन रहता है। आज बाजार में सोयाबीन की ढेरों वैरायटी मौजूद है, लेकिन किसान के सामने इन वैरियटयों में से अपने उपयोग की बहुत ज्यादा पैदावार की वैरायटी का चयन करने में काफी परेशानियां होती है, जिसकी वजह से कई बार किसान ऐसे बीच का चुनाव कर लेते हैं जिसकी वजह से उन्हें पैदावार भी अच्छी नहीं मिल पाती है। इसकी उत्पादन क्षमता काफी अच्छी है। इन वैरायटी में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी अच्छी रहती है इस वजह से किसानों को ज्यादा दवा के छिड़काव की जरूरत भी नहीं पड़ती है। बारिश के समय में सबसे ज्यादा समस्या रहती है पीला मोजेक की। लेकिन यह किस्म इससे भी लड़ने में कारगर रहती हैं। जेएस 2172 सोयाबीन की उन्नत किस्म सोयाबीन की यह किस्म किसने की पहली पसंद बन गई है, क्योंकि इसका रिजल्ट पिछले सीजन काफी अच्छा देखने को मिला था। बता दे कि, इस किस्म को जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा साल 2022 में तैयार की गई है। 2172 किस्म की विशेषता यह सोयाबीन वैरायटी कम बारिश, अधिक गर्मी, कम सिंचाई और कई रोग बीमारी के सामने प्रतिरोधक है। चारकोल रट राइज क्टन या एरियल ब्लाइट मोजक वायरस और जो ट्रेस मुक्त यह वैरायटी तैयार की गई है। 90 से 95 दिन में हो जाती है तैयार सोयाबीन की यह उन्नत किस्म के बीज बुवाई के बाद 90 से 95 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है। इन में लगी फलिया रोहेदार होती है। इन के दाने चमकदार और पीले रंग का होता है। इन के दाने एक एकड़ के लिए 25 किलोग्राम तक की जरूरत होती है। इस किस्म के इन के पौधे अधिक फैलावदार होते है। और सफ़ेद रंग के फूल होते है। इन के उत्पादन की बात करें तो एक एकड़ से 15 से 16 क्विंटल तक प्राप्त होता है। ब्लैक बोल्ड सोयाबीन की उन्नत किस्म सोयाबीन की यह किस्म भी किसानों को काफी पसंद आई है, साल 2023 में किसानों को ब्लैक बोल्ड किस्म की पैदावार अच्छी हुई थी। इस किस्म की बात करें तो इसके दाने धारी वाले होते है और दाने का आकर बोल्ट होता है। इस लिए सोयाबीन की यह उन्नत किस्म का नाम ब्लैक बोल्ड रखा गया है। दानों का साइज बड़ा होता है इनके दाने की साइज बड़ी और वजन में भरी चमकदार होता है। इन के पौधे पर लगने वाली फलिया चिकनी और तीन दाने वाली होती है। इन के फूल बैंगनी रंग के और गुलाबी रंग के होते है। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी है ज्यादा सोयाबीन की यह उन्नत किस्म एलोमेजेक वायरस के सामने सहनशी हैं यह 90 से 95 दिन में पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है। सोयाबीन की यह किस्म में फली चटकने वाली समस्या नहीं रहती है। इतना ही नहीं एक एकड़ जमीन में बोवनी के लिए आप 25 से 30 किलोग्राम तक बीज डाल सकते हैं, जो कि सही मात्रा रहती है। वहीं, वोबनी की सही समय की बात करें तो मध्य जून से मध्य जुलाई तक की जाती है। पैदावार में भी है अच्छी सोयाबीन की यह उन्नत किस्म के उत्पादन एक एकड़ में से 12 से 13 क्विंटल तक प्राप्त होता है। पर बेड विधि से इस किस्म की खेती की जाए तो उत्पादन इन से अधिक भी प्राप्त हो शकता है। यह माध्यम भूमि में अच्छा पैदावार के लिए जानी जाती है। इन राज्यों में होती है इस किस्म की ज्यादा बोवनी मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्णाटक, राजस्थान आदि राज्य में यह सोयाबीन की खेती की जाती है। जेएस 2117 सोयाबीन की उन्नत किस्म सोयाबीन की JS 2117 किस्म भी किसानों के लिए अच्छी मानी जा रही है, इसकी पैदावार भी अच्छी रही है। इसके चलते इस बार किसानों के बीच 2117 भी चर्चा में है।
Jun 08 2024, 15:45