महाराष्ट्र में अजित पवार भाजपा से नाराज, शिव सेना शिंदे के कई सांसद उद्धव ठाकरे के संपर्क में, पढ़िए, क्या बन रहा नया समीकरण
महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी (MVA) की शानदार जीत के बाद एक बार फिर राज्य की सियासत गरमाती नजर आ रही है। उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने चुनावों में खुद को असली शिवसेना और राकांपा साबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की राकांपा में घमासान मचा हुआ है।
मीडिया खबरों के अनुसार, शिव सेना शिंदे गुट के 5 में से 4 सांसद उद्धव ठाकरे के संपर्क में बताए जा रहे हैं। शिंदे के बेटे श्रीकांत ही उनके साथ नजर आ रहे हैं। वे राजग की बैठक में भी शामिल होंगे।
इधर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का भी भाजपा से मोहभंग होता नजर आ रहा है। लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी को मात्र एक ही सीट पर सफलता मिली। यहां तक कि बारामती लोकसभा सीट पर उनकी पत्नी सुनेत्रा पंवार को भी सुप्रिया सुले के सामने हार का सामना करना पड़ा।
चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन के बाद अजीत पवार भाजपा से खासे नाराज हैं। कहा जा रहा है कि उनके करीबी प्रफुल्ल पटेल भी राजग की बैठक में शामिल होने दिल्ली नहीं आएंगे।
पिछले साल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में टूट के बावजूद वरिष्ठ नेता शरद पवार ने महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में अग्रिम मोर्चे पर कमान संभाली और पार्टी को 10 में 8 सीटों पर जीत दिलाते हुए राज्य की राजनीति में अपने कद को और ऊंचा किया।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र चुनावों में कांग्रेस ने 13 सीटें जीती जबकि भाजपा को मात्र 9 सीटों से संतोष करना पड़ा। उद्धव की शिवसेना ने भी 9 सीटों पर जीत हासिल की वहीं शरद पवार की राकांपा 8 सीटें जीतने में सफल रही। अजीत पवार की पार्टी को मात्र 1 सीट पर संतोष करना पड़ा।





लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद नई सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई है। इसको लेकर देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में बैठकों का दौर लगातार जारी है। इसी क्रम में बीजेपी नीत एनडीए संसदीय दलों की बैठक आज दिल्ली के आयोजित की गई।संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए संसदीय दल की बैठक में नरेन्द्र मोदी को नेता चुन लिया गया है। राजनाथ सिंह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह, नितिन गडकरी और राजग के साथी तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू, जदयू के नीतीश कुमार, शिवसेना के एकनाथ शिंदे समेत अन्य नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया। *हमारे बीच विश्वास का पुल मजबूत- नरेंद्र मोदी* एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने सभी नेताओं का आभार जताया। उन्होंने कहा कि एनडीए का नेता चुना जाना मेरा सौभाग्य है। इसके लिए जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है। ये पल मेंरे लिए भावुक कर देने वाला है। विश्वास ही सबसे बड़ी पूंजी है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब मैं 2019 में इस सदन में बोल रहा था, तो आप सभी ने मुझे नेता के रूप में चुना था, तब मैंने एक बात पर जोर दिया था, वह है विश्वास। आज जब आप मुझे यह भूमिका दे रहे हैं, तो इसका मतलब है कि हमारे बीच विश्वास का पुल मजबूत है। यह रिश्ता विश्वास की मजबूत नींव पर है और यही सबसे बड़ी पूंजी है। *हमारे पास महान नेताओं की विरासत* एनडीए संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, एनडीए राष्ट्र प्रथम के प्रति प्रतिबद्ध समूह है। शुरुआत में यह 30 साल के लंबे अंतराल के बाद इकट्ठा हुआ होगा। लेकिन आज मैं कह सकता हूं कि एनडीए भारत की राजनीतिक व्यवस्था में एक जैविक गठबंधन है और अटल बिहारी वाजपेयी, प्रकाश सिंह बादल, बालासाहेब ठाकरे जैसे महान नेताओं ने… जिन्होंने बीज बोया, आज भारत के लोगों ने एनडीए के भरोसे को सींचा और उस बीज को फलदायी बना दिया है। हम सभी के पास ऐसे महान नेताओं की विरासत है और हमें इस पर गर्व है। पिछले 10 वर्षों में हमने एनडीए की उसी विरासत, उन्हीं मूल्यों को लेकर आगे बढ़ने का और देश को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। *देश को आगे ले जाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने कहा, हिंदुस्तान के राजनीतिक इतिहास में और गठबंधन की राजनीति के इतिहास में चुनाव पूर्व गठबंधन इतना कभी मजबूत नहीं हुआ, जितना एनडीए हुआ है। यह गठबंधन की जीत है। हमने बहुमत हासिल किया है। मैं कई बार कह चुका हूं। सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है, लोकतंत्र का वही एक सिद्धांत है। देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी होता है। मैं आज देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपने जिस तरह बहुमत देकर सरकार चलाने का सौभाग्य दिया है, हम सभी का दायित्व है कि सर्वमत का सम्मान कर देश को आगे ले जाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। *नतीजों को लेकर मोदी का विपक्ष पर तंज* एनडीए संसदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी ने नतीजों को लेकर विपक्ष पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि नतीजों के बाद हमने पूछा, ईवीएम जिंदा है या मर गया'। मगर ईवीएम ने विपक्ष को चुप करा दिया। 4 जून को लोकतंत्र को घेरने की तैयारी थी। अब 5 साल तक ईवीएम सुनाई नहीं देगा। विपक्ष निराशा लेकर मैदान में आया था। *कांग्रेस को तीन चुनावों में जितनी सीट उतनी सीट इस बार हमें- मोदी* मोदी ने कहा कि कांग्रेस को तीन चुनावों में जितनी सीट मिली, उतनी सीट हमे इस बार मिली है। 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े के पार नहीं पहुंची है। हम विजय को पचाना जानते हैं। न विजय का उन्माद, न पराजय का उपहास, न हम हारे थे और न हम हारे हैं। मोदी ने कहा कि देश को सिर्फ और सिर्फ एनडीए पर भरोसा है। विपक्ष ने भ्रम और झूठ फैलाया। लोगों को गुमराह किया। विपक्ष ने भारत को बदनाम करने की साजिश रची। उसने रुकावट डालने की कोशिश की।
Jun 07 2024, 15:48
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