सरकार गठन से पहले एनडीए की माथापच्ची, नड्डा के घर पहुंचे अमित शाह और राजनाथ सिंह
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लोकसभा चुनाव के नतीजों में 10 साल बाद बीजेपी इस स्थिति में है कि उसे सरकार बनाने से पहले माथापच्ची करनी पड़ रही है। दरअसल बीजेपी अपने अकेले के बल पर बहुमत बनाने में कामयाब नहीं रही। हां बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन को जरूर बहुमत मिला है। जिसके बाद टीडीपी और जेडीयू दोनों ही पार्टियां किंगमेकर बनकर उभरी हैं।बीजेपी के सहयोगी दलों ने अपनी अपनी मांगें रखी है और हर कोई कम से कम एक अहम मंत्रालय चाहता है। यही वजह है कि अब दोनों ही पार्टियों की तरफ से प्रमुख मंत्रालयों की मांग की जा रही है।जिसके बाद अबएनडीए सरकार में किस पार्टी के पास कौन साथ मंत्रालय रहेगा साथ ही बीजेपी से भी कौन कौन मंत्री बनेंगे इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है।
नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल के लिए 8 या 9 जून को शपथ ले सकते हैं। इससे पहले सारी चीजों पर सहमति बनाने के लिए लगातार मीटिंग हो रही है। कुछ देर पहले ही बीजेपी के सीनियर नेताओं की मीटिंग शुरू हुई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर अमित शाह, राजनाथ सिंह, बीएल संतोष सहित पार्टी के सीनियर नेता मीटिंग कर रहे हैं। पार्टी ने नड्डा, शाह और राजनाथ सिंह को सहयोगियों से बात करने की जिम्मेदारी दी है। माना जा रहा है कि पहले बीजेपी की यह टीम मंत्रिमंडल की एक रूप रेखा तय करेगी, जिसमें होगा कि कौन सा मंत्रालय किस पार्टी के पास जा सकता है और फिर इस संभावित लिस्ट पर सभी सहयोगी दलों की सहमति लेने की कोशिश होगी।
दरअसल, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि नायडू ने साफ कर दिया है कि वह मोदी 3.0 सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहते हैं। बताया गया है कि वह बीजेपी नेतृत्व को अपनी मांगों की एक लिस्ट दे चुके हैं। टीडीपी स्पीकर का पोस्ट इसलिए चाहती है, क्योंकि लोकसभा में सबसे ज्यादा ताकतवर पद उसके पास होगा।टीडीपी के एक सांसद ने कहा कि पार्टी ग्रामीण विकास, आवास एवं शहरी मामले, बंदरगाह एवं शिपिंग, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और जल शक्ति मंत्रालय चाहती है। वह वित्त मंत्रालय में एक जूनियर मंत्री रखने को भी इच्छुक है, क्योंकि आंध्र प्रदेश अभी धन की सख्त जरूरत है. आंध्र प्रदेश में भी टीडीपी को बहुमत मिला है।
सूत्रों के हवाले से बताया है कि नीतीश कुमार की जेडीयू ने भी तीन मंत्रालयों की मांग एनडीए के सामने रख दी है। साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की गई है। जेडीयू ने चार सांसद पर एक मंत्रालय का फॉर्मूला सरकार के सामने रखा है। जेडीयू के 12 सांसद हैं, इसलिए वह 3 मंत्रालय चाहती है। नीतीश कुमार चाहते हैं कि उनके खाते में रेल, कृषि और वित्त मंत्रालय आए। रेल मंत्रालय को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है।
Jun 06 2024, 13:51