भारत में चुनावी परिणाम पर दुनियाभर के मीडिया की रही नजर, जानें चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने क्या कहा
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2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि, भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई। जबकि, की अगुआई वाली एनडीए बहुमत का आंकड़ा पार करने में सफल रही।दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नतीजों को न सिर्फ देश के लोग बल्कि पूरी दुनिया टकटकी लगाकर देख रही थी। भारत में आए नतीजों के बाद अब विदेशी मीडिया में खूब चर्चा हो रही है।भाजपा और इंडिया ब्लॉक के प्रदर्शन को विदेशी अखबारों ने अच्छी खासी जगह दी है।
लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए गठबंधन की जीत पर चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने प्रतिक्रिया दी है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर तीसरी बार जीत का दावा किया। चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि मोदी की चीनी विनिर्माण के साथ प्रतिस्पर्धा करने और भारत के कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने की महत्वाकांक्षा को पूरा करना मुश्किल होगा।
ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, चूंकि मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने गठबंधन के बावजूद पूर्ण बहुमत हासिल करने में विफल रही, इसलिए प्रधानमंत्री के लिए आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा, लेकिन राष्ट्रवाद का कार्ड खेलना संभव है, विशेषज्ञों ने कहा, उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन-भारत संबंधों में भी बहुत सुधार होने की संभावना नहीं है। मीडिया ने बताया कि मंगलवार रात को मतगणना पूरी होने के करीब थी, जिसमें मोदी के गठबंधन को आश्चर्यजनक रूप से मामूली अंतर से जीत मिली।
चीनी अखबार में विश्लेषकों ने कहा कि बाजार की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि व्यापार और वित्तीय हलकों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय पूंजीपति भी भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य को लेकर बहुत आश्वस्त नहीं हैं।
फुडन विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र के उप निदेशक लिन मिनवांग ने मंगलवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि मोदी प्रशासन अपनी आंतरिक और बाहरी नीतियों को जारी रखेगा और निश्चित रूप से मोदी आर्थिक सुधार को बढ़ावा देना और विकास को साकार करना चाहते हैं, लेकिन यह उनके लिए एक कठिन मिशन होगा। उन्होंने कहा, "चूंकि उनकी पार्टी बहुमत हासिल करने में विफल रही है, इसलिए उनके लिए जटिल आर्थिक सुधार के लिए एजेंडा निर्धारित करना मुश्किल होगा और इस तरह की स्थिति में, भाजपा देश में हिंदू राष्ट्रवाद को प्रोत्साहित करने के उपायों को और मजबूत कर सकती है।
अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा कि भारत के चुनाव के नतीजों के मुताबिक, वोटर्स ने उम्मीद के परे पीएम मोदी की लीडरशिप को नकार दिया है। उनकी हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी को संसद में बहुमत नहीं मिल पाया। चुनाव से पहले मोदी प्रशासन ने विपक्ष के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया, उनके नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में डाला। वहीं मोदी के सहयोगियों के कंट्रोल वाले मीडिया ने भी पूरे कैंपेन के दौरान भाजपा की जमकर प्रशंसा की। ये सब बातें इस बात की चेतावनी हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सही मायने में प्रतिस्पर्धा वाले चुनाव गायब हो रहे हैं
वहीं, पाकिस्तान के अखबार ‘डॉन’ की बेवसाइट पर भारत के चुनाव को बड़ी कवरेज दी गई है। उसके एक लेख में कहा गया कि भारत में वोटों की गिनती में पीएम मोदी का गठबंधन आश्चर्यजनक रूप से मामूली अंतर से जीता है। भाजपा की अयोध्या में ही हार हो गई, जहां राम मंदिर का उद्घाटन किया गया था। वहीं राहुल गांधी के बयान को प्रमुखता दी गई है कि मतदाताओं ने भाजपा को दंड दिया है। डॉन ने यह भी कहा कि मोदी के हिंदू राष्ट्रवादियों की तीसरी बार जीत से भारत के मुसलमानों में डर फिर बढ़ेगा। वहीं एक लेख में विस्तार से बताया गया कि पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल का दुनिया के लिए क्या मतलब है।
Jun 05 2024, 15:00