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भाजपा नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 400 पार का नारा देना भाजपा का बड़बोलापन, अब तो मोदी भी नहीं बोल रहे

भाजपा नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि 400 पार का नारा देना भाजपा का बड़बोलापन है। अब तो मोदी भी नहीं बोल रहे हैं और बोलना भी नहीं चाहिए। सिर्फ इतना ही कहना चाहिए कि केंद्र में बहुमत से आएंगे।

पूर्व सांसद शुक्रवार को यहां एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए। उन्होंने पत्रकारों से बात की और कहा कि अगर चीन अगर भारतीय क्षेत्र को खाली नहीं करता तो भारत को उससे युद्ध करना चाहिए। राम मंदिर का निर्माण देश के लिए सौभाग्य की बात है। जहां राम पैदा हुए, वह स्थान हिंदुओं के लिए आस्था की जगह है।

मैंने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया था कि राम मंदिर पर हमारा मूलभूत अधिकार है। अभी मथुरा में भव्य मंदिर का निर्माण होगा। मुसलमानों ने वैसे तो हजारों मंदिरों को तोड़ा है मगर अयोध्या, काशी और मथुरा के मंदिर हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। हमारी आस्था के प्रतीक हैं। 

कांग्रेस के बाबत पूछे गए सवाल पर कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी बेल पर हैं। सरकार दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा रही है नहीं तो जेल में होते। ममता बनर्जी पर कहा कि वो बहादुर महिला हैं। कम्युनिस्ट और भाजपा को हराने के लिए उन्हें मुसलमानों का साथ लेना पड़ रहा है। ममता को एनडीए का हिस्सा बनाया जाता तो ठीक रहता।

मद्रास उच्च न्यायालय ने वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण करने वालों को बेदखल करने की अनुमति देने वाले तमिलनाडु सरकार के कानून को किया असंवैधानिक घोषि

मद्रास उच्च न्यायालय ने वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण करने वालों को बेदखल करने की अनुमति देने वाले तमिलनाडु सरकार के कानून को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। अदालत के फैसले से वक्फ भूमि पर अवैध कब्जे को संबोधित करने के राज्य के प्रयासों को झटका लगा है। 2010 में तमिलनाडु (DMK) सरकार द्वारा अधिनियमित विवादास्पद कानून ने वक्फ संपत्तियों को 1976 के तमिलनाडु सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जेदारों की बेदखली) अधिनियम के दायरे में लाने के लिए 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन किया। इस संशोधन ने वक्फ को सशक्त बनाया बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अतिक्रमणकारियों को हटाने का आदेश देंगे।

मुख्य न्यायाधीश वी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की पीठ ने 24 अप्रैल को 2010 के संशोधन को असंवैधानिक घोषित कर दिया। न्यायाधीशों ने माना कि वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण करने वालों को केवल केंद्रीय अधिनियम में 2013 के संशोधन के अनुसार स्थापित वक्फ न्यायाधिकरणों द्वारा ही बेदखल किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 1995 का वक्फ अधिनियम एक केंद्रीय कानून है, और इस प्रकार, राज्य कानून इसे खत्म नहीं कर सकते। अदालत ने उन तर्कों को खारिज कर दिया कि राज्य और केंद्रीय कानून दोनों एक साथ अस्तित्व में रह सकते हैं, राज्य की इस दलील को खारिज कर दिया कि अतिक्रमणकारियों के खिलाफ राज्य कानून लागू करना उचित था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 1995 के वक्फ अधिनियम के मूल प्रावधान अतिक्रमण के मुद्दों को पर्याप्त रूप से संबोधित करने के लिए अपर्याप्त थे।

फैसला लिखते हुए, न्यायमूर्ति भरत चक्रवर्ती ने कहा कि, “वक्फ अधिनियम 1995 के मूल प्रावधान, वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण या अवैध कब्जे से निपटने के लिए पर्याप्त कड़े नहीं थे। इसलिए, सच्चर समिति ने सिफारिश की कि सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जेदारों की बेदखली) अधिनियम 1971 को वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर भी लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि वे भी जनता के लाभ के लिए थे। हालाँकि तमिलनाडु सरकार 2010 में एक संशोधन लेकर आई, लेकिन अन्य राज्यों ने ऐसा नहीं किया। इसके बाद, अतिक्रमण हटाने में देश भर में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए संसद ने 2013 में वक्फ अधिनियम में संशोधन किया। संशोधन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने वालों को केवल केंद्र सरकार के तहत निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार ही बेदखल किया जा सकता है।

हाई कोर्ट ने कहा कि, “संसदीय कानून का इरादा वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिसके लिए कानून की एकरूपता और पूरे देश में इसके आवेदन की निरंतरता की आवश्यकता है। इस प्रकार केंद्रीय अधिनियम को इस विषय पर एक विस्तृत संहिता के रूप में बनाया गया है। इसलिए, राज्य अधिनियम 2013 में संशोधित वक्फ अधिनियम 1995 के प्रतिकूल है। न्यायाधीश वरिष्ठ वकील वी राघवाचारी और एसआर रघुनाथन के नेतृत्व में अधिवक्ताओं की एक सेना के साथ सहमत हुए, कि 2010 का संशोधन संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची III (समवर्ती सूची) के तहत शक्ति का प्रयोग करेगा, न कि सूची II (राज्य सूची) के तहत। इसमें कहा गया है, "इसलिए, केंद्रीय कानून के प्रति इसकी प्रतिकूलता को देखते हुए इसके लिए राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त की गई है।"

खंडपीठ ने कहा कि चूंकि केंद्रीय कानून में 2013 का संशोधन राज्य कानून में 2010 के संशोधन के बाद था, इसलिए यह माना जाना चाहिए कि संसद को राज्य संशोधन के बारे में अच्छी तरह से पता था, फिर भी, उसने जानबूझकर 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन किया था। तमिलनाडु में वक्फ बोर्ड हिंदू और मंदिर की जमीन पर मालिकाना हक का दावा करता रहा है। 2022 में, तिरुचेंदुरई गांव के ग्रामीणों को तब झटका लगा, जब एक जमीन मालिक, जो अपनी जमीन बेचने की कोशिश कर रहा था, को सूचित किया गया कि उसे वक्फ बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करना होगा।

अधिकारी के मुताबिक, तिरुचेंदुरई गांव की सारी जमीन अब वक्फ बोर्ड की है और अगर कोई जमीन बेचना चाहता है, तो उसे चेन्नई में बोर्ड से एनओसी लेनी होगी। गौर करने वाली बात तो ये है कि, उस गाँव में एक 1500 वर्ष पुराना मंदिर भी है, जो इस्लाम के संस्थापक मोहम्मद पैगम्बर (700 ईस्वी) से भी पहले का है, लेकिन वक़्फ़ बोर्ड ने उसे भी वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया है। कांग्रेस अपने घोषणापत्र में मठ और मंदिरों की जमीनों को मुसलमानों को फिर से बांटना चाहती है, लेकिन वक्फ और चर्च की संपत्तियों की बात नहीं करती है, क्योंकि वो पर्सनल लॉ की आड़ में बच जाएंगे। दरअसल, कांग्रेस ने घोषणापत्र में ये भी वादा किया है कि, वो पर्सनल लॉ को यथावत रखेगी, यानि उनकी संपत्ति और अधिकार की प्रक्रिया शरिया के हिसाब से ही चलेगी। बाकियों की संपत्ति का सर्वे भी होगा और बंटवारा भी।

बंगाल में चुनावी सरगर्मी के बीच आसनसोल पहुंचे जटाधारी बाबा, आसनसोल ही नहीं बल्कि पूरे देश में मोदी की जीत का किया दावा


पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव की चल रही सरगर्मी के बिच आसनसोल पहुँचे जटाधारी बाबा ने अपनी भविष्यवाणी करते हुए यह दावा किया है कि आसनसोल ही नही बल्कि पुरे देश मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत होगी। यह भी दावा किया कि बंगाल मे कुछ सीटें ममता को भी मिलेगी पर अधिकतर सीटें मोदी को मिलेगी। जटाधारी बाबा ने यह भी कहा की वह वैसे तो पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के रहने वाले हैं, पर उन्होने 17 वर्ष की उम्र मे ही अपना घर छोड़ दिया था और वह अधात्म की दुनिया मे देश भर्मण करने निकल गए।

वह देश के तमाम मंदिरों धर्म स्थलों पर जाकर देश की भलाई के लिए भगवान् से प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने कहा वह आसनसोल पहली बार आए हैं वह राजनीती पर कभी चर्चा नही करते और ना ही वह राजनीती को पसंद करते हैं। क्योंकि अभी राजनीती का मतलब है महिलाओं के ऊपर अत्याचार उनके साथ रेप उनकी तस्करी उन्होंने कहा ममता और मोदी दोनों समान है दोनों अच्छे हैं किसी को ख़राब नही बोला जा सकता जो दल लेकर चलेगा दल के साथ रहेगा वह अच्छा कहलाएगा। आसनसोल पहुँचे जटाधारी बाबा के दर्शन के लिए इलाके के लोग भारी संख्या मे पहुँच रहे हैं और उनका आशीर्वाद लेकर जा रहे हैं लोगों का यह मानना है की जटाधारी बाबा का भविष्यवाणी कभी गलत नही होती वह जब भी जो कुछ भी कहते हैं वह सच साबित होता है। वह अक्सर लोगों को एक दूसरे की भलाई एक दूसरे की मदद और सहायता करने की सिक्षा देते हैं, एक दूसरे के सुख -दुख मे साथ देने की बात करते हैं, उनका मानना है की ऐसा करने से भगवान उनका साथ देते हैं उनके लिए भगवान हमेशा कुछ अच्छा सोंचते और करते भी हैं।

उन्होंने कहा वह यही सोच लेकर लोगों के दिलों मे एक दूसरे के प्रति प्रेम और सदभावना जगाने के लिए एक ऐसी कठिन रास्ते पर निकल पड़े हैं जिस रास्ते से उनका लौटना बहोत मुश्किल है, कोई इंसान तो नही बल्कि उनके इस कठिन घड़ी मे ईश्वर उनके साथ हैं।

अरविंदर सिंह लवली का दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा, लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका

लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

बताया जा रहा है कि लवली ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया के साथ अनबन के चलते पद छोड़ा है।

दरअसल, ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब नेताओं ने बाबरिया के तौर-तरीकों पर आपत्ति जताई है। लवली के मुताबिक, उन पर बाबरिया के खिलाफ रहने वाले नेताओं को

बाहर करने का भारी दबाव है । इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं।

लवली ने अपने लेटर में लिखा,'यह पत्र में बहुत भारी दिल से लिख रहा हूं. मैं पार्टी में खुद को एकदम लाचार महसूस करता हूं। इसलिए अब दिल्ली के अध्यक्ष पद पर बना नहीं रह सकता।

सुनीता केजरीवाल के दिल्ली में रोड शो करने के साथ ही राजनीति में एंट्री, पढ़िए, कैसे बदल रहा दिल्ली का राजनैतिक समीकरण

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने शनिवार शाम को पूर्वी दिल्ली से आम आदमी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी कुलदीप कुमार के समर्थन में पहला रोड शो किया। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल “शेर” हैं और कोई उन्हें तोड़ नहीं सकता। एक वाहन में सवार, सुनीता केजरीवाल पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के कोंडली इलाके में मतदाताओं का हाथ जोड़कर अभिवादन करती नजर आईं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को जेल में डाल दिया गया क्योंकि उन्होंने स्कूल बनवाए, मुफ्त बिजली मुहैया कराई और मोहल्ला क्लीनिक खोले।

सुनीता केजरीवाल ने कहा, “हम तानाशाही हटाने और लोकतंत्र बचाने के लिए वोट करेंगे।” जैसे ही सुनीता केजरीवाल का काफिला संकरी गलियों से गुजरा, बड़ी संख्या में आप समर्थक, दिल्ली के मुख्यमंत्री के कट-आउट और नीले और पीले आम आदमी पार्टी के झंडे लेकर वहां इकट्ठा हो गए और “जेल के ताले टूटेंगे, केजरीवाल छूटेंगे” जैसे नारे लगाए। रोडशो के दौरान देशभक्ति के गाने भी बजाए गए। आप के गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के स्थानीय नेता भी अपने समर्थकों के साथ रोड शो में शामिल हुए।

स्थानीय निवासी विमला देवी ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी अच्छी बात नहीं है। देवी ने कहा, “मुझे लगता है कि ‘इंडिया' गठबंधन लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करेगा। मुख्यमंत्री ने दिल्ली के लोगों को बहुत सारी सुविधाएं प्रदान की हैं। लोग निश्चित तौर पर उनकी पार्टी को वोट देंगे।”

पार्टी नेताओं के मुताबिक, अब निरस्त हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी आप के चुनाव अभियान की अगुवाई करेंगी। इसी के तहत सुनीता रविवार को पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में भी रोड शो करेंगी। पार्टी नेताओं ने कहा कि सुनीता केजरीवाल दक्षिणी दिल्ली और नयी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात, हरियाणा और पंजाब में भी आप उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगी।

पढ़िए, अजीबोगरीब शादी, सास पर अा गया दामाद का दिल तो ससुर ने करा दिया धूमधाम से पत्नी का विवाह

अजीबो-गरीब शादियों के बारे में तो आपने काफी कुछ पढ़ा और देखा-सुना होगा। लेकिन बिहार की एक शादी की चर्चा भरपूर हो रही है। यहां लड़के के ससुर ने अपनी ही पत्नी की शादी दामाद से करा दी। और फिर पत्नी को विदा भी किया। जो भी इस शादी के बारे में सुन रहा है। वो भी दंग रह जा रहा है। दरअसल ये पूरा मामला बांका जिले का है।

जहां टाउन थाना क्षेत्र के छत्रपाल पंचायत में एक दामाद को अपनी ही सास से प्यार हो गया। जिसे देखते हुए ससुर ने अपनी पत्नी की शादी दामाद से करा दी। वहीं पति ने अपनी पत्नी की शादी दामाद से कराने के बाद कोर्ट लाया। जहां कोर्ट मैरिज कराकर दामाद के साथ उसे विदा कर दिया। जानकारी के अनुसार, कटोरिया थाना क्षेत्र के धोबनी गांव के एक युवक की शादी बांका थाना क्षेत्र के छत्रपाल पंचायत में हुई थी। इससे उसे एक पुत्र व पुत्री भी है। 

वहीं कुछ दिन पूर्व युवक के पत्नी का देहांत हो जाने के बाद उसका दिल सास पर आ गया। और दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। से पिछले दिनों युवक ससुराल आया हुआ था। जिसकी भनक उसके ससुर को लगी। ससुर को जानकारी मिलते ही ससुर ने इसकी जानकारी स्थानीय ग्रामीणों को दी। जहां सास व दामाद ने एक दूसरे के बीच प्यार होने की बात स्वीकारी। फिर क्या पति ने ही अपनी पत्नी की शादी दामाद से कराकर विदा कर दिया। पूरे गांव में ये शादी चर्चा का विषय बनी हुई है।

**बेंगलुरु चुनाव 2024: दोहरे पंजीकरण के कारण कम मतदान?**

शुक्रवार को हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बेंगलुरु में मतदान प्रतिशत एक बार फिर कम हो गया और तकनीकी राजधानी के चार निर्वाचन क्षेत्रों में 55% से कम मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि प्रतिकूल मौसम की स्थिति, मृतकों के वोटों को रद्द न करना और लंबे सप्ताहांत में पलायन जैसे कारण हैं, दोहरे मतदाता पंजीकरण को कम मतदान का एक प्राथमिक कारण माना जा रहा है। एक एक्स पोस्ट में, सिटीजन्स फॉर बेंगलुरु के सह-संस्थापक श्रीनिवास अलविल्ली ने कहा कि कई मतदाता जिनका वोट बेंगलुरु में है, उन्होंने अपने गृहनगर की यात्रा की क्योंकि वे भी दूसरे स्थान पर मतदान करने के लिए पंजीकृत थे। उन्होंने लिखा, ''अगर आप सोच रहे हैं कि बेंगलुरु में वोटिंग प्रतिशत कर्नाटक से काफी कम क्यों है। कई निवासी वोट देने के लिए घर जाते हैं, जैसे वे त्योहारों के लिए घर जाते हैं। उनमें से कई के पास अन्य उद्देश्यों के लिए दो मतदाता पहचान पत्र हैं।अलविल्ली ने यह भी तर्क दिया कि बेंगलुरु के कई मतदाताओं का वोट उनके मूल स्थानों के आधार पर पड़ोसी राज्यों में पंजीकृत है, और वे वहां मतदान करना पसंद करते हैं। “उनके पास दोनों जगहों पर वोट करने की सुविधा हैं। सिर्फ कर्नाटक के अन्य हिस्से ही नहीं बल्कि सभी पड़ोसी राज्य भी।कई लोगों ने इस सिद्धांत को मान्य किया है, हालांकि पूर्ण तौर पर नई कह सकते की कितने प्रतिशत लोगों ने ऐसा किया है "उन्होंने कहा। बेंगलुरु में चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बेंगलुरु सेंट्रल में 53.33%, बेंगलुरु साउथ में 52.94% और बेंगलुरु नॉर्थ में 53.66% मतदान दर्ज किया गया। 2019 के लोकसभा चुनावों में, बेंगलुरु के तीन निर्वाचन क्षेत्रों में कुल मतदान प्रतिशत 55% दर्ज किया गया, जबकि राज्य का औसत 65% था। बेंगलुरु सेंट्रल में 54.3% मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया, बेंगलुरु दक्षिण में 53.64% और बेंगलुरु उत्तर में 54.73% मतदान हुआ। हालाँकि, इस वर्ष बेंगलुरु सेंट्रल में 53.33% मतदान के निचले आंकड़े में गिरावट देखी गई।
केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा, 'मेरी गिरफ्तारी एक क्लासिक मामला है

मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार हुए दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया। उन्होंने उसमे दवा किया की  केंद्र सरकार ने अपने सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी - आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं को कुचलने के लिए ईडी और पीएमएलए का दुरुपयोग किया है। केजरीवाल ने प्रत्युत्तर में कहा, "चुनाव के दौरान जब राजनीतिक गतिविधि अपने उच्चतम स्तर पर होती है, केजरीवाल की अवैध गिरफ्तारी से उनके राजनीतिक दल पर गंभीर पूर्वाग्रह पैदा हो गया है और केंद्र में सत्तारूढ़ दल को मौजूदा चुनावों में अन्याय पूर्ण बढ़त मिलेगी।" 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दायर किया, जिसे उन्होंने शीर्ष अदालत में चुनौती दी।

लाइव लॉ के हवाले से केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा, ''स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव' के लिए एक समान अवसर - जो एक पूर्व-आवश्यकता है - याचिकाकर्ता की अवैध गिरफ्तारी के साथ स्पष्ट रूप से समझौता किया गया है।'' यह दिखाने के लिए सबूत कि आप को दक्षिण से धन या अग्रिम रिश्वत मिली - गोवा चुनाव अभियान में उनका उपयोग करना तो दूर की बात है, मुख्यमंत्री ने कहा कि आप के पास एक भी रुपया वापस नहीं आया और ईडी के आरोपों में कोई ठोसता नहीं है।

ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामे में कहा कि केजरीवाल ने अपने आचरण से जांच अधिकारी को यह विश्वास दिलाया कि वह मनी लॉन्ड्रिंग के दोषी हैं। केजरीवाल को दिल्ली की शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। मामले में केजरीवाल को अब तक कोई कानूनी राहत नहीं मिली है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी और कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध नहीं माना जा सकता क्योंकि इसमें कानून का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था।

"पूछताछ के दौरान तलाशी की तारीख पर भी, पीएमएलए की धारा 17 के तहत अपना बयान दर्ज करते समय, वह टाल-मटोल कर सवालों के जवाब देने से बचरहे थे और साधारण गैर-अभियोगात्मक सवालों के संबंध में भी पूरी तरह से असहयोगी थे।" ईडी ने कहा।फ़िलहाल केजरीवाल के साथ अन्य तीन लोगों 7 मई तक हिरासत में रखा गया है।

**दक्षिण भारत में पानी की कमी,जलाशयों का स्तर 10 साल में सबसे कम**

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु सहित दक्षिणी क्षेत्र में जलाशयों का भंडारण स्तर क्षमता से केवल 17 प्रतिशत है, जो काफी कम है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के हालिया बुलेटिन के अनुसार, पानी का औसत बहुत कम हो गया है । गुरुवार देर रात जारी बुलेटिन से संकेत मिलता है कि दक्षिणी भारत में सीडब्ल्यूसी द्वारा निगरानी किए गए 42 जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 53.334 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है।रिपोर्ट के अनुसार, इन जलाशयों में संयुक्त भंडारण की मात्रा 8.865 बीसीएम है, जो उनकी कुल क्षमता का केवल 17 प्रतिशत है। यह पिछले वर्ष के इसी समय के भंडारण स्तर (29 प्रतिशत) और इसी अवधि के दस साल के औसत (23 प्रतिशत) की तुलना में गिरावट का संकेत देता है। घटे हुए स्तर से पानी की बढ़ती कमी का पता चलता है, जो इन दक्षिणी राज्यों में सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और जलविद्युत उत्पादन के लिए संभावित चुनौतियाँ पैदा करता है।असम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों सहित पूर्वी क्षेत्र ने जल स्तर में अनुकूल सुधार प्रदर्शित किया है। बुलेटिन में कहा गया है कि इस क्षेत्र में, 20.430 बीसीएम की कुल भंडारण क्षमता वाले 23 निगरानी जलाशयों में वर्तमान में 7.889 बीसीएम पानी है, जो उनकी कुल क्षमता का 39 प्रतिशत है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि (34 प्रतिशत) और दस साल के औसत (34 प्रतिशत) की तुलना में भंडारण स्तर में वृद्धि का संकेत देता है। हालाँकि, अन्य क्षेत्रों में स्थिति कम उत्साहजनक नहीं है। इसके अतिरिक्त, गुजरात और महाराष्ट्र को शामिल करते हुए पश्चिमी क्षेत्र में, 11.771 बीसीएम का भंडारण स्तर 49 निगरानी जलाशयों की कुल क्षमता का 31.7 प्रतिशत है। वे पिछले वर्ष के स्तर (38 प्रतिशत) और दस साल के औसत (32.1 प्रतिशत) की तुलना में उल्लेखनीय रूप से कम हैं। इसी तरह, उत्तरी और मध्य क्षेत्रों में भी ऐतिहासिक औसत की तुलना में जल भंडारण स्तर में कमी देखी गई है। बुलेटिन में प्रस्तुत व्यापक विश्लेषण विभिन्न नदी घाटियों में जलाशय को "सामान्य से ऊपर", "सामान्य के करीब", "सामान्य से नीचे" या "गंभीर रूप से कम" के रूप में वर्गीकृत करता है। ब्रह्मपुत्र, नर्मदा और तापी जैसी नदी घाटियों को सामान्य से बेहतर भंडारण स्तर के साथ लेबल किया गया है। जबकि कावेरी जैसे बेसिन और महानदी और पेन्नार के बीच पूर्व की ओर बहने वाली नदियों को अत्यधिक कमी वाली श्रेणी में रखा गया है।
रूस के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा यूक्रेन!, अमेरिका जल्द भेजेगा पैट्रियट एयर डिफेंस मिसाइलें*
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रूस और यूक्रेन के बीच लंबे वक्त से युद्ध जारी है। इस बीच अमेरिका ने यूक्रेन को सबसे बड़ी सैन्य मदद देने का एलान किया है। इसके तहत अमेरिका यूक्रेन को 6 अरब डॉलर की सैन्य मदद देगा। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि वह जल्द पैट्रियट एयर डिफेंस मिसाइलें यूक्रेन भेजगा। ये मिसाइलें हाल ही में ऐलान किए गए सैन्य मदद के पैकेज के तहत यूक्रेन को भेजी जाएंगी। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को यूक्रेन को सैन्य मदद देने का एलान किया। यह मदद 'यूक्रेन सिक्योरिटी असिस्टेंस इनीशिएटिव' (USAI) के तहत दी गई है, जिसकी मदद से यूक्रेन अमेरिकी कंपनियों से नए हथियारों का अधिग्रहण करेगा। पेंटागन में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए ऑस्टिन ने कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ी सैन्य मदद है और यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई जल्द की जाएगी। इस सैन्य मदद के तहत यूक्रेन को अमेरिका से ड्रोन्स से निपटने वाला सिस्टम, आधुनिक हथियार और हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियार मिलेंगे। अमेरिका ने यूक्रेन को 60 अरब डॉलर का सहायता पैकेज देने का एलान किया था। यह 6 अरब डॉलर की सैन्य मदद भी उसी पैकेज का हिस्सा है। इस मदद से यूक्रेन को रूस के खिलाफ लड़ाई में काफी मदद मिलेगी। खासकर यूक्रेन को अमेरिका से एयर डिफेंस सिस्टम के तहत पैट्रियट मिसाइलें और NASAMS एयर डिफेंस सिस्टम भी मिलेगा। *जेलेंस्की ने अमेरिका का जताया आभार* यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका की सैन्य मदद पर खुशी जताई लेकिन ये भी कहा कि अभी उन्हें और एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत है, जिससे रूस के हवाई हमलों से निपटा जा सके। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा कि बढ़ते रूसी हवाई हमलों का सामना करने के लिए तत्काल इसकी जरूरत थी, जिससे अभी भी बड़े पैमाने पर लोगों की जान बचाई जा सकती है। शनिवार को यूक्रेन ने बताया था कि उस पर रूस ने एक बड़ा हवाई हमला किया है। खारकीएव में अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में एक अस्पताल क्षतिग्रस्त हुआ है. वहीं यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री के मुताबिक रूस ने तीन ऊर्जा संयंत्रों पर हमला किया है। *पैट्रियट एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की खासियतें* • यह एक लंबी दूरी का एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है. यह हर मौसम में विध्वंसक है. • पैट्रियट मिसाइल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. • यह क्रूज मिसाइलों और कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को भी टारगेट कर सकता है. • पैट्रियट सिस्टम की रेंज 160-190 किमी की है. • इसके एक लॉन्चर में चार मिसाइलें होती हैं. *अमेरिका की यूक्रेन को मदद* अमेरिका यूक्रेन को यह सहायता रूस के साथ फरवरी 2022 से जारी युद्ध के कारण दे रहा है। अमेरिका इससे पहले भी यूक्रेन को बड़ी मात्रा में हथियार और आर्थिक सहायता दे चुका है। इस सहायता के चलते ही यूक्रेन करीब सवा दो साल से रूसी सेना का मुकाबला कर रहा है। *रूस-यूक्रेन जंग को 2 साल हो गए* फरवरी 2024 में रूस-यूक्रेन जंग को 2 साल पूरे हो गए। अमेरिका के मुताबिक जंग में अब तक रूस के 1 लाख 80 हजार और यूक्रेन के 70 हजार सैनिक मारे जा चुके हैं। यूक्रेन के 5 बड़े शहरों पर रूस का कब्जा है। दोनों देश समझौते को तैयार नहीं है। यूक्रेन का कहना है कि जब तक रूस उनके राज्यों से कब्जा नहीं हटा लेता है वो हमले जारी रखेंगे। जबकि रूस यूक्रेनी राज्यों से कब्जा नहीं छोड़ना चाहता।