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खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह लड़ेगा लोकसभा चुनाव, मां ने किया कंफर्म, इस सीट से ठोकेगा ताल*
#khalistani_separatist_amritpal_singh_contest_elections
खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी और वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेगा। यह बात उनकी मां बलविंदर कौर ने कही। अमृतपाल सिंह की मां ने यह भी दावा किया कि उन पर चुनाव लड़ने के लिए दबाव डाला जा रहा है। मां बलविंदर ने कहा कि यह चुनाव वह किसी भी पार्टी के मंच पर नहीं लड़ेगा। सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेगा। खालिस्तानी समर्थक नेता फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। *अमृतपाल पर चुनाव लड़ने के लिए दबाव?* न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने खुद उसके चुनाव लड़ने पर मुहर लगाई है। सिंह की मां बलविंदर ने दावा किया कि उन पर चुनाव लड़ने के लिए दबाव डाला जा रहा था। इसी क्रम में अब अमृतपाल खडूर साहिब सीट से राजनीतिक पारी की शुरुआत करेगा। मां बलविंदर ने कहा कि यह चुनाव वह किसी भी पार्टी के मंच पर नहीं लड़ेगा। सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि अमृतपाल पंजाब के मुद्दों को अच्छी तरह से जानता है और ये चुनाव उन्हीं मुद्दों पर लड़ा जाएगा। *अमृतपाल की मां ने लगाया गंभीर आरोप* इस दौरान अमृतपाल की मां ने आरोप लगाया कि अमृतपाल के पिता और चाचा जेल में मिलने गये थे, तो एजंसियों की मौजूदगी में बात भी नहीं हो सकी क्योंकि एजंसियां नहीं चाहतीं कि अमृतपाल चुनाव लड़े। मां ने दावा किया कि एजेंसियों को इस बात का डर है कि सरकार के ज़ुल्म और अन्याय की कहानियां दूसरे देशों तक भी पहुंचेंगी। अमृतपाल को लेकर ये खबर तब आ रही है जब, सिंह के पिता तरसेम सिंह द्वारा उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की खबरों को खारिज करने के एक दिन बाद आई है। तरसेम सिंह ने कहा था कि अभी तक कुछ भी पुष्टि नहीं हुई है और चुनाव लड़ने का निर्णय स्थानीय लोगों का होना चाहिए और अगर लोग चाहेंगे तो अमृतपाल सिंह चुनाव लड़ेगा। तरसेम सिंह ने गुरुवार को डिब्रूगढ़ जेल में अपने बेटे के साथ एक संक्षिप्त मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह फैसला हमारा नहीं बल्कि स्थानीय जनता का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमृतपाल की चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं है, लेकिन अगर लोग चाहेंगे तो वह चुनाव लड़ेगा।
मणिपुर में फिर भड़की हिंसाः नारानसेना में कुकी उग्रवादियों का हमला, सीआरपीएफ के 2 जवान शहीद*
#manipur_two_crpf_personnel_lost_their_lives_in_an_attack_by_kuki_militants
मणिपुर में हिंसा थमती नहीं दिख रही है। लोकसभा चुनाव के एक दिन बाद ही यहां कुकी उग्रवादियों ने नारानसेना इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमला किया है। इस हमले में दो जवानों की मौत की भी खबर है। पुलिस ने बताया कि हमला आधी रात को शुरू हुआ और इलाके में 2:15 बजे तक जारी रहा।हमले में मारे गए जवान राज्य के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के हैं। मणिपुर पुलिस के मुताबिक, इस घटना में दो और लोग घायल भी हुए हैं। बताया गया है कि उग्रवादियों ने मोइरांग पुलिस स्टेशन क्षेत्र के नरनसेना में इंडियन रिजर्व बटालियन के कैंप को निशाना बनाया। इस दौरान उग्रवादियों ने पहाड़ की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस दौरान हमलावरों ने कैंप पर कई बम भी फेंके, जिनमें से एक सीआरपीएफ के आउटपोस्ट के बाहर ही फट गया। इंफाल में भड़की थी हिंसा बता दें कि मणिपुर करीब एक साल से छिटपुट हिंसा की आग में झुलस रहा है। इससे पहले कुकी उग्रवादियों ने तीन जिलों कांगपोकपी, उखरूल और इंफाल पूर्व के ट्राइजंक्शन जिले में एक दूसरे पर फायरिंग की। इस गोलीबारी में कुकी समुदाय के 2 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद थौबल जिले के हेइरोक और तेंगनौपाल के बीच 2 दिनों तक क्रॉस फायरिंग हुई थी। इसके बाद इंफाल के पूर्वी जिले के मोइरंगपुरेल में फिर से हिंसा की आग भड़क उठी थी। मणिपुर में लगातार जारी है हिंसा का दौर पिछले साल तीन मई को मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू हुआ था। अभी तक वहां पर 200 से ज्यादा लोगों की जान गई है। सुरक्षाबलों से जुड़े लोगों को भी वहां की हिंसा का शिकार होना पड़ा है। भारी संख्या में लूटे गए हथियारों की पूर्ण वापसी अभी तक नहीं हो सकी है। ज्यादातर लोगों को मणिपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है, तो वहीं असम राइफल को लेकर भी समुदाय विशेष के लोगों में रोष देखा गया है। उपद्रवियों द्वारा आईईडी का डर दिखाकर सुरक्षा बलों के वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता था। स्थानीय पुलिस पर पक्षपात करने जैसे आरोप लग चुके हैं।
मणिपुर में फिर भड़की हिंसाः नारानसेना में कुकी उग्रवादियों का हमला, सीआरपीएफ के 2 जवान शहीद*
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मणिपुर में हिंसा थमती नहीं दिख रही है। लोकसभा चुनाव के एक दिन बाद ही यहां कुकी उग्रवादियों ने नारानसेना इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमला किया है। इस हमले में दो जवानों की मौत की भी खबर है। पुलिस ने बताया कि हमला आधी रात को शुरू हुआ और इलाके में 2:15 बजे तक जारी रहा।हमले में मारे गए जवान राज्य के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के हैं। मणिपुर पुलिस के मुताबिक, इस घटना में दो और लोग घायल भी हुए हैं। बताया गया है कि उग्रवादियों ने मोइरांग पुलिस स्टेशन क्षेत्र के नरनसेना में इंडियन रिजर्व बटालियन के कैंप को निशाना बनाया। इस दौरान उग्रवादियों ने पहाड़ की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस दौरान हमलावरों ने कैंप पर कई बम भी फेंके, जिनमें से एक सीआरपीएफ के आउटपोस्ट के बाहर ही फट गया। इंफाल में भड़की थी हिंसा बता दें कि मणिपुर करीब एक साल से छिटपुट हिंसा की आग में झुलस रहा है। इससे पहले कुकी उग्रवादियों ने तीन जिलों कांगपोकपी, उखरूल और इंफाल पूर्व के ट्राइजंक्शन जिले में एक दूसरे पर फायरिंग की। इस गोलीबारी में कुकी समुदाय के 2 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद थौबल जिले के हेइरोक और तेंगनौपाल के बीच 2 दिनों तक क्रॉस फायरिंग हुई थी। इसके बाद इंफाल के पूर्वी जिले के मोइरंगपुरेल में फिर से हिंसा की आग भड़क उठी थी। मणिपुर में लगातार जारी है हिंसा का दौर पिछले साल तीन मई को मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू हुआ था। अभी तक वहां पर 200 से ज्यादा लोगों की जान गई है। सुरक्षाबलों से जुड़े लोगों को भी वहां की हिंसा का शिकार होना पड़ा है। भारी संख्या में लूटे गए हथियारों की पूर्ण वापसी अभी तक नहीं हो सकी है। ज्यादातर लोगों को मणिपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है, तो वहीं असम राइफल को लेकर भी समुदाय विशेष के लोगों में रोष देखा गया है। उपद्रवियों द्वारा आईईडी का डर दिखाकर सुरक्षा बलों के वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता था। स्थानीय पुलिस पर पक्षपात करने जैसे आरोप लग चुके हैं।
मणिपुर में फिर भड़की हिंसाः नारानसेना में कुकी उग्रवादियों का हमला, सीआरपीएफ के 2 जवान शहीद*
#manipur_two_crpf_personnel_lost_their_lives_in_an_attack_by_kuki_militants
मणिपुर में हिंसा थमती नहीं दिख रही है। लोकसभा चुनाव के एक दिन बाद ही यहां कुकी उग्रवादियों ने नारानसेना इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमला किया है। इस हमले में दो जवानों की मौत की भी खबर है। पुलिस ने बताया कि हमला आधी रात को शुरू हुआ और इलाके में 2:15 बजे तक जारी रहा।हमले में मारे गए जवान राज्य के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के हैं। मणिपुर पुलिस के मुताबिक, इस घटना में दो और लोग घायल भी हुए हैं। बताया गया है कि उग्रवादियों ने मोइरांग पुलिस स्टेशन क्षेत्र के नरनसेना में इंडियन रिजर्व बटालियन के कैंप को निशाना बनाया। इस दौरान उग्रवादियों ने पहाड़ की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस दौरान हमलावरों ने कैंप पर कई बम भी फेंके, जिनमें से एक सीआरपीएफ के आउटपोस्ट के बाहर ही फट गया। इंफाल में भड़की थी हिंसा बता दें कि मणिपुर करीब एक साल से छिटपुट हिंसा की आग में झुलस रहा है। इससे पहले कुकी उग्रवादियों ने तीन जिलों कांगपोकपी, उखरूल और इंफाल पूर्व के ट्राइजंक्शन जिले में एक दूसरे पर फायरिंग की। इस गोलीबारी में कुकी समुदाय के 2 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद थौबल जिले के हेइरोक और तेंगनौपाल के बीच 2 दिनों तक क्रॉस फायरिंग हुई थी। इसके बाद इंफाल के पूर्वी जिले के मोइरंगपुरेल में फिर से हिंसा की आग भड़क उठी थी। मणिपुर में लगातार जारी है हिंसा का दौर पिछले साल तीन मई को मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू हुआ था। अभी तक वहां पर 200 से ज्यादा लोगों की जान गई है। सुरक्षाबलों से जुड़े लोगों को भी वहां की हिंसा का शिकार होना पड़ा है। भारी संख्या में लूटे गए हथियारों की पूर्ण वापसी अभी तक नहीं हो सकी है। ज्यादातर लोगों को मणिपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है, तो वहीं असम राइफल को लेकर भी समुदाय विशेष के लोगों में रोष देखा गया है। उपद्रवियों द्वारा आईईडी का डर दिखाकर सुरक्षा बलों के वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता था। स्थानीय पुलिस पर पक्षपात करने जैसे आरोप लग चुके हैं।
मणिपुर में फिर भड़की हिंसाः नारानसेना में कुकी उग्रवादियों का हमला, सीआरपीएफ के 2 जवान शहीद*
#manipur_two_crpf_personnel_lost_their_lives_in_an_attack_by_kuki_militants
मणिपुर में हिंसा थमती नहीं दिख रही है। लोकसभा चुनाव के एक दिन बाद ही यहां कुकी उग्रवादियों ने नारानसेना इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमला किया है। इस हमले में दो जवानों की मौत की भी खबर है। पुलिस ने बताया कि हमला आधी रात को शुरू हुआ और इलाके में 2:15 बजे तक जारी रहा।हमले में मारे गए जवान राज्य के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के हैं। मणिपुर पुलिस के मुताबिक, इस घटना में दो और लोग घायल भी हुए हैं। बताया गया है कि उग्रवादियों ने मोइरांग पुलिस स्टेशन क्षेत्र के नरनसेना में इंडियन रिजर्व बटालियन के कैंप को निशाना बनाया। इस दौरान उग्रवादियों ने पहाड़ की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस दौरान हमलावरों ने कैंप पर कई बम भी फेंके, जिनमें से एक सीआरपीएफ के आउटपोस्ट के बाहर ही फट गया। इंफाल में भड़की थी हिंसा बता दें कि मणिपुर करीब एक साल से छिटपुट हिंसा की आग में झुलस रहा है। इससे पहले कुकी उग्रवादियों ने तीन जिलों कांगपोकपी, उखरूल और इंफाल पूर्व के ट्राइजंक्शन जिले में एक दूसरे पर फायरिंग की। इस गोलीबारी में कुकी समुदाय के 2 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद थौबल जिले के हेइरोक और तेंगनौपाल के बीच 2 दिनों तक क्रॉस फायरिंग हुई थी। इसके बाद इंफाल के पूर्वी जिले के मोइरंगपुरेल में फिर से हिंसा की आग भड़क उठी थी। मणिपुर में लगातार जारी है हिंसा का दौर पिछले साल तीन मई को मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू हुआ था। अभी तक वहां पर 200 से ज्यादा लोगों की जान गई है। सुरक्षाबलों से जुड़े लोगों को भी वहां की हिंसा का शिकार होना पड़ा है। भारी संख्या में लूटे गए हथियारों की पूर्ण वापसी अभी तक नहीं हो सकी है। ज्यादातर लोगों को मणिपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है, तो वहीं असम राइफल को लेकर भी समुदाय विशेष के लोगों में रोष देखा गया है। उपद्रवियों द्वारा आईईडी का डर दिखाकर सुरक्षा बलों के वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता था। स्थानीय पुलिस पर पक्षपात करने जैसे आरोप लग चुके हैं।
मोदी घबराए हुए लगते हैं, कुछ दिनों में स्टेज पर आंसू ना निकल आएं...', प्रधानमंत्री पर राहुल गांधी का हमला

#rahul_said_modi_is_nervous_these_days 

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की 89 सीट पर आज वोटिंग के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि पीएम मोदी अपने भाषणों में बहुत घबराए हुए लगते हैं, शायद कुछ दिनों में मंच पर उनके आंसू ना निकल आएं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक के बीजापुर की रैली में बीजेपी पर जमकर हमला बोला। मोदी ने पिछले 10 साल में गरीबों से सिर्फ पैसा छीना है। उन्होंने सिर्फ 20-25 लोगों को अरबपति बनाया है। उन अरबपतियों के पास उतना धन है, जितना 70 करोड़ हिंदुस्तानियों के पास है। हिंदुस्तान में 1% ऐसे लोग हैं, जो 40% धन कंट्रोल करते हैं। कांग्रेस सांसद ने आगे कहा- मोदी कुछ लोगों को अरबपति बनाते हैं, कांग्रेस सरकार करोड़ों लोगों को लखपति बनाएगी। कांग्रेस बेरोजगारी और महंगाई मिटाकर आपको भागीदारी देगी। जितना पैसा मोदी ने अरबपतियों को दिया है, उतना पैसा हम गरीबों को देंगे।

राहुल गांधी ने कहा कि एक तरफ संविधान को खत्म करने की कोशिश की जा रही है, दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन संविधान को बचाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने देश के 22 लोगों को उतना धन दे दिया, जितना देश के 70 करोड़ लोगों के पास है। हिंदुस्तान में 1फीसदी ऐसे लोग हैं, जो 40% धन कंट्रोल करते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए कांग्रेस पार्टी बेरोजगारी और महंगाई मिटाकर आपको भागीदारी देगी। जितना पैसा नरेंद्र मोदी ने अरबपतियों को दिया है, उतना पैसा हम हिंदुस्तान के गरीबों को देंगे। राहुल गांधी ने कहा कि हम जीएसटी को बदलेंगे और इस अन्याय को खत्म करेंगे।

राहुल से पहले पीएम मोदी 20 अप्रैल को कर्नाटक गए थे। उन्होंने बेंगलुरु में जनसभा के दौरान कहा कि कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु को टैंकर माफिया के हवाले कर दिया है। बीते महीनों में बेंगलुरु में पानी की खासी किल्लत चल रही है। पानी की राशनिंग हो रही है। ज्यादा पानी खर्च करने पर जुर्माना लिया जा रहा है। मोदी ने ये भी कहा कि कांग्रेस सरकार एंटी-प्राइवेट सेक्टर, एंटी-टैक्सपेयर और एंटी-वैल्थ क्रिएटर्स है। कर्नाटक सरकार जिन विचारों को सपोर्ट कर रही है, वह खतरनाक है। इंडी गठबंधन का फोकस मोदी पर है, जबकि मोदी का फोकस भारत के विकास और दुनियाभर में देश की इमेज पर है।

दूसरे चरण की वोटिंग खत्म, बंगाल में 5 बजे तक 72 फीसदी वोटिंग, यूपी-बिहार में 53 प्रतिशत मतदान*
#lok_sabha_election_2024_phase_2_voting 18वीं लोकसभा के चुनाव के लिए सेकेंड फेज की 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर वोटिंग का समय शाम 6 बजे खत्म हो गया। 5 बजे तक त्रिपुरा में सबसे ज्यादा करीब 76.23% वोटिंग हुई। महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश मे सबसे कम 53% के आसपास मतदान हुआ। आम चुनाव के लिए दूसरे दौर के मतदान में केरल की सभी 20 सीटों, कर्नाटक की 28 सीटों में से 14 सीटों, राजस्थान की 13 सीटों, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की आठ-आठ सीटों, मध्य प्रदेश की छह सीटों और पांच-पांच सीटों पर मतदान हुआ। *शाम पांच बजे तक का मतदान प्रतिशत* राज्य शाम पांच बजे तक मतदान % असम 70.66 बिहार 53.03 छत्तीसगढ़ 72.13 जम्मू् कश्मीर 67.22 कर्नाटक 63.90 केरल 63.97 मध्य प्रदेश 54.58 महाराष्ट्र 53.51 मणिपुर 76.06 राजस्थान 59.19 त्रिपुरा 76.23 यूपी 52.64 पश्चिम बंगाल 71.84
दूसरे चरण की वोटिंग खत्म, बंगाल में 5 बजे तक 72 फीसदी वोटिंग, यूपी-बिहार में 53 प्रतिशत मतदान

#loksabhaelection2024phase2voting

18वीं लोकसभा के चुनाव के लिए सेकेंड फेज की 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर वोटिंग का समय शाम 6 बजे खत्म हो गया। 5 बजे तक त्रिपुरा में सबसे ज्यादा करीब 76.23% वोटिंग हुई। महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश मे सबसे कम 53% के आसपास मतदान हुआ। आम चुनाव के लिए दूसरे दौर के मतदान में केरल की सभी 20 सीटों, कर्नाटक की 28 सीटों में से 14 सीटों, राजस्थान की 13 सीटों, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की आठ-आठ सीटों, मध्य प्रदेश की छह सीटों और पांच-पांच सीटों पर मतदान हुआ।

शाम पांच बजे तक का मतदान प्रतिशत

 

राज्य शाम पांच बजे तक मतदान %   

असम 70.66

बिहार 53.03

छत्तीसगढ़ 72.13

जम्मू् कश्मीर 67.22

कर्नाटक 63.90

केरल 63.97

मध्य प्रदेश 54.58

महाराष्ट्र 53.51

मणिपुर 76.06

राजस्थान 59.19

त्रिपुरा 76.23

यूपी 52.64

पश्चिम बंगाल 71.84

संदेशखाली में सीबीआई और एनएसजी ने चलाया सर्च ऑपरेशन, हथियार-गोला बारूद बरामद*
#cbi_raid_in_sandeshkhali_found_foreign_made_guns_arms_ammunitions
पश्चिम बंगाल के उत्तर बंगाल की तीन सीटों पर दूसरे चरण पर मतदान के बीच उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली से बड़ी संख्या में आग्नेयास्त्र और विस्फोटक बरामद किया गया है।केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने संदेशखाली में निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के एक रिश्तेदार के आवास पर छापेमारी में भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए। सीबीआई के बाद एनएसजी कमांडो भी संदेशखाली पहुंचे और सर्च अभियान चलाया। यह सर्चिंग 5 जनवरी को शाहजहां शेख के घर दबिश देने गई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर हमले से जुड़ी है। ईडी की टीम 5 जनवरी को राशन घोटाला मामले में शाहजहां के ठिकानों पर रेड करने गई थी। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई को शाहजहां के रिश्तेदार हफीजुल खान के आवास पर हथियारों और देसी बमों के जखीरे के बारे में सूचना मिली। हफीजुल सत्तारूढ़ दल से निर्वाचित पंचायत सदस्य भी हैं। सूचना मिलने के तुरंत बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के कर्मियों के साथ सीबीआई की एक टीम ने मछली पालन फार्म के भीतर स्थित आवास पर छापामार कार्रवाई शुरू की। ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन माहौल बिगाड़ने के लिए वहां हथियार, विस्फोटक और देसी बम रखे गए थे। सूत्रों ने कहा, शाहजहां की गिरफ्तारी और संदेशखाली में विभिन्न केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों और सीएपीएफ कर्मियों की बढ़ती आवाजाही के बाद, हथियारों को जमा करने के लिए जिम्मेदार लोग उन्हें हटा नहीं सके। बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को संदेशखाली मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। अपने आदेश में कहा कि सीबीआई कोर्ट की निगरानी में जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी। संदेशखाली की महिलाओं ने 8 फरवरी को तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जाने का आरोप लगाया था। मामले में 3 आरोपी शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार न्यायिक हिरासत में हैं।
NOTA से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस, जानें क्या है मामला

#supremecourtissuesnoticetoecion_nota

लोकसभा चुनाव 2024 के बीच NOTA ( (None Of The Above) का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। सुप्रीम कोर्ट ने NOTA से जुड़ी एक याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका मोटिवेशनल स्पीकर और You Can Win के लेखक शिव खेड़ा ने लगाई है। इसमें चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है। ख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया।

याचिका शिव खेड़ा ने आयोग को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि यदि NOTA को किसी कैंडिडेट से ज्यादा वोट मिलते हैं, तो उस सीट पर हुए चुनाव को रद्द कर दिया जाए, साथ ही नए सिरे से चुनाव कराए जाएं। याचिका में यह नियम बनाने की भी मांग की गई है कि NOTA से कम वोट पाने वाले उम्मीदवारों को 5 साल के लिए सभी चुनाव लड़ने से बैन कर दिया जाए। साथ ही NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार के तौर पर देखा जाए। 

याचिका सूरत में 22 अप्रैल को बीजेपी कैंडिडेट मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत के संदर्भ में दायर की गई है। बता दें कि यहां से कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभाणी का पर्चा रद्द हो गया था। दरअसल, उनके पर्चे में गवाहों के नाम और हस्ताक्षर में गड़बड़ी थी। इस सीट पर BJP और कांग्रेस समेत 10 प्रत्याशी मैदान में थे। साथ ही 21 अप्रैल को 7 निर्दलीय कैंडिडेट्स ने अपना नामांकन वापस ले लिया। वहीं सोमवार 22 अप्रैल को बीएसपी कैंडिडेट प्यारे लाल भारती ने भी पर्चा वापस ले लिया। इस तरह मुकेश दलाल निर्विरोध चुन लिए गए।

याचिका में ये 4 दलीलें भी दी गईं

• याचिकाकर्ता के मुताबिक NOTA के स्वरूप में सबसे अहम बदलाव महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और पुडुचेरी में देखा गया। इन राज्यों के चुनाव आयोगों (SEC) ने ऐलान किया कि यदि किसी चुनाव में NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं तो वहां दोबारा वोटिंग होगी। NOTA की शुरुआत के बाद से चुनावी प्रक्रिया में यह पहला बड़ा बदलाव था।

• राज्य चुनाव आयोगों ने नोटिफिकेशन जारी किया, जिनमें NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार बताया। इसमें साफतौर पर कहा गया- अगर NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिले तो दूसरे नंबर के उम्मीदवार को विजेता घोषित करना NOTA के सिद्धांत और उद्देश्य का उल्लंघन है।

• सुप्रीम कोर्ट का NOTA लाने का मकसद यह उम्मीद करना था कि इससे चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि ऐसा नहीं हुआ। ऐसा तभी हो सकता है जब राज्य और केंद्र चुनाव आयोग महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा की तरह NOTA को भी अधिकार दें।

• महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा में पंचायत और नगरपालिका चुनावों से NOTA के लिए जो प्रयास शुरू हुआ है, उसे सभी स्तरों पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए।

क्या है नन ऑफ द अबव (NOTA)

NOTA एक वोटिंग ऑप्शन है, जिसे वोटिंग सिस्टम में सभी उम्मीदवारों के लिए असहमति दिखाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे भारत में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के फैसले में 2013 के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद EVM में जोड़ा गया था। हालांकि, भारत में NOTA राइट टू रिजेक्ट के लिए नहीं दिया गया है।

मौजूदा कानून के मुताबिक, NOTA को ज्यादा वोट मिलते हैं तो इसका कोई कानूनी नतीजा नहीं होता। ऐसी स्थिति में अगले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाएगा।