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मणिपुर: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण पहले हुए तीन विस्फोट

 मंगलवार से बुधवार की रात में मणिपुर के कांगपोकपी जिले में मध्यम तीव्रता के तीन विस्फोटों से एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया । यह विस्फोट इंफाल को नागालैंड के दीमापुर से जोड़ने वाले नैशनल हाईवे -2 पर सापरमीना के पास हुए। विस्फोट लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से दो दिन पहले हुआ। लगभग 1:15 बजे सपरमीना के पास , यह घटना कांगपोकपी जिले में हुई, जैसा कि एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया।

अधिकारी ने बताया कि अभी तक किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है और जांच जारी है। सुरक्षा बलों ने घटनास्थल के साथ-साथ आस-पास के इलाकों को भी सील कर दिया है और अतिरिक्त पुलों पर जांच चल रही है। इंडिया टुडे एनई ने कहा कि इलाके में भारी आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है।

19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के दौरान, मणिपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा की घटनाएं सामने आईं, क्योंकि उपद्रवियों ने राज्य के एक मतदान केंद्र पर गोलीबारी की, जिससे दहशत और अशांति फैल गई। ईवीएम को नष्ट कर दिया गया और कुछ हिस्सों में जबरदस्ती और डराने-धमकाने के आरोप लगाए गए। लोकसभा चुनाव के शुरुआती चरण के समापन के बाद, मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) रामानंद नोंगमेइकापम ने घोषणा की कि 11 सीटों पर फिर से 22 अप्रैल को आंतरिक मणिपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान होगा । इन बूथों में खुरई विधानसभा क्षेत्र में मोइरंगकम्पु साजेब अपर प्राइमरी स्कूल और एस इबोबी प्राइमरी स्कूल (ईस्ट विंग), क्षेत्रीगाओ में चार, थोंगजू में एक, उरीपोक में तीन बूथ शामिल हैं। 

पूर्वी इंफाल में कुछ बदमाशों की गोली लगने से एक बुजुर्ग व्यक्ति भी घायल हो गया.

सोमवार शाम को, मणिपुर के इम्फाल पश्चिम जिले में, जो जातीय हिंसा से ग्रस्त है, दो परस्पर विरोधी समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले ग्राम स्वयंसेवकों के बीच झड़पें हुईं। पुलिस के अनुसार, अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन दोनों पक्ष बंदूक की लड़ाई में अत्याधुनिक आग्नेयास्त्रों का उपयोग कर रहे हैं, पीटीआई ने बताया।

*विदेश मंत्री जयशंकर ने पश्चिमी मीडिया की जमकर ली क्लास, बोले-उन्हें लगता है कि वे भी हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी*
#foreign_minister_s_jashankar_slams_on_foreign_media देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है। सात चरणों में होने वाले इस लोकसभा चुनाव पर देश के साथ ही दुनिया की भी नजरे हैं। भारत के लोकसभा चुनाव को लेकर देश के साथ ही विदेशी मीडिया में भी खूब चर्चा हो रही है। भारत के चुनावों को लेकर लगातार लेख सामने आ रहे हैं। वहीं, भारत में बीषण गर्मी के बीच हो रही चुनाव को लेकर भी विदेशी मीडिया ने प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 की तुलना में इस बार कुल वोटिंग में तीन प्रतिशत अंकों की गिरावट दर्ज की गई। पहले फेज में 66 फीसदी वोटिंग हुई। वहीं, साल 2019 में 69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। विदेशी मीडिया का मानना है कि भारत में इस समय गर्मी पड़ रही है। इस समय चुनाव क्यों कराया जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के चुनाव और पश्चिमी मीडिया को लेकर बेबाक टिप्पणी की है। जयशंकर मंगलवार को हैदराबाद में राष्ट्रवादी विचारकों के एक मंच को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने पश्चिमी मीडिया से काफी बार हमारी लोकतंत्र की आलोचना करते हुए सुना है। यह ऐसा इसलिए नहीं है कि उनके पास जानकारी की कमी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें लगता है कि वे हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी भी हैं। *गर्मी में चुनाव कराने के सवाल पर करारा जवाब* पश्चिमी मीडिया के एक लेख में पूछा गया कि भारत में इतनी तेज गर्मी में चुनाव क्यों कराए जा रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'मैंने अब वह लेख पढ़ा और मैं कहना चाहता हूं कि सुनो, उस गर्मी में मेरा सबसे कम मतदान, सबसे अच्छे समय में आपके उच्चतम मतदान से अधिक है।' उन्होंने आगे कहा कि ये ऐसे खेल हैं जो हमारे साथ खेले जा रहे हैं। *भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है-एस जयशंकर* विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है। विदेशी लोगों को लगता है कि हमसे परामर्श किए बिना ये कैसे तय होगा कि भारत में कौन शासन करेगा? जयशंकर ने कहा कि हमें इस प्रकार की आलोचनाओं और रिपोर्टों के खिलाफ खड़ा होने की जरूरत है। क्योंकि ये लोग हर चीज पर सवाल उठाने वाले हैं। *अब मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे-एस जयशंकर* जयशंकर ने कहा कि ये लोग चुनाव आयोग, चुनाव प्रणाली, ईवीएम और यहां तक कि मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम उनकी पोल खोलें और ऐसा करने के लिए हमारे आत्मविश्वास की कमी नहीं है। जयशंकर ने आगे कहा कि पश्चिमी मीडिया को एक और शिकायत है कि भाजपा बहुत अनुचित है। इसके साथ उनके अनुसार हमारा यह सोचना भी गलत है कि भाजपा बहुत बड़ी जीत हासिल करने जा रही है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने पश्चिमी मीडिया की जमकर ली क्लास, बोले-उन्हें लगता है कि वे भी हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी

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देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है। सात चरणों में होने वाले इस लोकसभा चुनाव पर देश के साथ ही दुनिया की भी नजरे हैं। भारत के लोकसभा चुनाव को लेकर देश के साथ ही विदेशी मीडिया में भी खूब चर्चा हो रही है। भारत के चुनावों को लेकर लगातार लेख सामने आ रहे हैं। वहीं, भारत में बीषण गर्मी के बीच हो रही चुनाव को लेकर भी विदेशी मीडिया ने प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 की तुलना में इस बार कुल वोटिंग में तीन प्रतिशत अंकों की गिरावट दर्ज की गई। पहले फेज में 66 फीसदी वोटिंग हुई। वहीं, साल 2019 में 69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। विदेशी मीडिया का मानना है कि भारत में इस समय गर्मी पड़ रही है। इस समय चुनाव क्यों कराया जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के चुनाव और पश्चिमी मीडिया को लेकर बेबाक टिप्पणी की है।

जयशंकर मंगलवार को हैदराबाद में राष्ट्रवादी विचारकों के एक मंच को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने पश्चिमी मीडिया से काफी बार हमारी लोकतंत्र की आलोचना करते हुए सुना है। यह ऐसा इसलिए नहीं है कि उनके पास जानकारी की कमी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें लगता है कि वे हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी भी हैं।

गर्मी में चुनाव कराने के सवाल पर करारा जवाब

पश्चिमी मीडिया के एक लेख में पूछा गया कि भारत में इतनी तेज गर्मी में चुनाव क्यों कराए जा रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'मैंने अब वह लेख पढ़ा और मैं कहना चाहता हूं कि सुनो, उस गर्मी में मेरा सबसे कम मतदान, सबसे अच्छे समय में आपके उच्चतम मतदान से अधिक है।' उन्होंने आगे कहा कि ये ऐसे खेल हैं जो हमारे साथ खेले जा रहे हैं।

भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है-एस जयशंकर

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है। विदेशी लोगों को लगता है कि हमसे परामर्श किए बिना ये कैसे तय होगा कि भारत में कौन शासन करेगा? जयशंकर ने कहा कि हमें इस प्रकार की आलोचनाओं और रिपोर्टों के खिलाफ खड़ा होने की जरूरत है। क्योंकि ये लोग हर चीज पर सवाल उठाने वाले हैं।

अब मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे-एस जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि ये लोग चुनाव आयोग, चुनाव प्रणाली, ईवीएम और यहां तक कि मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम उनकी पोल खोलें और ऐसा करने के लिए हमारे आत्मविश्वास की कमी नहीं है। जयशंकर ने आगे कहा कि पश्चिमी मीडिया को एक और शिकायत है कि भाजपा बहुत अनुचित है। इसके साथ उनके अनुसार हमारा यह सोचना भी गलत है कि भाजपा बहुत बड़ी जीत हासिल करने जा रही है।

एमपी के इंदौर में पकड़ाए कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर, ऐसे हुआ पर्दफाश, इस बड़ी वारदात के लिए आए थे!

मध्यप्रदेश के इंदौर में क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता हाथ लगी है। यहां पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी जग्गू भगवान पुरिया के तीन शार्प शूटर्स को पकड़ा है। ये शूटर शुभम गैंग के बताए जा रहे हैं। इन तीनों आरोपियों के खिलाफ अमृतसर में भी कई आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, ये तीनों आरोपी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए हथियार खरीदने एमपी आए थे। इससे पहले की ये कामयाब हो पाते उससे पहले ही ये क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गए। पुलिस को मौके पर दो अवैध पिस्टल, दो देसी कट्टे और तीन जिंदा कारतूस मिले हैं। हालांकि, पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है। आगे कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं।

इन दिनों पुलिस ने शहर अलग-अलग इलाकों में चेकिंग अभियान चल रखा है। इसी दौरान पुलिस हाईवे पर चेकिंग कर रही थी। तभी उन्हें एक गाड़ी में तीन युवक दिखाई दिए। पुलिस को तीनों संदिग्ध लगे। तो पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए आगे बढ़ी, तभी वो भागने की कोशिश करने लगे। लेकिन भागने में असफल रहे। पुलिस ने जब तीनों की पूरी जांच की तो उनके पास से हथियार मिले। फिर पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया और पूछताछ के लिए थाने लेकर आ गई।

इन तीनों गैंगस्टर के एमपी आने का कारण बड़ा है। ये तीनों अवैध हथियारों का जखीरा खरीदने बड़वानी जा रहे थे। जानकारी के अनुसार ये आरोपी अवैध हथियार खरीदने के बाद पंजाब के सिमरन गैंग का सफाया करने जा रहे थे। ये तीनों शुभम गैंग के शार्प शूटर हैं। वो लॉरेंस बिश्नोई का करीबी जग्गू भगवान पुरिया चलाता है। फिलहाल जग्गू बठिंडा जेल में बंद हैं। वह जेल से ही गैंग को ऑपरेट करता है। इन तीनों के ऊपर हत्या जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हैं।

सीएम योगी बोले, दादी से लेकर पोते तक ‘गरीबी हटाओ’ का नारा देकर जनता की आंख में धूल झोंक रहे कांग्रेसी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी व इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 1977 में गरीबी हटाओ का नारा दिया था लेकिन जनता को शौचालय और आवास तक मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाईं। दादी से लेकर पोते तक अब फिर से वही नारा देकर जनता की आंख में धूल झोंका जा रहा है। इस बार जनता को उनके बहकावे में नहीं आना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 60 साल तक राज किया लेकिन देश के 50 करोड़ लोगों के पास बैंक अकाउंट तक नहीं थे। करोड़ों लोगों को इलाज के लिए सुविधाएं नहीं मिल पाती थीं। अगर करोड़ों गरीबों को मुश्किल जिंदगी गुजारनी पड़ी है तो इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है।

उन्होंने कहा कि 2014 के बाद देश में पाालिटिक्स आफ परफार्मेंस की शुरुआत हुई। गरीबों को बिना किसी भेदभाव के राशन और सुविधाएं मिलनी शुरू हुईं। गरीब जनता को गैस सिलेंडर के कनेक्शन दिए गए। बिजली के कनेक्शन दिए गए और देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया। ये सब डबल इंजन की सरकार में संभव हो पाया है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 में जब यूपी में भाजपा की सरकार बनी तो पाया गया कि प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा फेक राशन कार्ड थे। इसकी जांच अभी भी चल रही है। सपा सरकार में गरीबों का राशन सपा नेता और इनके द्वारा पोषित माफिया खा जाते थे।

प्रधानमंत्री मोदी के शासन में जनता को अब राशन मिल रहा है। प्रदेश में 80 हजार से ज्यादा राशन की दुकानों पर ईपॉस मशीनें लगाई गई हैं। राशन की डोर स्टेप डिलीवरी हो रही है। ये पॉलिटिक्स आफ परफार्मेंस का असर है।

फिर एक बार मोदी सरकार… अबकी बार 400 पार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले चरण का मतदान हो चुका है अभी छह चरणों का मतदान और होना है। देश की जनता पीएम मोदी के काम पर मतदान करेगी। देश में फिर मोदी सरकार बनेगी और भाजपा 400 सीटें प्राप्त करेगी।

उज्जैन में महाकाल को तपती गर्मी से बचाने के लिए गर्भगृह में बांधी गई गलंतिका

आम मनुष्य की भांति भगवान को भी गर्मी से बचने के लिए कई प्रकार के जतन किए जाते हैं। वहीं आम मनुष्य गर्मी से बचने के लिए घरों में कूलर, पंखे, AC का इस्तेमाल करते हैं। तो वहीं उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भगवान को गर्मी से बचने के लिए उपाय किए गए हैं। वहीं बुधवार प्रातः हुई भगवान महाकाल की भस्म आरती में भगवान महाकाल को गर्मी से बचने के लिए 11 नदियों के नाम की मटकियां ठंडे पानी की बांधी गई है, जिसमें से निरंतर शाम 5:00 बजे तक ठंडे जल प्रवाहमन करती रहेगी।

वही इससे भगवान को शीतल एवं ठंडक महसूस होगी। 22 जून तक ऐसे ही निरंतर भगवान महाकाल को गर्मी से बचने के लिए यह मटकियां बांधी जाएगी। उज्जैन बाबा महाकाल को गर्मी से बचने के लिए प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी 11 मिट्टी के कलशों से सतत जलधारा के लिए गलंतिका बांधी गई। 24 अप्रैल की अल सुबह भस्म आरती के पश्चात् कलशों में जल भरकर प्रतीकात्मक तौर पर नदियों के नाम गंगा, सिंधु, सरस्वती, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, शरयु, क्षिप्रा, गण्डकी आदि नामों को अंकित बांधा गया। भगवान महाकालेश्‍वर पर सतत शीतल जलधारा प्रतिदिन प्रातः भस्‍मार्ती के पश्चात् से शाम पूजन तक रहेगी।

महाकाल को ठंडे जल से शीतलता प्रदान की जाती है। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग पर मिट्टी के 11 कलश बांधे गए, नियमित चांदी के कलश की जलधारा के अतिरिक्त 11 अतिरिक्त मिट्टी की मटकियों से जलधाराएं प्रवाहित की जाएंगी, जो ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा तक लगभग 2 महीने बंधी रहेगी।

सैम पित्रोदा के “विरासत टैक्स” वाले बयान पर छिड़ी बहस, बीजेपी ने खोला मोर्चा, कांग्रेस ने दिया जवाब

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भारत में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्म है। मंगलसूत्र और संपत्ति बंटवारे को लेकर वार-पलटवार जारी है। अब कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के अमेरिका के विरासत टैक्स पर दिए बयान पर बहस छिड़ गई। उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को घेरा है तो कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान से किनारा कर लिया है। दरअसल सैम पित्रोदा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह अमेरिका के विरासत टैक्स का जिक्र कर रहे हैं।इस पर बीजेपी ने उन्हें घेरते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस की नीतियां देश को बर्बाद करने वाली है। इस बीच कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से पल्ला झाड़ते हुए इसे उनका निजी बयान बताया है।

दरअसल, सैम पित्रोदा ने कहा, अमेरिका में विरासत कर लगता है। यदि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45% अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55% सरकार ले लेती है। यह एक दिलचस्प कानून है। इसमें कहा गया है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है।

उन्होंने आगे कहा, हालांकि, भारत में आपके पास ऐसा नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। इसलिए लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा करनी होगी। मुझे नहीं पता कि आखिर में निष्कर्ष क्या निकलेगा, लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण की बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात करते हैं, जो लोगों के हित में हैं न कि केवल अति-अमीरों के हित में। पित्रोदा ने कहा, यह एक नीतिगत मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिसके माध्यम से धन का बांटना बेहतर होगा।

कांग्रेस का फैसला देश को बर्बाद करने वाला- अमित मालवीय

सैम पित्रोदा के इस बयान पर भाजपा हमलावर है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय बुधवार को कांग्रेस पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को बर्बाद करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने भारत को बर्बाद करने का फैसला किया है। अब, सैम पित्रोदा धन पुनर्वितरण के लिए 50 फीसदी विरासत कर की पैरवी करते हैं। इसका मतलब यह है कि हम अपनी सारी मेहनत और उद्यम से जो कुछ भी बनाएंगे, उसका आधा हिस्सा छीन लिया जाएगा। 50 फीसदी हमारे द्वारा भुगतान किए जाने वाले सभी कर भी बढ़ जाएंगे, अगर कांग्रेस जीतती है।'

जयराम बोले- यह पार्टी का विचार नहीं

वहीं, कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की तरफ से भारत में 'विरासत टैक्स' लगाए जाने की मांग वाले बयान से पार्टी ने ही पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि सैम पित्रोदा को खुलकर और आजादी से अपने विचार रखने का अधिकार है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि पित्रोदा के विचार किसी मुद्दे पर कांग्रेस का पक्ष हों। कई बार वे नहीं होते। जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में कहा, "वे मेरे और दुनिया में कई लोगों के अच्छे मेंटर, दोस्त और मार्गदर्शक रहे हैं। पित्रोदा किसी भी मुद्दे पर अपनी राय को स्वतंत्रता के साथ रख सकते हैं। जाहिर तौर पर एक लोकतंत्र में लोगों को अपने निजी विचारों पर चर्चा करने और उन्हें रखने का अधिकार है। इसका यह मतलब नहीं कि उनका विचार हमेशा कांग्रेस का विचार दर्शाता हो। कई बार ऐसा नहीं होता है। उनके बयान को इस वक्त सनसनीखेज बनाकर चलाना और इसे परिप्रेक्ष्य से बाहर ले जाना पीएम मोदी के दुर्भावनापूर्ण चुनावी अभियान से ध्यान बंटाने की कोशिश है।"

पवन खेड़ा ने पूछा ये सवाल

इसके अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने फटकार लगाते हुए सवाल किया, ‘क्या उन्होंने (पित्रोदा) कहा है कि कांग्रेस यह नीति लाएगी? क्या कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ऐसा कहा है? क्या शास्त्रार्थ की इस प्राचीन भूमि में विभिन्न विचारों पर चर्चा और बहस करने की अनुमति नहीं है?’

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बाबा रामदेव ने फिर मांगी माफी, अखबारों में छपे माफीनामे का साइज बढ़ाया

#ramdev_published_another_apology_in_newspapers 

भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट से फटकार के बाद पतंजलि ने अखबारों में एक नया विज्ञापन जारी किया है। इस बार इसका आकार भी पहले से ज्यादा बड़ा है। साथ ही अखबारों में दिए माफीनामे में स्वामी रामवेद, पतंजलि और बालकृष्ण का नाम भी है।पतंजलि की ओर से न्यूज़ पेपर में बिना शर्त माफी प्रकाशित करवाई गई है।पतंजलि ने एक दिन पहले भी ऐसा ही एक माफीनामा छपवाया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जानकारी मांगते हुए पतंजलि से पूछा था कि क्या उसकी माफी उसके विज्ञापनों जितनी बड़ी है। बता दें कि पतंजलि पर अखबारों में विज्ञापन देकर एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार करने का आरोप है। मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने आज यानी बुधवार को अखबारों में एक नया सार्वजनिक माफीनामा जारी किया।स्वामी रामवेद, पतंजलि और बालकृष्ण के नाम से अखबारों में दिए गए माफीनामे में लिखा है, ‘भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चल रहे एक मामले के मद्देनजर हम अपनी व्यक्तिगत क्षमता के साथ-साथ कंपनी की ओर से माननीय भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों/आदेशों का पालन न करने अथवा अवज्ञा के लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं।ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी। हम सावधानी के साथ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं।’

इससे पहले 22 अप्रैल को भी पतंजलि ने 67 अखबारों में माफीनामा छपवाया था। पतंजलि ने 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच को इसकी जानकारी दी थी। जस्टिस हिमा कोहली ने कहा था- आपके विज्ञापन जैसे रहते थे, इस माफीनामे का भी साइज वही था? कृपया इन विज्ञापनों की कटिंग ले लें और हमें भेज दें। इन्हें बड़ा करने की जरूरत नहीं है। हम इसका वास्तविक साइज देखना चाहते हैं। जस्टिस कोहली ने कहा था कि जब आप कोई विज्ञापन प्रकाशित करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम उसे माइक्रोस्कोप से देखेंगे। सिर्फ पन्ने पर न हो, पढ़ा भी जाना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को निर्देश दिया कि अगले दो दिन में वे ऑन रिकॉर्ड माफीनामा जारी करें। मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।

बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पतंजलि पर कोविड टीकाकरण और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ एक दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है। इस मामले ही सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट आईएमए की ओर से 17 अगस्त 2022 को दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया। वहीं खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया। आईएमए का तर्क था कि हर कंपनी को अपने प्रोडक्ट्स का प्रचार करने का हक है, लेकिन पतंजलि के दावे 'ड्रग्स एंड अदर मैजिक रेमेडीज एक्ट 1954' और 'कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019' का सीधा उल्लंघन करते हैं। आईएमए ने एलोपैथी और आधुनिक चिकित्सा प्रणाली (मॉडर्न सिस्टम ऑफ मेडिसिन) के बारे में फैलाई जा रहीं गलत सूचनाओं पर चिंता जताई। याचिका में कहा गया कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन एलोपैथी की निंदा करते हैं और कई बीमारियों के इलाज के बारे में झूठे दावे करते हैं। याचिका में बाबा रामदेव के दिए कुछ विवादास्पद बयानों का भी जिक्र किया गया। मसलन, एलोपैथी को 'बेवकूफ और दिवालिया बनाने वाला विज्ञान' बताना, कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल से लोगों की मौत का दावा करना वगैरह।

संपत्ति विवाद” के बीच कांग्रेस नेता पित्रोदा ने बताई नई थ्योरी, भारत में विरासत टैक्स लगाने का समर्थन

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देश का माहौल पूरी तरह से चुनावी हो गया है। राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच अगर किसी मुद्दे पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, तो वो है मंगलसूत्र और संपत्ति बंटवारे पर।संपत्ति के बंटवारे पर मचे घमासान के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने नई थ्योरी बताई है। सैम पित्रोदा ने अमेरिका का उदाहरण देते हुए विरासत टैक्स लगाने का सुझाव दिया है। जिसके बाद भारत की राजनीति में हलचल मच गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। पीएम मोदी के इस बयान के बाद विपक्षी दल हमलावर हैं। अब इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण दिया। सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में जो भी मरता है, वह सिर्फ अपनी 45 फीसदी संपत्ति अपने बच्चों को दे सकता है, बाकी की 55 फीसदी सरकार को दे दी जाती है, जिसको गरीबों में बांट दिया जाता है।

सैम पित्रोदा ने कहा, अमेरिका में विरासत कर लगता है। यदि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45% अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55% सरकार ले लेती है। यह एक दिलचस्प कानून है। इसमें कहा गया है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है।

उन्होंने आगे कहा, हालांकि, भारत में आपके पास ऐसा नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। इसलिए लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा करनी होगी। मुझे नहीं पता कि आखिर में निष्कर्ष क्या निकलेगा, लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण की बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात करते हैं, जो लोगों के हित में हैं न कि केवल अति-अमीरों के हित में।

कांग्रेस बनाएगी ऐसी नीति

पित्रोदा ने कहा, यह एक नीतिगत मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिसके माध्यम से धन का बांटना बेहतर होगा। हमारे पास (भारत में) न्यूनतम मजदूरी नहीं है। अगर देश में न्यूनतम मजदूरी हो और कहा जाए कि आपको गरीबों को इतना पैसा देना चाहिए, तो यह धन का बंटवारा है। आज, अमीर लोग अपने चपरासी और नौकर को पर्याप्त भुगतान नहीं करते हैं, लेकिन वे उस पैसे को दुबई और लंदन में छुट्टी पर खर्च करते हैं। हमारे पास अभी तक न्यूनतम मजदूरी का कोई कानून नहीं है।

भाजपा नेता ने बयान पर जताई आपत्ति

सैम पित्रोदा के इस बयान पर भाजपा नेता और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा नेता ने एक्स पर लिखा,कांग्रेस ने भारत को बर्बाद करने की ठान ली है। अब, सैम पित्रोदा संपत्ति वितरण के लिए 50 फीसदी विरासत कर की वकालत करते हैं। इसका मतलब यह है कि हम अपनी सारी मेहनत और उद्यम से जो कुछ भी बनाएंगे, उसका 50 फीसदी छीन लिया जाएगा। इसके अलावा अगर कांग्रेस जीतती है तो हम जो भी टैक्स देते हैं, वह भी बढ़ जाएगा।"

ऐसे शुरू हुआ विवाद

इस विवाद की शुरूआत उस वक्त हुआ, जब राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो वो लोगों की संपत्तियां लेकर ज्यादा बच्चों वालों और घुसपैठियों को बांट देगी। पीएम मोदी ने आगे कहा था,"पहले जब इनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करते किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे. घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंजूर है ये?"उन्होंने आगे कहा,"ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे। उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे। और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। भाइयो-बहनो ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी मां-बहनों, ये आपका मंगलसूत्र भी नहीं बचने देंगे। ये यहां तक जाएंगे।"

*दूसरे चरण के लिए आज थम जाएगा प्रचार का शोर, 13 राज्यों की 88 सीटों पर 26 अप्रैल को होगी वोटिंग*
#lok_sabha_election_2nd_phase_campaigning_stop_today_evening लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के मतदान का काउंटडाउन शुरू हो गया है। आज शाम दूसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार थम जाएगा। इसके बाद 26 अप्रैल को 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएं।इसके बाद कोई सार्वजनिक सभा नहीं होगी और प्रत्याशी और उनके स्टार प्रचारक अगले 48 घंटे तक घर-घर जाकर वोट मांग सकेंगे। दूसरे चरण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शशि थरूर, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर,अभिनेत्री हेमा मालिनी, रामायण सीरियल के राम अरुण गोविल समेत 1,206 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिसनकी किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। दूसरे चरण 12 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश के 89 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। दूसरे चरण में केरल की 20, कर्नाटक की 14, राजस्थान की 13, उत्तर प्रदेश की 8, महाराष्ट्र की 8, मध्य प्रदेश की 7, बिहार की 5, असम की 5, पश्चिम बंगाल की 3, छत्तीसगढ़ की 3, मणिपुर, त्रिपुरा और जम्मू-कश्मीर की एक-एक सीट पर वोट डाले जाएंगे। *दूसरे चरण में किस राज्य की किन-किन सीटों पर मतदान* *त्रिपुरा:* त्रिपुरा पूर्व *जम्मू-कश्मीर:* जम्मू लोकसभा *पश्चिम बंगाल:* दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट *असम:* दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव *बिहार:* किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका *छत्तीसगढ़:* राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर *मध्य प्रदेश:* टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद *महाराष्ट्र:* बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी *उत्तर प्रदेश:* अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा *राजस्थान:* टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा *कर्नाटक:* उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार *केरल:* कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम