गोल्डी छाबड़ा मौत केस में 7 साल बाद एक्शन: बिलासपुर अपोलो के डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस ने न्यायालय में पेश किया चालान
बिलासपुर- शहर के अपोलो अस्पताल में साल सात पहले इलाज के दौरान आदर्श नगर निवासी युवक गोल्डी छाबड़ा की मौत हो गई थी, इस मामले में सरकंडा पुलिस ने डॉक्टर्स के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया है। बता दें कि 25 दिसंबर 2016 को गोल्डी छाबड़ा को पेट दर्द की शिकायत हुई थी, जिसके बाद उनके परिजनों ने उसे इलाज के लिए अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां डॉक्टर देवेंद्र सिंह, डॉ मनोज राय, डॉ भांजा और डॉ केडिया ने जांच कर उपचार किया. लेकिन इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई. मामले में गोल्डी के परिजन ने अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस ने मामला दर्ज कराया था.
जानकारी के मुताबिक, इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने अपनी रिपोर्ट में जहर खाने से मौत होना बताया था. लेकिन पुलिस की जांच से असंतुष्ट परिजन की याचिका पर हाईकोर्ट ने नए सिरे से जांच और मेडिको लीगल संस्थानी से राय लेने का आदेश दिया था. जिसके बाद पुलिस ने दोबारा जांच कराई. जिसमें संभागीय मेडिकल बोर्ड से केस की हिस्ट्री के साथ रिपोर्ट मांगी गई. मेडिकल बोर्ड ने 2 फरवरी 2023 को पांच बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट सौंपी. इसमें अपोलो अस्पताल के रिकॉर्ड में अज्ञात सबस्टेंस पॉइजनिंग का जिक्र था लेकिन इलाज के रिकॉर्ड में पाया गया कि इसे पॉइजनिंग केस की तरह हैंडल नहीं किया गया है.
मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के साथ ही पुलिस ने मेडिको लीगल संस्थान से राय ली. इस पर 27 सितंबर 2023 को मेडिको लीगल संस्थान ने अपनी राय में इलाज में लापरवाही बरतने की बात कही. इसके आधार पर पुलिस ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन और संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज किया. जानकारी के मुताबिक मामले की जांच तो कोतवाली पुलिस ने की लेकिन मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है लिहाजा केस वहां दर्ज किया गया है. एक्सपर्ट व्यू पर कोर्ट ने पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए थे. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने अपोलो के डाक्टर्स के खिलाफ जुर्म दर्ज कर मुचलका में छोड़ा था. पुलिस ने 15 अप्रैल को डॉक्टर देवेंद्र सिंह, डॉ मनोज राय, डॉ केडिया व डॉ भांजा के खिलाफ जिला न्यायालय में चालान पेश किया है.
Apr 21 2024, 14:02