गुलाम नबी आजाद का यू-टर्न, नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, महबूबा मुफ्ती के खिलाफ अनंतनाग-राजौरी सीट से छोड़ा मैदान
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डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनकी पार्टी ने बुधवार को यह ऐलान किया। आजाद चुनाव नहीं लड़ेंगे, ऐसे में उनकी जगह अनंतनाग-राजोरी संसदीय सीट से पार्टी ने मोहम्मद सलीम पर्रे को उम्मीदवार बनाया है। डीपीएपी के प्रांतीय अध्यक्ष मोहम्मद अमीन भट ने कहा कि पार्टी ने अब अपने नेता मोहम्मद सलीम पार्रे को सीट से मैदान में उतारने का फैसला किया है। बता दें कि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
जम्मू कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों में से एक अनंतनाग-राजोरी सीट से गुलाम नबी आजाद के चुनाव लड़ने की तैयारी थी। यह घोषणा डीपीएपी के कोषाध्यक्ष ताज मोहिउद्दीन ने श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान की थी। लेकिन बुधवार को अचानक उनके चुनाव मैदान में न उतरने की खबर से सब हैरान रह गए। पार्टी ने उनकी जगह इस सीट से मोहम्मद सलीम पर्रे को उम्मीदवार बनाया है।
सलीम पारे ने कहा है कि गुलाम नबी आज़ाद ने दक्षिण कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक की। कई चीजों पर विचार-विमर्श हुआ। आखिरकार, मेरा नाम प्रस्तावित किया गया, मैं गुलाम नबी का आभारी हूं।सलीम पारे ने कहा कि आजाद ने मुझ पर भरोसा किया, मैं सभी की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं चाहता था कि गुलाम नबी आजाद यहां से चुनाव लड़ें लेकिन एक राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर मैं लोगों से जुड़ा हूं। राज्य के लोग चाहते हैं कि गुलाम नबी आज़ाद जम्मू-कश्मीर की कमान संभालें, वे उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।
इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने एक जगह प्रचार के दौरान कठुआ रेप केस के आरोपियों का समर्थन करने वाले लाल सिंह का समर्थन करने के लिए राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधा। आजाद उधमपुर लोकसभा क्षेत्र के उखराल इलाके के संगलदान में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में चुनाव लड़ने से क्यों कतरा रहे हैं राहुल गांधी? वो बीजेपी से लड़ने का दावा करते हैं। उनकी हरकतें कुछ और ही संकेत देती हैं। वो बीजेपी शासित राज्यों को छोड़कर अल्पसंख्यक बहुल राज्यों में शरण क्यों ले रहे हैं?
राहुल के साथ आजाद ने उमर अब्दुल्ला पर भी हमला बोला। कभी नेहरू-गांधी परिवार के करीबी रहे आजाद ने कहा कि राहुल और अब्दुल्ला राजनेता नहीं बल्कि थाली में परोसा हुआ पाने वाले बच्चे हैं। उन्होंने जीवन में कोई व्यक्तिगत त्याग नहीं किया है। दोनों इंदिरा गांधी और शेख अब्दुल्ला जैसी शख्सियतों से विरासत में मिली राजनीतिक विरासत का आनंद ले रहे हैं।
Apr 18 2024, 12:18