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चैत्र दुर्गा अष्टमी व्रत आज,इस व्रत से मिलती हैं मां की कृपा,बनी रहती है सुख शांति




दुर्गा अष्टमी व्रत देवी शक्ति (देवी दुर्गा) को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान है। मासिक दुर्गा अष्टमी एक मासिक कार्यक्रम है जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि (8वें दिन) को मनाया जाता है । सभी दुर्गा अष्टमी दिनों में से, आश्विन माह की शुक्ल पक्ष अष्टमी सबसे लोकप्रिय है और इसे महा अष्टमी या केवल दुर्गाष्टमी कहा जाता है । दुर्गा अष्टमी 9 दिनों तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव के आखिरी 5 दिनों के दौरान आती है। दुर्गा अष्टमी व्रत की तिथि 16 अप्रैल, मंगलवार अष्टमी तिथि का समय: 15 अप्रैल, दोपहर 12:12 बजे - 16 अप्रैल, दोपहर 1:24 बजे इस दिन देवी दुर्गा के हथियारों की पूजा की जाती है और इस उत्सव को 'अस्त्र पूजा' के रूप में जाना जाता है। हथियारों और मार्शल आर्ट के अन्य रूपों के प्रदर्शन के कारण इस दिन को लोकप्रिय रूप से 'विराष्टमी' भी कहा जाता है। हिंदू भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनका दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए सख्त उपवास रखते हैं। भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में दुर्गा अष्टमी व्रत पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। आंध्र प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में, दुर्गा अष्टमी को 'बथुकम्मा पांडुगा' के रूप में मनाया जाता है। दुर्गा अष्टमी व्रत हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। *दुर्गा अष्टमी व्रत के दौरान अनुष्ठान:* दुर्गा अष्टमी के दिन भक्त देवी दुर्गा से प्रार्थना करते हैं। वे सुबह जल्दी उठते हैं और देवी को फूल, चंदन और धूप के रूप में कई चीजें चढ़ाते हैं। कुछ स्थानों पर दुर्गा अष्टमी व्रत के दिन कुमारी पूजा भी की जाती है। हिंदू 6-12 वर्ष की आयु की लड़कियों को देवी दुर्गा के कन्या (कुंवारी) रूप के रूप में पूजते हैं। देवी को अर्पित करने के लिए विशेष 'नैवेद्यम' तैयार किया जाता है। उपवास दिन का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। दुर्गा अष्टमी व्रत का पालनकर्ता पूरे दिन खाने या पीने से परहेज करता है। यह व्रत पुरुषों और महिलाओं द्वारा समान रूप से रखा जाता है। दुर्गा अष्टमी व्रत आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने और देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए मनाया जाता है। कुछ भक्त केवल दूध पीकर या फल खाकर व्रत रखते हैं। इस दिन मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन सख्त वर्जित है। दुर्गा अष्टमी व्रत करने वाले को फर्श पर सोना चाहिए और आराम और विलासिता से दूर रहना चाहिए। पश्चिमी भारत के कुछ क्षेत्रों में जौ के बीज बोने की भी प्रथा है। बीज 3-5 इंच की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद उन्हें देवी को अर्पित किया जाता है और बाद में परिवार के सभी सदस्यों के बीच वितरित किया जाता है। इस दिन भक्त विभिन्न देवी मंत्रों का जाप करते हैं। इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ करना भी फलदायी माना जाता है। पूजा के अंत में, भक्त दुर्गा अष्टमी व्रत कथा भी पढ़ते हैं। हिंदू भक्त पूजा अनुष्ठान पूरा करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन और संतर्पण या दक्षिणा प्रदान करते हैं। दुर्गा अष्टमी व्रत का पालन करने वाला शाम को शक्ति मंदिरों में जाता है। महाअष्टमी के दिन विशेष पूजा आयोजित की जाती है, जिसमें हजारों भक्त शामिल होते हैं। दुर्गा अष्टमी व्रत का महत्व: संस्कृत भाषा में 'दुर्गा' शब्द का अर्थ है 'अपराजेय' और 'अष्टमी' का अर्थ है 'आठवां दिन'। हिंदू किंवदंतियों के अनुसार देवी दुर्गा का उग्र और शक्तिशाली रूप, जिसे 'देवी भद्रकाली' के नाम से जाना जाता है, अवतरित हुई थीं। दुर्गा अष्टमी का दिन 'महिषासुर' नामक राक्षस पर देवी दुर्गा की जीत के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी पूर्ण समर्पण के साथ दुर्गा अष्टमी व्रत का पालन करता है उसे जीवन में खुशी और सौभाग्य प्राप्त होता है।
सरायकेला : कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मतदाताओं को किया जागरूक

 सरायकेला : आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरायकेला जिले के विभिन्न इलाकों में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

इसी क्रम में आज नुक्कड़ नाटक के माध्यम से छवि ड्रामेटिक आर्ट सोसाइटी की ओर से चांडिल के मातकमडीह में, पाथ कम्युनिकेशन की ओर से इचागढ़ प्रखंड के टीकर एवं सोरो में लोक कला मंच खरसावां की ओर से खरसावां प्रखंड के सिमला एवं चिलगु में लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने के लिए आम लोगों को प्रेरित किया गया एवं शत प्रतिशत मतदान करने का आह्वान लोगों से किया गया।

 मौके पर कलाकारों ने बहकावे में तुम कभी आना, सोच समझकर बटन दबाना, छोड़कर अपने सारे काम, पहले चलो करें मतदान, वोट देना गर्व है, जनता का यह पर्व है,का संदेश नाटक के माध्यम से दिया। नाटक के माध्यम से उपस्थित आम जन मानस को मतदाता के महत्व के बारे में समझाया और मतदाता जागरूकता से संबंधित पोस्टर बैनर प्रदर्शित किया गया।

   ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाने के उद्देश्य से मतदान जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं जिसके अंतर्गत विभिन्न तरह के आयोजन कर मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है।पिछले लोकसभा चुनाव में जिन पोलिंग बूथ पर मतदान प्रतिशत कम रहा है, उनपर विशेष फोकस कर मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।इस दौरान ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक कार्यक्रम को सुना और ज्यादा से ज्यादा मतदान करने की बात कही। कार्यक्रम के अंत में आम लोगों से अपने मताधिकार का प्रयोग कर एक सशक्त लोकतंत्र के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की गई।

सरायकेला : स्वीप" अंतर्गत वोटर अवेयरनेस को लेकर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चलाया गया मतदाता जागरूकता अभियान।


सरायकेला: आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के दौरान जिले में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के मद्देनजर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला के द्वारा मतदाता जागरूकता कोषांग को विभिन्न प्रतियोगिताओं, कार्यक्रमों आदि का आयोजन कर अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया है।

 इसी क्रम में जिला स्वीप कोषांग के अंतर्गत आज JSLPS द्वारा खरसावां प्रखंड के चिलगु, तेलाईडीह कृष्णपुर पंचायत, चांडिल प्रखंड के उरमाल, खूंटी रसूनिया, भादूडीह पंचायत, सरायकेला के कमलपुर पंचायत, कुचाई प्रखंड के छोटा सेगई पंचायत, गम्हरिया प्रखंड के छोटा गम्हरिया पंचायत अंतर्गत जागरूकता रैली शपथ आंगनबड़ी सहिया, सेविका(बीएलओ) के द्वारा आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 हेतु स्वीप के तहत मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान मतदाता जागरूकता को लेकर बनाए गए मतदाता जागरूकता को लेकर रंगोली प्रतियोगिता आयोजन व पोस्टर के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्र में "चुनाव का पर्व देश का गर्व" आई एम रेडी टू वोट थीम के तहत मतदाता जागरूकता के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। 

साथ ही उपस्थित सभी मतदाताओं को आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 में मतदान करने हेतु  मतदाता शपथ कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।

इस दौरान आंगनबाड़ी सहिया सेविका ने अपने-अपने क्षेत्र में सभी मतदाताओं को आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 में सभी मतदाताओं को जागरुक करते हुए बिना लोभ लालच या दबाव में आए हुए अपने नजदीकी मतदान केन्द्रो में जाकर अपना बहुमूल्य मतों का उपयोग को लेकर गांव-गांव घूम-घूम कर मतदान करने हेतु अपील की।

सरायकेला : लोकतंत्र के महापर्व में दिव्यांग मतदाताओं की सहभागिता एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

सरायकेला : लोकसभा आम निर्वाचन-2024 के मद्देनजर सरायकेला-खरसावां जिला में मतदाताओं की भागीदारी एवं वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने, सहित नैतिक मतदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही है। इस क्रम में आज नगर भवन सभागार सरायकेला में दिव्यांग मतदाताओं के लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर एकदिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त श्री रविशंकर शुक्ला,डिस्ट्रिक आइकॉन पीडब्लूडी श्री रघुनंदन महतो एवं अन्य मंचाशीन अतिथियों के द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। 

कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त श्री प्रभात कुमार बरतियार, निर्वाची निबंधक प्राधिकारी खरसावां विधानसभा -सह- अपर उपायुक्त श्री संजय कुमार दास, निर्वाची निबंधक पदाधिकारी -सह- अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला श्री सुनील कुमार प्रजापति, जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी एवं अन्य सम्बन्धित पदाधिकारी उपस्थित रहें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त श्री रविशंकर शुक्ला ने जिले के विभिन्न क्षेत्र से उपस्थित दिव्यांगजनों से निर्वाचन संबंधित जानकारियां साझा की इसके तत्पश्चातय उपायुक्त नें भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार दिव्यांग मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्रो पर की जा रही सुविधाएं, दिव्यांग एवं बुजुर्ग मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान के प्रावधान, दिव्यांगजन एवं बुजुर्ग मतदाताओं के मतदान केंद्र तक आवागमन हेतु वाहन की व्यवस्था तथा मतदान केंद्र पर दिव्यांगजनों के लिए आवश्यक सहायक उपकरण आदि की उपलब्धता के बारे में विस्तृत जानकारी साझा करते हुए कहा कि लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़कर भाग ले साथ हीं अपने आसपास के लोगों को मतधिकार के प्रयोग के लिए प्रेरित करें।

कार्यक्रम के दौरान जिला दण्डाधिकारी -सह- उपायुक्त नें हस्ताक्षर अभियान एवं सेल्फी पॉइंट का अनावरण कर जागरूक मतदाता होने की पहचान देते हुए सभी को मतधिकार का प्रयोग करने का अपील किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिस्ट्रिक्ट आइकॉन पीडब्लूडी श्री रघुनंदन महतो ने समस्त जिलेवासियों तथा सभी दिव्यांगजनो से अपील करते हुए कहां कि हमारे इच्छा शक्ति के आगे दिव्यांगता बाधक नहीं हो सकती, हम सभी मजबूत लोकतंत्र के निर्माण में बढ़ चढ़कर अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मताधिकार का प्रयोग करना हमारा नैतिक जिम्मेदारी है। आगामी 13 मई 2024 को सिंहभूम एवं खूंटी लोकसभा संसदीय क्षेत्र तथा 25 मई 2024 को रांची लोकसभा संसदीय क्षेत्र में बढ़चढ़ कर मतधिकार का प्रयोग करें।

लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर उपायुक्त ने की पंजीकृत राजनीतिक दल के सदस्यों के साथ बैठक

सरायकेला : लोकसभा आम निर्वाचन 2024 की तैयारी की निमित्त आज जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला के अध्यक्षता एवं सभी पंजीकृत राजनीतिक दल के सदस्यों की उपस्थिति में समाहरणालय स्थित एनआईसी सभागार में प्रथम रेंडमाइजेशन को लेकर बैठक आहूत किया गया।

बैठक के दौरान उपायुक्त ने विधानसभावार EVM, VVPAT, BU, CU की उपलब्धता की जानकारी दी। इसके तत्पश्चातय सर्व सहमति से विधानसभावार प्रथम रेंडमाइजेशन संबंधित प्रक्रिया को पूर्ण किया गया।

बैठक के पश्चात उपायुक्त ने सभी राजनीतिक दल के सदस्यों के उपस्थिति में ईविएम वेयरहाउस का निरीक्षण किया, इस क्रम में स्ट्रांग रूम में रखे गए EVM VVPAT के रख रखाव, भवन परिसर के सुरक्षा व्यवस्था, CCTV कैमरा आदि का जायजा ले भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में प्रथम रेंडमाइजेशन से संबंधित प्रक्रिया को पूर्ण कराने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश।

सरायकेला : गौरडीह गांव में आदिवासी हादी बोंगा सरहुल महोत्सव सह मिलन समारोह 2024 अयोजित।


सरायकेला : नीमडीह प्रखंड अंतर्गत गौरडीह गांव में आदिवासी हादी बोंगा सरहुल महोत्सव सह मिलन समारोह 2024 अयोजित की गई। इस दौरान लाया भोलानाथ सिंह लाया, भूदेव सिंह लाया एवं जवाहर लाल सिंह लाया द्वारा सरहुल थान पर शाल डाली व फूल से प्रकृति देव का पूजा अर्चना किया गया।

 मुख्य अतिथि नीमडीह मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष वरूण कुमार सिंह ने प्रकृति प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रीष्म ऋतु में जब पेड़ों पर नए पत्ते और फल-फूल आते हैं, तब इस सुखद प्राकृतिक बदलाव का आदिवासी समाज के लोग बाहा पर्व के रूप में नाचते-गाते स्वागत करते हैं, जाहेरथान में परंपरा के अनुसार प्रकृति की आराधना की गई, लाया यानि पुजारी देवताओं की साल व महुआ के फूल से पूजा किए। 

इस दौरान ग्राम देवता, जंगल, पहाड़ और प्रकृति की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि और गांव के निरोग रखने की मन्नत किए। इस अवसर पर रंग-बिरंगे फूलों से प्रकृति करती है शृंगार। बाहा पर चारों ओर उमंग और उल्लास रहता है। कहते हैं बाहा खुशियों का पैगाम लेकर आता है। ऐसे समय में घर फसल से भरा रहता है, पेड़-पौधों में फल-फूल रहता है। 

आयोजक मंडली के सदस्य मदन सिंह सरदार ने कहा कि प्रकृति यौवन पर होती है, रंग-बिरंगे फूलों और पेड़ों में नए पत्तों से प्रकृति अपना शृंगार करती है,ऐसा माना जाता है कि प्रकृति किसी को भी भूखे नहीं रहने देगी, शायद इसीलिए बाहा (सरहुल) पर्व धरती माता को समर्पित महत्वपूर्ण पर्व है, बाहा पर्व के आदिवासी समाज नई फसल का उपयोग करते हैं।

 इसके साथ ही पेड़ों में लगे फल-फूल और पत्तों का भी उपयोग शुरू किया जाता है, इस पर्व को संताल, मुंडा, उरांव, हो, खड़िया समेत विभिन्न आदिवासी समुदाय के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते है। खासकर जनजातीय समाज के युवक- युवतियो ने बढ-चढ़कर भाग लेकर अपनी आपसी एकता और अंखडता प्रकृति-प्रेम को प्रदर्शित किया इस सांस्कृतिक समारोह मे लोगो ने कार्यक्रम के माध्यम से एक दुसरे के साथ गहरा आपसी भाईचारा घनिष्ठता प्रेम- सौहार्द और अखंडता को पोत्साहन किया साथ ही इस समाजिक सामूहिक रुप से बाहा पूजा कर प्रकृति उपासना की जिसे प्रकृति के महत्व को समझाया गया। 

इस समारोह में प्रकृति की रक्षा करने के संकल्प को भी मजबूत किया गया, जिससे आदिवासी समाज अपने जीवन का आधार मानते है साथ मे सांस्कृतिक धरोहर को उजागर किया। प्राकृतिक संसाधनो के प्रति जागरूकता और संवेदनशील ता को बढ़ावा दिया, जिससे की सांस्कृतिक और प्राकृति धरोहर के सम्मान मे वृद्धि हो, कार्यक्रम मे हर वर्ष की भांति इस वर्ष हजारो-हजार तादात मे उमड़ पड़ा जनसैलाब, इस दौरान आदिवासी कला और सांस्कृतिक देखने को मिला।

 सभी लोग पारंपरिक परिधान से सजे- संवरे थे, इस बीच पारंपरिक नृत्य और संगीत से जाहेरस्थान मे ढोल, मांदल आदि की थाप से गूंजता रहा और सामूहिक नृत्य हुआ। आंनद लिए सभी लोगो ने एक स्वर मे कहा प्रकृति की रक्षा को अंग्रिम पंक्ति मे खड़ा है आदिवासी समाज। इस अवसर पर अतिथि के रूप में नीमडीह मुखिया संघ के अध्यक्ष वरुण कुमार सिंह, अदारडीह के मुखिया सुभाष सिंह, गौरडीह के पूर्व मुखिया सुनील सिंह, समाजसेवी जयराम सिंह सरदार, समाजसेवी नयन सिंह भुमिज, उदय कृष्ण सिंह आदि उपस्थित थे। आयोजक मंडली मदन सिंह सरदार, अजब सिंह सरदार, बहादुर सिंह सरदार, चित्तरंजन सिंह सरदार, लक्ष्मण सिंह सरदार, अंबुज सिंह सरदार, टुटुल सिंह सरदार, दशरथ सिंह सरदार, अश्विनी सिंह सरदार, फुलचांद सिंह सरदार, परमानंद सिंह सरदार, सत्यनारायण सिंह सरदार, मोतिलाल सिंह सरदार, बासुदेव सिंह सरदार, कृष्णा सिंह सरदार आदि ने महोत्सव को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

सरायकेला : मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार चंपई सोरेन पहुंचे राजनगर, बूथ कमिटी बैठक में हुए शामिल।


सरायकेला : झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अपने विधानसभा सरायकेला के राजनगर मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार पहुंचे ,जहां मुख्यमंत्री चंपई सोरेन राजनगर प्रखंड अंतर्गत झामुमो कार्यकर्ताओं के बूथ कमेटी बैठक में हिस्सा लिया। तथा सरायकेला जिला अंतर्गत राजनगर प्रखंड के सभी बूथ कमेटी के बैठक आयोजित की गई है, बूथ स्तरीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री चंपई सोरेन झामुमो कार्यकर्ताओं को संबोधित किया, बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर आयोजित बैठक में कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स दिए गए हैं, इन्होंने कहा कि झारखंड के सभी 14 लोकसभा सीटों पर महागठबंधन की जीत तय है। जानकारी हो कि राजनगर प्रखंड क्षेत्र में कल 145 बूथ तथा 254 गांव है। वही मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 साल के बाद सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा को लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी दिया गया है। 

वही मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि आगामी 21 अप्रैल को रांची में हो रहे सम्मेलन को लेकर प्रत्येक बूथ से 50 से 100 लोगों को रांची पहुंचना है और कार्यक्रम में भाग लेना है।

भाजपा प्रवक्ता जेबी तुबिद ने भाजपा द्वारा घोषित 7 सूत्री संकल्प पत्र के संबंध में दी विस्तृत जानकारी


सरायकेला : आदित्यपुर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता जेबी तुबिद ने भाजपा द्वारा घोषित 7 सूत्री संकल्प पत्र के संबंध में विस्तृत जानकारी दी मोटल मधुबन में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने भाजपा का संकल्प ..मोदी की गारंटी 2024 के संबंध में बताया कि संकल्प पत्र में पेपर लीक में लगाम लगाने के लिए सख्त कानून बनाए गया है, और अब इस कानून को शक्ति से लागू कर के युवा के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालो को कड़ी सजा दी जाएगी।

 उन्होंने बताया कि किसानों के हित में एमएसपी में अभूत बढ़ोतरी की गई है और समय बाध्य तरीके से 22 फसलों की एमएसपी में भी वृद्धि की जाएगी सब्ब्जी उत्पादन और स्टोरेज के लिए नए क्लस्टर बनाए जाएंगे तथा प्राकतिक खेती का विस्तार होगा वही श्री अन्य को विष्व सुपर फूड के रूप में स्थापित किया जायेगा । 

एक करोड़ ग्रामीण महिलाओं को लखपति दीदी बनाकर सख्त करने के बाद अब 3 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का काम होगा ।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम का क्रियान्वयन करने के साथ साथ खेलो में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का काम होगा नई रेलवे पटरियों का निर्माण करने के साथ टिकट की उपलब्धिता बढ़ाई जाएगी और टिकटों की वेटिंग लिस्ट को न्यूनतम करने का काम होगा भाजपा नृत्य एनडीए सरकार पारदर्शी ओर जवाबदेह शाशन दिया है और हम प्रोधोगिकी की माध्यम से भर्ष्टाचार के खिलाफ कानूनों का शक्ति से पालन करंगे।

सरायकेला : विद्युत विभाग के लापरवाही से जनता फांक रहे हैं धूल


सरायकेला : राष्ट्रीय राजमार्ग 32 देश का मालवाहक व यात्री वाहनों की आवागमन के लिए काफी महत्वपूर्ण सड़क है। इस सड़क पर प्रतिदिन रात दिन हजारों वाहनों का आवागमन होता है। चांडिल बस स्टैंड से गोलचक्कर के बीच रेलवे बाईपास सड़क पर मरम्मती कार्य चल रहा है।

 बिजली विभाग के 33 केबीए एच टी लाइन का खंभा रहने के कारण बीच में करीब 50 मीटर सड़क मरम्मती नहीं हो पा रहा है।जिसके कारण दो पहिए एवं तीन पहिए वाहन चालकों को इस सड़क पर आवागमन करने में काफी कठिनाई होती है। 

धूप होने से धूल की आंधी उठ रही है, यात्रियों के आंख, नाक व मुंह में धूल घुसती है जिससे धूल जनित बीमारी से लोग ग्रसित है।

बताया गया कि उक्त स्थान पर रेलवे के जमीन पर बिना अनुमति से विद्युत विभाग द्वारा खंभा गाढ़ दिया गया है। रेलवे भूमि से डीपी संरचना कार्टिंग 33 केवी एचटी लाइन के स्थानांतरण करने के लिए 15 मार्च 2023 को दक्षिण पूर्व रेलवे टाटानगर कार्यालय द्वारा विद्युत सहायक अभियंता चांडिल अवर प्रमंडल को पत्र लिखा है। 

लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी बिजली खंभा का स्थानांतरण नहीं किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विद्युत विभाग ने खंभा स्थानांतरण करने के लिए 29 लाख रूपए का बजट रेलवे विभाग को दिया है। जब रेलवे विभाग के बिना अनुमति से रेलवे भूमि पर खंभा गाढ़ दिया गया तो उसका स्थानांतरण के लिए रेलवे विभाग से बजट क्यों मांगा जा रहा है, समझ से परे है। इसे विद्युत विभाग की मनमानी कहा जा सकता है।

भाजपा सरकार के लापरवाही का नतीजा : सुखराम हेंब्रम 

झारखंड आंदोलनकारी झामुमो के वरिष्ठ नेता सह स्वच्छ चांडिल स्वस्थ्य चांडिल के संस्थापक सुखराम हेंब्रम ने कहा कि भाजपा सरकार के लापरवाही के कारण चांडिल के जनता के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 32 पर आवागमन करने वाले लोगों को धूल खाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र के भाजपा सरकार जनता को लुभाने के लिए बड़े बड़े घोषणा कर रही है लेकिन धरातल पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। जनता सब जानती है लोकसभा चुनाव में लोकतंत्र की शक्ति का एहसास करा देगा। उन्होंने कहा कि ईचागढ़ विधानसभा के जनता समस्याओं के मकड़जाल में फंस कर कराह रही है और स्थानीय जनप्रतिनिधि चैन की नींद सो रहे हैं।

प्रकृति पूजा का महापर्व सरहुल ईचागढ़ के विभिन्न क्षेत्रो में धूम धाम से मनाया गया

सरायकेला: ईचागढ़ थाना क्षेत्र के पातकुम दिशूम मौजा देवलटाड़ नौवाडीह रुगड़ी , आगसिया में आदिवासी मांझी समाज द्वारा सरहुल कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्यां में आदिवासी समुदाय के लोगो द्वारा जाहेरगाढ पर भव्य रूप से बाहा महोत्सव का आयोजन किया गया।  

 नायके बाबा (पुजारी) ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना कर सखुआ फूल पुरुषो को कान मे व महिलाओ को माथे के जूडो पर लगाया । साथ मे क्षेत्र की सुख शांति की कामना की गई ।

सभी लोगों ने जाहेरगाढ पर माथा टेका व प्रसाद के रुप मे खिचड़ी ग्रहण किया । बाहा (सरहूल) बाहा पर प्रकृति के प्रति कृतज्ञता जताने के साथ नये साल का उल्लास मनाया जाता है, प्रकृति में आए नए फल-फूल और धरती से उपजे अन्न का उपयोग किया जाता है. वास्तव में बाहा आदिवासियों के प्रकृति-प्रेम और जीवन-यापन के लिए उससे जुड़ाव को दर्शाता है। 

बाहा आदिवासी समाज के प्रमुख और महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है,यह पर्व बसंत ऋतु से शुरू होकर चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि तक मनाया जाता है,संथाल परंपरा के अनुसार मुलु मोड़े माहा से बाहा (सरहुल) पर्व का आयोजन शुरू हो जाता है. दरअसल बाहा (सरहुल) मनाने के लिए कोई निश्चित तिथि नहीं है, इसे अलग-अलग गांवों में सुविधानुसार अलग-अलग तिथि को मनाया जाता है.

 इस पर्व में साल और महुआ के फूलों से प्रकृति की आराधना की जाती है. ग्रीष्म ऋतु में जब पेड़ों पर नए पत्ते और फल-फूल आते हैं, तब इस सुखद प्राकृतिक बदलाव का आदिवासी समाज के लोग बाहा पर्व के रूप में नाचते-गाते स्वागत करते हैं।

जाहेरथान में परंपरा के अनुसार प्रकृति की आराधना की गई, (नायके बाबा) लाया यानि पुजारी देवताओं की साल व महुआ के फूल से पूजा किए,इस दौरान ग्राम देवता, जंगल, पहाड़ और प्रकृति की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि और गांव के निरोग रखने की मन्नत किए,इस अवसर पर मुर्गी की बलि भी दी गई,रंग-बिरंगे फूलों से प्रकृति करती है शृंगार बाहा पर चारों ओर उमंग और उल्लास रहता है,कहते हैं बाहा खुशियों का पैगाम लेकर आता है।

ऐसे समय में घर फसल से भरा रहता है, पेड़-पौधों में फल-फूल रहता है. प्रकृति यौवन पर होती है, रंग-बिरंगे फूलों और पेड़ों में नए पत्तों से प्रकृति अपना श्रृंगार करती है।

ऐसा माना जाता है कि प्रकृति किसी को भी भूखे नहीं रहने देगी,शायद इसीलिए बाहा (सरहुल) पर्व धरती माता को समर्पित महत्वपूर्ण पर्व है,बाहा पर्व के आदिवासी समाज नई फसल का उपयोग करते हैं।

इसके साथ ही पेड़ों में लगे फल-फूल और पत्तों का भी उपयोग शुरू किया जाता है,इस पर्व को संताल, मुंडा, उरांव, हो, खड़िया समेत विभिन्न आदिवासी समुदाय के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते है।जिससे की सांस्कृतिक और प्राकृति धरोहर के सम्मान मे वृद्धि हो, कार्यक्रम मे हर वर्ष की भांति इस वर्ष हजारो-हजार तादात मे उमड़ पड़ा जनसैलाब, भव जुलुश निकला गया ।

इस मौके पर ब्रिक्रांत मांझी , कुलदीप मांझी भुवनेश्वर मांझी , बद्री नाथ मांझी, प्रकाश मांझी आदि हजारो- हजार महिला- पुरूष उपस्थित थे।