नमो ओपी" बोलने को मजबूर हुए गेमर्स
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गेमिंग से संबंधित कई मुद्दों पर भारत के मुख्य गेमर्स के साथ बातचीत की। प्रधान मंत्री के यूट्यूब चैनल पर साझा किए गए 32 मिनट के वीडियो में, गेमर्स तीर्थ मेहता, पायल धरे, अनिमेष अग्रवाल, अंशू बिष्ट, नमन माथुर, मिथिलेश पाटणकर, गणेश गंगाधर को खुलकर बातचीत करते देखा जा सकता है।
गेमर्स प्रधानमंत्री के साथ अपना समय और अनुभव साझा करके अत्याधिक प्रभावित और खुश थे l उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह पहली बार है कि भारत ऐसी क्षेत्र की दिशा मे ध्यान लगा रहा है। पीएम मोदी इन क्षेत्रों को सबसे पहले प्रेरित कर रहे हैं, पहले क्रिएटर्स अवॉर्ड के जरिए और अब गेमर्स के साथ मुलाकात के जरिए। बातचीत के दौरान गेमर्स ने उन्हें अपनी भाषा में  
नमो ओपी) कहा l
बातचीत के दौरान गेमर अनिमेष अग्रवाल ने कहा कि सरकार को ईस्पोर्ट्स और गेमिंग को मुख्यधारा के खेल के रूप में मान्यता देनी चाहिए। “यह एक कौशल-आधारित गेमिंग है और इसमें जुआ शामिल नहीं है l एक बार जब यह वित्तीय लेनदेन में शामिल हो जाएगा, तो यह वास्तव में फायदेमंद होगा। हमें गेमिंग को स्वतंत्र रूप से बढ़ने देना चाहिए। थोड़े से प्रयास से इस से उद्योग तैयार हो जाएगा।'' प्रधान मंत्री ने उत्तर दिया, "इसे (ईस्पोर्ट्स और गेमिंग) किसी विनियमन की आवश्यकता नहीं है। इसे मुक्त रहना चाहिए, तभी इसमें तेजी आएगी।"
बातचीत में मौजूद एकमात्र महिला गेमर पायल धारे ने कहा, "गेमिंग और ईस्पोर्ट्स दो श्रेणियां हैं। ईस्पोर्ट्स में आप एक दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हैं। वीडियो निर्माण में, हम गेमिंग के इर्द-गिर्द इंटरैक्टिव वीडियो बनाते हैं जिसका लोग वास्तव में आनंद लेते हैं।'' बातचीत के अंत में, पीएम मोदी ने एक वर्चुअल हेडसेट पहना और गेमिंग में हाथ आजमाया l









2014 के बाद भारत की विदेश नीति में बड़ा बदलाव आया है। फिर चाहे चीन के साथ सीमा विवाद हो या फिर पाकिस्तान में आतंकवाद की बात हो, भारत ने हमेशा से अपना रूख साफ रखा है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी स्पष्ट बात कहने के लिए जानें जाते हैं। अब एस जयशंकर ने आतंकवाद पर दो टूक बात कही है।आतंकवाद से लेकर विदेश नीति में हुए बदलाव पर जयशंकर ने युवाओं से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवादी सोचते हैं कि वे सीमा पार है, वे किसी नियम को नहीं मानते। हमारा मानना है कि अगर वे नियम नहीं मानते तो उन्हें खत्म करने के लिए भी हमें नियम नहीं मानना चाहिए। जयशंकर ने ये टिप्पणी शुक्रवार (12 अप्रैल) को महाराष्ट्र के पुणे में अपनी किताब ‘व्हाई भारत मैटर्स’ के मराठी अनुवाद के लॉन्च के मौके पर कहीं। यहाँ वह एक बातचीत कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे।विदेश मंत्री जयशंकर से कार्यक्रम के दौरान पूछा गया कि भारत को किन देशों के साथ संबंध बनाए रखना मुश्किल लगता है? जयशंकर ने कहा कि एक, पाकिस्तान, पड़ोस में है और इसके लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं। 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला किया था। देश के विदेश मंत्री ने बताया कि 1947 में, पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला किया था। भारतीय सेना ने उनका मुकाबला किया और राज्य का भारत में विलय हो गया। उन्होंने आगे कहा कि जब भारतीय सेना कार्रवाई कर रही थी, तब हम रुक गए और संयुक्त राष्ट्र (UN) में गए और हमलावरों को आतंकवादियों के बजाय कबायली घुसपैठिए बताया। अगर हम शुरू से ही यह स्पष्ट कर देते कि पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है, तो हमारी नीति बहुत अलग होती। उन्होंने यह भी कहा कि, किसी भी हालत में आतंकवाद को स्वीकार नहीं किया जा सकता। भारत की विदेश नीति में निरंतरता के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि मेरा जवाब हां है। 50 प्रतिशत निरंतरता है और 50 प्रतिशत परिवर्तन है। वह एक बदलाव आतंकवाद पर है। उन्होंने कहा कि मुंबई हमले के बाद, एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं था जिसे लगा कि हमें जवाब नहीं देना चाहिए था। लेकिन उस समय यह सोचा गया था कि पाकिस्तान पर हमला करने की कीमत पाकिस्तान पर हमला नहीं करने से ज्यादा है। जयशंकर ने कहा कि अगर मुंबई (26/11) जैसा कुछ होता है और कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है तो कोई अगले हमले को कैसे रोक सकता है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि वे सीमा पार हैं, कोई उन्हें छू नहीं सकता। आतंकवादी किसी भी नियम से नहीं खेलते हैं इसलिए आतंकवादियों को जवाब देने के लिए कोई नियम नहीं हो सकते। विदेश मंत्री जयशंकर ने इसी कार्यक्रम में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की नीतियों पर सवाल उठाए। जयशंकर ने कहा कि जब चीन ने 1950 में तिब्बत कब्जाया था, तब नेहरू को सरदार वल्लभ भाई पटेल चेताया था और कहा था कि उन्हें चीन की मंशा ठीक नहीं लगती। जयशंकर ने कहा कि नेहरू ने इन चिंताओं को दरकिनार कर दिया और कहा कि चीनी लोग भी एशियाई हैं और हमारे भाई है इसलिए वह भारत पर हमला नहीं करेंगे।जयशंकर ने कहा कि चीन को लेकर जहाँ सरकार वल्लभभाई पटेल की सोच एकदम धरातल से मेल खाती हुई और यथार्थवादी थी तो नेहरू एक वामपंथी और आदर्शवादी थे।

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के निशाने पर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष है। पीएम मोदी खासकर कांग्रेस को लेकर पूरी तरह से हमलावर हैं। पीएम मोदी ने शुक्रवार को राजस्थान के बाड़मेर में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने संविधान को लेकर किए जा रहे कांग्रेस के दावों पर करारा जवाब दिया। पीएम मोदी ने देश के संविधान को केंद्र सरकार के लिए 'गीता, रामायण, महाभारत एवं कुरान' करार देते हुए कहा कि बाबा साहब आंबेडकर खुद आ जाएं तो भी संविधान खत्म नहीं कर सकते। राजस्थान के बाड़मेर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि एससी-एसटी, ओबीसी भाइयों और बहनों के साथ दशकों तक भेदभाव करने वाली कांग्रेस पुराने रिकॉर्ड बजा रही है। जब भी चुनाव आता है संविधान के नाम पर झूठ बोलना फैशन बन गया है। जिस कांग्रेस ने बाबा साहब के जीते जी उन्हें चुनाव हरवाया। जिसने बाबासाहब को भारत रत्न नहीं मिलने दिया। जिस कांग्रेस ने देश में आपातकाल लगाकर संविधान को खत्म करने की कोशिश की, आज वही कांग्रेस मोदी को गाली देने के लिए संविधान के नाम पर झूठ की आड़ ले रही है। पीएम ने कहा कि यह मोदी है जिसने देश में पहली बार संविधान दिवस मनाना शुरू किया है। इन कांग्रेस वालों ने संविधान दिवस मनाने का विरोध किया था। संसद में उनका भाषण है। क्या यह बाबा साहब और संविधान का अपमान है या नहीं? इतना ही नहीं यह मोदी ही है जिसने बाबा साहब से जुड़े पंच तीर्थों का विकास किया। भारत को शक्तिहीन करना चाहता है गठबंधन-पीएम मोदी पीएम मोदी ने कहा कि एक तरफ मोदी भारत को शक्तिशाली राष्ट्र बनाने में जुटा है जबकि दूसरी तरफ ‘इंडी’ गठबंधन वाले भारत को कमजोर देश बनाने का ऐलान कर रहे हैं। इंडी अलायंस में शामिल एक दल का कहना है कि हम भारत के परमाणु हथियार नष्ट कर देंगे। भारत जैसे देश जिसके दोनों तरफ पड़ोसियों के पास परमाणु हथियार हो, क्या उस देश में परमाणु हथियार समाप्त करना चाहिए। यह करना चाहता है इंडी अलायंस। मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि आपकी इंडी अलायंस के साथी किसके इशारे पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस की सोच ही विकास विरोधी-पीएम मोदी बाड़मेर की जनसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस की सोच ही विकास विरोधी है। ये लोग देश के सीमावर्ती गांवों को देश के आखिरी गांव कहते हैं। ये सीमावर्ती ज़िलों को और सीमावर्ती गांवों को जानबूझकर विकास से वंचित रखते थे और कहते थे कि सीमा के पास विकास होगा तो दुश्मन मुल्क के देश के भीतर आकर कब्ज़ा करने की संभावना बढ़ जाएगी। क्या हम इतने बुज़दिल हैं कि हम बढ़िया रास्ते बनाएंगे तो दुश्मन उस पर चढ़ जाएगा। हम सीमावर्ती गांवों को आखिरी नहीं देश का प्रथम गांव मानते हैं। कांग्रेस देश विरोधी ताकतों के साथ खड़ी होती है-पीएम मोदी पीएम मोदी ने कांग्रेस पर दमकर अपनी भड़ास निकलते हुए कहा कि, कांग्रेस भारत को भाषा, प्रांत और जातपात में तोड़ना चाहती है। इसलिए इस चुनाव में आपको कांग्रेस को सबक सिखाना है। वह हर उस ताकत के साथ खड़ी हो जाती है, जो देश विरोधी होती है। हम राजस्थान में शक्ति की उपासना करते हैं, लेकिन कांग्रेस के शहजादे कहते हैं कि वह हिंदू धर्म की शक्ति का विनाश कर देंगे। देश में कांग्रेस राम मंदिन का विरोध करती है और कांग्रेस राज में रामनवमी की शोभायात्रा पर पत्थर चलते हैं।


Apr 13 2024, 12:31
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