सरायकेला : जिला के विभिन्न प्रखण्ड में हर्षोल्लास के साथ बासंती दुर्गोत्सव शुरू
सरायकेला : जिला के विभिन्न अनुमंडल क्षेत्र में चैत्र नवरात्र हर्षोल्लास के साथ शुरू हुआ। चैत्र नवरात्र के प्रतिपदा के दिन मंगलवार से विभिन्न स्थानों में देवी की प्रतिमा और कलश स्थापित कर आराधना की जा रही है. वहीं कई स्थानों में महाषष्ठी के पावन अवसर पर बेलवरण के साथ देवी का आह्वान किया जाएगा. इसके बाद महासप्तमी के दिन कलश यात्रा निकालकर बासंती दुर्गोत्सव मनाया जाएगा. बासंती दुर्गोत्सव को लेकर पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल है।
नवरात्र के पहले दिन प्रतिपदा के अवसर पर कलश यात्रा निकाली गई. सरायकेला खरसावां जिला के विभिन्न प्रखण्ड में धूमधाम के साथ बासंती पूजा का आयोजन किया जाता है। चैत्र नवरात्र के अवसर पर देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना शुरू हुई. पहले दिन प्रतिपदा के अवसर पर देवी के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई। कई स्थानों में कलश स्थापित कर देवी की पूजा-अर्चना की जाती है।
चांडिल अनुमंडल के आदरडीह में निकली भव्य कलश यात्रा
नीमडीह प्रखंड अंतर्गत आदरडीह में दासानुदास भक्तिपद दास, बजरंग सेवा समिति एवं आदारडीह गांव के ग्रामीणों द्वारा लगातार नौवें साल चैत्र नवरात्रि पर मां बासंती के नौ रुपों की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना किया जा रहा है। श्रीश्री नवदुर्गा महायज्ञ को लेकर मंगलवार को भव्य कलश यात्रा निकाली गई। भव्य कलश यात्रा में 301 युवती एवं महिलाओं ने भजन-कीर्तन करते हुए माथे पर कलश में पवित्र जल लेकर मंदिर प्रांगण में स्थापित किया।
कलश यात्रा घाघरा नदी से आदरडीह गांव स्थित अनुष्ठान स्थल तक निकाला गया. घाघरा नदी से में कलश यात्रा निकाले जाने के पूर्व पूजा-अर्चना किया गया. यहां नवदुर्गा महायज्ञ के दौरान श्री वृंदावन धाम निवासी सनातन दास महाराज जी द्वारा धर्म सम्मेलन में प्रतिदिन प्रवचन दिया जाएगा. इसके अलावा प्रतिदिन पदावली कीर्तन प्रस्तुत किया जाएगा।
यहां है ,नकटी माता की प्रतिमा
चांडिल प्रखंड के हेंसाकोचा पंचायत अंतर्गत कोकेबेड़ा, पालना के साथ नीमडीह थाना क्षेत्र के दलमा की तराई में बसे जांता गांव में चैत्र नवरात्रि पर बासंती पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यहां बासंती माता, नाकटी माता सिद्धिदात्री मां दुर्गा देवी पूजा कमेटी की ओर से देवी की आराधना की जाती है. कोकेबेड़ा, पालना में स्थायी रूप से स्थापित देवी की आकर्षक प्रतिमा पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं. गुरु मां रातुली मुंडा ने बताया कि महाषष्ठी के अवसर पर देवी का आह्वान व बेलवरण किया जाएगा।
नवरात्र के पहले दिन प्रतिपदा के अवसर पर सुवर्णरेखा नदी के ऐतिहासिक जयदा घाट से कलश जलयात्रा निकाली गई. इसके अलावा चांडिल अनुमंडल अंतर्गत चांडिल, ईचागढ़, नीमडीह व कुकड़ू प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों स्थानों में बासंती पूजा के अवसर पर देवी की प्रतिमा स्थापित की जाती है. नवरात्र पर श्रद्धालु अपने घरों में भी पूजा-अर्चना करते हैं. इस दौरान श्रद्धालु उपवास व फलाहार पर भी रहते हैं।
Apr 09 2024, 13:48